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होली में सगी बहन की जबरदस्त पिलाई

 मैंने अपनी छोटी बहन को जबरदस्त तरीके से चोद कर होली का रंग लगाया। चुचियों पर गुलाल लगाया और फिर अपना मोटा लंड बहन की छोटी और टाइट चूत में घुसा कर लंड गाड़ दिया। आशा करता हूं कि मेरी सच्ची सेक्स कहानी बहन भाई के बीच का वह भी होली के दिन बहुत हॉट और सेक्सी लगेगी इस बात की मैं आपको गारंटी दे रहा हूं।

 

मेरा नाम रवि है मेरी बहन का नाम सपना है मेरी बहन मेरे से 2 साल छोटी है। मैं बाहर पढ़ाई करता हूं गांव गया था होली का त्यौहार मनाने के लिए घर में मम्मी पापा के अलावा बस मेरी छोटी बहन ही रहती है छोटी बहन भी कॉलेज में पढ़ती है और मैं बाहर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूं। घर का कोई लड़का जब बाहर आता है तो उसकी इज्जत खातिरदारी बड़े अच्छे तरीके से होती है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ जब मैं घर पहुंचा तो पापा मम्मी मेरी बहन खूब तारीफ दारी इज्जत दिया। इस वजह से मैं भी थोड़ा गुरुर में आ गया अपनी बहन पर हुक्म चलाने लगा मम्मी को अच्छे से खाना बनाने को कहने लगा पापा भी मेरी बात मान रहे थे।

 

इसी क्रम में मैंने अपने बहन को बैठा कर बात किया कि तुम अच्छे से पढ़ाई करो ताकि अच्छी जिंदगी तुम जी सको पर मेरा ध्यान उसकी बड़ी-बड़ी और हॉट चुचियों पर था। जवान हो चुकी थी मैं 1 साल के बाद आया तो देखा मेरी बहन सपना किसी हीरोइन से कम नहीं है। मुझे इस बात का डर था कि कहीं मेरी बहन को कोई और ना चूत की सील ना तोड़ दे शादी के पहले। मुझे इस बात की चिंता थी क्योंकि मेरी बहन से कई लड़के बात कर रहे थे मोबाइल पर तो मुझे इस बात का डर था कि कहीं मेरी बहन बहक ना जाए। मुझे लग रहा था कि घर का माल कोई और ना खा ले। इस वजह से मैंने अपनी बहन को चोदने का निर्णय ले लिया।

 

दिनभर होली का माहौल रहा मैं पापा मम्मी और सपना तीनों मिलकर हम लोगों ने एक दूसरे को गुलाल लगाया। घर के बाहर भी हम लोग होली खेलने के लिए गए। अपने दोस्तों के साथ मैं होली खेलने के दिन के करीब 1:00 बजे निकल गया। बहुत दिन के बाद दोस्तों से मिल रहे थे इस वजह से थोड़ा समय लग गया रात को करीब 8:00 बजे वापस अपने घर आया। दोस्तों ने मुझे शराब भी पिला दिया था तो मैं नशे में भी था। मुझे लगा कि घर जाकर मम्मी पापा से आज डांट बहुत पड़ेगी वह लोग यही कहेंगे कि तुम अभी घर से गए 1 साल ही हुआ है और तुमने शराब पीना भी शुरू कर दिया इस वजह से मुझे डर लग रहा था।

 

जब घर पहुंचा तो पता चला मेरे मम्मी पापा 5 मिनट पहले ही नानी घर निकले थे। नानी का बहुत तबीयत खराब हो गया था इस वजह से उन्होंने जल्दी-जल्दी गाड़ी बुलाई और वह दोनों निकल गए सपना बोले कि उन्होंने कहा था कि भैया को बता देने के लिए ऐसे भी वह आपको थोड़ी देर में कॉल करेंगे ही उन्होंने बोला था कि गाड़ी में बैठ कर आराम से मैं उससे बात कर लूंगा तो हो सकता है वह आपको कॉल करेंगे। क्योंकि इसके पहले भी आपको कॉल किए थे आपका फोन नहीं लग रहा था।

 

ठीक उसी समय मम्मी का फोन आ गया कि बेटा तुम्हारी नानी का तबीयत बहुत ज्यादा खराब है इस वजह से मैं जा रही हूं कल मैं जल्दी से जल्दी वापस लौट आऊंगी। तुम लोगों अच्छे से खाना खा लेना और सो जाना तुम लोग मेरी चिंता मत करना। इतना कह कर उन्होंने फोन काट दिया। मुझे मौका मिल गया था अपनी बहन के साथ अकेला रात गुजारने का।

 

मैंने अपनी बहन को खाना निकालने के लिए बोला क्योंकि खाना ज्यादा खाना नहीं था इस वजह से हम दोनों ने थोड़ा-थोड़ा खाना खाया। उसी समय सपना बोली भैया मैं भी बाहर ही पढ़ना चाहती हूं आप जल्दी से जल्दी मुझे भी कहीं एडमिशन करवा दो मेरी चाहते हो अपनी जिंदगी को अच्छे से बनाना।

 

मैंने कहा बस इतनी सी बात मैं तुम्हारा एडमिशन एक अच्छे कॉलेज में करवा लूंगा तुम पहले यहां पर इंटरमीडिएट अच्छे से कर लो। क्योंकि हमारे यहां इंटरमीडिएट को भी कॉलेज बोला जाता है। मैंने उसी समय सपना को बोला कि सपना मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। और आज मैं तुमको किस करना चाहता हूं होली के दिन होली के दिन तो सब कुछ चलता है। सपना बोली कैसा वाला किस चाहिए तुम्हें भाई बहन वाला या प्रेमी प्रेमिका वाला या पति पत्नी वाला। मैंने तुरंत ही कह दिया पति पत्नी वाला किस मुझे चाहिए।

 

सपना बोली पर यह बात किसी को नहीं पता चलना चाहिए मैंने कहा किसको पता चलेगा आज हम दोनों अकेले हैं। दोस्तों यह बात होते-होते मेरा लैंड खड़ा होने लगा था। मुझे पक्का हो गया था कि आज मैं सपना की चुदाई करके ही रहूंगा। मैंने तुरंत ही सपना को अपनी बाहों में भर लिया हम दोनों खड़े हो गए। मैं सपना के हॉट पर अपना होठ रख दिया हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे। सपना की बड़ी-बड़ी चूचियां पर जैसे ही मैंने हाथ लगाया सपना के मुंह से आवाज आई उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़।

 

यही शब्द मुझे पागल कर दिया था मैंने तुरंत ही अपनी बाहों में भर कर उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों को दबाने लगा उसके गांड को सहलाने लगा। आई लव यू सपना मेरी प्यारी बहन आई लव यू तुम्हारे जैसा बहन किसी को नहीं मिलेगा इतना सुंदर तुम हो इतनी प्यारी तुम हो ऊपर से तुम्हें मुझे यह सब करने दे रहे हो ऐसा तो लाखों में एक होता है मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।

 

आज मैं तुमको अपनी बीवी बनाऊंगा पूरी रात तुम्हें चोदूंगा सुहागरात मना लूंगा। सपना बोली आज जो तुम्हें करना है कर लो आज मैं भी तुम्हारे लिए उपलब्ध हूं आज तुम मुझे बीवी बनाओ या गर्लफ्रेंड बनाओ चाहे बहन बनाकर ही मुझे चोदो मुझे सब मंजूर है। इतना सुनते ही मैंने सपना को उठा लिया और कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा दिया।

 

एक-एक करके उसके कपड़े खोल दिए। मैंने सपना को पूरा नंगा कर दिया गोरा बदन सुनहरे बाल लाल लाल होंठ गुलाबी गाल लंबे काले बाल गोरा बदन। मैं देखकर पागल हो गया तुरंत उसके चुचियों को अपने मुंह में लेकर उसके निप्पल को चूसने लगा उसके होठ लाल हो चुके थे। मैंने तुरंत ही उसके होंठ को छूते हुए उसको गाल को किस करते हुए गर्दन को किस करते हुए बड़ी-बड़ी चूचियां को दबाते हुए मैं जोर जोर से मसलने लगा पीने लगा।

 

सपना अंगड़ाइयां लेती हुई अपने खुद के दांतो से दबाने लगी। मैंने जैसे ही अपना हाथ उसकी चूत पर रखा उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी काफी गर्म थी। मैंने उसकी चूत में उंगली घुस आया तो पूरी उंगली अंदर चला गया अंदर काफी गीलापन था मैं उंगली निकालकर अपने मुंह में लिया चूत के पानी नमकीन लग रहा था।

मुझसे रहा नहीं गया दोनों टांगों के बीच में बैठ कर उसके चूत को चाटने लगा। सपना के मुंह से सेक्सी आवाज निकलने लगा था मुझे चोद दो मेरी चूत चाट ओ मेरी गांड चाट. दोस्तों में पागल हो गया था कभी चूत चाट रहा था कभी गांड चाट रहा था तभी चूचियों को दबा रहा था कभी चुचियों को पी रहा था कभी होंठ को चूम रहा था कभी अपना जीभ उसके मुंह में डाल रहा था।

 

मुझसे रहा नहीं गया दोनों टांगों को अलग-अलग किया अपना मोटा लंड उसकी चूत के छेद पर लगाकर जोर से घुसा दिया। पूरा का पूरा में जैसे ही दाखिल हुआ दर्द से कराह उठी उसकी चूत से खून निकलने लगा। मेरी बहन पहली बार इस बात का मुझे खुशी थी घर में ही रह गया घर का माल। जोर जोर से धक्के देकर उसके दोनों चूचियों को मसलते हुए जोर-जोर से लंड को अंदर बाहर करने लगा। सपना भी नीचे से धक्के देकर गोल-गोल गांड घुमा घुमा कर मेरा मोटा लंड अपनी चूत के अंदर लेने लगी।

 

अब मैंने उसको घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल पर थप्पड़ मारते हुए उसको चोदने लगा। करीब दो घंटे तक अपनी बहन को चोद कर खुद संतुष्ट हुआ और उसको संतुष्ट किया। फिर हम दोनों नंगे ही सो गए। रात में भाई बहन तीन बार चुदाई किये। ये होली मेरे लिए यादगार रहेगा। जब पहली बार मैंने अपना लंड अपनी बहन की चूत में डाल कर खंभे की तरह खड़ा कर दिया था वह पल मुझे जिंदगी में हमेशा याद आएगा।

 


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आंटी की कुंवारी बेटी की टाइट बूर

दोस्तों में आज आप सभी को मेरे पहले सच्चे सेक्स अनुभव के बारे में आज आप लोगो को बताना चाहता हूँ और अब में आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाता हूँ. दोस्तों यह तब की घटना है जब में उन दिनों अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और मुझे अपने हॉस्टल जहाँ पर में रह रहा था उस जगह कुछ समस्या हो रही थी, इसलिए

मैंने एक फ्लैट किराए पर ले लिया और अपना वो हॉस्टल छोड़ दिया और उसके बाद मैंने खाना पकाने के लिए एक बंगाली नौकरानी को अपने फ्लैट में काम पर रख लिया जिसकी उम्र करीब 40 साल थी. वो दिखने में बहुत सेक्सी थी और उसके फिगर का आकार 36-28-36 और उसके चूचियों उस उम्र में भी एकदम गोल गोल थे.

उसके गोरे भरे हुए बदन को देखकर पता ही नहीं चलता था कि उसकी उम्र 40 साल थी और वो रोज सुबह मेरे फ्लैट पर आती थी और मेरे लिए खाना बनाकर चली जाती और उसके चले जाने के बाद में उठकर नहा धोकर नाश्ता करके अपने कॉलेज चला जाता. फिर वो शाम को 7 बजे करीब वापस मेरे फ्लेट पर आती और घर का कुछ बचा हुआ काम करने के साथ साथ मेरे लिए खाना बनाकर वो वापस कुछ घंटो में चली जाती थी.

 

दोस्तों उसकी एक बेटी भी थी जिसका नाम रूपा और जैसा उसका नाम ठीक वैसा ही उसका रूप रंग था. वो दिखने में बड़ी ही आकर्षक लगती और वो भी कभी कभी अपनी माँ के साथ उसके कामें में हाथ बटाने के लिए मेरे घर पर आया करती थी और इसलिए मेरी उससे बहुत अच्छी जान-पहचान, बातें और कभी-कभी हंसी-मजाक कर लिया करता था.

वो अपनी माँ के साथ बहुत मन लगाकर मेरे घर के सभी काम किया करती और फिर कुछ घंटे रुककर चली जाती. दोस्तों सच कहूँ तो वो मुझे मन ही मन बहुत अच्छी लगती और में उसकी तरफ हमेशा आकर्षित रहता में ही आगे बढ़कर उससे बातें शुरू करता और वो मेरी हर बात का हंसकर जवाब दिया करती थी. एक दिन रूपा की माँ ने मुझसे कहा कि उसकी बेटी रूपा जो कि उस समय आठवी क्लास में पढ़ती थी

 

वो अपनी क्लास के पेपर में फैल हो गई है और उसका वैसे पढ़ाई लिखाई में इतना मन भी नहीं लगता था. फिर मैंने उनसे कहा कि आप उसको कोई अच्छे से प्राइवेट टीचर से बात करके इसको पढ़ाने क्यों नहीं भेजती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनते ही वो रो पड़ी और उसकी आखों से आंसू बाहर आने लगे और वो मुझसे कहने लगी कि में बहुत ग़रीब हूँ और मुझे इतना काम करने के बाद भी अपने परिवार का पेट पालने में ही बहुत मुश्किल होती है तो आप ही मुझे बताए कि में अपनी बेटी को कैसे किसी के घर पर भिजवाकर इसकी अच्छी पढ़ाई करवाऊँ और उसके लिए मुझे पैसे कहाँ से मिलेंगे?

 

फिर मैंने उससे पूछा कि आपका पति क्या काम करता है? तब वो कहने लगी कि उसका पति कुछ समय पहले तक एक कपड़े की फेक्ट्री में काम किया करता था, लेकिन अचानक से एक दिन वो फेक्ट्री घाटे में चले जाने की वजह से बंद हो गई और उनका पति बेरोज़गार हो गया. वो अभी एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता है, लेकिन उसमें बहुत ही कम आमदनी हो पाती है और फिर वो मुझसे बोली कि आप अगर बुरा ना माने तो में आपसे एक बात कहूँ? फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो क्या कहना है?

 

तब उसने मुझसे कहा कि आप ही कभी कभी थोड़ा समय निकालकर मेरी बेटी को पढ़ा दिया कीजिए. फिर मैंने तुरंत उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में इसके लिए तुमसे कोई पैसा वैसा नहीं लूँगा और वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और वो मुझे दुआ देने लगी. दोस्तों उसके बाद रूपा को वो अपने साथ पढ़ाने के लिए मेरे फ्लैट पर अब हर दिन लाने लगी और में उसको पढ़ाने लगा.

 

फिर एक दिन में उसको पढ़ा रहा था और रूपा मेरे सामने बैठकर पढ़ रही थी. उसने उस समय एक ढीली सी कमीज पहनी हुई थी जिसकी वजह से जब भी वो नीचे झुककर कुछ लिख रही थी और तब मुझे उसके खुले हुए गोरे मस्त चूचियों नज़र आ जाते उफफफफ्फ़ वाह क्या मस्त चूचियों थे उसके एकदम गोल टाईट जैसे कि वो कोई बड़े आकार की नारंगी हो और में उसको देखकर बहुत आकर्षित होने लगा और मैंने उस दिन पहली बार सोचा कि कैसे रूपा को चोदा जाए? लेकिन में डर रहा था कि अगर बाहर किसी लोगों को पता चल जायेगा तो हम दोनों के साथ बहुत बुरा होगा और मेरे साथ साथ उसकी भी बहुत बदनामी होगी,

 

लेकिन मेरा दिल इतनी बातें सोचने के बाद भी रूपा की चुदाई करने के लिए बड़ा बेचैन था और में उसको पढ़ाते समय कभी उसके हाथ को पकड़कर समझाने लगता तो कभी उसकी जांघो पर अपना हाथ रखकर छूकर उसको बताने लगता, लेकिन वो कभी भी मुझे कुछ नहीं कहती और ना ही मेरी किसी भी हरकत का विरोध करती जिसकी वजह से में धीरे धीरे आगे बढ़ता चला गया और में अपने साथ उसकी मस्त जमकर चुदाई के सपने हर समय देखने लगा था में उसकी सुन्दरता को देखकर अब बिल्कुल पागल हो चुका था और एक दिन शाम को मुझे वो मौका मिल ही गया जिसकी मुझे इतने दिनों से तलाश थी.

 

दोस्तों उस दिन रूपा मेरे घर पर अकेली ही आई थी और मेरे पूछने पर वो मुझसे बोली कि उसकी माँ की तबीयत आज ठीक नहीं है इसलिए उसको आज अकेले ही आना पड़ा और इतना कहकर वो अपना काम करने लगी. फिर उस समय उसको अकेला देखकर मैंने मन ही मन में ठान लिया था कि आज किसी भी तरह से इसकी चुदाई का वो अधूरा काम पूरा करना ही पड़ेगा और यह बात सोचकर में बहुत हो गया.

 

फिर मैंने देखा कि रूपा उस समय रसोई में अपना काम कर रही थी और मैंने उससे कहा कि आज मेरा सर बहुत ज़ोर से दर्द हो रहा है क्या तुम थोड़ा बाम लगा दोगी? और वो मेरे उस काम के लिए तुरंत तैयार हो गई और वो अपना काम वहीं वैसा ही छोड़कर सीधा मेरे साथ मेरे कमरे में आकर मेरे सर को दबाने लगी और उस पर अपने नरम हाथों से बाम लगाने लगी. फिर मैंने उस समय अपनी दोनों आंखे बंद कर रखी थी. फिर तभी अचानक से मैंने जानबूझ कर अपना एक हाथ बीच हटाने के बहाने मैंने उसके चूचियों को छू लिया जिसकी वजह वो झट से थोड़ा सा पीछे हट गई तो में बिल्कुल अंजान बनकर उससे पूछने लगा कि क्या हुआ?

 

लेकिन वो कुछ नहीं बोली और थोड़ा सा शरमा गई. फिर मैंने देखा कि उसका गाल शरम से एकदम लाल हो गया था और तब मैंने सही मौका देखकर तुरंत उसको अपनी बाहों में जकड़कर उसके नरम गुलाबी होंठो पर एक जबरदस्त किस कर दिया और उसी समय मैंने उसके चूचियों को भी पकड़ लिया. दोस्तों में अपने मन की बात कहूँ तो उस दिन मैंने पहली बार उसके पूरे चूचियों का आकार और उसकी गोलाई और चूचियों को छूकर महसूस किया कि वो एकदम रुई की तरह मुलायम थे. तभी कुछ देर बाद उसने एक झटके से मुझे अपने से दूर हटा दिया और वो रोने लगी. दोस्तों उसको रोता हुआ

 

देखकर मेरे तो सर से पसीना छूट गया क्योंकि में अब यह बात सोच रहा था कि अगर वो बाहर सभी को मेरी इस हरकत के बारे में बता देगी तो मेरी बहुत बदनामी हो जायेगी और में किसी को कुछ भी कहने लायक नहीं रहूँगा और फिर मैंने बहुत ही धीरज से काम लिया और अब में उसको समझाने लगा. में उससे बोला कि तुम मुझसे इस तरह से डर क्यों रही हो? यह तो बस मैंने मज़े करने के लिए किया था और में तो कभी भी तुम्हारा बुरा नहीं चाहूँगा. में हमेशा तुम्हे फ्री में पढ़ाऊंगा और तुम्हे कंप्यूटर सिखाऊंगा और इंग्लिश सिखाऊंगा और तुम्हे एक अच्छी सी नौकरी मिल जाये इस लायक बनाऊँगा. दोस्तों ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है.

 

फिर इस तरह में उसको कुछ देर समझाता रहा और उसके साथ-साथ में उसकी पीठ को भी सहलाता रहा जिसकी वजह से उसने अब रोने के साथ साथ मेरा विरोध करना बंद कर दिया था. अब थोड़ी देर के बाद मैंने उसको एक बार फिर से अपनी तरह लेकर किस किया और इस बार वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली. फिर में तुरंत समझ गया कि अब मेरा काम बन सकता है क्योंकि वो भी अब धीरे धीरे मेरे साथ मज़े करने लगी थी और में अब उसके चूचियों को धीरे धीरे दबाने लगा था. वाह दोस्तों उफफफ्फ़ क्या मस्त चूचियों थे उसके? एकदम नरम रुई जैसे और फिर मैंने महसूस किया कि जब में उसके निप्पल को सहलाने लगा तो वो गरम होकर एकदम से बेकाबू हो गयी और

 

वो मुझसे लिपटकर मेरी बाहों में आकर मुझे वो पागलों की तरह किस करने लगी. फिर वो लगातार मुझे चूमने लगी थी और उसकी तेज़ी से चलती गरम गरम सांसे मुझे मेरी गर्दन व् गालों पर महसूस होने लगी थी और वो उस समय बहुत जोश में थी. फिर में अब तुरंत समझ गया कि लोहा बहुत गरम हो चुका है बस इस पर मेरा हथोड़ा मारने की देरी ही है मन में यह बात सोचकर मैंने उसके कपड़े एक ही जोरदार झटके में उतार लिया. उसके बाद मेरी क्या हालत थी में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता उसका वाह उफफफ्फ़ क्या मस्त आकार का गोरा फिगर था. वो एकदम सेक्स बॉम्ब लग रही थी. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी पहने हुए थी और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी उसके गोरे भरे हुए बदन को बिना कपड़ो के देखकर मेरा लंड तो उस समय बेकाबू हो रहा था.

 

अब मैंने तुरंत अपनी भी पेंट और टी-शर्ट को जल्दी से उतार दिया और में रूपा के पूरे कामुक गरम बदन को पागलों की तरह चूमने चाटने लगा, जिसकी वजह से वो भी अब तड़पने लगी थी. फिर कुछ देर चूमकर नीचे आते हुए मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और अब में अपनी फटी हुई चकित नजरों से उसकी वर्जिन बूर को देखने लगा, क्योंकि ऐसा मस्त सेक्सी नजारा में आज पहली बार देख रहा था और इसके पहले मैंने कभी भी सही में बूर नहीं देखी थी. मैंने जो भी अब तक देखा था वो बस ब्लू फिल्म में ही देखा था और फिर उसकी उभरी हुई बूर को देखकर मेरे अंदर एक अजीब सा जोश आ रहा था. मैंने देखा कि उसकी बूर में छोटे छोटे नरम झांट के बाल थे और वो बहुत सुंदर कामुक नजर आ रहे थे.

 

फिर में उसकी बूर में अपनी उंगली को डालकर बूर के दाने को सहलाने लगा, जिसकी वजह से अब वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मेरे ऐसा करने की वजह से कुछ ही देर में उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गई थी और जब में अपनी उंगली को बूर के अंदर डालने की कोशिश करने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी बूर बहुत टाइट थी. फिर मेरे कुछ देर तक बूर में उंगली डालने की वजह से वो और भी ज्यादा जोश में आकर तड़पने लगी.

 

अब मैंने 69 पोजीशन में आकर उससे मेरा लंड चूसने के लिए बोला और में उसकी वर्जिन बूर को चाटने चूसने लगा और मुझे ऐसा करने में बड़ा जोश और मज़ा आ रहा था और उसकी बूर अब बिल्कुल गीली हो गयी थी और मेरा लंड एकदम तनकर डंडे जैसा हो गया था. वो उसकी प्यासी वर्जिन बूर को सलामी देने लगा था. मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा था तो मैंने उसी समय उठकर उसको बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने अपने लंड को उसकी बूर के मुहं पर रखकर एक हल्का सा धक्का दे दिया

 

जिसकी वजह से मेरा लंड करीब एक इंच बूर के अंदर चला गया, लेकिन अब रूपा उस धक्के की वजह से दर्द से चीख उठी और वो कहने लगी आह्ह्ह में मर गई ऊईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊह्ह्ह्हह अब छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी और अब वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने के साथ साथ दर्द से छटपटाने लगी. फिर उसकी उस हालत को देखकर में तुरंत समझ गया कि उसकी बूर की सील मेरे उस धक्के की वजह से अब फट चुकी है इसलिए वो इतना उठपड़ रही है. फिर मैंने धक्के देना बंद करके में उसके एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने फिर से थोड़ा दबाव करके अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बूर पर रख दिया.

 

अब मेरा लंड करीब चार इंच अंदर चला गया और वो एक बार फिर से चीखने लगी, लेकिन कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के देने के साथ साथ उसकी निप्पल चूसने चूचियों को सहलाने की वजह से वो अब दर्द कम होने पर मोन करने लगी थी और में भी सही मौका देखकर अपने लंड को आगे पीछे करने के साथ साथ अपनी स्पीड को पहले से ज्यादा तेज करने लगा था और तभी मैंने देखा कि वो भी अब अपनी दोनों आंखे बंद करके मेरे साथ अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी थी और में लगातार जोरदार धक्के देता रहा. फिर करीब बीस मिनट तक अलग अलग तरह से रूपा को चोदने के बाद वो भी अब झड़कर बिल्कुल शांत हो गई और कुछ ही मिनट में मेरा भी वीर्य उसकी बूर के अंदर निकल गया और कुछ देर उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हे यह सब मज़ा मस्ती कैसी लगी?

 

तो वो मुस्कुराकर बोली कि थोड़ा दर्द तो मुझे अब भी हो रहा है, लेकिन मुझे आज तक पता ही नहीं था कि चुदाई करवाने में इतना मज़ा भी आता है, इसलिए अब आज से मुझे अपनी चुदाई आपसे करवाने के लिए ऐसा हर दर्द कबूल है क्योंकि आज में एक कुंवारी लड़की से एक औरत बन गई हूँ और आज अपने मुझे वो सुख देकर मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान किया है इसलिए मुझे अब आप जब भी जी चाहे कैसे भी चोद देना, मुझे आपके साथ यह सब करना बहुत अच्छा लगेगा और में कभी भी आपसे मना नहीं करूंगी.

 

फिर मैंने उससे बोला कि देखना तुम्हारा यह दर्द जल्दी ही ठीक हो जाएगा और तुम देखना अगली बार जब हम दोबारा चुदाई करेंगे तब तुम्हे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और तुम्हे सिर्फ़ मज़ा आएगा और फिर दोस्तों जब में उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले जाने के लिए मैंने उसको उठाया तो मैंने देखा कि बेड शीट उसकी बूर से निकले उस खून से भीग गई थी

 

उसको बाथरूम से वापस लाने के बाद मैंने उस गंदी बेड शीट को बदलकर उसकी जगह दूसरी को बिछा दिया ताकि उसकी माँ को किसी भी तरह का कोई शक ना हो जाए और मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर उसकी बूर पर पानी डालकर अच्छी तरह से धो डाला और बूर के साफ हो जाने के बाद वो मेरे लिए रसोई में जाकर खाना बनाकर वापस हंसी ख़ुशी अपने घर पर चली गई और वो जाते समय मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहने लगी

 

कि में कल फिर से आउंगी और वो मुझसे यह बात बोलकर चली गई और में उसकी पहली बार चुदाई से मन ही मन बहुत खुश होकर उसके बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया. दोस्तों उसके बाद भी मैंने रूपा को कई बार चोदकर उसकी इच्छा को पूरा किया और उसने हर बार मेरा पूरा-पूरा साथ दिया ..

तो दोस्तों मेरी ये कहानी कैसी लगी.

 


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जीजा ने खेल खेल में मेरी सील तोड़ी

जीजू दीदी चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि मैं दीदी के घर गई तो रात में मैं उनके कमरे में ही उनके बिस्तर पर सोयी. मैंने उन दोनों को चुदाई करते देखा. तो मैंने क्या किया?

मैं जीजू दीदी चुदाई स्टोरी बताना चाहती हूँ। हम दो बहनें हैं। मेरा एक भाई भी है. मेरी बड़ी बहन है याशिका. दीदी की उम्र 24 साल है। हम दोनों बहनें तब से काफी अच्छी सहेलियाँ हैं जब से मैंने अपनी बहन को 2 नौकरों से छत वाले रूम में चुदते देखा था।

 

उस दिन मैं स्कूल से जल्दी आ गयी थी. घर पर दीदी के अलावा कोई नहीं था इसलिए वो ऊपर वाले रूम में नौकरों से चुदवा रही थी। दीदी मुझे देख कर डर गयी और फिर मुझे चुप रखने के लिए बाद में शॉपिंग कराने लेकर गयी.

 

इस बारे में उसने किसी को न बताने के लिए कहा. मैंने किसी को नहीं बताया और तब से दीदी मुझसे ओपन हो गयी. वो मेरे घर पर होने पर भी नौकरों से चुदवा लेती थी। दीदी ने अपने कॉलेज के लड़कों के साथ भी सेक्स किया था।

 

अब जो मैं कहानी बताने जा रही हूं वो घटना मेरे साथ हुई थी.

 

यह बात 1 साल पहले की है जब दीदी की नयी शादी हुई थी।

 

दीदी मुझसे उम्र में 5 साल बड़ी है. दीदी की उम्र 24 साल है और जीजू की 27 साल।

 

मैं पिछली होली पर दीदी के ससुराल गयी थी। दीदी और जीजू एक रूम में सोते थे. मैं दूसरे रूम में सोती थी। मुझे अकेले सोने में डर लगता था।

 

मुझे एक रात बहुत डर लग रहा था.

काफी कोशिश करने के बाद भी नींद नहीं आई तो मैं उठ कर दीदी के रूम की तरफ जाने लगी.

 

दीदी के रूम से अजीब सी आवाजें आ रही थीं तो मैं बाहर रुक गई और खिड़की से देखने लगी।

मैंने देखा कि दीदी और जीजू बिल्कुल नंगे थे। जीजू दीदी के ऊपर पड़े थे और दीदी की चुदाई कर रहे थे.

 

मैं ये सब देखकर अंदर नहीं गयी और अपने रूम में जाकर सो गई।

 

अगली रात को मैं उनके सोने से पहले ही उनके रूम में चली गयी.

मैंने कहा- मुझे डर लग रहा है.

तो वो बोले- कोई बात नहीं, यहीं हमारे साथ सो जाना!

 

उसके बाद जीजू तो पहले सो गये मगर हम दोनों बहनें कुछ देर तक बातें करती रहीं. फिर दीदी को नींद आने लगी.

 

मैं जीजू के बगल में लेट गयी और मेरे बगल में दीदी सो गयी.

 

रात करीब 12 बजे मेरी नींद खुली.

मैंने पाया कि जीजू का पैर मेरे पैरों पर था और उनका हाथ मेरे बूब्स के पास था।

 

जीजू नींद में थे इसलिए उन्होंने मेरे बूब्स दबा दिए थे. उनको लगा मैं दीदी हूं।

 

उनका पैर हाटने के मकसद से मैं थोड़ी हिली तो उन्होंने नींद में ही मेरा मुंह दीदी की ओर करवा दिया और मेरी छाती पर हाथ लाकर मेरे बूब्स को पकड़ कर सोने लगे.

फिर उनके हाथों ने मेरे बूब्स को हल्के हल्के दबाना शुरू कर दिया.

 

शायद उनकी नींद टूट चुकी थी और वो मुझे दीदी समझ रहे थे.

 

कमरे में अंधेरा था इसलिए कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था.

 

मैं भी सोने का नाटक करती रही.

 

मगर जीजू के द्वारा मेरे बूब्स दबाये जाने से मुझे बहुत मजा आ रहा था.

 

जीजू का लंड खड़ा होकर मेरी गांड पर चुभने लगा था.

 

फिर पता नहीं अचानक क्या हुआ, वो उठ बैठे और शायद उनको पता लग गया कि मैं उनकी साली हूं.

उन्होंने अपना हाथ हटाया और उठकर दीदी की बगल में जा लेटे.

 

उन दोनों में कुछ खुसर फुसर हुई. फिर जीजू दीदी के बूब्स दबाने लगे.

 

मैं हल्की सी आंखें खोलकर सब देख रही थी. उनको लग रहा था कि मैं सो रही हूं. जीजू मस्त तरीके से दीदी की मैक्सी के ऊपर से उनके बूब्स को भींच रहे थे.

 

दीदी कसमसा रही थी.

 

फिर उन्होंने दीदी की मैक्सी को उठा दिया और उनकी पैंटी पर चूत को चूमने लगे.

दीदी जीजू के मुंह को अपनी चूत में दबाने लगी. जीजू जोर जोर से उसकी चूत को जैसे खा रहे थे.

 

उसके बाद वो फिर से दीदी के होंठों को चूसने लगे.

 

फिर मैंने आंखें बंद कर लीं और उनकी चूमा चाटी की पुच पुच की आवाजें सुनती रही.

मुझे भी मेरी चूत में पानी सा रिसता हुआ महसूस होने लगा.

 

मैंने दोबारा आंखें खोलीं तो जीजू दीदी की नाइटी को उतार रहे थे. अब दीदी ब्रा और पैंटी में थी. जीजू ने दीदी की ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को जोर से दबाना शुरू कर दिया और उनके ऊपर लेटकर उनके होंठों को पीने लगे.

 

जीजू और दीदी एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। जीजू साथ में दीदी के बूब्स भी दबा रहे थे।

 

फिर दीदी को पलट कर उन्होंने उनकी ब्रा खोल दी और उनके मोटे मोटे बूब्स आजाद हो गये.

वो उनके नंगे बूब्स को जोर जोर से भींचने लगे.

 

अब तक दीदी पूरी चुदासी हो गयी थी. उसने जीजू के लंड को पजामे के ऊपर से टटोलते हुए पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी.

 

दीदी की चुदास देखकर जीजू ने अपने पजामे को खोल दिया.

नीचे अंडरवियर में उनका लौड़ा तंबू बना रहा था. दीदी उस तंबू को पकड़ कर दबाने लगी.

 

अब तक जीजू ने दीदी की चूचियों को पीना शुरू कर दिया था. दीदी सिसकारना चाहती थी लेकिन ज्यादा आवाज नहीं कर रही थी.

 

वैसे दीदी मेरे सामने घर के नौकरों से भी चुदवा लेती थी इसलिए उनको मेरे सामने जीजू से चुदने में कोई शर्म नहीं थी.

मगर वो जीजू को इस बात का अहसास नहीं करवाना चाह रही थी कि हम दोनों बहनें चुदाई की राज़दार भी हैं.

 

फिर उन्होंने दीदी को बिस्तर पर लिटा दिया और दीदी की पैंटी उतार दी।

 

जीजू ने उनकी टांगों को फैलाया और उनकी जांघों के बीच में मुंह देकर दीदी की चूत को चूसने लगे.

 

ये देखकर मैं तो एकदम से चुदासी हो गयी. जीजू जैसा चोदू पति तो बहुत किस्मत वाली औरत को मिलता है.

मैं तो जीजू की फैन हो गयी थी ये देखकर.

 

वो जोर जोर से दीदी की चूत को चूस रहे थे और दीदी अपने हाथों से उनके सिर को अपनी जांघों के बीच में अपनी चूत पर दबा रही थीं.

दीदी अब अपने सिर को दायें बायें पटकने लगी थी. चुदास उसकी बर्दाश्त के बाहर हो गयी थी.

 

कुछ देर तक चूत चूसने के बाद जीजू खड़े हुए और अपना अंडरवियर उतार दिया. पहली बार मैंने जीजू का 6.5 इंची लंड अपनी आंखों से देखा. मैं तो देखकर पागल हो गयी.

 

जीजू का लंड देखकर मेरा भी मन करने लगा कि अभी जीजू के सामने नंगी होकर चूत खोल लूं और वो मेरी चूत में अपने लंड से जोर जोर से चोद दें.

 

मेरी चूत में बहुत तेज चुदास उठ रही थी.

 

लंड आंखों के सामने आते ही दीदी उस पर ऐसे टूट पड़ी जैसे वो जिन्दगी में पहली बार लंड देख रही हों. जबकि वो न जाने इससे पहले कितने लौड़े अपने मुंह और अपनी चूत में ले चुकी थी.

 

वो जोर जोर से जीजू के लंड को चूसने लगी.

जीजू ने भी दीदी के सिर को पकड़ लिया और उसके मुंह को जोर जोर से चोदने लगे.

 

अब मैं सोच रही थी कि काश जीजू का लंड मुझे भी मिल जाये.

काश मैं भी अपनी चूत की प्यास इनके लंड से बुझवा लूं.

 

किसी औरत के जिस्म को इस तरह से प्यार करने वाला आदमी ही मेरी चूत को पूरी तरह से खुश कर सकता था.

 

काफी देर तक दीदी उनके लंड को चूसती रही. जीजू उनकी चूचियों से खेलते रहे. जब उनसे रहा न गया तो उन्होंने दीदी को नीचे लिटाया और उनकी चूत पर लंड टिका दिया.

 

फिर उनकी चूत पर लंड रखकर वो रगड़ने लगे. दीदी अपनी चूचियों को मसलने लगी. वो अपनी चूत को उचका उचका कर जीजू के लंड को अपनी चूत पर रगड़वा रही थी.

 

जब दीदी से रुका न गया तो वो उनके लंड को हाथ में पकड़ कर खुद ही चूत में लेने की कोशिश करने लगी. मगर लंड तो जीजू का था. उनके चाहे बिना चूत में नहीं जा सकता था.

 

उन्होंने अपने लंड को चूत के छेद पर सेट किया और एक ही बार में अपना लंड दीदी की गर्म चुदासी चूत में उतार दिया.

जैसे ही लंड दीदी की चूत में अंदर घुसा तो दीदी और जीजू के मुंह से एक साथ एक मदहोशी भरी आह्ह निकल गयी.

 

फिर अगले ही पल उनका लंड पूरा दीदी की चूत में था.

दीदी चुदाई शुरू हो गयी.

 

जीजू ने लंड को पूरा घुसाकर अपनी स्पीड पकड़ ली. मिशनरी पोजीशन में वो दीदी की चूत मारने लगे.

 

दीदी उनके होंठों को जैसे खाने में लगी हुई थी.

 

पांच मिनट तक दीदी को इस पोज में चोदने के बाद उन्होंने उनको घोड़ी बना लिया. फिर अपने घुटनों पर होकर उनकी चूत को पीछे से चोदने लगे.

 

दीदी की चूचियां मुझे आगे पीछे हिलती हुईं नजर आ रही थीं. जब जीजा का लंड दीदी की चूत में जाकर उनकी गांड से टकराता था तो पट पट की आवाज हो रही थी.

 

चुदाई की ये कामुक आवाजें सुनकर मेरी चूत जैसे आग उगलने लगी थी.

मेरी चूत ने पानी छोड़ छोड़कर मेरी पैंटी को भिगो दिया था.

 

10 मिनट तक चोदने के बाद जीजू ने दीदी की चूत से लंड को निकाल लिया और उनकी गांड पर रगड़ने लगे.

 

दीदी ने उनको पीछे हटा दिया.

वो बोले- क्या हुआ जान?

दीदी- नहीं, अभी नहीं. अंजलि उठ जायेगी.

जीजू- अब तक नहीं उठी तो अब क्या उठेगी?

 

याशिका दीदी ने कहा- नहीं, गांड में लेने में आवाजें ज्यादा होंगी. दर्द बहुत होता है.

जीजू- गांड और लंड को पूरा चिकना करके डालूंगा जान.

 

इतना कहकर वो उठे और अपने फोन की टॉर्च से देखते हुए तेल की शीशी उठा लाये. फिर अपने हाथ में तेल लेकर वो दीदी की गांड में उंगली से तेल अंदर करने लगे.

 

गांड को पूरी चिकनी करने के बाद उन्होंने लंड पर भी तेल लगाया और फिर दीदी की गांड को थाम कर अपना लौडा़ उनकी गांड में अंदर धकेलना शुरू कर दिया.

 

दीदी आह्ह ओह्ह करते हुए लंड को बर्दाश्त करने लगी.

मगर जीजू ने बिना रुके लंड को धीरे धीरे पूरा अंदर कर दिया.

 

मैं पहली बार दीदी को गांड में लंड लेते हुए देख रही थी.

 

पूरा लंड अंदर डालने के बाद वो दीदी पर झुक गये और कुत्ते की तरह मेरी बहन की गांड चुदाई करने लगे.

 

10 मिनट तक दीदी चुदाई के बाद अब जीजू ने झड़ने के करीब पहुंच गये थे.

 

फिर अचानक से उन्होंने दीदी को नीचे लिटा दिया.

दीदी का सिर मेरी ओर था और जीजू का मुंह भी मेरी ओर था. दीदी का मुंह जीजू की ओर था.

 

वो दीदी के मुंह पर लंड को जोर जोर से पटकने लगे. कभी बीच बीच में लंड को मुंह में भी घुसा देते थे.

 

इस तरह से दीदी के चेहरे पर लंड को पटक पटककर खेलते हुए एकदम से उनके लंड से पिचकारी निकली जो सीधी मेरे मुंह पर आकर गिरी. पिचकारी दीदी के सिर के ऊपर से होकर मेरे मुंह पर आ गिरी.

मैंने बड़ी मुश्किल से उस पल को संभाला.

जीजू की क्रीम मेरे मुंह पर बह चली.

 

उन दोनों की कुछ खुसर फुसर हुई और फिर दीदी ने उठकर मेरे मुंह पर से वो क्रीम साफ कर दी.

 

मैं सोने का दिखावा करती रही.

जीजू को शायद शक हो गया था.

 

एक तो वो पहले ही मेरे बूब्स दबा चुके थे, तब भी मैं नहीं जागी थी. अब जब उनके लंड की पिचकारी मेरे मुंह पर लगी तो मैं तब भी नहीं जागी.

 

फिर उस रात को वो दोनों चुदाई करके सो गये थे.

 

मेरी चूत गीली थी और मैं भी अपनी गीली चूत की तड़प के साथ सो गयी.

 

अगला दिन फिर ऐसे ही निकल गया.

 

उसके अगले दिन यानि कि तीसरे दिन फिर होली थी.

अगले दिन मैं जीजू के साथ होली खेलने के लिए जल्दी जाग गयी।

 

मैं दीदी और जीजू मौहल्ले में लगभग सुबह 10 बजे तक होली खेले। उसके बाद जीजू भांग ले आये।

दीदी ने मुझे मना किया पीने के लिये मगर खुद वो तीन गिलास पी गयीं.

 

थोड़ी देर में ही दीदी को नशा होने लगा. वो अपनी ही मस्ती में झूमने लगीं.

 

फिर जीजू मेरे पास आये और उन्होंने मुझे भी भांग पीने के लिए दी. मैं एक गिलास भांग का पी लिया.

 

पहला गिलास खत्म करते ही जीजू ने दूसरा गिलास मेरे आगे कर दिया.

 

मैं मना करने लगी लेकिन जीजू ने मुझे पकड़ लिया और अपने हाथों से पिलाने लगे. दूसरा गिलास उन्होंने खुद पिलाया. फिर तीसरा गिलास भी मैं जीजू के हाथों से ही पी गयी.

 

नशे के कारण अब दीदी से संभला नहीं जा रहा था. जीजू फिर उनको उनके रूम में ले गये. दीदी को रूम में सुलाकर वो वापस आ गये. मैं बाहर डांस करने में मग्न थी.

 

पांच मिनट के बाद जीजू भी आ गये और हम दोनों साथ में डांस करने लगे. फिर मुझे भी नशा और ज्यादा चढ़ने लगा. मैं अपने आप को संभाल नहीं पा रही थी और जीजू की बांहों में जाकर जैसे बेसुध सी हो गयी.

 

मुझे दिख तो रहा था लेकिन सब कुछ जैसे घूम रहा था. जीजू ने मेरी हालत देखी और मुझे उठाकर रूम में ले आये. जीजू ने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद भी मेरे पास आकर लेट गये.

 

वो बोले- क्या हुआ अंजलि?

मैंने कहा- कुछ नहीं जीजू, सिर घूम रहा है बहुत तेज!

जीजू- कोई बात नहीं, भांग का असर दिमाग में चढ़ गया है, थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा.

 

मेरी आँखें बंद होने लगीं और मैंने जीजू की गोद में सिर रख लिया और सोने लगी. मुझे अच्छा लगने लगा. जीजू की गोद में सिर रखने से मजा आ रहा था. फिर मैं जीजू से बातें करने लगी.

 

मुझे नशा हो गया था और मैं बड़बड़ाने लगी.

मैं बोली- जीजू, मैं आपसे बहुत नाराज हूं.

जीजू- क्यों, मैंने क्या कर दिया ऐसा?

मैं बोली- कल रात को मैं अकेली सोती रही और आप दीदी के साथ सोते रहे.

 

वो बोले- तो मैं तुम्हारी दीदी के साथ नहीं सोऊंगा तो फिर और किसके साथ सोऊंगा? मेरी बीवी है वो!

मैं बोली- तो क्या आपके साथ सोने के लिए आपकी बीवी बनना जरूरी है?

 

इस बात पर जीजू हंस दिये और बोले- हां, पति के साथ सोने का अधिकार पत्नी को ही होता है.

मैं बोली- और जो आप दीदी के साथ कर रहे थे वो भी क्या सिर्फ पति ही करता है?

 

वो बोले- तुमने देख लिया क्या?

मैंने कहा- हां, मैं देख रही थी.

वो बोले- वो एक गेम है, तुम उसके लिए अभी छोटी हो.

मैं बोली- नहीं, मुझे भी वो गेम खेलना है आपके साथ.

 

जीजू बोले- ठीक है, जब तुम्हारी शादी हो जायेगी तो तुम्हारा पति वो गेम तुम्हारे साथ खेलेगा.

अब मैंने देखा कि जीजू का लंड खड़ा होने लगा था. मगर वो मेरी चुदाई की बात नहीं कर रहे थे.

 

उसके बाद वो उठे और अपने रूम में चले गये.

 

मेरी चूत में जीजू के लंड से चुदने की आग लगी थी. इससे मेरा नशा भी ढीला पड़ गया था. इसलिए मैं भी पीछे पीछे चली गयी. उनके रूम का दरवाजा अंदर से बंद था.

 

मैंने खिड़की से देखा तो दीदी बेड पर नंगी पड़ी हुई थी. वो नशे में कुछ बड़बड़ा रही थी और जीजू मेरी नंगी दीदी के ऊपर चढ़ हुए थे. उनकी चूत में गचागच लंड को धकेलते हुए चोद रहे थे.

 

फिर मैं अपने रूम में वापस आ गयी. मैंने चूत को सहलाया और फिर मुझे उंगली करते करते नींद आ गयी.

 

दोपहर बाद करीब 3 बजे मेरी आंख खुली.

फिर हमने खाना खाया.

 

उसके बाद दीदी और मैं दोनों शॉपिंग करने गये. उसके बाद दीदी किसी लड़के से मिलने चली गयी और एक घंटे में लौटीं.

मुझे पता था कि वो चुदकर आई हैं. उसके बाद फिर हम घर आ गये.

 

हमने रात का खाना खाया और फिर सोने लगे.

 

मैं अपने रूम में थी. रात के करीब 12 बजे एकदम से किसी आहट से मेरी नींद खुल गयी.

 

मैंने देखा तो जीजू मेरे पास लेटे हुए मुझे देख रहे थे.

 

इससे पहले मैं कुछ बोलती वो बोले- देखो मैं तुम्हारे लिये गिफ्ट लाया हूं.

मैंने देखा तो उनके हाथ में चॉकलेट का डिब्बा था.

मैं चॉकलेट उठाने लगी तो वो बोले- ऐसे नहीं मिलेगी. तुम्हें एक गेम खेलना होगा.

 

मैं बोली- कैसा गेम? वही जो आपने दीदी के साथ खेला था?

वो बोले- नहीं, ये उससे थोड़ा अलग है. मैं तुम्हें नियम बता देता हूं.

 

नियम-1:- गेम के बारे में अपने दोनों के अलावा किसी को नहीं पता चलना चाहिए।

नियम-2:- ये पूरा चॉकलेट का डिब्बा खत्म करना है।

नियम-3:- एक चॉकलेट तुम खाओगी फिर एक मैं। चॉकलेट कैसे भी खा सकते हैं। कोई विरोध नहीं होगा।

नियम-4:- गेम बीच में नहीं रुकेगा।

नियम-5:- जो अंतिम चॉकलेट खायेगा वो विजेता रहेगा।

 

मैं मान गयी। फिर गेम शुरू करने के लिए जीजू ने मुझे पहली चॉकलेट खिलायी। फिर जीजू का नंबर आया तो जीजू ने अपनी चॉकलेट भी मुझे खिलायी जो मैं खा गयी।

 

फिर जीजू ने मेरे होंठों को अपने होंठों के पास लिया और मेरे होंठों को चूसने लगे। 5 मिनट तक वो मेरे होंठों को चूसते रहे।

 

मैंने जीजू से कहा- आपने मेरे होंठों को क्यों चूसा?

जीजू- मैंने अपने नंबर की चॉकलेट खायी है जो तुम्हारे होंठों पर लगी थी।

 

मुझे लिप किस में बहुत मजा आया क्योंकि मैंने पहली बार किया था तो मैंने अपनी चॉकलेट जीजू को खिलायी और उनके होंठों को चूसने लगी। हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे।

 

हम दोनों गर्म हो गये थे. गेम का तो एक बहाना था. हम दोनों ही चुदाई करना चाह रहे थे.

 

फिर जीजू ने अपनी जीन्स और टीशर्ट उतार दी। मुझे भी जीन्स और टॉप उतारने के लिए बोला।

मैंने जीजू के कहने पर जीन्स और टॉप उतार दी।

 

अब हम दोनों अंडर गारमेंट्स में थे। जीजू ने 2 चॉकलेट मेरे हाथों पर और 2 चॉकलेट मेरी जांघों पर लगायी और मुझे बेड पर लिटा दिया।

 

जीजू ने मेरे हाथों और जांघों को चूसना शुरू कर दिया।

 

धीरे धीरे जीजू का लंड भी उफान मारने लगा था। जीजू ने मेरे हाथों से चॉकलेट चाटते हुए मेरी ब्रा उतार दी। फिर वो मेरी जांघों से चॉकलेट चूसने लगे।

 

वो खुद पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे थे और जोश में मेरी पैंटी फाड़ दी।

मैं बिल्कुल नंगी हो गयी थी। मेरी चूत पर बाल नहीं थे इसलिए मेरी चूत बिल्कुल साफ थी।

 

जीजू मेरी चूत पर चॉकलेट लगाने वाले थे लेकिन मैंने उनको अपना नम्बर बताकर रोक दिया।

 

जीजू का अंडरवियर मैंने उतरवा दिया. उनका लंड पूरा तना हुआ था.

मैंने पूछा- जीजू ये क्या है?

जीजू- ये आइसक्रीम है।

 

तो मैंने अपने हिस्से की 4 चॉकलेट जीजू के लंड पर लगा दीं और जीजू के लंड को चूसने लगी।

मैंने लगभग 10 मिनट तक जीजू का लंड चूसा।

 

जीजू का लंड एकदम से फटने को हो गया था. वो पूरा मेरी लार में गीला था.

 

उसके बाद जीजू ने 4 चॉकलेट उठा ली और मेरे बूब्स पर रगड़ने लगे. फिर 4 चॉकलेट उठा कर मेरी चूत पर रगड़ने लगे. 1 चॉकलेट जीजू ने मेरी चूत में अंदर डाल दी।

 

फिर जीजू ने मुझे बैड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गए। उन्होंने मेरे होंठों को बहुत देर तक चूसा.

मैं भी जीजू के प्यार में खो गयी.

 

फिर वो मेरे बूब्स को मुंह में भर कर चूसने लगे।

मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. ओह्ह जीजू आह्ह उम्म ओह्ह …’ करते हुए मैं जीजू के सिर को अपने बूब्स में दबाने लगी.

 

जीजू भी जोर से सिसकारते हुए कामुक बातें कर रहे थे- ओह्ह मेरी अंजू क्या मम्मे हैं तेरे ऐसा लगता है कि ऐसे ही इनको हाथों से या होंठों से मसलता रहूं।

 

मुझे बहुत मजा आ रहा था।

 

जीजू ने बारी बारी मेरे बूब्स चूसे। मैं मदहोश होकर बेड पर पड़ी थी।

 

जीजू मेरे पेट को साफ करते करते मेरी चूत तक आ पहुँचे।

वो मेरी चूत को चूसने लगे. जो चॉकलेट मेरी चूत में थी जीजू उसको खाने लगे.

 

मैं तो पागल हो गयी. फिर वो बेड से उठे और मेरी टांगों को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा।

 

फिर वो अपना लंड मेरी चूत के होंठों के बीच रगड़ने लगे।

 

मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.

मैंने कहा- आह्ह जीजू बस अब डाल दो अपना लंड मेरी चूत में मेरी चूत को चोद दो जीजू मैं याशिका दीदी की तरह आपसे चुदना चाहती हूं.

 

जीजू ने हल्का सा धक्का मारा।

मेरे मुंह से हल्की सी चीख निकल पड़ी। मैं उम्म्ह अहह हय याह करके चिल्लाई।

 

लेकिन जीजू का लंड मेरी टाइट चूत पर से फिसल गया।

फिर जीजू ने मेरी चूत और अपने लंड पर नारियल का तेल लगाया और फिर से हल्का सा धक्का मारा।

 

जीजू का थोड़ा सा लंड मेरी कुँवारी चूत में समा गया।

मेरे मुंह से जोर की चीख निकली- आह्ह जीजू धीरेएए सेएए आह्ह मर गयी मम्मी आह्ह मेरी चूत फट गयी धीरे जीजू प्लीज।

 

जीजू ने थोड़ा रुक कर एक और झटका मारा और उनका आधा लंड मेरी चूत में समा गया।

मेरी चूत से खून की धारा बहने लगी।

 

मैंने जीजू को लंड बाहर निकालने को बोला. जीजू ने ये कह कर निकालने से मना कर दिया कि गेम को बीच मे नहीं रोक सकते.

 

ऐसा कहते कहते जीजू ने जोर का एक और झटका मारा। उनका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया।

मैं दर्द के मारे पैरों को पटक रही थी। मगर जीजू मेरे ऊपर पड़े पड़े मेरे बूब्स दबा रहे थे और होंठों को चूस रहे थे।

 

5-7 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ तो जीजू ने लंड थोड़ा बाहर निकाल कर अंदर डाला।

मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन मेरे मुँह से उम्म्ह अहह हय याह जैसे सीत्कार भी निकल गये.

मैंने अपने पैरों से उनकी कमर को जकड़ लिया।

 

जीजू भी सिसकारे- आहह्ह ओह्ह …. कितनी टाइट है तेरी चूत अंजलि देख मेरा लंड कैसे मचल रहा है तेरी चूत में ओहह तेरी चूत में लंड देकर मजा आ गया मेरी जान तेरी दीदी से भी मस्त चुदाई करूंगा तेरी आज आह्ह मेरी रानी!

 

फिर जीजू मेरी चूत को चोदने लगे और स्पीड बढ़ा दी.

दो मिनट के अंदर ही मैं झड़ गयी और बेसुध सी हो गयी.

 

वो मेरी गीली चूत को और तेजी से चोदने लगे. अब मेरी चूत से फच फच की आवाज हो रही थी.

 

पांच मिनट के बाद जीजू ने मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया और पूरी ताकत से धक्के लगाने लगे.

शायद वो झड़ने वाले थे अब!

 

उसके कुछ ही पल बाद उन्होंने जोर का धक्का मारा और पूरा लंड अंदर ठूंस दिया.

 

उनका लंड उसी वक्त मेरी चूत में अपना रस उगलने लगा.

एक बार और मेरी चूत से झरना बह निकला और दोनों के वीर्य की बारिश होने लगी.

मजा आ गया.

 

फिर उसके दो पल बाद जीजू ने अपना पूरा लंड बाहर निकालकर फिर से एक जोर का धक्का दे दिया।

मैं इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी, उनके धक्के से मैं दर्द से चिल्लाई।

 

उस धक्के से उनके लंड के अंदर बचा सारा पानी मेरी चूत में निकल आया.

 

थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी चूत में जमा हुआ हम दोनों का पानी मेरी जाँघों से बहते हुए जमीन पर गिरने लगा।

फिर हम दोनों बाथरूम गए और एक दूसरे को साफ़ किया. फिर बेडरूम में जाकर एक दूसरे की बांहों में लेट गये और कब सो गए हमें पता भी नहीं चला।

 

सुबह मैं अचानक जागी तो मैंने देखा जीजू फिर से मेरी चूत को चूस रहे थे।

मैं सोने का नाटक करती रही।

 

थोड़ी देर चूसने के बाद जीजू ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चूत के साथ खेलने लगे।

 

मैं उनके धक्कों को सहन नहीं कर पायी क्योंकि इस खेल में नई खिलाड़ी थी इसलिए मैं जाग गयी। फिर मैंने जीजा साली सेक्स में जीजू का साथ देना शुरू कर दिया। मैंने अपने दोनों पैरों को जीजू पर लपेट लिया। जीजू मुझे पेले जा रहे थे।

 

लगभग 10 मिनट बाद जीजू झड़ने के करीब आ गए।

जीजू मुझसे पूछने लगे- क्रीम को कहां लोगी?

जवाब में मैंने मुँह खोल दिया।

 

जीजू ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर मुँह में डाल दिया और मेरे मुँह को अपने लंड से चोदने लगे।

 

जब वो अंदर डालते तो उनका लंड मेरे गले तक चला जाता।

लगभग 5 मिनट तक मुँह को चोदने के बाद मुझे कुछ नमकीन सा स्वाद आया।

जीजू का माल मेरे मुंह में जा रहा था.

 

मैं जीजू का सारा रस पी गयी।

मजा आ गया उनका रस पीकर.

 

मैंने जीजू को बोला- आखिरी चॉकलेट मैंने खायी है इसलिए मैं इस खेल की विजेता हूं।

जीजू ने कहा- तो बताओ क्या चाहिये?

 

चूचे मसलते हुए मैंने मुस्करा कर कहा- स्कूटी।

जीजू भी हँस कर बोल पड़े- ठीक है। अगली बार मैं तुम्हारी ही स्कूटी से तुम्हें होटल में ले जाकर चोदने जाऊंगा.

 

फिर जीजू और मैं बाथरूम में फ्रेश होने चले गए।

 

जीजू ने कपड़े पहने और दीदी के जागने के पहले अपने रूम में चले गए।

 

कुछ ही दिनों बाद जीजू ने मुझे वादे के मुताबिक एक नयी स्कूटी लाकर दी.

 

मैं बहुत खुश हो गयी. मेरी चूत को एक दमदार लंड भी मिल गया था और साथ में एक नयी स्कूटी भी.

 

उसके बाद जीजू ने कई बार मेरी चूत मारी है.

 

मेरी दीदी को हम जीजा साली सेक्स के बारे में नहीं पता है.

दीदी भी अपनी चूत को अलग अलग लौड़ों से चुदवाती है इसलिए मैंने भी दीदी को नहीं बताया कि मैं भी जीजू का लंड ले चुकी हूं.

 

इस तरह मैंने अपनी कुंवारी चूत को जीजू के हवाले कर दिया था.

 

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