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दोस्त की चुदक्कड माँ को जबरदस्ती चोदा

यह कहानी आज से एक साल पहले की है, यह कहानी मेरी और मेरे दोस्त विकास की मां पूर्वी आंटी की है, पूर्वी आंटी का फिगर ३८-३२-३६ है, उनको देखते ही चोदने का मन करता है, कई बार मैंने उन के नाम की मुठ्ठ मारी हे और मुझे उससे बहुत मजा आता हे. में हमेशा से उनको चोदने का ख्वाब देखता रहता था, उन के पति एक ऑफिसर थे और मेरा दोस्त एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता है.

दोस्त की चुदक्कड माँ को जबरदस्ती चोदा

मैं जब भी उन के घर पर जाता हूं तो मेरा ध्यान आंटी पर ही रहता है, यह बात अब आंटी को भी पता चल गई थी, शायद वह भी मुझसे यही चाहती थी और वह भी मुझ से चुदवाना चाहती थी क्योंकि उनके पति महीने में एक बार ही घर पर आते थे.

 

एक दिन विकास ने मुझे कॉल कर के बोला कि आज शाम को घर पर आना पार्टी करेंगे, मैंने सोचा चलो इसी बहाने आंटी को भी देख लूंगा, शाम को ७:३० बजे मैं रेडी हो के उनके घर पर चला गया.

 

जैसे ही मैंने दरवाजे की बेल बजाई तो आंटी ने ही दरवाजा खोला, में तो आंटी को देखते ही चौंक गया आंटी उस टाइम नाइट गाउन में थी और आंटी का फिगर साफ नजर आ रहा था, मैं उनको देखते ही खुश हो गया, आंटी ने मुझे अंदर बुलाया और मैंने पूछा विकास कहां है? तो आंटी ने बोला उन के नाना की तबीयत खराब थी तो वह मेरे मायके गया हुआ है ,कल शाम तक आ जाएगा.

 

तो मैंने बोला उसने मुझे सुबह फोन कर के यही यहां पर बुलाया था, तो आंटी ने बोला उस को वहा से ५ बजे फोन आया था तो वह ६ बजे यह से निकल गया हे, तो मैंने आंटी को बोला ठीक है आंटी मैं अब निकलता हूं.

 

तो आंटी ने बोला की अब आय है तो चाय पी कर जा, तो मैं फिर वहीं पर बैठ गया और आंटी चाय बनाने अंदर किचन में चली गई, तो मैं अपने मोबाइल से गेम खेलने लगा. थोड़ी देर के बाद आंटी आई और वह मुझे चाय देने के लिए नीचे झुकी तो मेरी नजर उन के बूब्स पर पड़ी और मेरी आंखें चोडी हो गई, उन के बूब्स को देखते ही मेरे लंड में खलबली मच ने लगी, मैं वहां से अपनी नजर नहीं हटा पाया तो आंटी ने मुझे कहा अरे राज क्या देख रहा है? यह तेरी चाय रेडी है.

 

तो मेने चाय अपने हाथ में ली और उसे पीने लगा और मन में घबराहट भी होने लगी कहीं आंटी मेरी बात किसी को बता ना दे. फिर आंटी भी उन की चाय लेकर मेरे पास आकर पीने लगी. थोड़ी देर पीने के बाद आंटी ने बोला कोई गर्लफ्रेंड है क्या तुम्हारी? तो मैंने कहा क्या?

 

आंटी ने कहा : तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

 

मैंने कहा : नहीं तो, क्यों?

 

आंटी ने कहा : तुम जैसे मेरे बूब्स को देख रहे थे लगता है पहली बार देख रहे हो.

 

मैंने कहा : जी ऐसा कुछ नहीं है वह तो बस ऐसे ही नजर पड़ गई थी.

 

तो आंटी ने कहा : वहां से नजर हट नहीं रही थी क्या?

 

मैंने कहा : पता नहीं मुझे क्या हो गया था?

 

आंटी ने कहा : सेक्स किया है कभी?

 

मैंने कहा : कि एक बार किया है यह सब सुन कर मुझ में थोड़ी हिम्मत आने लगी और मैं भी समझ गया कि आंटी को भी मजा आता है यह सब करने में.

 

आंटी ने कहा : तुम मुझ से सेक्स करना चाहोगे?

 

यह सुनते ही मैंने आंटी को पकड़ा और उनके होठों पर किस करने लगा आंटी भी मुझे साथ देने लगी, धीरे धीरे किस करने के बाद मैंने आंटी के बूब्स को पकड़ा और दबाने लगा, अब आंटी आह्ह औऊ ओह अहह औउह अहह इही हहह येस्स सिसकिया देने लगी.

 

फिर मेने आंटी को अपनी गोद में उठाया और बेड रूम में जाकर पटक दिया, आंटी के गाउन को निकाला, अब आंटी सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी, तो आंटी के पूरे बदन को चूमने लगा, धीरे धीरे आंटी की ब्रा खोली तो उन के दो कैद पंछी आजाद हो गए.

 

मैंने आंटी के बूब्स को पकड़ा और दबाने लगा, एक बूब्स को दबा रहा था और एक को चूस रहा था, अब तो आंटी की सिसकिया बढ़ गयी थी और आंटी भी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से सहलाना स्टार्ट कर दिया था.

 

में आंटी की चूची को मसल रहा था, आंटी के बूब्स को जब मैं बाईट लेता था तो आंटी उछल जाती थी और चिल्लाने लगती थी, थोड़ी देर के बाद मैंने आंटी की पैंटी निकाली और आंटी की चूत पर अपनी उंगली रख कर रगड़ने लगा, आंटी मचलने लगी.

 

आंटी अब नहीं रह पा रही थी, आंटी ने मेरे पेंट को निकाला और मेरा अंडरवीयर निकाल कर मेरे लंड से खेलने लगी. मैंने आंटी को 69 में आने के लिए बोला तो आंटी मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी, मेने भी आंटी की चूत को चाटने लगा, उन की चूत का टेस्ट मुझे स्वर्ग में ले जा रहा था.

 

मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आंटी भी अपनी गांड उछाल कर मेरे मुंह पर फेरने लगी, उन के चुतड भी इतने बड़े बड़े थे कि उनकी गांड देखने में मजा आता था, आंटी ने भी मेरे लंड को जोर जोर से चूसना शुरु कर दिया और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी, फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने साथ में पानी छोड़ दिया. आंटी की चूत के पानी का टेस्ट बहुत ही टेस्टी था, उसने भी मेरा सारा पानी पी लिया और वह मेरे लंड से खेलने लगी.

 

थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से टाइट हुआ तो आंटी के ऊपर चढ़ गया और आंटी की चूत के ऊपर रगड़ने लगा, आंटी तड़प रही थी पर मुझे उनको तडपता देख के बहुत मजा आ रहा था, आंटी बोली और मत तड़पाओ और मैंने अपने लंड को चूत के होल पर रखा और जैसे धक्का दिया मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया.

 

आंटी चीखने लगी और मुझ से बोली थोड़ा धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है, काफी दिनों से प्यासी हूं, मैं समझ गया कि अंकल आंटी को ठीक से नहीं करता था और मैंने धीरे धीरे धक्का देना शुरु किया और आंटी भी शांत हो गई.

 

तो मेने फिर से धक्का दिया तो मेरा ७ इंच का पूरा लोडा अंदर चला गया और आंटी ने जोर से खींचना शुरु किया, तो में थोडा रुका और आंटी को धीरे धीरे चोदने लगा. में उन के बूब्स को भी अपने हाथो से मसल देता था ताकि उनका ध्यान हटे और उन को दर्द थोड़ा कम हो जाए, आंटी के बूब्स को भी कभी कभी बाईट भी करता था.

 

फिर थोड़ी देर बाद आंटी को मजा आने लगा तो वह चिल्लाने लगी तो मैं समझ गया कि अब आंटी का दर्द कम हो गया है तो मैंने भी अपनि चुदाई की स्पीड बढ़ा दी, अब तो आंटी को और भी मजा आने लगा था. आंटी अब अहह ओह हां इईह ह औउह हां ओह हजाह अम्मॉ ज झः ओ ह्जह्ह हो अह्होह हहह कर रही थी, आंटी की आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी.

 

थोड़ी देर बाद आंटी मेरे उपर आ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर उछल उछलकर चुदवाने लगी, आंटी अब रुकने वाली नहीं थी हम दोनों को और भी मजा आ रहा था. आंटी अपनी फीलिंग को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी, तो कभी कभी मुझे किस भी किया करती थी, और मेरे दोनों हाथों को पकड़कर उनके बूब्स पर जोर जोर से दबा रही थी, उनके बूब्स इतने सॉफ्ट थे की खाने का मन करता था.

 

तो मैं बीच बीच में बाईट भी करता था, फिर आंटी उछल उछल कर थक गई और मेरे ऊपर लेट गई, तो मैंने आंटी को नीचे उतारा और उनको डौगी होने को बोला तो आंटी डौगी बन गई, मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और थोड़ी देर खेलने लगा और फिर मेरे लंड को उनकी चूत में डाल कर धक्के मारने लगा. उन के दोनों हाथों को पकड़कर मैं उनको पीछे खींचता था और वो जोर जोर से आहह अहह ऐऊ औऊ अह्ह्ह एस हहह इह हह के अजीब सी आवाजें निकाल रही थी, हम दोनों का मजा दुगना हो गया था.

 

करीब १० मिनट के बाद मेंने आंटी को सीधा किया और उन की गांड के नीचे तकिया रखा, उनकी चूत के ऊपर लंड रखकर धक्के मारना शुरू किया, थोड़ी देर ऐसे करने के बाद मैंने उनके पैर को अपने कंधे पर रख दिए और धक्का मारना शुरू किया, फिर मेरा निकलने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर जोर से धक्के मारने लगा.

 

फिर हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया और मैं आंटी के ऊपर ही लेटा रहा, फिर आंटी ने मुझे नीचे उतारा और मेरे लंड को चूसा और मेरे लंड को साफ कर दिया. उस रात में उनके घर पर ही रुका और उन को करीब तीन बार चोदा. फिर जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई करते हैं. 

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सगी बहन को चुत में केला लेते देखा

दोस्तों मैं अहमदाबाद में रहता हु. मेरा नाम विकास हे और मेरे घर में मोम, डेड और मेरी बहन रहते हे. वेल सेटल्ड फेमली हमारा, डेड के खुद का बिजनेश हे और मोम भी बेंक में जॉब करती हे. चलिए दोस्तों अब मेरी sex kahani पर आते हे.

सगी बहन को चुत में केला लेते देखा

ये बात हे ३ मंथ पहले की. मेरी बहन पायल जो के एक हॉट गर्ल दिखती हैं. उसको चोदने के सपने देखता था. वो मुझसे ४ साल बड़ी हे यानि वो अभी २५ साल की हे और उसका फिगर एकदम मस्त हे. बड़ी बड़ी चुन्चिया जिसे देखते ही किसी भी बूढ़े का लंड भी खड़ा हो जाए. पापा तो बिजनेश के काम से बहार चले जाते हे और माँ बेंक में जाती हे. बहन अकेली घर पर रहती हे. उसकी स्टडी खत्म हो गई हे इसलिए उसके लिए लड़का ढूंढ रहे हे. अभी तक कोई अच्छा लड़का मिला नहीं हे.

एक दिन सुबह में कोलेज पहुंचा तो पता चला की मैं असाइनमेंट तो घर पर ही भूल गया था. असाइनमेंट की लास्ट डेट थी इसलिए उसे किसी भी हाल में सबमिट करना था. हम दोनों भाई बहन एक ही रूम में सोते थे. मैंने मेरी की से घर का डोर ओपन किया. फिर मैंने रूम के अंदर का नजारा देखा तो मेरे होश ही उड़ गए. बहन एकदम नंगी हो के बनाना यानि की केले को अपनी चूत में डाल रही थी.

ये देखते ही मेरा तो खड़ा हो गया पर शर्म के मारे मैंने डोर को बजाया. बहन ने कहा में आ रही हु. २ मिनिट के बाद तो आई मैंने देखा वो पसीने से पूरी भीग गई थी. मैं कहा की पायल एसी के अन्दर तुमको पसीना क्यूँ आ रहा हे? तो उसने कहा की बस मैं थोडा काम कर रही थी और तबियत भी ख़राब है. तो मैंने कहा की क्या हुआ तो वो बोली की बहुत बुखार हैं मुझे. मैंने कहा ओके.इस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

फिर मैंने कोलेज न जाने का मन बना लिया. मैंने उसे कहा की चलो तुम सो जाओ मैं कोलेज नहीं जा रहा. और फिर मैंने उसे कहा की मैं तुम्हारे लिए दवाई ले के आता हु. उसने कहा की दवाई मत लाओ बस यही बैठे रहो तुम. मैंने बहन को बेड में सुलाया और मैं उसके पास बैठ गया. मैं उसके सर पर हाथ घुमा रहा था और मेरा लंड तो पेंट के अन्दर फुंफाड रहा था. शायद मेरी बहन भी मुझ से चुदवाने के लिए उत्सुक हो रही थी. तोड़ी देर में उसने अपनी आँख जानबूझ के बंध कर ली और मेरे हाथ को अपने हाथ में ले के एक दम कस के पकड लिया.

मैंने जैसे तैसे हिम्मत कर के उसके गाल पर एक किस किया तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया. फिर मैंने उसके लिप्स के ऊपर अपने लिप्स रखे तो भी उस्न्ने कुछ जवाब नहीं दिया. फिर मैं धीरे धीरे लिप्स चूसने लगा तो उसने मुझे धक्का दे दिया और कहा की ये क्या कर रहे हो मैं तुम्हारी बहन हु! मैंने कहा पायल तुझे इसकी जरुरत है और जरुरी नहीं की भाई बहन कभी सेक्स न करें, सब करते हे तो उसने कहा पर हम नहीं करेंगे. मैंने कहा बहन एक बार प्लीज़ एक बार तो उसने हाँ भी नहीं कहा और ना भी नहीं कहा और आँख बंध कर के. मैं समझ गया की इसी में उसकी हाँ हैं.

फिर मैं भी बेड पर सो गया. मैं उसके ऊपर सो के उसके लिप्स के ऊपर लिप्स रख के चूसने लगा. वो भी साथ देने लगी थी मेरा. वो एकदम पागल हो रही थी और अपनी गांड को ऊपर निचे कर के मुझे चूम रही थी. मैंने अपने हाथो को उसके बालों में फेरा और फिर एक किस उसके कान के निचे के हिस्से में कर दिया. वो इस टच से और भी पागल हो ऊठी और उसने मुझे अपनी तरफ खिंच के जोर जोर से लिप्स चुसे मेरे, तब उसके बड़े बूब्स मुझे छाती पर चिभ रहे थे. मैंने एक एक कर के उसके सारे कपडे निकाले और फिर मेरे भी. जैसे ही मेरा लंड बहार आया पायल ने उसे अपने हाथ में ले लिया मुहं में ले के सक करने लगी, अह्ह्ह आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह क्या मजा आया रहा था!

फिर मैंने उसको सुलाया और मैंने ६ इंच का लंड उसकी चूत पे रखा. जैसे ही रखा वो उसकी गांड ऊँची नीची कर के लोडा अन्दर डालने की ट्राय करने लगी. मैंने कहा पायल अपने हाथ से पकड के अपनी चूत के सेंटर पर रख दो ना इसे, फिर मैं अन्दर डालूँगा. उसने मेरा लंड पकड़ के अपने सही स्पॉट पर रख दिया. फिर मैंने एक धक्का दिया तो मेरा लंड अन्दर घुसा. मैंने देखा की उसकी चूत एकदम गीली हो गई थी. मैंने धीरे धीरे अन्दर डाला तो वो चिल्ला रही थी.इस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

फिर मैंने उसके लिप्स पे अपना लिप्स रखा और एकदम डीप किस करने लगा. और मैंने एक दम जोर से अन्दर लंड को डाला उसी वक्त. पायल के मुहं से चीख निकल पड़ी और वो रोने लगी. मैंने कहा होगा दर्द बहन लेकिन बाद में तुम्हे बहुत ही मजा आएगा. और फिर मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बहार करने लगा. उसके मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह आह्ह्ह की आवाज आ रही थी और मैं भी धीरे धीरे स्पीड बढाता गया. अब उसको अच्छा फिल हो रहा था तो मैं एक दम जोर जोर से कर रहा था रगड़ रगड़ के. उसके मुहं से भी ह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह ईईईई की आवाजे निकल रही थी. और साथ में वो अपनी गांड को हिला के मुझे सुख इ रही थी.

फिर थोड़ी देर में ही मैं झड़ने वाला था मैंने कहा की मैं निकालूं चूत के अन्दर? तो उसने कहा नहीं वहां नहीं भाई मैं प्रेग्नेंट हो गई तो प्रॉब्लम होगा.

मैंने कहा फिर तुम मुह में ले लो इसे. वो बोली ठीक है.

मैंने लंड को उसके चूत से निकाल लिया. पायल अपने घुटनों पर बैठ गई और लंड को हाथ से पकड़ के अपने मुहं के पास ले आई. फिर उसने लंड को चूसा और हिलाया. १ ही मिनिट में मेरे लंड का पानी छुट गया जो मेरी बहन के होंठो पर मस्त लग रहा था. फिर मैंने लंड के अन्दर से एक एक बूंद को निचोड़ के उसको पिला दिया.

पायल अब मेरी रखेल बनी हुई है. अब मैं डरता हु की कही वो शादी कर के चली गई तो मेरा क्या होगा. लेकिन हर चुदाई के वक्त वो मुहे कहती है की मैं जब भी मइके आउंगी तो तुम्हे चूत दे के जाउंगी! 

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अपनी सगी माँ को घर में ही चोदता रहा

मैं कई दिनों से रात में रोज अपनी माँ को चुदते हुए देख रहा था। मैं २० साल का जवान मर्द हो गया था और मेरी ३६ साल की बड़ी खूबसूरत औरत थी। उसका जिस्म भरा हुआ था और फिगर 38 32 38 का था। मेरी माँ को सेक्स करना और चुदवाना बहुत पसंद था। मेरे पापा की जब कैंसर से मौत हो गयी थी तो माँ ने पास के शराबी को अपना दोस्त बना लिया था। वो रोज रात में मेरे घर आता है, शराब पीता था, खाना खाता था और मेरी माँ की चूत कसके मारता था।

अपनी सगी माँ को घर में ही चोदता रहा

रोज माँ के कमरे से "उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. सी सी सी सी... ऊँ-ऊँ.ऊँ.." की आवाजे आती थी। मुझे ये चुदाई वाली बाते बहुत देर में मालुम हुई। कई बार मेरी माँ का आशिक उसे गाल पर चांटे मार मारकर उसकी चूत मारता था, कभी दीवाल के सहारे खड़ा करके पीछे से माँ की चूत में लंड डालकर चोदता था। कभी तो वो माँ को गोद में बिठाकर चोदता था। धीरे धीरे ये बात सारे मोहल्ले में फ़ैल गयी थी और मेरी बदनामी होने लगी थी।

"तेरी माँ के तो ऐश है। तेरे बाप के ना होने के बाद भी खूब रात में चुदती है और मोटा लंड खाती है!!" मेरे दोस्त मुझसे कहने लगी। मुझे बहुत शर्म आती थी। मैंने माँ से कहा की ऐसा कोई काम ना करे जिससे समाज में बदनामी हो, पर माँ ने मेरी एक बात नही सुनी। रात में १० बजे तो पडोस वाला आदमी मेरे घर आ जाता था।

शराब पीने के बाद वो माँ को बाहों में भरकर चुम्मा लेने लगा जाता था। फिर उसके होठ पीने लगा जाता था। फिर धीरे धीरे मेरी माँ की साड़ी उतार देता था। ब्लाउस और पेटीकोट खोलकर माँ के दोनों पैर खोलकर अपना १२" का लौड़ा माँ की चूत में डाल देता था और फिर चुदाई शुरू कर देता था। वो माँ को नंगा करके २ घंटे नॉन स्टॉप चोदता था फिर माँ उनकी चूत में गिरा देता था। फिर माँ से घंटो अपना लंड चुसाया करता था।

६ महीने तक यही सिलसिला चला। मेरी माँ अब एक रंडी राड़ आवारा औरत की तरह बर्ताव करने लगी थी। उसकी शर्म ह्या मर चुकी थी। माँ ने उस पड़ोस वाले मर्द से चुदने के लिए सारे व्यावहार खत्म कर दिए थे। क्यूंकि पास पड़ोस वाली औरतों ने माँ से सब बोलचाल बंद कर दी थी। जब ६ महीने तक माँ उसका लौड़ा खाती रही और कसके चुदवाती रही तो एक दिन मुझे गुस्सा आ गया।

रात में जैसे ही वो मेरा माँ का आशिक आया मैंने एक डंडे से उसे मारना शुरू कर दिया और उसका सिर फट गया। वो अपनी जान बचा कर किसी तरह से भागा। पर मुझे अपनी माँ को भी सबक सिखाना जरूरी था। मैंने डंडे से माँ को खूब मारा। फिर चांटे मार मारकर अपनी माँ के गाल फुला दिए। तभी मारपीट के दौरान मेरी माँ का ब्लाउस फट गया और उनके गोरे गोरे मम्मे मुझे दिख गये। माँ कभी भी ब्रा नही पहनती थी सिर्फ ब्लाउस पहनती थी।

अब मेरा अपनी सगी माँ को चोदने का बड़ा मन कर रहा था। मैंने उनका हाथ पकड़कर उनको कमरे में ले गया। मैं बहुत गुस्सा था। क्यूंकि मेरी माँ की वजह से मेरी पुरे मोहल्ले में बहुत बदनामी हुई थी। मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। मैं नंगा हो गया था। फिर मैंने माँ के साड़ी, ब्लाउस और पेटीकोट का हाथ से खीचकर फाड़ दिया और उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया।

"छिनाल! तुझे लंड खाना बहुत पसंद है ना। आज मैंने तुजे खूब लंड खिलाऊंगा!!" मैंने कहा और उसे ५ ६ चांटे मैंने फिर से उसके गाल पर मार दिए। फिर मैंने ८ १० लाते उसे मार पी। मैं गुस्से से जल और उबल रहा था। मेरी माँ की वजह से लोग आज हमारे पूरे खानदान पर कलंक लगाने लग गये थे। इसलिए मैं बहुत जादा क्रोधित था। अब माँ अब मेरे सामने नंगी हो गयी थी। वो बहुत खूबसूरत और गोरी माँ थी। अगर मेरी माँ इस तरह रात में नंगी होकर सड़क पर चली जाती तो उसका गैंगरेप हो गया होता। सब लोग उसे कसके चोद लेते।

मैंने अपनी माँ की बाल से पकड़ लिया और उसके गाल पर किस करने लगा। वो मुझसे डर रही थी। काँप रही थी क्यूंकि मैंने उसे आधे घंटे से पीट रहा था। फिर मैंने माँ को बिस्तर पर धकेल दिया। वो लड़खड़ाकर बिस्तर पर गिर पड़ी। मैंने भी उसके पास चला गया था। मैंने उसे २ चांटे और मार दिए। उसके बावजूद भी वो अपनी गलती नही मार रही थी। फिर मैंने अपनी सगी अल्टर और चुदकक्ड के रसीले होठ चूसना शुरू कर दिया। मेरी माँ का जिस्म भरा हुआ था। वो चोदने लायक मस्त माल लग रही थी। माँ की चूचियां 38" की बहुत ही खूबसूरत थी।

सफ़ेद सफ़ेद संगमरमर जैसे मम्मे थे। कोई मुर्दा भी अगर माँ को देख लेता तो उसका लंड खड़ा हो जाता और वो माँ को चोद लेता। दोस्तों मेरी माँ इतनी मस्त आइटम थी। आज मैं माँ को कसके चोदने वाला था क्यूंकि वो बहुत हरमपन दिखा रही थी। उसे रात में चाहे खाना ना मिले पर लंड जरुर मिल जाए वो इस तरह से छिनाल और रंडी बन गयी थी। ये सब गुस्सा दिलाने वाली बाते मुझे बार बार याद आ रही थी और मेरा खून का पारा बढ़ जाता था।

मैं बड़ी देर तक माँ के रसीले और गुलाबी होठो को चूसता रहा। फिर मैंने उस रंडी के दूध पीने लगा। 38" के दूध कितने बड़े बड़े होते है आप लोगो को तो पता ही होगा। मैं हाथ से माँ के मम्मो को दबा रहा था। वो "..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई..." बोल बोलकर चिल्ला रही थी। मैंने अपने हाथो से उसकी रसीली चूचियों को मींज रहा था। वो कसकसा रही थी और तडप रही थी। फिर मैं उसकी काली काली निपल्स को अपने ऊँगली से पकड़कर घुमाने लगा। वो अपनी गांड उठाने लगी।

"रंडी आज मैं तुजे इतना चोदूंगा की तेरी सारी चुदास आज खत्म हो जाएगा। दुबारा तू बाहरी मर्द से लौड़ा नही मांगेगी!!" मैने कहा। उसके बाद मैं जोर जोर से अपनी सगी चुदक्कड़ माँ के दूध को खूब कस कसके दबा रहा था। वो उसकी रंडी की जान निकाले दे रहा था क्यूंकि वो बहुत बड़ी अल्टर थी और सेक्स और चुदाई करना उसकी कमजोरी थी। मैं माँ पर लेट गया और उसके रसीले होठ फिर से चूसने लगा। वो मुझसे डरी हुई थी और काँप रही थी।

फिर मैं उसकी चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा। और जोर जोर से दांत उसने गड़ाने लगा। वो "आऊ...आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा.." बोल बोलकर चीख रही थी। मैं उसकी चूचियों को मुंह से काट रहा था। वो तडप रही थी और सिसकियाँ ले रही थी। फिर २ ३ चांटे मैंने फिर से उसके गाल पर जड़ दिए। और फिर से उसके मैं दूध पीने लगा। फिर मैंने रात में १ घंटे तक उसकी चूचियां को मजे लेकर पिया। कुछ देर में मेरी माँ चुदने को तैयार हो गयी थी।

उसकी चूचियों का आकार अब और जादा बढ़ गया था। उसकी रसीली चूचियां अब और भी जादा टाईट और कड़ी लग रही थी। मैंने अपनी माँ की दोनों टाँगे खोल दी और उसकी रसीली चूत चाटने लगा। ना जाने कितने मर्दों ने मेरी माँ को चोदा था। कितने मोटे मोटे लंड उसकी चूत से खाए थे। आज मैं उसी चूत को जीभ लगाकर चाट रहा था। मैं किसी चूत के प्यासे कुत्ते की तरह अपनी माँ की गुलाबी चूत को पी रहा था। उसकी बुर बहुत गुलाबी और लाल लाल थी। मैं १५ मिनट तक अपनी माँ की चूत की पीया और भरपूर मजा लिया। उसके बाद मैंने अपना मोटा था १०" का लौड़ा हाथ में ले लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगा। दोस्तों कुछ देर में मेरा लंड खूब टाईट हो गया। फिर मैं अपने लौड़े से माँ के चेहरे को मारने लगा। मैं कस कसके उसे गाल पर लंड से मार रहा था जैसे स्कूल में छोटे बच्चों की पिटाई डंडे से की जाती है। ऐसा ही लग रहा था।

मैं काफी देर तक अपने १०" के लौड़े से माँ के चेहरे को पीटा और मारा। फिर मैंने उसके मुंह में लंड खोस दिया।

"ले राड़ आज जी भरकर चूस ले!!" मैंने कहा और जबरन अपना लौड़ा माँ के मुंह में डाल दिया। आज वो अल्टर बहुत सीधी बन रही थी। पर धीरे धीरे वो मेरा लंड चूसने लगी। आज मैं अपनी चुदासी माँ को चोदने जा रहा था। जिससे वो कभी भविष्य में किसी आस पास के मर्द से ना चुदवाए और जब उसे लौड़े की तलब लगे तो सिर्फ मुझसे ही चुदवाए। मैंने माँ के बाल वहशी अंदाज में पकड़ लिए और जल्दी जल्दी उसका मुंह चोदने लगा। मेरा लंड ३ इंच मोटा था।

जैसे ही मैं इसे माँ के मुंह में घुसेड़ता था माँ को साँस आना बंद हो जाती थी। वो तड़पने लग जाती थी। मुझे अच्छा लग रहा था। जी तो कर रहा था की उसका गला दबाकर उसे जान से मार दूँ वरना वो जिन्दा रहेगी तो फिर से पड़ोस के मर्दों को बुलाकर चुदवा लेगी। पर मैं अपनी हसीन माँ को कसके चोदना भी चाहता था। इसलिए मैंने उसे नही मारा। और बड़ी बदतमीजी से उसके बाल पकड़कर मैं जल्दी जल्दी उसका मुंह अपने लौड़े से चोदने लगा।

मेरी माँ बड़ी चालू आइटम थी। बार बार कह रही थी की वो दुबारा ऐसा काण्ड नही करेगी पर कुछ ही दिन में वो फिर से किसी न किसी मर्द को बुलवाकर चुदवा लेती थी। मैंने अपनी सेक्सी चुदक्कड़ माँ के सिर को पकड़ लिया और बहुत जल्दी जल्दी अपने लौड़े पर धकेलने लगा। अपने आप उसका मुंह जल्दी जल्दी चुदने लगा।

"बेटा!! मुझे छोड़ दो, मैं दुबारा ऐसा काम नही करूंगी। अब मैं किसी मर्द को रात में घर पर नही बुलाऊंगी और ना ही चुदवाउंगी!!" वो बार बार कह रही थी। पर ये सब उसका एक नाटक था। हर बार वो कुछ ही दिन में बदल जाती थी और किसी न किसी मर्द को घर में बुला लेती थी और अपनी चूत चुदवा लेती थी। पर मैंने उसकी कोई बात नही सुनी और बार बार मैंने उसके मुंह में अपना सांप जैसा लंड डाल देता था और अपनी सगी अल्टर माँ से चुसवा रहा था।

बड़ी देर तक ये चलता रहा। फिर मैंने जल्दी से उसके गोरे गोरे पैर खोल दिए और अपना लंड मैंने उसकी चूत के छेद पर लगा दिया और अंदर डाल दिया और जल्दी जल्दी उसे चोदने लगा। आज मैं अपनी माँ की चूत को बेदर्दी से पेल रहा था। जिस चूत से मेरा जन्म हुआ था मैं उसी बुर को आज फाड़ रहा था। मेरी माँ को सेक्स का नशा एक बार फिर से चढ़ गया था। वो जल्दी जल्दी मुझसे चुदाने लगी और "आई...आई..आई. अहह्ह्ह्हह...सी सी सी सी..हा हा हा." की आवाजे वो निकाल रही थी।

मैं जल्दी जल्दी उसे बजाने लगा। मेरी माँ आज अपने बेटे से ही चुद रही थी। आज उसे जरुर मजा आ रहा होगा। मैं हचक हचक के गहरे धक्के उसकी चूत में मार रहा था। मेरी छिनाल अल्टर माँ मजे लेकर चुद रही थी। मैंने उसके होठ को फिर से चूसने लगा। फिर मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और जल्दी जल्दी अपनी आवारा सगी माँ की चूत में अपने लौड़े से साईकिल चलाने लगा।

लगा की मैं किसी खेत को जोत रहा था। कुछ देर बाद मेरी माँ जल्दी जल्दी अपनी सेक्सी पतली कमर उछाल रही थी। उसका चेहरा बता रहा था की उसे बहुत मजा मिल रहा था। वो बार बार अपने मुंह से गर्म हवा निकाल रही थी। मेरी कमर गोल गोल नाच रही थी और माँ की चूत मार रही थी। मैं अब भी उसकी चूची की निपल्स को अंगूठे से घुमा रहा था। माँ "..अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्स्स्स्...उहह्ह्ह्ह...ओह्ह्ह्हह्ह.." की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी।

"ले आज मेरा लंड जी भरकर खा ले!!" मैंने अपनी लंड की प्यासी माँ से कहा और उसे जल्दी जल्दी लेने लगा। कुछ देर में मेरी माँ बिलकुल मस्त हो गयी थी। उसकी गर्म गर्म आवाजे, सिस्कारियां मुझे और जादा उतेज्जित कर रही थी। मेरी माँ चुदवाते हुए बहुत ही सुंदर सेक्सी माल लग रही थी। उसका जिस्म तो अब और जादा गोरा और सफ़ेद लग रहा था।

मैं जल्दी जल्दी माँ की चूत में साइकिल चला रहा था। उसका जिस्म मेरे लौड़े की गमक पर हिल रहा था और झूम रहा था। मैं बिना रुके नॉन स्टॉप अपनी अल्टर माँ को चोद रहा था। उसकी चूत से जैसे पॉपकॉर्न चट चट की आवाज के साथ फूट रहे थे। उसकी दोनों ३८" की विशालकाय चूचियां भी जल्दी जल्दी हिल रही थी। दोस्तों मेरे लंड की गोलियां तो सेक्स की उतेज्जना में बहुत बड़ी बड़ी हो गयी थी।

मैं माँ की चूत को गहराई तक लेकर चोद रहा था। उसे किसी बाजारू रंडी की तरह जल्दी जल्दी मैं पेल रहा था। वो "..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ..अअअअअ..आहा .हा हा हा" की आवाज निकाल रही थी। बड़ी देर मैंने अपनी माँ की चूत का बाजा बजाया और फिर उसकी बुर में ही मैंने पानी छोड़ दिया। मेरी माँ अब हांफ रही थी। वो कुछ देर आराम करना चाहती थी। पर आज मैं बहुत गुस्सा था। आज मैंने उसे एक सबक देना चाहता था की बाहर के मर्दों को वो घर में ना बुलाए। इसलिए तुरंत मैंने अपनी माँ को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी गांड चाटने लगा। वो डर रही थी।

कुछ देर में मैंने उसकी गांड में अपनी २ ऊँगली खोस दी और जल्दी जल्दी ऊँगली घुमाने लगा। मेरी चुदक्कड़ माँ को बहुत दर्द हो रहा था। पर मैं नही रुका और जल्दी जल्दी उसकी गांड में ऊँगली करना रहा। फिर मैंने अपना 8" लंड डालकर २ घंटे उसकी गांड चोदी। मेरी माँ रोने लगी पर मैं नही रुका। मैं उसकी गांड में लंड डालकर २ घंटे तक बजाता रहा। उसके बाद मैंने अपना माल गिरा दिया। दोस्तों अब मेरी माँ सुधर गयी है। जब भी उसे सेक्स की तलब लगती है मुझे मुझसे बुलाकर चुदा लेती है पर घर के बाहर शरीफ औरत की तरह पेस आती है। 

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16 साल की कुँवारी लड़की की चुदाई - Kuwari ladki ki chudai

हेलो दोस्तों, आज जो कुमारी लड़की की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हू वो मेरे पड़ोसी बहन की चुदाई की हैंमेरा नाम जतिन है मैं दिल्ली में रहता हु, आज से चार साल पहले की कहानी है, मैं किराये पे रहके पढाई करता था, मेरे निचे के फ्लोर पे एक फैमिली रहती थी, वाइफ हस्बैंड और उसकी दो बहने, उसके माँ और पापा दोनों गाँव में रहते थे

16 साल की कुँवारी लड़की की चुदाई - Kuwari ladki ki chudai

दोनों बहन की उम्र 18 और 19 साल की थी, दोनों बहने एक पर से एक थी, बड़ी ही सुन्दर नैन नक्स की लड़की थी, मेरी शादी हो चुकी थी वाइफ प्रेग्नेंट होने की वजह से गाँव गई थी, एक दिन की बात है, आमना जो की छोटी बहन थी, वो घर पे अकेले थी, उसके भाई भाभी और दीदी किसी रिलेटिव के यहाँ गए था, मैं आपको ये नहीं कह सकता की वो अकेले क्यों रह गयी थी. शायद मेरा लक है की वो अकेली थी.

 

मैं गाना सुन रहा था म्यूजिक सिस्टम पे, अचानक दरवाजा खटखटाने की आवाज आई, मैं निकला देखा आमना कड़ी थी, बोली क्या कर रहे हो भैया, मेरा मन नहीं लग रहा है इसलिए आ गए है, मैंने कहा हां हां आओ आओ वो अंदर आ के बैठ गयी, वो मेरी नजर उसकी चूची पे पड़ी, वो अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी, बूब का निप्पल टाइट था पता चल रहा था, वो जब हिलती थी तो उसका चूच भी हिलता था, मेरा मन बिचलित होने लगा, मुझे लगा की काश मुझे चोदने दे दे मजा जाएगा.

थोड़ी देर बाद वो पता नही क्या हुआ उसने मेरे पेट में ऊँगली मार दी, फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाया और मैंने भी ऊँगली मार दी, अब वो एक बार मारे फिर मैं एक बार मारू, यही होने लगा मैं पेट से थोड़ा ऊपर हो गया और ऊँगली उसके चूच को टच कर गया, वो कुछ भी नहीं बोली अब मैं उसके चूच को ही टच करने लगा, वो मेरे करीब आ गयी, मैं उठ गया और उसके चूच को दोनों हाथो से मसल दिया, वो कुछ भी नहीं बोली फिर मैंने उसके कपडे के ऊपर से हाथ अंदर डालने लगा पर वो शर्मा गयी, और फिर छूने नहीं दी, मैं बैठ गया, क्यों की मुझे डर भी था की ये बात किसी और को ना बता दे और ये ना कहे की इन्होने मेरे साथ ऐसा वैसा किया.वो उठ के बाहर जाने लगी

मैंने भी कुछ भी नहीं कहा, चुपचाप बैठा था, वो बाहर चली गयी, मैंने सोचा सत्यानाश हो गया है सबकुछ तभी वो अंदर आ गयी और मेरे गोद में बैठ के फिर वो कड़ी हो गयी, मैं समझ गया वो कुछ चाह रही है, मैं बाहर गया देखने की कोई आस पास तो है नहीं, गर्मी का दिन था लू चल रही थी, सुनसान था, मैं अंदर आया तो देखा वो बेड पे लेटी थी आप ये कहानी निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.मै आते ही कहा आमना मुझे दोगी चोदने, वो बोली जोर से मत करना, ओह्ह्ह माय गॉड क्या बताऊँ यार सोचो कैसा लगा होगा इतना सुनते ही मैं उसके समीज को ऊपर कर दिया और सलवार का नाड़ा खोल दिया, अंडर कुछ भी नहीं पहनी थी.

ओह्ह्ह अब मैंने उसके समीज को ऊपर किया छोटा छोटा गोल गोल चूची निप्पल छोटा टाइट टाइट और निपप्पले के आस पास भी चुच फुला हुआ था, हाथ से पकड़ा वो आउच बोली, उफ्फ्फ्फ़ और आँख बंद कर ली, मैंने दोनों चूची को हाथ में ले लिया और हौले हौले से दबाया, निचे सलवार को थोड़ा और डाउन किया, उसके बूर के दर्शन हो गए, साफ़ सुथरा शायद अभी तक बाल नहीं थे उसके बूर पे, मैंने हाथ लगाया छेद भी बहुत छोटा, जीभ लगाया वो सकपका गयी और अंगड़ाई ले ली, वो फिर बोली भैया जोर से मत डालना.दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।मैंने बहन की सलवार निकाल दी, और पैर को फैला दिया वो डर रही थी

मैंने लंड निकाला और उसके बूर के ऊपर रखा, वो मुट्ठी से तकिये को दबोच रखी थी शायद उसे एहसास था की दर्द होगा, मैंने लंड को घुसाने की कोशिश की पर बूर बहुत टाइट था, एक बार में नहीं गया, तीन चार बार कोशिश की तो लंड पूरा अंदर चला गया पर मैंने आपको उसकी चीख और रोना नहीं बताऊंगा, पर ये सब सिर्फ ५ मिनट ही चला फिर वो चुदवाने लगी

 

मैंने भी उसके चूत को हमेशा चुदवाने के लिए तैयार कर दिया, वो अब मुझसे रोज चुदवाती थी, करीब एक महीने तक चुदवाने के बाद मैंने उसको गांड भी मारना सुरु कर दिया था, बस आमना ही थी जिसको मैंने इतने मजे से चोदा था, वो कमसिन कली को फूल बना दिया, गजब का एहसास था 

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भैया ने तड़पते जिस्म को शांत किया

मेरा नाम कल्पना है मैं 21 साल की हु, मेरी शादी पिछले साल ही हुई है, मैं करनाल की रहने बाली हु, दिल्ली में रहती हु, मेरे पति एक कंपनी में मेनेजर है, शादी के पहले मेरा कई लड़को के साथ दोस्ती थी पर वो दोस्ती सिर्फ किस और चूचियों को दबाने तक ही सिमित था, शादी के पहले कभी सेक्स नहीं किया था, बस ऊपर ऊपर से ही मजे लिए.

भैया ने तड़पते जिस्म को शांत किया

मेरा शरीर भरा पूरा है, मैं 34 C साइज की ब्रा पहनती हु, मैं अक्सर जीन्स और टॉप में होती हु, मेरे होठ गुलाबी है, और गाल गोर गोर है, मेरी गांड थोड़ा पीछे की तरफ उभार है, जब मैं चलती हु तो लोग मेरे आगे से मेरी चूचियों को निहारते है क्यों की मेरी चूचियां आगे की और नुकीली सी निकली है. और बहूत ही हॉट है. और जब मैंने गुजर जाती हम तो लोग पीछे से मेरी गांड को निहारते नहीं थकते है. अब तो आपको समझ आ गया होगा की मैं कैसी हॉट और सेक्सी जवानी से भरपूर औरत हु, औरत तो नहीं लड़की कह सकते है, क्यों की अभी तक तो ठीक से मेरी चुदाई भी नहीं हो पाई थी.

 

मैं अब सीधे अपनी सेक्सी कहानी पे आती हु,

 

मेरा पति जिनका नाम है पंकज, वो मुझे खुश नहीं रख पा रहे है. क्यों की वो मेरे से ज्यादा अपने काम को ही प्रायोरिटी देते है. उनको काम प्यारा है. वो अपने काम से ही ज्यादा बीजी रहते है. वो मेरे ऊपर ध्यान नहीं देते. मुझे चुदवाने का बहूत ही ज्यादा मन करता है. पर वो देर रात आते है और फिर अपना बोतल लेके बैठ जाते है. और फिर सोने चले जाते है. आज तक वो जितनी बार मुझे चोदे है मुझे खुश नहीं कर पाए है. जब मैं उनको कस के पकड़ कर उनका लंड अपने चूत में डलवाने लगती हु, तभी वो झड़ जाते है. यानी की डिस्चार्ज हो जाते है. मैं अभी जोश में ही आती हु और वो निचे उत्तर कर सो जाता है आप भी बताओ दोस्तों मेरी ज़िन्दगी कैसी होगी. जिसकी चूत लंड के लिए तड़प रहा हो और लंड आते ही लंड सो जाए तो उस चूत का क्या हाल होगा. मेरी कहानी यही से शुरू होती है. क्यों की मैं अपना मुह इधर उधर मारने की कोशिश करने लगी.

मेरे फ्लोर पे ही एक भैया रहते है. उनकी भी शादी हो गई है. वो पार्ट टाइम काम मुझे देते है. मैं अपने घर पर आके उनका काम करती हु और दिन में एक से दो घंटे जाके उनसे सहारा काम समझ लेती हु, धीरे धीरे उनकी सेक्सी अदाएं मुझे उनकी और आकर्षित करने लगी. मुझे वो अच्छे लगने लगे. फिर मैंने उनके पास जाती, और उनसे काफी सारे बाते करती, और मैं कोशिश करती की वो मेरी जिस्म को देखे इसलिए मैं हमेशा वैसे टॉप को पहनती जिसका गला बड़ा हो. ताकि चूचियां बड़ी बड़ी साफ़ साफ़ दिखे, मेरा निशाना सही जगह पर लगा. पर हमेशा भी नहीं कर सकती, क्यों की उनकी भी नई नई ही शादी हुई थी. उनकी भी वाइफ साथ रहती थी.

दोस्तों कुछ ही दिन में वो मेरे से काफी ज्यादा खुल गए. वो तो अब मेरे से कभी कभी नॉनवेज डिस्कशन भी करते थे. मुझे भी अच्छा लगता था. उनकी बातों में जादू था. उनकी बात और उनके पास ही बैठ कर मेरी चूचियां टाइट हो जाती थी और चूत हलकी हलकी गीली हो जाती थी. एक दिन की बात है. भैया बोले की आपको भाभी जी, गाँव जा रही है आज उनकी माँ की तबियत ख़राब है. आज शाम को ४ बजे नई दिल्ली से राजधानी ट्रैन है मैं चढ़ा कर आऊंगा. भाभी बोली तब तक आप इधर भी ध्यान देना, मैंने कहा ठीक है भाभी अगर मैं दो की रोटी बनाउंगी तो भैया के लिए भी दो रोटियां सेक दूंगी. और उस दिन भाभी चली गई.

 

भैया लेट आये, मैंने फ़ोन किया की रोटी बनाया दू तो वो बोले आज मैं अपने दोस्त के यहाँ ही रुकुंगा, आज आ भी नहीं पाउँगा. तभी बेल्ल बजी मेरे पति देव आ गए, आते ही जूता उतारते हुए बोले, की कल सुबह मैं बंगलुरु जा रहा हु, ऑफिस के काम से चार दिन बाद आऊंगा, कंपनी बाले ने हवाई टिकेट भी बना दिया है. जाने आने का, तो वो फिर मुझे पांच हजार रूपये दिए और बोले की ठीक से रहना.

 

दूसरे दिन वो चले गए. अब मेरे घर में मैं अकेली थी और भैया के घर में सिर्फ भैया, पता नहीं मेरा दिल क्यों कह रहा था की आज मैं चुदुंगी, मैं दूसरे दिन संडे था तो मैं उनके घर दिन के ग्यारह बजे ही चली गई. वो नहा कर निकले थे. वो सिर्फ तौलिया में थे. जब मैंने उनके मजबूत बदन को देखा तो मैं दीवानी थी गई. क्या सिक्स पैक था. मुझे तो ऐसा लग रहा था की मैं उनके बदन से लिपट जाऊं और अपनी चूचियां को निकाल कर, उनके सीने से रगड़ दू. मैं अपने आप को संभाल कर, सोफे पे बैठी रही, वो मुझे भाभी कहते है. तो वो बोले और क्या हाल है भाभी तो मैं बोली कैसा रहेगा? पति के वियोग में. भले पति मुझे कुछ नहीं कर पता हो पर ये सब तो आपको पता है बोलना पड़ता है. फिर मैंने भी पूछा और आपका? तो वो बोले की पत्नी के वियोग में क्या होगा? फिर हम दोनों हँसने लगे.

 

तभी मैं बोल उठी की चलो आज समझ लो मैं आपकी बीवी हु और आप मेरे पति. भैया बोले, सिर्फ बोलने से नहीं होता है भाभी पति पत्नी का रिश्ता तो आपको पता है किससे होता है. मैं बोली कोई बात है. जैसा भी होता हो. लाइफ में चेंजेज तो चाहिए इससे ज़िन्दगी खूबसूरत बन जाती है. उसके बाद बात आगे बढ़ गई. वो बोले तो ठीक है आज आप मेरे यहाँ ही रहो पत्नी बनकर, मैं भी बिना देर किये बोल दी ठीक है. भैया बोले अभी कहना मंगवाता हु. उन्होंने कहना मंगवाया बाहर से, हम दोनों मिलकर खाये.

 

तभी भैया बोले और अब. मेरे भी वेशर्म होकर बोल दी. अब हनीमून, तभी उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया और मैं सिहर गई. और वो मेरे करीब आ गए वो मेरी आँख में झाँक रहे थे और मैं उनकी आँख में, और फिर दोनों के होठ एक दूसरे के होठ से जा मिले और फिर उन्होंने मेरे बाल को खोल दिया., और मुझे अपने सीने से चिपका लिए. मेरी चूचियां दाबाब के कारण आधी निकल गई थी .. वो पहले मेरे चूचियों को ऊपर से ही किश करने लगे. मैंने भी उनके बाल को सहलाते हुए उनके होठ को चूस रही थी. दोनों की वासना धधक रही थी.

 

वो मुझे गोदी में उठाकर अपने बैडरूम में ले गए और मेरे सारे कपडे उतार कर, वो मेरी दोनों टांगो को फैला कर, मेरे चूत को चाटने लगे. मैं पानी पानी हो गई. वो बोले गजब! मजा आ गया, क्या खुशबु है अपनी चूत की! ओह्ह्ह्ह आज मैं पहली बार चूत को चाट रहा हु. मेरी बीवी चूत नहीं चटवाती है. और मैं चूत का दीवाना हु. मैंने कहा अब तो जब तक वो दोनों नहीं आते आप मेरी चूत को खूब चाटो, मुझे चूत चटवाना बहूत ही ज्यादा अच्छा लगता है. और मेरी चूत से पानी निकलने लगा. और वो सारे पानी को अपने जीभ से साफ़ कर रहे थे. दोस्तों मुझे पहली बार इतना आनंद आ रहा था. मैं खूब मस्त थी.

 

फिर वो ऊपर जाके, मेरे बूब्स को दाबने लगे और मेरे होठ को चूसने लगे. उन्होंने मेरे गर्दन पर एक लव बाईट दे दी. वो काफी जोश में आ गए. मैंने कहा मुझे अब मत तड़पाओ. आज तक मेरा पति मुझे तड़पाते ही आया है. आज तक मैं कभी भी अपने पति से खुश नहीं हो पाई. आज मुझे खुश कर दो,

 

भैया बोले मुझे गांड ही मारने देना. मेरी वाइफ गांड मारने नहीं देती है. मैंने कहा मेरे जिस्म में जहा जहा भी छेद है आप अपने लंड को घुसा सकते हो. और वो अपना मोटा लंड निकाल कर पहले तो वो मेरे बूब्स के बिच में डाल कर, दोनों चूचियों को आपस में सटा कर, घुसाने लगे. और फिर निचे होकर, अपना मोटा लंड का सूपड़ा मेरे चूत के ऊपर सेट किया, और फिर मेरे पैरों को ऊपर किया और जोर से घुसा दी. मेरी चीख निकल गई. लगा की आज ज़िन्दगी में पहली बार चूत के अंदर लंड गया.

 

दोस्तों उनका लंड मेरे चूत के बिलकुल अंदर तक चला गया था. मुझे थोड़ा दर्द होने लगा क्यों की मेरे पति का लंड इससे आधी है. तो आप समझ सकते हो मेरा क्या हाल हुआ होगा. फिर वो मेरे बूब्स को प्रेस करने लगे मेरे होठ को चूसने लगे. और मेरी चूत में लंड को अंदर बाहर जोर जोर से करने लगे. मैंने भी उनके चुदाई में साथ देने लगी.

 

करीब दस मिनट तक वैसे चोदने के बाद उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में कर के पीछे से लंड को मेरे चूत में घुसाने लगे. और हरेक दस सेकंड में मेरे चूतड़ पर मारते, और लंड को जोर जोर से घुसा देते . मैं आह आह आह कर रही थी. मुझे काफी ज्यादा मजा आ रहा था. मैं भी धक्के पे धक्के दे रही थी. फिर वो निचे लेट गए और मैं उनके ऊपर आ गई, मैं उछाल उछाल कर चुदवाने लगी. फिर लैपटॉप चुदाई, यानी को वो बैठ गए और मैं उनके गोद में बैठ गई. और उन्होंने फिर मेरे चूत में लंड घुसा रहे थे. आपको सच बता रही हु. मुझे पहली बार एहसास हुआ की सेक्स इतनी अच्छी होती है. बस आपको सिर्फ चोदने बाला हो.

फिर क्या था दोस्तों चार दिन तक मैं उनके घर ही रही, आपको पता है दिल्ली में फ्लैटों में कौन आ रहा है कौन जा रहा, इससे किसी को क्या मतलब, खूब चुदे चार दिन तक. मजा आ गया ज़िन्दगी. का अब तो जब मौक़ा मिलता है, तब चुद लेती हु. पर वो मुझे किश और मेरे चूचियों को दबाते रोज है. आशा करती हु की आपको मेरी या कहानी अछि लगी होगी.

  

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भाभी को चुदाई के लिए उकसाया

आज मैं आप सबको जो कहानी बताने जा रहा हूँ, वो मेरी सच्ची कहानी है और इसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मेरी पड़ोस की भाभी ने मुझे सेक्स के लिये मनाया और मैंने पहली बार सेक्स किया.

भाभी को चुदाई के लिए उकसाया

यह बात कुछ साल पहले की है, जब मैं 12वीं क्लास में था. तब हमारे पड़ोस के भैया की नई नई शादी हुई थी और उनकी बीवी यानि मेरी भाभी एक परी की तरह थीं. उनका कद 5’5″ है. उनकी सेक्सी फिगर देख कर तो मुर्दे का भी लंड खड़ा हो जाए. उनके मोटे तने हुए चूचे और मोटी गांड देख कर मैं मुठ मार कर काम चलाता था. मुझे लगता था कि उनकी भी मेरे ऊपर कामुक नज़र थी. वो मुझसे बहुत खुल कर बात करती थीं और मुझे किसी न किसी बहाने छूती भी रहती थीं.

 

मैं दिखने में बहुत आकर्षक हूँ और मैं जिम भी जाता हूँ. इसी कारण सभी लड़कियों की तरह वो भी मुझसे दोस्ती करने के लिए आतुर थीं. मैं भी किसी न किसी बहाने उन्हें इधर उधर छू लेता था और वो भी बिना बुरा माने मुझे नॅाटी स्माइल दे देती थीं.

 

ऐसे ही एक साल बीत गया और अब उनकी एक बेटी हो गई थी. मैं उनकी बेटी के साथ खेलने के लिए जब उनकी गोद से उसे लेता था, तो धीरे से उनके चूचे दबा देता था. वो भी मुझे रिझाने का कोई मौका नहीं छोड़ती थीं.

 

जब हम दोनों अकेले होते थे तो वो मेरे सामने ही अपने चूचे निकाल कर अपनी बेटी को दूध पिला देती थीं. मैं उनके चूचे को देखकर अपने आपको रोक नहीं पाता था और दूध पीती हुई बच्ची के गाल पर किस करने के बहाने अपने मुँह को उनके चूचे के पास ले जाता था.

मुझे ऐसा करने में बहुत मजा आता था और वो भी मेरी इस बात का बिल्कुल बुरा नहीं मानती थीं. वो जानबूझ कर पहले बच्ची के होंठों पर किस करती थी और फिर उससे मेरे होंठों पर किस करवाती थी. हम ऐसे इशारों से एक दूसरे के मन में लगी आग को समझ चुके थे. बस अब तो हमें चुदाई करने का सही मौका चाहिए था.

 

फिर एक दिन मुझे उनकी चुदाई करने का मौका मिल ही गया.

हुआ यूं कि एक दिन भैया के किसी रिश्तेदार की मौत हो गई इसलिए उनके परिवार को कुछ दिन के लिए बाहर जाना पड़ा क्योंकि भाभी की बेटी छोटी थी, इसलिए उनके घर वाले उन्हें अपने साथ नहीं ले कर गए. उनकी मम्मी मेरी मम्मी को कह गई थीं कि मैं रात को उनके घर पर सो जाया करूं. मुझे पता था कि भाभी मेरे साथ चुदाई का खेल जरूर खेलेंगी, पर मैं अपनी तरफ से पहल न करते हुए उन्हें तड़पाना चाहता था. मैंने ठान लिया था कि मैं अपनी तरफ से कुछ पहल नहीं करूंगा. मैं चाहता था कि भाभी खुद ही मुझसे चुदने की अपनी इच्छा प्रकट करें.

 

फिर रात का वक़्त आया, जब मैं उनके घर सोने गया. मैं जैसे ही उनके घर गया तो भाभी को देखता ही रह गया. उन्होंने बहुत ही सेक्सी साड़ी पहनी थी. उनका ब्लाउज बहुत ही छोटा था, वो बैकलेस भी था. भाभी की पारदर्शी साड़ी में उनकी नाभि साफ साफ दिख रही थी.

 

हमने एक साथ खाना खाया और एक साथ बैठ कर टीवी देखने लगे. हम एक हॉलीवुड मूवी देख रहे थे और थोड़ी देर बाद उसमें एक बहुत ही सेक्सी किसिंग सीन आया. मैंने भाभी की ओर देखा तो वो आँखें फाड़ कर उस सीन को देख रही थीं. मैंने भी चैनल चेंज नहीं किया और थोड़ी देर में भाभी गरम होने लगीं. भाभी ने अपनी बेटी को मेरे आने से पहले ही सुला दिया था, तो अब हम दोनों ही थे. वहां वो किसिंग सीन में अब लड़का लड़की को चोदने भी लगा था. अब तो मेरा भी लंड खड़ा हो गया था, जो मेरी निक्कर में से साफ दिख रहा था. मैंने देखा कि भाभी भी अब मेरे लंड की ओर तिरछी नजर से देख रही थीं.

 

कुछ देर बाद फ़िल्म ख़त्म हो गई और भाभी ने अंगड़ाई लेते हुए कहा कि चलो कमरे में चलते हैं.

उनकी इस अदा से कहने से यूं लगा जैसे वो कह रही हों कि चलो अब चुदाई का मजा लेने के लिए कमरे में चलते हैं.

 

साथ ही उनकी इस हरकत से उनका पल्लू गिर गया था जो कि भाभी ने जानबूझ कर गिराया हो, साफ़ लग रहा था.. क्योंकि भाभी ने अपने पल्लू को ठीक करने का कोई काम नहीं किया था बल्कि अपने दूध मेरी तरफ तानते हुए अपने गहरे गले से लगभग आधे दिख रहे मम्मों की छटा को बिखेरा था.

 

मैंने भी उनकी इस अदा का भरपूर लुत्फ़ लिया और उनकी चूचियों को देखते हुए अपने लंड पर हाथ फेरा. फिर सरगोशी से कहा- चलो जी, चलते हैं.

भाभी मुस्कुरा दीं शायद उन्हें लगने लगा था कि शिकार फंस गया है. जबकि मेरी खोपड़ी ने तय कर लिया था कि आज भाभी को पूरी तरह से खोल कर चोदना है.

 

भाभी कमरे में जाने के लिए खड़ी हुईं और मैंने महसूस किया कि मेरा लंड अब कुछ ज्यादा ही अकड़ गया था. मैं फिर भी लंड को बिना सैट किए खड़ा हो गया. उधर भाभी का ध्यान मेरे लंड से हट ही नहीं रहा था.

मैंने भाभी से कहा कि मैं दूसरे कमरे में जाकर सो जाता हूँ.

तो उन्होंने कहा कि नहीं मुझे अकेले सोने में डर लगता है, तो आप मेरे साथ ही सो जाइए.

 

दोस्तो, अब मैं समझ गया था कि भाभी मुझसे चुदवाना चाहती थीं, पर मैं अपनी तरफ से पहल ना करके उन्हें तड़पाना चाहता था. जब मैंने देखा कि अभी भी भाभी का ध्यान मेरे लंड पर था.. तो मैंने भी अपने लंड को अपने हाथ से सहला दिया.

भाभी ने नजर नहीं हटाई.

 

फिर हम कमरे में चले गए और मैंने देखा कि भाभी ने अपनी बेटी को बेड के साथ लगे हुए एक अलग बेड पर लिटा रखा था.

 

मैं बेड पर बैठ गया और भाभी नहाने चली गईं. इस वक्त मुझे डर भी लग रहा था कि अगर मैंने पहल न की तो कहीं मैं भाभी को चोदने का मौका ही न गंवा बैठूँ.

 

पर जब भाभी बाहर आई तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. उन्होंने लाल रंग की बेबी डॉल वाली मैक्सी पहनी हुई थी, जो घुटनों तक ही आती थी. भाभी की ये नाइटी इतनी सिल्की थी कि उसमें साफ़ महसूस हो रहा था कि उन्होंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना है. वो सच में ही कहर ढा रही थीं.

 

वो मेरे पास आकर कुछ ऐसे बैठ गईं कि उनकी एक जांघ बिल्कुल नंगी सी हो गई. अब वो मुझसे मेरे स्कूल के बारे में पूछने लगीं. ऐसे ही स्कूल के बारे में बातें करते करते उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा तो मैंने कहा कि हां मेरी गर्लफ्रेंड है.

फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि तुमने उसके साथ कुछ किया है?

तो मैं अनजान बनने की एक्टिंग करते हुए बोला- क्या मतलब?

 

इस बात पर भाभी ने अपनी जांघ खुजाने का बहाना करते हुए अपनी बेबी डॉल को और ऊपर तक चढ़ा लिया. मेरी निगाहें उनकी चिकनी जाँघों का मुआयना करने लगीं.

भाभी- मतलब ये कि क्या तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स किया है?

मैंने कहा- बस उसको चुम्मी ली है भाभी.

भाभी- क्यों और आगे क्यों कुछ नहीं किया? क्या वो मना करती है?

मैंने कहा- हां भाभी, वो राजी नहीं होती है.

भाभी बोलीं- किस चीज के लिए राजी नहीं होती?

मैंने कहा- सेक्स के लिए.

भाभी ने अपनी नाइटी को चूत तक उठाया और एकदम से ढक लिया, फिर बोलीं- सेक्स के लिए या चूत देने के लिए?

 

मैंने नजरें झुका लीं.

 

ये देख कर भाभी के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने मुझे बहुत जोर स्मूच किया.

जब मैंने उनसे खुद को छुड़ा कर पूछा कि आप ये क्या कर रही हैं?

अब भाभी ने मुझे गुस्से में कहा- ओये भोसड़ी के.. मैं तुझे इतनी देर से अपनी चुदाई का खुला आमंत्रण दे रही हूँ और तू मुझे तड़पा रहा है. अब तुझे क्या हो गया? पहले तो मेरे बूब्स छूने का कोई मौका नहीं छोड़ता था, अब जब चुदाई का मौका है तो मुझे चोद ना..!

 

भाभी के मुँह से ये बात सुन कर पहले तो मैं बहुत हैरान हुआ और फिर मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ. मैंने भाभी को सॉरी बोला और उन्हें बहुत जोर से स्मूच करने लगा. वो भी मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर बहुत जोश में किस कर रही थीं. हमारा वो स्मूच 15 मिनट से भी लंबा चला. फिर मैंने जोश में उनकी मैक्सी फाड़ दी और उन्होंने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए. मैंने उनके सारे शरीर पर किस किया और उनके बूब्स भी बहुत चूसे.

 

इसके बाद मैंने उनको चित लिटाया और अपना मूसल उनकी चूत में एक झटके में ही अन्दर तक पेल दिया. भाभी की उम्म्हअहहहययाहनिकल गई. उन्होंने कुछ ही झटकों के बाद मुझे पूरा मजा देना शुरू कर दिया. भाभी अपनी गांड उठा उठा कर खूब मस्ती से चुद रही थीं.

 

मैंने बीस मिनट तक धकापेल चोदा और उनकी चुत में ही झड़ गया.

 

पूरी रात मैंने उन्हें 4 बार चोदा, अगले 2 दिन जब तक उनके पति और बाकी घर वाले नहीं आए, मैंने उन्हें जी भर के चोदा.

 

अब भी जब भी हमें मौका मिलता है, तो हम चुदाई कर लेते हैं और चूमा चाटी वगैरह तो हम हर दिन ही चुपके चुपके कर लेते हैं. तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली सेक्स कहानीआशा करता हूँ कि आपको पसंद आई होगी. मुझे मेल जरूर करें.

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बहन को चुत में केला लेते देखा - behan ki chut me kela

मेरी sex kahani ये बात हे कुछ महीने पहले की है मेरी बहन पायल जो के एक हॉट गर्ल दिखती हैं. उसको चोदने के सपने देखता था. वो मुझसे ४ साल बड़ी हे यानि वो अभी २५ साल की हे और उसका फिगर एकदम मस्त हे. बड़ी बड़ी चुन्चिया जिसे देखते ही किसी भी बूढ़े का लंड भी खड़ा हो जाए. पापा तो बिजनेश के काम से बहार चले जाते हे और माँ बेंक में जाती हे. बहन अकेली घर पर रहती हे. उसकी स्टडी खत्म हो गई हे इसलिए उसके लिए लड़का ढूंढ रहे हे. अभी तक कोई अच्छा लड़का मिला नहीं हे.

बहन को चुत में केला लेते देखा - behan ki chut me kela

एक दिन सुबह में कोलेज पहुंचा तो पता चला की मैं असाइनमेंट तो घर पर ही भूल गया था. असाइनमेंट की लास्ट डेट थी इसलिए उसे किसी भी हाल में सबमिट करना था. हम दोनों भाई बहन एक ही रूम में सोते थे. मैंने मेरी की से घर का डोर ओपन किया. फिर मैंने रूम के अंदर का नजारा देखा तो मेरे होश ही उड़ गए. बहन एकदम नंगी हो के बनाना यानि की केले को अपनी चूत में डाल रही थी.

ये देखते ही मेरा तो खड़ा हो गया पर शर्म के मारे मैंने डोर को बजाया. बहन ने कहा में आ रही हु. २ मिनिट के बाद तो आई मैंने देखा वो पसीने से पूरी भीग गई थी. मैं कहा की पायल एसी के अन्दर तुमको पसीना क्यूँ आ रहा हे? तो उसने कहा की बस मैं थोडा काम कर रही थी और तबियत भी ख़राब है. तो मैंने कहा की क्या हुआ तो वो बोली की बहुत बुखार हैं मुझे. मैंने कहा ओके.इस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

फिर मैंने कोलेज न जाने का मन बना लिया. मैंने उसे कहा की चलो तुम सो जाओ मैं कोलेज नहीं जा रहा. और फिर मैंने उसे कहा की मैं तुम्हारे लिए दवाई ले के आता हु. उसने कहा की दवाई मत लाओ बस यही बैठे रहो तुम. मैंने बहन को बेड में सुलाया और मैं उसके पास बैठ गया. मैं उसके सर पर हाथ घुमा रहा था और मेरा लंड तो पेंट के अन्दर फुंफाड रहा था. शायद मेरी बहन भी मुझ से चुदवाने के लिए उत्सुक हो रही थी. तोड़ी देर में उसने अपनी आँख जानबूझ के बंध कर ली और मेरे हाथ को अपने हाथ में ले के एक दम कस के पकड लिया.

मैंने जैसे तैसे हिम्मत कर के उसके गाल पर एक किस किया तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया. फिर मैंने उसके लिप्स के ऊपर अपने लिप्स रखे तो भी उस्न्ने कुछ जवाब नहीं दिया. फिर मैं धीरे धीरे लिप्स चूसने लगा तो उसने मुझे धक्का दे दिया और कहा की ये क्या कर रहे हो मैं तुम्हारी बहन हु! मैंने कहा पायल तुझे इसकी जरुरत है और जरुरी नहीं की भाई बहन कभी सेक्स न करें, सब करते हे तो उसने कहा पर हम नहीं करेंगे. मैंने कहा बहन एक बार प्लीज़ एक बार तो उसने हाँ भी नहीं कहा और ना भी नहीं कहा और आँख बंध कर के. मैं समझ गया की इसी में उसकी हाँ हैं.

फिर मैं भी बेड पर सो गया. मैं उसके ऊपर सो के उसके लिप्स के ऊपर लिप्स रख के चूसने लगा. वो भी साथ देने लगी थी मेरा. वो एकदम पागल हो रही थी और अपनी गांड को ऊपर निचे कर के मुझे चूम रही थी. मैंने अपने हाथो को उसके बालों में फेरा और फिर एक किस उसके कान के निचे के हिस्से में कर दिया.

वो इस टच से और भी पागल हो ऊठी और उसने मुझे अपनी तरफ खिंच के जोर जोर से लिप्स चुसे मेरे, तब उसके बड़े बूब्स मुझे छाती पर चिभ रहे थे. मैंने एक एक कर के उसके सारे कपडे निकाले और फिर मेरे भी. जैसे ही मेरा लंड बहार आया पायल ने उसे अपने हाथ में ले लिया मुहं में ले के सक करने लगी, अह्ह्ह आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह क्या मजा आया रहा था!

फिर मैंने उसको सुलाया और मैंने ६ इंच का लंड उसकी चूत पे रखा. जैसे ही रखा वो उसकी गांड ऊँची नीची कर के लोडा अन्दर डालने की ट्राय करने लगी. मैंने कहा पायल अपने हाथ से पकड के अपनी चूत के सेंटर पर रख दो ना इसे, फिर मैं अन्दर डालूँगा. उसने मेरा लंड पकड़ के अपने सही स्पॉट पर रख दिया. फिर मैंने एक धक्का दिया तो मेरा लंड अन्दर घुसा. मैंने देखा की उसकी चूत एकदम गीली हो गई थी. मैंने धीरे धीरे अन्दर डाला तो वो चिल्ला रही थी.इस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

फिर मैंने उसके लिप्स पे अपना लिप्स रखा और एकदम डीप किस करने लगा. और मैंने एक दम जोर से अन्दर लंड को डाला उसी वक्त. पायल के मुहं से चीख निकल पड़ी और वो रोने लगी. मैंने कहा होगा दर्द बहन लेकिन बाद में तुम्हे बहुत ही मजा आएगा. और फिर मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बहार करने लगा. उसके मुहं से अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह आह्ह्ह की आवाज आ रही थी और मैं भी धीरे धीरे स्पीड बढाता गया. अब उसको अच्छा फिल हो रहा था तो मैं एक दम जोर जोर से कर रहा था रगड़ रगड़ के. उसके मुहं से भी ह्ह्ह आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह ईईईई की आवाजे निकल रही थी. और साथ में वो अपनी गांड को हिला के मुझे सुख इ रही थी.

फिर थोड़ी देर में ही मैं झड़ने वाला था मैंने कहा की मैं निकालूं चूत के अन्दर? तो उसने कहा नहीं वहां नहीं भाई मैं प्रेग्नेंट हो गई तो प्रॉब्लम होगा.

मैंने कहा फिर तुम मुह में ले लो इसे. वो बोली ठीक है.

मैंने लंड को उसके चूत से निकाल लिया. पायल अपने घुटनों पर बैठ गई और लंड को हाथ से पकड़ के अपने मुहं के पास ले आई. फिर उसने लंड को चूसा और हिलाया. १ ही मिनिट में मेरे लंड का पानी छुट गया जो मेरी बहन के होंठो पर मस्त लग रहा था. फिर मैंने लंड के अन्दर से एक एक बूंद को निचोड़ के उसको पिला दिया.

पायल अब मेरी रखेल बनी हुई है. अब मैं डरता हु की कही वो शादी कर के चली गई तो मेरा क्या होगा. लेकिन हर चुदाई के वक्त वो मुहे कहती है की मैं जब भी मइके आउंगी तो तुम्हे चूत दे के जाउंगी!

  

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भाई ने अपने दोस्त के साथ मिलकर जबरदस्ती चोदा - Jabardasti Choda

मैं कावेरी सिंह आप सभी का सेक्स स्टोरी में स्वागत करती हूँ। मैंने कई सालो से सेक्स स्टोरी पढ़ रही हूँ। मुझे इसकी मस्त चुदाई वाली कहानी पढने की लत सी हो गयी है। आज मैं आप लोगो को अपनी स्टोरी सुनाने जा रही हूँ। मैं हरदोई की रहने वाली हूँ।

भाई ने अपने दोस्त के साथ मिलकर जबरदस्ती चोदा - Jabardasti Choda

मैं इस समय २३ साल की हूँ, मेरी पढाई पूरी हो चुकी थी और मैं रघु [मेरे बॉयफ्रेंड] से बहुत प्यार करती थी। जहाँ मैंने ठाकुर जाति से थी, वही रघु छोटी जाति से था। वो अनुसूचित जाति में आता था और जात से चमार था। मैं रघु से कई बार चुदवा चुकी थी। मेरी उससे मुलाकात कॉलेज में ही हुई थी। वहीँ मेरी उससे मुलाक़ात हुई और फिर प्यार हो गया। हम घर से बाहर मिलते रहे। रघु मुझसे बहुत प्यार करता था जब भी मैं उससे मिलने जाती थी, वो खूब मेरे ओंठ चूसता था, और मेरे मम्मे दबा दबाकर मुझे खूब मजा देता था। फिर वो मुझे अपने हॉस्टल पर, या किसी दोस्त के कमरे पर ले जाकर खूब चोदता था। रघु का लौड़ा बहुत बड़ा था और पूरा ७ इंच का था। मैं नंगी होकर उसका लौड़ा सारी सारी रात चूसती रहती थी और अपने बॉयफ्रेंड से रात रात भर चुदवाती थी।

मेरी चूत तो रघु ने पी पीकर और चूस चूस कर गीली कर दी थी। मेरी रसीली बुर में रघु ने अपना लौड़ा इतनी बार डाला था की मेरी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी। रघु से बार बार चुदवाने के बाद मुझे उससे और जादा प्यार हो गया और हम दोनों शादी करके घर बसाने के बारे में सोचने लगे। रघु ने अपने घर वालो को मेरे बारे में बता दिया था, अब मुझे हिम्मत करके किसी तरह अपने भैया को इस बारे में बताना था, उपर से मेरे पापा और भैया बहुत ही खतरनाक आदमी थे, वो प्यार व्यार को बहुत गलत और बुरा मानते थे।

भैया मैं रघु से प्यार करती हूँ और उससे ही शादी करना चाहती हूँ!!मैंने एक दिन हिम्मत करके कह दिया

क्या….कावेरी?? तेरा दिमाग तो ठीक है की नही। तुझे पता नही की हम लोग प्यार व्यार को बुरी चीज मानते है!!बड़े भैया गुर्राकर चिल्लाकर बोले

किस जात का है वो लड़का??” भैया ने पूछा

चमार!!मैंने कहा

क्या ……तेरा दिमाग खराब है तेरा कावेरी?? एक ठाकुर की लड़की होकर एक चमार से शादी करेगी तू…..???” बड़े भैया बोले और गरजते हुए मेरे गाल पर ८ १० थपड मार दिए

भैया…..मैं उससे प्यार करती हूँ???” मैंने रोते रोते कहा

तू उससे प्यार करके हम लोग की इज्जत पूरे समाज में उछालना चाहती है.?? तू उस लड़के से दोबारा नही मिलेगी!! भैया बोले और उन्होंने मुझे लात ही लात मारना शुरू कर दिया और मुझे कमरे में बंद कर दिया। ५ दिन मुझे मेरे घर वालों ने कमरे में बंद रखा और खाना भी नही दिया। पर मेरे पास रघु का दिया मोबाइल फोन था, इसलिए मैं चुपके चुपके उससे बात कर लेती थी। सबसे बड़ी बात की मेरी माँ भी मेरे खिलाफ हो गयी थी।

एक बात कान खोलकर सुन ले कावेरी……अगर तू उस लड़के से दोबारा मिली तो हम तुम दोनों को गोली मार देंगे। अपने जीते जी हम अपनी इज्जत भरे समाज में नही उछलने देंगे!!मेरी माँ बोली

अब मैं अच्छी तरह से समझ गयी थी की मेरी शादी रघु से होना नामुमकिन है। कुछ दिन बाद मुझे बाहर निकलने की इजाजत दे दी गयी। मैंने रघु को फोन मिलाया और एक रेस्टोरेंट में उससे मिलने चली गयी। फिर रघु मुझे वहां से अपने हॉस्टल ले गया और वहां हम प्यार करने लगे। कुछ देर तक जब हम दोनों गले लगे रहे तो रघु मुझे किस करने लगा। मेरे ३४के बड़े बड़े मम्मे दबाने लगा और मेरे रसीले होठ पीने लगा। कुछ देर बाद हम दोनों का चुदाई का दिल करने लगा। रघु ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरा सूट निकाल दिया। फिर उसने मेरी सलवार का नारा खोल दिया और सलवार निकाल दी। मैं भी चुदने के मूड में थी तो मैंने खुद अपनी ब्रा और पेंटी खोल दी।

रघु ने अपनी शर्ट पेंट निकाल दी और नंगा हो गया। उसका लौड़ा हमेशा की तरह बहुत लम्बा ७का था। हम दोनों अब पूरी तरह से नंगे हो गये थे और प्यार करने लगे। मैंने रघु को अपनी बाहों में भर लिया और उसके ओंठ चूसने लगी। आज कितने दिनों बाद हम प्यार कर रहे थे। फिर वो मेरे ३४के बड़े ही सुंदर मम्मो को चूसने लगा। और मजे से पीने लगा। आज करीब १ महीने बाद मैं अपने बॉयफ्रेंड से मिल रही थी।

१ महीने से ना चुदने के कारण आज मेरा चुदवाने का बहुत जादा मन कर रहा था। उधर रघु भी मेरी चूत का बहुत प्यासा था। वो बड़े जोश से मेरी दोनों चुचियों को बड़े मजे और मस्ती से पी और चूस रहा था। मैं आआआआअह्हह्हहअईअई…. .ईईईईईईई..करके गर्म गर्म सिसकारी ले रही थी। रघु मेरी रसीली चूचियों को जोर जोर से काट काटकर मेरे आम चूस रहा था, इसलिए मेरी निपल्स बिलकुल टन्न होकर खड़ी हो गयी थी।

मेरे बूब्स अब और बड़े होकर तन गये थे। आज तो जैसे रघु की लाटरी निकल गयी थी। वो मजे से मेरे बड़े बड़े रसीले आम मुंह में लेकर चूस रहा था। फिर वो मेरी चूत में ऊँगली करने लगा। फिर वो लेटकर मेरी चूत पीने लगा। मैं भी चुदना चाहती थी, इसलिए मैंने अपने दोनों पैर खोल दिए।

मेरी रसीली बुर रघु के सामने थी। वो जीभ लगाकर मेरी चूत को पुरे जोश खरोश से पी रहा था। धीरे धीरे मैं भी मस्ताने लगी। ओह्ह्ह्ह माँअहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उचूसो चूसो…..और चूसोमेरी चूत कोमैं कहने लगी। रघु जीभ गड़ा गड़ाकर मेरी चूत की घाटी को चूस रहा था और मजे लेकर पी रहा था। फिर उसने अपनी २ ऊँगली मेरी बुर में डाल दी और जोर जोर से फेटने लगा। अईअई….अई……अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हमैं जोर जोर से चिल्लाने लगी। रघु और मस्ती में तेज तेज मेरी बुर फेट रहा था। मैं अपना पेट और कमर उठाने लगी। कुछ देर बाद मेरे बॉयफ्रेंड रघु ने अपना अपना ७मोटा लौड़ा मेरे भोसड़े में डाल दिया और मुझे चोदने लगा।

वो मुझे बाहों में भरकर मेरे नंगे जिस्म की खुशबू ले लेकर मुझे चोद रहा था। अपनी रसीली चूत में मैं रघु के मोटे लौड़े को गहराई तब महसूस कर रही थी। कुछ देर में उसने तेज रफ्तार पकड़ ली और मुझे तेज तेज चोदने लगा। उसकी कमर और पिछवाड़ा तेज तेज नाच रहे थे और मुझे चोद रहे थे। वो मेरे ओंठो को खा लेना चाहता था, मेरी सांसे रघु की सांसों में उलझ गयी थी। ओह्ह्ह्हह आआआआ..ह्ह्ह्हहआज मुझे कितनी तृप्ति मिल रही थी। कितना मजा और सुख मिल रहा था चुदवाने में…..मैं आपको बता नही सकती। रघु फट फट मेरी गर्म चूत में अपने मोटे लौड़े से धक्के मार रहा था, मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था और मेरी चूत की खुजली दूर कर रहा था। मैंने रघु की पीठ को दोनों हाथों से कसकर पकड़ लिया था

फिर वो मेरे आम दबाते दबाते मुझे चोदने लगा। वो मुंह लगाकर मेरे आम चूस भी रहा था। और बिना रुके मेरी चूत में लौड़ा डाल रहा था। अब मुझे पेलवाते हुए आधे घंटे हो चुके थे, पर अभी भी रघु आउट नही हुआ था। मेरी चूत की दीवाल अपना रसीला माल छोड़ रही थी, इसलिए मेरी योनी अब बहुत चिकनी हो गयी थी। रघु का लौड़ा बड़ी आराम से मेरी बुर में फिसल रहा था और स्केटिंग कर रहा था। वो मुझे हचक हचक कर पेल रहा था जैसे कोई चुदासा कुत्ता किसी चुदासी कुतिया को चोदता है, बिलकुल उसी स्टाइल में रघु मेरी बुर फाड़ रहा था। चुदते चुदते तो मेरी आग में जैसी आग ही जलने लगी थी। मुझे इतना मजा मिल रहा था, जैसे मैंने कोई ड्रग्स ले ली हो।

मेरा एक एक रोंगटा रघु की चुदाई से खड़ा हो गया था। पूरी चूत और गांड में फुरफुरी उड़ने लगी थी। मेरा बॉयफ्रेंड रघु मुझे किसी रंडी की तरह चोद रहा था। मैं ……मम्मीमम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा . ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँऊँउनहूँ उनहूँ..करके चिल्ला रही थी और मजे से चुदवा रही थी। प्लीसससससस……..प्लीससससस…….उ उ उ….मुझेझेझेझेझेकसकर चोद दोदोदोदोदो…” मैं जोर जोर किसी प्यासी रंडी की तरह चिल्लाने लगी तो रघु ने मेरा दांया पैर उठा पर अपने नंगे कंधे पर रख लिया।

और इतनी जोर जोर से मुझे चोदने लगा की मेरी आँखों के सामने अँधेरा छाने लगा। फिर रघु ने अपना माल मेरे लाल भोसड़े में ही छोड़ दिया। कुछ देर बाद उसने मेरी गांड मारी। फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिये। रघु ने मुझे अपनी मोटर साईंकिल से मेरे घर छोड़ दिया। अब मैं रघु से चुपके चुपके बाहर बाहर ही मिलती थी और चुदवा लिया करती थी और गांड मरवा लिया करती थी।मेरे घर वालों को ये नही पता था, वरना वो लोग मुझे जान से मार देते। मेरा पापा, मम्मी, और बड़े भैया सब के सब बड़े खूंखार और कट्टर आदमी थे। एक तो ये लोग प्यार व्यार को गलत मानते थे और उपर से मेरा बॉयफ्रेंड एक छोटी जाति का लड़का था। इसलिए तो मेरे घर वाले मेरे और भी जादा खिलाफ हो गये थे। इसलिए मैं अब रघु से चुप चुपके बाहर ही मिला करती थी।

एक दिन मेरे बड़े भैया किसी काम से शाहजहाँपुर चले गये। मैंने सोचा की ये अच्छा मौका है अपने बॉयफ्रेंड रघु से मिलने का। मैं रोज किसी न किसी बहाने से घर के बाहर चली जाती और बजार में या किसी सिनेमाहाल में रघु से मिलने चली जाती। जिस दिन मेरे बड़े भैया शाहजहाँपुर से हरदोई लौते बाजार में ही उन्होंने मुझे रघु के साथ मोटरसाइकिल में घूमते देख दिया। बड़े भैया से अपने एक दोस्त करन को बुला लिया। मैं रघु के साथ मोटर साइकिल पर जा रही थी की बड़े भैया ने अपनी कार से हम दोनों का पीछा किया। उनका दोस्त करन उनके साथ था। फिर भैया से अपनी कार तेज दौड़ाकर रघु की मोटरसाइकिल के सामने ही लगा दी और हमारा रास्ता रोक दिया। करन और बड़े भैया से मेरे आशिक रघु को मोटरसाइकिल से खीच लिया और हाकी और डंडो ने मारना शुरू कर दिया।

उन्होंने रघु को १ घंटे तक लाठी, डंडों, और हाकी से मारा और उसका सिर, मुंह फोड़ दिया। इतना ही नही रघु के पैर में बहुत चोट लगी और उसका बाया पैर भी टूट गया। बड़े भैया ने मुझे मेरी चोटी से पकड़ लिया।

क्यूँ….छिनाल…..सच सच बता अपने आशिक से कितनी बार चुदवा चुकी है?? पुरे हरदोई में खुले आम अपने आशिक के साथ मोटर साईकिल पर घूम रही है और मटरगस्ती मार रही है। अपने घर वालों की इज्जत को साली हरामजादी चौराहे पर नीलाम कर रही है……”बड़े भैया बोले और उन्होंने मेरे गाल पर तमाचा मार मार कर मेरा मुंह लाल कर दिया। फिर मुझे अपनी कार में खीच लिया और घर ले आये। घर आकर मेरी माँ और पापा सबसे मुझे लात, मुके, घुसे, थपड से मारा।

बड़ी जवानी की गर्मी है तेरे में…..आज तेरी सारी गर्मी मैं दूर कर दूंगा!!बड़े भैया बोले और मुझे कमरे में ले गये। उनका दोस्त करन भी कमरे में आ गया। दोनों अपने अपने कपड़े निकाल गये। मैं उनका इशारा समझ गयी थी। मेरे बड़े भैया ही मुझे चोदने वाले थे और उनका दोस्त करन भी मुझे चोदने वाला था।

नही भैया नही !!ऐसा मत करो!!मैंने रोने लगी और उनके पाँव पकड़ने लगी

साली रंडी……तुझे कितनी बार हम लोगो से समझाया की उस लौंडे से मत मिलनापर तू उसके साथ पुरे हरदोई में मजे से मोटर साईंकिल पर घुमती है और मजे से उसके हॉस्टल पर जाकर चुदवाती है……..बड़ा इश्क का भूत चढ़ा है तुझ पर??”….आज मैं और करन तुझे चोद चोदकर तेरा सारा इश्क का भूत उतार देंगे!!बड़े भैया बोले

उसके बाद भैया और करन ने मेरा सलवार सूट फाड़ दिया और मेरी ब्रा और चड्ढी भी फाड़ दी और मुझे बिस्तर पर पटक दिया। बड़े भैया मेरे उपर लेट गये और मेरे दूध पीने लगे। मैं रो रही थी, चीख रही थीप्लीस भैया मुझे मत चोदो…..मत चोदोमैं चिल्ला रही थी, पर कोई मेरी सुनने वाला नही था। बड़े भैया आज मेरा रेप करने वाले थे , मुझे वो कसकर चोदने वाले थे , इतना की फिर मैं कभी अपने बॉयफ्रेंड रघु से ना मिलूं। वो मेरे रसीले दूध पीने लगे और मजा मारने लगे। कुछ देर बाद मेरे सगे भाई ने ही मेरी रसीली चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। करन भी पूरी तरह से नंगा हो गया और वो मेरे सर ही तरफ आ गया। उसने अपना लौड़ा मेरे मुंह में जबरदस्ती पेल दिया और लंड चुस्वाने लगा।

चूस रांड…..चूस…..अपने आशिक का लौड़ा तो खूब चूस चूसकर चुदवाती है….तो अब मेरा भी चूस!!करन बोला

उधर नीचे ने मेरे बड़े भैया मुझे अपना मोटा लौड़ा डालकर कस कसकर चोद रहे थे। मैं रो रही थी, चीख रही थी, चिल्ला रही थी और मोटे मोटे आंशू बहा रही थी। पर कोई मेरी नही सुन रहा था। मेरी माँ भी पूरी तरह से मेरे खिलाफ हो चुकी थी। पापा भी खिलाफ थे। बड़े भैया के दोस्त करन से जबरन मेरे मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया और जबरदस्ती चुस्वाने लगा। भैया मुझे कस कसके पक पक करके पेल रहे थे। आज अपने ही सगे भाई और उनके दोस्त से मैं चुद रही थी। भैया का लौड़ा तो कोई १२का था और मेरे आशिक, मेरे बॉयफ्रेंड के लौड़े से भी जादा मोटा था।

मेरी चूत की तो जान ही निकली जा रही थी। बड़े भैया ने मुझे डेढ़ घंटे तक चोदा और मेरी बुर फाड़ के रख दी। फिर मेरी बुर में ही अपना माल गिरा दिया। बड़े भैया हटे तो करन आ गया। उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे चिकने चुतड वो मजे से चाटने लगा। फिर उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया और पुरे २ घंटे मेरी गांड मारी। कुछ दिनों बाद मेरे बड़े भैया ने मेरी दिल्ली में जबरदस्ती शादी कर दी। अब मेरा पति मुझे रोज पक पक करके पेलता खाता है। 

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