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चाची को नंगी नहाते देख चोद दिया (Chachi Ko Nangi Nahate Dekh Chod Diya)

मेरा नाम सनी है, मैं पंजाब के एक छोटे कस्बे का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 28 साल, रंग नार्मल, हाइट 5 फुट 8 इंच है. कॉलेज की पढ़ाई मैंने यहीं रहकर पूरी की है। मेरे लण्ड 5 इंच, आगे से थोड़ा ज्यादा मोटा है। मैं सबकी तरह यह नहीं बोलूंगा कि मैं बहुत हैंडसम हूँ या लड़कियां मुझ पे मरती है या मेरा लण्ड बहुत बड़ा है।


यह मेरी पहली कहानी है कोई गलती हो तो माफ़ कर देना। यह कहानी आज से पांच साल पुरानी मेरी और मेरी चाची रीना की है। उसकी उम्र 35 साल और माप 32 28 30 है। चाची दिखने में 28 29 साल की एकदम सेक्सी मॉल, साउथ की एक्ट्रेस जैसी लगती है और जो भी उसको देख ले तो चोदना जरूर चाहेगा।

 

मेरे घर में हम जॉइंट फॅमिली है मेरे मम्मी पापा, बड़ा भाई भाभी, छोटी बहन, चाचा चाची, उनका बेटा और उनकी बेटी।

मैं पहले से ही अपनी चाची को चोदना चाहता था। हर वक्त उनको चोदने के सपने देखता और हमेशा ही उनको चोदने का मौका ढूंढता रहता था। रोज चाची के नाम की मुठमारता था कभी उसके चुचे देख कर कभी बाथरूम में पढ़ी उसकी ब्रा पेंटी देख कर।

 

अब रोज रोज की मुठ से परेशान हो कर मैंने चाची को चोदने का प्लान बनाया। जॉइंट फॅमिली होने के कारण कमरे बहुत से थे लेकिन नहाने के बाथरूम सिर्फ दो ही थे। घर में मेरे कमरे के साथ वाले के बीच दरवाजा खुलता था और उस कमरे में एक छोटा बाथरूम था। गर्मी की वजह से हम नहाते हुए बाथरूम के दरवाजे की जगह कमरे का दरवाजा बंद करते थे ताकि पंखा चला कर आराम से नहाया जा सके।

 

मैंने उस दरवाजे में एक छोटा सा छेद कर दिया ताकि मैं चाची को नहाते हुये देख सकूँ। अब मेरा रोज का काम हो गया सुबह जब भी चाची नहाने जाती मैं उसको नंगी नहातीदेखता और मुठ मारता।

गर्मियों की रात में देर रात में अपना घर का काम निपटा कर वो नहाने आती, मैं हमेशा ध्यान रखता कि मेरी सेक्सी चाची नहाने कब जायेगी। उसको देखने का कोई भी मौका मैं अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।

 

एक दिन की बात है, चाची को शक हो गया कि मैं उनको नहाते हुए देखता हूँ और चाची भी मेरे ऊपर ध्यान रखने लग गयी। जब भी वो नहाने जाती वह छेद के पास कपड़ा डाल देती.

पर एक दिन जब चाची नहाने गयी मैंने वो एक स्वेटर बुनने वाली सलाई से छेद के ऊपर के कपड़ा पीछे कर दिया जिसे शायद चाची ने भी देख लिया लेकिन ऐसे दिखाया कि उसने कुछ नहीं देखा और मेरा वही रोज का मुठ मारना द्वारा शुरू कर दिया।

 

अब जब भी चाची नहाने जाती तो मैं उस छेद से देखता और जब नहा कर निकलती मैं साथ की साथ नहाने घुस जाता और उनकी ब्रा पेंटी उठा कर मुठ मारता।

 

एक दिन वी समय आ ही गया जिसका मुझे इंतेजार था। घर में मैं और चाची ही थे, चाची नहाने गयी तो मैंने रोज की तरह छेद से देख कर मुठ मारी और उसके नहाने के तुरंत बाद मैं नहाने घुस गया और उनकी ब्रा पेंटीसूंघ कर द्वारा मुठ मार रहा था कि मुझे लगा कि चाची छेद से मुझे देख रही हैऔर मैंने छेद वाली साइड पे अपना मुंह कर के चाची को अपना लण्ड दिखा कर सेक्सी इशारे करते हुए मुठ मारी और सारा माल उनकी पेंटीपे गिरा दिया।

 

जब मैं नहा के निकला तो चाची तुरंत कमरे घुस गयी। मैंने छेद से देखा वो मेरामाल चाट रही थी और धीरे धीरे गर्म हो कर कपड़े उतार कर नंगी हो गयी। अपनी चूत में उंगली डाल कर आह आ आह…’ की आवाज निकाल रही थी और फिर छेद की तरफ अपनी चूत दिखा कर उंगली करते हुए मेरी तरफ सेक्सी अदाएं दिखा रही थी क्योंकि चाची को भी पता था कि मैं छेद से सब देख रहा हूँ।

लेकिन मैं और चाची दोनों ही एक दूसरे से सीधा आगे आने से डरते थे।

 

अब चाची का मेरी और देखने का नजरिया बदल गया, वो बात बात पे मुझसे डबल मीनिंग बात बोल जाती और रोज हम इक दूसरे को रोज नहाते देखते लेकिन सीधा बोलने से डरते थे।

 

एक दिन सब पड़ोस के किसी फंक्शन में गये हुए थे, घर में सिर्फ चाची थी और मैं ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था। मैं सबसे छुप घर गया, सीधा चाची के कमरे की तरफ जाने लगा तो मुझे बाथरूम से पानी की आवाज आई।

मैं दबे पैर वहां गया और अपना लण्ड निकाल कर मुठ मारते हुए छेद में देखने लगा ही था कि चाची ने एकदम दरवाजा खोल दिया। उधर घर में कोई ना होने की वजह से चाचीनंगी ही बाहर आ गयी और मैं नंगा मुठ मार रहा था।

 

दोनों एक दूसरे को ऐसी हालत में देख कर शर्माने का नाटक कर रहे थे। चाची ने अपना एक हाथ अपनी चूत पर और दूसरा हाथ अपने बूब्स पर रख लिया लेकिन उनकी निगाह मेरे लण्ड पर टिकी हुई थी।

ऊपर से चाची गुस्सा होने का नाटक करती हुई बोली- ये क्या कर रहे थे तुम ऐसे नंगे होकर? शर्म नहीं आती अपनी चाची को ऐसे नहाते हुए देखते हो? मैं सब कुछ तुम्हारी मम्मी को बताऊँगी।

 

मैं इस समय भी अपना लण्ड हाथ में लेकर हिला रहा था और चाची मेरे औजार को घूरे जा रही थी लेकिन अब चाची की आँखों में चुदवाने की लालसा दिखने लगी थी। चुदवाने की लालसा से उनकी आंखें लाल हो गयी और चूत की आग के आगे चाची का गुस्सा कम पड़ रहा था।

 

मैं चाची से बोला- आप भी तो मुझे नहाते हुए या मुठ मारते हुए देखती थी छेद से?

तभी चाची बोली- तुम्हारे चाचा तो काम में बिजी रहते हैं, इस चूत की आग बुझाने के लिए कब तक उंगली से काम चलाऊं? और तुम्हें एक चूत चाहिए और मुझे एक लण्डदोनों का काम भी हो जायेगा और किसी की पता भी नहीं चलेगा।

 

तभी मैंने अपना एक हाथ चाची के चूचे पर रख कर थोड़ा दबा दिया।

चाची हंसती हुई बोली- ये क्या कर रहे हो?

और मैं भी उनके निप्पल काटते हुए बोला- जो आप मेरे साथ करना चाहती हो।

 

मेरे इतना बोलते ही चाची ने मुझे कस के पकड़ लिया और मेरे होंठ चूसने लगी। हम करीब 3-4 मिनट तक होंठ चूसते रहे और अपने हाथ एक दूसरे के शरीर पर फिराने लगे।

चाची एकदम से नीचे बैठ गयी और मेरा लण्ड चूसने लगी। मैंने कभी भी किसी लड़की को चोदा नहीं था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं बस उसके सर में हाथ फेर रहा था, मेरी आँखें बंद हो गयी और मैं जन्नत में पहुँच चुका था, ऐसे दिल कर रहा था कि बस ये साली ऐसे ही लंडचूसती रहे।

 

चाची मेरा पूरा लण्ड अपने मुंह में लेकर अपने गले के अंदर तक ले रही थी और करीब 15 मिनट तक चूसती रही और 15 मिनट बाद मेरे पानी की धार सीधा उनके मुंह में निकल गयी जिसे चाची मजे ने लेकर पी लिया।

 

अब मुझे थोड़ा सुकून मिला। लेकिन वो साली अब भी मेरे लंड को मुंह से बाहर नहीं निकाल रही थी जिसे मैंने मुश्किल से बाहर निकाला जिस पर वो थोड़ा गुस्सा भी हो गयी और मैं बोला- चिंता मत कर मेरी रानी, सारी शिकायतें दूर करके रहूंगा तुम्हारी।

जिससे खुश होकर चाची ने मुझे एक और किस कर ली।

 

अब मैं मेरी चाची को उठा के बेड पे ले गया और बेड पे उनके साथ लेटकर उसके बदन से खेलने लग गया, उसके बूब्स को चूस रहा था, एक हाथ से उसका दूसरा चूचा दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली करने लग गया।

 

चाची भी अब पूरी गर्म थी और जोर जोर से आह आह आ आ…’ की आवाज़ें निकाल रही थी, अपने एक हाथ से मेरा लण्डपकड़ के दबा रही थी और दूसरे से मेरी पीठ पे नाख़ून काट रही थी.

अब हम 69 में आकर एक दूसरे को चूस रहे थे.

 

मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी जिससे वो सिहर गयी और मेरा लण्ड चूस चूसकर चोदने लायक बना दिया और वो मुझे पागलों की तरह चूस रही थी।

कभी मैं चाची की चूची तो कभी चूत को रगड़ रहा था.

 

अब चाची पर सेक्स का पूरा नशा सवार था, वो वासना से बस आह आह की आवाज निकाल रही थी और मुझे बार बार चोदने का बोल रही थी। लेकिन मैं उसको थोड़ा जानबूझ कर तड़पाना चाहता था.

 

तभी मेरी चाची रीना गाली निकाल कर बोली- अबे बहनचोद, मेरी चूत में आना लण्ड डाल कर शांत कर! अगर और देरी की तो तेरी माँ चोद दूंगी।

मैंने ज्यादा देर न करते हुए चाची की टांगें खोल कर अपना लण्ड चूत पे लगाया और जोर से धक्का मारा जिससे आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया और चाची बोली- अबे बहनचोदमेरी चुत फाड़ दी।

चाची के मुंह से गालियाँ सुनकर मैं और भी जोश में आ गया और जोर से एक धक्का मारा और पूरा लण्ड चूत में घुसा कर बोला- रीना सालीबहन की लोड़ी…. रंडी तेरी माँ चोद दूँगा आज।

 

चाची हंस कर बोली- पहले मुझे तो चोद बहन के लोड़ेमेरी माँ बाद में चोदना।

 

मैंने 10 मिनट तक चाची को ऐसे ही चोदा, उसके बाद उसको बोला- साली रंडी अब कुतिया बन जा!

चाची आगे झुक कर कुतिया बन गयी और बोली- आ जा मेरे कुत्ते, चोद अपनी कुतिया को!

मैंने लंड एक झटके उनकी चूत में डाला और बोला- रीना डार्लिंग, आज से तू मेरी रांड है।

चाची बोली- कमीने, रंडी को प्यार से चोदऐसे न हो कि मैं चलने लायक न रहूँ।

 

यह सुनकर मैं जोर जोर से चोदने लगा और मेरी चाची रीना मुझे माँ बहन की गलियां देती रही।

थोड़ी देर बाद मैंने चाची को सीधा लिटाया, उसके ऊपर बैठ कर उसके चूचों पर एक जोर से मारा और बोला- रीना, बहन की लोड़ी, साली रांड

और उसकी एक टांग उठा कर लण्ड डाल के चोदने लगा.

 

अब तक चाची का 2 बार हो चुका था लेकिन मेरा एक बार भी नहीं हुआ था. चुदाई के साथ बातें करते करते मैंने उससे पूछा- आज तक कितनों से चुदवाया है? कितनों के बिस्तर गर्म किये?

तो चाची कहती- तुम्हारे चाचा के बाद तुझसे ही चुदवाया है, लेकिन उंगली बहुतों की फीलिंग लेकर करती थी।

 

ऐसे ही बातें करते करते हमने काफी देर तक सेक्स किया और उसके बाद सारा पानी अपनी सेक्सी रंडी कुतिया रीना चाची के मुंह में और थोड़ा ऊपर गिरा दिया जिसे वो अच्छे से चाट गयी और मेरा लंड पूरा साफ करके मुझे गले लगा लिया और बोली- इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया!

और मुझसे इसके बदले कुछ भी मांगने को बोला तो मैंने इसके बदले दो चीजें मांग ली, एक कि मैं जब भी चाहूँ, चाची को चोद सकता हूँ और दूसरा उसकी बेटी को उसके साथ चोदने का वादा ले लिया, जिसे चाची ने खुद पूरा किया। अब हम जब भी मौका मिलता है तो सेक्स करते हैं। उसके बाद चाची में अपनी बेटी को मुझसे चुदवा कर मुझे बहनचोद बना दिया।

  

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भाभी के भाइयों मुझे मिलकर चोदा

हेलो दोस्तों  मेरा नाम रितिका है आज मैं आप लोगों को अपनी जिन्दगी की सच्ची घटना बताने जा रही होपहले मै आप लोगों को अपने बारे में बता दूं मै दिल्ली से बिलोंग करती हूँ और अभी एक बड़ी कम्पनी में जॉब कर रही हूँ वैसे तो लड़कियां अपनी उम्र किसी को सही बताती नही हैं फिर भी मैं बता देती हूँ मेरी उम्र अभी सिर्फ 23 साल है और अभी मेरे ऊपर बस जवानी का खुमार छाया है वैसे मै आप लोगों को बता दूँ कि मै थोड़ी हॉर्नी किस्म की लड़की हूँ


इसी लिए मेरे जवान होते ही मेरी सेक्स लाइफ शुरू हो गई थी पहली बार मुझे मेरे बॉय फ्रंड ने एक होटल के कमरे में ले जाकर चोदा था उस डिब उसने मेरी सील तोड़ कर मुझे पूरी तरीके से जवान बना दिया था अब तो बस मुझे लंड काफी भूख रहती है कि काब्व मुझे लंड मिले और मैं जन्न्स्त की सैर करूँ अब थोडा अपने फिगर के बारे में भी तो बता दूँ मेरे बूब्स ज्यादा बड़े नही है एससी लिए मैंने इन्हे खूब दबाती और दबवाती हूँ मेरी गांड तो लंड ले ले कर उठा गई है

 

चलिए अब बात करते है अपनी कहानी के बारे में ये तब की बात है  तब मै अभी कॉलेज लाइफ में थी मेरे घर में एक शादी हुई वो भी मेरे भाई की मैं तो बहुत ही खुश थी मैंने अच्छे से अपना मेक अप करवाया था अच्छे अच्छे कपड़े खरीदे थे एक खूब महंगा लहंगा भी लिया था जिसे मैं शादी के दिन पहनने वाली थी शादी का वो दिन आ गया मैं बारात में भी गई थी जिद करके वहां हमने खूब नाचा मै जब नाच रही थी तो कुछ लड़के मुझे घूर रहे थे आखिर मै लग ही इतनी सुंदर रही थी बाद में पता चला की वो मेरे भाभी के भाई हैं

बारात पहुंची सब खाने पर जुट गए वो लड़के अभी भी मुझे ही देखे जा रहे थे वैसे तो मैं भी एक ऐसे ही लड़के की तलाश में थी जो मुझे अपनी लंड की मस्त सवारी करा सकेवैसे वो चारो भी कम नही थे एक से बढ़ कर एक हैण्डसम सब के सब एक दम बॉडी बिल्डर लग रहे थे अब तो मेरे मन में भी यही आ रहा था कि इनमे से एक का भी लंडलेने का मौका मिल जाता तो मज़ा आ जाताखाना पीना खाने के बाद जयमाल का प्रोग्राम था सब फोटो खिचवा रहे थे उन लडको में से एक मेरे पास आया और बोला आप बहुत ही हॉट लग रही हो

 

मैंने कहा थैंक्स और मुस्कुरा दी वो वहां से चला गया थोड़ी देर बाद शादी की रस्मे शुरू हो गई कुछ लोग सो गए थे तो बाकि लोग शादी देख रहे थे मै अब बोर होने लगी थी इसी लिए मैं बाहर आ गई तो देखा कि वो लड़के एक कार के पास खड़े हो कर शराब पी रहे थे उन लोगों ने मुझे देखा तो पुछा कि क्या हुआ तो मैंने कहा मैं बोर हो रही हूँ तो वो बोले चलिए हम आपको एन्जॉय करवाते हैं आखिर आप हमारी मेहमान जो हैं मैं मुस्कुराई उन्होंने शराब पीने को कहा पहले तो मैंने मन कर दिया फिर ज्यादा जोर देने पर मैं मान गई अब मुझे थोडा नशा हो रहा था फिर वो सब बोले चलिए आप को घूमा कर लाते है फिर हम गाड़ी में बैठे और चल दिए

 

अब हम कर में बैठ गए दो लड़के मेर पास आ कर बैठ गए और दो आगे मैं बीच में बैठी थी मुझे ये तो समझ आ गया था कि ये मुझे चोदने वाले हैं लेकिन मैं भी चुदने के लिए तैयार थी अभी कुछ देर चले ही थे की एक लड़के ने मेरे बूब्स पर हांथ रख दिया तुरंत दुसरे ने मेरे लिप्स पे अपने लिप्स रख दिए मैंने भी कोई विरोध नही किया तो वो और आगे बढे और एक लड़का मेरे बूब्स को चूसने लगा मुझे भी अब मज़ा आने लगा था

फिर उन्होंने गाड़ी मोदी और एक बन्दले पर जा कर रोकी हम सब अंदर गए और फिर से शराब पीने लगे कुछ देर बाद वो सब लड़के मुझे किस करने लगे मैं तो बस सातवी आसमान पर थी उन्होने मेरे सारे कपड़े निकल दिए और अब मै सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी उस दिन मैंने ब्लैक कलर की ब्रा और पिंक कलर की पैंटी पहनी हुई थी तभी उनमे से एक ने मेरी ब्रा पैंटी भी खींच कर निकल दिया  मुझे नंगा देख कर उनके मुंह से सिसकिया निकलने लगी

 

फिर क्या था सब ने अपने भी कपड़े निकलना शुरू कर दिया और फिर सब के सब नंगे हो गए अब फिर से वो मेरे पास आये और मेरे शरीर पर कुत्तों के तरह जुट गए फिर सबने मुझे नीचे बिठा दिया और अपना अपना लंड मेरे मुंह के सामने कर दिया मै एक एक कर सबका लंड चूसने लगी सब ने मुझे तकरीबन 15 मिनट तक अच्छे से चुसवाया और मुझे लेकर बेड रूम में गए अबएक लड़के ने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और एक दम जोर से झटका दिया

 

उसका पूरा लंड मेरी चूत में था मुझे बहुत दर्द हो रहा थाआखिर उसका लंड भी तो बड़ा था मेरी आंखों से आंसू आ गए  फिर वो झटके देने लगा मुझे भी मज़ा आ रहा था मैं आःह्ह्हआह्ह्हह्ह.. कर के उनका साथ दे रही थीवो मुझे एक दम रंडियों की तरह चोद रहा था वो हटा तो उसके बाद बारी बारी से और तीनो ने मेरी चूत का मज़ा लिया

 

और तकरीबन 1 घंटे तक मेरी जम कर चुदाई हुई सब ने अपनी हवस पूरी तरीके से निकल ली थी अब उन्होंने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में एक लड़का लंड डालने लगा  मैं समझ गई  कि जो ये मरी गांड मरवाने की आदत है वो आज पूरी तरीके से छूट जाएगी बस फिर क्या था चारों ने फिर से उसी कर्म में मेरी गांड भी मारी मै चलने की हालत में नहीं थी इतना थक चुकी थी तो भी इनकी हवस तो अभी बाकी थी उमे से एक ने फिर से मेरी चूत में अपना लंड दे दिया  और जोर जोर से धक्के देने लगा कुछ देर तक वो मुझे ऐसे ही चोदता रहा फिर वो मेर ऊपर से हटा और अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और मेरे मुंह में ही झडगया मैं उसका सर रस पी गई फिर सबने मेरे मुह में लंड देना शुरू कर दिया फिर बारी बारी से अपना रस मेरे मुंह में छोड दिया

 

सब के सब एकदम थक के चूर हो चुके थे अब थोड़ी देर आराम से लेते रहे फिर जल्दी से मैंने नहाया और तैयार हो गई वो मेरे लिए मेरे मेक अप का सामान ले आये थे फिर मैंने एक एक कर के सबको किस किया वो सब मेरे लिए एक एक गिफ्ट भी लेकर आये थे मैं बहुत खुश हुई और फिर हम गाड़ी में बैठ कर मैरिज हाल में वापस आ गए किसी को ये खबर तक नही हुई कि मैंने अपने भैया की शादी में ही अपनी सुहागरात मना ली थी उस रात मुझे ग्रुप में सेक्स करने का अनुभव हुआ अब मैं ग्रुप में चुदाईबड़े ही मज्जे से करवाती हूँ

  

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भाई ने ब्लू फिल्म दिखा के चोदा रात भर

मेरा नाम गौरी है. मैं फाइनल एअर की स्टूडेंट हूँ. मेरा भाई भारतिया सेना मे है. वो काफ़ी सुंदर और बॉडी बिल्डर है. आज जो मैं बात आपसे शेयर कर रही हू वो 100 प्रतिशत सच्ची है, क्यों की मैं खुद अपनी बीती बात को आपसे शेर कर रही हू, क्यों की मैं देखा है नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे सब लोग अपना अपना अनुभव शेयर करते है, तो मैंने सोचा क्यों ना मैं अपनी बात शेयर करूंग जो मेरे और मेरे भाई के बीच में हुआ है. जब मैं मजा ले रही हु दूसरे की कहानी को पढ़कर तो क्यों ना मैं भी अपनी कहानी शेयर करूँ.


अब मैं आप लोगो को अपने बारे मे बताती हूँ. मैं ब्राह्मण परिवार से होने के कारण मेरा रंग गोरा होना स्वाभाविक है पर मैं कुछ ज़्यादा गोरी हूँ. मेरी साइज़ 38 30 38 है. दिखने मे मैं मस्त हूँ. कोई भी मुझे अगर आगे से देखता है वो पीछे से भी जरूर मुड़कर देखता है, आगे से सबकी नज़र मेरी चुचिओं की उभार पर होता है और पीछे वो मेरी मस्त मस्त चूतड़ को हिलते हुए देखता है.

 

मैं अपने भाई के बारे मे पहले ही आपको बता दिया है की वो इंडियन आर्मी मे है और वो साल दो साल मे छुट्टियों मे घर आया करता था. उसके आते ही गलियों की लड़कियों का हमारे घर आना जाना बहुत बढ़ जाता था.कुछ लड़कियों तो मुझे भी परेशन कर दिया था कहकर की अपने भाई को मेरे लिए पता दे ना. कितनो ने तो ये भी कहा था की एक बार तेरे भाई के हथियार(पेनिस) से मेरा गड्ढा भर जाए तो मे दुनिया की सबसे ख़ुसनसीब लड़की हूँगी.पर इतनी बातों से मेरे मॅन मे मेरे भाई के लिए बुरे ख़याल नही आए थे.

 

मुझे सेक्स मे इतनी ज़्यादा रूचि तो नही थी पर लड़कों के साथ घूमने मे मुझे बड़ा मज़ा आता था.मेरा सपना था की मैं किसी बॉडी बिल्डर, खूबसूरत लड़के के साथ लॉन्ग ड्राइव पे जाऊ, और लोगो को दिखा साकु. पर ना तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड था ना कोई ऐसा दोस्त जो मेरी ये खाविश पूरी करे.

 

एक बार मैने अपने भाई से कहा की मुझे घर बैठे आलस आ रही है, कुछ दीनो के लिए कहीं घूमने जाना चाहती हूँ, पर मम्मी पापा के साथ नही, तो भाई ने मज़ाक करते हुए कहा की अपने बॉय फ्रेंड के साथ चली जा.( हम दोनो मे ऐसी बातें चलती रहती थी). तो मैने कहा की मेरा कोई बाय्फ्रेंड नही है भैया. तो उसने बड़े प्यार से कहा तो बना ले पगली

भाई के इस रिप्लाइ से मे थोड़ी शॉक हो गई पर बात फिर नॉर्मल हो गई और उसने प्रॉमिस किया की वो जब घर आएगा छुटियों मे,तब मुझे कहीं घूमने ले जाएगा.मैं बहुत खुस हो गई और भाई के घर आने का इंतज़ार करने लगी.

 

दो महीने बाद मेरा भाई गोपाल छुट्टियों मे घर आया.घर के सभी लोग उसे मिलकर बहुत खुस हुए. मैं तो उसे देख कर हैरान हो गई. उसकी बॉडी सेम तो सेम जॉन अब्राहम के जैसी हो गई थी.

 

फिर हम गले मिले, उसने मुझे एक प्यारा सा गिफ्ट भी दिया. रात को सब खाना खाकर अपने अपने कमरे मे चले गये और मे अपने भाई के कमरे मे जाने लगी. रात के करीब 10 बजे होंगे, मैं जैसे ही दरवाजे के पास पहुचि, मैने देखा की दरवाजा खुला था और भाई कपड़े बदल रहे थे और फोन पर बात भी कर रहे थे.

 

भाई- यार यहा आए एक दिन भी नही हुआ की मैं तो अभी बोर हो गया हूँ. अब घर पर लगता है रहा ना जाएगा.

 

(फिर फोन पे सामने बाले की बात सुना)

भाई- अरे नही यार चूत तो यहाँ भी मिल जाएग्गी,पर तुम लोगों के साथ ग्रूप मे चोदना कुछ अलग ही मज़ा है.

 

मैं ये सुन कर दंग रह गई और थोड़ी हॉर्नी भी हो गई. इसका मतलब भाई आर्मी कॅंप मे अपने दोस्तों के साथ मिलकर किसी को चोदता है. इतने मे उसने अपना अंडरवियर खोलाऔर टवल कमर मे लपेट कर बातरूम की और बढ़ा. उईईई माआअ क्या था वो?????

 

मेरे भाई का औजार!!!इतना मोटा और लंबा!! मैं बहुत डर गई और तुरंत अपने कमरे मे चली आई.उस नज़ारे को मे पूरी रात भुला ना पाई और सुबह होते होते मुझे नींद आ गई.सुबह मे जब उठी तो भाई मेरे बगल मे बैठे थे.उन्होने कहा की मम्मी पापा कहीं जा रहे हैं ,तुम उनसे मिल आओ बाहर.

 

मैं तुरंत बाहर आई तो मम्मी पापा कार पर बैठ चुके थे.मैने पूछा की कहाँ जा रहे हो इतनी सुबह सुबह तो पता चला की पापा मम्मी को आँख के ऑपरेशन के लिए दिल्ली जा रहे हैं और शायद एक दो हफ्ते मे वापद आएँगे.मम्मी पापा ने कहा की हमारे आने तक तुम्हारा भाई तुम्हारा ख़याल रखेगा.

 

पहले मुझे बहुत गुस्सा आया की मम्मी पापा मुझे अकेले छोड़ के जारहे है पर मारे मान मे जैसे ही कल रात वाली बात याद आई, मे मॅन ही मॅन खुस होने लगी.उस समय तक मे खुद समझ नही पाई थी की मेरे भाई का लंड मुझे भा गया.मम्मी पापा के जाने के बाद मे घर के अंदर आई और नहाने चली गई.फिर मैने नास्ता तैयार किया और हम दोनो बातें करते करते नाश्ता करने लगे.

 

मे- भैया म्‍म्मी पापा तो चले गये!!! अब तुम मुझे घूमने कब ले जाओगे?

भाई-तो क्या हुआ? हम दोनो को ही जाना है ना घूमने?छसले जाएँगे . एक दो दिन रुक जाओ ,मे कल ही आया हूँ ,तोड़ा आराम कर लू.

 

मे- भैया !! आपका मॅन तो लग रहा है ना यहाँ?

 

भाई-अपने घर मे किसका मॅन नही लगता पगली??

 

मे- नही..यहाँ आप के दोस्त नही हैं ना कोई इसलिए पूछी.

 

भाई-तुम हो ना मेरी प्यारी सी दोस्त.

 

मे वैसे भैया ! मोहल्ले की आधी लड़कियाँ आपसे दोस्ती करना चाहती है.आप किसी को आप्बी दोस्त क्यूँ नही बना लेते..दोस्ती के बाद गफ़ भी बन जाएगी और उसके बाद ससयद आपको बीबी और मुझे भाबी भी मिल जाए.

 

भाई- इस मोहल्ले की कोई लड़की पसंद नही है मुझे.किसी की नाक टेढ़ी. .किसी की आँखे डरावनी ,कोई कोयले जैसी काली है और कोई भैंस जैसी मोटी.मेरी पसंद ऐसी नही है.

 

मे- तो आपको केसी पसंद है मेरे प्यारे भैया?

 

भाई- तुम्हारे जैसी (कहकर तोड़ा मुस्कुरा दिए)

 

(उनकी इश्स बात से मे तोड़ा सहम गई)फिर थोड़े सेक्सी अंदाज़ मे पूछा..

मे- मुझमे ऐसा क्या है भैया जो उन लड़कियों मे नही??? हां हां बताओ ज़रा.

 

भाई- अरे तू मेरी बेहन है.तुझे नही बता सकता ऐसी बातें.मेरी गफ़ या दोस्त होती तो बता देता.तू पूछ ना अपने बॉय फ्रेंड से की लड़कों को लड़कियों मे क्या अच्छा लगता है?

 

मे- मे जानती हूँ भैया की आपको क्या पसंद है.और मे ऐसी लड़की आपके लिए ढूंड निकालूंगी.

 

(ऐसा कहते हुए मे अपने रूम मे चली गई) थोड़ी देर बाद जब मे वापस डाइनिंग रूम मे आई तो भैया वहाँ नही थे. मैं सीधे उनके रूम की तरफ चली गई और दरवाजे के पास पहुँचे पहुँचते थोड़ी धीरे हो गई. मैने देखा दरवाजा अंदर से बंद था.पर डोर के होल से अंदर का नज़ारा सॉफ दिखाई पड़ता था और वहाँ की लाइट भी ओं थी.

 

मे ये देख कर हैरान हो गई की मेरा भाई मेरे पेंटी के साथ खेल रहा है. कभी नाक से सूंघटा है कभी अपने लंड मे लपेटता है..ओह ये तो पूरा सेक्स का पुजारी है और अपनी बेहन को निशाना बनाना चाहता है..

 

मुझे लगा की मैं अपने भाई से चुद सकती हु अगर कोई आईडिया आ जाये तो तभी मैं पेट दर्द का बहाना बनाया, आआह आआआह आआअह जोर जोर से करने लगी बहार भैया तुरंत दौड़कर आये और बोले क्या हुआ बहन, मैंने कहा भैया मेरे पेट में काफी दर्द हो रहा है, तो भैया बोले चलो डॉक्टर के यहाँ ले चलते है तो मैंने कहा नहीं नहीं डॉक्टर से कुछ भी नहीं होगा मेरा ये दर्द अक्सर उठ जाता है, जब ऐसा होता है तो माँ गरम सरसों का तेल मेरे पेट पे मालिश कर देती है,

 

भैया बोले मैं कर देता हु यार, क्या होगा तुम्हारी दर्द देखि नहीं जा रही है, जब भईया रसोई में तेल गरम करने गए तब तक मैंने अपना कपडा चेंज कर ली, मैंने नाईटी डाल ली नाईटी के अंदर सिर्फ पेंटी पहनी थी अब आप खुद सोचिये मेरा भाई तेल कैसे लगाएगा, मैंने ब्रा भी उतार दी थी. और पलंग पे लेट गयी.

 

भैया आये बोले अरे यार मैं कैसे लगाउँगा तेल तुम तो नाईटी पहनी है मैंने कहा कोई बात नहीं आप उधर मुह घुमाओ मैं कपड़ा ऊपर कर देती हु भैया उधर मुह घुमाए मैंने नाईटी ऊपर कर दी और अपने पेंटी के ऊपर एक तौलिया धक दिया, और बोला चलो लगाओ, और मैं झूठ मूठ का आह आह आह कर रही थी.

 

मेरा चौड़ा पेट मोटी मोटी जांघे भैया को लार टपकने पे मजबूर कर रहा था वो तेल लेके जैसे ही पेट को छुआ मैं आऊच कर गयी, मेरे शरीर का रोम रोम सिहर उठा था, मेरे तो होठ दाँतों टेल दबने लगे जैसे जैसे वो तेल लगा रहा था मेरी चूच टाइटहोने लगी और मेरे भाई का लैंड खड़ा होने लगा एक बार उसने अपना ऊँगली मेरे बूब को टच किया मैं सरमा गयी फिर वो बार बार टच करने लगा और मैं सोने का नाटक करने लगी, बाद में वो मेरे चूच के दोनों हाथो से पकड़ लिया और उसमे में तेल मालिश करने लगा, फिर वो मेरे पेंटी के निचे भी हाथ डाल के तेल लगाने लगा, तभी मैंने आँखे खोल दी और बोला भैया ये क्या? तो भइया एक ऊँगली होठ पे रखा और बोला श्ह्ह्ह्ह्ह्ह मैंने चुप हो गयी उसने मेरी पेंटी उतार दी. और नाईटी भी बाहर कर दिया वो भी नंगा हो गया और मैंने तो पूरी नंगी थी ही.

 

मेरे चूत को वो चाटने लगा और अपने हाथो से बूब को मसलने लगा मैंने हॉर्नी हो गयी और बोली अब देर मत कर उसने अपना लण्ड निकाला और मेरे बूर के मुह पे अपने लण्ड का सुपाड़ा रखा और एक ही धक्के में पेल दिया मैंने दर्द से कराहने लगी और वो फिर धीरे धीरे चोदने लगा फिर क्या था उसने लैपटॉप में ब्लू फिल्म का वीडियो चला लिया और उसने काम सूत्र में जिनते पोजीशन थे सब को बारी बार से किया, मुझे रात भर चोदा मैंने सुबह सुबह बहुत हल्का महसूस कर रही थी, भैया बोले बहन तुम नहा लो हम दोनों फिर से ब्लू फिल्म देखने बाले है. आपको ये कहानी कैसी लगी जरूर बताएं, मेरे भैया तो फिर से चले जायेगे अगर कोई मेरी प्यास को बुझा सकता है तो कमेंट करो मैं फ़ोन सेक्स के लिए तैयार हु.

  

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प्यासी भाभी को चोद कर माँ बनाया

हेल्लो फ्रेंड्स आप सभी का स्वागत है आपके भाई अनुपम की पेज पर सबसे पहले मैं आपको अपना परिचय दे देना उचित समझता हूँ  क्यूंकि बिना परिचय के तो अभी शादी भी नहीं होती है मेरा नाम अनुपम है और मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूँ मेरी उम्र अभी २१ वर्ष है मेरे परिवार में अभी मेरे अलावा मेरे माता पिता और एक भाई है भाई के विवाह को चार वर्ष हो गए है और उनकी कोई संतान नहीं है  


मेरी बॉडी स्ट्रक्चर सॉलिड है और घर में सबसे छोटा होने के कारन सब मुझसे बहुत ज्यादा स्नेह करते है में वेसे तो रहने वाला भोपाल का हूँ मगर आगे की पदाई के लिए मुझे पुणे भेज दिया गया वहा पर में अपनी पढाई में बिज़ी हो गया और घर की तरफ से बिलकुल बेफिक्र हो गया

 

उम्मीद पूरी हे कि आप यहाँ तक बोरियत महसूस कर रहे होंगे मगर इसके बाद जो कुछ हुआ उसके बाद आप खुद इस आपबीती को आगे तक पड़ने के लिए मजबूर हो सकते हे

 

गर्मियों की छुट्टी में मै अपने घर आया पर वह पर मुझे कुछ ज्यादा नया नहीं लगा मगर कुछ दिन बाद मुझे कुछ असहज महसूस होने लगा क्योकि मेरी भाभी मेरे से कुछ ज्यादा खुलने लगी थी मगर में लिहाज के कारन कुछ कर नहीं सकता था यह आर या पार वाली स्थिति थी कुछ करो तो दिक्कत न करो तो दिक्कत फिर मैंने दिमाग से काम लिया और भाभी से थोडा दूर होने लगा फिर मैरी गर्मी की छुट्टी भी ख़तम हो गई थी तो मैं पढाई के लिए पुणे चला गया और अपनी पढाई चालू कर दीफिर सब कुछ ठीक सा लग रहा था फिर एक दिन भाभी का फ़ोन आया और मुझसे पूछने लगी कसे हो आप और आपकी पढाई केसी चल रही है? आपकी घर कब आ रहे हो? आपकी बहुत याद आती मुझे और भी मीठी मीठी बाते जिसे मेरा मन भी उनकी और लगने लगा और भाभी से रोज फ़ोन पे बात होने लगी

 

इससे मेरा मन पढाई मैं कम लगने लगा और फिर दिन हो या रात पुरे दिन मुझे भाभी के ही ख्याल आते रहते थे मुझे घर जने की बहुत मन होने लगा और में स्कूल से छुट्टी लेकर भाभी से मिलने घर चला गया घर पहुचते ही जेसे भाभी ने मुझे देखा तो वो बहुत खुश हो गयी उस समय मम्मी पापा भैया के साथ मंदिर गए थे फिर भाभी ने मुझे पानी चाय नास्ता दिया नास्ता देते समय मुझे देखकर खूब मुस्कुरा रही थी में भी उन्हें देखकर मुस्कुरा रहा था फिर मम्मी पापा मंदिर से आ गए में उनसे मिला और भैया से मिला सब बहुत खुश थे और फिर मैं अपने कमरे में चला गया और सो गया उसके बाद दोपहर हो गयी और मैं सो ही रहा था तभी भाभी मैरे कमरे पर मैरे लिए खाना लेकर आई

 

उस समय मैं बिलकुल अनजान था पर इतना पता था की लड़के और लड़की के बीच में कुछ शरारत होती है मतलब आप आप ये समझ लो कि अगर कोई मुझे हाथ देगा तो में उसके सर पे चढ़ जाऊंगा में ऐसा इंसान हूँ| भाभी एक पटाखा है ये में जानता हूँ और मेरा भैया गांडू है में ये भी जनता हूँ मतलब अगर मेरी ऐसी बीवी होती तो में उसे अकेले रहने ही नहीं देता|

खेर अब क्या कर सकते हैं हाथ आया मौका केसे जाने दें तो भाभी मेरे बिस्तर पर थी और में उनकी गोद में| वो अपने हांथों से खाना खिलाती और में उनकी नमकीन उँगलियाँ चूसने लगता उन्हें भी बड़ा मज़ा अत पर वो शर्मा के मुस्कुरा देती| में समझ गया था कि भैया कुछ कर नहीं पाए है पर में जल्दबाजी नहीं करना चाहता था फिर मैंने सोचा क्यों न कुछ अलग किया जाए और कुछ चीज़े का मज़ा धीरे धेरे ही आता है

 

में भाभी से गन्दी गन्दी बातें करने लगा और वो भी उत्सुकता के साथ मेरा साथ देती थी दोस्तों में आपको बता दू की भाभी उतनी गोरी नहीं थीं पर उनका बदन बिलकुल मलाई जैसा अगर हाथ रखो तो फिसल जाये| हम लोग ये साड़ी चीज़े अपने कमरे में ही करते थे ताकि कोई सुन न ले एक दिन हम दोनों बात कर रहे थें और मैंने पूछा भाभी एक लड़का और लड़की आपस में क्या करते हैं ? उन्होंने कहा प्यार मैंने पुछा और क्या करते हैं उनके गालो पे जो हया थी उसके क्या कहने धीरे से मेरे कान के पास आके कहा चुदाई उफ्फ्फफ्फ्फ़ जब उनके होंठो ने मेरे कानों को छुआ तो मुझे एक नया सा एहसास मिला

 

आआआह्ह्ह्ह भाभी एक बार और करो न मुझे अच्छा लगा भाभी ने किया ओर मैंने उन्हें अपनी बाहो में भर लिया उनकी कमर पे हाथ रखके उनके बदन की गर्मी को महसूस करने लगा ऐसा मज़ा मुझे जिंदगी में और कभी नहीं आया फिर क्या था मुझे पता चल गया था की उनके बदन की भूंख को मुझे मिटाना है उनके शरीर की वो मादक खुशबू मुझे दीवाना बना रही थी और में अब उनसे चिपक्न्बे का मौका नहीं छोड़ता था उनके बड़े दूध और नाभि में मेरी उंगलिया जाती और वो मचा उठती मेरे साथ उन्हें भी मज़ा आने लगा था और अब वो भैया के साथ बहार भी नहीं जाती थी पर अब समय था की में उनके बदन को पूरा नंगा देखूँ और वो समय भी ज्यादा दूर नहीं था

 

हम लोग कमरे में एक दुसरे को चूम रहे थे इतने में ही मम्मी की आवाज़ आयी मुझे लगा मेरे स्कूल से फ़ोन आया है और मेरे लोडे लगने वालें है फिर भी भाभी ने मुझे एक जोर का किस किआ और भेज दिया में नीचे गया तो वहाँ सब बैठे थे और कुछ सामान रखा था| तभी भैया ने कहा हम दस दिनों के लिए बहार जा रहे है तुम अपनी भाभी का आचे से ख्याल रखना मेरे मुह पर कमीनापन और हवास साफ दिख रही थी पर मैंने खुद को सँभालते हुए कहा ठीक है आप लोग हो आओ

 

भाभी सब के जाने के बाद नीचे आयी और मुझे कहा की चलो अब तैयार हो जाओ मुझे खुश करने के लिएआज चोदुंगा आपको घोड़े की तरह आओ मेरा लंड चूस लो पके हुए आम की तरहयह शायरी मैंने भाभी को कहा

 

मेरी चूत में लगी है आग और शाम भी है सुहानी आओ मेरी चूत को भोसड़ा बना दो और याद दिला दो मुझे मेरी नानी

 

खाना खाया हम दोनों ने और कमरे में गए भाभी ने मस्त साडी पहनी थी और मुझे कपडे उतरने में बड़ा मज़ा आता है खासकर ब्रा और चड्डी

 

हम दोनों ने पहले किस्सिंग से शुरू किआ और धीरे से मैंने भाभी के कान पे काट दिया क्यूंकि इससे लड़कियां जल्दी गरम हो ती है आआआह्ह्ह्ह ये क्या कर रहे हो पता है न में कई दिनों से प्यासी हूँ| इसलिए तो किआ भाभी अब मैंने उनकी साडी और ब्रा उतर दिया था और बड़े स्तन और मोटे निप्पल मेरे सामने थे मन कर रहा था उन्हें चूस के खली कर दूँ मैंने धीरे धीरे उन्हें दबाया और चूसना शुरू किया| भाभी मेरे लंड को मेरे लोवर के ऊपर से मसल रही थी वो पूरी गरम थी और ये समय था अपने लुंड के दर्शन करवाने का

 

मैंने अपना लंड खोल के उन्हें दिखाया जो कि पूरा खड़ा हुआ था यार ये लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा है ये तो मेरी चूत फाड़ देगा मैंने कहा हां और आपको जन्नत की सैर करवाएगा उन्होंने न कुछ सोचा और न ही समझा और झट से मेरा लंड अपने मुह में ले लिया उम्म्मम्म्म्म बड़ा मस्त है ऊओहह ऐकारते हुए बोहत जोर से चूसा और में पांच मिनट बाद उनके मुह में झड गया वो मेरा पुता मुट्ठ पी गयी और कहा ऐसा स्वादिष्ट मुट्ठ मैंने आज तक नहीं चखा और तुम्हरे भैया का लंड तो छोटा सा है

 

मैंने उनकी चूत को चाट चाट के लाल कर दिया और अब वो भी झड गई थी ऊमम्म्म अब मत रुको मेरीचूत में अपना बड़ा लुंड डाल दो और दिनभर बस चोदते रहो मैंने भी अपना लुंड उसकी चूत के छेद पे रखा और एक जोर का धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर डाला उसकी आँखों से आंसू नकल गए पर वो बोली जोर से चोद मादरचोद आआआह्ह्ह्ह उम्म्मम्म्म्म आआआह्ह्ह्ह मज़ा अ रहा है फाड़ दे मेरी सबुर को भडवे| मैंने भी कहा रुक रांड तेरी बुर को भोसड़ा बनाता हूँ

 

मेंने भाभी को दिनभर चोदा और उसकी चूत से दस बार पानी निकला| भाभी अब थक गई थी पर मेरा लंड अभी भी खड़ा था मैंने कहा भाभी अब क्या करूँ भाभी बोली और क्या करेगा चोद मुझे मैंने फिर भाभी को एक घन्टे चोदा वो बेचारी चुद चुद के पागल हो गई थी पर उसे असली सुख मिला था ऐसे ही मैंने उन्हें पुरे दस दिन तक चोदा पीरियड में भी और वो माँ बन गई हुमक्सर चुदाई करते है और मेरी वजह से वो खुश रहने लगी हैं में भी खुश रहता हु क्यूंकि उनकी चूत का पानी बड़ा स्वादिष्ट है 

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आंटी और उसकी बेटियों की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, यह 4 साल पहले की बात है, में एक कॉलोनी में रहता था जहाँ कमला आंटी नई रहने  आई थी। तब मुझे पता चला कि वो विधवा है और उसके दो बेटियाँ है, तब में उसको पसंद नहीं करता था, लेकिन उसने मेरे घरवालों से दोस्ती कर ली थी और मुझे अपना भाई बना लिया था, तब से में कमला आंटी को अक्का कह कर बुलाता था और वो इडली का बिजनस करती थी। हमारे पूरे टाउन में वो और उसका इडली मशहूर था, लेकिन में तब भी उसे पसंद नहीं करता था।


लेकिन फिर वो धीरे-धीरे जब भी मेरे घर आती थी, वो अपने आपको इस तरह से सजाकर आती थी कि मुझे उसे देखना पड़ जाता था, वो अपनी साड़ी का पल्लू बार-बार गिरा-गिरा के रखती थी, लेकिन एक दिन मैंने उसे नहाकर आते हुए टॉवल लपेटे हुए उसके घर में देख लिया और मुझे वो एक सेकेंड के लिए इतनी सेक्सी लगी कि मैंने अपने घर जा कर मुठ मार लिया, तब से वो रोजाना सेक्सी-सेक्सी साड़ी और नाइटी पहनकर रहती थी और में रोजाना मुठ मारता था।

 

फिर एक दिन में उसके साथ एक ही ट्रेन में आ रहा था और में उसके कंधे पर अपना सिर रखकर सो गया। फिर जब ट्रेन से उतरने का टाईम आया तो मैंने अपने लंड को उसकी गांड के साथ सटा कर रखा और उसने मुझे देखा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली। फिर मैंने सोचा कि उसे अच्छा लगा होगा, फिर एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था, तब में घर में अकेला था सब मुझे छोड़कर बाहर गये हुए थे, क्योंकि मुझे उस टाईम 12वीं क्लास की परीक्षा देनी थी। अब वो मुझे मेरे घर पर खाना देने आती थी, तब मैंने उससे बोला कि वो मेरे घर जब तक सब नहीं आ जाते तब तक सोए, तो वो मान गयी।

 

फिर एक दिन वो लाल साड़ी में सेक्सी बनकर सोने आई और आकर सीधे अपने कमरे में सो गयी और में दूसरे रूम में सोकर उसके बारे में सोचकर मुठ मार रहा था। तब वो टायलेट जाने के लिए उठी और टी.वी की लाईट जलती देख मेरे रूम में आई, तो उसने देखा कि में मुठ मार रहा था। फिर वो चुपचाप जाकर अपने कमरे में सो गयी और मैंने उसे देखा नहीं कि उसने मुझे देख लिया है। फिर थोड़ी रात हो जाने के बाद में उसके बगल में जाकर सो गया और उसके बूब्स कोदबाया और गांड में अपने लंड को सटा कर सो गया।

फिर थोड़ी देर तक उसके साथ सो कर में फिर उठकर अपने बेड पर चला गया, लेकिन में सर्प्राइज़ हो गया कि इतना कुछ करने के बाद भी उसकी तरफ से कोई सिग्नल नहीं था। फिर एक दिन मुझे शॉक लगा कि उसका घर चेंज हो गया है, अब वो हमारे घर से 5 मीटर की दूरी के एक घर में रहती थी।

 

अब मुझे थोड़ा दुख भी हुआ कि अब में उसे रोजाना नहीं देख सकता हूँ, लेकिन मुझे खुशी भी हुई कि वो इतनी दूर चली गयी है, वहाँ बहुत सन्नाटा है और अगर में उसके यहाँ जाता भी हूँ तो मुझे कोई देख भी नहीं सकता है। फिर अचानक एक दिन ऐसा हुआ कि वो मेरी पसंद की एक सफ़ेद कलर की साड़ी पहनकर मेरे घर आई।

तब में उसे देखकर आउट ऑफ कंट्रोल हो गया तो मैंने उस दिन डिसाइड कर लिया कि आज में उसे किसी भी हालत में चोद दूँगा और फिर मैंने उसका पीछा किया। फिर जब वो मेरे घर से निकली तो उसने मुझे देख भी लिया। फिर में उसके बगल में जाकर उसके साथ चलने लगा तो उसने मुझसे पूछा कि भाई कुछ काम है क्या? मेरे साथ जा रहा है, तो में बोला कि नहीं अक्का में बोर हो रहा था तो घूमने निकल गया और आपको जाते देखकर आपके पीछे आ गया।

फिर हम लोग उसके घर पहुँचे, अब में उसको बाय बोलकर निकल ही रहा था कि उसने बोला कि आओ घर पर कुछ स्नेक्स ख़ा कर जाना तो में अंदर चला गया और देखा तो घर में उसकी दोनोंबेटियाँ कोचिंग जाने वाली थी और वो तब ही कोचिंग गयी थी। फिर में अंदर गया और टी.वी देखने लगा। तभी वो किचन में गयी और मैंने उसके पीछे जाकर उसे पीछे से पकड़ लिया। उसने बोला कि छोड़ो, में बोला कि नहीं बहुत दिन तक रोक लिया आज नहीं, आज कुछ हो जाने दो। फिर उसने बोला कि मैंने तुम्हें अपने भाई जैसा देखा है, तो मैंने बोला कि नहीं आज कुछ नहीं, सिर्फ़ हम और तुम है। 

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चचेरी बहन की चूत का पानी निकाला

मेरा नाम कुशाग्र है मैं लखनऊ में रहता है, मैं 21 साल का हु, मुझे एडल्ट मूवी देखना बहुत अच्छा लगता है, और सेक्स की कहानियां पढ़ना काफी अच्छा लगता है. मैं रोज रोज एडल्ट मूवी देखता हु, मैं आज तक कभी किसी भी लड़की की चुदाई नहीं पर मन बहुत करता था, अब मेरी ये तमन्ना पूरी हो गयी है, क्यों की कल ही मैंने अपने चचेरी बहन शिल्पा की चुदाई की है वो भी बड़े ही फिल्मी स्टाइल में, क्यों की मैं काफी कुछ एडल्ट मूवी देख के सिख गया हु, कैसे लण्ड घुसाते है कैसे चूत को चाटते है, सबसे बढ़िया तरीका कौन सा होता है चुदाई करने के लिए.


मेरे मम्मी पापा दोनों मामा जी की यहाँ गए थे क्यों की मेरी नानी की तबियत खराब थी, तो मैं घर पे अकेला था, मेरे पापा दो भाई है, बड़े चाचा बगल बाले घर पे रहते है, उनकी बेटी यानी की मेरी चचेरी बहन शिल्पा बहुत ही खूबसूरतहै, वो मेरे से एक साल बड़ी है, पर अभी शादी नहीं हुई है वो पढाई कर रही है, तभी मेरा दरवाजा किसी ने खटखटाया, मैं जाके देखा तो शिल्पा थी, बोली कुशाग्र चाची है, मैंने कहा नहीं वो तो मामा जी के यहाँ गए है, तो बोली अरे यार मम्मी भेजी है, बोली जा चाची के यहाँ से चीनी ले आ, तो मैंने कहा कोई बात नहीं मैं दे देता हु, वो अंदर आ गई और मैं चीनी लेने रसोई में चला गया.

 

मैं रसोई में से चीनी लेके बाहर आया तो देखा की शिल्पा मेरे लैपटॉप के सामने बैठी थी, मैं सोफे ऑफ़ बैठ के एडल्टमूवी लैपटॉप पे देख रहा था और बंद करना भूल गया, मैं बहुत हड़बड़ा गया था, मैं झट से लैपटॉप को बंद किया और बोला सॉरी, गलती से चालू ही रह गया, मैं डर गया था, पर शिल्पा मुझे तिरछी नजर से देख रही थी, और अपने होठ पे दांत को दबा रही थी, ऐसा लग रहा था वो सेक्स की नशे में आ गई थी, तभी शिल्पा बोली क्या तुम्हे ये मूवी अच्छा लगता है, मैंने कहा हां, तो वो बोली मुझे भी बहुत अछा लगता है, चालू कर ना सुरु से, मैंने स्टार्टिंग से मूवी को चालु कर दिया, वो मेरे साथ बैठ गयी सट के और हम दोनों मूवी देखने लगे,

 

धीरे धीरे शिल्पा ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया फिर वो मेरे में लिपट गयी, उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरे साइन से चिपक गयी, मैं शिल्पा के होठ पे किश कर लिया, वो भी मुझे किश कर रही थी, फिर मैंने उसके टॉप को ऊपर कर दिया और बड़ी बड़ी मदमस्त चूचियाँ दबाने लगा, हम दोनों मूवी भी देख रहे थे और एक दूसरे को किश करते हुए वो मेरे लण्ड को सहला रही थी और मैंने उसके चूची को सहला रहा था,

मैंने कहा चाची चीनी का इंतज़ार कर रही होगी, तो शिल्पा बोली वो तो मैंने झूठ बोला था, मम्मी पापा दोनों गाँव गए है, रात को आयेगे, इतना सुनते हु, मैंने उसके कपडे उतार दिए, ब्रा का हुक भी पीछे से खोल दिया बड़ी बड़ी चूचियाँ मेरे सामने झूल रहे थे, मैंने एक एक करके दोनों चूचियों को मुह में ले रहा था, और दबा रहा था शिल्पा सिर्फ आअह आआह आआह आआह कर रही थी,

 

फिर दोनों लैपटॉप लेके बैडरूम में आ गए लैपटॉप का वॉल्यूम थोड़ा और बढ़ा दिया, और दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, यानी की मैंने उसके चूत को चाट रहा था और वो मेरे लण्ड को अपने मुह में लेके चाट रही थी, मैंने उसके क्लीन शेव चूत को खूब चाटा उसके बाद मैंने अपनी एक ऊँगली उसके चूत में घुसा के अंदर बाहर करने लगा ये सिलसिला करीब १५ मिनट तक किया, क्या बताऊँ दोस्त शिल्पा के मुह में आआह आआअह आआअह आआअह आआअहाआ की आवाज़ निकल रही थी और वो वाइल्ड तरीके की कर रही थी, हरेक तीन से चार मिनट में वो अपने चूत की पानीछोड़ रही थी, जैसे ही वो पानी छोड़ती मैं फटाफट चाट जाता. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

 

फिर मैंने उसको किश करने लगा और बूब को दबाने लगा, शिल्पा बोली कुशाग्र अब मुझे मत तड़पाओ प्लीज, मेरा चूत तेरे लण्ड को पाने के लिए बेक़रार है, मैंने भी अपने लण्ड को दो बार हिलाया मेरा लण्ड करीब 8 इंच का हो चूका था, और सलामी दे रहा था, मेरा लण्ड भी शिल्पा के चूत में जाने को बेक़रार था, मैंने शिल्पा के दोनों टांग को फैलाकर अपने दोनों कंधे पे लिया और अपना लण्ड उसके चूत के सामने रखा, फिर एक झटका दिया, मेरा लण्ड पूरा उसके चूत में चला गया था, फिर वो गांड उठा उठा के चुदवाने लगी,

 

फिर मैंने शिल्पा को घोड़ी बना और मैंने मैं कुत्ते की तरह हो गया और चोदने लगा, करीब मेरी और शिल्पा की चुदाई २ घंटे तक चली थी, इस बीच मैं दो बार झड़ चुका था पर उससे छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था, इसलिए जैसे ही मैं उसको छेड़ता मेरा लण्ड फिर से तैयार हो जाता, और मैं शिल्पा की चूत में ऊँगली घुसाता और अंदर बाहर करता और जीभ घुसता उसका भी चूत पानी पानी हो जाता, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.

  

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दोनों बहनों को जीजाजी ने रजाई के अंदर चोदा

मैं ख़ुशी २२ साल की हु और मेरी छोटी बहन २१ साल की है जिसका नाम है प्रिया, मेरी दीदी कविता जो की २४ साल की है उनकी शादी पिछले साल ही हुई है, जीजा जी बड़े भी कमीने है, क्यों की शादी के बाद से ही वो हम दोनों बहनो की अमोली (छोटी छोटी चूत) को दबा देते थे पहले तो हम दोनों को गुस्सा आता था पर धीरे धीरे हम दोनों बहनो को अच्छा लगने लगा, पर मेरी कविता दीदी को ये सब अच्छा नहीं लगता था, कविता दीदी भी सही थी क्यों की किसी का पति अगर कही मुह मारे तो गुस्सा आएगा ही. पर हम दोनों बहनो को मजा आने लगा था.


जीजू बड़े ही हॉट है, जब वो मेरी चूतड़ पे चुट्टी काटते थे तो दर्द तो होता था पर उस दर्द का एहसास अलग ही होता था, लगता था कभी वो मेरी पेंटी में भी हाथ डालते, पर माँ का स्ट्रिक्ट पहरा होता था शायद मेरी माँ को पता था की दूल्हा हरामी है, कही मेरी बेटी पर हाथ ना साफ़ कर दे, इस वजह से उनका हाथ मेरी ब्रा के अंदर तक तो आराम से जाता था जब जब मौक़ा मिलता था

मैं अब आपको बताती हु, की कब ऐसा मौक़ा आया था की हम दोनों बहन चुद गए थे जीजा जी से, एक दिन की बात है, जीजा जी कोलकाता आये थे किसी काम से, दीदी और जीजा जी दिल्ली में रहते है, तो दुर्गापुर आ गए हम दोनों से मिलने के लिए, शाम को ७ बजे पहुंचे थे, usi दिन मम्मी और पापा दोनों भिलाई के लिए निकल गए थे क्यों की वह मेरे लिए लड़का देखने जाना था शादी के लिए, और वो एक दिन बाद आते, जीजा जी को जैसे ही पता चला की मम्मी आज ही गई है, तो वो बहुत ही खुश हो गए, ख़ुशी तो हमदोनो को भी हुई क्यों की हम दोनों भी कही से भी काम नहीं थे हम दोनों की जवानी लपलपा रही थी. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

 

रात को ८ बजे का शो देखने गए पास ही में सिनेमा हाल था, बीच में जीजू थे अगल बगल हम दोनों बहने चूचियाँ तो वही से दबानी शुरू हो गई थी, वो ढाई घंटे में तो दोनों के चूत से गरम गरम पानी निकलने लगा था, मन तो कर रहा था जीजू के पेंट का ज़िप खोल कर वही लंड को मुह में ले लू, या तो उनके गोद में बैठ के पूरा का पूरा लंड अपने चूत में डाल लू, पर कोई बात नहीं हमलोग ग्यारह बजे तक घर आ गए खाना तो बाहर ही खा लिए थे, अब हमलोग को सोना था, तो सोये कहा कहा रजाई एक ही बाहर थी, बाकि ट्रंक में था, माँ चाभी ले के चली गई थी, ठण्ड की रात थी, तो हमलोग एक ही रजाई में सो गए, बीच में जीजू और साइड में हम दोनों,

 

जीजू पहले मेरी छोटी बहन के तरफ घूम कर सो गए थोड़ी देर बाद प्रिया के मुह से आअह आआअह आआअह आअअअह्अअअअह् की आवाज निकलने लगी, मैंने तुरंत ही रजाई हटा दी देखि की प्रिया टॉप लेस्स थी उसकी बड़ी बड़ी दोनों चूचियाँ खुली हुई थी और जीजू निप्पल को मसल रहे रहे, थे, उसके बाद मैं जीजू को बोली ये गलत है जीजू, मैं बड़ी हु, पहले मुझे ऐसा करो, तो प्रिया बोली दीदी देखो मुझे जोश आ गया है मजा मत किरकिरा करो, तो जीजू ने कहा देखो रात अपनी है, और कोई घर में है नहीं क्यों ना खूब मजे करे, और दोनों को एक साथ चुदाई करें.

 

ठण्ड ज्यादा थी, फिर से रजाई के अंदर चले गए और फिर मैंने अपना पूरा कपड़ा उतार दिया, प्रिया भी सारे कपडे उतार दी, फिर क्या था जीजू के कपडे हम दोनों मिलकर एक एक कर उतार दिए, हम तीनो अब एक ही रजाई में नंगे थे, और हम तीनो एक दूसरे को किश कर रहे था, जीजू मेरी चूचियाँ दबाते और कभी पीते कभी पीरा का निप्पल दबाते कभी पीते, उसके बाद तो वो प्रिया के ऊपर चढ़ गए और प्रिया के दोनों पैर को अलग अलग कर के, लंड चूत के बीच में रख के, कस के धक्का मारा, तब भी चूत के अंदर लंड नहीं गया, पर प्रिया की जान निकलने लगी काफी दर्द होने लगा वो रोने लगी, फिर मैंने प्रिया को सहलाया और प्रिया के चूची को भी सहलाया और जीजू ने फिर से तरय किया और लंड पूरा चूत के अंदर डाल दिया, अब जीजू जोर जोर से प्रिया को चोदने लगे.

 

मैंने अपना चूत जीजा से चटवाने लगी, वो प्रिया को चोद रहे थे और मेरी चूत को चाट रहे था और मैं प्रिया के बूब को दबा रही थी, उसके बाद मैं लेट गई और जीजू मेरे ऊपर चढ़ गए, वो मेरी चूत में ऊँगली डालने लगे और एक हाथ से चूची को मसलने लगे, मैं आह आह कर रही थी, प्रिया जीजू के गांड में अपनी चूची सटा रही थी, फिर जीजू अपना लंड मेरे चूत में डाल दिया, और चोदने लगे, क्या बताऊँ यारों कभी वो मुझे चोदते कभी प्रिया को चोदते, रात भर यही चुदाई का खेल चलता रहा. रात भर एक रजाई के अंदर हम दोनों बहनो की चूत को फाड़ दिया था जीजू ने, उसके बाद सुबह से उनको निकलना था, वो एक बार फिर हम दोनों बहनो को चोदा और फिर चले गए.

  

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मेरी दीदी ने डॉक्टर से चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनुप है. दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची घटना बनाते जा रहा हूँ. यह मेरी बहन के बारे में है और उसका नाम अल्का है. दोस्तों अल्का मुझसे उम्र में 7 साल बड़ी है और उसकी शादी भी हो चुकी है और उसके दो लड़कियाँ भी है. उसकी शादी से पहले उसका एक लड़के के साथ चक्कर था जिसके बारे में मेरे घर पर सभी घरवालों को पता चल गया और उसी बात की वजह से उसकी शादी जल्द ही मेरे बहुत दूर के रिश्ते में मामा के बेटे से करावा दी थी.


उसका फिगर दिखने में बहुत अच्छा है और हर कोई उसके मस्त बड़े बड़े बूब्स, मोटी गांड गोल चेहरे को देखकर उसका दीवाना हो जाता था. दोस्तों यह बात तब की है जब मेरे चाचाजी का स्वर्गवास हो गया था और अल्का दीदी अपने परिवार के साथ वहां पर बैठने के लिए आई थी. दो दिन रहने के बाद जीजू बेटियों के साथ वापस चले गये और अल्का दीदी हमारे साथ हमारे घर पर रुक गई और करीब 7 दिन बाद उनको अचानक से एक दिन अपनी कमर में दर्द होना शुरू हो गया. तब माँ ने उसे पड़ोस वाले एक डॉक्टर के पास जाने के लिए बोला. वो डॉक्टर पास के एक गावं में सरकारी अस्पताल का ऑफिसर था और वो अपने घर पर भी अपना एक क्लिनिक चला रहा था.

 

एक दिन में जब अपने कॉलेज से वापस आ रहा था तो मैंने अपनी अल्का दीदी को डॉक्टर के क्लिनिक में जाते हुए देखा. दोस्तों उस डॉक्टर और मेरी चाची की चुदाई मैंने कई बार देखी थी. मेरी चाची का नाम वर्षा है और वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ भी है उस डॉक्टर की उम्र करीब 40 के आसपास थी. अब में अपने घर पर पहुंचा और फिर में कुछ देर बाद फ्रेश होकर क्लिनिक पर पहुँचा

 

मैंने देखा कि मेरी दीदी का नंबर आया और वो अंदर चली गई, उनके जाने के बाद कोई और मरीज वहां पर नहीं था इसलिए डॉक्टर ने दरवाजा बंद कर दिया. अब मुझे ना जाने क्यों शक हुआ. में उठकर तुरंत खिड़की के पास चला गया जो कि हमारे मकान की तरफ थी. मैंने उसके अंदर झांककर देखा तो मेरी दीदी उस डॉक्टर के सामने एक कुर्सी पर बैठी हुई थी और फिर डॉक्टर ने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा.

 

डॉक्टर : कैसी हो अल्का?

 

दीदी : जी में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे हो?

 

डॉक्टर : में भी ठीक हूँ और तुम्हारी चाची का क्या हाल है?

 

दीदी : वो भी एकदम ठीक है आप अपनी पत्नी बच्चो के बारे में बताए, वो कैसे है?

 

डॉक्टर : बस वो भी एकदम बढ़िया है और मेरी बीवी तो कोल्हापुर में रहती है.

 

दीदी : मतलब वो लोग यहाँ पर नहीं रहते?

 

डॉक्टर : मेरा बेटा कोल्हापुर में इंजिनियरिंग कर रहा है और बेटी अपनी मेडिकल की तैयारी कर रही है तो वो भी उन्ही के साथ रहती है.

 

दीदी : क्या तो आप यहाँ पर बिल्कुल अकेले रहते हो?

 

डॉक्टर : हाँ अब और कोई रास्ता भी तो नहीं है, चलो अब वो सब जाने दो तुम यह बताओ कि तुम्हारी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? क्यों तुम वहां पर खुश तो हो ना?

 

दीदी : हाँ में खुश तो हूँ, लेकिन अब मेरे पास भी कोई रास्ता नहीं है.

 

फिर डॉक्टर ने दीदी की तरफ घूरकर देखा और फिर वो हंसने लगा और दीदी भी उसकी तरफ देखकर हंसने लगी. फिर डॉक्टर ने दीदी से पूछा कि तुम्हे क्या हो रहा है? दीदी बोली कि मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है यहाँ बाई तरफ से नीचे की तरफ दर्द हो रहा है और ऐसा कहते हुए दीदी ने अपनी कमर से लेकर अपनी गांड तक हाथ फेरा. डॉक्टर ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा कि ठीक है कोई बात नहीं, ऊपर का दर्द है अभी ठीक हो जाएगा, क्या यहाँ पर कोई ऐसा है जिससे तुम अपनी इस जगह पर मसाज करवा सकती हो?

 

दीदी : जी यहाँ पर तो कोई भी ऐसा नहीं है, मेरे पति भी घर पर चले गये है और फिर दीदी उनकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा गई और डॉक्टर ने भी उन्हें स्माइल दी.

 

डॉक्टर : चलो कोई बात नहीं है में तुम्हे इंजेक्शन लगा देता हूँ. यह बात बोलकर उन्होंने दीदी से पूछा कि इंजेक्शन कहाँ पर लगाना है?

 

दीदी : अब कूल्हों में दर्द है तो वहीं पर इंजेक्शन लगवा लूँगी, क्यों सब चलेगा ना?

 

डॉक्टर : हाँ हाँ क्यों नहीं? चलो अब जल्दी से तुम उस टेबल पर लेट जाओ.

 

दीदी टेबल की तरफ चली गई और बोली कि यह तो बहुत उँचा है, में इसके ऊपर चड़ ही नहीं सकती. क्यों ना में खड़े खड़े ही इंजेक्शन लगवा लूँ?

 

अब डॉक्टर हाँ में अपना सर हिलाकर कहने लगा कि सब चलेगा, लेकिन में तुम्हारी इस साड़ी का क्या करूँ? तो दीदी बोली कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो में उसे थोड़ा ऊपर उठा लूँगी. फिर डॉक्टर बोला कि अब इंजेक्शन लगवाना है तो तुम्हे अपनी साड़ी को ऊपर तो उतनी ही पड़ेगी. फिर दीदी ने तुरंत अपनी साड़ी को नीचे से पकड़कर ऊपर कर दिया और फिर डॉक्टर की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गई. वाह दोस्तों उनकी बहुत कमाल की गांड थी. में उन्हें देखता ही रह गया और मेरा लंड उनकी गांड को देखकर अपनी औकात में आने लगा था. उधर डॉक्टर भी चकित होकर उसकी गांड को देखता रह गया.

 

दीदी की वो पेंटी भी उनकी गांड को छुपा नहीं सकती थी वो उनकी गांड की दरार में ही बिल्कुल अंदर तक फाँसी हुई थी और फिर डॉक्टर ने अपने लंड को अपनी पेंट में सेट किया और टेबल की तरफ जाकर इंजेक्शन भरने लगा. फिर दीदी की पीछे आ गया और उसने अब उनकी गांड पर हाथ में थोड़ी रुई लेकर साफ किया और इंजेक्शन लगा दिया. फिर थोड़ी सी रुई उठाई और इंजेक्शन वाली जगह को मसलने लगा. दोस्तों ऐसा करते वक़्त उसने दीदी की गांड को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वहां जिस जगह पर इंजेक्शन लगा उस जगह पर धीरे धीरे मसल रहा था.

 

डॉक्टर : इंजेक्शन तो हो गया है, लेकिन यह दर्द बहुत करेगा इसलिए इस जगह को थोड़ा ज्यादा मसलना चाहिए.

 

दीदी : लेकिन, अब में किसको अपनी गांड को मसलने के लिए बोलूँ? प्लीज आप ही मसल दो ना?

 

डॉक्टर : हाँ ठीक है, लेकिन इसमे ज्यादा समय लगेगा.

 

दीदी : कोई बात नहीं, में दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा लेती हूँ ताकि हमें कोई ना देखे, आप बस मेरी मसलते रहो और फिर ऐसा कहकर दीदी ने दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और फिर वो अपनी साड़ी को उठाकर टेबल को पकड़कर खड़ी हो गई. वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल पोज़िशन में खड़ी हुई थी. डॉक्टर भी झट से उनके पास गया और उसने दीदी की गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और फिर एक हाथ से वो उनकी गांड को मसलने लगा और फिर मसलते वक़्त दीदी उनसे बोली.

 

दीदी : वैसे आप बिना अपनी बीवी के कैसे काम चला लेते हो?

 

डॉक्टर : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जैसा आप समझ रही हो.

 

दीदी : हाँ हाँ में आपके और मेरी चाची के बारे में भी बहुत कुछ जानती हूँ.

 

डॉक्टर : जब तुम सब कुछ जानती ही हो तो फिर मुझसे क्यों पूछ रही हो?

 

दीदी : बस आपसे मुझे जानना था कि सिर्फ़ चाची ही है या और कोई भी है?

 

डॉक्टर : हाँ और भी है, मुझे गाँव की औरतों की चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब डॉक्टर ने दीदी से सीधे सीधे शब्दों में बात करनी चालू कर दी और फिर वो बोला कि क्यों अल्का तुम्हे भी तो पहले चुदाई बहुत अच्छी लगती थी?

 

दीदी : जी लगती थी नहीं, मुझे तो अभी भी चुदाई बहुत अच्छी लगती है.

 

डॉक्टर : वाह क्या बात है, तो तुम्हारा पति तुम्हारी ज़रूरत जरुर पूरा करता है ना? या फिर तुम अभी भी कहीं बाहर चालू हो?

 

दीदी : अब आपने मुझे बता दिया है तो मुझे भी तो आपको सब कुछ बताना चाहिए, मेरा पति तो मेरे साथ हफ्ते में दो तीन दिन ही सेक्स करता है और फिर वो भी कुछ मिनट के बाद ठंडा हो जाता है, लेकिन में तो हर रोज़ सेक्स करती हूँ एक दिन में करीब दो तीन बार.

 

डॉक्टर : रोज दो तीन बार, मतलब तुम्हारे दो तीन बॉयफ्रेंड होंगे? डॉक्टर अब दीदीकी गांड पर पूरा चिपक गया था और एक हाथ से इंजेक्शन वाली जगह को दबा रहा था.

 

दीदी : हाँ वो चार लोग है, दो मेरे पति के दोस्त है, एक मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का है और एक मेरा छोटा देवर भी है. दोस्तों में उनकी यह सभी बातें सुनकर बहुत हैरान होकर सब देख और सुन रहा था.

 

डॉक्टर : वाह बहुत अच्छा है, क्या तुम्हे तुम्हारी 12th की पढ़ाई याद है?

 

दीदी : कौन सी स्कूल वाली या आपके साथ की हुई वो वाली?

 

डॉक्टर : हाँ मेरे साथ की वो वाली.

 

दीदी : हाँ में उसे कैसे भूल सकती हूँ? आपके साथ तो मैंने अपने बॉयफ्रेंड से भी ज्यादा मज़ा किया था.

 

डॉक्टर : तो अब क्या ख्याल है? आज एक बार फिर से हो जाए?

 

दीदी : हाँ में इसलिए तो कब से अपनी साड़ी उठाकर आपको अपनी गांड दिखा रही हूँ और आप हो कि एक सज्जन बने सिर्फ़ इलाज़ ही कर रहे हो.

 

दोस्तों डॉक्टर ने अब दीदी के मुहं से यह बात सुनकर दीदी को कसकर पीछे से पकड़ लिया और फिर वो उन्हें चूमने लगा. दीदी भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो डॉक्टर के होंठो को चूस रही थी. फिर डॉक्टर ने जल्दी से अपनी पेंट उतारी और अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया. दीदी उससे बोली कि इसे आप मत पकड़ो, में इसको पकड़ती हूँ और आप मेरे आम दबाओ. मुझे पूरे 7-8 दिन हो गये है मैंने अब तक कुछ भी नहीं किया, में अब और ज्यादा समय नहीं रुक सकती. फिर दीदी ने उनके लंड को हाथ से मसलना दबाना चालू किया और डॉक्टर ने भी दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया.

 

फिर थोड़ी देर बाद उसने दीदी का ब्लाउज खोल दिया. दीदी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बड़े बड़े निप्पल डॉक्टर ने एक एक करके अपने मुहं में लिये और चूसने लगा. दीदी ने अपने एक हाथ से उसका लंड पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से डॉक्टर का सर पकड़ कर उसको वो अपने आम चुसवा रही थी और कुछ देर बाद डॉक्टर ने दीदी को घुमा दिया और फिर दीदी ने भी झट से अपनी पेंटी को घुटनों तक नीचे किया और टेबल को पकड़ कर खड़ी हो गई. डॉक्टर ने भी सही मौका देखकर अपना लंड दीदी की चूत में एक जोरदार धक्का देकर पूरा का पूरा अंदर डाल दिया और अब वो अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. दीदी सिर्फ़ टेबल को पकड़कर खड़ी हुई थी और उनको दर्द का कोई अहसास नहीं था, लेकिन उसके बूब्स जोरदार धक्को के साथ हो रही उनकी चुदाई के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से उछल उछलकर हिल रहे थे.

 

तभी दीदी का फोन बज उठा तो डॉक्टर ने तुरंत अपने धक्के देना बंद कर दिया. उसने लंड को दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया. तो दीदी उनसे बोली कि सिर्फ़ एक मिनट और फिर वो फोन को उठाने सेंटर टेबल पर चली गई और बोली कि यह मेरे पति का है और दीदी ने फोन उठाया और बोली कि हैल्लो हाँ बोलिए ना? दोस्तों वो यह बात कहते हुए एक बार फिर से डॉक्टर के सामने आकर खड़ी हो गई और उसने दूसरे हाथ से डॉक्टर का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और डॉक्टर को इशारे से चुदाई करने के लिए बोला.

 

डॉक्टर भी अब अपने लंड को चूत में पूरा अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके हिलाने लगा और दीदी फोन पर कहने लगी कि एसी कुछ खास बात नहीं है, वो मेरी कमर में अचानक से बहुत दर्द हो रहा था तो उसके इलाज के लिए ही में डॉक्टर के पास आई हूँ. वो अभी मुझे इंजेक्शन दे रहे है और में आपको कुछ देर बाद में फोन करती हूँ और फिर शायद जीजू ने भी उधर से फोन रख दिया था. डॉक्टर बोला कि तू तो कमाल की चुदक्कड़ है पति का फोन चालू है और मेरे लंड से अपनी चूत भी ठुकवा रही थी वाह.

 

दीदी : हाँ मुझे अब इन सब कामो की एक आदत सी हो गई है. अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोन किसका है या लंड किसका है, बस मुझे चुदवाने का बहुत शौक है.

 

अब दीदी भी डॉक्टर का पूरा पूरा साथ देने लगी और कुछ देर बाद डॉक्टर अब अचानक से बहुत तेज़ हो गया था दीदी भी जोश में थी और तीन चार मिनट सिर्फ़ चुदाई की ही आवाज़े आ रही थी और फिर डॉक्टर चूत में ज़ोर ज़ोर के झटकों के साथ झड़ गया. दीदी बोली कि वाह मज़ा आ गया, कितने सालो बाद मैंने आपका गरम गरम वीर्य मेरी चूत में लिया है.

 

डॉक्टर : हाँ अब यहाँ पर हो तो रोज ही ऐसे मज़े लेने के लिए मेरे पास आ जाना.

 

दीदी : हाँ, आना तो जरुर पड़ेगा, लेकिन अब सिर्फ़ रात में, जिससे जमकर चुदाई हो सके क्यों अगर आप कहो तो चाची जी को भी अपने साथ लेकर आ जाती हूँ?

 

तो डॉक्टर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और बोला कि अभी उसको नहीं, कुछ दिन जाने दो, वो एक दिन खुद ही आ जाएगी और मेरे लंड को जरुर खाएगी, लेकिन एक बात जो तुम भी नहीं जानती हो क्या वो में तुम्हे भी बता दूँ?

 

दीदी : हाँ जल्दी से बताइए, ऐसी वो कौन सी बात है जो मुझे अब तक पता नहीं है.

 

डॉक्टर : यही कि तुम्हारी गांड बिल्कुल तुम्हारी माँ जैसी ही है, वो भी इतने ही मज़े से मुझसे चुदवाती है.

 

दोस्तों में उस डॉक्टर के मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित हो गया था और मुझे उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो यह बात सच कह रहा है और मेरी माँ भी उससे चुद चुकी है? और फिर में चुपचाप उनकी बात सुनने लगा.

 

दीदी : क्या? आप सच कह रहे हो? ऐसा कब से? और आपने उन्हें कैसे पटाया?

 

डॉक्टर : दो साल हो गये है, तेरा बाप जब बीमार था तब मैंने ही तेरी माँ की चूत को संभाला था. मैंने उनकी चूत की सेवा करने में अपनी तरफ से कोई भी कमी नहीं छोड़ी. मैंने उन्हें बहुत अच्छी तरह से बहुत बार संतुष्ट किया था, वो भी तुम्हारी तरह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.

 

दोस्तों में तो उसके मुहं से यह पूरी बात सुनकर बहुत हैरान हो गया था. फिर में अब तुरंत वहां से अपने घर की तरफ निकल पड़ा. घर आकर में पलंग पर लेटकर अपनी दीदीकी चुदाई और डॉक्टर की वो कही हुई बातें सोचने लगा. 

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