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पापा ने बिना कंडोम के चोदकर प्रेग्नेंट बनाया

मैं आज आपको अपनी फर्स्ट सेक्स की स्टोरी बताने जा रही हु. मैं एक फ्लैट में रहती हु. जिसमे ४ बेडरूम और १ ड्राइंगरूम है. १ रूम मेरा है और १ मेरे भाई का और १ मदर – फादर का है और एक गेस्ट रूम है. जब मैं ११थ स्टैण्डर्ड में थी, तब से मैं पोर्न मूवी देखती थी और पोर्न मूवी देखते हुए मास्टरबेट भी करती थी. मैं कई बार अपनी चूत में ऊँगली डाल कर झडती थी और कभी गाजर, ककड़ी और मुली या बेलन डाल कर अपनी वासना को शांत करती थी. लेकिन इस से मेरी भूख और भी बढ़ने लग जाती थी. मैं १२थ स्टैण्डर्ड में थी, तब मेरी नानी की तबियत बहुत ख़राब हो गयी और इस वजह से मेरी माँ उनके वहां कुछ दिनों के लिए रहने गयी. मेरा भाई इंजीनियरिंग में पड़ता था. इसलिए वो पुणे हॉस्टल में रहता था और मैं और मेरे पापा घर अकेले रह गये थे. मेरी माँ के जाने के बाद, दूसरी रात मैंने सारा काम ख़तम कर दिया और गाजर – मुली को अपने कमरे में ले गयी.


और फिर मैंने कंप्यूटर पर पोर्न मूवी लगा दी और अपने सारे कपड़े उतार दिए और रोज की तरह बिस्तर में बैठ गयी और फिर धीरे – धीरे अपने बूब्स दबाने लगी. थोड़ी देर बूब्स दबाने के बाद, मैं ने मुली अपने हाथ में ली और उसको मेरी चूत में डाल दिया और उसको अन्दर बाहर करने लगी. मैं पूरी तरह एक्साइट हो गयी थी. तभी मेरे पापा ने दरवाजा खटखटाया और बोले – रूपा दरवाजा खोल. मैं इतनी घबरा गयी, कि मुझे कुछ पता ही नहीं चला, क्योंकि मैं पूरी नंगी थी. मैंने फटाफट कपड़े पहन ने शुरू किये और जैसे – तैसे कपड़े पहने और दरवाजा खोलने चली गयी. जल्दबाजी में मैं कंप्यूटर पर चल रही पोर्न मूवी बंद करना भूल गयी. मैंने दरवाजा खोला.


पापा – इतनी देर क्यों लगा दी. क्या कर रही थी?


मैं – कुछ नहीं पापा.. पढाई कर रही थी.


पापा – मुझे नींद नहीं आ रही थी. तो सोचा, की तुमसे थोड़ी देर बात ही कर लू.


मैं – लेकिन पापा, मैं थक चुकी हु. बस सोने ही जा रही हु.


(दरवाजे से कंप्यूटर नहीं दिख सकता था).


पापा – थोड़ी देर बेटा, बस ५ मिनट और वो अन्दर आ गये. अन्दर आते ही, मैं और वो दोनों शौक हो गए. क्योंकि कंप्यूटर पर वो पोर्न मूवी चल रही थी. ये है तेरी पढाई?


मैं – वो पापा (मुझ से कुछ बोला नहीं जा रहा था). तभी पापा की नजर बिस्तर पर पड़े गाजर और मुली पर पड़ी.


पापा ने मुली हाथ में ली. वो गीली थी. मैं ब्रा पहनना भूल गयी थी. और ब्रा भी बिस्तर में ही पड़ी थी.


पापा – ये सब क्या है रूपा? अपने कपड़े अच्छी तरह से पहन कर मेरे कमरे में आ जाओ. 


पापा ने कंप्यूटर में से सीडी निकाल कर अपने साथ ले ली और चले गये. मैंने टॉप निकाला और ब्रा पहन ली. आप को बता दू, उस समय मैंने ब्लैक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उस पर मैंने रेड लोअर और वाइट टॉप पहना हुआ था. मैंने कंप्यूटर बंद किया और पापा के रूम में गयी. पापा ने वो सीडी अपने डीवीडी प्लेयर पर लगा रखी थी. पापा ने मुझे रूम को बंद करने के लिए बोला और मैंने रूम को लॉक कर दिया.


पापा – ये क्या है रूपा? ये तुम्हारी पढाई है? तू ब्लू फिल्मे देखती हु?


मैं – वो पापा बस…


पापा – कब से देख रही हो तुम?


मैं – ११थ स्टैण्डर्ड से.


पापा – ओह माय गॉड. और ये सीडी तुम कहाँ से मिली.

मैं – मेरी सहेलिया लाती है.


पापा – ये देखने में मज़ा आता है?


मैं (शरमाते हुए) – हाँ.


पापा – तुम जानती हो.. ये सब शादी के बाद होता है.


मै – हाँ. लेकिन मेरी सहेली कहती है, लेकिन शादी से पहले ही सब जानना जरुरी होता है.


पापा – अच्छा, तो क्या क्या करती हो देखने के बाद, मुझे भी बताओ. शरमाओ मत.


मैं – मैं अपने हाथो से अपने स्तन दबाती हु और …


पापा – हाँ बोलो – शरमाओ मत..


मैं – पहले नीचे ऊँगली डालती थी और अब गाजर, मुली वो सब डालती हु.


पापा – तुम्हे मज़ा आता है?


मैं – हाँ.


फिर पापा ने मुझे अपने पास बुलाया और अपनी गोद में बैठा लिया.


पापा – रूपा, आज हम दोनों इस मूवी में जो चल रहा है, ऐसा करेंगे. मेरा साथ दोगी?


मैं – लेकिन?


पापा – लेकिन वेकिन कुछ नहीं. मैं तुम्हे एकदम ट्रेन कर दूंगा. मैं जानता हु, कि तेरी सेक्स की भूख बहुत बढ़ चुकी है.


मैं – ठीक है पापा. वैसे मैं किसी से सेक्स तो करना ही चाहती थी.


अब पापा ने मेरे होठो को चूमना शुरू कर दिया और मेरे होठ चूसने लगे. करीब ७ से ८ मिनट तक वो मेरे होठो को चूसते रहे और उस वक्त उनको दोनों हाथ मेरे स्तनों पर थे और दबा रहे थे. मुझे मज़ा आने लगा था. अब पापा ने मेरा टॉप निकाल दिया और अब मैं ब्रा में आ गयी थी. वो मेरी पूरी बॉडी को किस करने लगे थे और धीरे से उन्होंने मेरी ब्रा भी निकाल दी. अब वो मेरे निप्पल को चूस रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. पापा का हाथ मेरी गांड पर था. वो मेरी गांड को सहला रहे थे और मेरे निपल को चूस रहे थे. अब पापा ने भी अपनी बनियान उतार दी. लगातार् १ओ मिनट तक वो मेरे निपल को चूसते रहे. मैं उतेजित होने लगी थी. अब पापा ने मेरा लोअर उतार दिया और अब मैं सिर्फ पेंटी में आ गयी. फिर पापा ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और उन्होंने अपनी लुंगी निकाल दी. मैं शौक हो गयी. पापा ने अन्दर कुछ नहीं पहना था और उनका लंड टाइट हो चूका था. वो काफी ज्यादा लम्बा था.


मै – पापा इसको लंड कहते है ना?


पापा बहुत उतेजित हो चुके थे मुझे नंगा देख कर और बोले – हाँ. इसी से तेरा जनम हुआ है. फिर पापा ने मेरे सारे बदन को चाटना शुरू कर दिया और किस करने लगे. मैं बहुत उतेजित हो गयी. अब मुझ से रहा नहीं जा रहा था. और मैं झड गयी. मेरी पेंटी भी गीली हो चुकी थी. फिर पापा ने मेरी पेंटी उतारी और मेरी चूत के रस को चाटने लगे. और मेरी चूत पर अपनी टंग फेरने लगे. अब मेरी उतेजना बढने लगी और


मैं – पापा, कुछ हो रहा है.


पापा – अच्छा बेटी. अब इसको शांत करते है. आज तक तूने गाजर, मुली, ककड़ी और बेलन और ऊँगली ट्राई की है. आज अपने पापा का लंड अपनी चूत में लेकर देख? मैं – लेकिन पापा. आपका लंड तो बहुत ही ज्यादा लम्बा और मोटा है. मेरी चूत तो बहुत छोटी सी है. फिर पापा ने मेरी दोनों टांगो को अलग किया और अपने लंड को मेरी चूत पर लगा कर रगड़ने लगे. इस वजह से मैं मदहोश होने लगी. तभी अचानक से पापा ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और पापा के लंड की केप वाला भाग अन्दर चले गया.

मेरे मुह से चीख निकली अहहाह आआअ ऊऊऊ माँ मर गयी… फिर पापा ने और जोर लगाया.. और उनका आधा लंड अन्दर चले गया. मैं फिर से चिल्लाने लगी हाहाहा अहहाह माया.. ओह्ह्ह्ह माँ मर गयी…और फिर एक और झटके के साथ उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर डाल दिया. फिर वो २ मिनट तक वैसे ही रुके रहे. मैंने बेडशीट को पकड़ लिया टाइट. आज तक मैंने मुली, गाजर ही लिए थे और उसमे मुझे दर्द नहीं होता था. लेकिन आज मुझे बहुत दर्द हो रहा था. २ मिनट के बाद, पापा ने लंड को बाहर खीच कर निकाला और तुरंत ही अन्दर डाल दिया. दर्द के मारे मैं चिल्लाई… ऊओहोहोहो होहोहोह माँ.. फिर पापा लगातार अपने लंड को अन्दर – बाहर करने लगे. वो धीरे – धीरे ये कर रहे थे. इस वजह से मुझे थोड़ा – थोड़ा दर्द कम होने लगा. लेकिन उतेजना बड गयी. करीब ५ मिनट तक ऐसा करने के बाद, पापा ने स्पीड बढ़ा दी और वो लोकल ट्रेन से सुपरफ़ास्ट ट्रेन बन गये.. और अहहाह अहः अहहाह अहहाह ऊऊओ ऊओह्होहो ऊफोफोफोफोफो.. करने लगे.. २ मिनट तक की चुदाई के बाद, पापा की पिचकारी छुट गयी और उन्होंने अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दिया. फिर वो मेरे ऊपर ही सो गए. पानी गरम था और मुझे जन्नत का अहसास होने लगा.


करीब २० मिनट के बाद, वो फिर उठे और मुझे अपने लंड को होठो से रगड़ने को कहा. मैं उनके लंड को अपने होठो से रगड़ रही थी, बिलकुल ब्लू मूवी की तरह. थोड़ी देर के बाद, उनका लंड फिर से टाइट हो गया और उन्होंने मुझे कुतिया बनाया और पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और अन्दर बाहर करने लगे. इस से मैं फिर से उतेजित हो गयी और वो जोर – जोर से झटके मारने लगे. इस बार करीब २५ मिनट तक वो झटके मारते रहे और फिर उन्होंने अपनी स्पीड तेज कर दी. तभी मैं झड गयी. लेकिन वो तो लगातार झटके मरते रहे. मैंने पापा को कहा – पापा मेरे फेस पर अपना वीर्य निकालना प्लीज.


पापा – ठीक है बेटी. और फिर करीब ३५ मिनट के बाद, जब उनका लंड झड़ने को आया. तो वो मेरे मुह के पास आ गये. जैसे ही वो मेरे मुह पास आये, उनके लंड से एक पिचकारी निकली और मेरे होठ, गाल, नोज, आईज पर सब जगह वीर्य गिर गया.

हम फिर सुबह ५ बजे उठे और फिर से पापा ने मुझे चोदा और फिर हम वापस सो गये. दुसरे दिन छुट्टी थी और इसी वजह से हम ९ बजे तक सोते रहे. फिर उठने के बाद, मैं बाथरूम में गयी.


तब भी पापा मेरे साथ चले आये और हमने बाथरूम में भी सेक्स किया और फिर मैंने नंगी ही रह कर चाय बनायीं और नाश्ता भी बनाया और पापा के साथ डाईंगटेबल पर नंगी ही होकर नाश्ता किया और चाय ली. फिर १२ बजे, जब कामवाली के आने का टाइम हुआ, तब मैं नाइटी पहन ली और पापा ने लुंगी और बनियान. हमने अन्दर कुछ भी नहीं पहनना हुआ था. और उसके जाते ही हम फिर से नंगे हो गये और लंड लिया और दोपहर को फिर से २ बार चुदाई की. जब तक माँ वापस नहीं आ गयी. हम दोनों ने रोजाना ऐसे ही चुदाई का मज़ा लिया. मैं पापा के साथ उनके बिस्तर में नंगी ही सोती थी. एक बार मैं पापा के साथ नंगी ही थी बिस्तर में. तभी माँ का फ़ोन आ गया.


माँ – कैसे हो बेटी?


मैं – मैं ठीक हु और यहाँ भी सब ठीक है.


माँ – बेटी, मुझे ज्यादा दिन यहाँ रुकना पड़ेगा. वहां तुम सब संभाल लोगी ना.


मैं – हाँ माँ. मैं देख लुंगी. तुम यहाँ की चिंता मत करो.


ऐसे ही १ महिना बीत गया और हर रात पापा मुझे चोदते बिना कंडोम के. और बिना कंडोम की चुदाई की वजह से मेरा पीरियड मिस हो गया और जब टेस्ट करवाया, तो पता चला, की मैं प्रेग्नेंट हो गयी हु. मैंने फिर एबॉर्शन पिल्स लेना शुरू किया और कुछ दिन के सब ठीक हो गया. फिर पापा ने मुझे कंडोम के साथ चोदना शुरू किया और मुझे मज़ा देना शुरू किया. लेकिन मुझे कंडोम के साथ चुदाई में मज़ा नहीं आता था. इसलिए पापा ने मुझे बिना कंडोम के ही चोदना शुरू किया और मैंने एबॉर्शन पिल लेनी शुरू कर दी, ताकि मैं फिर से प्रेग्नेंट ना हो जाऊ. मेरे बाप ने मुझे पूरा रंडी बना दिया और रोजाना चोदा. जब मेरा भाई घर वापस आया और उसने पापा और मेरा ये वासना का खेल देखा, तो उसने भी मुझे रंडी बना कर मस्ती में पेला..

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खेत में माँ को चुदते देखा

हमांरे सारे सम्बन्धी गांव में रहते हैं, हम साल में दो या तीन बार जाते हैं। वहाँ हमांरे ताऊ जी रहते हैं, उनकि पत्नी की मौत के बाद वो अकेले ही रहते हैं। हम नवरात्रि में गाँव जाने वाले थे। पापा भी आने वाले थे लेकिन उनको कुछ काम आ गया तब उन्होंने हम दोनों को गांव जाने के लिये कहा।


माँ ने कहा- ठीक है।


तब मैंने देखा कि माँ खुश थी और पैकिंग करने लगी। हम लोग सुबह की ट्रेन से गाँव पहुँच गये। वहाँ ताऊ जी हमें लेने के लिये आये हुये थे। माँ उनको देख कर खुश हो गई और ताऊ जी भी खुश हुए, उन्होंने पूछा- परिमल नहीं आया?


माँ ने कहा- उनको कुछ काम आ पड़ा है, वो दो तीन दिन बाद आयेंगे।


और ताऊ जी माँ को देखते रहे और माँ भी उनको देखते रही। मुझे कुछ दाल में काला नजर आया…


हम लोग बैलगाड़ी में बैठे और ताऊ जी ने मुझे कहा- तुम चलाओ।


मैंने कहा- ठीक है।


माँ और ताऊ जी पीछे बैठ गये। थोड़ी दूर चलने के बाद मैंने माँ की आवाज़ सुनी, पीछे देखा तो ताऊ जी का पैर माँ के साये में था और माँ ने मुझ से कहा कि सामने देख कर चलो।


हमें लोग घर पहुंचे तब माँ बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर बाद बाहर आई…


ताऊ जी ने कहा- चलो, तुमको खेत में ले चलता हूँ।


माँ मुस्कुराते हुए बोली- हाँ चलिये।


मैं भी साथ था। हम लोग खेत में पहुँचे तो मैंने ताऊ को जी माँ की गाण्ड पर हाथ फिराते हुए देखा।


तब माँ ने कहा- लड़का इधर है, वो देख लेगा।


उनको पता नहीं था कि मैंने देख लिया था।


तब ताऊ जी ने मुझसे कहा- बेटा, तुम दूर जा कर खेलो। मुझे तुम्हारी माँ से बातें करनी हैं।


तो मैंने माँ को देखा तो माँ ताऊ जी के सामने देख कर मुस्कुरा रही थी और मुझे कहा कि तुम यहाँ से जाओ…


मैं वहाँ से चलने लगा और माँ-ताऊ जी भी खेत के अन्दर दूर जाने लगे। मुझे दाल में काला नज़र आया। मैं भी उनके पीछे पीछे गया तो देखा कि ताऊ जी माँ की दोनों एक पेड़ की आड़ में चले गये और माँ पेड़ से लग कर खड़ी हो गई। अब ताऊ जी अपना हाथ माँ के साये में डालने लगे और माँ भी अपना साया उठा कर उनका साथ देने लगी। लेकिन मुझे उनकी कोई भी बातें सुनाई नहीं दे रही थी, इसलिये मैं और नज़दीक गया और सुनने लगा। तब वो दोनों पापा की बातें कर रहे थे।


माँ कह रही थी- कितने दिन बाद मुझे यह तगड़ा लौड़ा मिल रहा है, वरना परिमल का लौड़ा तो बेकार है।


अब माँ के बुर को दोनों हाथ से फैलाया। माँ थोड़ा सा विरोध कर रही थी लेकिन उनके विरोध में उनकी हामी साफ दिख रहा थी। इसके बाद ताऊ जी माँ के बुर पर लण्ड सटा कर हलका सा कमर को धक्का लगाया। माँ के मुँह से अह्हहह की आवाज निकल गई।


मैं समझ गया कि माँ के बुर में ताऊ जी का लण्ड चला गया है। ताऊ जी ने कमर को झटका देना शुरू किया। ताऊ जी जब जब जोर से झटका लगाते थे माँ के मुँह से आआअहह की आवाज सुनाई पड़ती थी। कुछ देर के बाद जब ताऊ जी ने माँ की चूचियों को मसलना शुरु किया तो उनका जोश और भी बढ़ गया। एक तरफ़ ताऊ जी बुर में जोर से झटके लगाने लगे तो दूसरी तरफ़ माँ के चूचियों को जोर जोर से मसलने लगे।


अब माँ की बुर में लण्ड जब आधे से ज्यादा चला गया तो माँ के मुंह से आआहह्ह नहीं आआ आह्हह की आवाज आने लगी। ताऊ जी ने माँ के होठों को चूसना शुरु कर दिया। लगभग आधे घण्टे चोदने के बाद ताऊ जी का बीज माँ की चूत में गिरा। माँ भी बहुत ही खुश थी। कुछ देर के बाद ताऊ जी ने लण्ड निकल लिया। माँ पांच मिनट तक लेटी रही।

माँ तब उठ कर जाना चाहती थी। ताऊ जी ने उनको रोक लिया, उन्होंने माँ से कहा- कहाँ जा रही हो?


तब माँ ने कहा- आज के लिये इतना बस!


ताऊ जी ने कहा- अभी तो और चुदाई बाकी है, रुक जाओ तुम।


तब ताऊ जी ने माँ के पीछे जा कर माँ की गाण्ड पर लण्ड रखा और कमर को पकड़ कर एक जोरदार झटका मारा। माँ के मुँह से आआ आअह्हह हह्ह की आवाज निकलते ही मैं समझ गया कि माँ की गाण्ड में लण्ड चला गया। अब ताऊ जी ने अपनी कमर को हिलाना शुरू किया और कुछ ही देर में पूरा लण्ड को माँ के गाण्ड में घुसा दिया। ताऊ जी माँ के गाण्ड को लगभद दस मिनट तक मारने के बाद जब धीरे धीरे शान्त पड़ गये तो मैं समझ गया कि माँ की गाण्ड में बीज गिर गया है।


ताऊ जी ने लण्ड को निकाल लिया तब माँ के पैर को थोड़ा सा फैला दिया क्योंकि माँ ने दोनों पैरों को पूरा सटा रखा था। ताऊ जी ने माँ की बुर को देखा, माँ से पूछा- पेशाब नहीं करोगी?


माँ ने गरदन हिला कर कहा- नहीं।


अब ताऊ जी ने जैसे ही लण्ड को माँ की बुर के ऊपर सटाया माँ ने अपने दोनों हाथों से अपनी बुर को फैला दिया। ताऊ जी ने लण्ड के अगले भाग को माँ की बुर में डाल दिया और माँ की चूचियों को पकड़ कर एक जोरदार झटके के साथ अपने लण्ड को अन्दर घुसा दिया।


माँ मुँह से आआह्ह फ़्फ़फ़ईई रीईई धीईई आआह्हह्स इस्सस्स स्सस्हह्हह कर रही थी। ताऊ जी पर उनके इस बात का कोई असर नहीं हो रहा था। वो हर चार पांच छोटे झटके के बाद एक जोर का झटका दे रहे थे। उनका लण्ड जब आधे से ज्यादा अन्दर चला गया तो माँ ने ताऊ जी से कहा- अब और अन्दर नहीं डालियेगा वरना मेरी बुर फट जायेगी।


ताऊ जी ने कहा- अभी तो आधा बाहर ही है।


माँ ने यह समझ लिया कि आज उनकी गोरी चूत फटने वाली है। माँ की हर कोशिश को नाकाम करते हुए ताऊ जी माँ के चूत में अपने लण्ड को अन्दर ले जा रहे थे। माँ ने जब देखा कि अब बरदाश्त से बाहर हो रहा है तो उन्होंने ताऊ जी से कहा- मैं आपसे बहुत छोटी हूँ आआह पल्लीईज़ आआह्हह… नहीईई उई आआअह्ह्ह ह्हह…


ताऊ जी ने लगातार कई जोरदार झटके मार कर पूरे लण्ड को माँ के बुर में घुसा दिया तथा माँ की चूचियों को मसला। अब माँ को भी मजा आने लगा था। शायद माँ को इसी का इन्तजार था। ताऊ जी ने अपने झांट को माँ की झाँट में पूरी तरह से सटा दिया और इस तरह से उन्होंने पूरे बीस मिनट तक माँ की चुदाई की। इसके बाद माँ और ताऊ जी शान्त पड़ गये तब मैं समझ गया कि माँ की बुर में ताऊ जी का बीज गिर गया है। वो दोनों पूरी तरह से थक चुके थे। अब ताऊ जी ने लण्ड को निकाल दिया और माँ की बगल में लेट गये। फ़िर दोनों ने कपड़े पहने और वहाँ से चलने लगे। तब मैं भी वहाँ से हट गया ताकि उनको पता ना चले कि मैंने सब कुछ देख लिया है। हम तीनों घर वापस आ गये।


ताऊ जी माँ को देख कर मुस्कुराने लगे कि तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं पता चला। लेकिन मैंने भी उनको ऐसा ही दिखाया कि मुझे कुछ नहीं पता है।

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सगे भाई से प्रेग्नेंट हुई

आज मैं आपके सामने एक ऐसी ही कहानी ले कर आई हु, जो हो सकता है कुछ लोगो के लिए ख़राब हो पर ये हसीं रिश्ता मेरी ज़िंदगी बदल दी है. तो चुदाई कहानी डॉट कॉम के फ्रेंड्स, मैं आपकी नई नवेली दोस्त संजना, नई नवेली इसलिए की मैं सात दिन पहले ही इस वेबसाइट पे कुछ कहानियां पढ़ी और तब से मैं फैन हो गई हु, और मुझे अपनी भी कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया.


कहानी में मैं हु, मेरा भाई विनय और मेरा पति राजू, मैं अभी 24 साल की हु, मेरी शादी 21 साल में चंडीगढ़ के एक बड़े ही सम्भ्रान्त व्यापारिक परिवार में हुआ है, मेरे घर में मेरे पति के अलावा मेरे सास ससुर है, मैं थोड़ी गरीब फैमिली से हु इस वजह से मेरी शादी यहाँ हुई है क्यों की मेरा पति डिसेबल्ड (विकलांग) है. उनका दिमाग थोड़ा कम चलता है. वो सुन्न दिमाग के है, वो क्या कर रहे है कुछ भी नहीं पता, क्या बताऊँ दोस्तों ऊपर से मेरी सास बच्चा दो बच्चा दो बच्चा दो, अरे भाई मैं बच्चा कहा से दू जब तेरा बेटा मुझे चोद ही नहीं सकता.


दोस्तों मेरी शादी हुई, मैं जवानी से भरपूर, मेरी चूचियाँ तनी हुई, गांड का उभार का क्या बताऊँ, नैन नक्स तो ऐसे की किसी को भी घायल कर दे. जब शादी होकर आई तो सब लोग ससुराल में कहते थे की कहा बन्दर के हाथ में परी आ गई है. मुझे सेक्स बहुत पसंद है मुझे तरह तरह के पोजीशन में चुदवाना बहुत अच्छा लगता है. पर क्या करूँ ये सब तो सपना हो गया था, शादी के बाद मैं अपने पड़ोस के ही एक भैया थे विक्की खूब मजे लिए थे, वो चूत क्या गांड भी खूब मारे थे.


शादी के रात को मेरा पलंग सजा हुआ था, मैं घुंघट लेके बैठी थी, पति देव आये, बैठे हकला हकला के बात करने लगे. पर मैं खुश थी चलो पति जैसा भी हो सम्पति खूब है. मैं और मेरे घरवाले सिर्फ सम्पति के लिए ही शादी किये थे, तो शुरुआत हो गई, ज़िंदगी में हम दोनों कैसे खुश रहेंगे, ज़िंदगी में क्या क्या पलानिंग होगी, ये सब बातें तो मुझे फ़िल्मी लगती थी.


मुझे तो लग रहा था की बस मुझे आज रात खूब चोद दे. ये शादी के चक्कर में तिन महीने से चुदी नहीं थी. मैं खुद ही पहल किया और आँचल निचे गिर दी पलंग पर ताकि मेरी चूचियों का दीदार हो जाये हुआ भी ऐसा ही.


ऊपर से मेरी चूचियाँ मेरी टाइट ब्लाउज और ब्रा से बाहर निकलने को आ रही थी. पति का ध्यान गया मैंने गले लगा के उनके छाती को अपनी चूचियों से गरम कर दिया वो धीरे धीरे मेरे पीठ को सहलाते हुए चुम्मा लेने लगे. फिर मैंने ब्लाउज की ऊपर की दो हुक खोल दी अब चूचियों के बिच का दरार और गोरी गोरी चूचियाँ आधी निकल गई.


पति को जोश आ गया और उन्हने मेरे चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. मैंने भी उनका साथ दिया और ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और पीछे से ब्रा का हुक भी. उहोने मेरे ब्लाउज और ब्रा को निकाल दिया अब तो उनको मजा आ गया और मेरे गोद में लेट गए और मेरी चूचियों को दबाने लगे और पिने लगे.


निप्पल को दांत से काट रहे थे थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था. पर मजा भी बहुत आ रहा था और मैं लेट गई और वो मेरे पेटीकोट को ऊपर कर दिए और पेंटी खोल कर मेरे चूत के झांटो से खेलने लगे. वो उँगलियाँ फ़िर रहे थे मुझे गुस्सा आ रहा था फिर उन्होंने पूछा की क्या मैं चूत में ऊँगली डाल दू.

अब बताओ दोस्तों मुझे कैसा लगा होगा, मुझे लगा की मादरचोद को एक लात मारू की पलंग से निचे गिरे. पर मैंने काबू रखी अपने आप पर और उन्हने मेरे चूत में उँगलियाँ डालने लगे, मेरा चूत पानी पानी होने लगा, मेरे दांत आपस में बजने लगे, मुझे लण्ड चाहिए था. मैंने उनको अपने ऊपर किया और पजामा और अंडरवियर खोल दी. लण्ड देखकर हैरान रह गई. पतला सा छोटा सा, मेरी ऊँगली की तरह, ओह्ह्ह मेरे भगवान् ये क्या किया मेरे साथ. इतना बड़ा जुर्म.


उसके बाद वो अपना लण्ड मेरे चूत पे रखे और घुसा दिए, मैंने कहा घुसाओ ना जी चूत के अंदर वो बोले पूरा चला गया है. अब आप भी बताओ मैं क्या करती, और वो दो मिनट में बाहर निकाल कर बोले हो गया आज के लिए. मैं तो जल भून कर राख हो गई. मैंने कहा ये क्या है. मर्द हो की नहीं, उन्होंने कहा मर्द भी औरत भी हु. साला ये आदमी तो पागल निकला, अब मैं करती क्या. उनका उम्र भी थोड़ा ज्यादा हो रहा था.


मुझे सम्पति पर नजर था इस वजह से मैंने एक चाल चली, उनके साथ खूब हिल मिलकर रहने लगी. उनका खूब ख्याल रखने लगी और सास ससुर का भी. करीब १ साल बीत जाने के बाद मेरी सास ससुर और पागल पति भी कहने लगा की बच्चा क्यों ना हो रहा है. बच्चा क्यों ना हो रहा है. मेरे पति को ये एहसास था ही नहीं की वो मुझे चोद ही नहीं पा रहे है. वो सोच रहे थे की मैं खूब संतुष्ट कर पा रहा हु. और मैंने कोई शिकायत नहीं की इस वजह से सास ससुर को भी लग रहा था की मैं काफी खुश ही.


एक साल होने पर मैंने पाने भैया को बुलाई, उनकी शादी नहीं हुई थी. मुझे लगा की क्यों ना मैं इनसे सेक्स सम्बन्ध बना लु. क्यों की आज से तीन साल पहले कई बार उन्होंने मुझे चोदने की कोशिश की थी. पर मैं जाग गई थी. उन्होंने एक बार तो मुझे बोला भी था की संजना क्या तुम मुझे चोदने या गांड मारने दोगे पर मुझे अपने घर में चूत मरवाना ठीक नहीं लग रहा था आलरेडी मैं किसी और से चूद रही थी.


तो मैंने उनको बुलाया और कहा की भाई मेरे साथ ये ये प्रॉब्लम है अगर मुझे बच्चा हो जाता है तो मैं इस महल की मालकिन और इतना हैं दौलत अपना हो जायेगा, ये बूढ़ा बुढ़िया तो बस पांच दस साल और मेरा पति तो पागल है, इसका क्या कहना. कब भाग जायेगा या तो कुछ हो जायेगा कुछ भी नहीं पता .


मेरा भाई समझ गया क्यों की वो भी अब हिस्सेदार हो गया था. और शुरू हो गया हम दोनों का खेल. भाई मुझे लेकर शिमला आया और सास ससुर को कह दिया की इलाज के लिए जा रहा हु वह पर एक डॉक्टर है जो हंड्रेड पर्सेंट गारंटी देता है. बच्चा होने का, उन लोगो को बहुत अच्छा लगा की एक भाई अपने बहन के लिए कितना कर रहा है फिर क्या बताऊँ दोस्तों, शिमला में भाई प्लान बनाया की क्यों ना होटल बालों को कहने की हानीमून पे आये है.


और फिर हानीमून का पैकेज लिए जिसमे मेरे कमरे को सजाया गया, मैं भी दुल्हन बानी और फिर भाई ने मेरे एक एक कपडे उतार फेंका. और फिर मेरी चूचियों को दबाने लगा. मुझे भी काफी दिन बाद किसी मर्द का हाथ लगा था, मैं भी अंगड़ाई लेने लगी. वो मेरे बूब्स पे हाथ फेरते हुए मेरे रसीले होठ को चूसने लगा. फिर अपना जीभ निकाल कर मेरे ऊपर से लेके गर्दन होते हुए चूच पर से मेरे नाभि में घुमाया और फिर निचे गया.


मेरी चूत के पास जाकर रूक गया और चूत पे अपनी जीभ को घुमाने लगा, मैं पानी छोड़ दी. वो पानी को चाटने लगा. फिर वो ऊँगली कर कर के पानी निकालने लगा और फिर पिने लगा. फिर उसने मुझे उलटा लिया दिया और मेरे चूतड़ को सहलाते हुए बोला बताओ घर में इतनी खूबसूरत परी रहते हुए मैं बुढ़िया को चोद रह हु.


मैंने कहा बुढ़िया? तो बोला हां अपनी माँ, मैंने कहा मादरचोद तूने तो अपने माँ को भी नहीं छोड़ा, बोला करता भी क्या तुम मुझे कुछ नहीं बोल सकती क्यों की मैं पहले तुमसे पूछा था, तुमने मना कर दिया तब मैं माँ को पटाया और आज तक मैंने समझ गई ये कितना मादरचोद आदमी है. फिर मैंने कहा चल कोई बात नहीं अब बहनचोद भी बन जायेगा, फिर उसने मेरे गांड में अपनी भींगी हुई ऊँगली जो की मेरे चूत का पानी से सना था. गांड में घुसाने लगा और फिर घुसा दिया, वूू उफ्फ्फ आह क्या मजा आ रहा था. वो और फिर वो अपने जीभ से मेरे गांड को भी चाटने लगा.


मैं वैचैन हो गई क्यों की मुझे लण्ड चाहिए था. मैंने कहा भैया देर मत करो, मैं तीन बार झड़ चुकी हु. मेरा भाई अपना मोटा लण्ड निकाला और मेरे चूत पे सेट किया और फिर जोर से धक्का मारा लण्ड मेरे बच्चेदानी पे जाकर टकराया और फिर मेरे चूच को मसलने लगा. मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी. दोस्तों उस रात को हम दोनों एक दूसरे का खूब साथ दिया और मन भर चुदाई की.


शिमला में हम लोग आठ दिन रहे और दिन रात बस चुदाई ही चुदाई, वह से आने के बाद मैंने सास को बोली की मुझे काफी हार्ड हार्ड सुई लगा है, और डॉक्टर ने बोला है की तुम पांच दिन तक अपने पति के साथ रहोगी, सास का खुसी का ठिकाना ना रहा और पति का भी, रात में मुझे चोदने लगा, ये तो मेरा पति समझ रहा था की मैं चोद रहा हु.


पर मुझे पता था की इस चुदाई से कुछ भी नहीं होने बाला, और फिर हुआ भी ऐसा की नेक्स्ट माहवारी नहीं आई, मैं प्रेग्नेंट हो गई, पति से नहीं बल्कि भाई से. घर में ख़ुशी का माहौल हो गया, मुझे और भी ज्यादा प्यार मिलने लगा और फिर नौ महीने बाद मैं अपने भाई के बेटे की माँ बन गई.


इस Real Bhai Bahan Sex Kahani के बारे में आपके जो भी सुझाव हों, आप मुझे मेल कर दीजिये. फालतू मेल में आपका और मेरा कीमती वक्त जाया मत होने दीजिये.

मेल करते वक्त कहानी का कौन सा हिस्सा अधिक पसंद आया, ये बता देंगे तो मेल का उद्देश्य समझ में आ जाएगा.

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रात में भाई चोदने लगा मुझे

मेरा छोटा भाई जिसको नींद में चोदने की आदत है। आजतक आपने सूना होगा कई लोगों को नींद में चलने की आदत होती है पर आज आप पहली बार सुन रहे होंगे पढ़ रहे होंगे की किसी किसी को नींद में चोदने की भी आदत होती है। Cute Sister Pussy Cream


आज मैं आपको पूरी कहानी बताने जा रही हूँ कैसे मेरा भाई मुझे कल रात चोदा, ऐसे तो कई बार उसने नींद में चोदने की कोशिश किया था पर मैं चुदी नहीं और सुला दी पर कल रात मेरा मन डोल गया और मैं अपने आपको चुदने से नहीं रोक पाई. आज मैं आपको पूरी दास्तान सुनाने जा रही हूँ।


मेरे मम्मी पापा दोनों निचे फ्लोर पर सोते हैं और मैं और मेरा छोटा भाई दोनों ऊपर फ्लोर पर सोते हैं हम दोनों बचपन से ही एक कमरे में सोते हैं पर जब से मेरी चूचियां बड़ी होने लगी तो मम्मी उसी कमरे में दो बेड लगा दी थी फिर तब से हम दोनों अकेले अकेले सोने लगे।


शुरआत में तो ठीक नहीं लगा था क्यों की हम दोनों की आदत थी टांग पर टांग चढ़ा कर सोने की पर जब से अकेले हो गए तब से तकिये के साथ ही सोना पड़ा था। काल रात की बात है। हमदोनो अपने अपने बेड पर करीब 11 बजे चले गए थे।


मेरा भाई जल्दी सो गया था और मैं मोबाइल में पोर्न विडियो देख रही थी और अपनी चूचियों को दबा रही थी। और संयोग की बात देखिये एक विडियो बहुत हॉट लगी तो मैंने पाने सारे कपडे उतार दिए और चादर ओढ़ ली थी और अंदर ही मुँह कर के सेक्सी विडियो देख रही थी और अपनी चूचियाँ दबा रही थी और अपने चूत को सहला रही थी।

पर जैसे ही कहानियां ख़तम होने को आई मेरे शरीर में आग सी लग गई थी। ऐसा लग रहा था कोई मुझे चोद दे। पर करती क्या मैंने अपना बिच की ऊँगली अपने चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगी। चूत गीली हो गई थी सफ़ेद क्रीम की तरह कुछ निकल रहा था। मैं पसीने पसीने हो गई थी। मेरे शरीर में झनझनाहट होने लगी थी।

ठीक उसकी समय मेरा भाई नींद में ही चलकर आया। और मुझे दो बार टटोला मैं चादर अपने फेस पर से हटाई तो देखि वो निचे खड़ा है। आँखे बंद है लौड़ा पकड़ रखा था अपने हाथों में लौड़ा भी बड़ा हो गया था मोटा भी था। और होठ ऐसे कर रहा था जैसे की उसने अपना लंड चूत में डाल दिया हो।


उसको शायद ये पता भी नहीं था वो क्या कर रहा है। वो सिसकारियां ले रहा था। लौड़ा हिला रहा था। मैं थोड़े देर उसको देखि वो बेड के निचे ही खड़ा था। उसको देखकर मेरी धड़कन और बढ़ने लगी जैसे कोई गलत काम करने जाते हैं तो कैसे धड़कने बढ़ जाती है ठीक उसी प्रकार हो गया था।


मैं सोची क्यों ना चुदवा ही लूँ। उठकर बैठ गई उसके हाथ पकडे और अपने तरफ खींच लिया। नजदीक हुआ। मैं बैठ कर ही उसका लौड़ा पकड़ ली और मुँह में ले ली, खिड़की से स्ट्रीट लाइट आ रही थी, सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था। मैं और भी ज्यादा गरम होने लगी थी। 

वो भी अपने आप को मुझे सौंप दिया था। फिर मैं उसके हाथ पकड़ी और लेट गई मेरे सारे कपडे पहले से ही उतारे हुए थे। वो बेड पर चढ़गया और मैं अपना टांग फैला दी। वो मेरी टांगो के बिच में बैठ गया पर कुछ भी नहीं कर रहा था। वो चुपचाप बैठा हुआ था।

वो नींद में था पर उसका लौड़ा खड़ा था, मुझे लगा की इससे ज्यादा बड़ा मौक़ा मुझे नहीं मिलेगा अपनी चूत की भूख मिटाने को, मैंने तुरंत ही उसको अपने पर लिटा लिया और उसका लौड़ा पकड़ पर अपने चूत पर लगा लिया। तभी वो धक्के देने लगा।


वो नींद में बड़बड़ा रहा था की चोदने दो मुझे, वो जोर जोर से धक्के देने लगा, मेरी चूत के अंदर तक उसका लौड़ा जा रहा था। मैं निचे से ही धक्के लगाने शुरू की, अब दोनों तरफ से धक्के लग रहे था। उसका हाथ पकड़ पर अपनी चूचियों पर रख दी। वो अब मेरी चूचियों को भी मसलने लगा था।


दोस्तों मेरी चूत गीली हो गई थी मजे ले रही थी सिसकारियां निकल रही थी , मेरे मुँह से आह आह आह की आवाज निकल रही थी। बेड भी चों चों की आवाज कर रहा था, मैं सचमुच में जन्नत में थी। मजे से चुदवा रही थी और मेरा भाई मुझे चोद रहा था।

मैंने उसको चूमना शुरू किया अब वो अपना जीभ मेरे मुँह में डाल दिया, मेरे होठ चूसने लगे, मैं भी उसको चूमने लगी एक तरफ से वो चोद रहा था और दोनों के लिप लॉक था। उसके बाद मैंने उसके सर को निचे किया अपनी बूब्स के पास और मैं अपने बूब्स को पकड़ कर उसमे मुँह में अपना निप्पल दे दिया, अब वो एक छोटे बच्चे की तरफ मेरी चूचियों को चूसने लगा। अब तो मेरी वासना और भड़क गई, अब और तेजी से मुझे चोदने लगा और मैं भी निचे से धक्के देने लगी।


तभी उसका सारा माल मेरी चूत में समा गया और मैं अब उसको जोर से पकड़ी और अंगड़ाई ली और मैं भी झड़ गई। वो करीब पांच मिनट कर वैसे ही लेटा रहा। उसका लौड़ा धीरे धीरे ढीला हो गया और छोटा हो गया। मैं अपना गांड खिसकाई और उसका लौड़ा बाहर आ गया। उसको मैं हौले से उठाई वो खड़ा हो गया और मैं पकड़ कर उसको उसके बेड पर सुला दी और उसके पेंट और जांघिये ठीक से पहना दी और ओढ़ा दी। और अपने बेड पर आकर सो गई।

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