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जीजू ने मुझे घर में अकेले पाया तो कसकर चोद लिया

मेरे जीजू दिल्ली में मथुरा रोड वाले मर्सिडीस के शोरूम में मैनेजर है। वो आई आई एम् अहमदाबाद से एम् बी ए है और उनको ६० लाख का पैकेज मिला हुआ है। इसलिए वो बहुत पैसा कमाते है और मेरे उपर तो बहुत पैसा उड़ाते है। एक दिन जीजू ने कहा की चलो तुमको पिक्चर दिखा लाऊं, वो मुझे पीवीआर साकेत माल में ले गये और उन्होंने किसी विदेसी एडल्ट फिल्म की टिकट ले ली। उस फिल्म में शुरू से अंत तक बस गर्म गर्म चुदाई वाले ही सीन थे। जीजू ने सिनेमाहाल में ही मेरे ३४” के बड़े बड़े मम्मे जीभर के दाबे और जन्नत का मजा लिया, फिर वो मुझे एक रेस्टोरेंट में खाना खिलाने ले गये, हम लोगो ने जीभरकर खाना खाना।


जीजू ने अपनी कार पार्किंग में अँधेरे में पार्क की थी। उन्होंने अँधेरा देखा तो उनके दिमाग में मुझे चोदने का मस्त प्लान आया।


“ऐ….रजनी चल तेरी कार में चुदाई करता हूँ!!” जीजू बोले


“क्या…..जीजू…..नही यहाँ पर नही!!” मैंने कहा


पर वो नही माने। पेड़ के नीचे हम लोगो की कार पार्क थी, वहां बहुत अँधेरा था। जीजू ने मुझे कार में अंदर बिठा लिया और मेरे मम्मे को छूने लगे। मैं बाहर से नही जीजू…..नही जीजू….कह रही थी, पर असलियत में मैं भी चुदना चाहती थी। मैंने एक माल से पीला बहुत सुंदर टॉप और डेनिम जींस खरीदी हुई थी, इस वक़्त मैंने वही पीला टॉप और जींस पहन रखा था। धीरे धीरे जीजू मेरे टॉप के उपर से ही मेरे मस्त मस्त दूध दबाने लगे और मेरी चूत में जींस के उपर सहलाने लगे। कुछ देर बाद मैंने पाया की जीजू मेरे पीले रंग के टॉप को निकाल चुके थे और मेरी ब्रा भी उन्होंने निकाल दी थी। कार की बैकसीट पर उन्होंने मुझे लिटा दिया था और मेरे नंगे, बड़े बड़े फूले फूले और गोल गोल दूध वो बड़े मजे से पी रहे थे। मेरी चुच्ची उनके मुंह में थी, उसे उन्होंने कसकर हाथ से पकड़ रखा था और दबा दबाकर मेरे दूध पी रहे थे और जन्नत के मजे ले रहे थे।


मैं प्लीसससससस…जीजू…….प्लीससससस…….उ उ उ….मुझेझेझेझेझे…कसकर चूसो मेरे आमममम … उ उ उ उ उ……अअअअअ” मैं चिल्ला रही थी। आज जीजू फुल मूड में थे। मैं सब जानती थी, आज वो मुझे किसी माल की तरह चोदना चाहते थे, मेरे भोसड़े में वो अपना लंड डालकर मुझे कसकर कूटना चाहते थे। मैं ये बात अच्छी तरह से जानती थी। हम दोनों उस रेस्टोरेंट के कारपार्किंग में अँधेरे में मजे ले रहे थे। जीजू की हौंडा असेंट कार बहुत की मस्त थी और सीट बहुत लम्बी और बड़ी थी। भूरे मखमली लेदर सीट मैं लेटी हुई थी, जीजू ने कुछ देर बाद मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया और मेरी जींस और टॉप निकाल दिया, फिर मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। मैं बहुत गर्म हो गयी थी और चुदना चाहती थी। फिर मेरे प्यारे जीजू ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और पूरी तरह से नंगे हो गये।


मैंने उनका ८” का मोटा और ताकतवर लौड़ा साफ़ साफ़ देख सकती थी। जीजू का मोटा लौड़ा मुझे चोदने को बेक़रार था। फिर वो मेरे नंगे मम्मे को मुंह में लेकर पीने लगे और मजे मारने लगे। मैं बहुत चुदासी हो गयी थी और जल्दी से चुदवाना चाहती थी। मैं अई…अई….अई……अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की मीठी मीठी आवाजे निकाल रही थी। जीजू तो किसी बेकरार आदमी की तरह मेरे दोनों मम्मे मजे लेकर चूस रहे थे। फिर वो मेरी चूत पर आ गये और उसे मजे से पीने लगे। वो बार बार किसी चुदासे कुत्ते की तरह लपर लपर करके मेरी चूत पीने लगे। कुछ ही देर में मैं बहुत जादा गर्म हो गयी। मेरी चूत जो पहले काफी कड़ी और सख्त थी, वो अब काफी नर्म हो गयी थी।


उम्म्मम्म..जीजू ने मेरी बुर को बड़े प्यार से चाटा था, सायद तभी मेरी बुर इतनी गीली और तर हो गयी थी। मैंने देखा की मेरी चूत से माल निकल रहा था, सफ़ेद सफ़ेद गाढ़ी क्रीम मेरी चूत से निकल रही थी, जिसे जीजू मजे लेकर पी रहे थे। शायद मेरी दीदी को भी वो इसी तरह बुर चाट चाटकर चोदते होंगे, मैं सोचने लगी। फिर जीजू मेरे चूत के दाने को दांत से पकड़कर खीचने लगे, तो मैंने अपनी गांड उठा दी। कुछ देर बाद जीजू ने उस कार पार्किंग के अधेरे में ही अपनी कार में मेरी रसीली चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मुझे बहुत मजा मिल रहा था। बड़ी मीठी मीठी नशीली रगड़ वो मेरे भोसड़े में दे रहे थे। मैं तो ताजुब कर रही थी की छोटी सी चूत में आखिर इतना बड़ा लौड़ा जाता कैसे है??…यही मैं बार बार सोच रही थी।


पर शायद चुदाई का करिश्मा उपर वाले ने ही बनाया था, जो इतनी छोटी सी बुर में ८ ८ १० १० इंच के लौड़े आराम से चले जाते है और लडकी को कस कसके चोदते है। जीजू मुझे पकापक चोदते रहे। उस रात जीजू ने मुझे कार पार्किंग में डेढ़ घंटे चोदा और मेरी गांड मारी। फिर हम लोग अपने अपने कपड़े पहन कर घर आ गये थे। जब मेरी दीदी ने पूछा की इतनी देर कहा हो गयी तो जीजू ने कहा की कुछ दोस्त मिल गये थे। इसतरह मैं अपने जीजू से पट चुकी थी और कई बार चुद चुकी थी।


दोस्तों, कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आया तो मेरी दीदी और जीजू मेरे घर आने वाले थे। जब मेरी मम्मी ने बताया की दीदी और जीजू आ रहे है तो आज फिर से इतने महीने बाद मेरा चुदवाने का दिल करने लगा। आज ७ अगस्त था और आज ही रक्षाबंधन था। कुछ देर में मेरी दीदी और जीजू मेरे सैनिक फार्म्स वाले बंगले पर आ गये। मेरी दीदी ने मेरे भाई के राखी बांध दी। कुछ देर बाद मेरी माँ, दीदी और भाई मार्केट सामान खरीदने चले गये। अब घर पर मैं और जीजू अकेले थे। जैसे ही मेरी मम्मी, दीदी और भाई चले गये,जीजू से मुझे पकड़ लिया।


“रजनी!!….मेरी साली! तुमको चोदे हुए ८ महीना से जादा हो गया। आज तो मुझे हर हालत में तुम्हारी चूत मारनी है!!” जीजू बोले


मैंने शर्माने लग गयी। उन्होंने मुझे पकड़ लिया और बेडरूम में ले गये। जीजू मुझे मेरी माँ के बेडरूम में ले आये। इसी कमर में, इसी बेड पर मेरी माँ रोज पापा से मजे से चुदवाती थी, और आज मैं जीजू से इसी बेड पर चुदने वाली थी। धीरे धीरे जीजू ने मुझे छूना और किस करना शूरू कर दिया।


“जीजू!!…आप नही जानते पर मैं भी आपसे चुदना चाहती हूँ!!…आप ने उस दिन रेस्टोरेंट की कार पार्किंग में मेरी क्या मस्त चुदाई की थी। जीजू मैं पुरे महीने सिर्फ आपके बारे में ही सोच रही थी। सच में आपका लंड बहुत बड़ा और रसीला है!!” मैंने कहा


इसके बाद जरूर पढ़ें माँ के कहने से दीदी को माँ बनाया

“रजनी…..मेरी साली!! कभी अपनी दीदी से पूछना। सारी सारी रात वो मेरा मोटा लौड़ा खाती है और मजे से चुद्वाती है!!” जीजू बोले


“……तो फिर ठीक है जीजू……आप आज मुझे इस तरह चोदो जैसे आप दीदी को पेलते है!!” मैंने कहा


“ओके रजनी…..पर अगर तुमको मेरी ठुकाई अच्छी लगी तो तुम मुझे गांड दोगी!!” जीजू बोले


“डन!!” मैंने कहा


उसके बाद उन्होंने मेरा सलवार सूट निकाल दिया। हर बार वो ही मुझे नंगा करते थे, पर इस बार मैंने ये किया। मैंने जीजू के शर्ट पेंट को निकाल दिया। उन्होंने बनियान नही पहनी थी। मैंने उनके अंडरवियर के उपर से ही उनके रसीले ८ इंची लंड को चूसने लगे। जीजू सफ़ेद चादर बिछी बेड में सीधा होकर लेट गये। मैं उनके दिल का हाल अच्छे से समझ रही थी। उनके काल्विन क्लेन के फ्रेंच अंडरवियर में उनका मोटा लौड़ा जाग चूका था और मेरी रसीली चूत मारना चाहता था। 


पर इस बार चुदाई के बेहद दिलचस्प खेल को मैं ही शुरू कर रही थी। मैं अपनी जीभ लगाकर अंडरवियर के उपर से जीजू का मोटा लौड़ा चूसने लगी। धीरे धीरे लौड़े के माल से उनका अंडरविअर भीगने लगा और माल के निशान उसमे पड गये। कुछ देर बाद मुझसे खुद बर्दास्त नही हुआ, तो मैंने जीजा की काल्विनक्लेन वाली फ्रेंची उतार दी और मोटे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।


वो धीरे धीरे मस्त हो गये थे। ओह्ह्ह यस…..रजनी तुम अच्छा लौड़ा चूस रही हो…..कमोंन सक इट!!’ जीजू बोले


मैंने उनके बगल बैठकर उनपर झुक गयी थी और लंड को चूस रही थी। इतना बड़ा लंड मैंने आजतक नही देखा था, और सिर्फ ब्लूफिल्मो में देखा था। मेरी दीदी हर रात जीजू से कैसे चुदवाती होंगी मैं सोचने लगी। जरुर दीदी को बहुत मजा मिलता होगा। ये सोचकर मैंने जीजू का मोटा लंड मुंह में भर लिया और मस्ती से चूसने लगी। मैं गले तक लंड लेकर जल्दी जल्दी चूसने लगी। कई बार तो मुझे साँस ही नही आ रही थी, पर जैसा भी था जीजू का मोटा सांड जैसा लंड चूसने में मजा बहुत मिल रहा था। आज रक्षाबंधन के सुअवसर पर आज मैं फिर से चुदने वाली थी।


मैंने आधे घंटे तक जीजू का लौड़ा और उनकी गोलियां मजे से चुसी। फिर खुद ही उनकी कमर पर बैठ गयी। जीजू ने मुझे हल्के से उपर उठाया और मेरे भोसड़े में अपना ८” लम्बा लौड़ा डाल दिया। मैं लंड को चूत में लेकर जीजू की कमर पर बैठ गयी और उचल उचल कर चुदवाने लगी। इसी तरह की ठुकाई की तकनीक मैंने एक ब्लू फिल्म में देखी थी। धीरे धीरे मेरी कमर खुद ही अपने आप किसी नागिन की तरह नाचने लगी और मैं मजे से चुदने लगी। जीजू ने मेरे मस्त मस्त गोल गोल मदमस्त पुट्ठो को अपने हाथ में भर लिया और सहला सहलाकर मुझे चोदने लगे। मेरे काले घने बालों को जीजू ने खोल दिया, और मेरी घनी घनी जुल्फे इधर उधर हवा में उड़ने लगी, खुले बालों में मैं और जादा चुदासी और कामुक लग रही थी।


जीजू मेरे मस्त मस्त नर्म नर्म पुट्ठों को बड़े प्यार से सहला रहे थे और मुझे चोद रहे थे। फिर उन्होंने अपना सीधा हाथ मेरे कंधे पर रख दिया और नीचे से पट पट करके जोरदार धक्के मेरी चूत में मारने लगे, उनका मोटा पहलवान वाला लंड मेरी चूत को किसी मशीन की तरह जल्दी जल्दी चोद रहा था। मैं पूरी तरह से नंगी थी, मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था, मेरा बदन चुदते चुदते थरथरा रहा था जैसे कोई फोन घू घू वाईब्रेट होता है। जीजा अपने सीधे हाथ से मेरा चिकना कन्धा पकडकर मेरे बदन पर अपनी पकड़ बनाए हुए थे और कसकर मुझे चोद रहे थे। “ओह्ह्ह्ह फक मी हार्डर…जीजू…..ओह्ह्ह यससससस….कमोंन फक मी हार्ड!! ओह्ह माय गॉड….यससससससस यस!! मैं इस तरह से किसी बिच(रंडी) की तरह जोर जोर से चिल्ला रही थी।


मेरे जीजू ६ फुट के लम्बे चौड़े ताकतवर पर्सनालटी के लम्बे चौड़े आदमी थी। मैं ५० किलो वजन की मस्त माल थी, पर जीजू इतने ताकतवर आदमी थे की उनके लौड़े पर मैं किसी हल्के फूल की तरह उचल रही थी। मेरा ५० किलो का भार वो आराम से उठा रहे थे और मुझे उछाल उछालकर मुझे कस कसके चोद रहे थे। मैं पूरी तरह से नंगी थी और उनका मोटा लंड अपनी योनी में लिए बैठी थी। कुछ देर बाद जीजू ने तेज धक्कों के बीच अपना माल मेरी बुर में छोड़ दिया। मैं उनपर लेट गयी और वो मेरे होठ पीने लगे।


“ऊँ….आह्ह्ह्ह ..रजनी……मेरी साली…आज तो तुमने मुझे खुलकर चूत दे दी!! अब बोलो गांड दोगी की नही???”जीजू मेरे चिकने गाल को चुमते हुए बोले


मैं कुछ देर तक कुछ नही बोल सकी क्यूंकि मैं उनके होठ पी रही थी। उनके हाथ अपने भी मेरे सफ़ेद जूसी दूध पर थे, वो आज मुझे चोदकर मेरे साथ सुहागरात मनाना चाहते थे। मैं ये बात जानती थी। कुछ देर बाद मैंने अपना मुंह जीजू के मुंह से हटा लिया।


“अरे!! जीजू…….जब आज तुमने मुझे चोद चोदकर इतना मजा दिया है तो मैं तुमको गांड क्यों नही दूंगी!!….आज तुमको छूट है। रक्षाबंधन के मौके पर आज मार लो मेरी गांड!!” मैंने जीजू को फेस्टिवल ऑफर दिया जैसे वो अपनी कम्पनी में लोगो को त्यौहार पर कार खरीदने में फेस्टिवल ऑफ़र देते थे। उसके बाद जीजू बहुत खुश हो गये। उन्होंने मुझे बेड ने नीचे उतार दिया। उनके कहेनुसार मैंने फर्श पर दोनों पैर रखकर बेड पर लेट गयी। मैं बेड पर लेती थी, पर मेरे दोनों पैर जमीन पर थे। जीजू ने मेरी चूत के नीचे एक नर्म तकिया लगा दी थी। 


मेरी गांड उनको साफ़ साफ़ दिख रही थी। फिर वो जमींन पर बैठकर मेरी गांड का छेद पीने लगी। मैं पैर नीचे करके लेती हुई थी। जीजू से ५० मिनट मेरी गांड का छेद पिया और जीभ लगाकर चूसा। फिर लंड गांड के बहुत बारीक सुराख में रखकर एक जोर का धक्का मारा। जीजू का ८” लौड़ा पूरा का पूरा मेरी गांड में उतर गया, मैं रोंने लगी, मेरी गांड में बहुत जादा दर्द हो रहा था। पर जीजू नही माने और २ घंटे तक नॉन स्टॉप उन्होंने मेरी गांड चोदी। उस दिन के बाद से हर त्योंहार में मैं अपने जीजू से चुदवाती हूँ। 

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भैया के दोस्त ने चूत में बियर डाल कर चोदा

ये कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है. आज से सिर्फ तीन महीने की है, मैं शादी शुदा हु, और मेरी शादी को हुए चार महीने ही हुए है. तो आप सोच रहे होंगे की क्या ऐसा कारण बना की शादी के महीने दिन के अंदर ही गैर लड़के से मेरा सेक्स सम्बन्ध बन गया, जब की पति मुझे रोज रोज चोद रहा था, वो भी दिन रात मिलकर करीब तीन बार तो मेरी ठुकाई करता था पर वो मजा नहीं मिला जो की मुझे एक रात में मिला वो भी निरंजन के साथ. दोस्तों कई बार आप एक के साथ ज़िंदगी बिता देते है, हो सकता है की आपको पूरी ख़ुशी नहीं मिल रही हो, तो कही और मुंह मारने में भी कोई बुराई नहीं है. पर ध्यान रहे की आपकी खुशहाल ज़िंदगी भी चलती रहे और मजे भी लेते रहे. मैं अब आपको पूरी कहानी बताती हु.


निरंजन मेरे भैया का दोस्त है, मैं जब कुंवारी थी तो मन ही मन बहुत चाहती थी उसे, पर मैं कभी उससे कुछ कह नहीं पाई, एक दिन की बात है मैंने अपनी ये बात एक सहेली को बताई, तो मेरी सहेली बोली की यार देर मत कर तुरंत ही तुम अपने घर में बात कर लो. हो सकता है तुम्हारे घर बाले तुम्हारी शादी उसी से करा दे क्यों की मैं जहाँ तक जानती हु, निरंजन एक बहुत ही अच्छा लड़का है. और तुम्हारे घर बाले तुम्हे मना नहीं करेंगे. मैं दूसरे दिन सुबह सुबह ही अपने माँ और दोनों भैया को बैठे और बोली आज मैं आपलोग से एक बात करना चाहती हु. अगर आप लोग को निरंजन पसंद हो तो मैं उसे अपना जीवन साथी बनाना चाहती हु.


फिर क्या था दोनों का गला रुंध गया, और हम दोनों एक दूसरे के गले मिल गए, चांदनी रात थी. हम दोनों एक दूसरे को पकडे थे, तो मैंने कहा निरंजन जी क्यों ना हम दोनों आज के लिए पति पत्नी बन जाएँ, मेरी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी और आपकी भी, उन्होंने कहा मैं भी यही सोच रहा था, उसके बाद मैं अपने भाई और पति के तरफ देखि वो दोनों सो रहा था गहरी नींद में , तभी निरंजन जी बोले वो लोग सुबह ही उठेंगे, बहुत ज्यादा पि लिए है. तो मैं बोली चलो निचे चलते है और फिर निचे चले गए. मैं बैडरूम में ले गई और बोली मैं आती ही दस मिनट में. 


उसके बाद मैं शादी का जोड़ा पहनकर आई, और निरंजन के गले लग गई, निरंजन ने मेरा घुंघट उठाया और फिर मेरे होठो को किश करने लगा. मैं भी साथ दे रही थी. वो मुझे आई लव यू कह रह था. और फिर होठ चूसते चूसते मेरी चूचियों को दबाने लगा. फिर मैं ऊपर से हुक खोलने लगी ब्लाउज का और उन्होंने ब्लाउज निकाल दिया और साडी फिर पेटीकोट, मैं लाल ब्रा और लाल डिज़ाइनर पेंटी में थी. 


वो मेरे शारीर के हरेक हिस्से को चूमने लगा फिर वो मेरा ब्रा उतार दिया और मेरी चूचियों को देखते हुए बोला ओह्ह्ह माय गॉड, और तुरंत ही मुंह में ले लिया. मेरी चूची बड़ी बड़ी थी ऊपर से निप्पल पिंक कलर का वो मेरी चूचियों इ खेलने लगा और फिर अपना जीभ मेरे नेवल में डालने लग्गा मुझे गुदगुदी होने लगी, और साँसे ऊपर निचे होने लगी. फिर वो मेरी पेंटी उतार दिया और निचे जाकर बैठ गया और फिर मेरे चूत को ध्यान से देखने लगा.


मैं बोली क्या देख रहे हो. तो उन्होंने कहा जिसपर मेरा अधिकार होता उसको कोई और भोग रहा है. तो मैं बोली आज जो मर्जी है कर लो. आज मैं तुम्हारी हु. फिर वो मेरी चूत को चाटने लगा. मैं अंगड़ाई ले रही थी. और तकिए को जोर से अपने मुठी में पकड़ रही थी मेरा रोम रोम खिल रहा था, होठ को दांतों से दबा रही थी, तभी निरंजन उठा और वो आधा बोतल बियर ले के आया, उसने मेरी चूत में बियर डाल दिया और फिर चाटने लगा. उसने कहा आज तक ऐसा स्वाद नहीं मिला है. और वो इसी क्रम को बार बार कर रहा था मैं तो पागल हो गई थी. 


मैं उसके बाल को पकड़ी और उसके सर को अपने चूत के ऊपर रखकर, रगड़ने लगी. फिर मैं उसके लण्ड को पकड़ कर, अपने चूचियों के बिच में रख दी और वो फिर वही धक्का लगाने लगा, फिर वो अपने लण्ड को मेरे मुंह में डाल दिया और फिर मैं चाटने लगी. मैं काफी सेक्सी हो गई थी. मेरे रोम रोम खिल रहे थे.


मेरी चूत बलखा रही थी. चूचियों के ऊपर के निप्पल तन गए थे. मेरे होश उड़ रहे थे. फिर उसने मेरे चूत के ऊपर अपना लण्ड रखा और जोर से धक्का मारा, मैं चीख गई क्यों की निरंजन का लण्ड मेरे पति के लण्ड से बहुत बड़ा था, वो अंदर बाहर करने लगा, फिर निरंजन ने मेरे दोनों हाथ ऊपर तकिए पे कर दिया और वो मेरे चूच को दबाने लगा और झटके पे झटके दे रहा था. फिर वो मेरे आर्मपिट (कांख) को चाटने लगा. मेरे कांख में घने काले काले बाल थे, वो चाट रहा था और सूंघ रहा था कह रहा था तुम्हारे कांख की खुशबु गजह की है मेरी जान. और वो और भी जयादा कामुक हो गया, अब तो और भी जोर जोर से चोदने लगा,


 मैं भी उसको कभी बाल सहलाती कभी बाहों में भर लेती, कभी चूमती और गांड उठा उठा के चुदवाने लगी. फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, सारा माल वो मेरे चूत में ही डाल दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर सो गए, फिर अचानक मेरी नींद खुली तो देखि घडी में तीन बज रहे थे और निरंजन फिर से मेरी चूचियों को पि रहा था और अपने ऊँगली से मेरे चूत से पानी निकाल रहा था.


मैं फिर गरम हो गई, और फिर वो मुझे चोदने लगा. इस तरह से वो मुझे सुबह तक एक एक घंटे के अंतराल में चोद रहा था. जब सुबह के पांच बज गए तो वो भी छत पर जाकर उन्ही लोगो के साथ सो गया, ताकि उनलोगो को कुछ भी महसूस नहीं हो, दोस्तों निरंजन की एक रात की चुदाई मुझे संतुष्ट कर दिया. पर मुझे एक मौक़ा अपने मायके में भी मिल गया निरंजन से चुदवाने को, पर उसमे थोड़ा काम मजा आया क्यों को वो चुदाई खड़े खड़े हुई थी. मैं आगे झुक गई थी और वो गांड के तरफ से मेरे चूत को चोदा था.


 तभी मेरा भैया बोल उठे ओह्ह्ह माय गॉड, ये क्या बोल रही है बबली, अगर यही बात करनी थी तो तुम थोड़े दिन पहले बताती, निरंजन की शादी परसो ही तय हो गई है, शादी ५ महीने बाद होगी क्यों की लड़की को सरकारी नौकरी लग गया है और वो ट्रेनिंग के लिए गई हुयी है. मैं ये बात को मम्मी को बताई थी. निरंजन भी आया था उसने भी ये बात बताया है माँ को. तो माँ भी कहने लगी हां बेटी वो आया था और बताया था. तो भैया कहने लगे. अब तुम चुप ही हो जाओ तो अच्छा है क्यों की अब बदनामी के अल्वा कुछ भी नहीं मिलेगा, मैंने देखा है निरंजन बहुत खुश है.


क्या बताऊँ दोस्तों, मेरे सर पर तो ऐसा लगा की पहाड़ गिर गया है. मुझे ज़िंदगी में पहली बार कुछ अच्छा लगा था पर वो भी छूट गया, पर मैं करती भी क्या, मेरा हक़ नहीं था निरंजन पे, क्यों की ना तो मैंने कभी इजहार किया तो मैंने उसको दोषी कैसे मानती, सच तो ये है की एक एकतरफा प्यार था जो की अक्सर टूट जाता है यही मेरे साथ हुआ, और थोड़े दिन बाद ही मेरी शादी हो गई. और मैं ससुराल चली गई. ससुराल में मुझे वापस लेने के लिए मेरा भाई और निरंजन दोनों आया था. क्यों की हमारे यहाँ रिवाज है की शादी के एक महीने के अंदर ही लड़की को मायके जाना होता है.


आपको तो पहले ही बता चुकी हु की मैं पति पत्नी दोनों अकेले ही रहते है मेरे सास और ससुर दोनों दूसरे जगह रहते है. शाम को मेरा भाई और निरंजन दोनों आया, फिर मेरे पति उन दोनों को लेके शाम को घुमाने गए, वापस में मटन और एक व्हिस्की की बोत्तल और एक बियर की बोतल लाये, मैं पूछी की ये सब किसके लिए तो वो बोले की मैं और आपके भैया दोनों व्हिस्की पिएंगे और निरंजन जी बियर पीते है इसलिए इनके लिए बियर. शाम को मीट बना फिर छत पर सब का पीना कहना होने लगा, दोस्तों क्या बताऊँ मेरा भाई और मेरे पति इतना ज्यादा शराब पि लिए की दो दोनों वही सो गए, क्यों की दोनों की तबियत ख़राब हो गई थी. दोनों वोमेटिंग करने लगे, और फिर वेहोश होकर सो गए, निरंजन एक आधा बोतल बियर पिए, उनको जयदा नशा नहीं आया तो फिर हम दोनों साथ बैठ कर छत पर ही बात करने लगे. 


रात के करीब १ बज गए है. उन्होंने मुझसे पूछा की ज़िंदगी में आपने क्या खोया क्या पाया, इतना सुनते ही मैं रो पड़ी, उन्होंने बोला बबली क्या बात है. सॉरी मैंने कुछ गलत पूछ लिया तो. तो मैंने कहा नहीं नहीं ये बात नहीं है. तो उन्होंने कहा तुम्हे मेरी कसम बताना पड़ेगा. मेरे दिल में अभी भी निरंजन के लिए जगह है तो कसम के चलते मैंने सच सच बता दिया की. मैं आपको बहुत चाहती थी पर जब मैं आपके साथ शादी के लिए घर में बात की तो, उसी दिन पता चला की आपकी शादी तय हो चुकी है. तभी मैंने देखा की उनके भी आँख में आंसू आ गए. उन्होंने बोला बबली आपने ये बात पहले क्यों नहीं कहा, पता है मैं भी आपको बहुत चाहता था

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भाभी ने लंड में तेल लगा के चुदबाया

ये कहानी चुदाई की एल अनमोल दास्तान है. मेरी एक नयी नवेली और लखो मे एक खूबसूरत भाभी ने मुझे जन्नत का दर्शन कराया. मेरी भाभी जितनी देखने मे खूबसूरत है उतनी ही दिल से भी खूबसूरत हैं. ये मेरे जिंदगी की सबसे जबरदस्त सेक्स का अनुभव है आंड आज भी जब उस हसीन पल की याद आती है तो मेरा लॅंड खुद बा खुद खड़ा हो जाता है.


मेरा एक फुफेरा भाई मोहित आर्मी मे जॉब करता था. उस की शादी कुच्छ दिन पहले हुई थी. मैं एक एग्ज़ॅम होने की वजह से उसकी शादी मे नही जा पाया था. मोहित शादी के बाद वापस जॉब पर चला गया था. वो हमेशा फोन करता रहता था की अब तो जाके अपने भाभी से मिल ले. एक दिन मैने घर मे चर्चा सुनी की मोहित की वाइफ बबली बहुत सुंदर है. मैने सोचा की एक बार तब मोहित की वाइफ से मिल ही लेते हैं. मोहित के गाँव पटना से लगभग 15 km की दूरी पर है. मैने अपना मोटर साइकिल उठाया और निकल पड़ा. लगभग शाम के 3 बजे मैं मोहित के गाँव पहुँच गया. मोहित का घर बहुत बड़ा था जिसमे सिर्फ़ मेरी बुआ फूफा जी एक छोटी बहन और बबली भाभी थे. बुआ हुमको देख कर बहुत खुश हुई और फिर बबली भाभी के कमरे मे ले गयी.


मैने जैसे ही बबली भाभी को देखा तो अवाक रह गया. वो स्वर्ग की अप्सरा जैसी खूबसूरत थी. लंबाई लगभग 5′ 5″ रंग मिल्की वाइट. घने लंबे लंबे बाल. बबली भाभी पर्पल (नारंगी) कलर का सूट पहनी थी. उनका चुचि बहुत ही अट्रॅक्टिव था. ब्रा का साइज़ लगभग 34 सपाट सुंदर पेट और लाजवाब कमर. बबली भाभी पूरा उपर से लेके नीचे तक कयामत थी. मैं तो बहुत आवक रह गया और मान ही मान सोचने लगा वा मोहित ने क्या भाग्या पाया है. फिर भाभी ने स्माइल दे कर स्वागत किया.ऐसा लगा जैसे लखो फूल एक साथ खिल गये हो.फिर हमारे बीच कुच्छ फॉर्मल बात हुई. फिर भाभी ने कहा आप यहीं बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूँ. भाभी लगभग 10 मिनिट के बाद चाय बनाकर लाई. फिर बुआ बोली चलो तुमलोग देवर भाभी आपस मे बाते करो मैं थोड़ा बाहर देखती हूँ.


फिर भाभी मेरे सामने ही पलंग पर बैठ गयी. अब मैने भाभी को ध्यान से देखा. दोस्तों क्या बताऊ अपने ज़िंदगी मे मैने इतनी अच्छी माल कभी नही देखी थी मेरे तो लॅंड खनक गया पूरा. ऐसा लग रहा था जैसे चेन्नई एक्सप्रेस की की कटरीना सामने आकर बैठ गयी हो. भाभी मेरी नज़रो को भाँप गयी और तोड़ा झेंप गयी. फिर मुझसे रहा नही गया. मैने कहा भाभी आप बहुत सुंदर हो. आप स्वर्ग की अप्सरा जैसी हो. तो भाभी ने कहा थॅंक योउ देवर जी, वैसे आप भी कम नही हो.


मैने आपके बारे मे सुन रखा था लेकिन आज देख रही हूँ. आप अपने खंडन मे सबसे ज़्यादा स्मार्ट हैं. अब मैं अपने बारे मे बता दूं- मेरी आयु उस समय लगभग 19 साल थी. मेरा हाइट 5’11” कलर वाइट आंड शरीर भी पूरा स्लिम ट्रिम था. फिर हुमलोग इधर उधर की बाते करने लगे. 1-2 घंटे मे हमारी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी. फिर मोहित का भी फोन आया उसने अपनी वाइफ से कहा मेरा सबसे प्यारा भाई है उसको स्पेशल केर देना. तो भाभी ने कहा आप टेन्षन ना लॉजी, मैं आपके भाई को पूरी खुशी दूँगी.


फिर रात के 9 बज गये. बुआ और फूफा जी खाना खाने के बाद सोने चले गये. बुआ जाते जाते भाभी को बोली- इसको तेल लगा देना, आने मे थक गया होगा मेरा भतीजा. तो भाभी ने हा मे सिर हिला दिया.


मैने भी खाना खा लिया था. अब बहन आंड भाभी खाना खा रही थी. मैं वहीं पर बैठ कर भाभी को निहार रहा था और माना रहा था काश डीदिको चोद्ने का मौका मिल जाता. फिर बहन बोली भैया आपका बेड भाभी के बगल बाले कमरे मे बिच्छा दिए हैं. मैने कहा ठीक है और मैं उस रूम मे जाकर सो गया.थके होने के कारण मुझे नींद भी आ गयी.फिर लगभग 11:30 बजे रात मे मेरे कमरे मे किसी के आने की आहत हुई. मैं चौकना हो गया. फिर किसी ने तौरछ जलाया. मैं रज़ाई मे अपना निकार और गांजी पहन कर सोया था. अंदर मे मैने अंडरवेर नही पहना था आंड इसके कारण मेरा 8.5 इंच लंबा लॅंड जो की भाभी के नाम पर मूठ मरने के बाद ऐसे ही रह गया था. फिर लाइट जला. मैं अचंभित रह गया. भाभी एक रेड कलर का साल ओढ़े हुए मेरे कमरे मे आई थी.


उसने देख लिया की मैं जगा हूँ. उसने कहा ड्यूवर जी तेल लगाने आई हूँ. मांजी ने कहा था नही लगाने पर कल डाटेंगी. मैने कहा अब जाके सो जाइए मैं बुआ को बोल दूँगा आपने तेल लगाया था. फिर वो पलंग पर बैठ गयीं और उन्होने रज़ाई हटाया तो मेरा निक्कर के अंदर का शेर उनको दिख गया. वो धीरे धीरे मेरे पैर के निचले पोर्षन मे तेल लगाने लगी. वो बीच बीच मे मेरे लंड को भी देख लेती थी. फिर 10 मिनिट तक तेल लगाने के बाद भाभी उठी और रूम का दरवाजा बंद कर दी.


फिर वो वापस आ कर बोली बहुत ठंडी हवा आ रही थी. मैं तो बस भाभी के फेस को ही देख रहा था. मेरे मान मे लगा आज शायद एक अप्सरा जैसी लड़की को चोद्ने का सपना पूरा होगा. भाभी फिर घुटने के उपर तेल लगाने लगी. उसी मे वो आयेज बढ़ी तो उनके हाथ मे लॅंड टकरा गया. उसने मेरे लॅंड को पकड़ कर कहा इसमे भी तेल लगा दूं क्या? अब तो मुझसे रहा नही गया मैने कहा तेल लगाने से क्या होगा जानेमन? तो भाभी बोली मज़ा आएगा. आपके भैय तो रोज लगवाते थे. मैने कहा भैया उसके बाद भी तो कुच्छ करते होंगे. तो वो शर्मा गयी. मैने भाभी का हंत पकड़ कर अपने पेंट के अंदर दल दिया.


फिर वो बोली रुकिये मालिश कर देते हैं. फिर उसने एक झटके मे मेरा पेंट खिच दिया. अब मैं नीचे बिल्कुल नंगा था. मेरा लॅंड तंबू की तरह खड़ा था. भाभी उसमे सरसो का तेल लगाने लगी. मुझसे बर्दस्त नही हो रहा था, मैने भाभी को बेड पर पटक दिया और उसके उपर चढ़ गया. भाभी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली देवर जी मेरी प्यास बुझा दो. मैने भाभी का निघट्य पैर तरफ से पकड़ कर उपर तक उठा दिया. वो नीचे पूरी नंगी थी. मैने भाभी के गुलाबी बर के पास हाथ फेरा तो वहाँ सूखा लग रहा था. बस मैने झट से अपना जीभ भाभी के बर मे दल कर लिक्केरिंग करने लगा. भाभी ने अपने दोनो जाँघो के बीच मेरा सर दबा लिया और बेड पर कूदने लगी.


फिर भाभी ने मेरा बाल पकड़ लिया और बोली अब बर्दस्त नही होता, फाड़ डालो मेरा बूर अब तक भाभी का बूर पूरा गीला हो चुका था. तभी भाभी उल्टा सो गयी और बोली देवर जी मेरे बूर मे पिच्चे से लंड डालो, हुमको बहुत मज़ा आता है. फिर मैं भाभी को घोड़ा बनके उसके बूर मे पिच्चे से लॅंड डाला. उपर मैने भाभी के चुचियों को कस कर पकड़ रखा था और भाभी अपना बर खुद आगे पीछे कर रही थी.


ऐसा करने मे बहुत मज़ा आ रहा था, एक तो भाभी की सुंदर चुचिया पूरी पूरी हाथ मे थी उपर से लॅंड भी अच्छा ख़ासा अंदर जा रहा था. ऐसे चुदाई करते करते हुमलोग लगभग 35 मिनिट मे झाड गये. मेरा 8.5 इंच लंबा उत्तेजित लॅंड अब छ्होटा हो गया था. लेकिन भाभी अभी संतुष्ट नही थी. उसने अब हुमको बेड पर पटक दिया और मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूसने लगी. चूसने से लॅंड 3-4 मिनिट मे ही फिर से 8.5 इंच का हो गया. फिर भाभी बोली अब मुझे सामने से चोदो जान. 


फिर मैने सामने से लॅंड डाला, भाभी बेड पे जंप कर रही थी और मेरा पूरा लंड गदप कर रही थी. इस बार हुमलोग लगभग 70 मिनिट के बाद झड़े . हुमलोग पूरी तरह से पस्त हो गये थे मैं भाभी के उपर बर मे ही लंड डाले हुए ही सो गया था. लगभग एक घंटे के बाद भाभी की नींद टूटी तो उसने अपने उपर से हुमको हटाया. घड़ी मे सुबह के 5 बज रहे थे. वो जल्दी से अपना कपड़ा पहन कर धीरे से दरवाजा खोल कर जल्दी से अपने कमरे मे चली गयी.


मैं लगभग 5 दिन तक बुआ के यहाँ रहा और हुमलोग बस चुदाई के मौके की तलाश मे रहते थे. बाद मे बुआ ने भाभी को उसके घर छोड़ने के लिए भी बोला तो मैने पटना मे अपने घर मे भी भाभी को छोड़ा. बाद मे भाभी ने मेरी एक बेटी को भी पैदा किया. अभी भाभी मोहित के साथ ही रहने लगी है लेकिन साल मे 2 बार छुटियों मे वो मेरे पास ज़रूर आती है अपनी प्यास मिटाने के लिए.

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होटल में भैया ने बुझाई चुत की आग

मेरी शादी एक ऐसे इंसान से हो गई जो देखने में तो लंबा तगड़ा था इंजीनियर था पेशे से पर चुदाई में बेकार था। और जो सबसे ख़राब आदत थी उसकी वो भी शाम को दारू पीना। जब दारू पि लेता था तब तो वो और भी बेकार हो जाता उसका लौड़ा फिर खड़ा ही नहीं होता था। अब आप खुद सोचिये जो नंगी बेड पर लेती हो चूचियां दोनों तनी हुई हो और चूत गीली हो और उसका पति सो जाये तो क्या करेगा। अगर मैं गलत बोल रही हूँ तो आप बताओ?


मैं तंग आ गई थी आखिर कार मुझे अपने मायका आना पड़ा। मैंने अपने पति का घर छोड़ दिया। करती क्या ? तंग हो चुकी थी मैं। रहने लगी अपने मम्मी के साथ, मेरे एक भैया है अपना नहीं मैं उनको भैया बोलती हूँ। ऐसे मैं फरीदाबाद में रहती हूँ और भैया दिल्ली के अशोक विहार में रहते हैं। मैं उनके लिए डाटा एंट्री का काम करती हूँ तो कभी कभी मिलने भी जाती हूँ। पर जब से मैं अपने पति को छोड़ी थोड़ा ज्यादा जाने लगी।


वो मेरी चूचियों का दीवाना हैं। क्यों की जब भी झुकी उनका ध्यान मेरे चूचियों पर चला जाता था। वो कहते थे साडी पहनो जब मेरे से मिलने आओ क्यों की साडी में जिस्म सही से दीखता है अगर माल हॉट हो तो। पेट के साइड से और आँचल के निचे से पता चल जाता है बूब्स कितना बड़ा है। और साडी थोड़ी पतली हो तो क्या कहने फिर से दुकानदार बूब देखकर ही ब्रा निकाल कर दे देगा बिना पूछे की कितना नंबर का ब्रा होता है।


दोस्तों धीरे धीरे बात बढ़ने लगी और वो मेरे करीब आ गए यानी दिल के करीब अब उनके मुँह से सुनना चाहती थी की क्या मेरे साथ चलोगी बाहर।और वो दिन भी आ गया एक दिन जब उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझे ऑफर किया की क्या हम बाहर घूमने जा सकते हैं ?


पर दिक्कत ये थी की उसी दिन शाम को मेरे पति के घर वाले और पति मेरे घर पर आने वाले थे मुझे मनाने। ताकि तलाक मत लो। उनको क्या पता था जब चुदाई नहीं तो साथ क्या रहना। मैं बोली फ्री तो हूँ पर शाम के 6 बजे तक फिर मुझे फरीदाबाद निकलना होगा। और अभी 11 बज रहे हैं देख लो मैं इतने देर तक फ्री हूँ। वो भैया खुश हो गए बोले बहुत है। और उन्होंने तुरंत ही ऑनलाइन होटल बुक किया और हम दोनों कैब मांगकर होटल चले गए।


होटल में पति पत्नी के नाम पर एंट्री लिए और दरवाजा बंद करते ही वो मेरे ऊपर टूट पड़े सच तो ये भी है की मैं ज्यादा टूट पड़ी और ऐसा लग रहा था की होटल के कमरे में कुस्ती हो रही हो एक दूसरे को वाइल्ड तरीके से किश कर रहे थे वो मेरी चूचियों को जोर से दबा रहे थे मेरे गर्दन गाल होठ पीठ बांह कांख पीठ चूतड़ पर किश कर रहे थे अपना जीभ मेरे नाभि में डाल रहे थे। मैं पागल हो गई थी ऐसी ही चाहती थी मुझे कोई कामुक करे


उसके बाद उन्होंने सारे कपडे अपने उतार दिए और फिर मेरे कपडे उतार दिए बस ब्रा और पेंटी छोड़ दी। अब मुझे बेड पर लिटा कर मेरे पैर के तलवे से लेकर मेरे सिर के बाल तक जीभ फिरा रहे थे आप खुद सोचिए क्या हाल होगा किसी लड़की को या किसी औरत को। मैं तो पानी पानी हो गई थी मेरे चूत से गर्म गर्म पानी निकलने लगा मेरे मुँह से सिसकारिआं आने लगी। मैं खुद ही अपनी चूचियों को दबा रही थी अपने होठ को दांत से काट रही थी बार बार मेरा होठ सुख रहा था तो अपने होठ पर जीभ फिरा रही थी।


दोस्तों उन्होंने मेरे चूत को चाटना शुरू किया और अपना नाक तक मेरी चूत में घुसाने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं खुद उनके बालों को पकड़ पर अपने चूत में रगड़ रही थी। पैर फैलाकर क्या बताऊँ मेरे शरीर में कैसी सिहरन हो रही थी। मजा आ गया था। उन्होंने मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगी फिर मैं उनके लंड को पकड़ ली और आइस क्रीम की तरह चूसने लगी उनके लंड से नमकीन माल निकलने लगा था और मैं उस नमकीन स्वाद का मजा ले रही थी।


उन्होंने फिर मुझे उलटा घुमा दिया मैं पेट के बल आ गई और उन्होंने मेरे चूतड़ को दोनों हाथो से अलग अलग किया और मेरी गांड के छेद को चाटने लगे। मैं तो परेशां हो गई लग रहा था घुसा दे चाहे चुत में या गांड में या मेरे नाभि में छेद कर दे अपने लौड़े से। दोस्तों उसके बाद उन्होंने अपना मोटा लौड़ा निकाला थोड़ा थूक लगाया और मेरी मोटी गांड में पेल दिया अब शुरू हो गया था जिस्म की आग शांत करने का समय। मैं गाँड़ मरवाने लगी पर अपना चूत में बेड पर रगड़ रही थी आप विस्वास नहीं करेंगे। वह की बेडशीट गीली हो गई थी मेरे चूत की पानी से।


उन्होंने मुझे सीधा किया और फिर मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रखे और मेरे चूत में लंड घुसा दिया पहली बार मेरे चूत में ऐसा लौड़ा गया अंदर तक। मैं खुश हो गई मेरी आग और बढ़ गई अब वो धक्के देने लगे। जोर जोर से जैसे जैसे धक्के देते मेरी चूचियां फूटबाल की तरह हिलती और मेरा पूरा शरीर हिल जाता मैं कस कर बेडशीट पकड़ रखी थी। मैं आह आह आह ओह्ह ओह्ह ओह्ह की आवाज़ निकल रही थी और वो भी जोर जोर से मुझे चोद रहे थे। फिर अलग अलग तरीके से करीब ५ घंटे तक चोदा थोड़ा समय ले ले कर।


दोस्तों आज भैया ने होटल में मेरी वासना शांत की जो कब की प्यासी थी। मुझे बहुत पसंद आया मेरी चुदाई होटल में।

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सर्दी में बहन की गरम-गरम चुदाई

दिसंबर का महीना चल रहा है और गांड फाड़ ठंड भी चल रही है। इसी ठंड के बीच में मुझे मेरी बहन ने गर्म किया और मैने इसी सर्दी में बहन की गरम-गरम चुदाई करि।। मेरी बहन एक बहुत ही हॉट लड़की है जिसका फिगर किसी हीरोइन से कम नहीं है।


उसको देखकर मैं हमेशा अपना लंड मचलता था काशी मेरी बहन ना होती तो मैं उसको जरूर चोद देता। लेकिन मेरी यह मुराद उस दिन पूरी हो गई जिस रात ठंड के सारे रिकॉर्ड टूट गए।


बहुत ही ज्यादा ठंड थी और मैं रजाई के अंदर लेटा हुआ था ठंड के मारे मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने पोर्न वीडियोस भी देखी और Antarvasna Story भी पढ़ रहा था लेकिन फिर भी मैं गर्म नहीं हो रहा था।


तो अचानक मेरी बहन मेरे कमरे में आ गई और वह बोली – भाई तू सो रहा है


मैंने कहा – नहीं मैं नहीं सो रहा हूं इतनी ज्यादा ठंड है सो ही नहीं पा रहा हूं


तो वह बोली – मुझे भी बहुत ठंड लग रही है क्या मैं तेरे साथ ही चक्कर में सो जाऊं


मैंने मन में सोचा – मादरचोद… आज मेरी किस्मत को क्या हो गया है?!!


लेकिन फिर भी मैंने कहा – पागल है क्या तू मेरे साथ चद्दर में कैसे सो सकती है


वह बोली – जैसे बचपन में सोते थे वैसे सोएंगे एक साथ सोएंगे तो ठंड कम लगेगी


मैंने कहा – बचपन की बात कुछ और थी अब हम बड़े हो गए हैं और मम्मी डैडी नीचे ही लेटे हैं।


उसने बोला – हां तो मम्मी डैडी नीचे लेटे हुए हैं ना, भाई सुला ले… मुझे अपने साथ बहुत ठंड लग रही है?!!


और वह जबरदस्ती करके मेरे रजाई के अंदर घुस गई


रजाई में घुसते ही वह बोली हां भाई कितना ज्यादा गर्म लग रहा है


मैं दूसरी तरफ मुंह करके लेट गया और वह दूसरी तरफ मुंह करके लेट गई। हम दोनों एक साथ ही चिपक के सो रहे थे भले ही हम भाई-बहन हो लेकिन फिर तो जवान लड़का लड़की ही।


हमारे अंदर की वासना जागने लगी और हम धीरे-धीरे शारीरिक सुख के लिए गर्म होने लगे। वह धीरे-धीरे हिलने लगी और अपनी जांघों को आपस में मसलने लगी।


और मुझे भी नींद नहीं आ रही थी आखिर जिसको मैं चोदना चाहता था वह मेरे बगल में ही सो रही थी तो मैं भी अपना लंड में मसल रहा था। मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था मैंने सोचा – यही मौका है जो करना है कर ले!!


और मैंने धीरे-धीरे अपना हाथ अपनी बहन की जांघों पर फेरना चालू कर दिया। मैं अपने हाथों से उसकी नरम नरम बढ़िया जांघों को दबा रहा था। जान जितनी ज्यादा नरम थी और दबाने में इतना मजा आ रहा था कि क्या ही बताओ!!!!


फिर मैंने अपने हाथ को उसकी टांगों के बीच में डाल दिया और उन्हें अंदर-बाहर करने लगा। वह धीरे-धीरे अपनी टांगों को और ज्यादा मसलने लगी तो मुझे लगा वह भी सोए नहीं और मेरी कान फट गई मैंने अपना हाथ बहुत जल्दी हटा दिया।।


मुझे लगा आप तो मेरी खैर नहीं है यह सब कुछ बता देगी मम्मी पापा को पापा मुझे घर से बाहर भगा देंगे!!!!


लेकिन वह मेरी तरफ घूम गई और उसने मुझे भी अपनी तरफ घुमाया और बोली – भाई तुम अभी क्या कर रहे थे?!! मैंने कहा – वह मुझे लगा तुम सो गई हो तो मैं कर रहा था मुझे लगा तुम्हें अभी भी ठंड लग रही होगी तो तुम्हें गर्मी देने के लिए मैं यह कर रहा था


बहन बोली – मुझे चुटिया समझा है क्या मुझे सब पता है तुम क्या कर रहे थे, लेकिन जो भी कर लेते मुझे बहुत मजा आ रहा था।


उसने अपना हाथ मेरे पजामे के अंदर डाल दिया और मेरे डंडे जैसे खड़े लंड को मसलने लगी। वो मेरे लंड की मुठ मारने लगी और अखरोट को दबाने लगी।


मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मैं बिल्कुल पागल ही हो रहा था मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था मुझसे भी बिल्कुल भी सब्र नहीं हुआ।


और मैं उसके ऊपर चढ़ गया उसके ऊपर चढ़ते ही मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी। उसकी प्यारी सी चूत बिलकुल गीली हो रही थी और मैरी ऊँगली डालने से और भी ज्यादा तेरी हो गई!!!


वह अपने मुंह से बहुत ही ज्यादा गर्म गर्म हवा छोड़ने लगी – आ आ आ भाई… भाई… आ आ अहह अम्म


उसकी आवाज सुनकर मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था मैंने अपना लौड़ा निकाला उसकी चूत में डाल दिया


बहन – आ आ ऊह आ अम्म आ आ ओ भाई आ आ


और उसकी चूत की चुदाई करने लगा मैं सच में अपनी हॉट सेक्सी बहन की चुदाई कर रहा था। मुझे उसे चोदने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मै रजाई के अंदर में गरम गरम चुदाई कर रहा था इतनी ठंडी में। मेरी सारी सर्दी भाग गए और मैं बस अपनी बहन की चुदाई करने में लगा हुआ था।


वो – आ आ अहह अम्म ओ ऊह भाई मज़ा आ रहा है ऐसे ही करो!!

एक तो वो इतनी ज्यादा प्यारी ऊपर से उसकी इतनी ज्यादा प्यारी सेक्सी आवाज और वह जब ऐसी बातें करनी थी तो मैं और भी ज्यादा गरम हो रहा तो मैं उसकी चूत में बहुत बड़ा हो गया।


मैं उसकी जबरदस्त तरीके से चुदाई करने लगा हमारी चुदाई से पूरा में खच्चर खच्चर हिल रहा था।


बहन – धीरे भाई धीरे मम्मी पापा जाग जाएंगे आ आ ऊह


लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था मैं बस अपनी बहन की चुदाई करता हूं फिर भी मुझे बहुत ज्यादा चरम सुख की प्राप्ति हो रही थी।


फिर कुछ ही देर में मेरा झड़ने वाला था तो मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी और अपनी बहन की चूत के ऊपर खुजली करने लगा था कि उसको भी और मजा आए।


विजय सिंह मीणा झड़ने वाला था मैंने अपना लंड बाहर निकले और सारा का सारा वीर्य बहन के पेट के ऊपर झाड़ दिया।


इतनी चुदाई कर कर हम दोनों थक गए थे हम दोनों ने बहुत ही जबरदस्त चुदाई करी थी और मैं उसके ऊपर गिर गया।


उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और कहा – तुम दुनिया के सबसे अच्छे भाई हो!!!


मैंने कहा – तुम दुनिया की सबसे अच्छी बहन हो!!


और इसके बाद आप लोगों को तो पता ही है अभी भी सर्दी बाकी है, बाकी आप लोगों समझदार हैं।

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