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बहन की तड़पती जिस्म की प्यास बुझाई (Tadapti behan ki pyas bujhai)

पहले तो मुझे लगता था ये सब बकवास है क्या कोई भाई अपने बहन के साथ सेक्स सम्बन्ध बना सकता है पर जब मेरे साथ ये हुआ और मैंने अपने बहन के साथ सेक्स किया तो लगा की ज़िंदगी में कई बार ऐसे मौके आ जाते है जिसमे रिश्ते तार तार हो जाते है और कुछ और ही हो जाता है जिसकी हमलोग कल्पना भी नहीं करते है

बहन की तड़पती जिस्म की प्यास बुझाई (Tadapti behan ki pyas bujhai)

आज एक ऐसी ही घटना का जिक्र कर रहे है,मेरी उम्र 22 साल है और और मेरी बहन बहक निहारिका की उम्र इक्कीस साल है, हमलोग मध्यप्रदेश के रहने बाले है, ये कहानी आज ऎसे दस दिन पहले की है जब हम दोनों को दिल्ली आना पड़ा, निहारिका का जॉब इंटरव्यू दिल्ली में था, शनिवार को, तो हमलोग दिल्ली शनिवार को ही पहुंच गए थे करीब ७ बज रहे थे सुबह के, हम दोनों ने एक होटल का कमरा लिया,

रिसेप्शन पर एक सुन्दर सा लड़का जो ब्लैक सूट में था, गुड मॉर्निंग कहा और रजिस्टर में नाम लिखने लगा, हमने आई डी प्रूफ दिया, जब सरे फोर्मलिटी हो गया था वो लड़का मुस्कुराया और कहा, सर आपकी वाइफ बहुत सुन्दर है, एन्जॉय कीजिये, आपको किसी चीज की जरूरत होगी तो प्लीज आप हमें फोन कर दीजिये, आपका वीकेंड हैप्पी हो.हमने थैंक्स कहा, और जैसे वह से घूमे अपने कमरे जाने के लिए हम दोनों को हसी आ गई, हस्ते हस्ते अपने कमरे तक पहुंचे और निहारिका तो और जोर जोर से हसने लगी, कहने लगी वाइफ बोला  मुझे बहुत हसी आ रही है.

इस तरह से हम दोनों एक दूसरे को देखकर हसने लगे, फिर हम दोनों फ्रेश हुए, ब्रेकफास्ट किया और वह से वसंत कुञ्ज के लिए निकल पड़े वही निहारिका का इंटरव्यू था, सब कुछ अच्छा हुआ, निहारिका सेलेक्ट हो गई, हम दोनों काफी खुश थे,वह से करीब तीन बजे निकले और फिर दिल्ली घूमने लगे, इंडिया गेट गए, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर हमलोगो कई सारे मॉल गए, शाम को कनॉट प्लेस गए, खूब मजे किये, मैंने वह पे एक कपल को देखा जो पार्क में बेंच पर ही गोद में बैठाकर चुदाई कर रहे थे

वो भी तब देखा हमदोनो ने जब आअह आआह आआअह की आवाज आ रही थी, और वो लड़की कह रही थी, भैया धीरे धीरे चोदो दर्द हो रही है, और जल्दी चलो घर मम्मी पापा इंतज़ार कर रहे होंगे, हम दोनों एक दूसरे का मुह देखने लगे और बोले दोनों भाई बहन है, बताओ  दिल्ली जगह ही ऐसी है, चलो सब का अपना अपना ज़िंदगी जीने का तरीका है,सच बताऊँ दोस्तों उसके बाद निहारिका को मेरे देखने का तरीका ही चेंज हो गया, मैं अब उसके बूब को निहार रहा था, जब वो चल रही थी तो उसके मटकते कमर को देख रहा था, वो तब से और भी ज्यादा हॉट लगने लगी थी

पर मैं ये भी ध्यान रख रहा था की कही उसको मेरी ये नजर पता ना चल जाये, है तो मेरी बहन ही, फिर धीरे धीरे नार्मल होते गए, एक बार तो उसका बूब मेरे केहुनी से लग गया, उसने कुछ भी नहीं कहा और वो मुस्कुरा दी, मुझे बहुत ही अच्छा लगा, क्या रुई के तरह उसका गोल गोल चूच लग रहा था यार,शाम को खाना कहते हुए करीब हमलोग आठ बजे होटल पहुंचे, कमरे में गए और फ्रेश होके टी वी देखने लगे, तभी निहारिका बाथरूम से निकली, मैं उसको देखकर हैरान हो गया, वो पिंक कलर की नाईटी में थी, बाल खुले थे बड़ी ही हॉट लग रही थी,

 

वो अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उसकी नीति सिल्की सिल्की थी तो उसका बूब का साइज निप्पल समेत दिख रहा था वो जब चल रही थी और कंघी कर रही थी तो उसका बूब हिल रहा था, यहाँ तक की जब वो चलती थी उसकी चूतड़ गजब की दिख रही थी, सच पूछो दोस्तों मेरा लंड तो खड़ा होने लगा था मैंने फटा फट कम्बल रख लिया ताकि उसको पता ना चले की मेरे हीरो सलामी ठोंक रहा है.तभी बेल्ल बजा दरवाजा सिर्फ सटाया हुआ था, मैंने कहा कमीन वो होटल का बेटर था, वो एक बोतल व्हिस्की दो गुलाब का फूल, दो कैंडल देते हुए कहा

सर ये सारे चीज मैनेजर ने भेजा है, और कहा है, सर के लिए गिफ्ट है उनके हनीमून पे, निहारिका फिर जोर जोर से हसने लगी और मैं भी वैसे ही खुल के हसने लगा, निहारिका कह रही थी क्या बेवकूफ मैनेजर है उसको लग रहा है की हम लोगो हनीमून मनाने आये है, पागल कहिका और खूब हसने लगे दोनों मिलकर.उसके बाद व्हिस्की देखा वो काफी अच्छे ब्रांड का था, पहले भी कई मौके पर हम दोनों ने पि है, तो निहारिका बोली अच्छा है, चल निकाल आज पि ही लेते है, और फिर वो पेग बनाने लगी और हम दोनों पिने लगे

अब मुझे काफी नशा आ गया था और निहारिका को भी चढ़ गया था, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। अब वो और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी, बार बार वो अंगड़ाई ले रही थी, मैं भी उसके बूब को बार बार देख रहा था, जब वो अंगड़ाई लेती थी उसकी दोनों चूचियाँ और भी बाहर के तरफ हो जा रही थी, बड़ा ही हॉट नजारा था उस समय का, उसकी आँखे और भी सेक्सी हो गई थी और वो बहकी बहकी बात कर रही थी, वो कह रही थी भाई याद आया वो लड़की वो कह रही थी धीरे धीरे डालो भैया, उफ्फ्फ्फ्फ़ क्या नजारा था यारा, क्या मस्त लग रही थी वो सेक्स करते हुए

निहारिका कह रही थी साले मैनेजर क्या सुझा इसे हमलोग पति पत्नी है, ओह्ह्ह भैया तुम्हे तो मेरा सैया बना दिया है इस होटल बाले ने, और वो बार बार अंगड़ाई ले रही थी, फिर निहारिका बोली भैया आज मैं बहुत खुश हु आज मेरी जॉब लग गई है, आज तो पार्टी बनती है, मांग तू आज जो भी मांगेगा आज मैं मना नहीं करूंगी, मैंने कहा सच दोगी वो, बोली मांग के तो देख, आज मैं किसी भी चीज के लिए मना नहीं करुँगी, बोली चल मांग जो मांगना है, मैंने कहा आज मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हु,तो निहारिका बोली मैं तो कब से चाह रही थी आज जो मैनेजर बोला वो कर लेते है, और वो मेरे गले से लग गई उसकी दोनों चुचियन मेरे छाती से चिपक रही थी, और फिर मुझे किश करने लगी

फिर वो सारे लाइट बंद कर दी और दोनों मोमबती को जला दी और नाईटी को उतार दी, हलके हलके रौशनी में काफी सेक्सी लग रही थी मेरी बहन, क्या शरीर था यार, बहुत हॉट लग रही थी बड़ी बड़ी चुचिया, कमरे पतली, गोल गोल चूतड़, खुले बिखरे बाल, वो मटकती हुई आई, और मेरे होठ को चूसने लगी मैं हौले हौले से उसकी चूचियाँ दबाने लगा, वो बहुत ही कामुक हो गई थी, फिर वो मेरे लंड को हाथ में ले ली और कहने लगी क्या लंड है भैया जैसा की ब्लू फिल्म में होता है वैसा ही लंड है आपका.और वो मेरे लंड को पकड़ कर पाने चूत के ऊपर लगा ली,

 

और हलके हलके से बैठ गई पूरा लंड मेरी बहन के चूत में समा गया, ओह्ह्ह फिर क्या बताऊँ दोस्तों वो उछाल उछाल कर चुदवाने लगी, उसके मुह से आअह आआह आआअह आआअह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ की आवाज निकल रही थी जब वो मेरे लंड पे झटके देती तो फच फच की आवाज आती, पूरा कमरा महक रहा था हलकी हलकी मोमबती जब रही थी और मेरी बहन की सेक्सी आवाज पुरे कमरे में गूंज रही थी, मैं भी हाय हाय हाय कर के लंड को पेले जा रहा था.

उसके बाद निहारिका निचे लेट गई और मैं ऊपर चला गया, फिर मैंने उसका पैर को अपने कंधे पर रख लिया और अपना लंड को जोर जोर से उसके चूत में डालने लगा.वो चिलाने लगी फ़क में फ़क में हार्ड, चोदो खूब चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को, ले लो अपनी आगोश में, बना दो मुझे रंडी, चोद जो मेरी जिस्म को शांत कर दो, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने बहन को घोड़ी बनाया और पीछे से बड़े चौड़े गांड को पकड़ के फिर उसके चूत में लंड पेलने लगा, वो काफी हॉट और वाइल्ड हो गई और जोर जोर से गांड को धक्के लगा रही थी, फिर हम दोनों एक लम्बी आआह भरे आआह्ह्ह्ह्ह्ह् आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और मैंने पूरा वीर्य उसके चूत में डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे को चूमते हुए लेट गए, फिर आधे घंटे बाद एक एक पेग व्हिस्की फिर ली उसके बाद फिर चुदाई की, रात भर करीब ४ बार मैंने अपनी प्यारी बहन को रंडी बना कर चोदा.आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताएं, ये मैं नहीं कह रहा हु ये मेरी बहन कह रही है, क्यों की ये कहानी हम दोनों साथ मिलकर लिख रहे है 

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भाई ने मुझे ब्लैकमेल कर के चोदा (Chote bhai ne mujhe choda)

ये चुदाई कहानी मेरे और मेरे छोटे भाई अमर के बारे मे है, आज मैं आपको बताउंगी की वो मुझे कैसे चोदा था वो अपने बर्थ डे के दिन, आप भी हैरान हो जाएँगे उसने जो चाल चला था, खैर जो भी हुआ अच्छा ही हुआ, मैं ना चाहते हुए अपने भाई से चुदवा ली, अब मैं आपको अपनी पूरी दास्तान सुनाती हू, आशा करती हू की आपको मेरी ये कहानी बहूत अच्छी लगेगी.

भाई ने मुझे ब्लैकमेल कर के चोदा (Chote bhai ne mujhe choda)

मेरा नाम सीमा है मैं ऐसे आगरा की रहने बाली हू, पर मैं अभी देल्ही मे रहती हू, मैं पढ़ाई करती हू, मैं देल्ही कॉलेज से ग्रॅजुयेशन कर रही हू, और मेरा भाई अभी अभी इंजिनियरिंग की तैयारी करने के लिए दिल्ली आया है, मेरा और कोई भाई बहन नही है, मा और पापा दोनो स्कूल मे टीचर है और हम दोनो को दिल्ली भेजे है ताकि हम दोनो अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें,

मैं ऐसे भी चुदक्कड़ किस्म की लड़की हू, आज तक मैं कई लड़को से चुद चुकी हू, और मैं हमेशा ये चाहती हू की लड़के मुझे च्छेदे, जब कोई लड़का मुझे च्छेदता है तो बहूत मज़ा आता है, देल्ही आई तो यहा मेरे तीन बॉय फ्रेंड है, तो हफ्ते मे तीन बार तीनो से जाऊर चुदती हू, पर जब से भाई आया है तब से मैं एक ही लड़के से मेरा संपर्क है.अब मैं कहानी पे आती हू, मेरा भाई अमर अभी 21 साल का है और मैं 24 साल की हू, हम दोनो मॉडेल टाउन दिल्ली मे रहते है

एक कमरा किराया पर ले रखी हू, मेरा कॉलेज और अमर का इन्स्टिट्यूट दोनो नज़दीक है, मेरा मकान मालिक नीचे फ्लोर पे रहता है और हम दोनो उपर के फ्लोर के रहते है, पिछले सप्ताह ही अमर का जन्मदिन था, ये सेक्स कहानी उसी दिन की है . सुबह मैने उसको विश किया उठते ही, पर वो उठते ही मेरे तरफ बाह फैला दिया, वो मुझे हग करना चाह रहा था, मुझे तोड़ा ऑड सा लगा, क्यों की आज तक वो कभी भी हग करने के लिए अपना हाथ आगे नही बढ़ाया था, पर उसका बर्थ डे था तो मैने उसको गले लगा लिया

मैने उस समय डिस्टेन्स मेनटेन की, और मैं अपनी चुचियों को उसके छाती से ना चिपके इसका मुझे ख्याल था, पर जैसे ही मेरी पकड़ ढीली पड़ी उसने मुझे अपने सिने से लगा लिया, मेरी दोनो चुचियाँ अमर के सिने पे चिपक गया, मेरा त-शर्ट का गला तोड़ा ज़्यादा बड़ा था इस वजह से चुचियाँ उपर से निकालने लगी.करीब वो दो मिनिट तक थॅंक योउ दीदी थैंक यू दीदी, आप कितने अच्छे हो, कह रहा था और मुझे अपने सिने से चिपकाए हुए था, अचानक मेरा नाभि के आस पास कोई कड़ा सा चीज़ महसूस हुआ, मैं देखा की अमर का लण्ड खड़ा हो चौका था, मैं तुरंत ही झटक कर अलग हो गई, और पास ही बैठी रही

फिर मैने पुछा चल बता आज का क्या प्रोग्राम है, फिर उसी ने कहा मैं तो बस अपने तीनो फ्रेंड्स, रमण, कार्तिक और ऋषभ को बूलौँगा, शाम को पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक्स होगा, तो मैने कहा ठीक है चल मैं तेरे लिए जीन्स और त शर्ट खरीद देती हू. तो बोला अभी नही मैं खुद ही आपसे माँग लूँगा, तो मैने कहा ठीक है बता तुझे क्या चाहिए तो उसने कहा मुझे जो चाहिए मैं माँग लूँगा, मैने कहा ठीक है जो भी तुम्हे चाहिए दूँगी, पर ध्यान रखना मेरे बजट मे होनी चाहिए. तो अमर बोला आपके पास है और आपके बजट मे भी है. शाम को सात बाज गये, तब तक अमर मुझे कुछ भी नही बोला, मैने फिर पूछा अमर शाम हो गया है अभी तक तुमने नही बताया है की तुम्हे क्या चाहिए, तो फिर वो बोला दीदी आप चिंता क्यों करती हो, \\

मैं माँग लूँगा.रात को आठ बाज गये उसके तीनो दोस्त भी आ गये, केक कटा, तो तीनो दोस्त चिकन तंदूरी और बियर भी लाया था, मैने कहा ये सब ठीक नही है तुम लोग अल्कोहल नही ले सकते तो बोला दीदी आज की तो बात है दोस्त का बर्थ डे है इतना तो बनता है. मैने कहा चलो ठीक है पर ये बात मम्मी और पापा को पता नही चलनी चाहिए नही तो तेरा सारा बर्थ डे निकाल देंगे, फिर उसने मेरे से प्रोमिसस करवाया की मैं कुछ भी ना बोलूं.

सब कुच्छ हो गया, मैने नही पी, वो चारो पिया, खाया डॅन्स किया, रात को करीब 10 बजने को थे, वो तीनो चले गये, मैने कहा अमर क्या बात है, दस बाज गये है सारा दुकान माल बंद हो गया है और तुमने अपना गिफ्ट नही बताया. तो बोला दीदी अब गिफ्ट का टाइम आ गया है, उसने कहा आप प्रोमिस करो की जो मैं माँगूंगा वो डोगी आप, मैने कहा बोल मेरे भाई मैने तो पहले ही प्रोमिस किया है की जो भी माँगेगा मैं तुम्हे दूँगी.

अमर बोला दीदी मैं आज आपके साथ सेक्स करना चाहता हू, मैने कहा ये क्या कह रहा है पता है तुम अपनी बहन से ये बात कह रहे हो, कोई भी भाई अपने बहन से ये बात नही करता है, तो अमर बोला मैने आपको पहले ही कहा था आप प्रोमिस मत करो आपने ही प्रोमिस किया है की मैं गिफ्ट दूँगी तो मेरा गिफ्ट यही है. अगर आप दे सकते हो तो ठीक नही, तो मैने कह दिया नही मैं तुम्हे ये गिफ्ट नही दे सकती, तो अमर बोला ठीक है तो आज मेरा बर्त दे था आज रात को मेरा लास्ट दे होगा, या तो मैं अपने आप को समाप्त कर लूँगा नही तो घर से भाग जाऊंगा.

मैने काफ़ी डर गई, मैने समझने की कोशिश की पर वो नही माना, मैने वॉश रूम गई और जब वापस आई तो देखी उसने दरवाजा बंद कर दिया, मैं खटखटाने लगी. वो नही खोला मैं काफ़ी डर गई.मैने कहा अमर ओपन डा डोर, जो तुम कहेगा वही करूँगी, मैं रेडी हू, प्लीज़ दरवाजा खोलो, करीब यही बात करीब 10 बार रिपीट की वो दरवाजा खोला, वो मुझे देख रहा है, मैं बिना कुछ बोले अंदर चली गई और बेड पर बैठ गई, वो वापस आया मेरे करीब बैठ गया, पहले वो अपना हाथ मेरे जाँघ पर रखा धीरे धीरे और नजदीक हो गया

उसने पहले मेरे गाल पर किस किया, मैं चुपचाप बैठी रही, वो फिर मेरे होठ को उंगली से छुआ, फिर वो मेरे होठ पर अपना होठ रख दिया, और मुझे बेड पे लिटा दिया, मैं चुपचाप थी बस वो जो कर रहा था मैं उसका विरोध भी नही कर रही थी ना तो मैं साथ दे रही थी, फिर वो मेरी चुचि पे हाथ रखा, मैने चुपचाप थी, फिर वो दबाने लगा, और ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा, उसने कहा त शर्ट उतारो, मैं बैठ गई, वो त शर्ट खुद से खोलने लगा, मैने थोड़ा हेल्प कर दिया और त शर्ट खोल के नीचे फेक दी

मैं ब्रा मे थी और नीचे कॅप्री पहनी थी, उसने ब्रा का हुक खोल दिया और चुचियों को दबाने लगा, फिर वो कॅप्री भी उतार दिया मैं उस समय सिर्फ़ ब्लॅक कलर का पेंटी पहनी थी, वो नीचे जा के मेरे चूत को नाक लगा कर सूँघा, और एक लंबी सास लिया ऐसा लगा की वो मेरी पेंटी को स्मेल कर कर वो मदहोश हो गया.वो फिर मेरी पेंटी खोल दिया, और मेरे पैरो को अलग अलग कर के वो मेरी चूत को चाटने लगा, अब मेरे तन बदन मे आग लगने लगी, मुझे सब कुछ अच्छा लगने लगा अब मैं अमर का साथ देने लगी, और मैने भी उसको अपने आगोश मे भर लिया, अब दोनो भाई बहा एक दूसरे को प्यार करने लगे

भाई ने अपना लण्ड निकाल कर मेरे मूह मे डाल दिया, और कहने लगा साली कुत्ती ले चूस ले, मैने भी उसको गालियाँ देने लगा, कहा बहनचोद चोद अपनी बहन को, साला हरामी आज फाड़ दे मेरी चूत को, आज मैं चुद ना चाह रही ही, तुमने मुझे पागल कर दिया है, आज फाड़ दे मेरी चूत, वो अपना लण्ड निकाल कर मेरी चूत पर रखा क्या बताऊँ दोस्तों उसका लण्ड इतना मोटा और लंबा था मुझे यकीन नही हुआ, वो फ़चा फच कर के चोदने लगा, वो मेरी बड़ी बड़ी चुचियों को मसलने लगा

मैने भी अपने गांद के नीचे तकिया लगा के चुदवाने लगी, तभी अमर दो बॉटल बियर निकाला, बोला देख मेरी रानी ये मैं तेरे लिए लाया हू, मैने कहा अमर मैं नही पीनगी, तो अमर बोला आज तो पीना पड़ेगा, मैं फिर एक बॉटल बियर पी, और एक बॉटल अमर ने पी, उसके बाद तो नशे मे जो जबरदस्त वो मुझे चोदा, मज़ा आ गया, पूरी रात हम दोनो एक दूसरे के हवस के शिकार बनते रहे. मज़ा आ गया,अमर बोला थॅंक्स दीदी आपका गिफ्ट, तो दीदी बोली थॅंक्स तो तुम्हारा भी तुम्हारा रिटर्न गिफ्ट तो और भी मजेदार था अमर और हम दोनो हसने लगे.

  

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भाभी की प्यास बुझाई - Bhabhi ki pyas bujhai

ये चुदाई कहानी दीवाली की छूटी की हैं जिसमे मैने अपनी पड़ोसी मनीषा भाभी की गर्मी शांत किया. मेरे पड़ोसी अविनाश भैया की शादी मेरे से 2 साल पहले हुई थी वो हमएस विदेश मे ही रहते हैं कभी कभार घर आते हैं तब भाभी को चोद्ते होंगे | मनीषा भाभी की हाइट लगभग 5 फिट 2 इंच होगी और गाड़ 38 की होगी जो उनकी सुंदरता बढ़ाती हैं.

भाभी की प्यास बुझाई - Bhabhi ki pyas bujhai

एक दिन बाद मैं भाभी के घर मिलने के लिए गया जाते ही मैने पूछा अविनाश भैया दीवाली पे नही आए भाभी ने उदास होकेर बोला नही. मैने बोला कोई बात नही मैं तो हूँ फिर भाभी ने कहा की आपको अपनी बीबी से फ़ुर्सत होगी तब न , मैने बोला आप किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो मेरे से बोलना हमलोग आपस मे बाते कर रहे थे उनके दूसरी मंज़िल के बालकनी मे बैठ कर, तभी गली मे सामने एक कुत्ता और कुत्तिया आए और कुत्ता दौड़ कर कुत्तिया के पीछे से पकड़ कर चोद्ने लगा.

 

दोस्तों सोचो जब एक महिला काफ़ी दीनो से बिना चुदि हो और यैसा सीन सामने आ जाए फिर तो लेडीस के तन बदन मे आग लगना लाजमी हैं. भाभी ने बोला आशु दूसरी तरफ़ मुँह कर के बैठ जाओ मैने बोला क्या हुआ तो वो शरमा गयी और बोली कुछ नही. मैने बोला भाभी वो भी तो एंजाय कर रहे हैं भाभी थोड़ी सी हल्के गुस्से मे बोली अभी जाओ बाद मे बात करते हैं तुम पहले से बेशर्म हो गये हो मैने बोला भाभी सॉरी जब मान ठीक हो जाए तब बात करेंगे फिर मैं अपने घर आ गया. उनके घर के सीढ़ी उतरते मान ही मान ये सोच कर खुश हो रहा था की ये कुत्ते की चुदाई देख कर मनीषा के बुर की दबी आग ताजी हो गयी होगी.

मुझे पक्का अंदाज़ा लग गया था की आज ये मेरे से चुदेगि नही तो फोन तो ज़रूर करेगी. फिर मैं अपने घर आकर उसके बुर के बारे मे सोच कर पागल हो रहा था | रात के 8 बज गये लेकिन कोई फोन मेरे मोबाइल पे नही आया, फिर मैं उदास हो कर खाने जा रहा था तभी भाभी ने मेरे बीबी के मोबाइल पर फोन कर के बोला की आज देवर जी काफ़ी दिनो के बाद आए है मैने उनके लिए बहुत ही प्यार से खाना बनाया हैं, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मेरी बीबी ने मेरे से बोला की क्या आज भाभी के यहा खाना खा लेंगे.

इतना सुनेते ही मेरा लॅंड मारे उतेज्ना के हिलकोरे खाने लगा लेकिन बीबी को यकीन दिलाते हुए मैने बोला आपको बुरा तो नही लगेगा मेरी बीबी ने बोला की मनीषा भाभी ने बड़े प्यार से बुलाया हैं आप जल्दी जाओ नही तो उनको बुरा लगेगा. फिर मैं खुशी से पागल होते हुए भाभी के घर आकर उनका दरवाजा खटखटाया, भाभी ने खुद ही दरवाजा खोला और दूसरी मंज़िल पर चलने को कहा मैने बोला ठीक हैं. फिर मैं उनके बालकनी मे बैठ कर उनके खाना लेकर उपर आने का इंतजार करने लगा

लगभग 10 मिनिट के बाद भाभी के उपर आने की आवाज़ आ रही थी. वो उपर आई खाना की थाली लेकर मैने देखा भाभी ने इतने देर मे कपड़ा चेंज कर लिया था वो एक नाइटी पहनी थी जिसमे उसके ब्रा और पैंटी साफ दिख रही थी मैं समझ गया की मेरा अंदाज़ा सही था मैने भी तो बहुत ही चूत फाडे हैं अपने लाइफ मे फिर मैने उनसे बोला आप गुस्सा तो नही हैं फिर वो मुस्करा दी

मैं इशारा समझ गया और खाना टेबल पर रखकर उनको पीछे से पकड़ लिया वो कुछ नही बोली तो मेरा हिम्मत और बढ़ गया, मैने पूछा आप गुस्सा क्यो हुई तो वो बोली आशु तुम मुझे क्या दिखा रहे थे मैने बोला जो आपने देखा बोली चलो और मुझे भी उसी तरह चोदो. यही तो मैं सुनना चाहता था फिर मैं समझ गया रास्ता क्लियर हैं मैने मनीषा को गोद मे उठाकर उसके बेडरूम ले जाकर बेतहाशा चूमने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी फिर मैने उसके सारे कपड़े हटाकर पैंटी भी खोल दिया.

मैने देखा की चूत पर एक बाल नही थे मैं फिर क्या था, मैंने उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। वो बोली- आह्ह, धीरे दबाओ, दर्द होता है। फिर मैंने उसे मुँह में लेने को बोला, तो वो लण्ड मुँह में लेकर चाटने और चूसने लगी जिससे मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी, तब तक मैं उसकी चूचियां दबा और सहला रहा था, साथ ही एक हाथ से उसकी चूत को भी सहला रहा था। उसके बाद भाभी ने बोला आशु बिना देर किए अब चोद दो हम दोनों इतने जोश में थे कि पता ही नहीं चला कि कब मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस कर उसका भोसड़ा बनाने लगा था।

फिर हमरी चुदाई की रफ़्तार बढ़ती गई। करीब दस मिनट बाद वो बोली कि उसे कुछ हो रहा है,वो अकड़ने लगी और 10-12 धक्कों के बाद वो झड़ गई, पर मेरा अभी नहीं हुआ था, क्योंकि मैं पहले ही मुठ्ठ मार कर आया था, आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैं उसे चोदता रहा, वो बोली- उई, माँ, बस करो, मुझे जलन हो रहा रही है और दर्द भी तेजी से हो रहा है।

फिर मैने बोला चलो रानी तुझे भी उस कुत्तिया की तरह चोद्ता हूँ मनीषा को नीचे झुका कर लॅंड पीछे से उसके बुर मे पेल दिया लगभग 4-5 मिनट बाद उसकी चूत में ही झड़ गया। मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया। फिर मेरे पास टाइम का कमी था जल्दी से उठकर कपड़ा पहना और खाना खाया और रात 10:30 पर अपने घर आ गया. दोस्तो कैसी लगी ये स्टोरी आप लोग मेल ज़रूर करना और बताना की मैने एक अतृप्त नारी की प्यास शांत कर ग़लत कम तो नही किया.

  

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जबरदस्ती अपनी माँ को चोदा - Jabardasti apni maa ko choda hindi story

मेरी माँ का नाम आशा है, माँ का उम्र ३८ वर्ष हाईट 6 फिट फिगर 38.26.39 है, जब वो चलती है तो जवान क्या बूढ़ों का भी लैंड खड़ा हो जाता है. मेरे मुहल्ले के सारे लोग माँ को घूरते रहते है, और माँ भी कम नहीं है वो भी सब को तिरछी नजर से देखती है और मुस्कुराती है. मैं भी माँ के इन्हीं अदाओं का कायल हो गया है.

जबरदस्ती अपनी माँ को चोदा - Jabardasti apni maa ko choda hindi story

अब मैं आपको अपनी माँ के बारे में थोड़ा बता रहा हु, मेरी माँ बहुत सेक्सी लगती है, वो बहूत ही हॉट है, आज मैं आपको बता रहा हु, की कैसे मैंने अपनी माँ को कुतिया बना का छूट फाड़ा और उनके वासना को शांत किया, और अपने लंड को भी शांत किया.

दोस्तों अभी अभी मेरा जॉब लगा है. तो मैं ट्रेनिंग पे था, पलामू मे है मेरा ट्रेनिंग चल रहा था, मेरे साथ माँ भी थी एक दिन की बात है जब मै और मेरी माँ कुछ दिनों के लिए मेरे ही साथ थी, मैं पलामू में ही था, अचानक जोरो से बारीस होने लगा हम दोनो भीग गए, माँ के कपडे उनके शरीर में चिपक सा गया था. और वो बहूत ही ज्यादा सेक्सी दिख रही थी.

उनके ब्लाउज से चूचियों की उभार भी दिख रहा था. पर अचानक मेरा नजर माँ की गांड़ पर पडी माँ के गांड़ पर, मैं देख कर हैरान रह गया, गजब गोल गोल चूतड़ था, मैं तो उनको चोदने की सोचने लगा. की कैसे अपनी माँ को छोड़ा जाये, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था, उनके सेक्सी बदन को देख कर. मेरा लंड कह रहा था की गांड में जाऊंगा, चूत में जाऊंगा. मेरा 7 इंच का लंड़ सलामी देने लगा

बारिश हो रही थी और हम दोनों भीग रहे थे, माँ बोली की बेटा बारिश काफी हो रही है, आज रात को पलामू में ही रुक जाते है, कल घर जायेंगे. हम दोनों ने प्लान किया की आज रात होटल में ही रूक जाते है, सुबह सुबह ट्रैन ले लेंगे. उसके बाद एक होटल दिखा उस होटल मे गए और एक रूम लिया उसके बाद हम दोनो रूम मे गए उस रूम मे एक ही बैड था, माँ बोली कोई बात नहीं एक ही बेड से काम हो जायेगा. कहा आज इतनी बारिश में होटल ढूंढोगे, दोस्तों आपको तो पता है मैं पहले से ही मुड बना लिया था की आज माँ की चुदाई करने का मौका है.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

माँ को गरम करने के लिए शराब लेने चला गया जब मै शराब लेकर रूम मे आया तो मै ने देखा कि माँ अपनी सारे कपड़े उतार दी थी मे अन्दर चला गया माँ मुझे जैसे ही देखी की माँ जल्दी से लाईट बन्द कर दी माँ के पास कपड़े नही थे मै भी अन्धेरा का फेदा उठा या और अपने सारे कपड़े उतार दिया ओर धीरे धीरे माँ के पास जाने लगा माँ बोली बिकास तुम्हे शरम नही आया अपनी माँ को लंगा देखने मे मै ने कहा मैने कुछ नही देखा है लो माँ तुम्हारे लिए शराब लाया हूँ माँ शराब पी मैने कहा माँ ये भी लो आपकी शरीर को गरम रखे गा माँ कही दो मैने अपना लंड माँ के हाथ मे दे दिया.

पहले तो माँ कहने लगी ये गलत है, माँ बेटा में ऐसा रिश्ता नहीं होता है, तू मेरा बेटा है, मेरा पति नहीं बन सकता , मेरे शरीर पर सिर्फ तेरे पापा का हक है. तो मैंने कहा माँ आपने तो एक बूढ़े से शादी की है, आप देखो आप कितने जवान हो और पापा कितने बूढ़े, मुझे पता है की वो आपको खुश नहीं कर पा रहे होंगे, मैं बड़ा हो गया हु माँ, मैं आपको बहूत खुश रख सकता हु. उसके बाद माँ मेरा लंड़ ले कर मुहँ मे चूसने लगी मै अचानक लाईट जला दिया माँ जब देखी तो माँ तुरन्त अपने मुहँ से लंड निकाल दी ओर कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत टेसटी है माँ पूरा नशा मे थी मै माँ को गोद मे उठा कर बिसतर पर लेटा दिया.

मैं अपने माँ के चूचियों को दबा रहा था, और चूत पर हाथ फेर रहा था, माँ कह रही थी की आज तू मुझे खुश करेगा वादा कर, अगर मुझे खुश कर दिया तो मैं हमेशा तुमसे चुदवाऊँगी. मैंने कहा माँ तुम चिंता नहीं करो आज मैं ऐसे तुम्हे चोद चोद कर परेशान और खुश कर दूंगा, की आप भी मुझे ज़िन्दगी भर भुला नहीं सकोगी. माँ मेरे लंड को हाथ में लेके मूठ मार रही थी. फिर मैंने माँ के चूत को चाटने लगा. माँ के चूत पर काले घने बाल थे, मैंने कहा माँ मुझे इतनी बाल पसंद नहीं, तो माँ बोली तो तू ही साफ़ कर दे.

मैंने अपने जीभ से पहले माँ के चूत के बाल को गिला किया और फिर अपने बैग से रेज़र निकाला और माँ के चूत के बाल को साफ़ किया, मैं माँ के बाल को साफ़ करते करते और भी ज्यादा पागल होने लगा. मुझे लग रहा था की कब मैं उनके चूत में अपना मोटा लंड घुसा दू.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। वो टाइम भी आ गया दोस्तों, मैंने अपने माँ के दोनों पैर को अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उनके चूत के दरवाजे पर सेट किया, और जोर से धक्का दिया, मेरा लंड माँ के चूत के अंदर दाखिल हो गया.

माँ भी पुरे जोश में थी. उसने मुझे जकड लिया, अपने बाहों में भर ली और अपना पैर मेरे चारो तरफ लपेट ली. माँ पागल की तरह चिल्लाने लगी ओर कहने लगी बेटा मेरी चूत की मालिक बन जा मै अपना लंड माँ की चूत मै ओर तेज धका देने लगा, माँ मुझे कह रही थी आज तूने खुश कर दिया, मजा आ गया, जवान लंड से. आज से तू मेरे चूत का मालिक है. जब चाहे मुझे चोद लेना, अपना बीवी समझना, मैंने कहा नहीं नहीं मुझे बीवी अच्छा नहीं लगेगा आपको कहना. मैंने कहा मैं आपको भाभी कहुगा.

 

माँ बोली ठीक है आज से तू मुझे भाभी कहना. और वो गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. दोस्तों मुझे आज पता चला था की मेरी माँ इतनी बड़ी चुदक्कड़ है. माँ जोश में आ गई और कहने लगी. जोर से और जोर से. मैंने भी अपने लंड को माँ के चूत में पेले जा रहा था और माँ आह आह आह आह आह ओह ओह ओह ओह उफ़ कर रही थी. बेड से चो चो चो की आवाज आ रही थी, माँ बोली अब तू मुझे कुतिया बना के चोद. माँ मेरी घुटने के बल हो गई अपना चौड़ा गांड मेरे सामने कर दिया, मैं तो देख कर पागल हो गया उनके बड़े बड़े मोटे गांड को.

मैंने उनके गांड के पीछे से फिर से चूत में लंड घुसाने लगा. माँ बोली एक काम कर पहले तू मुझे गांड मार. गांड मरवाये बहूत दिन हो गया है. तेरे पापा को गांड मारने में अच्छा नहीं लगता है. गांड तो मेरे बड़े भैया मुझे मारा करते थे जब मैं कुंवारी थी.इतना सुनते ही मैं समझ गया की ये साली खूब चुदी है. और मैंने अपने लंड को उनके गांड के छेद पर लगाया और जोर से उनके गांड में पेल दिया. वो दर्द से छटपटा गई. पर थोड़े ही देर में वो गांड में आसानी से मेरे लंड को लेने लगी. आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

उसके बाद वो फिर से लेट गई और मेरे लंड को अपने चूत में ले ली और मुझे फिर से जोर से जकड ली. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. मेरा मुह वो अपने गर्दन के पास ले ली. और जोर जोर से निचे से धक्का देने लगी. थोड़े देर में ही दोनों झड गए. और वैसे ही करीब १० मिनट तक पड़े रहे फिर मैं माँ के ऊपर से निचे हुआ, उन्होंने मुझे चूमा और बोली की आज से तू मुझे ऐसे ही खुश रखना. उनके बाद माँ मुझे अपने जवानी के दिनों में जो जो रंगरेलियां मनाई थी उसके बारे में बताने लगी. 

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तड़पती बहु को ससुर ने चोदा - Sasur ne bahu ko choda

ये चुदाई कहानी अपने ससुर से चुदाई की. भरी हुई जवानी में अपने बूढ़े ससुर से चुदाई ,मेरे घर में मेरे ससुर और मेरे पति रहते है, सास नहीं है. मेरा लालन पालन मेरे पाप और सौतेली माँ ने किया, सौतेली माँ मुझे बहूत ही ज्यादा दुःख देती है, मैं पुरे घर का काम काज करती, उनके बच्चों को संभालती, पर मुझे गलियां के अलावा कुछ भी नहीं मिलता था.

तड़पती बहु को ससुर ने चोदा - Sasur ne bahu ko choda

पापा भी रंडीबाज और दारूबाज थे उनको मेरी तनिक भी चिंता नहीं थी. दोस्तों मैं आपको आज अपनी कहानी सुनाने जा रही हु, कैसे मुझे मेरे ससुर ने अपनी बीवी बनाया क्यों की पति मादरचोद पागल है, उसका तो लंड भी खड़ा नहीं होता है. आज मैं आपको अपनी ये पूरी कहानी बताने जा रही हु.

शादी मेरी १८ साल में ही हो गई, मैं दिल्ली आ गई. मेरी शादी बस मेरे सौतेली माँ ने भार उतार दिया, मुझे गलत घर में शादी कर दिया, मेरे ससुर का अपना एक फैक्ट्री है. मेरे पति जिनका एक्सीडेंट हुआ था उसके बाद तो वो अपनी दुनिया में रहते ही नहीं है. आधा से ज्यादा पागल है. मैंने पहले शादी के लिए मना भी किया था पर मुझे ये समझाया गया की हमलोग तो गरीब है तुम बहूत बड़े घर में जा रही हो, लड़का का इलाज हो रहा है वो जल्द ही ठीक हो जायेगा.

और ये तो तुम्हारी खुसनशीबी है की तुम्हारी शादी बड़े घर में हो रही है. मैंने भी अपने जल्लाद सौतेली माँ से छुटकारा पाने के लिए शादी की हामी भर दी.शादी हो कर ससुराल आ गई. मेरा पहला रात था पति के साथ, दोनों एक बिस्तर पे थे, वो थोड़े तुतला तुतला के बोल रहे थे, मुझसे प्याल क्लोगी, मैं क्या बताऊँ दोस्तों मैं जीते जी मर रही थी, सुहागरात में एक मर्दानगी होनी चाहिए वो गायब था

एक दो घंटे तक यु ही बात चित करते करते, मुझे लगा की आज मैं पहली बार सेक्स का स्वाद चखूँगी, पर वो इंटरेस्ट नहीं दिखाया, मैं सोची की अब मुझे ही इस घर को और पति को देखना है तो मैं भी पहल करती हु, मैंने उनके कपडे उतार दिए और मैं भी अपना कपडे उतार दी. सिर्फ ब्रा और निचे पेटिकटो में थी. बड़ी बड़ी मेरी जवान चूचियां जो आज तक किसी ने नहीं छुआ था मचल रहा था की काश हाथो से सहलाता रहे, पर उसने छुआ तक नहीं.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैंने अपना ब्रा भी उतार दी.पेटीकोट भी उतार दी. लाइट जल रही थी. मैं उसके होठ को चूसने लगी. और अपनी चूचियां उसके छाती पे रगड़ने लगी. और कमर से उसके लंड पे हौले हौले धक्के देने लगी.

मैं काफी कामुक हो चुकी थी मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी. मुझे लंड चाहिए था. मैं हाथ निचे की और जब अपने पति का लंड छुआ तो दंग रह गई. दोस्तों, खड़ा ही नहीं था. मरे चूहे की तरह था, मैंने कहा ये क्या है. तो उसने कहा ये खड़ा नहीं होता है. पर डॉक्टर अंकल बोले है की खला हो जाएगा, दोस्तों मैं रो गई. मैं वही पड़ी कुर्शी पर बैठ गई और खिड़की खोलकर बाहर निहारने लगी. ऊपर से मैं दूसरी फ्लोर पे थी. मैं रो रही थी. और सोच रही थी की ज़िन्दगी अब बर्बाद हो चुकी है.

मैं अपने पति के तरह देखि तो वो खर्राटे ले रहा था. मुझे और रोना आ गया. मैं दरवाजा खोल कर बाहर गई. टॉयलेट से आई, जैसे ही मैं अपने कमरे में जाने लगी. बाहर से ससुर जी मेरा हाथ पकड़ लिया. और बाहर खीच लिए और मेरे कमरे को बाहर से लगा दिया. मैंने कहा ये क्या कर रहे हो? उन्होंने कहा अब कुछ नहीं हो सकता है. तुम्हे पता है मेरी भी बीवी नहीं है. मेरा बेटा नपुंशक है. वो तुम्हे खुश नहीं कर सकता, तुम वापस भी नहीं जा सकती अपने मायके क्यों की, वह पर तुम्हारी सौतेली माँ एक नंबर की रंडी है. अगर तुम चली गई तो तुम्हे वो रेड लाइट एरिया में बेच देगी.

फिर तुम खुद समझना की तेरे साथ क्या हाल होगा.मैं सब बात को समझ चुकी थी. मुझे पता था की वो मुझे अपने बेटे की आड़ में अपनी बीवी बनानी चाह रहा है. मैं भी सोची की अगर मैं यहाँ कोई भी फैसला करती हु तो वो फैसला मेरे विरुद्ध ही जायेगा. इसलिए मैंने उनको गले लगा लिया. वो करीब 50 साल है. मैं 18 साल की. उन्होंने मुझे गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गए.

उन्होंने अपने कमरे को खूब अछि तरह से सजा रखा था, गुलाब के फूल बिखरे थे. एक केक और मोमबती भी था. उन्होंने मेरे से केक कटबाया और मुझे केक खिला के. आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मुझे एक सोने के चेन दिया और फिर मुझे अपनी बाहों में भर लिया.मैं भी उनके आगोश में बहती ही चली गई. और हम दोनों नंगे होते होते एक दूसरे को चुम्नते रहे, ससुर मेरी चूचियों को दबाते रहे. मेरी चूत में ऊँगली डाल रहे थे. मेरे चूत को बाल में ऊँगली फिर रहे थे. मुझे बहूत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था. मैंने भी काफी सेक्सी हो चुकी थी मैंने भी उनका लंड अपने मुह में ले के चूसने लगी. वो आह आह आह कर रहे थे.

फिर वो मुझे निचे कर के मेरे पैरों को फैला कर, मेरे चूत के ऊपर लंड को रखकर घुसाने लगे, मेरी चूत काफी टाइट थी इसलिए बार बार उनको कोशिश करनी पड़ रही थी. दोस्तों थोड़े देर में ही उन्होंने अपना ओर लंड मेरे चूत में पेल दिया.मैं दर्द से कराह उठी. पर वो दर्द मीठी थी. मजा भी आ रहा था. करीब दस झटकों के बाद मेरी चूत काफी खुल गई थी अब दर्द भी नहीं हो रहा था. मैंने भी अपने लय में आ गई थी. और फिर जोर जोर से चुदाई शुरू हो गई. दोस्तों रात भर मैं अपने ससुर से चुदते रही. और ज़िन्दगी के मजे लेते रही. अब क्या है. अब तो मैं अपने ससुर की पत्नी हो गई हु, और मेरा पति मेरा बेटा बन गया है 

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बुखार के बहाने बेटे ने माँ को चोदा - Beta ne apni maa ko choda

मुझे अच्छा लगा की बुरा कल बेटे से चुदवा के, आज मेरा बेटा अभी तक मेरे सामने नहीं हुआ है शायद उससे शर्म आ रही है या तो वो दोस्तों के साथ माँ की चुदाई का पार्टी मना रहा है और दे रहा है. दिन भर अकेली मैं बोर हो रही थी कभी ख़ुशी भी हो रहा था और कभी ग्लानि भी हो रही थी. पर मैंने अपने दिल का बोझ हल्का करने के लिए मैं अपनी ही चुदाई की कहानी को नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे लिख रही हु

बुखार के बहाने बेटे ने माँ को चोदा - Beta ne apni maa ko choda

मेरा नाम आशा है, मैं 40 साल की हु, जालंधरकी रहने बाली हु, मेरा एक बेटा है सुखविंदर २१ साल का, मैं अपने बेटे के साथ रहती हु, मेरा पति कनाडा में रहता है और वो एक साल में एक बार आता है, मैं बोर हो जाती हु, मुझे सेक्स का बहूत ही ज्यादा शौक है, पर मेरी शौक हमेशा अधूरी रह जाती है.

मैं अपने आस पड़ोस में देखती हु, किसी औरत को अपने पति के साथ तो मुझे जलन होने लगती है क्यों की मैं ये सोचती हु की ये तो गुलछरे उड़ा रही है. और मैं अपने चूत की गर्मी को ऊँगली डाल कर शांत कर रही हु, मेरा बदन, मेरा पर्सनालिटी ऐसी है जो कोई भी देख कर फ़िदा हो जाये. मैंने एक दो बार गैर से भी सेक्स सम्बन्ध बनाया पर मजा नहीं आया, कोई मुझे संतुष्ट नहीं कर पाया, पर कल रात को मेरा बेटा मुझे खुश कर दिया, यहाँ तक की पति से भी ज्यादा, मुझे अब जवान लैंड का चस्का लग गया है. अब मैं सीधे अपने कहानी पे आती हु.

मुझे परसो अचानक बुखार लग गया. मुझे लगा की मौसम चेंज होने की वजह से हो रहा है. कल शाम को अचानक मुझे ज्यादा बुखार आ गया. और रात को करीब नौ बने मैं थर थर कापने लगी. मुझे काफी ठण्ड लग रहा था. सुखविंदर मेरे ऊपर दो दो रजाई डाल दिया तब भी मेरे दांत कड़कड़ा रहे थे. मैं काँप रही थी. उसने डॉक्टर बुलाया डॉक्टर ने दबाई थी और बोला की करीब एक घंटे में बुखार उत्तर जायेगा और वो चला गया. पर मुझे काफी ठण्ड लग रही थी. मेरा बेटा मुझे इस हाल में नहीं देख पा रहा था वो काफी परेशान था.

वो मेरे सर को दबा रहा था. पर कोई फायदा नहीं हो रहा था, अचानक उसने कहा मम्मी जी मैं आपको पकड़ कर दो जाता हु, शरीर की गर्मी से आप ठीक हो जाओगे, मैंने मना नहीं किया और उसको भी रजाई के अंदर बुला ली.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। उसने मुझे कस के पकड़ लिया, उसने अपने कपडे उतार दिए, और मेरी भी कपडे उतार दिए, ताकि जिस्म से जिस्म मिलने के बाद ठण्ड कम होता, उस समय उसके मन में कुछ गलत बात शायद नहीं था वो सिर्फ मुझे हेल्प करना चाह रहा था. पर जवानी का जोश और उम्र भला रोके क्या रुकेगा, जब मेरी चूचियां उसके साइन से लगी और जब वो मेरे पेट को सहला रहा था

मेरी गरम गरम साँसे उसके जिस्म से लग रही थी. वो व्याकुल हो गया क्यों की मैंने महसूस किया की उसका लंड मोटा और काफी लंबा हो गया था मेरी जांघ को टच कर रहा था. मैं कुछ बोल भी नहीं पाई, मैंने भी उसको जोर से पकड़ लिया, और मैंने उसके तरफ घूम गई. अब हम दोनों एक दूसरे को पकडे थे, उसका लंड मेरे जांघो के बिच में आ गया था, और सलामी दे रहा था, मुझे भी अच्छा लगने लगा, और मैंने उसके बाल को पकड़ कर अपने होठ को उसके होठ से लगा दिया, वो भी मुझे किश करने लगा और मैं भी उसके होठ को चूसने लगी.

ये सिलसिला करीब दस मिनट तक चला और फिर मैंने उसका मोटा लंड पकड़ लिया और ऊपर निचे करने लगी. उसने मेरी चूचियों को दबाने लगा. और मुझे अपनी बाहों में भरने लगा, मुझे ऐसा लग रहा था की आज मेरी वासना की आग बुझेगी, और मैंने उसको ऊपर आने को आमंत्रित कर दिए, वो ऊपर आ गया और मैंने अपनी टाँगे फैला दी. वो बिच में आ गया मेरी दोनों टांगो के, और फिर मेरी चूचियों को दोनों हाथो से मसलने लगा, मेरे होठ को चूसने लगा

और मैंने कहा की बेटा बहूत हो गया है. मेरी ठण्ड तो अब तभी जाएगी, जब तू मेरी चूत मारेगा, उसने कहा मैं तो ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार कर रहा था मम्मी आपको ठण्ड तो कब के चली गई होती. और उसने अपना लंड पकड़ कर मेरे चूत पे सेट किया. मेरी चूत काफी गीली और फिसलन हो गई थी. और बेटे ने जोर से मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया. ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

बेटे का लंड चूत के अंदर जाते ही मेरे अंदर करंट सी आ गई और मैं अपने गांड को ऊपर निचे करने लगी. और वो भी अपने लंड से मेरे चूत में छेद करने लगा. मजा गया था, दोस्तों चुद कर, मेरी गरम गरम साँसे, जोर जोर से चलने लगी. और मैं काफी ज्यादा कामुक हो गई थी. मैंने अपने बेटे से बोली की और जोर से और जोर से. वो भी खूब जोर जोर से लंड को चूत में पेलने लगा. करीब ३० मिनट तक उसने मुझे चोदा, मुझे अब पसीने चलने लगा, वो भी पसीने में तर बतर हो गया था. और मैं झड़ने बाली होने लगी. मैंने कहा और जोर से और जोर से, उसने करीब ५ धक्के ऐसे लगाया जैसे की मेरे चूत में पूरी हलचल हो गई थी.

लंड मेरे पेट के बीचो बिच जा रहा था, और हम दोनों एक गहरी सांस लेते हुए उसने मेरे चूत में अपना पूरा वीर्य डाल दिया. मैं गदगद हो गई.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। ऐसी चुदाई मुझे आज से १७ साल पहले हुआ करती थी. मुझे बहूत अच्छा लगा था. मैं बुखार में थी इस वजह से मैं तुरंत ही सो गई. हम दोनों एक दूसरे को पकडे हुए थे. पर मुझे पता ही नहीं चला कब सुबह हो गया, सुखविंदर कॉलेज चला गया. अभी तक आया भी नहीं है. पता नहीं उसको क्या लग रहा होगा. आशा करती हु वो मुझे ऐसे हो रोज चोदेगा

 

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करवा चौथ में अपनी बहन को चोदा - Karva chauth me behan ki chudai

सारे लोग सजे संवरे हुए थे, मेरी बहन भी खूब सजी संवरी थी, पर उदास उदास, आपको कारण भी बता दू पहले की क्या कारण है, मेरे जीजा किसी और लड़की के साथ आज से दो साल पहले ही भाग गए है. मेरी बहन ससुराल छोड़कर आ गई है. क्यों की उनके सास ससुर कहते थे तू ही कुलक्षण थी इसलिए मेरा बेटा भाग गया है.दोस्तों मेरी बहन देखने में बहूत ही खूबसूरत है.

करवा चौथ में अपनी बहन को चोदा - Karva chauth me behan ki chudai

24 साल की जबरदस्त जवानी पे है. उनके होठ गाल मदमस्त चाल, कमर, होठो की लाली, स्तनों का उभार देखकर तो कोई भी बन्दा कायल हो सकता है पर पता नहीं ये मादरचोद मेरा जीजा किसी और के साथ भागने की जरुरत क्या पड़ी. तभी से मेरी बहन परेशान रह रही है, और उसके याद में करवाचौथ कर रही है. दोस्तों आज उसका दूसरा करवा चौथ था, वो सिर्फ यादों में ही अपनी पति को देख पा रही थी.

आज वो उदास थी, शाम को करीब ९ बजे सब लोग, अपने अपने पति का चेहरा देख कर पानी पि रही थी. फिर मेरी बहन मुझसे बोली रवि चलो छत पर चाँद निकल गया होगा तू मेरी मदद कर दे ये थाली और सारा सामान ले चल, मैं भी उनकी मदद के लिए छत पर चला गया, दोस्तों क्या बताऊँ मेरी बहन सजी धजी इतनी हॉट लग रही थी की मन कर रहा था की दोनों चूचियां दबाते हुए होठ का रस पि लू, बहन पूजा करने लगी. वो चाँद को देख कर हाथ में एक मेरे जीजू का फोटो था वो उसकी को देखने जा रही थी

तभी मैंने उनके हाथ से फोटो ले लिया और बोला आज के बाद इस कमीने का फोटो देखने की कोई जरूरत नहीं है. अगर लंबी उम्र मांगनी है तो मेरी मांग लो. वो अवाक् रह गई और फिर मुझे से देखकर उसने पूजा किया मैंने पानी पिलाया और रसगुल्ला खिलाया.हम दोनों निचे आ गए, वो माँ और बाबूजी को प्रणाम की, माँ बाबूजी बोले की बेटा आज हम दोनों जागरण में जा रहे है रात को लेट हो जायेगा. तुमलोग सो जाना और वो दोनों चले गए.

हम दोनों भाई बहन खाना खाया, और मैंने अपने बहन को बाहों में भर लिया, वो कहने लगी भाई आप ये क्यों कर रहे हो, तो मैंने कहा किसी गैर को याद करने से अच्छा है मुझे याद कर लो. आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। घर की बात घर में ही रह जाएगी, मैंने चाहता हु मेरी बहन हमेशा खुश रहे. इतना कहते ही . मेरी बहन मुझसे लिपट गई और कहने लगी , कब से मैं तुम्हारे मुह से ये बात सुनने का इंतज़ार कर रही थी. आज मुझे करवाचौथ के दिन पूरी हुई, आई लव यू, और वो मुझे चूमने लगी.मैंने तुरंत ही अपने बहन को गोद ने उठाया, और बैडरूम ले गया, वह बेड पे लिटाते हुए

मैंने उनके बूब्स पे हाथ रख दिया, वो मुझे कातिल निगाहों से देख रही थी. मैंने तुरंत ही साडी निकाल दिया, और ब्लाउज का हुक खोलते हुए कहा अब तुम्हे चिंता करने की कोई बात नहीं मैं हु तुम्हारे साथ ज़िन्दगी भर. और तब तक हुक खोल दिया वो बैठ गई और पीछे हाथ करके अपना ब्रा का हुक खोल दी. ओह्ह्ह नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम के दोस्तों क्या बताऊँ मुझे मजा आ गया. गजब का गोरी गोरी गोल गोल चूचियां और पिंक कलर का निप्पल मैंने बिना देर किया ही झपट पड़ा. और अपनी बहन के चूचियों को मसलने लगा. और फिर उसके होठ को अपने होठ में लेके चूसने लगा.

वो आह आह करने लगी. मेरा लैंड खड़ा हो चूका था, बहन बोली दिखा तो दे मुझे मेरा प्यार, मैंने उनके हाथ में अपना लैंड दे दिया. बोली कहा रखा था इतना दिन से. मुझे कब से इसकी जरूरत थी. और वो फिर अपने मुह में मेरा लैंड ले ली. मैं उनके गले के अंदर तक लैंड को पेल रहा था. इस विच उनका निप्पल और बूब्स बड़ा और टाइट हो गया था, मैंने कहा ये क्या बहन तुम्हारा निप्पल तो एकदम खड़ा हो गया है. तो वो बोली ये खड़ा क्या तुम मेरी चूत पे हाथ लगा कर तो देखो.

मैं उनके चूत पे हाथ रखा ओह दोस्तों क्या गर्मी थी चूत की, पूरी चूत काफी गीली हो चुकी थी. मैंने कहा अब मेरे बर्दास्त के बाहर है. और मैं तुरंत लंड को उसके चूत पे सेट किया और जोरदार धक्का दिया. पूरा लंड उसके चूत में समा गया.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। उसके बाद असल खेल शुरू हुआ वो गांड उठा उठा के धक्के दे रही थी और मैं ऊपर से ड्रिल कर रहा था.

बस कमरे में आह आह और छप छाप की आवाज आ रही थी चूत और लंड की, बिच बिच में वो आह आह आह आह आह आह उफ़ उफ़ उफ़ उफ़ करती और मैं जोर जोर से पेले जा रहा था. चूचियां को मसलते हुए लंड को चूत में दे रहा था. वो बिच बिच में कहती थी. की इसको कौन पियेगा. और अपनी चूच को मेरे तरफ करती मैं भी निप्पल को चूसने लगता और वो और भी ज्यादा कामुक हो जाती. 

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भाई ने मुझे नौकर के साथ चुदते हुए पकड़ा फिर भाई ने मुझे चोदा - bhai se chudwaya sachchi kahani

मैं 19 साल की हु, बहूत ही हॉट हु, मेरे ब्रा की साइज 36 D है, मुझे लड़को में चस्का लग गया है. पहले भी मैं दो तीन बार अपने फ्रेंड से चुद चुकी हु, जब मैं कॉलेज गई तो वह एक लड़का है सोनू, बहूत ही हॉट है. हलकी हलकी दाढ़ी रखता है. कान में सोने की बालियां पहनता है. और कॉलेज खुली जीप पर आता है, उसका मसल्स बहूत ही बेजोड़ है. मैं उसके आगोश में आना चाहती थी.

भाई ने मुझे नौकर के साथ चुदते हुए पकड़ा फिर भाई ने मुझे चोदा - bhai se chudwaya sachchi kahani

वो बहूत ही बड़े घर का बेटा मैं चाहती थी की उससे पटाऊँ, और खूब मजे लू, अपने चूत की गर्मी शांत करवाऊं उससे, मैं अपने जलवे दिखने शुरू किये, और अपनी कजरारी आँख और मटकती हुई चाल, और मेरी छलकती हुई जवानी से रिझाने लगी. और करीब दस दिन में ही कामयाब हो गई, और मैं उसको अपना बॉय फ्रेंड बना लिया, खूब मजे लेने लगी.

कभी मक डोनाल्ड, कभी पिज़्ज़ा हट, कभी सिनेमा, आखिर रो में टिकेट लेती थी और वो मेरी जीन्स के अंदर हाथ डाल के मेरी चूत को सहलाने लगता था. चूचियां दबाते हुए मेरी तो तन बदन में आग लग जाती थी. मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी मुट्ठी में भरते रहती थी, और हिलाते रहती थी, दोस्तों मेरी दोनों निप्पल दर्द करने लगता था क्यों को वो मेरी निप्पल को अपने दोनों अँगुलियों से रगड़ते रहता था. मेरी चूत हमेशा गीली होने लगती थी. वो मुझे चूमता था मेरी होठ को अपने दांतो से काटता था, इसी तरह से चलने लगा.

दोस्तों अब मुझे लगता था की वो मुझे चोदे, क्यों की अब उसकी के ख्याल में रहती थी. और हमेशा रात में सोचते रहती थी की वो मुझे ऐसे चोदेगा, और मेरी गांड में ऊँगली घुसायेगा, ऐसे मेरी चूत को चाटेगा, ऐसी मेरी चूचियों को मसलेगा, मैं आह आह करुँगी और वो मेरी चूत में अपना मोटा लंड घुसाते रहेगा और मैं आह आह आह करते रहूंगी, दोस्तों वो दिन भी आ गया, एक दिन मेरा भाई कॉलेज गया, माँ और पापा दोनों बैंक गए. मैं बहाना बनाई की मेरी तबियत खराब है और मैं घर पे ही रह गई. जैसे सब लोग बाहर गए.

एक दिन पहले ही मैं सोनू को बोल दिया था की कल तू पक्का १० बजे मेरे घर के आस पास ही रहियो, क्यों की मैं तुम्हे दस बजे ही कॉल करुँगी. कल मैं नहीं चाहती की देरी हो. और हुआ भी यही, मैंने तुरंत फ़ोन किया. आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। वो पार्क के पास ही था और सिर्फ पांच मिनट में आ गया.आते ही उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरे होठ को चूसने लगा. मैं गदगद हो रही थी, मैं टी शर्ट पहनी थी और जानबूझ कर ब्रा पहले से उतार दी थी ताकि मजा में कोई ज्यादा खलल ना हो. वो देखते ही बोला वाओ, मैंने भी सोनू का लंड तुरंत ही पकड़ लिया, और बैठ गई.

बेल्ट खोली और चेन खोली, और उनका मोटा लंड निकाल कर चूसने लगी. वो मेरी बाल पकड़ रखा था और वो भी हौले हौले से मेरे मुह में लंड घुसाने लगा. मुझे बहूत ही ज्यादा मजा आने लगा. फिर मैंने उसको अपने बैडरूम में ले गई. वो मुझे बेड पे पटक दिया. और मेरी टी शर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी चूचियों को दबाने लगा. उसके मुह से सी सी सी ऊ ऊ की आवाज आ रही थी. क्यों को वो बहूत ही ज्यादा कामुक हो गया था.

मैंने तुरंत अपनी काप्री उतारी दी. उसने भी बिना देर किया अपने सारे कपडे उतार फेके, मेरी लाल कलर की पेंटी के ऊपर से वो पहले सुंघा और एक गहरी साँसे लेते हुए कहा, तुम हुस्न की मालिक हो मेरी जान, मैं तेरे ऊपर मरता हु, तेरे जैसा लड़की जो इतनी हॉट हो आज तक मुझे नहीं मिली, मजा आ गया तुन्हें पाके मेरी जान स्वाति, मैंने कहा क्या तुम मुझे ऐसे ही प्यार करोगे? सोनू बोला अरे इससे भी ज्यादा करूँगा. एक रात तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाऊंगा.

फिर देखना क्या क्या होता है. पर एक बात का ध्यान रखना. जब तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाउगा, मैं तेरे शरीर में जितने भी छेद है उस सब में मैं अपना लंड घुसूंगा. मैंने पूछा कहा कहा घुसायेगा. उसने कहा. देख तेरे मुह में घुसूंगा. तेरी चूत में घुसूंगा. फिर तेरी गांड में घुसूंगा. मैंने कहा मुह में और चूत में तो ठीक है पर मैं तुम्हे अपने गांड में नहीं घुसने दूंगी. क्यों की गांड में बहूत ही ज्यादा दर्द होगा. और मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी.तभी सोनू बोला मेरी जान तुम चिंता क्यों करती हो. मैंने तुम्हे पहले शराब पिलाऊंगा.

उसके बाद सब कुछ होगा. मैं बोली ठीक है देखते है.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। और उसने मेरी पेंटी उतार दी और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा. मैंने आज उस दिन ही सुबह सुबह अपने चूत की और काख की बाल को साफ़ की थी. मेरी चूत एक दम क्लीन था. वो बड़े मजे लेके मेरी चूत को चाट रहा था. और अपनी जीभ से मेरी चूत में घुसा रहा था. मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी. मेरी चूत आग में धधक रही थी. मेरी चूत से बार बार पानी छोड़ रहा था, मैं पागल हुए जा रही थी. दोस्तों ये कहानी आप नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है.

मैंने सोनू से बोला की सोनू मुझे तड़पाओ मत मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, मेरी चूत अब काफी गीली हो गई है. मैं अब बिना देर किये तुम्हरे लंड को अपने चूत के अंदर लेना चाहती हु. सोनू तुरंत ही अपना लंड अपने हाथ में लिया और दिखाया, बोला देख नौ इंच का लंड, आज तेरी चूत को फाड़ देगा. मैंने कहा अरे जा जा देखती हु किसमे कितना दम है. आज मैं भी पूरी तरह से अपने चूत में मोटा से मोटा लंड लेने के लिए तैयार हु.

उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पे रखा, दोस्तों मेरी चूत पे लंड रखते ही. मेरा पूरा शरीर काँप उठा और अंगड़ाइयां लेने लगी. मैंने अपने हाथो से अपने दोनों बूब के दबाने लगी. तभी सोनू बोला अरे तुम खुद अपनी चूचियां दबा रही हो. जब आज मैं तुम्हारे साथ हु तो ये सब मेरा काम है और वो मेरी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा. और जोर से धक्का दिया, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. मेरी मुह से आह निकल गई. और फिर जो लगा चोदने, क्या बताऊँ दोस्तों जोर जोर से वो मेरी चूत में लंड को डाल रहा था. और मैं आह आह आह कर रही थी. लंड को चूत के अंदर आते जाते मेरी चूत से सफ़ेद क्रीम निकलने लगा. वो सोनू के लंड में लग रहा था.

मुझे बहूत ही ज्यादा मस्ती छा रही थी. और मैं अपने तरफ से जितना हो सके निचे से धक्के दे रही थी. वो ऊपर से धक्के दे रहा था. और मैंने अंदर से दे रही थी. मैं दोनों हाथो से उसमे चूतड़ को पकड़ के अपने चूत पे सटा रही थी, और फिर मैंने उसको अपनी बाहो में भर ली और उसका मुह अपने कंधे पे ले ली, अपने पैरों को उसके चारो और लपेट कर चुदवाने लगी.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।वो आह आह आह कर रहा था, मैं भी उफ़ उफ़ उफ़ कर रही थी.

दोनों एक दूसरे को मजे दे रहे थे, तभी कमरे में आवाज आई स्वाति ये तुम क्या कर रही हो. मैंने देखा मेरा भाई मेरे सामने खड़ा था. सोनू तुरंत ही अपना कपड़ा पहना और जाने लगा, मैं भी तुरंत बेडशीट लपेट कर अपने कपडे ले के बाथरूम में चली गई. तभी मेरा भाई सोनू को बोल रहा था, मादरचोद, अगर और कभी देख लिया तुम्हे मेरी बहन के आस पास तो तुम्हे क्या करूँगा तू सोच भी नहीं सकता, और सोनू तुरंत ही वह से भाग कर चला गया.मेरा भाई बाथरूम के दरवाजे पर आया और बोला. निकल साली जल्दी बाथरूम से. इतना ही तुम्हे शौक था तो कहती मम्मी पापा से बोल कर शादी करवा देते. 

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