Free BDSM sex stories, Bondage, best erotic porn stories on bdsmsexstory, Bdsm Hindi Sex Story, BDSM chudai sex story, bdsm sex story pic porn photo, Read sex kahani, kamuk kahani for free

मामी को तेल लगाकर चोदा

मामी को तेल लगाकर चोदा

मेरे को पहले कुछ नहीं पता था। लेकिन कॉलेज में आने के बाद मेरा भी लंड कुछ चाहने लग गया। वो था लड़कियों की चूत! उनका उभरा हुआ बूब्स और उनकी मटकती फुदकती गांड! मेरे को ये सब कॉलेज में नए नए दोस्तों ने ब्लू फिल्म दिखाकर कराया था। मेरे अंदर का शैतान दोस्तों ने जगा दिया। मै भी लड़कियों में इंटरेस्ट लेने लगा। मेरी स्मार्टनेस की वजह से लड़कियों को पटाने में ज्यादा टाइम नहीं लगता था।

एक नजर में लड़कियों को पटा लेता था। लड़कियों के साथ साथ हर किसी लेडीज को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था, मै अपने मामा के यहां गया हुआ था। वहाँ पर मामी को ही देखकर मेरा लंड खड़ा ही गया। मेरे को मामी को ही चोद डालने को मन कर रहा था। वो मेरी सबसे बड़ी मामी थी। उनका नाम आराधना था। देखने में वो बहुत ही गजब की माल दिखती थीं। उनकी उम्र तो ज्यादा थीं। मेरे उम्र का उनका लड़का था।

लेकिन कोई देखकर उन्हें नहीं बता सकता था। उनका 36-32-34 का बदन आज भी बहुत कसा हुआ था। उनके अंदर जवानी का रस आज भी भरा हुआ था। मामा ज्यादातर बाहर ही रहते थे। वो कभी कभी ही आते थे। मामा के यहां पहुचते ही मामी को देखकर मेरा लंड खड़ा होकर कडा हो गया। मामी की गोल गोल गांड को देखकर मैं पागल होता जा रहा था।

उनके 36 के चूचे को देखकर पीने को मन कर रहा था। मामा काफी दिनों से घर नहीं आये हुए थे। मामी उन्ही के बारे में बात कर रही थी। मेरे मामा का एक ही लड़का है। जों की दिल्ली में आई ए एस की तैयारी कर रहा था। वो भी कभी कभी ही घर आता था। नानी भी अब नहीं थी। हाल ही में उनका भी देहांत हो गया था। मामी घर पर अकेली ही रहती थी। जब मैं जाता था तो वो कुछ दिन के लिए रोक लिया करती थी। मामी ने उस दिन भी मेरे को रोका।

मै भी एक लड़की के चक्कर में रुका गया। मामा के घर के बगल में एक लड़की आई हुई थी। उसी के साथ एक बार किसी तरह से सम्भोग करने के चक्कर में रुका हुआ था। लेकिन वो दूसरे दिन ही चली गयी। मै भी मामी से अपने घर जाने के लिए कहने लगा। मामी ने मेरे को जबरदस्ती रोक रखा था। लेकिन मेरे को क्या पता था कि मामी मेरे इन्तजार का इतना मीठा फल देंगी। दिन में वो लेटी हुई थी।

मै सोती हुई मामी को ही ताड़ राहज था। मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। मैंने मामी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध को हल्के हाथों से दबाया। बहुत ही सॉफ्ट दूध लग रहे थे। शाम को वो उठी तो उनकी कमर में दर्द होने लगा।

मामी: आसू मेरी कमर बहुत तेज दर्द कर रही है

मै: मामी मूव लगा ली दर्द जल्दी ठीक हो जाएगा

मामी: ज़रा मेरे को ढूंढ के दे दो

मै: ठीक है मामी अभी ढूंढ के देता हूँ

बहुत ढूंढने के बाद नहीं मिला तो मामी ने दर्द निवारक एक उपाय बताया।

मामी: कोई बात नही! नहीं मिला है तो तुम जाकर थोड़ा सा तेल गर्म करके ले आओ

मैंने वैसा ही किया। तेल गर्म करके मामी को दे दिया। मामी अपनी चिकनी कमर पर तेल लगाकर मालिश करने लगी। मै बैठा हुआ देख रहा था। वो अपने हाथों से तेल अच्छे से नहीं लगा पा रही थी।

मै: मामी लाओ मै लगा देता हूँ आप अच्छे से नहीं लगा पा रही हो

मामी: तुम कितने स्वीट हो! चल जल्दी से मालिश कर दे मेरी जान!

मामी की कमर पर मैं दबा दबा कर के मालिश करने लगा। मेरे को डर भी लग रहा था कि कहीं मेरा हाथ इधर उधर हो गया तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जायेगी। मेरे को क्या पता था मामी का भी मौसम बना हुआ था। मेरे आकर्षक शरीर की तारीफ़ करते हुए मालिश करवा रही थी।

मामी: तेरे हाथो में तो जादू है जहाँ जहाँ लगता है सब दर्द ख़त्म हो जाता है

मामी मेरे को हाथ को गांड की तरफ बढ़वा रही थी। वो जिस जगह बताती मै मालिश करने लगता। ऊपर नीचे दाए बाए करके वो मेरे हाथ को अपनी गांड पर रखा ली।

मेरे को शर्म आ रही है। उस समय मै मेडिकल की तैयारी कर रहा था। मेरे को शर्माता देख मामी ने मेरे को समझाया।

मामी: मान लो तुम डॉक्टर हो गए और किसी के गुप्तांग में कोई प्रॉब्लम हो तो तुम ऐसे ही शर्म करोगे तो कैसे चलेगा!

मै अपना शर्मीला चेहरा छुपाकर मामी की तरफ देख कर एक हल्की सी स्माइल दी। मामी के बताए हुए गांड के बीचों बीच अपना हाथ घुमाकर मजे लेने लगा। मामी ने उस दिन साडी ब्लाउज के साथ साथ पेटीकोट भी पहना हुआ था। मामी की पैंटी भी मेरे हाथों में लग रही थी। मामी ने अपनी पेटीकोट का नाडा खोलकर ढीला किया। मै अब आसानी से सब कुछ कर पा रहा था।

मामी ने मेरे को भी सब कुछ करवाकर उत्तेजित करवा दिया। अचानक से मामी पलट गयी। मेरा हाथ उनकी गांड से हटकर चूत पर रख गयी। उनकी चूत काफी फूली हुई लग रही थी। मैने अपना हाथ हटाना चाहा उससे पहले मामी ने मेरे हाथ को पकड़ लिया। वो मेरे को उसे मसलने को कहने लगी।

मामी: आसू बेटा मसल दे आज इसे भी!

मै: मामी आपकी तो कमर में दर्द था। फिर आप मेरे से अपनी चूत को क्यों मसलवा रही हो

मामी: मेरी चूत के भीतर भी दर्द हो रहा है

मै: उसके अंदर का दर्द कैसे कम करूं

मामी: मेरी चूत के भीतर का भी निवारण है तेरे पास!

मै: वो कैसे??

मामी: अपना औजार डालकर मेरे को चोदो फिर सारा दर्द ख़त्म हो जायेगा

मेरे को शर्म आ गयी। मै बहुत ही आश्चर्य में पड़ गया। मामी की चूत में हाथ घुसेड़ा जा रहा था और न ही हटाने की मन कर रहा था। मामी ने अपने हाथ को मेरे हाथ पर रखकर चूत पर मसलना शुरू किया। मामी गर्म होकर मेरे से चिपक गई।

मामी: आसू बेटा आज मेरे साथ सम्भोग कर! मेरे को चोद डाल! ज़रा मै भी देखू तुझमे कितना दम है

मामी ने मेरी मर्दानिगी को ललकारा! मैंने मामी को पकड़ कर उनके गले पर किस कर लिया। वो मुझे जोर से दबाने लगीं। उनके गोरे गोरे गले पर निकला काला तिल बहुत ही अच्छा लग रहा था। वो भी गर्म होने लगी। सब कुछ आज बहुत ही अजीब लग रहा था। मैंने मामी का चेहरा आँखों के सामने करके। कुछ देर तक देखा। उसके बाद उनके गुलाब जैसे होंठो पर अपना होंठ चिपका कर खूब चुसाई किया। नरम नरम होंठो के रस को चूसने में बहुत ही मजा आ रहा था। उसके होंठो का रस बहुत ही जबरदस्त लग रही थी। मामी की होठो में इतनी मिठास होगी मैंने सपने में भी नहीं सोचा था।

धीरे धीरे मै उनके होंठो से अपने होंठ नीचे करके चुम्बन प्रक्रिया जारी रखा। वो गर्म हो रहीं थी। मामी की चूंचिया साफ़ साफ़ दिख रही थी। मैंने उनके बूब्स को ऊपर से किस करके दबाया। उसके बाद ब्लाउज का एक एक बटन खोलकर निकाल दिया। उनके दोनों बूब्स मुझे ब्रा में दिखने लगे। उनको अच्छे से देखने की बेचैनी बढ़ती ही जा रही थी। मैंने उनको बैठा कर पीछे से हुक खोलकर निकाल दिया। दोनों मुसम्मी को हाथो में लेकर खेलने लगा। उनकी साँसे तेज हो रही थी। मेरा लंड चैन फाड़ कर बाहर आने को बेचैन हो रहा था। दोनो निप्पलों पर अपना मुह लगाकर बारी बारी से दोनों का मजा ले कर पीने लगा।

उनकी तेज साँसों के साथ सिसकारी भी निकल रही थी। वो जोर जोर से “……अई अई ….अई ……अई ….इसस्स्स्स्स् …….उहह्ह्ह्ह …..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी भर रही थी। मैंने मुसम्मी का रस खूब अच्छे से पीकर उनकी साडी निकालने लगा। मामी ने पहले से ही पेटीकोट के नाड़े को खोल रखा था। अब मामी की चूत के दर्शन के लिए उनकी पेटिकोट को उतारना था। मामी खड़ी हो गयी। उनका पेटिकोट आटोमेटिक नीचे गिर गया। पैंटी को उतारते हुए मैंने मामी की चूत की एक झलक देखी। मामी की चूत बहुत ही रसभरी लग रही थी। दोनों किनारा चूत का बहुत ही फूला हुआ लग रहा था। इतना छरहरा बदन आज मैं पहली बार छू रहा था।

मैंने अपना मुह उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगा। मैने मामी की चूत की एक एक पंखुडी को पकड़कर खूब चूसा। कुछ देर तक मैंने उनके चूत के दाने को काट काट कर उसका भरपूर आनंद लिया। वो गर्म होकर चादर को हाथो से पकड़ कर “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ…. अअअअअ …. आहा हा हा हाकी जोर जोर से सिसकारी ले कर साँसे छोड़ रही थी। मैंने चूत पीना बंद करके अपना लंड पैंट खोलकर निकाला। मेरा 7 इंच का लंड देखकर वो चौक गई।

मामी: बाप रे इतना बड़ा लंड है तेरा। ये तो मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता बना डालेगा

उसके बाद उन्होंने मेरे लंड को सहला कर चूसना शुरू किया। मामी ने खूब ढेर सारा तेल लगाकर मेरे लंड की मालिश करके उसे टाइट कर दिया। लगभग 10 मिनट तक उन्होंने मेरे लंड का मसाज किया। मैंने उनको बिस्तर पर लिटा दिया। दोनों टांगो को खोलकर उनकी चूत में अपना लंड डालने लगा। बहुत दिनों बाद चुदाई करवाने से उनकी चूत टाइट हो चुकी थी। आम लड़कियों की चूत से ढीली थी मामी की चूत! पहले भी चुदी होने के कारण मेरे को लंड घुसाने में कोई प्रॉब्लम नहीं हुई। लंड के चूत में प्रवेश करते ही वो जोर ओह्ह माँ ….ओह्ह माँउ उ उ उ उ ……अ अ अ अ अ आ आ आ आ ….” चिल्लाने लगी।

उनकी चूत फट गई। तेल की चिकनाई की वजह से मेरा पूरा लंड उनकी चूत में एक ही बार में घुस गया। मै पूरा लंड अंदर बाहर करके चोदने लगा। मुझे तो टाइट चूत चोदने में बहुत मजा आता था। धीरे धीरे उनकी चिल्लाने की आवाज धीमी होने लगी। मेरा लंड घच्च घच उनकी चूत में कूद कर चुदाई कर रहा था। मैंने उन्हें उठाया। उनकी एक टांग को उठाकर अपने कंधे पर रख कर चूत में लंड डालकर चुदाई करने लगा। खड़े खड़े उनकी चुदाई का कार्यक्रम जारी रखा। जड़ तक लंड डाल डाल कर खूब मजे से चुदाई कर रहा था। उनके होंठो को चूस चूस कर उनकी चुदाई कर रहा था। इस बार की चुदाई से वो चिल्लाने लगी। वो जोर से “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँहूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अईअईअई…..” की आवाज निकाल कर मेरा साथ देकर चुदवाने में मस्त थी।

मेरा गला पकड़ कर उछल उछल कर चुदवा रही थी। लगातार चुदाई करते करते मामी की चूत ने अपना माल निकाल दिया। मामी के माल की चिकनाई से मेरा लंड और तेजी से अंदर बाहर होकर चुदाई कर रहा था। उनकी चूत ढीली हो चुकी थी। अब मजा नहीं आ रहा था। मैंने उनको नीचे उतारा। उनको झुकाकर गांड में लंड डालने लगा। मेरा आधा लंड ही अंदर घुसा था कि वो जोर से हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …. ऊँ ऊँ ऊँ सी सी सी सीहा हा हा.. ओ हो हो….” की चीख निकालने लगी। मैंने बार बार कोशिश करके पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया। पूरा लंड खाकर वो जोर जोर से चिल्ला रही थी। उनकी गांड चोदने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था।

मामी की मोटी गांड काफी टाइट थी।हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट कॉम.वो गांड हिला हिला कर चुदवाने लगी। धका पेल लंड पेलते पेलते उनकी चूंचियां हिल रही थी। उनको भी बहुत मजा आ रहा था। पूरा बिस्तर हिल हिल कर आवाज कर रहा था। वो गांड आगे पीछे करके “…. उंह उंह उंह हूँ .. हूँ हूँ .. हमममम अहह्ह्ह्हह..अईअईअई…..” की आवाज के साथ चुदवाने लगी। मै भी झड़ने की स्थिति में आने लगा। मेरा माल छूटने वाला था।

मै: मामी मै झड़ने वाला हूँ

मामी: आसू मेरी जान मेरे मुह में डाल दे अपना माल! मैने वैसा ही किया। उनकी गांड से अपना लंड निकाल कर अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया। मेरे लंड को खाकर मामी बहुत खुश थी। कुछ दिन रूककर मामी को खूब चोदा। 

Share:

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

Copyright © 2021 BDSM Sex Story All Rights Reserved