दोस्तों आप ही सोचो माँ अपने बेटे को चोदने की
ट्रेनिंग दे, पर इसमें मेरा दोष नहीं है, दोष मेरे माँ का है, मुझे आज तक वो बच्चा बना कर ही
रखी थी भले मेरी उम्र २२ साल हो गई हो, पर मैं इसमें अपने माँ का भी दोष नहीं दे सकता,
क्यों की हालात ही
ऐसा हो गया. मेरे पिताजी फ़ौज में थे और जब मैं ग्यारह साल का था तभी उनका देहांत
हो गया, इस
दुनिया में मुझे और माँ को छोड़ गया, मैं अकेला संतान था
माँ मुझे बहुत प्यार करती थी, पता नहीं उनको डर था की कही वो
मुझे खो ना दे इसवजह से वो मुझे ज्यादा केयर करती थी, पापा के मौत के बाद हमलोग अमृतसर
अपने पुश्तैनी मकान में आ गए, मेरी पढाई लिखाई अमृतसर में ही हुई.बचपन से ही मैं अपने माँ
के साथ ही सोया करता था,
माँ मुझे ज्यादा इधर उधर जाने नहीं देती थी, मैं माँ से काफी ज्यादा
लगाव था, मानो
की वो मेरी एक अच्छी दोस्त थी, पर कुछ मामलों में मैं काफी पिछड़ गया था, मैं काफी शाय हो गया था,
मुझे बाहर जाना
बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता था, मैं हमेशा घर में ही रहता था, लड़कियों पे प्रति भी मेरी ज्यादा
रूचि नहीं होती थी, सच पूछिए तो मेरी ज़िंदगी अजीब हो गई थी, माँ के साथ जब सोता था, तब भी मुझे ज्यादा बुरे
ख्याल नहीं आते थे क्यों की बचपन से ही मैं औरत के संपर्क में रहा था, माँ के प्राइवेट पार्ट
को छूता था, रात में उनके चूचियों को पकड़ के सोता था
माँ की उम्र अभी 40साल है, वो बहुत ही खूबसूरत और अच्छी है,आप ये कहानी आप निऊ
हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। एक दिन मेरी माँ बोली की बेटा
तुम्हारी लुधियाना बाली मासी तुम्हारे लिए रिश्ता ला रही है, तो मैंने कहा माँ मुझे
शादी नहीं करनी है, माँ बोली बेटा अगर तू शादी नहीं करेगा तो मेरा खानदान कैसे आगे बढ़ेगा, घर में तुम्हारी पत्नी
आएगी तो खुशियां लेके आएगी, तुम्हे भी बहुत मजा लगेगा, वो तुमसे प्यार करेगी, तुम्हे खुश रखेगी,
और मेरा भी ध्यान
रखेगी, मैं
कब तक तुम्हारा ध्यान रखोगी, इसलिए तुम घर बसाओ और ज़िंदगी को खुल कर जियो, मैं चाहती हु की मेरा
बेटा खुश रहे.
बात तो सब समझ में आ गई पर मुझे लग रहा था की क्या
मैं अपनी बीवी को खुश रख पाउँगा, मैं ज़ी टीवी पे सीरियल भी देखता था मुझे ऐसी लाइफ ठीक नहीं
लगती ही, मुझे
डर लगता था की मैं अपनी वाइफ को कभी भी सेक्स से संतुष्ट नहीं कर पाउँगा, तो मैंने एक दिन रात को
माँ को कहा, माँ आप मेरी शादी नहीं कराओ, क्यों की मुझे ऐसा लगता है, मैं अपनी पत्नी को खुश नहीं रख
पाउँगा, तो
माँ काफी समझाई, पर मुझे अंदर से डर बैठ गया था, तो माँ ने मासी को बुलाई, मासी भी काफी समझाई, मैंने माँ से कहा माँ सच
तो ये बात है, की शादी के बाद अगर मैं अपने बीवी को सेक्स से संतुष्ट नहीं कर पाया तो. माँ
बोली बेटा इसकी चिंता नहीं कर मैं हु ना,
दोस्तों उसके बाद क्या बताऊँ, मासी शाम को चली गई. उस रात माँ
ने कहा आज तू मुझे चोद कर देख क्या मैं संतुष्ट हो पाती हु, अगर कोई कमी रही तेरे में तो मैं
तुम्हे बताउंगी की तुम्हे कैसे चुदाई करनी है. मुझे माँ का आईडिया अच्छा लगा,
रात को माँ काफी सज
धज कर आई, वो मेरे होठ को चूसने लगी, मैं भी उनके होठ को चूस रहा था, फिर वो मेरे कपडे उतार कर मेरे
छाती को जीभ से सहलाने लगी. सच बताऊँ दोनों जब वो जीभ फ़िर रही थी
पहली बार मुझे ऐसा फील हुआ की मेरे में भी दम है. और
मैंने माँ के चूचियों को दबाने लगा और फिर उनके चूतड़ को दबा के उनका चूत अपने लैंड
के पास लाकर रगड़ने लगा. माँ भी काफी कामुक हो गई थी, वो मेरे लण्ड को अपने मुंह में
लेके चाटने लगी. और कह रही थी बेटा मुझे तो पता ही नहीं था की तेरा लण्ड खड़ा होने
के बाद इतना बड़ा हो जाता है. उसके बाद माँ मेरे मुंह के पास बैठ गई.आप ये कहानी आप
निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
पैर दोनों साइड था और उनका चूत मेरे मुंह के पास
बोली चाट इससे, मैंने अपने माँ के चूत को चाटने लगा. माँ आह आह आह आह बहुत अच्छे मेरे बच्चे
आह आह आह ऐसा करेगा तो कोई भी खुश हो जाएगी, आह आह, दोस्तों माँ के चूत से सफेद सफेद
पानी निकलने लगा मैं उनके चूत से निकलने बाली सारा माल चाट गया, उसके बाद मेरा लण्ड खड़ा
हो गया, पर
मेरे लण्ड में काफी गुदगुदी होने लगी और मेरे लण्ड से पानी निकल गया, माँ बोली चल अब मुझे चोद,
मैं चुप था वो
निचे हुई, और मेरा लण्ड जैसे पकड़ी अपने चूत में डालने के लिए, वो बहुत ही गुसा हो गई .
बोली किसने बोल था तुम्हे ऐसे ही गिराने के लिए पता
है तुम्हारा सारा वीर्य गिर गया है, मेरे जगह पर तुम्हारी बीवी होती तो सच मच में भाग
जाती, मैं
अपने माँ को इतने गुस्से में पहली बार देखा था, मैंने कहा माँ आपको मैंने पहले
ही कह दिया था की मैं सेक्स से संतुष्ट नहीं कर पाउँगा इसलिए आप मेरी शादी नहीं
कराओ, पर
ये ज़िद आपकी है, माँ इतना सुनते ही, वो मुझे गले से लगा ली और बोली बेटा चिंता नहीं करो,
ये पहला दिन था
मैं तुम्हे रोज ट्रेनिंग दूंगी, और एक दिन ऐसा आएगा की तुम मुझे भी और अपने बीवी को भी खुश
करोगे.
दोस्तों दूसरे दिन से मेरे लिए माँ ड्राई फ्रूट लाइ
और शिालजित लाइ, वो मुझे सरसों तेल से रोज मालिश करने लगी और मैं दिन भर में करीब २ किलो दूध
पि लेता था, वही हुआ मेरी माँ रोज रोज मेरे साथ सेक्स सम्बन्ध बनाने के लिए चाहती पर मैं
झड़ जाता, यही
सिलसिला चलता रहा, पर दस दिन बाद से ही
मेरे में एक जोश और गर्मी आ गई, अब मैं अपने माँ को खूब चोदने लगा. और वो भी मुझसे चुदवाने
लगी. सच बताऊँ दोस्तों मुझे ज़िंदगी का मजा आ गया, माँ को जब भी मन करता था चोद
देता था
जब वो रसोई में रोटी बना रही होती थी मैं पीछे से
उनके गांड पे अपना लण्ड रगड़ रहा होता था फिर माँ अपना पेटीकोट उठा देती और मैं
पीछे से भी चोद लेता था.आप ये कहानी आप निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़
रहे है। अब मैं शादी के लिए तैयार था, मेरी शादी भी हो गई, मेरी बीवी भी आ गई, पर मैं नर्वस था,
क्यों की माँ के
साथ तो मेरा बचपन से रिलेशन था पर नई लड़की से सेक्स सम्बन्ध बनाना थोड़ा कठिन था पर
माँ बोली मैं हु ना कोई दिक्कत नहीं होगी, रात को मैं अपने बीवी के कमरे में गया वो घुंघट में
थी. मैंने घुंघट उठाया, और बातचीत स्टार्ट कर दी. काफी देर हो जाने के बाद मेरी
वाइफ मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दी.
मैं थोड़ा शर्मा रहा था पर वो नहीं सरमा रही थी. धीरे
धीरे वो ब्लाउज के हुक को खोल दी. वो ब्रा के अंदर टाइट टाइट बूब्स था, मैंने अपने बीवी के चूक
को दबाना सुरु कर दिया, वो बड़ी गदराई हुई थी. वो गोरी थी उसका चूच बड़ा बड़ा और थोड़ी
मोटी थी. वो काफी सेक्सी थी आँख बहुत ही नशीली थी. होठ गुलाबी, वो मुझे कस के पकड़ ली और
वो मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चूमने लगी. धीरे धीरे वो मेरे लण्ड को पकड़ ली और फिर वो
अपने सारे कपडे उतार दी,
सच बताऊँ दोस्तों मुझे ऐसा लगा की मैं आज चोद नहीं
पाउँगा, मैं
थोड़ा परेशान होने लगा तभी मेरी नजर खिड़की पर पड़ी, वह अंधेरे था वह माँ खड़ी थी,
वो मुझे इशारे से
कह रही थी की बूब्स प्रेस करो, मैंने वैसा ही किया, वो फिर इसारे से ही कहने लगी की
चूत चाटो, मैंने अपने बीवी का चूत चाटने लगा, मेरी बीवी इस इस इस इस उफ़ उफ़ उफ़ करने लगी. फिर
उन्होंने इशारा किया की गांड में ऊँगली डाली मैंने वैसा ही किया, मेरी बीवी काफी कामुक हो
गई थी. फिर माँ बोली अपना लण्ड उसके चूत पे लगाओ, मैंने वैसा ही किया और फिर मैंने
अपना लण्ड अपने बीवी के चूत में घुसा दिया, क्या बताऊँ दोस्तों, मुझे चुदाई करने में
बहुत मजा आने लगा मेरी बीवी भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी.
और मैं चोदने लगा. जब भी कभी ऐसा लगता की मैं झड़ने बाला हु, मैं अपना ध्यान बटा लेता कुछ और सोचने लग जाता, और फिर से चुदाई करने लगता.सुहाग रात को मैंने एक घंटे तक चुदाई की थी, और फिर मैं झड़ गया था पर खुश था क्यों की मेरी बीवी भी साथ झड़ी थी. दोनों संतुष्ट थे. सुबह माँ मुझे गले से लगाई, और बोली जियो मेरे शेर आज तूने वो कर दिखाया, और मुझे गले से लगा लिया, और फिर बोली की बीवी के चलते मुझे मत भूलना, क्यों की अब मुझे भी चाहिए क्यों की तूने मुझे आदत लगा दिया.कैसी लगी हम डॉनो मां बेटे की सेक्स कहानी.
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