मेरी एक दीदी हैं, जिसका नाम अनुषका हैं। वो 21 साल की हैं, शरीर से वो बिलकुल फिट
हैं। दीदी की गांड और बूब्स कमाल के हैं। दीदी का एक बोबा ढ़ाई किलो का हैं,
पता नहीं कितनो से
दबवाती हैं। अनुष्का दीदी की गांड की चाल देखने के लिए लड़को की लाइन लग जाती हैं।
अनुष्का दीदी की चुत भी फुली हुई हैं। जब दीदी pad (विस्पर) नहीं लगाती है तो उनकी
चूत की धारियां जिन्स के पैंट में भी साफ साफ नजर आ जाती हैं।
मै उनको ही देखता रहता हू, और दीदी की चूत की कलपना करने लग जाता हू। वो घर से कोलेज
का नाम लैकर निकलती और पूरा दिन दोस्तों के साथ मस्ती रती रहती। कुलमिलाकर उसे
चुदवाने का शौक चढ़ गया था।वो चुदवाने के बदले पैसे लेती और लम्बी लम्बी गाडियों
में घुमा करती थी। एक दिन सुबहा सुबहा मेरी दीदी को call आया । दीदी बोली मैं नहाने जा
रही हू,पता
मैसेज मैं लिखकर भेज दे।दीदी बाथरूम में नहाने के साथ साथ शेविंग का सामान भी लेकर
गयी, अपनी
चूत के बाल साफ करने के लिये,मतलब साफ था कि आज
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फिर से दीदी की चुदाई होने वाली हैं। अब दीदी के मोबाइल पर भी मैसेज आ गया वो
एक होटल का पता था।
मैने सोच लिया कि आज दीदी को रंगे हाथ पकडूँगा। अब दीदी नहा के बाहर आ गयी,उसनें लाल जिन्स और सफेद
bra पहन
रखी थी।दीदी के आधे से ज्यादा बोबे बाहर लटक रहे थे । फिर उसने t-shirt पहनी और कोलेज का बहाना
कर के चली गयी। आप यह कहानी मस्तराम डॉट
नेट पर पढ़ रहे है | वो पैदल पैदल चल रही थी, मैं स्कूटर से दीदी का पीछा कर रहा था। थोड़ी देर बाद दीदी
ने एक फोन लगाया और एक लम्बी कार वहां आ गयी।दीदी उस में बैठ गयी। मैं पहले हि
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होटल पहुच गया, और वहाँ सोफे पर बैठकर अपना मुह अखबार से ढ़़क लिया। अब दीदी भी वहां आ
गयी।होटल का मैनेजर दीदी को पहले से जानता था ,मैनेजर बोला रूम नम्बर 06 में जाओ। दीदी चली गयी।
थोड़ी देर बाद में भी रूम नम्बर 206 के बाहर पहुच गया।अन्दर से दीदी के चिल्लाने की और आहहह
आहहह की आवाजें आ रही थी। मतलब दीदी की चुदाई चल रही हैं।जब मैंने खिड़की में से
अन्दर देखा तो मेरी तो आखे फटी की फटी रह गयी। मैंने देखा मेंरी दीदी पूरी नंगी
पडी हैं, और
एक नहीं , दो नही , पूरे तीन लड़के दीदी को चोद रहे थे। पहले तो तीनों ने बारी बारी से चोदा। फिर
तीनो एक साथ लग गये।एक लण्ड दीदी के मुह में तो दूसरा लण्ड धड़ाधड़ चूत को चोद रहा
था। आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़
रहे है | और
तीसरा लण्ड दीदी की गांड मार रहा था। दीदी आहहह आहहह करके मजे ले रही थी। अब तीनों
ने वीर्य की पुचकारी दीदी के मुह में मार दी और दीदी बडे सैक्सी अंदाज़ में वीर्य
को पी गयी।
ये सब देखकर मेंरा भी दीदी को चोदने का मन हो गया। अब वो तीनो चले गये। मैं अन्दर गया तो देखा दीदी पूरी वीर्य मे सनी हुयी हैं और उल्टी लेटी हुई हैं। मैने अपना लण्ड निकाला और सीधे दीदी की गांड में घुसा दिया। दीदी बोली क्यों बहनचोद बन रहा हैं। मैने कहा अब तो बन गया हू।अब बस चोदने दे। दीदी हसी और सीधी होकर अपनी टा़गे खोल दी। दीदी की चिकनी चूत देखकर में तो बावला गया। बस फिर मैने अपना लण्ड दीदी की चूत में घुसा दिया और दीदी को चोदने लग गया और दीदी को खूब चोदा। उस दिन के बाद हमे जब भी मोका मिलता हैं हम खुब चुदाई करते हैं।
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