मेरे पापा एक शराबी थे। उन्होंने अपनी सारी दौलत महंगी महँगी शराब पीने में
लुटा दी और जवानी में ही मर गयी। इस समय मेरी माँ की उम्र ३५ साल की थी और मैं १६
साल का जवान लड़का हो चुका था। मेरी माँ मुझको बहुत चाहती थी और प्यार करती थी। माँ
अभी जवान थी और चुदने लायक माल थी। एक दिन जब सुबह वो बाथरूम में नहा रही थी तो
मैं अंदर चला गया। वो नहा रही थी और पूरी तरह से नंगी थी। मैंने माँ को नंगी देखा
तो मेरा लंड बिलकुल खड़ा हो गया। दोस्तों, दिल में यही आ रहा था की अभी माँ को पकड़ लूँ और कसकर
चोद लूँ। मैं बाथरूम की खिड़की के पास छुप गया और अपनी माँ की नहाते हुए देखते लगा।
मेरा बाप मर कर स्वर्ग सिधार गया और मेरी माँ को ढंग से चोद भी ना पाया। बाथरूम की
खिड़की के पीछे मैं छिपा हुआ था और माँ को नहाते हुए देख रहा था।
उसका जिस्म आज भी भरा हुआ और सुडौल था। मम्मे ३४” के थे और काफी कसे और गोल गोल
मस्त थे। कहीं से भी मेरी माँ के बदन पर चर्बी नही थी और बड़ा सुडौल बदन था उसका।
वो लक्स साबुन को अपने मम्मो पर जल्दी जल्दी मल रही थी, फिर हाथ पैर और चेहरे पर साबुन
लगाने लगी, फिर अंत में टांगो पर साबुन मलने लगी। फिर जांघ पर साबुन लगाते हुए माँ अपनी
चूत पर पहुच गयी और साबुन चूत पर मलने लगी। इसी बीच मेरी माँ का चुदने का दिल करने
लगा और वो अपनी चूत में ऊँगली करने लगी आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई….” करके मेरी चुदासी माँ
आवाज निकाल रही थी। “काश…..कोई मुझे चोद डाले…..कसके मुझे चोद दे…. सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….” मेरी माँ बार बार चिल्ला रही थी।
आज मैं जान गया की मेरी माँ मुझसे कोई बात कहती नही है, पर आज भी उनका चुदवाने का और
मोटा लौड़ा चूत में खाने का बड़ा दिल करता है। माँ बड़ी देर तक नहाते नहाते अपनी
रसीली चूत में ऊँगली करती रही। चूत पर साबुन मलती रही। फिर उन्होंने बाल्टी भर भर
कर जी भरकर नहाया और अपने जिस्म को साफ़ कर लिया। अपनी चूत में माँ से कई बार पानी
जग से भरकर डाला। फिर तौलिया लेकर मेरी माँ ने अपने सारे बदन को पोछा, अपने सुडौल मम्मे और
चूचियों को भी माँ ने अच्छे से पोछा और फिर अंत में अपनी चूत को तौलिया से अच्छे से
पोछा। अब उनकी चूत बड़ी सुंदर, साफ़ और गुलाबी लग रही थी।
जब माँ बाथरूम के बाहर आने लगी तो मैं वहां से हट गया। अपनी नंगी जवान माँ को
मैं देख ही चूका था और उनकी बुर चोदने का बड़ा मन था मेरा। मैंने कई बार माँ के रूप
रंग को देख देखकर मुठ मारी। एक रात मुझे नींद नही आ रही थी। माँ को चोदने का बड़ा
दिल था मेरा। मैं उनके कमरे में चला गया। माँ सो रही थी। रात के ११ बजे हुए थे।
मैं माँ के बगल लेट गया और उनके गाल पर किस करने लगा। वो नही जान पायी। माँ ने
साड़ी ब्लाउस पहन रखा था, उसके ब्लाउस से उनके सुडौल और बहुत ही आकर्षक दूध मुझे दिख
रहे थे। मैं खुद को रोक ना सका और मैंने अपनी माँ के दूध पर हाथ रख दिया और कस
कसकर दबाने लगा। कुछ ही देर में माँ की आँखे खुल गयी। मेरे हाथ उसके दूध पर थे।
“मिट्ठू…..ये क्या कर रहा है??? तू सोया नही?….और तू मेरे कमरे में क्या कर रहा है??” माँ हडबडा कर उठ गयी और
बैठ गयी और मुझसे पूछने लगी
“माँ……मैं
आपको चोदना चाहता हूँ!!” मैं बोला
“क्या …????? तेरा दिमाग तो ख़राब नही हो गया है???” माँ ने विस्मित होकर कहा। वो चौंक गयी थी मेरी बात
सुनकर
“हाँ माँ…..मैं आपको कसकर चोदना चाहता हूँ…..आपकी रसीली बुर में अपना मोटा लंड डालना चाहता हूँ!!”
मैंने बोला
तुरंत मेरे गाल पर १ कसकर तमाचा पड़ा। मेरा दिमाग झनझना गया।
“बेशर्म……बेहया…नालायक……यही संस्कार दिए है मैंने तुझे…..यही सिखाया है मैंने तुझे???यही सब स्कूल में पढ़ने जाता है????”
माँ बोली और उलटा
सीधा बकने लगी। काफी देर तक वो बडबडाती रही। करीब २० मिनट बाद वो शांत हुई। मैं
उनके पास ही बैठा रहा।
“तुझे ये चुदाई वाली बात कैसे पता चल गयी?? मिट्ठू क्या तू किसी लड़की को चोद
चुका है?? क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है???” माँ अब शांत होकर बोली
मैंने पूरी बात बताई की किस तरह मैंने कुछ दिन पहले उनको बाथरूम में चूत में
ऊँगली करते देख लिया था। माँ बार बार कह रही थी की काश कोई उनको कसकर चोद डाले।
मैंने पूरी बात बताई तो वो शांत हो गयी। मैंने जल्दी से अपनी पेंट खोल दी और नीचे
सरका दी। मैं नही चाहता था की माँ मुझसे शर्म करे या अपना विचार बदले। मैं तो बस
यही चाहता था की माँ बस आज रात मुझे अपनी बुर चोदने खाने के लिए दे दे। अपनी पेंट नीचे
सरकाने के बाद मैंने जल्दी से अपना अंडरविअर भी नीचे सरका दिया और मेरा ८””
का मोटा लंड साफ
साफ माँ को दिखने लगा। उनका ध्यान अब बट गया और पूरी तरह से अब वो सिर्फ और सिर्फ
चुदाई के बारे में सोचने लगी। ये कहना गलत नही होगा की बार बार माँ किसी न किसी
बहाने ने मेरे लंड को देख लेती थी।
नही बेटा मिट्ठू….ये सब गलत होगा…..मैं तुम्हारी माँ हूँ….तुम कैसे मुझको चोद सकते हो??” माँ परेशान होकर बोली“माँ…..तुम जवान हो और माँ जवान
हूँ। बाकी चीजो से क्या फर्क पड़ता है। वैसे ही हम अपने घर में चुदाई करेंगे…कौन किसी को पता लगने
वाला है!!” मैं बोला और माँ के बगल ही उसके बिस्तर पर मैं बैठ गया। वो “नही बेटा….नही बेटा…” करती रही और मैंने उनका
हाथ लेकर चूम लिया। माँ अभी भी चुदने को राजी नही हो रही थी, पर मैं भी इमरान हाशमी
थी। औरतों को किस तरह से पटाया जाता है, मैंने ये बात उनकी ही फिल्मे देखकर सीखी थी। धीरे
धीरे मैंने माँ को बाहों में पकड़ लिया और गाल पर किस करने लगा, धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो
गया। हम दोनों बिस्तर पर बैठे थे और एक दूसरे को बाहों में ले चुके थे। मैं माँ के
होठ पीने लगा। ओह्ह्ह्ह….आज भी उनके होठ काफी अच्छे और रसीले थे।
मैंने माँ को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके उपर लेट गया। उसके बाद तो हम दोनों
लिपलॉक होकर किस करने लगे। हम दोनों सारी माँ और बेटे वाली शर्म हया भूल गए और
धीरे धीरे हम दोनों गर्म होने लगे। मेरा एक हाथ उनके सीधे दूध पर चला गया और मैं
जोर जोर से अपनी सगी माँ के मम्मे दबाने लगा। हम अभी भी बहुत जोश में थे और एक
दूसरे के होठ पी रहे थे। माँ की जीभ मेरे मुंह में, तो मेरी जीभ उनके मुंह में घुस
गयी थी।
गर्मागर्म चुम्बन के बाद मेरी माँ चुदवाने को तैयार हो गयी थी। मैं तेज तेज
उनकी बड़ी बड़ी गेंद दबाने लगा। वो “सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ..” करने लगी। मेरी माँ के के चुचे
इतने बड़े थे की मुस्किल से मेरे हाथों में आ पा रहे थे। उफ्फ्फ्फ़…क्या बताऊं दोस्तों की
कितना मजा आ रहा था। लग रहा था की जैसे किसी स्पंज के गोले है। फिर मैं दूसरा
चुच्चा कसकर दबाने लगा और मजा लेने लगा। १५ मिनट बाद हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो
गये थे। मेरी सगी माँ अपनी चूत को दोनों हाथों से छिपाए हुई थी। कितनी अजीब बात थी
की वो मुझसे चुदवाना भी चाहती थी और चूत को छिपाए हुए भी थी। मैं तुरंत माँ के
नग्न दूध को मुंह में भर लिया और पीने लगा। उफ्फ्फ्फ़. कितना मजा मिला मुझे।
मैं पूरी तरह से अपनी माँ पर आसक्त हो गया था और उनको कसकर चोदना चाहता था। “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी
सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….” माँ तेज तेज गर्म गर्म आवाजे मुंह से निकाल रही थी।ये चुदाई
कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है। मैं साफ़ साफ़ देख सकता था की उनको
बहुत मजा, सुख और आनंद की प्राप्ति हो गयी थी। मेरे बाप को मजे १० साल से जादा हो चुके
थे। १० सालों से मेरी जवान महकते बदन वाली माँ नही चूदी थी, पर आज वो १० साल का सूखा खत्म
होने वाला था। मेरी माँ का बेटा अब जवान हो चुका था और आज उनको कसकर चोदना चाहता
था। मैं अपनी नंगी माँ को पूरी तरह से अपनी बाहों में लिए हुए था और उनके दूध मुंह
में भरकर पी रहा था। उफ्फ्फ्फ़…कितनी नशीली और खूबसूरत थी मेरी माँ की छातियाँ। कितनी गोल,
कितनी रसीली,
जूसी और बड़ी बड़ी
कमनीय किसी गेंद की तरह। मैंने आधे घंटे तक अपनी सगी माँ की दोनों चुचियों को मुंह
में लेकर खूब जी भर के चूसा और दिल लगाकर पिया। उनके मखमली और गोरे पेट को चूमते
हुए मैं मैं उसकी नाभि पर आ गया और उसमे जीभ डालने लगा। माँ तडप गयी।
“..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई……बेटा….!!” माँ सिसक रही थी और अपनी कमर उठा
रही थी। कुछ देर बाद मैंने उनकी दोनों जांघे खोल दी, और मुझे उनका चूत प्रदेश साफ़ साफ़
दिख रहा था। मैं ललचा गया। आज भी मेरी माँ की चूत कसी, तनी और जवान थी। कहीं से भी चूत
ढीली नही थी। मेरा बाप मेरी माँ को जादा चोद नही पाया था और गांडू मर गया था। माँ
ने अपनी झांटे तो उसी दिन बना ली थी, इसलिए उसकी चूत चिकनी और साफ़ दी। कुछ देर तक माँ के
भोसड़े का मैं दीदार करता रहा, फिर मुंह लगाकर मैं अपनी सगी माँ की चूत पीने लगा। ““..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ…
हूँ….बेटा मिट्ठू अच्छे से
चूत पी मेरी!!” माँ ने हुक्म दिया। मैं किसी कुत्ते की तरह आवाज कर करके अपनी माँ की चूत पीने
लगा। बहुत मजा आ रहा था दोस्तों।बड़ी देर तक बुर पीने के बाद मैं माँ की चूत में
ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा। माँ अपने चुतड़ उठाने लगी। “….अई…अई….अई……अई,…..इसस्स्स्स्स्स्स्स्…..उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो
दो दो बेटा मिट्ठू!!” माँ बोली तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
मैं तेज तेज अपनी माँ को अपनी ऊँगली से चोदने लगा। फिर कुछ देर में मैंने अपना
८” मोटा
लंड माँ के भोसड़े में डाल दिया और उनको चोदने लगा। नर्म मोटे गद्देदार आरामदायक
बिस्तर में अपनी को चोद रहा था। इतना मजा मिल रहा था की मैं आपको क्या बताऊँ
दोस्तों। माँ बहुत जादा गर्म हो चुकी थी और
“उ
उ उ उ उ……अअअअअ
आआआआ… सी
सी सी सी…. ऊँ..ऊँ…ऊँ…करके वो चीख रही थी और मजे से
चुदवा रही थी। ये एक बहुत मस्त और कमाल का अनुभव था। मैं अपने मोटे लौड़े से माँ की
चूत को चोद चोदकर उसका भरता बना रहा था।ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम
पर पड़ रहे है। मेरे हाथ अब भी उनके नंगे दूध पर थे और तेज तेज उसकी रसीली चूत में
लंड की सपलाई कर रहा था। वो बार बार उ उ…आ आ …की आवाज निकाल रही थी।
माँ को चोदते चोदते मेरा मोटा लंड और भी फूल गया और और भी जादा मोटा हो
गया।अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा ….हा हा हा…तुम मस्त चुदाई कर रहे हो बेटा….करते रहो…रुकना मत…. अहहह्ह्ह्हह..” माँ बोली। ये जानकर बड़ी खुसी हुई की माँ मेरी ठुकाई
से पूरी तरह से संतुस्ट थी और मजे से मेरा मोटा ८” लम्बा लौड़ा खा रही थी। माँ के
काले घने बाल खुले हुए थे और वो इतनी मस्त माल लग रही थी की मैं आपको क्या बताऊँ।
उनके काले बाल उनके सफ़ेद, चिकने और गोरे कंधे पर बिखरे हुए थे और जैसे पानी में आग
लगा रहे थे। अगर इस समय कोई चुदासा आदमी मेरी माँ को देख लेता तो पक्का उनको चोदकर
मानता। जाने नही देता। इसी बीच माँ की चूत में चुदते चुदते खलबली होने लगी और वो
अपना पेट हवा में उपर उठाने लगी। वो बड़ी बेचैन दिख रही थी, क्यूंकि मेरा मोटा लंड उनको एक
पल का आराम नही करने दे रहा था।
मैं विराट कोहली की तरह अपनी सगी माँ
की चूत रूपी पिच पर अपने लंड रूपी बैट से शानदार चौके छक्के लगा रहा था। माँ तो
बिलकुल पगलाई जा रही थी।“….आआआआअह्हह्हह… अई…अई…….ईईईईईईई मर गयी….मर गयी…. मर गयी……मैं तो आजजजजज!!..तेरा लौड़ा बहुत मोटा और लम्बा है
बेटा.. उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ…” माँ बार बार चिल्लाने लगी और हाफ्ने लगी। अपनी तारीफ़ सुनकर मैं बहुत खुश हुआ
और तेज तेज फिर से माँ की चूत पर चौके छक्के मारने लगा। माँ के जिस्म में बुरी तरह
से आग लग चुकी थी। पर मैं अभी रुकने वालो में से नही था और गच गच अपनी सगी माँ को
चोद रहा था। उनकी कराहने और चीखने की आवाजे मुझे पागल कर रही थी। उफ़…..अपनी माँ को चोदना कितना
सुखद और मजेदार होता है। आधे घंटे तक माँ को नॉन स्टॉप ठोकने के बाद मैं अपना माल
उसकी चूत में ही छोड़ दिया।ये चुदाई कहानी आप हॉट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे
है। फिर हम दोनों एक दूसरे के बगल लेट गये। माँ की मैंने बड़ी मस्त ठुकाई की थी।
वो अभी भी “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…..” करके हांफ रही थी। उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मैं फिर से उनका
दूध पीने लगा। मेरी माँ बार बार मेरे मत्थे पर चूम रही थी। “बेटा…आज तूने मुझे चोदकर बड़ा मजा दिया….”
माँ बोली और मेरा
अहसान जताने लगी। लेटे लेटे हम दोनों सो गये।सुबह ४ बजे मेरी आँख खुली। मेरी माँ
नंगी थी और ऑंखें बंद करके सो रही थी। मुझे एक बार फिर से उसकी चूत मारने की तलब
लग चुकी थी। मैंने माँ के उपर से चादर खीच दी। उनके पैर खोल दिए और चूत पर मुंह
लगाकर मैं उनकी बुर पीने लगा। कुछ देर में माँ की आँख खुल गयी।
“मिट्ठू बेटे जग गया तू!!” माँ बोली
“माँ …..तुम और बार और चोदने का बड़ा दिल है!!” मैंने कहा
“चोद ले….चोद ले…..सुबह तो सेक्स करने में मजा मिलता ही है!!” माँ बोली
उसके बाद वो जग गयी और मैं १५ मिनट तक उनकी बुर किसी कुत्ते की तरह चाटता रहा। उसके बाद मैंने माँ से अपना लंड बड़ी देर तक चुस्वाया। रसीला मोटा लौड़ा वो मजे से चूसती रही। फिर मैंने माँ को कुतिया बनाकर पीछे से उनकी चूत मारी।कैसी लगी हम डॉनो माँ बेटे की सेक्स कहानियाँ, अच्छा लगी तो शेयर करना.
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