मेरे एक ही चाचा है जिनका नाम अतुल है। अभी कुछ ही
दिनों पहले उनकी शादी हुई है। चाचा बाहर कोई लड़की पटाये हुए थे जो किसी दूसरी
कास्ट की है। इसलिए मेरे फेमिली वाले और दादा दादी शादी को तैयार नही हो रहे थे।
घर वालो से जोर जबरदस्ती करके चाचा की शादी कर दी। पर शादी के 2 दिन बाद चाचा अपनी
गर्लफ्रेंड को लेकर भाग गये।
किसी को नही पता था की वो कहाँ गये और ये बात आग की
तरह फ़ैल गयी। मेरी चाची अभी नई थी और रो रोकर उन्होंने पूरे घर को सिर पर उठा
लिया। चाची ने रो रोकर सबको बताया की सुहागरात पर चाचा से उनको चोदा ही नही। ये
बात बोलकर वो फिर से रोने लगी।
मेरे घर वालो से चाची को सब बता दिया की अतुल(मेरा
चाचा) अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर भागा हुआ है। कुछ दिन बाद आ जी जाएगा। अब ये बात
सुनकर चाची और रोने लगी। उनसे बहते आशुओं को देखकर मुझे भी रोना आ गया और मैंने
उनको किसी तरह से चुप कराया और कमरे में ले गया। अब मेरे दिल में ख्याल आने लगा की
इधर बीबी अकेली है और चुदने को तडप रही है और उधर मेरा ठरकी चाचा किसी अपनी पुरानी
माल को लेकर भागा हुआ है। क्यूंकि न मैं ही चाची को पटाकर चोद लूँ।
अब मैं रोज ही सुबह सुबह चाय लेकर चाची के कमरे में
चला जाता और उसने व्यवहार बनाने लगा।
"चाची!! आपकी शादी तो चाचा से हो गयी है। 2 दिन
उनको मजे कर लेने दो पर आखिर में लौटकर तो आपको ही बीबी बनाएँगे। आखिर जाएंगे कहाँ???"
मैंने बोला
"तो क्या इतने दिन मैं प्यासी ही रहूंगी। क्या
मुझसे कोई बात भी नही करेगा???" चाची बोली
"आप प्यासी क्यों रहोगी??? मैं हूँ न आपकी प्यास
बुझाने के लिए" मैंने कहा और चाची के हाथ पर हाथ रख दिया
दोस्तों उसी वक्त सब सेट हो गया। चाची मेरा इशारा
समझ गयी।
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"तू मेरी तन्हाई को दूर करेगा विकास??"
वो हैरान होकर
बोली
"हाँ!! जरुर" मैंने कहा
"ओके!! देख विकास!! आज तू रात को मेरे कमरे में
चुपके से आ जाना। फिर दोनों आ आ करेंगे" चाची सिर हिलाकर बोली
उस शाम को उन्होंने कोई रोने धोने का ड्रामा नही
किया। क्यूंकि आज वो मेरा लंड खाने वाली थी। रात में जब मेरे घर के लोग सो गये तो
मैं धीरे से उठा और चाची के रूम में चला गया। वो लाल रंग के सलवार सूट में थी और
क्या मस्त आइटम लग रही थी। उनके बड़े बड़े 36" के दूध का भराव और उभार मुझे
बाहर से दिख गया। चाची मुझे आँखे फाड़ फाडकर देखने लगी। उनके दूध पर दुपट्टा नही
था। क्या रसीली चूचियां थी दोस्तों।
चाची से जल्दी से अंदर से कुण्डी लगाई। उसके बाद
मुझे खड़ी खड़ी ताकने लगी। फिर हम दोनों एक दूसरे से आनन फानन में चिपक गये। चाची ने
मुझे पकड़ लिया और मैंने उनको। उसके पास जल्दी जल्दी एक दूसरे को किस करने लगे। हम
दोनों ही बड़ी जल्दी और हडबडी में दिख रहे थे। सामने बेड पड़ा था। हम दोनों ही उसपर
चले गये। उसके बाद तो दोनों बैठकर किस करने लगे। हमारी बेताबी इतनी बढ़ गयी की नई
वाली चाची ने मेरे शर्ट को जल्दी जल्दी खोल दी। उसके बाद मुससे ऐसे चिपक गयी जैसे
आजतक चुदी न हो। फिर मौके पर चौका लगाते हुए मैंने उसके लिपस्टिक लगे ओंठो पर अपने
ओंठ रख दिए और खूब चूसा। चूस चूसकर गर्म कर दिया।
"भतीजे!! क्या तूने आज से पहले ये किया है???"
वो पूछने लगी
"क्या?? चुदाई???" मैंने कहा
"हाँ। कई बार की है और अपने??" मैंने पूछा
"नही!!" चाची बोली
"हाय री!! इतनी बड़ी तुम हो गयी। आजतक चुदाई का
मजा नही लिया आपने??"
"मुझे किसे से चुदने का मौका ही नही। चूत में
ऊँगली की थी" वो बोली
उसके बाद हम दोनों फिर से किस करने लगे। मेरे दोनों
हाथ चाची के दूध पर चला गया और सूट के उपर से मैंने उनके 40" के भरे भरे आमो
को दबा दिया। धीरे धीरे उनके सूट को उतरवा दिया और नई वाली चाची को ब्रा पेंटी में
कर दिया। फिर मैंने अपने कपड़े भी उतार डाले। दोस्तों आज कितने दिनों बाद चुदाई
करने का मजा मिल रहा था। कितने दिनों से अपनी पुरानी वाली गर्लफ्रेंड से सेक्स को
बोल रहा था। कामिनी दे ही नही रही थी। लेसवाली ब्रा और पेंटी में चाची क्या सेक्सी
माल दिख रही थी।
अब मुझे उनपर लेटता पड़ा। उसके बाद उनके बदन पर जब
जगह मेरे ही हाथ दौड़ने लगे। क्या सेक्सी बदन था उनका बिलकुल सनी लिओन की तरह। चाची
से मेकअप किया हुआ था जिसमे वो काफी अच्छी लग रही थी। मैं उसके हाथो, और गले, कन्धो पर किस करने लगा।
चाची भी मुझे चेहरे, गले, कान
और सीने पर पप्पी देने लगी। इस तरह से बड़ा मजा लिया। फिर मेरे हाथ नीचे उसके पेट
पर चले गये। मेरी नजर उनके सेक्सी पेट पर पड़ी तो देखता ही रह गया। कितना सेक्सी और
दुधियाँ पेट था चाची का।
"चलो अच्छा ही हुआ की मेरा चाचा अपनी माल को
लेकर भाग गया। अगर वो भागता नही तो जवान चाची कैसे मुझसे चुदवाती??" मैं अपने दिल में सोचने
लगा
उसके बाद मैंने चाची के सेक्सी पेट को हाथ से टच
करना शुरू कर दिया। फिर काफी देर तक हाथ से सहलाकर मजे लेता रहा। फिर प्यार भरी
पुच्ची देने लगा। चाची जी "ओह्ह माँ..ओह्ह माँ.उ उ उ उ उ..अअअअअ
आआआआ.."करने लगी।
"अच्छा लगा आपको??" मैंने पूछा
"हाँ विकास!! अच्छा लग रहा है" वो बोली
उसके बाद मैं कई बार किस किया और पेट पर हाथ घुमाने
लगा। मेरे हाथ फिर से उनकी कसी कसी चूचियों पर आकर अटक गये और दूध ब्रा के उपर से
ही दबाने लगा। चाची आऊ आऊ सी सी करने लगी। दोस्तों कितने तने और कड़ी चूचियां थी।
मेरी चाची पूरी तरह से पवित्र और अनचुदी सामान थी और आजतक किसी ने उनके साथ सम्भोग
नही किया था। मैं अब मजा लेने लगा और हाथ से दोनों बूब्स को दबाने लगा। इतना आनन्द
आया की आपको क्या बताऊं। चाची की कसमसाती "ओहह्ह्ह.ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.अई..अई.
.अई. उ उ उ उ उ."की मादक आवाजे मुझे डबल जोश दिला रही थी। मेरा लंड महाराज
मेरे जोकी में खड़ा हो गया और सख्त हो गया। मैं पूरी तरह से जवान चाची के रूप के
आधीन होकर उनका दास बन गया था। दोनों हाथ से जब जब 36" की रबर जैसी लचीली
चूचियों को दबाता था कितना मजा मुझे आता।
"एक मिनट रूक" चाची बोली। फिर ब्रा खोल दी
"अब चूस विकास!!" वो बोली
उनके पपीते जैसे मस्त मस्त दूध को लेकर सब कुछ मैं
भूल गया। लालसा भरी नजरो से चाची के पपीते को गौर से देखने लगा। फिर हाथ में लेकर
दबाने और मसलने लगा।
"आओ चूसो विकास!!!" वो इकदम से बोली और
मेरे हाथो को पकड़कर अपने उपर गिरा लिया।
मैं भी काम के सुख में डूब कर चाची के रसीले पपीतों
को मुंह में लेकर रस चूसने लगा। मुझे तो जिन्दगी का असली मजा आज मिला। पूरी तरह से
ठरकी मर्द बनकर मैं चूसता चला गया। मस्त पुस्ट रस से सराबोर स्तनों का स्तनपान कर
रहा था। आज अपनी सगी चाची की वासना और चुदास को शांत कर रहा था। अपने चाचा की जगह
मैं पति धर्म का पालन कर रहा था। दोनों 36" के बेताब मम्मो को मुंह में लेकर
मुंह चला चलाकर मजे लूट रहा था।
"और पीयो विकास!! और चूसो!!" वो चिल्ला
रही थी। "आआआअह्हह्हह...ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई. .अई..अई...अई..मम्मी.."
की आवाजे बार बार निकाल रही थी। 40 मिनट उनके बूब्स से खेलता रहा और दोनों दूध के
बीच में अपना मुंह घुसा दिया। अब चाची मेरे मुंह को पकड़कर अपने सेक्सी क्लीवेज में
दबाने लगी जिससे और अधिक मजा मिला। रबर की गेंद जैसे स्तनों ने मेरा भरपूर मनोरंजन
किया। अब मेरे हाथ खुद ही उसकी चूत की दिखा में बढ़ गये। चाची की लेसदार पेंटी पर
ऊँगली घुमाने लगा। ओह्ह कितनी गद्देदार मस्त चूत थी उनकी। मैं उपर से ही रगड़ने लगा
तो उनको अपने पैर फ़ैलाने पड़े।
"करो विकास और चूत को घिसो!! अलग तरह का नशा
मिलता है" मेरी नई वाली चाची बोली
उसके बाद मैं भी ठरकी होकर उनकी बुर को पेंटी के उपर
से रगड़ने लगा और घिसने लगा। फिर से वो "..मम्मी.मम्मी...सी सी सी सी.. हा हा
हा ...ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ.." बोलने को विवश हो गयी। फिर पेंटी को
उतार दिया।
"क्या मेरी चूत को चाटोगे???" वो पूछने लगी
"हाँ!! आपको पसंद नही तो नही चाटूंगा"
मैंने कहा
"नही विकास!! कोई प्रॉब्लम नही है। आओ
चाटो!!" वो बोली
उसके बाद मैं उसकी साफ चिकनी चूत को जीभ लगाकर चाटने
लगा। जल्दी जल्दी चूत की मीठी चटनी को पी रहा था। अब मेरी चाची पूरी तरह से गर्म
हो गयी थी और उनकी चूत खूब रस छोड़ रही थी। पूरी तरह से कुवारी माल थी। मैंने जीभ
लगा लगाकर मजा मजा लिया। अब चाची चुदने को पूरी तरह से तैयार थी। मेरा जोकी मेरे
लौड़े के टपकते रस से भीग गया था। मैंने अंडरवियर उतारा। मेरा लंड किसी छुट्टे
बिगडैल सांड जैसा दिख रहा था।
"चाची!! कैसा लगा??" मैंने लंड दिखाते हुए
पूछा
"आ जरा पास से देखू" वो बोली
मैं पास गया तो चाची ने मेरा गुलाबी लौड़ा पकड़ लिया
और अचरज भरी नजरो से देखने लगी। मुझे मुझे बेड पर लिटा दिया और हाथ में लेकर फेटने
लगी। मेरा सुपाड़ा बहुत मस्त लग रहा था बिलकुल गुलाबी और तना हुआ। उसके बाद तो चाची
जीभ लगा लगाकर कामुक अंदाज में चाटने लगी। फिर सुपारे को मुंह में ले ली और आराम
से चुदने लगी। दोस्तों अब मेरी नजर उसके बालो पर गये। कितने लम्बे और बिलकुल काले
घने बाल थे जो कम ही लड़कियों के होते है। चाची जल्दी जल्दी चूस रही थी और देखो
मेरी जनर उनके सेक्सी बालो पर थी। वो मेहनत से मुठ दे देकर चूस रही थी। मैं "
हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ मजा आ गया चाची!! ओह्ह गॉड!! सी सी सी सी. हा हा
हा.. ओ हो हो.." मैं कहने लगा
धीरे धीरे चाची के अंदर की चुदक्कड़ औरत बाहर आ गयी।
फिर तो चाची किसी रंडी की तरह व्यवहार करने लगी। मेरे 7" लौड़े को ऐसे पकड़ पकड़
कर मुठ देने लगी की आपको क्या बताऊं। मुंह में लेकर नीचे तक चूस रही थी। मुझे बहोत
मजा मिला। काफी देर तक मेरे लंड को कुल्फी की तरह चूसती रही।
उसके बाद उनको मैंने ही कुतिया बना डाला। उनके चूतड़
कितने सेक्सी और बड़े बड़े थे। मैं भी चुदक्कड मर्द बन बैठा और दोनों पुट्ठो पर हाथ
लगा लगाकर सहलाता रहा। चाची के चूतड़ की खाल कितनी मखमली और दुधिया थी। फिर मैं
पीछे से किसी कुत्ते की तरह उसकी चूत चाटने लगा और चूसने लगा। उनको भरपूर गर्म कर
दिया। फिर अपना लौड़ा उनकी चूत में घुसाकर चोदने लगा। मेरा लंड उनकी कसी चूत में
अच्छे से सेट हो गया था और काफी कसी चूत थी चाची की। वो पूरी तरह से कुवारी औरत
थी। मैं लेने लगा और मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था।
"उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. करो विकास!! करते
रहो!! रुकना नही!! सी सी सी सी... ऊँ.ऊँ.ऊँ.." चाची कहने लगी। बार बार अपना
मुंह खोलकर आवाजे निकाल रही थी। मैं धक्के पर धक्के देने लगा। कभी धीरे धीरे तो
कभी तेज तेज। कितनी मखमली चूत थी उनकी। मेरे लंड को जकड़ रही थी। कितने नशीले धक्के
लग रहे थे। चाची बेड पर कुटिया बनी हुई थी। पूरा कमरा उनकी आहटो और सिसकियों से
गूंज रहा था। मैं अपने कुल्हे उठा उठाकर उनकी ठुकाई कर रहा था। हम दोनों को परम
सुख प्राप्त हो रहा था। फिर मैंने लौड़ा बाहर निकाला और फिर से झुक गया और चूस से
बहते सफ़ेद रस को चाटने लगा। फिर से चाची उई उई करने लगी। तभी मेरी नजर उनकी कुवारी
गांड पर गयी।
"चाची!! क्या तुम्हारी चूत की तरह गांड भी
कुवारी है क्या??" मैंने पूछा
"और नही क्या??" वो बोली
उसके बाद मैं जल्दी जल्दी उनकी गांड के कुवारे भूरे
छेद को चाटने लगा। चाची जी फिर से "..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ..हमममम
अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई..."करने लगी। मेरी जीभ उनकी गांड का गुलाबी छेद सिद्दत
से पी रही थी। आह कितना सुखद अहसास था वो। मैं आज अपनी सगी चाची के दोनों छेदों को
चोदने के मूड में था। अब गांड चुदाई की बारी थी। मैंने चाट चाटकर उसे भी साफ़ किया।
फिर लंड पकड़कर उसने घुसाने लगा।
""आऊ...आऊ..हमममम आराम से विकास!! लगती
है" वो बोली
मैंने किसी लंड लंड के मोटे सुपारे को गांड के अंदर
पहुचाया। थोडा और धक्का दिया और 7" में से 4" लंड अंदर घुस गया। फिर मैं
लेने लगा। चाची किसी समझदार बच्ची की तरह कुतिया बनी रही। मैंने उनका गांड चोदन का
कार्यक्रम शुरू कर दिया। बिलकुल नई कसावट और नया अहसास था। इतना कसा छेद मुझे आजतक
नही मिला था। मैं कमर हिला हिलाकर जब लेने लगा तो चाची की गांड फटने लगी।
"अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा-मार डाला
रे!! फाड़ डाली तूने मेरी गांड विकास!! कितना बड़ा हरामी मर्द है रे तू!! हाय फाड़
डाली मेरी गांड!!!!!" इस तरह से चाची जी सुसुआने लगी जैसे आज उन्होंने मिर्चा
खाली ली हो। मैं धकम पेल जारी रखा और तेज तेज रफ्तार में गांड मारता रहा। फिर झड़ने
का टाइम हो गया। अंदर ही मैं छूट गया। फिर लंड खुद ब खुद बाहर निकल आया।
देखा तो गांड का छेद 1" मोटा हो गया था। दोस्तों मेरी सुहागरात अपनी सगी चाची जी के साथ पूरी हो गयी। 2 महीने उनके साथ हमबिस्तर हुआ और उनकी जवानी का भरपूर पी लिया। फिर मेरे चाचा जी घर लौट आये। अब वो मेरी चाची की चूत रोज लेते है। अपनी पुराणी गर्लफ्रेंड को भूल चुके है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना।
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