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मामी ने समर्पित किया अपनी चूत का बगीचा

मामी ने समर्पित किया अपनी चूत का बगीचा

मेरा नाम अखिलेश है। मैं आगरा का निवासी हूँ और आप लोगो को बता दूँ की मैं अभी अभी जवान हुआ हूँ। मेरी उम्र 24 साल की है। अब सिविल की तैयारी कर रहा हूँ और आगे चलकर मैं किसी जिले के DM बनना चाहता हूँ और समाज में बहुत नाम और शोहरत पाना चाहता हूँ। इसके अलावा मुझे हर जवान लड़के की तरह सुंदर युवतियां और उनकी चूत चोदने का बड़ा शौक है। मैं अभी तक 3 जवान और सेक्सी लडकियों से चुदाई के मजे लूट चूका हूँ और जैसे ही मैं किसी सेक्सी माल को देखता हूँ मेरा लंड खड़ा होने लग जाता है।

दोस्तों मैंने अपनी जवान मामी की भरी हुई चूत का शिकार कैसे किया, आपको सब बता रहा हूँ। मैं अपने मामा के घर गया हुआ था। मेरे मामा जी बहुत अच्छे आदमी है और मुझे बहुत प्यार दुलार करते है। असल में वो काफी गरीब है और एक कार डीलर के यहाँ सेल्स मैन की नौकरी करते है। 2 साल पहले ही मामा की शादी मामी से हुई है।

मेरी मामी क्या मस्त आइटम है दोस्तों। अगर आप लोग देख लेते तो आपका भी लंड खड़ा हो जाता। कविता मामी का बदन उपर से नीचे तक भरा हुआ है और बड़ी बड़ी आँखे है। रंग खूब गोरा है, वो अच्छे घर से है और क्या मस्त मस्त आम है उनके। मामी का फिगर 34 28 32 का है। किसी पोर्न स्टार की तरह जिस्म है उनका। मैंने तो जब मामी को पहली बार देखा तो देखता ही रह गया।

कुछ समय बाद मेरे मामा के पास पैसे नही थे इसलिए उन्होंने आगरे के एक लो क्लास बस्ती में एक मकान बना बनाया सिर्फ 3 लाख में खरीद लिया। दोस्तों वो जगह अच्छी नही थी पर मामा जी के पास जादा पैसे नही थे जिससे वो किसी अच्छी कालोनी में घर बना पाते। मेरे मामा और मामी ने उस बस्ती में रहना शुरू कर दिया। पर बाद में पता चला की उस बस्ती में जादातर निम्न वर्ग के लोग जैसे रेड़ीवाले, मजदूर, और अन्य लोग रहते है। धीरे धीरे उस इलाके की सच्चाई पता चली। अक्सर ही वहां पर बहु बेटियों के साथ छेड़कानी और बलात्कार हो जाता था।

 

जादातर गुंडे, मवाली और नशा पत्ती करने वाले आपराधिक प्रवित्ति के लोग उस बस्ती में रहते थे। पर अब मजबूरी थी। मामा को तो मामी के साथ रहना ही था। इसलिए वो रहने लगे। कुछ दिनों बाद वही हुआ जिसका डर था। कुछ लड़को ने मामी के साथ छेड़खानी कर दी और जब वो बाहर सरकारी नल पर पानी भरने गयी तो उनके दूध दबा दिए। मामी ने लोग लाज की वजह से ये बात किसी को नही बोली। अब उन मनचलों का हौसला बढ़ गया और आये दिन किसी न किसी बहाने से मेरी मामी के दूध दबा लेते और मजा ले लेते। दोस्तों मुझे इन सबके बारे में तब पता चला जब मैं मामी के घर गया था।

 

दोपहर के वक्त एक मनचला जबरन घर में घुस आया और मेरी सुंदर, सेक्सी और जवान मामी से जबरदस्ती करने लगा। मैं देख लिया और उसे पकड़ लिया। मैंने उसकी जमकर धुनाई कर दी और वो किसी तरह जान बचाकर भागा। उसके बाद उन लडकों ने मेरी मामी को कभी नही छेड़ा। अपनी मामी की इज्जत मैंने बचाई थी इसलिए अब वो मुझे विशेष तौर पर प्यार करने लगी थी। एक दिन मैं उनके कमरे में किसी काम से गया था। मामा तो अपनी जॉब पर गये हुए थे और मामी ब्लाउस पहन रही थी और मैं इधर पहुच गया। मैंने आज कविता मम्मी के मस्त मस्त आम 34" के देख लिए। मैं तो शोक्ड हो गया। क्या मस्त मस्त सनी लिओन जैसी बड़ी बड़ी चूचियां थी। दोस्तों 34" की चूचियां किसी भी मर्द के लिए पर्याप्त होती है। हर मर्द कम से कम 34" के दूध वाली स्त्री को चोदने के सपने देखता है। मैं भी इसी तरह का मर्द था।

 

मैं: ओह्ह.. सॉरी मामी

 

मामी: अरे रुक तो सही। कहाँ भाग रहा है???

 

मैं: आप ब्लाउस तो पहन लो

 

मामी: क्यों अगर बिना ब्लाउस के हुंगी तो क्या मुझसे तू बात नही करेगा??

 

मैं: वो बात नही है मामी। पर आप पहले ब्लाउस की बटन लगा लो। फिर आपके कमरे में आऊंगा

 

इतना मैंने बोला था की कविता मामी ने मुझे पकड़ लिया और अपने सीने से लगा लिया। "ये आप क्या कर रही हो??" मैंने घबराकर बोला।

 

"मुझे प्यार आ रहा है तुझ पर" इतना मामी ने बोला और मुझे खुद से चिपका लिया। मैं भी 24 साल का जवान मर्द था। कहाँ तक खुद को रोक पाता। मैंने भी मामी को पकड़ लिया और गालो पर किस करने लगा। फिर हम दोनों होठो पर किस करने लगे।

 

"भांजे!! तूने आज मेरी इज्जत बचाई है। तेरा मुझ पर अहसान है। आज तुमको मजा दे दूँ" ये बोलकर मामी ने अपना ब्लाउस उतार दिया और अपनी मस्त मस्त दूध पर मेरा हाथ पकड़कर रख दिया। वो ब्रा पहने थी।

 

ये सब ऑफर जब मुझे मिला तो मैं भी रिश्तो की मर्यादा सब भूल गया। मैंने भी अपनी कविता मामी को पकड़ लिया और कसके दोनों हाथो से बदोच लिया। उसके बाद हम दोनों मोहब्बत की रसभरी दुनिया में खो गये। आज मेरा सपना पुरे होने जा रहा था। जिस मामी को देख देखकर अनगिनत बार मैंने मुठ मार दी थी बाथरूम में जाकर आज उस सेक्सी मस्त औरत को चोदने का सौभाग्य मिल रहा था। मैंने खड़े खड़े ही उनकी ब्रा पर हाथ रखकर दबाना शुरू कर दिया तो कविता मामी "..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ..अअअअअ..आहा .हा हा हा" करने लगी। मुझे पूरा सपोर्ट करने लगी। फिर 10 मिनट तक मैं उनकी सुगन्धित सांसे पीता रहा और उसके लबो को अच्छे से चूस डाला।

 

"ओह्ह भांजे!! तू तो बड़ा सेक्सी मर्द है रे। तुझे चुदाई में कौन कौन से करतब आते है रे??" मामी पूछने लगी

 

"मामी!! आज मैं आपको अपना चोदन शास्त्र सिखा दूंगा। चल नंगी हो जा" मैंने बोला

 

अब कविता मामी अपनी साड़ी को अपनी कमर से खोलने लगी। फिर साड़ी उतार दी और अब मेरे सामने सफ़ेद ब्रा और सफ़ेद पेंटी में आ गयी। मैंने अपना शर्ट पेंट उतार दिया और नंगा हो गया। मेरा लंड मेरे अंडरवियर में खड़ा हो गया। मामी मेरे लंड की तरफ गौर से देखने लगी। फिर पास आ गयी और मेरे लंड को अंडरवियर के उपर से पकड़कर रगड़ने लगी। दोस्तों मैं आनन्द में डूब गया और .अई.अई..अई..अई..करने लगा।

 

"अपने पप्पू को दिखाओ तो भांजे!!" मामी बोली और फिर मेरे कंधे को पकड़कर अंडरवियर के उपर से लंड को रगड़ने लगी। मुझे अजीब सी सिहरन होनी लगी। दोस्तों अगर कोई कामिनी और खूबसूरत चंचल औरत आपका लंड रगड़े तो आपको कैसा लगेगा। मैं भी पागल होने लगा। कुछ देर तक मुझे सताती रही और फिर ब्रा और पेंटी में नीचे बैठ गयी। मेरे लाल अंडरवियर को जैसे ही उतारा मेरा 10" का लम्बा लंड अचानक से टनटना कर खड़ा हो गया। "भांजे!!

तेरा तो बहुत लम्बा है रे" कविता मामी बोली और फिर मचलकर मेरे लंड को पकड़ लिया और फेटने लगी। मुझे दोगुनी ख़ुशी मिल रही थी। आज सुंदर चिकनी मामी को चोदने का सौभाग्य मिल रहा था। फिर कविता मामी जुट गयी और जल्दी जल्दी लंड फेटने लगी।

 

फिर आगे बढ़ गयी और मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं "..अई.अई..अई..अई..इसस्स्स्स्स्स्स्स्...उहह्ह्ह्ह...ओह्ह्ह्हह्ह.." करने लगा। दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था की मामी को लंड चूसने का काफी अनुभव था। तभी तो इतनी मस्त तरीके से चूस रही थी। मैं तो सुध बुध खो बैठा। मैंने अपनी कमर पर दोनों हाथ रख दिए और मस्ती से चुसाने लगा। मेरा लंड गर्व से तन गया और एक एक नल में खून दौड़ने लगा।

मेरी वासना आज जाग गयी। मन ही मन कविता मामी को थैंक्स कह रहा था। मैंने नीचे देखा मामी किसी रंडी की तरह लंड चूस रही थी। खूब जल्दी जल्दी मुंह में गले तक लौड़ा ले लेती थी जैसे जन्मो की प्यासी हो। उसके हाथ रुकते ही न थे। मेरे लंड पर मुठ दे देकर मुझे जन्नत दिखा रही थी।

 

"ओह्ह मामी!! यू आर फकिंग हॉट!!" मैं बोला

 

मेरा लंड का सुपारा बिलकुल गुलाबी होकर चमकने लगा। सुपारा बेहद बड़ा और आकर्षक दिख रहा था। कविता मामी ने आधे घंटे तक लंड चुसव्व्ल किया। अब मेरी गोलियों को हाथ से दबाने लगी। मैं "...ही ही ही..अ अ अ अ .अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह... उ उ उ." करने लगा। मामी जी और नीचे झुक गयी और मेरी दोनों गोलियों को अचार की तरह चूसने लगी। मुझे नये प्रकार का यौन सुख प्राप्त हुआ।

 

"प्लीस मामी !! मेरी गोलियों और चूस दो" मैंने कहा

 

तो वो मुस्कुरा दी और फिर से दोनों गोलियों को चूसने लगी। मेरे अंग अंग में सेक्स की भूख जाग गयी। बड़ा आनन्द लिया। मैंने खड़े खड़े ही उनकी ब्रा और पेंटी उतरवा दी और अपनी कविता मामी को पूर्ण रूप से नंगा कर दिया। उनकी चूत का बगीचा मुझे दिख गया। हल्की हल्की काली घुघराली झाटे मुझे दिख गयी थी। मैंने खड़े खड़े ही मामी को पकड़ लिया और दोनों दूध को हाथ से लेकर उपर नीचे हिलाने लगा। फिर आपा खोकर दबाने लगा। अब मामी"अई...अई..अई. अहह्ह्ह्हह...सी सी सी सी..हा हा हा." करने लगी। मैं मस्त मस्त अनारो को हाथ से दबाने लगा और दबाता ही चला गया। फिर खड़े खड़े अपनी मामी की मुसम्मी मुंह में लेकर चूसने लगा।

 

"भांजे..ओह्ह्ह. सी सी सी..धीरे धीरे चूसो.. वो कहने लगी

 

पर फिर भी मैं अपनी स्पीड में उनकी मुसम्मी मुंह में लेकर चूसने लगा। दोस्तों बड़े शानदार दूध थे। 34" के बड़े बड़े और रसीले। मैं एक एक आम को मुंह में लेकर चूस रहा था। दूध के टिप पर भूरे भूरे बड़े बड़े गोले तो कितने सेक्सी दिख रहे थे। दबा दबाकर समझ लीजिये आमो का रस निकाल निकाल कर चूस रहा था। "भांजे!! "आऊ...आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा.." कविता मामी बोलने लगी। फिर मैं नीचे बैठ गया और उनके चूत के बगीचे को ध्यान से देखने लगा। मैंने अपनी नाक मामी की चूत में लगा दी और एक लम्बी साँस सू.करके चूत की मस्त मस्त खुसबू लेने लगा। क्या मस्त मस्त खुसबू आ रही थी भीनी भीनी।

 

मैंने झाटो को ऊँगली से हटाया और उनकी चुद्दी का दीदार किया। लाल लाल चूत की फांके का दर्शन किया तो लंड मेरा बहने लगा और रस के रेशे छोड़ने लगा। मैंने उसी वक्त चूत में मुंह लगा दिया और चाटने लगा। उसके बाद तो सब कुछ हो गया। मैंने खड़े खड़े ही मामी की चूत का पानी निकलवा दिया। उनको अपनी टाँगे खोलनी पड़ी। इससे मुझे अच्छे से चूत चाटने को मिल गयी। अब चूत में ऊँगली कर करके चाट रहा था। कविता मामी "..उंह उंह उंह हूँ..हूँ. हूँ..हमममम भांजे!! तू बड़ा जालिम है रे अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई..." करने लगी। मैंने 15 मिनट बैठे बैठे मामी की चूत चाट चाटकर उनका बगीचा गीला कर दिया।

 

"चोद बेटा!! अब कितना सतायेगा मुझे!!" वो बोली

 

मैंने उनको एक मेज पर झुका दिया और उसकी बायीं टांग उठाने को कहा। ठीक पीछे मैं पहले से खड़ा था। पीछे से उनकी चूत में अपना 10" लंड घुसा दिया और चोदने लगा। मैं अब मामी के साथ सम्भोग करने लगा। धीरे धीरे लंड उनकी चूत के छेद में अच्छे से फिट हो गया और अच्छे से चोदने लगा। मामी मेज पर झुकी और बायीं टांग को उठाये हुई थी। इसी बीच बड़ा आनन्द लिया और कसके चोद लिया मामी को। वो आराम से चुदवाती रही और बीच बिच में ओह्ह भांजे!! ओह भांजे बोल रही थी। कुछ देर तक पेलने के बाद मैंने चूत से लंड निकाला तो चूत का बड़ा छेद मुझे दिख गया।

 

इकदम गुलाबी गुलाबी चूत का छेद दिखा। मैं ठरकी हो गया और नीचे बैठकर चूत चाटने लगा। नमकीन चूत को रबड़ी की तरह चाट गया। कविता मामी "उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. सी सी सी सी... ऊँ-ऊँ.ऊँ.." करती रही पूरे वक्त। चूत की एक एक कली को अच्छे से पिया और दांत में लेकर काट भी लेता था। इस तरह से अपनी सगी मामी को तड़पा तड़पा कर चोद रहा था। खड़े होकर काफी चुदाई हो गयी। अब बिस्तर पर लेकर आ गया और मामी को लिटा दिया। उनकी गांड के नीचे मैंने मोटा तकिया लगा दिया और फिर लेटकर चूत में अपना सुपारा घिसने लगा।

ऐसा करने से उनको बड़ा सेक्स का नशा मिला और कांपने लगी। "भांजे!! तू तो बड़ा चोदू लड़का है रे" कविता मामी। मैंने उनके गाल पर 2 चांटे मार दिए। दोनों गालो पर चट चट। फिर से लंड का मोटा सुपारा उनकी चूत के बड़े बड़े सेक्सी होंठो पर घिसने लगा और 5 मिनट तक घिसता ही रहा। तभी देखा की मारे चरमसुख और काम उत्तेजना के मामी झड़ गयी। मैं इस कीमती रस को बेकार नही करना चाहता था। जल्दी से लेट गया और चूत को मुंह में लेकर चाटने लगा।

 

खूब चाटा और खूब चूसा। फिर से अपना 10" लंड चूत में घुसा दिया और पेलने लगा। मामी फिर से चुदने लगी और उनके दोनों सन्तरो को मैंने हाथो से पकड़ लिया और दबा दबाकर चोद रहा था। इसी बीच ऐसा मौसम बन गया की आपको बता बताऊं। जल्दी जल्दी चुदाई शुरू हो गयी और जैसे लोग मोटर साईकिल चलाते है उसी तरह से मैं उनकी चूत को चट चट आघात पहुचा कर वहसी तरह से चोदने लगा। कविता मामी भी "..मम्मी.मम्मी...सी सी सी सी.. हा हा हा ...ऊऊऊ ..ऊँ. .ऊँ.ऊँ.उनहूँ उनहूँ.." की सेक्सी आवाजे अपने सेक्सी होंठो से निकाल रही थी।

ऐसी में उनकी आवाजे मेरी वासना और कामपिपासा को और आग लगा रही थी। मुझे और अधिक जोश के साथ मामी को चोदने को कह रही थी। मेरी आँखे अधिक खून के बहाव के कारण लाल लाल हो गयी और मैंने मामी के बड़े बड़े सन्तरो पर चांटे मारना शुरू कर दिया और चुदाई चालू रखी। "हा हा हा चोद और कसके चोद भांजे!! आज फाड़ डाल मेरी इस गुलाबी चूत को..सी सी सी.." कविता मामी बोलने लगी।

मैं उनके आदेश को मैंने मना कर सकता था। मैं और तेज तेज लंड को उनके चूत के छेद में दौड़ाने लगा और भरपूर सम्भोग और सहवास किया। फिर झड़ने की बारी आ गयी। अपनी कमर मटका मटकाकर तेज धक्के देते देते अंत में अपनी जवान मामी के भोसड़े में शहीद हो गया। लंड से अनेक बार अपना गर्म गर्म माल मामी की चुद्दी में छोड़ दिया।

 

फिर पसीने से भीग कर उसके उपर लेट गया। वो अब भी हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ..ऊँ-ऊँ.ऊँ सी सीकर रही थी। मैं भी मचल गया और उनके फूले फूले गोरे चिकने गाल पर मैंने अपने दांत रखकर कसके काट लिया। इस प्रकार दोस्तों मेरी अपनी सगी कविता मामी से पहली चुदाई सम्पन्न हो गयी। कुछ दिनों बाद मैं अपने घर लौट आया। पर मामी की वो पलंगतोड़ चुदाई आज भी याद है। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना और सभी फ्रेंड्स नई नई स्टोरीज के लिए नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहना। आप स्टोरी को शेयर भी करना। 

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