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सर आप मुझे नंबर दो मैं आपको चूत दूंगी

हेल्लो फ्रेंड्स मेरी उम्र 37 साल है। देखने में मै आज भी 28 साल से ज्यादा का नहीं लगता। मैं बचपन से ही पढ़ाई बहुत इंटरेस्ट रखता था। भाग्यवश मेरे को एक कॉलेज में प्रिन्सिपल की नौकरी मिल गयी। सैलरी तो ज्यादा नहीं थी। लेकिन उसके बदले में मेरे को वहाँ से कुछ और ही मिल जाता था। इसीलिए मैं ज्यादा सैलरी न होते हुए भी वही टिका रहा।

सर आप मुझे नंबर दो मैं आपको चूत दूंगी

मैं शादी शुदा मर्द हूँ। लेकिन किसी भी मर्द को एक ही चूत रोज खाने की मिले तो वो बोर हो जायेगा। कुछ इसी तरह मेरे साथ भी हुआ था। बीबी की चूत को चोद चोद कर मैं थक चुका था। लगभग 10 साल से एक ही चूत को चोदते आ रहा था। कॉलेज में रहने लेरा मेरा फायदा हो जाता था। मेरे को नयी चूत देखने को मिल जाता था। मै कॉलेज की लड़कियों को पटाकार चोद लिया करता था।

मै बहुत ही ज्यादा स्मार्ट तो था नहीं जो कोई भी लड़की आसानी से मेरी तरफ अट्रैक्ट हो जाए। फिर भी मैं उस कॉलेज का प्रिंसिपल था। मेरे को देखकर ही लडकियां डर जाती थी। मेरे से बात करना तो बड़ी दूर की बात थी। मै जब भी किसी लड़की को ताड़ता तो वो बुरी तरह से डर जाती थी। इसी वजह से मैं लड़को को क्लास भी देने लगा। मै कॉलेज में बायोलॉजी पढ़ाता था। बच्चे बड़े ही इंटरेस्ट के साथ पढ़ते थे।

कोशिका और सब के बारे में पढ़ाकर मेरा टॉपिक जननांग पर पहुचा था। मैंने बच्चो से उस टॉपिक को पढ़ाने के बारे में पूछा तो बच्चे मान गए। उस टॉपिक को खुलकर आम भाषा में पढ़ा रहा था। टॉपिक मे सेक्स कैसे होता है! क्या प्रोसेस होती है! ये सब पढ़ाना बचा था। उसी में मैं भी इंटरेस्ट ले रहा था। लड़कियों को देख देख कर योनि(चूत) का और शिश्न(लंड) का फिगर बना कर समझा रहा था।

लडकिया भी बहुत मजे ले लेकर पढ़ रही थी। मेरे को ऐसा लग रहा था कि एक लड़की को कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था। वो बहुत ही गौर से पढ़ रही थी। उसका नाम छाया था। देखनें में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत माल थी। यूं कह लो की उसके जैसी माल मैंने अब तक पूरे कॉलेज में नहीं देखी थी। उसके चेहरे को देखकर ऐसा लगता था। जैसे चन्दा ही नीचे उतार आया हो। उसका 34 30 32 का फिगर देखकर मन मचलने लगा था। पहली बार इतनी खूबसूरत माल को मैंने अपने कॉलेज में देखी थीं। उसकी चूत का पूरा कॉलेज दीवाना हो गया था। वो भी लड़को को मजा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी। खुलकर वो सब लड़को के साथ बात करती थी।

माँ बहन की गाली दे दे कर लड़को से बात करती थी। उसकी चूत को देखने के लिए मेरे को बहुत बेकरारी सी हो गयी थी। सेक्स के बारे में जब मैं पढ़ा रहा था तो एक दिन उसने क्लास मिस कर दी थी! मेरे को पता नहीं था कि वो भला अब इस बारे में पढ़ने के लिए आएगी। लेकिन उस दिन मेरे को पता चला की लड़कियां भी बहुत ज्यादा मजा लेती है। मैं अपने ऑफिस में बैठा हुआ था।इस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

सर आपने जिस दिन सेक्स के बारे में पढ़ाया था। उस दिन मैं नहीं आप पायी थी। क्या आप मेरे को समझा सकते हैं???” सुष्मिता ने कहा

बेटा अब तुम अकेले को कैसे पढ़ाऊँ!! तुम कॉपी लेकर पढ़ लेनामैंने कहा

सर कॉपी से नहीं समझ में आ रहा था। इसीलिए तो आपके पास आई हूँसुष्मिता ने कहा

जिस दिन होगा उस दिन सब समझ में आ जायेगा अच्छे से!!मैंने कहा

बार बार जिद करके वो मेरे को समझाने के लिए मजबूर कर रही थी।

सर ये कॉपी से पढ़ लूंगी तो कब समझ में आयेगासुष्मिता बड़ी मासूम बनते हुए कहा

जब तुम्हारी शादी होगी और ससुराल में जब तुम्हारे हसबैंड तुम्हारे साथ सुहागरात मनाएंगे तो सब कुछ समझ में आ जायेगामैंने कहा

लेकिन तब तो बहुत देर हो जाएगी। मै उसे बिठाकर सब कुछ समझाने लगा। कुछ देर बाद समझाकर पूछा

समझ में आ गयामैंने कहा

अब भी नहीं आयासुष्मिता ने कहा

मैंने कहा तुम आने वाले संडे को मेरे घर चली आना

उसने हां में हाँ मिलाकर चली गयी। दो दिन बाद संडे आने वाला था। मै बहुत बेशबरी से उस दिन का इंतजार कर रहा था। आख़िरकार वो दिन भी आ गया। मेरे घर पर मेरे अलावा कोई नहीं था। उस दिन मेरे बड़े भाई के घर पर सब लोग गये हुए थे। उनके बेटे का बर्थडे था। मेरी बीबी के साथ ही बच्चे भी गए थे। मै घर पर अकेला बैठा सुष्मिता का अकेला ही इन्तजार कर रहा था। दोपहर में मै घर के बाहर ही बैठा हुआ था। इतने में वो आ गयी। सुष्मिता के गदराए हुए बदन को मेरा रोम रोम रोमांटिक हो गया। मै उसको जल्दी से अपने घर में अंदर करके दरवाजा बंद किया। उसके बाद उसे अपने बेडरूम में ले जाकर बेड पर बिठाया।

चलो आज मैं स्पेशल प्रैक्टिकल कराता हूँ! तुम सब अपने अंग से ही सीख लो!मैंने कहा

ठीक है सर आप मेरे को सब सिखा दोसुष्मिता ने कहा,

मैंने उसके पास जाकर उससे चिपकाते हुए कहा

तुम पहले अपने कपडे निकाल दो फिर तुम्हे सब बताता हूँमैंने कहा

सर मेरे को शर्म आती है! मैंने सिर्फ एक बार ही अपना किसी और के सामने निकाला हैउसने कहाइस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

मतलब तुम पहले से ही चुदी हो??” इतना कहकर उससे अपना मुह फेरने लगा

सर आप मेरे को प्रैक्टिकल में अच्छे से नंबर दे दो! इसीलिए मैंने आपको अपनी चूत का उपहार देने के लिए के सब कर रही हूँसुष्मिता ने कहा

मैं तो चौंक ही गया। उसकी ऐसी बाते सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया। उसके चूत को देखने के लिए उत्सुकता

बढ़ती ही जा रही थी। मैंने उसके कपडे को देखा तो टाइट टाइट जीन्स पहने हुई थी। उसकी गांड उसमे से निकली हुई दिख रही थी। मै बहुत दिनों बाद किसी नयी चूत को हाथ लगाने जा रहा था। इतने दिनों की तड़प आज बुझने वाली थी। मेरे को सुष्मिता की चूत पाने का बहुत ही इन्तजार करना पड़ा। मैंने उसकी शर्म का चादर हटा दिया। उसके कपडे को एक एक करके उतारने लगा। देखते ही देखते वो और भी ज्यादा हॉट लगने लगी। मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से चिपका कर जोर जोर से होंठ चुसाई कर रहा था। उसके गुलाबी होंठ और भी ज्यादा गुलाबी हो गया।

क्या मस्त हॉट सेक्सी दिख रही थी! उसके गोरे गोरे बूब्स उसकी ब्लू कलर की ब्रा में बहुत ही आकर्षक लग रहे थे। मै सुष्मिता की दूध को हाथ में लेकर दबाने लगा। सॉफ्ट सॉफ्ट चूंचियो को दबाने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने उसके ब्रा को निकाल कर निप्पल को पीने लगा। “……अईअई….अई……अई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की मीठी मधुर आवाज निकाल रही थी। मेरे को उसका दूध पीने में बहुत मजा आ रहा था। उसके मोटे मोटे निप्पल को काट कर उसे गर्म कर रहा था।

सुष्मिता गर्म होकर मेरे को अपने बूब्स मे दबा रही थी। लगभग 10 मिनट तक दूध पीने के बाद उसके निप्पल कड़े होकर खड़े हो गए। मैंने भी अपना पैंट शर्ट निकाल कर सिर्फ अंडरवियर और बनियान में हो गया। मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से वो दबाने लगी। मै बेड से नीचे खड़ा था। सुष्मिता बेड पर बैठे बैठे ही मेरे अंडरवियर को निकाल कर मेरे लंड को घूरने लगी।

सांवले रंग के लंड के किनारे काले काले छोटे बाल बहुत ही जबरदस्त लग रहे थे। वो मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़ कर मुठ मारने लगी। कुछ देर बाद उसने जीभ लगाकर चाटा और धीरे धीरे मुह में रखकर चूसने लगी। मेरे को उसके लंड चुसाई ने बहुत उत्तेजित कर दिया।

चूस मेरी रानी!! और मेहनत से चूस!! मजा आ रहा है!! मै कहकर और भी ज्यादा उत्तेजित हो रहा था। मेरा उत्तेजित लंड उसकी चूत में घुसने को तड़प रहा था। मैंने अपना लंड उसके मुह से निकाल कर उसकी पैंटी निकाल दी सुष्मिता भी अपनी चूत चटवाने के लिए बैठे बैठे हो अपनी टांगो को खोल दिया। टाँगे खोलते ही मेरे को उसकी चूत के दर्शन हो गया।

मै नीचे बैठ कर उसकी चूत में अपना मुह लगा दिया। दूध की तरह उसकी चूत भी बहुत सॉफ्ट थी। मैंने अपना जीभ चूत पर लगा लगा कर उसकी चूत चटाई कर रहा था। वो भी चूत को बड़े मजे से चटवा कर उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआसी सी सी सी….. ऊँऊँऊँ….” की सिसकारी भर रही थी। चाटो सर! और जोर से चाटो पी लो मेरी चूत को! चाटो! मेरे को बहुत मजा आ रहा हैकह कर वो अपनी गांड उठाकर चूत चटा रही थी।

चूत के दाने को काटते ही वो जोर से सिसकती थी। कुछ देर तक चूत चाटने के बाद मैंने उसे लिटा दिया। सुष्मिता ने अपनी टाँगे खोलकर मुझे चुदाई करने का सिग्नल दे दिया। मैंने भी अपना लंड उसकी चूत पर रखकर कई बार ऊपर से नीचे रगड़ा। उसके बाद मैंने उसकी चूत में अपना टोपा घुसा दिया। वो मेरे लंड के थोड़ा सा अंदर घुसते ही जोर से आआआअह्हह्ह ह…..ईईईईईई ई…. ओह्ह्ह्अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….”, चिल्लाने लगी।

मैं अपना लंड उसकी चूत में अंदर तक घुसाता गया। पूरा लंड अंदर घुसाने के बाद मैंने उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी। मेरे को मेरी बीबी से तो लाख गुना सुष्मिता की चुदाई करने में मजा आ रहा था। वो भी हसी ख़ुशी से चुदवा रही थी। उसे भी मुझसे चुदवाने में मजा आ रहा था। मेरा लंड जल्दी जल्दी उसकी चूत में घुस कर निकल रहा था। उसने मेरे गले को पकड़ कर किस करते हुए चुद रही थी।इस कहानी को आप अंतरवासना की आग पे पढ़ रहे हैं ।

पहली बार मुझे सेक्स का इतना मजा मिल रहा है। सुष्मिता भी अपनी कमर को उठा उठा कर “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँहूँ..हमममम अहह्ह्ह्ह ह ..अई अईअई…..” की चीखों के साथ चुद रही थी।

चोदो सर! और जोर से! फाड़ डालो मेरी चूत को! आज इसका भोषणा बना दोसुष्मिता कहकर चुदवा रही थी। मेरा मौसम बहुत जबरदस्त बन गया था। पूरा बेड पर हिल रहा था। खूब जोर जोर से हचक हचक की चुदाई करते ही वो चिल्लाने लगी। मैंने उसे उठा दिया। कुछ देर तक तो मैने खड़े होकर ही उसकी चुदाई की। उसके बाद मैंने उसे अपनी गोद में उठाकर उसे चोदने लगा। मैंने उसकी चूत में अपना लंड जड़ तक घुसाकर उसकी चुदाई करने में मस्त था। वो भी मेरे गले को पकड़ कर उछल रही थी। मै झड़ने की कागार पर पहुच चुका था लेकिन उससे पहले चुदाई रोककर उसे किस करने लगा। मेरे लंड से दो चार बूँद वीर्य निकाला और लगभग पांच मिनट बाद मैं फिर से काम पर लग गया। मैंने इस बार उसे झुकाकर चोदना शुरू किया।

उसके पेट को पकड़कर मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसाकर चोदने लगा। सुष्मिता के दोनों दूध हिला रहे थे। मेरे लंड की दोनों गोलियां उसकी चूत पर लड़ रहे थे. जोर जोर से लंड घुसाने पर उसकी चीखे निकलने लगा। वो तेज तेज से आऊ….. आऊ…. हमममम अहह्ह्ह्हहसी सी सी सी.. हा हा हा..की आवाज से पूरा कमरा भर दी। उसकी गांड पर हाथ फेर कर उसको भी उत्तेजित कर रहा था। उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

सर आप मेरे चूत में ही गरमा गरम माल मत गिराना! कही मैं पेट से हो गयी तो बहुत समस्या हो जायेगीउसने हसते हुए कहा

तो मैं तुमसे शादी कर लूँगामैंने कहा,

चूत के पानी से मेरा पूरा लंड भीग गया। मेरा भीगा लंड उसकी चूत में और भी तेजी से चुदाई कर रहा था। मेरा लंड भी ज्यादा देर तक उसकी चूत की रगड़ नहीं सह पाने वाला था। वो भी कुछ ही देर में झड़ने वाला था। मै जोर से उसकी चूत में लंड घुसा रहा था। सुष्मिता की चूत बार बार अपना पानी छोड़ रही थी। मै भी स्खलित होने वाला था। मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उसके मुह में रख दिया। कुछ ही पल में मेरा सारा माल उसके मुह में छूट गया। सुष्मिता ने मेरे माल को पीकर मेरे लंड को चाट कर साफ़ किया। मै सुष्मिता को मौक़ा मिलते ही जरूर चोदता हूँ। उसे बीबी की तरह प्यार करता हूँ 

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