सभी फ्रेंड्स का मैं शेखर स्वागत करता हूँ. मेरी उम्र 26 साल है. मेरी शादी नही हुई है और कई गर्ल्स को मैंने पटा रखा है. आपको अपनी रोचक स्टोरी सुना रहा हूँ. कैसे मैंने अपने दोस्त की बहन सौम्या को पटा लिया और कैसे अपने प्यार में फंसा लिया. फ्रेंड्स सारी लड़कियाँ बस एक चीज की प्यासी होती है और वो है अपनी खूबसूरती की तारीफ की. बस मैंने ऐसा ही किया और सौम्या को पटा लिया. मेरा दोस्त हरी मेरे घर के पास ही रहता था. मेरी उससे जान पहचान कॉलेज में हुई थी. फिर हमारी दोस्ती बढ़ गयी और मैं अक्सर उसके घर आने जाने लगा. हरी की मम्मी का सुभाव काफी अच्चा था.
वहां पर पहली बार मैंने उसकी बहन सौम्या को देखा. वो मेरे सामने लॉन्ग फ्रोक यानी गाउन में आई थी. वो बहोत गोरी थी बिलकुल दूध की तरह. उसी समय वो मेरे को पसंद आ गयी थी.
हरी- सौम्या!! ये है मेरा दोस्त शेखर!
सौम्या ने मेरी ओर मुस्कुराकर देखा
मैं- हलो!
मैंने उससे हाथ मिलाया और सौम्या मुस्कुरा दी.
हरी- जाओ शेखर के लिए चाय बना लाओ
उसके बाद मैं और शेखर बैठकर बात करने लगे. कुछ देर में सौम्या मेरे वास्ते चाय ले आई. उसी समय से वो मेरे को बहोत पसंद आ गयी थी. मैंने चाय पी और कुछ देर बाद अँधेरा हो गया तो मैं घर चला आया. पर बार बार सौम्या की याद मेरे को सता रही थी. मैंने अपने लोअर में हाथ डाल दिया और लंड पकड़कर हिलाने लगा. सिर्फ हरी की बहन सौम्या की याद मैं कर रहा था. कुछ देर बाद मामला गम्भीर हो गया और मेरा 7 इंच लम्बा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया. मैं खुद को रोक न पाया और मुठ मारने लगा. आखिर अपने लोअर को मैंने निचे सरका दिया और लंड को कच्छे से बाहर निकाल दिया. मैंने अपनी आँखे बंद कर दी और सिर्फ सौम्या को याद कर करके मुठ मारने लगा. 5 मिनट बाद मैंने अपना पानी छोड़ दिया.
धिरे धिरे हमारी मुलाकाते बढ़ने लगी. कुछ दिनों बाद हरी ने मुझे अपने घर पर क्रिकेट खेलने के लिए बुला लिया. हम सब खेलने लगे. हरी की बहन भी हमारे साथ खेलने लगी. उसने मेरे को कई बार बोलिंग की. आज उसने व्हाईट शर्ट और नीली जींस पहनी थी. जब वो बोलिंग करने के लिए जोर से दौड़ती थी तो उसके दूध बार बार किसी गेंद की तरह उछलते थे जिसे देखकर बड़ा मजा आता था. मेरे को तो सौम्या शुरू से अच्ची लगती थी. नीली चुस्त जींस में उसकी कमर, नितम्ब और गांड का नजारा तो देखने लायक था. आज अच्छी तरह से मैं उसके पिछवाड़े को ताड रहा था. मैंने सौम्या की बाल पर कई बार चौके जड़ दिए. क्रिकेट का खेल मेरे को भी बहोत पसंद था. कुछ देर बाद मेरे सारे ओवर खत्म हो गये और हरी की बैटिंग आ गयी. अब मैं बोलिंग कर रहा था. जैसे ही पहली बाल डाली हरी से उसे बहोत जोर से मारा की बोल बहोत दूर पेड़ों के पीछे चली गयी.
हरी- जाओ शेखर!! बाल लेकर आओ
मैं- न बाबा न!! वहां पर इतनी झाड़ी है. पता नही कहा मार दी तुमने. वहां तो सांप, बिच्छु भी होगा. मैं तो उस झाडी में नही जाउंगा
हरी- कोई बात नही!! मैंने बाल लेकर आता हूँ
वो बोला और चला गया. अब मैं और सौम्या अकेले रह गये. मौका देखकर सौम्या को मै एक बड़े पेड़ के पीछे ले गया और किस करने लगा
सौम्या- अभी मुझे किस मत करो. कही हरी से देख लिया तो गुस्सा करेगा
मैं- उसे बोल ढूंढने में करीब 10 मिनट लग जाएगा
मैंने बोला और फिर सौम्या को पकड़ लिया. उसे पेड़ से सटाकर खड़ा कर दिया और किस करने लगा. फ्रेंड्स, सौम्या बहोत गजब की माल थी. मेरे को पता था की वो अभी कुवारी है और एक वार भी चुदी नही है. जब उसे किस कर रहा था तो वो भी गर्म हो गयी और मेरे को किस करने लगी. कुछ देर बाद हम दोनों ही गर्म हो गये. उसकी सफ़ेद शर्ट पर उसके दूध बड़े बड़े बाहर की तरफ निकले थे. ऐसा लगता था की अभी शर्ट को फाड़कर बाहर निकल आएँगे. जैसे ही मैंने उसके गेंद जैसे दूध पर हाथ रखा वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” करने लगी. उसके बाद तो मैं रुक न सका. और हरी की खूबसूरत जवान बहन की चूचियां मसलने लगा. वो बार बार सिसकारी लेने लगी. मैंने दूसरी तरफ झांककर देखा की हरी कहाँ है. पर वो पेड़ो के पीछे गेंद ढूढ़ रहा था. मेरे पास कुछ समय था.
मैं फिर से सौम्या पर झुक गया और किस करने लगा. कुछ देर बाद वो फ्रेंक हो गयी और अच्छी तरह से मेरे को किस करने लगी. अब उसको भी मजा आ रहा था. मैंने उसे पेड़ से सटाकर खड़ा रखा और तबियत भरके उसके दूध दबा लिए. मुझे इसमें बहोत आनन्द आया. जब जब दूध मसलता था सौम्या …ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” चिल्लाती थी. मेरे को और मस्ती चढ़ गयी. मैंने उसकी नीली जींस पर चूत के उपर हाथ लगाना शुरू कर दिया. अब तो सौम्या सी सी करने लगी. उसकी जींस की जिप मैंने नीचे सरका दी और हाथ अंदर घुसा दिया. सौम्या की चूत मेरे को मिल गयी. मैं चूत को ऊँगली से हिलाने लगा तो सौम्या अजीब अजीब कामुक आवाजे निकलने लगी. लगा की अभी अपनी चूत का पानी छोड़ देगी. काफी देर तक मैं उसके साथ इंटरटेनमेंट करता रहा. चूत में ऊँगली कर करके मैंने उसकी चूत को गीला कर दिया. फिर हरी आ गया. हम दोनों जल्दी से पेड़ के पीछे से आ गये. उस रात मैंने सौम्या को काल किया.
मैं- कैसी हो जाने बहार?? सच सच वोलना की आज तेरे को मैच में मजा आया की नही??
सौम्या- आज मेरे को बहोत आनन्द आया
मैं- गुलबदन! मैं तेरे को इससे वी जादा आनन्द दे सकता हूँ. पर किसी काम से तुम हरी को वाहर भेज दो बस!
सौम्या- कल मैं हरी को किसी काम से वाहर भेज दूंगी. तब तुम मेरे घर आ जाना
अगले दिन सुबह के 11 बजे हरी को गैस सिलिंडर भरवाने भेज दिया और मेरे को काल कर दिया. मैं तुरंत ही उसके घर आ गया क्यूंकि हम दोनों का घर मुस्किल से 300 मीटर दूर था. सौम्या की माँ कहीं गयी हुई थी. आज तो हम दोनों की सुहागरात होने वाली थी. मैं गया तो सौम्या बाहर सीढियों पर ही खड़ी हुई थी. उसके बाद हम दोनों अंदर चले गये. हम दोनों की किसिंग शुरू हो गयी. दोनों कमरे में चले गये. अब हम दोनों के पास काफी समय था जिसमे हम चुदाई कर सकते थे.
आज तो सौम्या भी पुरे मूड में दिख रही थी. वो मेरे को बड़े जोश से किस कर रही थी. दोनों के लिप्स से लिप्स आपस में टकराकर चिंगारी निकाल रही थी. जितने जोश से मैं उसे चुस रहा था उतने ही जोश से वो मेरे को चुस रही थी. आज उसने फिर से लोग गाउन पहना था. उसे मैंने एक दीवाल से सटाकर खड़ा कर दिया और गोल गोल 36 इंच के दूध को मसलने लगा. वो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” कर रही थी. फिर हम दोनों ही बेडरूम में चले गये.
मैं- सौम्या!! आज मेरे को तेरे मस्त मस्त दूध देखने है
सौम्या- शेखर! मैं भी चाहती हूँ की तुम मेरे मस्त मस्त दूध मुंह में लेकर चूसो. मेरा वी कबसे चुसाने का दिल कर रहा है
उसने कहा और फिर अपना गुलाबी रंग का गाउन उतार दिया. उसे जव मेने ब्रा और पेंटी में देखा तो सोये अरमान जाग गये. आज कितने दिनों बाद कोई गर्ल को फक करने का मौका मिल रहा था. मैं खुद को किस्मत वाला समझ रहा था. उसने रंग बिरंगी ब्रा और पेंटी पहनी थी जिसमे वो बहोत सेक्सी दिख रही थी. जिस तरह से समुद्र के बीच पर लडकियां स्विम सूट में दिखती है, उसी तरह सौम्या मेरे को दिख रही थी. मैं भी पूरे जोश में आ गया. मैंने खड़े खड़े ही उसे बाँहों में लपेट लिया. उसके बाद तो हम दोनों की खुब किसिंग हुई.
सौम्या- शेखर! क्या तुम कपड़े नही उतारोगे??
मैं- लगता है रानी बड़ी जल्दी में हो. लो उतार देता हूँ
उसके बाद मैंने अपनी टी शर्ट और जींस उतार दी. मेरा लंड 7” का था जो कबसे मेरे अंडरवियर में था और बूंद बूंद करके रस छोड़ रहा था. मैंने वो भी उतार दिया. अब मैं फुल न्यूड हो गया था. धिरे धिरे अपन ने सौम्या की ब्रा और पेंटी भी उतार दी. वो बेड पर सीधी लेट गयी. मैं उसके करीब आ गया और फिर से किसिंग शुरू हो गयी. अब मेरे को उसके रसीले दूध सक करने थे. मैंने उसके चूचियां पर हाथ लगाना स्टार्ट कर दिया. सौम्या के दूध काफी कसे थे और बिलकुल देसी थे. फ्रेंड्स, जिस तरह से तन्दुरुस्त इंडियन गर्ल्स के दूध काफी बड़े बड़े और रसीले होते है, उसी तरह से हरी की बहन सौम्या के दूध थे. मैं हाथ में लेकर दबाने लगा तो वो “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी. मेरे को पता चल गया था उसको भी बड़ा एन्जॉय मिल रहा है. उसके बूब्स काफी चिकने और सॉफ्ट थे.
मेरे को बहोत मजा आ रहा था. उसके बाद मैंने उसके दूध को मुंह में भर लिया और मस्ती से चूसने लगा. अब तो वो और कराहने लगी. मुझे बार बार प्यार कर रही थी. हम दोनों ही अब नंगे थे. मैं तो उसके दूध ऐसे चुस रहा था जैसे वो मेरी वाइफ हो. मैं अच्छी तरह से मुंह चलाकर सक कर रहा था. मेरे को पता था की अगर उसे एक बार में मैंने मजा दे दिया तो वो मेरे से बार बार अपने बूब्स सक करवाएगी. इस तरह मैं अच्छी तरह से सक कर रहा था. सब रस पी रहा था. उसके बाद मैंने दूसरी निपल को मुंह में लगा लिया और फिर से चूसने लगा. मैंने सौम्या की तरफ देखा तो वो आँख बंद की हुई थी. उसके बाद मैं 69 में आ गया.
मैं- बेबी!! तेरे को मेरा लंड आज सक करना है. देखो अच्छे से करना वरना ये ठीक से खड़ा नही हुआ तो तेरे को चुदाई में मजा नही आएगा
सौम्या- शेखर!! मैं सक करती हूँ. पर तेरे को भी मेरी चुत अच्छे से चाटनी है
उसके बाद हम दोनों 69 में आ गये और काम पर लग गये. मेरे मुंह के ठीक उपर सौम्या की चुत थी. मैं जीभ लगाकर अविलम्ब चाटने लगा. उसकी चूत बहोत सुंदर थी. मेरे को तो देख देख कर ही बड़ा आनन्द आ रहा था. मैं जल्दी जल्दी चाट रहा था. उधर हरी की बहन सौम्या वी अपने काम पर लगी हुई थी. मेरे लंड को जल्दी जल्दी हिलाकर मुंह में लेकर चुस रही थी. काफी देर तक दोनों 69 में मजे लेते रहे. उसके बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया. सौम्या ने अपना कंधा बेड पर रखा और अपनी गांड उपर उठा दी. आज पहली बार उसके न्यूड नितम्ब और पिछवाडा देखने का अवसर मिला. फ्रेंड्स, सच में वो कच्ची कली थी.
मेरे को बहोत स्वीट लग रही थी. उसके न्यूड नितम्ब पर मैंने कई बार हाथ फिराया और किस किया. फिर मैंने उसकी चूत सक करना शुरू कर दिया. उसकी चूत बहोत सुंदर थी. मैं जल्दी जल्दी सक (चाटने) करने लगा. धिरे धिरे सौम्या की चुत अपना रस छोड़ने लगी. मैंने कई बार उसकी चुत का पानी पिया.
मेरे को बड़ा आनंद आया. उसके बाद मैंने उसकी चुत फकिंग (चुदाई) शुरू कर दी.
मैंने हल्का सा झुककर उसकी चूत में अपना लंड घुसाकर उसे चोदने लगा. सौम्या “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” कर रही थी. अपना अंगूठा उसने अपने मुंह में डाल दिया था और आँखे बंद करके चूस रही थी जैसे बचपन में छोटे बच्चे चुसते है. ऐसे में वो मेरे को बड़ी प्यारी लग रही थी. मैंने जल्दी जल्दी उसे चोदने लगा जिससे वो जादा से जादा आवाज निकाले और मेरे को और मजा आये. वो अपने सीधे हाथ का अंगूठा चुस्ती रही और एक अच्छी बच्ची की तरह घोड़ी बनकर चुदवाती रही. उसके सेक्सी नितम्ब को मैंने कई बार हाथ से छुकर आनंद लिया. फिर जल्दी जल्दी किसी जोश में आकर पेलने लगा. सौम्या फिर से “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” चिल्लाने लगी. मैं रुका नही और जल्दी जल्दी उसे फक करता रहा. एंड में 15 मिनट वाद मैंने खल्लास हो गया.
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