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बहन का कौमार्य भंग किया चोद चोद कर

राखी मेरे साथ शारिरिक सुख ले रही थी लेकिन उसकी बुर का उदघाटन होना बाकी था ! हमदोनो ने एक प्लान बनाया और एक कमरा होट्ल मे बूक किया, दिन भर के लिये एक कमरा का इंतजाम किया ताकि दोनो आराम से काम क्रिया कर सके ! एक छोटे से बैग लेकर हमदोनो होट्ल आये, फ़िर एक कमरा मे हमदोनो के साथ बेरा आया और बैग रखकर चला गया ! 


राखी काले रंग़ के सलवार सुट मे खुबसुरत दिख रही थी, उसके दो संतरे समान चुची दुपत्ते से धके हुए थे ! कमरे मे घुसते ही रेखा ने बेरा को पानी और कोल्डड़्रिंकस लाने को कहा और फ़िर उसके जाते ही मै दरवाजा को बंंद कर दिया ! रेखा मेरे सिने से चिपक गयी तो मै उसके चुत्तर पर हाथ फ़ेरता हुआ उसको चुमने लगा, वो भी मुझे चुम रही थी और मै उससे पुच्हा……. “क्यो रेखा बुर को चिकना करके आई हो कि नही


(रेखा) बुर मेरी चिकनी तो है ही थोड़ी क्रिम की मालिश करके चोदना ताकी दर्द कम हो. ”


इतने मे दरवाजा को बेरा ने खटखटाया और हमदोनो एक दुसरे से अलग होकर दरवाजा ख़ोले, उसके जाते हि दरवाजा को बंद किया और दोनो कोलड़ ड़्रिंकस पिने लगे, उसके बैग से एक बियर का बोत्तल निकाला और पिने लगा ! रेखा मेरे सामने बैठी थी तो मै उसको बेड़ पर सुलाकर उसके सलवार सुट को खोलने लगा, वो शर्मा रही थी और मै उसको पुरी तरह से नग्न करके निहारने लगा और अपने कपड़े को उत्तार दिया, दोनो नग्न थे ! 

रेखा के जिस्म पर सवार होकर उसके गाल को चुमने लगा तो वो मेरे पिठ को सहलाने लगी, अब मे उसके रसिले ओंठ को चुसने लगा और वो तड़प रही थी, धीरे से अपना जिभ मेरे मुह्न मे भरकर लेटि रही और मै रेखा के जिभ को चुसता हुआ अपने सिने से उसकी चुचि को रगड़ रहा था !


रेखा के सिने पर मुह्न लगाया और उसकी चुचि को मुह्न मे भरकर चुसता हुआ दुसरी चुची को मसलने लगा ! 18 साल की मस्त जवानी की बुर चोदने वाला था, उसकी दुसरी चुची को चुभलाने लगा और वो तड़प रही थी, उसके दोनो उरोज लाल हो गये तो मै अपने जिभ से निप्पल को चाट्ने लगा, अब मै उसके सपाट पेट को चुमने लगा और मेरा हाथ उसके जङ्हा पर थी ! 

कमर को चुमने के बाद एक तकिया रेखा के नितम्ब के निचे लगा दिया और उसके दोनो पैर को दो दिशा मे करके बुर का दर्शन करने लगा ! उसकी बुर पर बार का नामो निशान तक नही था और मै अपना मुह्न उसकी बुर पर लगा दिया और चुमते हुए जङ्हा को सहलाने लगा, उसके दोनो रान आपस मे चिपके हुए थे और मै उङ्ली की मदद से बुर के रान को थोड़ा फ़लकाया और अपने जिभ से चाट्ने लगा !

उसकी गुलाबी रंग़ की चुत चिकनी थी और मै पल भर चाट्ने के बाद बुर के रान को मुह्न मे भरकर चुभलाने लगा, वो सिसकने लगी और मै उसके मांसल चुत्तर पर थप्पड़ मार रहा था, पल भर बाद बुर को छोड़ कर बाथरूम गया और मुतकर वापस आया ! अब रेखा चुदने को आतुर थी 

लेकिन मै थोड़ा इंतजार करने को कहा और खुद बेड़ पर लेट गया, वो मेरे कमर के पास बैठ्कर मेरा मुसल लंड़ थाम ली और झुककर लंड़ को चुमने लगी, वो मुझसे नजर मिलाते हुए लंड़ को अपने मुह्न मे भर ली और लंड़ चुभलाने लगी ! मेरा लंड़ पुरी तरह से चोदने को आतुर था और रेखा लंड़ को मुह्न से बाहर करके अब अपने जिभ से चाट्ने लगी, वो 2-4 मिनट तक लंड़ को चाट्ने के बाद बाथरूम भागी !


रेखा बिस्तर पर लेटी हुई थी और मै उसके दोनो जङ्हा को दो दिशा मे करके बुर को सहलाने लगा, अब उसके दोनो जङ्हा के बिच बैठ्कर अपना लंड़ थामे सुपाड़ा को बुर मे घुसाने लगा, मेरा 7-8 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लंड़ रेखा की सख्त बुर मे घुसने लगा और 1/2 लंड़ उसकी बुर मे जाने के बाद, मै कमर थामे जोर का झट्का बुर मे दिया और वो चिंख पड़ी….. “बाप रे मेरी बुर फ़ट गयी, कितना मोटा लंड़ है तुम्हारा आह्ह धीरे-2 चोदो ना… ” और मै रेखा के जिस्म पर सवार होकर चुदाई करने लगा, 

रेखा के चेहरे पर दर्द के साथ मजे का भी प्रतिबिम्ब दिख रहा था ! पल भर बाद उसकी बुर से रस फ़ेंका और वो बाथरूम चली गयी, मै भी अंदर घुसा तो वो बैठ्कर छर-2 मुत रही थी, इशारे से बताई की उसकी बुर मे दर्द है ! वो अब बेड़ पर थी तो मै होटल के सर्विस को फोन किया और बर्फ़ के साथ बियर लाने को कहा…. “कितनी बियर तुम पिते हो


(राहुल) अरे पगली अगर सिर्फ़ बर्फ़ लाने बोलता तो वो हमदोनो पर शक करते. ” जब दरवाजा किसी ने खट-2 किया तो रेखा बाथरूम भाग गयी जबकी मै बरमुड़ा पहन कर दरवाजा खोला, एक बेरा बियर और बर्फ़ लिये खड़ा था ! वो चला गया तो मै दरवाजा बंद करके कुर्सी पर बैठा और बियर पिने लगा, अब रेखा मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी और मै उसके बुर पर बर्फ़ रगड़ने लगा और बियर भी पिता रहा ! पल भर बाद दोनो बेड़ पर थे.


रेखा की बुर का सील भंग़ कर चुका था, अब उसकी चुत की लहर कम हो चुकी थी और वो फ़िर से चुदने को आतुर थी, मै उसके बुर मे अपना लंड़ पेला और एक जोरदार धक्के के बाद रेखा कि चुत के अंदर अपना पुरा लंड़ घुसेड़ दिया ! अब उसको दर्द के साथ मजा भी आ रहा था, उसके जिस्म पर औंध कर चोदने लगा और रेखा रह-रहकर अपने चुत्तर को उपर निचे करने लगी ! 

चचेरी बहन रेखा को चोदकर बेहद मजा आने लगा, लेकिन अधिक देर तक कसी हुई चुत मे टिक पाना आसान नही था, वो चुदाई के मजे मे दर्द को भुल चुकी थी और मै बोला….. ” विर्यपात बुर मे करु या बाहर


(रेखा) जो करना हो करो…… ” और मेरे लंड़ से विर्य रेखा की बुर मे स्खलित हो गयी ! दोनो दिनभर होटल के कमरे मे बंद हो कर मजे लेते रहे

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