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पापा ने तोड़ी बेटी की सील - बाप बेटी की चुदाई की कहानी

आज मै आप को अपनी पहली चुदाई, जोकि मेरे बाप ने मेरी सील तोड़ कर की थी। मै झारखण्ड की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 17 साल के आस पास होगी। मेरे घर में, मै मेरी माँ, एक छोटा भाई और मेरे सौतेले पापा रहते है। मै जवान हो रही थी की और मेरी जवानी को देखकर मेरे सौतेले बाप के मान में मेरी चुदाई करने की ख्वाहिश जाग उठी। मै देखने में बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती हूँ। मुझे तो लगता है की मै किसी हेरोइन से कम नहीं हूँ। 


मै अपने में बताऊँ तो, मेरे काली काली और बड़ी बड़ी आंखे, लाल लाल, मुलायम गाल और मेरे होठ तो बहुत ही मस्त है। पतली पतली, लाल लाल और बहुत ही रसीली। मेरे होठो को देखकर कोई भी मुझे किस करना चाहेगा। मेरी कमसिन बूब्स तो कमाल की है, मेरी चूची तो बहुत ही टाइट, गुलगुल और रुई की तरह मुलायम। मेरी चूची की नुकीली और काली निप्पल तो बहुत ही टाइट है। मेरी चूची को मेरे सिवा किसी ने छुआ नही था। इसलिए वो बहुत की गजब की थी। मेरी चूत की बात करे तो , वो इतनी चिपकी हुई थी की उसमे उंगली भी नही जाती थी। मै बहुत बार अपनी चूत में ऊँगली करने लगती हूँ जिससे मेरी चूत थोडी सी खुलने लगी है।

मैने अपनी जिंदगी में कभी भी नही सोचा था की मेरा बाप इतना हरामी होगा कि वो मुझे ही चोद डालेगा। मेरे घर में केवल एक ही कमरा है उसी में हम लोग रहते थे। मेरा हरामी बाप हर रात को मेरी माँ की चुदाई करता है जिससे माँ चूत से चट चट की आवाज और माँ के चीखने की आवाज़ आती है। मेरा हरामी बाप इतना भी नही सोचता है की घर में जवान बेटी है उसके सामने इस तरह से चुदाई करने से उसपर इसका क्या असर पड़ेगा। कई बार तो मेरा बाप दिन में ही चुदाई करने लगता है। एक बार वो दिन में ही मेरी माँ की चुदाई कर रहा था और मै कमरे में आ गयी, लेकिन उस आदमी ने बिना शर्माए मेरी माँ की चुदाई करता रहा और मै वहां से शर्मा के चली गई।

कुछ महीने पहले की बात है मेरी माँ उसकी चुदाई से तंग आ गई थी, रोज रोज मेरी माँ की चुदाई करके उसने मेरी की चूत को फाड़ दिया था। जब मेरा बाप मेरी माँ की चुदाई कर लेता तब मुझे अपने माँ की चूत में रोज तेल लगाना पड़ता था क्योकि मेरी माँ इतनी थक जाती थी कि वो तेल भी नही लगा पाती थी। मुझे मजबूरन उनकी चूत कि मालिश करनी पड़ती थी। मेरी माँ तो रोज रोज चुदाई से थक चुकी थी, इसलिए उन्होंने मुझसे कहा – बेटी मै कुछ दिनों के लिये तेरी नानी के घर जा रही हूँ तू घर पर रहना और अपने पापा को खाना बना के खिला दिया करना।

मैंने उनसे कहा – आप बेफिक्र होकर जाइये मै यहाँ सब संभाल लुंगी। मुझे क्या पाता था कि माँ कि अनुपस्थिति में मेरे पापा मुझे ही चोद डालेगे। माँ कुछ दिनों के लिये नानी के घर चली गई और साथ में छोटे भाई को भी ले गई। अब मै घर में अकेली बची थी। मैंने दो लोगो के लिये खाना बनाया। रात हुई पापा घर आये, उन्होंने मुझसे पूछा – तुम्हारी माँ कहा है?? मैंने जवाब दिया – वो आज नानी के घर गई है और कुछ दिनों के बाद आयेगी। मेरी बात सुनकर उनको गुस्सा आने लगी थी क्योकि उनकी आज कि चुदाई नही होने वाली थी। मैंने उनसे कहा – मुह हाथ धो लीजिए मै खाना निकाल देती हूँ। मै खाना लेकेर उनके पास गई वो जमीन में बैठे थे, मै उनका खाना रखने के लिये मै हल्का सा झुकी मेरी गोरी गोरी चूची दिखने लगी जिसको देख कर मेरे पापा का लंड खड़ा होने लगा था। खाना देकर मै वहां से चली गई। कुछ देर बाद मेरे पापा ने मुझे फिर से बुलाया और मुझसे कहा – जाओ थोडा सा दाल लाओ, वो दाल लेने के बहाने से फिर से मेरी चूची देखना चाहता था। जब मै पाप के थाली में डाल डाल रही थी, तो पापा कि नजर मेरी मम्मो पर ही टिकी हुई थी। पापा को खाना खिलने के बाद मै भी खाना खा के सोने के लिये अपने बिस्तर पर आई। तो मैंने देखा पापा मेरी बिस्तर पर लेटे हुए है। मैंने पापा से कहा – पापा आप मेरे बिस्तर पर क्यों लेटे है ?? तो उन्होंने कहा – “बेटी आज मेरा पैर दर्द हो रहा है क्या तुम मेरा पैर दबा सकती हो”। मैंने सोचा पैर दबाने में कितना समय लगेगा। मैंने कहा ठीक है – दबा देती हूँ। मै उनके पैर को दबाने लगी, मै उनके पैर को जांघ तक ही दबाती थी तो पापा ने कहा थोडा और ऊपर तक दबाव। मै जांघ के थोडा ऊपर बढती गयी। जब मै रुक जाती तो पापा मुझसे कहते थोडा और ऊपर तक दबाव । धीरे धीरे मेरा हाथ उनके लंड के करीब पहुँच गया। उनके लंड के पास थोडा गरम गरम महसूस हो रहा था। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है। उनका लंड खड़ा था। पैर दबाते दबाते मेरा हाथ उनके लंड में छू गया। मेरे बाप का लंड बहुत कड़क और टाइट था। मैंने अपने हाथ को हटा लिया, तो मेरे पापा ने कहा – मेरे तीसरे पैर को भी दबा दो। मै समझ नही पाई तो मैंने उनसे कहा – आप का तीसरा पैर कहाँ है?? उन्होंने मेरे हाथ को पकड कर अपने लंड पर रख दिया। उनका लंड तना हुआ था, और बहुत गरम भी था। पापा धीरे धीरे जोश में आ गये थे। जैसे ही उन्होंने मेरे हाथ को अपने लंड पर रखा, मैंने अपने हाथो हटा लिया और उनसे कहा – “आप को जरा भी तमीज है मै आप की बेटी हूँ और आप मेरे हाथो को अपने लंड पर रखवा रहें है”।

तो उन्होंने कहा – मै तो सिर्फ जिस तरह पैर को दबया जाता है उसी तरह इसको भी दबाने के लिये कह रहा हूँ। मैंने उनसे कहा – “मैंने आप से ज्यादा हरामी बाप अपने जिंदगी में कभी भी नही देखा”। ऐसा कोन बाप होता है की अपने बेटी के हाथ में अपना लंड कौन पडाता है। तो मेरे बाप ने कहा – कौन सी तू मेरी बेटी है, तू तो सौतेली बेटी है।

मेरे बाप ने मुझसे कहा – अगर तू अपने आप प्यार से ये काम नही करेगी तो मै तुझे बांध दूँगा फिर तेरी चुदाई करूँगा। मैंने उनकी बात मानने से इंकार कर दी। मेरी बात सुन कर मेरे सौतेले पापा को गुस्सा आ गया। उन्होंने मेरे हाथ को पकड़ा और अपने लंड के ऊपर सहलाने लगे। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, मैंने जान कर उनके लंड को दबा दिया जिससे पापा के मुह से चीख निकाल पड़ी।

जिससे मेरे पापा को और भी गुस्सा आ गया उन्होंने मेरे बाल को खीचते हुए मेरे हाथो से अपने लंड को सहला रहें थे, और मै रो रही थी। कुछ देर बाद मेरे पापा ने अपने लंड को बाहर निकाला, उनका लंड बहुत ही बड़ा था। तभी तो मम्मी की चूत का बुरा हाल हो जाता था। पापा ने कहा – “ये सब तेरी माँ की गलती है उसे पाता है कि मै रोज चुदाई किये बिना रहता नही हूँ लेकिन फिर भी वो चली गई, तो अब उसकी जगह तुझे चुदना ही पड़ेगा”।

मेरे पापा ने लंड निकाल कर मेरे हाथो में रख दिया और मुझे उसे चूसने को कहा। मुझे बहुत घिन आ रही थी क्योकि मैंने कभी भी किसी के लंड नही चूसा था। मेरे पापा ने मेरे बाल को पकड कर अपने लंड को खड़ा करके मेरे मुह में डालने जा रहें थे। मैंने अपनी आंखे बंद कर ली और अपने पापा के भैसे कि तरह मोटे और काले लंड को मुह में रख लिया। मुझे तो उलटी आ रही थी मेरे पापा ने अपने लंड को धीरे धीरे धक्का दे कर मेरे मुह में डालने लगा। मुझे उलटी आने वाली थी मेरे पापा ने अपने पूरे लंड को मेरा सर पकड कर मेरे मुह में डाल दिया। मुझे खासी आने लगी, मैंने उनके लंड को मुह से निकाल दिया। और अपने मुह के राल को थूकने लगी।

अपने लंड को चूसाने के बाद मेरे पापा ने मुझसे बिस्तर पर लिटा दिया मेरे हाथ और पैरो को बांध दिया। मेरे कपड़ो को सूंघते हुए मेरे मम्मो को को अपने हाथो से छुआ और मुझसे कहा – “तुम्हारी चूची तो अभी कुवारी है इसे तो किसी ने नही छुआ है। पापा बहुत खुश होके कहने लगे आज बहुत दिनों बाद कोई फ्रेश माल मिला है चुदाई करने लिये वरना तो रोज वही फटी हुई चूत चोदना पड़ता था।

पाप ने मेरे मम्मो को सूंघते हुए मेरी गर्दन कि ओर बढ़ने लगे और मै अपने बदन को ऐठते हुए छटपटा रही थी। मेरे मेरे पापा ने मेरी गर्दन को पीते हुए मेरे पतले और रसीले होठ तक पहुँच गये। उन्होंने मेरे मुह को पकड़ा और अपने धारदार दांतों से मेरे होठो को काटने लगे। जब पापा मेरे होठो को दांतों से काट कर पीने लगे , तो मेरे अंदर की ज्वाला भडक उठी। मै बेकाबू होने लगी, मैंने भी अपने जीभ को पापा के मुह में डाल दिया। और उनके होठो को मैंने भी अपने मुह में भर लिया और उनके होठो को पीने लगी।

पापा मेरे होठो को लगातार काटते हुए पी रहें थे और मेरे मम्मो को बहुत तेज तेज दबा रहें थे। मेरी चूची में बहुत दर्द हो रहा था क्योकि पहली बार कोई मेरे चूची को दबा रहा था।

लगभग 40 मिनट तक मेरी होठो को काटने के बाद पापा ने मेरे सूट को निकाल दिया और मेरे ब्रा को सूंघते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगे। कुछ देर बाद उन्होंने मेरी ब्रा को भी निकाल दिया और मेरी नुकीली बेहद कमसिन चूचियों को मुँह में भरके पीने लगा मेरे पापा बड़े शरारती निकले। वो मेरी नुकीली छातियों को दांत से काट रहे थे और पी रहे थे. मुझे दर्द भी हो रहा था, उतेज्जना भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था. ‘पापा आराम से मेरे नारियल चूसो!! आराम से पापा’ मैंने कहा. पर उनके उपर कोई असर नही पड़ा. वो अपनी धुन में थे. जोर जोर से मेरी सफ़ेद कदली समान चुचियाँ दांत से जोर जोर से काट कर पी रहे थे। उनका बस चलता तो मेरी छातियाँ खा ही लेते। मेरी रसीली छातियों को वो जोर जोर से दबा देते थे और निपल्स पर अपनी जीभ फेरते थे और पीते थे. दोस्तों, मै बहुत ही चुदासी हो रही थी, मैंने पापा से कहा – आप मेरे हाथ खोल कर भी मुझे चोद सकते है मै आप से चुदवाने के लिये मान गई हूँ।

पापा ने मेरे हाथ और पैर को खोल दिया, मेरे चूची को दबाते और पीते हुए मेरी कमर की ओर बढ़ने लगे। मै बहुत ही कामातुर हो रही थी, इसलिये मै अपने ही चुचियों को मीजने लगी। पापा ने मेरी सलवार के नारे को अपने दांतों से खोल दिया और मेरे सलवार को निकाल दिया। और मेरे काली पैंटी को निकाल कर उसको चाटने लगे। मैंने मन में सोचा कितने गंदे है पापा। पापा में मेरे पैंटी निकलने के बाद मेरे गोरे और चिकने जांघ को चटने लगे और धीरे धीरे मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगे। मै तो जोश के कारण तड़प रही थी। पापा ने मेरे टांगो को फैला दिया और अपने मोटी और खुरदरी जीभ से मेरे चूत को चाटने लगे। पापा बार बार मेरे चूत के दाने को अपने जीभ से चाटते जिससे मै तडप कर सि़सकने लगती। लेकिन दोस्तों मजा भी आ रहा था। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहें है।

बहुत देर तक मेरी चूत की पीने के बाद पापा ने मेरी चूत चोदने के लिये अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगे। मैंने कहा – पापा मुझे डर लग रहा है चुदाई से बहुत दर्द होता है क्या?? पापा ने कहा – “ज्यादा दर्द नही होता है बस जैसे सुई लगती है उतना ही दर्द होगा”। पापा ने पहले धीरे से मेरे चूत में पाने लंड को डालने लगे मुझे बहुत दर्द होने लगा मै पीछे की तरफ पिचड गयी। पापा ने इस बार मेरी कमर को पकड लिया और मुझे किस करते हुए अपने लंड को धीरे से मेरी चूत में डाल दिया। मुझे बहुत तेज दर्द हुआ लेकिन पापा मेरे होठो को काट रहें थे जिससे मैंने उस दर्द को सह लिया।

मेरी चूत से खून निकलने लगा। पापा ने मेरी चूत की खून को अपने मुह से चाट कर पी लिया। पापा ने मेरी चूत के खून चाटने के बाद मेरी चुदाई करने की लिये फिर से अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगे, पापा की रफ़्तार कुछ ही देर 180 की हो गई। पापा का लंड लगातार मेरी चूत को चीरते हुए अंदर जाता और फिर कुछ देर बाहर आता। मेरी चूत तो फटी जा रही थी और मै … आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी………..मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ …उनहूँ प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह माँ ….पापा आराम से चोदा मेरी चूत फटी जा रही है…. अहह अह्हह्ह उह उह ….. माँ माँ …आराम से चोदो ….. मुझे बहुत दर्द हो रहा है। लेकिन पापा को मेरी बातों से कोई फर्क नही पड़ने वाला था वो तो एक ही धुन में मेरी चूत को फाड़े जा रहें थे। मेरी चूत में इतना दर्द होने लगा था कि मै अपनी चूत को मसलने लगी थी और साथ में जोश से अपने चूची को भी दबा रही थी। मुझे दर्द तो बहुत हो रहा था लेकिन पहली चुदाई का मजा ही अलग होता है। दर्द के साथ मजा का जोड़ा कितना अच्छा लग रहा था।

लगातार 2 घंटे मेरी चूत को फाड़ने के बाद पापा ने मेरी गांड मारने के लिये मेरे पैरों को उठा दिया और अपने लंड को मेरी गांड को फैला कर उसमे डाल दिया। मै तो जोर जोर से चीखने लगी पापा ने मेरे मुह को बंद कर लिया और मेरी गांड मारना शुरू कर दिया। मेरी गांड को भी कुछ ही देर अपने लंड को डाल डाल कर उसका भी छेद बड़ा कर दिया था। मेरा तो इस चुदाई से बुरा हाल हो गया था। मेरी बेरहमी से गांड मारने के बाद पापा ने अपने लंड को बाहर निकलने और मेरे मुह की तरफ लंड करकर मुठ मारने लगे, कुछ ही देर में उनके लंड से उनका वार्य निकलने लगा और मेरे मुह और होठ पर पड़ गया। पापा ने जबरदस्ती उसको मुझसे चटवाया।

उस रात से जितने दिन माँ नही थी वो लगातार मेरी चूत को फाड़ते रहें, और माँ के आने के बाद भी जब मन करता तो हम माँ और बेटी दोनों की साथ में चुदाई करता। जब तक मेरी शादी नही हुई मेरे पापा ने बहुत चोदा। आप को ये कहानी पसंद आई होगी उम्मीद करती हूँ।

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