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पापा के दोस्त ने मुझे जबरदस्ती चोदा

हाय, दोस्तो मैं दीक्षा आज अपनी पहली कहानी आप सब के लिए ले कर आई हूँ. मुझे उमीद है आप को मेरी ये कहानी बहोत ही पसंद आएगी. दोस्तो मैं आप को बताना चाहूँगी की ये कहानी एक दम सच्ची है. क्योकि ये सब मेरे साथ सच मे हुआ है ये कहानी नही है. तो चलिए अब मैं बिना टाइम वेस्ट किए सीधा आप को अपनी कहानी पर ले कर चलती हूँ.


मेरा नाम दीक्षा है और मेरी उमर उस टाइम 18 साल थी. मेरे घर मे मेरे मम्मी पापा और मेरा एक बड़ा भाई है. मेरे पापा आर्मी मे थे. अब उनकी जॉब पूरी हो गई है इसलिए वो ज़्यादातर घर पर ही रहते है. मेरे पापा को शुरू से ही शराब पीने की आदत है. क्योकि उन्हे आर्मी की तरफ से फ्री मे शराब मिल जाती है.

वो हर रात को 7 से ले कर 11 बजे तक शराब पीते थे. फ्री की शराब पीने के लिए उनके 4 दोस्त भी आ जाते थे. उनके नाम है वेर्मा अंकल, शरमा अंकल, सोढी अंकल और कत्याल अंकल. ये चारो के चारो बहोत ही शराबी किस्म के लोग है. और हर रोज मेरे पापा के साथ फ्री की शराब पीने के लिए हमारे घर आ जाते है.


शराब पीने के बाद मेरे पापा मम्मी से बहोत लड़ते थे. मम्मी भी चुप चाप उनके लिए आइस और नमकीन लाती थी और उन्हे बार बार देती थी. मम्मी उन्हे दिन भर बहोत समझती थी की अब बहोत हुआ. कितनी शराब पियोगे पर पापा है की मम्मी की एक नही सुनते थे.

मैं जब भी पापा को कुछ बोलती थी तो वो मुझे चुप करा देते थे. इसलिए मेरा कुछ कहने का तो मतलब ही नही बनता था. मेरा स्कूल मे एक बॉय फ्रेंड भी है. मैने उसके साथ अभी तक 3 बार सेक्स किया है और उसने मुझे ब्लू मूवीस देखने का भी चस्का लगा दिया है.


अब मैं हर रात को ब्लू मूवीस देखती हू और अपनी चूत को रगड़ कर अपनी चूत का खूब सारा पानी निकलती हू. मुझे ये सब करना बहोत अच्छा लगता था. क्योकि इससे मेरी चूत की आग हर रोज शांत हो जाती थी. मुझे लंबे और मोटे लंड वाली मूवीस देखना बहोत पसंद था.

क्योकि मैं चाहती थी की काश कभी मेरी चूत मे भी इतना बड़ा और मोटा लंड अंदर जाए. और मेरी चूत को पूरी तरह से फाड़ कर रख दे.

मुझे नही पता था की उपर वाला मेरी ये बात इतनी जल्दी सुन लेगा. मेरी मामी जी की तबीयत अचानक खराब हो गई. इसलिए मेरी मम्मी को उनके पापा के पास जाना पड़ा. अब मम्मी इतनी दूर अकेली तो जा नही सकती थी. इसलिए मेरा भाई उनके साथ चला गया. मम्मी कम से कम 4 दिन तक वापिस नही आने वाली थे. अब घर मे मैं और पापा ही थे.


मैं उनसे कुछ ज़्यादा नही बोलती थी, क्योकि मुझे पता था की अगर मैं कुछ बोलूँगी. तो पापा मुझे लड़ने लग जाएगें. इसलिए मैं चुप चाप अपने स्कूल जाती और वाहा से आ कर घर का काम कर के. रात को कुछ देर ब्लू मूवीस देख कर सो जाती.

पहला दिन ऐसे ही चला गया. मुझे नही पता था की पापा के दोस्त कब आए और कब चले गये. पर जब मैं सुबह उठी तो मेरे चेहरे पर कुछ वाइट वाइट लगा हुआ था. मुझे कुछ समज नही आ रा था की ये है क्या. खैर मैने धो कर सॉफ कर दिया और उठ कर स्कूल चली गई.

अगली रात मैं हर रोज की तरह स्टडी करने के बाद ब्लू मूवीस देख रही थी. आज पापा के दोस्त जल्दी आ गये थे इस लिए मैने किचन मे से उन्हे नमकीन और आइस दे दी. वो चारो मुझे घूर घूर कर देख र्हे थे. मैं उनकी तरफ कोई ध्यान नही दिया और चुप चाप अपने रूम मे जा कर सो गई.


मुझे बहोत ही गहरी नींद बहोत जल्दी आ गई. फिर मुझे अपने पैर पर कुछ महसूस हुआ और साथ ही अपने होंठो पर भी. मैं जेसे ही आँख खोली तो मेरे आँखो के सामने 8 इंच लंबा मोटा लंड था. जो की मेरे मुह मे जाने की कोशिश कर रा था. मैं इधर उधर देखा तो चारो अंकल पूरे नंगे हो कर मेरे चारो तरफ खड़े थे.

इसलिए पहले मैं कुछ बोलती. वेर्मा अंकल ने मेरे मुह मे अपना लंड घुसा दिया. और बाकी सब ने मेरे कपड़े फाड़ कर मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर शर्मा अंकल ने मुझे नीचे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरे नंगे बूब्स को चूसने लग गया. कत्याल अंकल मेरी चूत मे अपना मुह डाल कर मेरी चूत को चूसने लग गये.

मैं एक दम गरम होना शुरू हो गई. मेरा पूरा जिस्म कापने लग गया. उधर मेरे एक हाथ मे सोढी अंकल का लंड आ गया जिसे मैं उपर नीचे कर रही थी. मैं जान कर उन चारो से अपने आप को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी. पर दिल ही दिल मैं उनसे चुदना चाहती थी.

उसके बाद शर्मा अंकल ने अपनी जीब मेरी चूत से निकली और अपना बड़ा सा लंड मेरी चूत मे उतार दिया. मुझे दर्द हुआ क्योकि इतना बड़ा लंड तो आज तक नही लिया था. वो मुझे ज़ोर ज़ोर से चोदने लग गये. अब कत्याल अंकल मुझे अपना लंड चुसवाने लग गये. वेर्मा और सोढी अंकल मेरे दोनो बूब्स चूस रहे थे.


करीब 15 मिनिट बाद शर्मा अंकल का पानी मेरी चूत मे ही निकल गया. और फिर वेर्मा अंकल मेरे उपर चॅड गये, उन्होने भी मेरी चूत मे एक ही बार मे पूरा लंड घुसा दिया. और मेरी जान निकल दी. अब तक मेरी छूट 3 बार अपना पानी छोड़ चुकी थी. मैं आज जन्नत की सैर कर रही थी.

क्योकि ऐसी चुदाई का मौका बार बार नही मिलता था. मैं अब पूरे मज़े से अपनी चूत चुदवा रही थी. वेर्मा अंकल के बाद सोढी और कत्याल अंकल ने भी मुझे घोड़ी बना कर अच्छे से चोदा. उस रात मैं 3 बजे तक चुदवाती रही. फिर मेरे पापा होश मे आने लग गये.

और फिर वो चारो वाहा से भाग खड़े हुए. उस रात मैने बहोत मज़े किए. और सुबह मुझसे चला तक नही जा रा था. क्योकि मेरी चूत सूज चुकी थी इतनी चुदाई के बाद.


अगली रात जब अंकल घर आए तो वो मुझसे अपनी नज़र तक नही मिला पा रहे थे. क्योकि उन्हे लगता था की उन्होने मेरे साथ ज़बरदस्ती की है.

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