मेरी माँ एक उर्दू टीचर है, जो अपना ज़्यादातर टाईम स्कूल या घर के कामों में बिताती है. अगर उनके शरीर की बात करें तो उनका कोई जबाब नहीं, अंगूर जैसे रसीले लिप्स, टाईट 36 साईज के बूब्स और गांड तो ऐसी जैसे संगमरमर से तराशी गई हो. मम्मी को शादी वग़ैरह में जाने का बहुत शौक था और हमारे रिश्तेदारों की शादी में वो ही ज़्यादातर काम संभालती थी.
ये बात उन दिनों की है जब मम्मी को अपनी भतीजी की शादी में बिलासपुर जाना पड़ा, क्योंकि पापा भी ज़्यादातर बाहर ही रहते थे और में भी उनसे दूर हॉस्टल में रहता था. अब मम्मी उस शादी में जाने के लिए बहुत एग्ज़ाइटेड थी और किसी तरह से उन्होंने पापा को शादी में जाने के लिए मना लिया था. फिर किसी तरह मम्मी बिलासपुर पहुँची और शादी के कामों में लग गई.
अब सब कुछ ठीक चल रहा था और मम्मी भी बहुत खुश थी, जब तक उन पर कासिम की नज़र नहीं पड़ी थी. क़ासिम 27 साल का जवान लड़का था और वो भी शादी में लड़के वालो की तरफ से आया हुआ था. अब कासिम मम्मी को देखते ही उन पर फिदा हो गया था, कहते है ना प्यार की कोई उम्र नहीं होती, भले ही वो 27 साल का हो और मेरी मम्मी 38 साल की हो. अब कासिम किसी तरह से मम्मी से बात करने के बहाने ढूँढने लगा और उसका यह ख्वाब पूरा भी हुआ, जब मम्मी मेहमानों को नाश्ता करवा रही थी. फिर कासिम भी मम्मी के पास गया और चाय लेने के बहाने मम्मी की मस्त जवानी को देखने लगा. मम्मी भी उस दिन बहुत ज़्यादा खूबसूरत दिख रही थी, अब डीप सूट की वजह से उनके क्लीवेज भी साफ दिख रहे थे.
अब कासिम के मन की उमंग फिर से जाग गई थी. फिर कासिम ने जैसे तैसे अपने होश संभाले और मम्मी की तरफ चाय लेने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया. शायद उसमें भी कासिम की कोई चाल थी और फिर उसनें चाय अपने ऊपर गिरा ली. अब मम्मी भी यह देखकर शॉक हो गईं और जल्दी से उसका हाथ देखने लगी और उसके हाथों पर अपने अंगूर जैसे होंठो से फूंक लगाने लगी.
शायद कासिम को भी इसमें जन्नत दिख रही थी और अब उसका लंड बिल्कुल टाईट हो चुका था, शायद अब उसका प्यार कुछ ज़्यादा ही परवाना चढ़ गया था. अब मम्मी ने उसके हाथ छोड़ने के बाद वो जैसे तैसे बाथरूम की तरफ भागा और मम्मी के नाम और उनके कोमल एहसास की कल्पना करके मुठ मारने लगा और अपने अरमान और प्यार की बुलंदियों पर पहुँचने की कोशिश करने लगा. अब कासिम ने पूरी रात मम्मी को अपने सपनो में देखकर पूरी रात काटी और सुबह होते ही अपनी कामुक नज़रों से मम्मी को ढूँढने लगा.
अब शायद ऊपर वाले की भी यही मर्ज़ी थी और शायद मम्मी को कुछ खरीदने के लिए मार्केट जाना था. अब कासिम भी इस मौके की ही तलाश में था तो वो मम्मी से बोला कि वो भी मार्केट ही जा रहा है. अब मम्मी को उसके इरादो की क्या भनक थी? तो अब वो भी तैयार हो गई.
वैसे तो कासिम अमीर खानदान से था और हमेशा महँगी कार ही चलाता था, लेकिन उस दिन जानबूझ कर वो बाइक पर गया और मम्मी भी उसके साथ बैठ गई. अब कासिम भी ऐसे मौको की ही तलाश में था और अब मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स का आनंद लेने के लिए जानबूझ कर ब्रेक लगा रहा था. अब पूरे दिन मम्मी के साथ घूमने के बाद अब मम्मी भी उसको अच्छे से पहचानने लगी और उसके साथ हंसी मज़ाक करने लगी थी और अब उनकी दोस्ती कुछ ज़्यादा ही आगे ही बढ़ गई थी.
अब शादी ख़त्म होने के बाद उन दोनों ने फोन पर भी बातें करनी स्टार्ट कर दी थी. अब मम्मी भी शायद उसको पसंद करने लगी थी, बस पापा के डर के कारण थोड़ा घबरा रही थी और अपने खानदान और अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए कि लोग क्या सोचेंगें? तो मम्मी ने कासिम से बात करनी कम कर दी. शायद पापा का मम्मी से दूर रहना इन सब चीज़ो को बढ़ावा दे रहा था और वो भी एक औरत ही है, प्यार करने की भूख तो उनके अंदर भी थी.
फिर इस बात को 6-7 महीने बीत गये, लेकिन अब मम्मी हर दिन कासिम से बात करने के लिए सोचती थी. फिर एक दिन तंग आ कर उन्होंने कासिम को फोन लगा ही दिया, आख़िरकार अब वो कासिम के सच्चे प्यार को कब तक ठुकराती. तब कासिम दिल्ली में था तो उसने मम्मी को वहीं आने को कहा. अब मम्मी पापा से बहाना बनाकर किसी तरह दिल्ली पहुँच गई. अब कासिम तो वैसे भी इस दिन के लिए कब से इंतज़ार कर रहा था और मम्मी के वहाँ आने की खुशी पर तो वो सातवें आसमान पर था.
अब मम्मी को लेने वो खुद स्टेशन गया और उसने मम्मी का रूम पहले से ही दिल्ली एक बड़े होटल में बुक करवा दिया था. अब स्टेशन से मम्मी को पिक करने के बाद वो लोग थोड़ा बहुत घूमने गये और फिर शाम को वो मम्मी को होटल में अकेले ही छोड़कर जाने की नौटंकी करने लगा, लेकिन मम्मी ने उसको वही रोक लिया शायद अब मम्मी को भी सेक्स का बुखार चढ़ रहा था, तो कासिम ने भी ऐसा ही किया और करता भी कैसे नहीं? इस दिन का तो वो कब से इंतज़ार कर रहा था. अब मम्मी भी रात को सोने की तैयारी करने लगी और अपने कपड़े चेंज करने बाथरूम में चली गई और कासिम को भी चेंज करने को बोली.
अब यह सब बोलने के बाद मम्मी जैसे ही बाथरूम से पिंक कलर की नाइटी पहनकर निकली तो कासिम तो बस उनको देखता ही रह गया, शायद उसकी जवानी उफान पर थी. अब उसकी आँखें मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स ही देख रही थी, अब उसका लंड बिल्कुल टाईट हो चुका था.
फिर मम्मी ने उसको फिर से एक बार और कपड़े चेंज करने को बोला, लेकिन वो कहाँ इतना अच्छा सीन छोड़कर जाने वाला था? लिहाजा फिर वो बोला कि बाद में कर लेगा और मम्मी बेड पर आकर उसके साथ ही बैठ गई. अब इधर उधर की बातें करने के बाद मम्मी का ध्यान कासिम के खड़े लंड पर गया.
अब उसका लंड भी साँप के जैसे फनफना रहा था और पेंट फाड़कर बाहर निकलने को तैयार था. अब यह सब देखकर मम्मी को भी जोश आने लगा था, आख़िर आता भी कैसे नहीं? वो भी कब से प्यासी थी? अब कासिम को भी शर्माते देखकर उन्होंने पहले बात करना ही ठीक समझा और बात स्टार्ट कर दी.
मम्मी – तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
कासिम – नहीं.
मम्मी – सच में.
कासिम – कोई आप जैसी खूबसूरत मिली ही नहीं, जिसको में प्यार कर सकूँ.
मम्मी – में इतनी भी खूबसूरत नहीं हूँ, बताओ कहाँ से खूबसूरत हूँ में? मेरे में क्या अच्छा लगता है?
कासिम – थोड़ा शर्माने के बाद मम्मी के बूब्स की तरफ इशारा कर देता है.
अब मम्मी भी थोड़ा शर्मा देती है और कामुकता वाली नज़रों से कासिम की तरफ देखने लगती है. अब कासिम को भी शायद इस घड़ी का ही इंतज़ार था और वो मम्मी के और नज़दीक आकर बोलता है कि काश में आपका पति होता तो आपको अपनी रानी बनाकर रखता. अब मम्मी थोड़ा शर्माकर बोलती है अच्छा जी, तो बना लो, मना किसने किया है? बस तो फिर क्या था? अब उसकी गाड़ी को हरी झंडी जो मिल चुकी थी.
उसके हाथों ने अब तक अपनी हरकतें स्टार्ट कर दी थी और उसने अपने होंठ भी मम्मी के रसीले होंठो से जोड़ दिए थे और कस कर उसका जूस पीने लगा और अपने दोनों हाथों से मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स को दबाने लगा था. अब मम्मी को भी इन सब में बहुत मज़ा आ रहा था, अब उनकी भी साँसे बहुत तेज़ी से चलने लगी थी, अब वो भी कासिम का पूरा साथ दे रही थी.
फिर करीब 10 मिनट तक मम्मी के होंठो का रस चूसने के बाद कासिम ने मम्मी की नाइटी निकालकर फेंक दी. अब मम्मी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में कासिम के सामने थी, अब कासिम तो जैसे जन्नत में था और मम्मी के बूब्स को निहारे ही जा रहा था. फिर उसने झट से मम्मी के एक बूब्स को पकड़कर ब्रा के ऊपर से ही चूसना स्टार्ट कर दिया और दूसरे बूब्स को अपने हाथ से तेज़ी से दबाने लगा. अब मम्मी को भी बहुत मज़ा आ रहा था और अब उनकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँजने लगा था.
अब मम्मी से भी सहा नहीं जा रहा था तो अब वो भी कासिम की पेंट के ऊपर से ही उसका लंड सहलाने लगी थी. अब उन्होंने उसकी पेंट का हुक खोलकर जैसे ही उसके लंड को आज़ाद किया, तो कासिम का खड़ा लंड भी फनफनाता हुआ साँप की तरह बाहर निकला. अब इतना लंबा और मोटा लंड देखकर तो मम्मी बिल्कुल डर गई थी, शायद उसके लंड की लंबाई भी 8-9 इंच रही होगी.
मम्मी ने इतना बड़ा लंड शायद ही देखा होगा और फिर उन्होंने उसके लंड को अपने हाथ में लेने की नाकाम सी कोशिश शुरू कर दी. उसके लंड की लंबाई भी कुछ ज़्यादा ही बड़ी थी इसलिए उसका लंड उनके हाथ में भी नहीं आ पा रहा था इसलिए उन्होंने उसको ऊपर से ही सहलाना स्टार्ट कर दिया, लेकिन कासिम को इन सब में मज़ा नहीं आ रहा था, शायद इसलिए वो मम्मी को अपना लंड मुँह में लेने के लिए बोलने लगा.
अब भला मम्मी उसकी यह बात कैसे मान पाती? आख़िर कासिम का लंड भी घोड़े जैसी लंबाई और चौड़ाई का था. फिर भी मम्मी ने कासिम का मन रखने के लिए उसके लंड को अपने मुँह के पास ले जाकर उस पर किस करने लगी और ऊपर से ही चाटने लगी, लेकिन फिर भी कासिम अपना लंड पूरा मुँह में लेने की जिद करने लगा.
फिर मम्मी ने भी रंडियों की तरह गुस्से में अपना पूरा मुँह खोल दिया और कासिम ने भी पूरे जोश के साथ अपना लंड मम्मी के मुँह में पेल दिया. अब मम्मी की तो जैसे साँस ही रुक गई थी और उनके मुँह से गल्लुउउप्प गल्लूउप्प्प की आवाज़ आने लगी थी. अब कासिम ने मम्मी के मुँह को ही चोदना स्टार्ट कर दिया था. अब मम्मी की भी साँस इतना लंबा मोटा लंड अपने कोमल मुँह में लेकर हलक तक फूल गई थी, लेकिन अब कासिम कहाँ रुकने वाला था? वो तो बस अपना लंड मम्मी के मुँह में ही पेले जा रहा था और इस तरीके से पहली बार वो मम्मी के मुँह में ही झड़ गया और अब मम्मी भी रंडियों के जैसे उसका पानी पिए जा रही थी.
फिर 10 मिनट के बाद कासिम फिर से तैयार हो गया और इस बार उसका अगला शिकार शायद मम्मी की मस्त चूत थी. फिर उसने झट से मम्मी की पेंटी के ऊपर अपना हाथ डाला और उसको सहलाने लगा. अब मम्मी भी मज़े में अपना सिर इधर उधर पटकने लगी थी, इतने में कासिम ने मम्मी की पेंटी निकालकर फेंक दी और कुत्तों की तरह मम्मी की चूत को चाटने लगा.
अब मम्मी भी शायद पूरी तैयारी से आई थी, क्योंकि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. अब कासिम भी इसी मदहोशी में अपनी जीभ मम्मी की चूत के अंदर पेला ही जा रहा था. अब पूरा रस चूसने के बाद वो करीब 15 मिनट के बाद मम्मी की चूत के ऊपर से हटा और एक बार फिर से अपना लंड चूसने की जिद करने लगा और अपना लंड ज़बरदस्ती उनके मुँह में डालने लगा और इस तरीके से एक बार फिर से मम्मी को घोड़े जैसा लंड चूसना पड़ा. फिर थोड़ी देर तक अपना लंड चुसवाने के बाद वो अपने लंड को सहलाते हुए मम्मी की चूत पर रखने लगा.
अब कासिम ने अपना लंड मम्मी की चूत के ऊपर रखते ही मम्मी के शरीर में बिजली दौड़ने लगी थी. फिर कासिम ने भी अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया, लेकिन अब उसका लंड तो मम्मी की कोमल चूत में जाने का नाम ही नहीं ले रहा था. अब जिस होटल में मम्मी और कासिम थे, वहाँ तेल लेने नहीं जा सकते थे इसलिए मम्मी को एक बार फिर से कासिम का लंड चूसना पड़ा.
अब इतना चूसने के कारण कासिम का लंड भी लिपस्टिक के कारण लाल हो चुका था. अब कासिम का लंड भी पूरे उफान पर था और एक बार फिर कासिम ने ढेर सारा थूक मम्मी की चूत पर लगाया और ज़ोर से अपना लंड अंदर पेल दिया. अब मम्मी की इस झटके से तो चीख ही निकल पड़ी और थोड़ा सा ही लंड अंदर जा पाया था. अब मम्मी जब तक एक झटका झेल पाती, उससे पहले कासिम ने एक और झटके से अपना लंड अंदर पेल दिया. अब मम्मी मछली की तरह इधर उधर झटपटाने लगी थी, लेकिन अब कासिम कहाँ रुकने वाला था? उसको चूत जो मारने को मिली थी.
फिर पहली बार मम्मी उसको थोड़ा आराम से करने को बोली और इस तरीके से अभी तक सिर्फ़ आधा लंड ही अंदर गया था, लेकिन अब मम्मी की हालत खराब थी. फिर कासिम ने भी धीरे-धीरे से अपना लंड डालना स्टार्ट कर दिया और थोड़े ही टाईम में कासिम का पूरा लंड मम्मी की चूत के अंदर था. अब तो मम्मी को भी मज़े आने लगे थे और अब वो भी अपनी कमर हिला-हिलाकर कासिम का पूरा साथ दे रही थी.
फिर कुछ टाईम तक इसी तरह चलने के बाद जल्द ही कासिम झड़ने की कगार पर पहुँच गया और उसने अपना सारा गर्म वीर्य मम्मी की चूत के ही अंदर छोड़ दिया और मम्मी के बड़े-बड़े बूब्स दबाते हुए उनके ऊपर ही लेट गया और लंबी-लंबी साँसे लेने लगा. अब मम्मी का भी हाल कुछ इसी तरीके का था, अब मम्मी बहुत खुश थी, अब उनको जिंदगी के सफ़र में एक ठरकी छोकरा जो मिल गया था.
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें