मेरा नाम सनी है, मैं पंजाब के एक छोटे कस्बे का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 28 साल, रंग नार्मल, हाइट 5 फुट 8 इंच है. कॉलेज की पढ़ाई मैंने यहीं रहकर पूरी की है। मेरे लण्ड 5 इंच, आगे से थोड़ा ज्यादा मोटा है। मैं सबकी तरह यह नहीं बोलूंगा कि मैं बहुत हैंडसम हूँ या लड़कियां मुझ पे मरती है या मेरा लण्ड बहुत बड़ा है।
यह मेरी पहली कहानी है कोई गलती हो तो माफ़ कर देना। यह कहानी आज से पांच साल पुरानी मेरी और मेरी चाची रीना की है। उसकी उम्र 35 साल और माप 32 28 30 है। चाची दिखने में 28 29 साल की एकदम सेक्सी मॉल, साउथ की एक्ट्रेस जैसी लगती है और जो भी उसको देख ले तो चोदना जरूर चाहेगा।
मेरे घर में हम जॉइंट फॅमिली है मेरे मम्मी पापा, बड़ा भाई भाभी, छोटी बहन, चाचा चाची, उनका बेटा और उनकी बेटी।
मैं पहले से ही अपनी चाची को चोदना चाहता था। हर वक्त उनको चोदने के सपने देखता और हमेशा ही उनको चोदने का मौका ढूंढता रहता था। रोज चाची के नाम की मुठमारता था कभी उसके चुचे देख कर कभी बाथरूम में पढ़ी उसकी ब्रा पेंटी देख कर।
अब रोज रोज की मुठ से परेशान हो कर मैंने चाची को चोदने का प्लान बनाया। जॉइंट फॅमिली होने के कारण कमरे बहुत से थे लेकिन नहाने के बाथरूम सिर्फ दो ही थे। घर में मेरे कमरे के साथ वाले के बीच दरवाजा खुलता था और उस कमरे में एक छोटा बाथरूम था। गर्मी की वजह से हम नहाते हुए बाथरूम के दरवाजे की जगह कमरे का दरवाजा बंद करते थे ताकि पंखा चला कर आराम से नहाया जा सके।
मैंने उस दरवाजे में एक छोटा सा छेद कर दिया ताकि मैं चाची को नहाते हुये देख सकूँ। अब मेरा रोज का काम हो गया सुबह जब भी चाची नहाने जाती मैं उसको नंगी नहातीदेखता और मुठ मारता।
गर्मियों की रात में देर रात में अपना घर का काम निपटा कर वो नहाने आती, मैं हमेशा ध्यान रखता कि मेरी सेक्सी चाची नहाने कब जायेगी। उसको देखने का कोई भी मौका मैं अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था।
एक दिन की बात है, चाची को शक हो गया कि मैं उनको नहाते हुए देखता हूँ और चाची भी मेरे ऊपर ध्यान रखने लग गयी। जब भी वो नहाने जाती वह छेद के पास कपड़ा डाल देती.
पर एक दिन जब चाची नहाने गयी मैंने वो एक स्वेटर बुनने वाली सलाई से छेद के ऊपर के कपड़ा पीछे कर दिया जिसे शायद चाची ने भी देख लिया लेकिन ऐसे दिखाया कि उसने कुछ नहीं देखा और मेरा वही रोज का मुठ मारना द्वारा शुरू कर दिया।
अब जब भी चाची नहाने जाती तो मैं उस छेद से देखता और जब नहा कर निकलती मैं साथ की साथ नहाने घुस जाता और उनकी ब्रा पेंटी उठा कर मुठ मारता।
एक दिन वी समय आ ही गया जिसका मुझे इंतेजार था। घर में मैं और चाची ही थे, चाची नहाने गयी तो मैंने रोज की तरह छेद से देख कर मुठ मारी और उसके नहाने के तुरंत बाद मैं नहाने घुस गया और उनकी ब्रा पेंटीसूंघ कर द्वारा मुठ मार रहा था कि मुझे लगा कि चाची छेद से मुझे देख रही है… और मैंने छेद वाली साइड पे अपना मुंह कर के चाची को अपना लण्ड दिखा कर सेक्सी इशारे करते हुए मुठ मारी और सारा माल उनकी पेंटीपे गिरा दिया।
जब मैं नहा के निकला तो चाची तुरंत कमरे घुस गयी। मैंने छेद से देखा वो मेरामाल चाट रही थी और धीरे धीरे गर्म हो कर कपड़े उतार कर नंगी हो गयी। अपनी चूत में उंगली डाल कर ‘आह आ आह…’ की आवाज निकाल रही थी और फिर छेद की तरफ अपनी चूत दिखा कर उंगली करते हुए मेरी तरफ सेक्सी अदाएं दिखा रही थी क्योंकि चाची को भी पता था कि मैं छेद से सब देख रहा हूँ।
लेकिन मैं और चाची दोनों ही एक दूसरे से सीधा आगे आने से डरते थे।
अब चाची का मेरी और देखने का नजरिया बदल गया, वो बात बात पे मुझसे डबल मीनिंग बात बोल जाती और रोज हम इक दूसरे को रोज नहाते देखते लेकिन सीधा बोलने से डरते थे।
एक दिन सब पड़ोस के किसी फंक्शन में गये हुए थे, घर में सिर्फ चाची थी और मैं ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था। मैं सबसे छुप घर गया, सीधा चाची के कमरे की तरफ जाने लगा तो मुझे बाथरूम से पानी की आवाज आई।
मैं दबे पैर वहां गया और अपना लण्ड निकाल कर मुठ मारते हुए छेद में देखने लगा ही था कि चाची ने एकदम दरवाजा खोल दिया। उधर घर में कोई ना होने की वजह से चाचीनंगी ही बाहर आ गयी और मैं नंगा मुठ मार रहा था।
दोनों एक दूसरे को ऐसी हालत में देख कर शर्माने का नाटक कर रहे थे। चाची ने अपना एक हाथ अपनी चूत पर और दूसरा हाथ अपने बूब्स पर रख लिया लेकिन उनकी निगाह मेरे लण्ड पर टिकी हुई थी।
ऊपर से चाची गुस्सा होने का नाटक करती हुई बोली- ये क्या कर रहे थे तुम ऐसे नंगे होकर? शर्म नहीं आती अपनी चाची को ऐसे नहाते हुए देखते हो? मैं सब कुछ तुम्हारी मम्मी को बताऊँगी।
मैं इस समय भी अपना लण्ड हाथ में लेकर हिला रहा था और चाची मेरे औजार को घूरे जा रही थी लेकिन अब चाची की आँखों में चुदवाने की लालसा दिखने लगी थी। चुदवाने की लालसा से उनकी आंखें लाल हो गयी और चूत की आग के आगे चाची का गुस्सा कम पड़ रहा था।
मैं चाची से बोला- आप भी तो मुझे नहाते हुए या मुठ मारते हुए देखती थी छेद से?
तभी चाची बोली- तुम्हारे चाचा तो काम में बिजी रहते हैं, इस चूत की आग बुझाने के लिए कब तक उंगली से काम चलाऊं? और तुम्हें एक चूत चाहिए और मुझे एक लण्ड… दोनों का काम भी हो जायेगा और किसी की पता भी नहीं चलेगा।
तभी मैंने अपना एक हाथ चाची के चूचे पर रख कर थोड़ा दबा दिया।
चाची हंसती हुई बोली- ये क्या कर रहे हो?
और मैं भी उनके निप्पल काटते हुए बोला- जो आप मेरे साथ करना चाहती हो।
मेरे इतना बोलते ही चाची ने मुझे कस के पकड़ लिया और मेरे होंठ चूसने लगी। हम करीब 3-4 मिनट तक होंठ चूसते रहे और अपने हाथ एक दूसरे के शरीर पर फिराने लगे।
चाची एकदम से नीचे बैठ गयी और मेरा लण्ड चूसने लगी। मैंने कभी भी किसी लड़की को चोदा नहीं था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं बस उसके सर में हाथ फेर रहा था, मेरी आँखें बंद हो गयी और मैं जन्नत में पहुँच चुका था, ऐसे दिल कर रहा था कि बस ये साली ऐसे ही लंडचूसती रहे।
चाची मेरा पूरा लण्ड अपने मुंह में लेकर अपने गले के अंदर तक ले रही थी और करीब 15 मिनट तक चूसती रही और 15 मिनट बाद मेरे पानी की धार सीधा उनके मुंह में निकल गयी जिसे चाची मजे ने लेकर पी लिया।
अब मुझे थोड़ा सुकून मिला। लेकिन वो साली अब भी मेरे लंड को मुंह से बाहर नहीं निकाल रही थी जिसे मैंने मुश्किल से बाहर निकाला जिस पर वो थोड़ा गुस्सा भी हो गयी और मैं बोला- चिंता मत कर मेरी रानी, सारी शिकायतें दूर करके रहूंगा तुम्हारी।
जिससे खुश होकर चाची ने मुझे एक और किस कर ली।
अब मैं मेरी चाची को उठा के बेड पे ले गया और बेड पे उनके साथ लेटकर उसके बदन से खेलने लग गया, उसके बूब्स को चूस रहा था, एक हाथ से उसका दूसरा चूचा दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली करने लग गया।
चाची भी अब पूरी गर्म थी और जोर जोर से ‘आह आह आ आ…’ की आवाज़ें निकाल रही थी, अपने एक हाथ से मेरा लण्डपकड़ के दबा रही थी और दूसरे से मेरी पीठ पे नाख़ून काट रही थी.
अब हम 69 में आकर एक दूसरे को चूस रहे थे.
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी जिससे वो सिहर गयी और मेरा लण्ड चूस चूसकर चोदने लायक बना दिया और वो मुझे पागलों की तरह चूस रही थी।
कभी मैं चाची की चूची तो कभी चूत को रगड़ रहा था.
अब चाची पर सेक्स का पूरा नशा सवार था, वो वासना से बस आह आह की आवाज निकाल रही थी और मुझे बार बार चोदने का बोल रही थी। लेकिन मैं उसको थोड़ा जानबूझ कर तड़पाना चाहता था.
तभी मेरी चाची रीना गाली निकाल कर बोली- अबे बहनचोद, मेरी चूत में आना लण्ड डाल कर शांत कर! अगर और देरी की तो तेरी माँ चोद दूंगी।
मैंने ज्यादा देर न करते हुए चाची की टांगें खोल कर अपना लण्ड चूत पे लगाया और जोर से धक्का मारा जिससे आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया और चाची बोली- अबे बहनचोद… मेरी चुत फाड़ दी।
चाची के मुंह से गालियाँ सुनकर मैं और भी जोश में आ गया और जोर से एक धक्का मारा और पूरा लण्ड चूत में घुसा कर बोला- रीना साली… बहन की लोड़ी…. रंडी तेरी माँ चोद दूँगा आज।
चाची हंस कर बोली- पहले मुझे तो चोद बहन के लोड़े… मेरी माँ बाद में चोदना।
मैंने 10 मिनट तक चाची को ऐसे ही चोदा, उसके बाद उसको बोला- साली रंडी अब कुतिया बन जा!
चाची आगे झुक कर कुतिया बन गयी और बोली- आ जा मेरे कुत्ते, चोद अपनी कुतिया को!
मैंने लंड एक झटके उनकी चूत में डाला और बोला- रीना डार्लिंग, आज से तू मेरी रांड है।
चाची बोली- कमीने, रंडी को प्यार से चोद… ऐसे न हो कि मैं चलने लायक न रहूँ।
यह सुनकर मैं जोर जोर से चोदने लगा और मेरी चाची रीना मुझे माँ बहन की गलियां देती रही।
थोड़ी देर बाद मैंने चाची को सीधा लिटाया, उसके ऊपर बैठ कर उसके चूचों पर एक जोर से मारा और बोला- रीना, बहन की लोड़ी, साली रांड…
और उसकी एक टांग उठा कर लण्ड डाल के चोदने लगा.
अब तक चाची का 2 बार हो चुका था लेकिन मेरा एक बार भी नहीं हुआ था. चुदाई के साथ बातें करते करते मैंने उससे पूछा- आज तक कितनों से चुदवाया है? कितनों के बिस्तर गर्म किये?
तो चाची कहती- तुम्हारे चाचा के बाद तुझसे ही चुदवाया है, लेकिन उंगली बहुतों की फीलिंग लेकर करती थी।
ऐसे ही बातें करते करते हमने काफी देर तक सेक्स किया और उसके बाद सारा पानी अपनी सेक्सी रंडी कुतिया रीना चाची के मुंह में और थोड़ा ऊपर गिरा दिया जिसे वो अच्छे से चाट गयी और मेरा लंड पूरा साफ करके मुझे गले लगा लिया और बोली- इतना मजा मुझे आज तक नहीं आया!
और मुझसे इसके बदले कुछ भी मांगने को बोला तो मैंने इसके बदले दो चीजें मांग ली, एक कि मैं जब भी चाहूँ, चाची को चोद सकता हूँ और दूसरा उसकी बेटी को उसके साथ चोदने का वादा ले लिया, जिसे चाची ने खुद पूरा किया। अब हम जब भी मौका मिलता है तो सेक्स करते हैं। उसके बाद चाची में अपनी बेटी को मुझसे चुदवा कर मुझे बहनचोद बना दिया।