Free BDSM sex stories, Bondage, best erotic porn stories on bdsmsexstory, Bdsm Hindi Sex Story, BDSM chudai sex story, bdsm sex story pic porn photo, Read sex kahani, kamuk kahani for free

पापा से चुद कर अपनी चूत की खुजली मिटाई

मैं अमृतसर से हूँ. मेरी एज अभी 24 साल की हे और मेरी बॉडी एकदम सेक्सी दिखती हे. मेरा फिगर 34 30 36 का हे. मैं जब चुस्त कपडे पहन के निकलती हूँ तो मेरे बदन के उभार को देख के जवान तो ठीक बूढ़े भी अपने लंड को मसल देते हे.कोलेज में बहुत सब लड़के मुझे देख के मरते थे मेरे ऊपर. लेकिन मैंने अभी तक किसी को चारा नहीं डाला था. 

मेरे पापा ने पहले ही  मुझे कहा था की कोलेज में लडको से दूर रहना वरना पछताना पड़ सकता हे तुझे. मैंने अपनी स्नातक की डिग्री ले ली थी. और अब मेरी चाह ये थी की मैं एक अच्छी मॉडल बनूँ.वैसे मैंने कोलेज के दिनों में बहुत मॉडलिंग की थी और मुझे यहाँ हमारे शहर के एक दो लोकल ब्रांड का काम भी मिला था. जैसे जैसे मैं उम्र में बढती गई वैसे वैसे ही मेरा बदन भी कुछ मांगने लगा था. लेकिन मेरे पास कोई मर्द था नहीं इसलिए मैं अपनी चूत को अपनी फिंगर से शांत कर लेती थी. और मेरी एक मॉडलिंग वाली दोस्त भी थी जिसका नाम शालिनी थी. हम दोनों कंभी कभी मौका देख के लेस्बो सेक्स किया करते थे. लेकिन वो सब एकदम डर डर के करना पड़ता था.

वैसे मैं सेक्स की स्टोरी पढ़ती हूँ और मैंने अब तक बहुत पोर्न फिल्म्स भी देखी हे. और उस से मरी वासना कम होने की जगह पर बढती ही चली गई. मेरी मोम की डेथ तो मैं जब बहुत छोटी थी तभी हो गई थी. मेरे सिवा घर में मेरे डेड ही हे. उनकी एज 48 साल की हे. लेकिन वो  रेग्युलर जिम करते हे. और वो किसी जवान लड़के से भी अच्छे लगते हे.वैसे मैं इस बात से पहले ज्ञात नहीं थी. लेकिन एक दिन मैंने पापा को बालकनी में खड़े हुए किसी से बात करते हुए सुना. वो एक रंडी थी जिसके साथ पापा बात कर रहे थे. उस रंडी ने पापा को अपने घर पर ही सेक्स के लिए बुलाया था. 

फिर मैंने अपनी तरह से छानबिन की तो पता चला की मम्मी की डेथ के बाद पापा बहार रंडी भाभियों और जवान कॉलगर्ल्स को काफी अरसे से चोद रहे थे. और तभी मेरे मन में एक गंदा ख्याल आया की पापा भी प्यासे हे और मैं भी. तो क्यूँ ना मैं पापा का लंड ले लूँ तो दोनों का काम हो जाए! लेकिन दुसरे ही पल मैंने सोचा की नहीं ये तो गलत बात हे और पाप भी.

पर बार बार मेरी निगाहों के सामने पापा के लंड की काल्पनिक चित्र बन रही थी. मैं अब जल्दी से लंड को अपनी चूत में डलवा लेना चाहती थी बस.एक दिन मुझे एक मॉडलिंग के काम के लिए पापा के साथ बहार जाना हुआ. पापा मुझे अकेले शहर से बाहर नहीं जाने देते हे. वो दिन पूरा हमें बहार ही रहना था और रात को लेट घर वापस आना था. लेकिन जब हम वहाँ पहुंचे तो पता चला की ऑडिशन के लिए जो टीम आई थी वो किसी अर्जंट काम में थी और ऑडिशन एक दिन के लिए टाला गया था. 

हम लोग तो कपडे सापडे कुछ भी ले के नहीं आये थे.पापा ने कहा अब वापस जाना और फिर यहाँ आना तो बेकार हे एक काम करते हे किसी होटल में ही रात निकाल लेते हे. मैंने कहा हां यही ठीक रहेगा पापा. पापा ने एक होटल में रूम ले ली. मैं जर्नी की वजह से थकी हुई थी इसलिए रूम में घुसने के बाद मैं सीधे ही नहाने के लिए चली गई. पापा निचे खाने के लीए जा रहे थे तो मैंने उन्हें कहा की पापा आप मेरा डिनर ऊपर ही भेज देना प्लीज़.

फिर मैंने फ्रेश हो के अपने टॉप को निकाल के कपबोर्ड में टांग दिया. एक पल के लिए मुझे लगा की पापा बिना टॉप पहने देख लेंगे तो बहुत डांटेंगे. लेकिन मुझे कल के लिए टॉप को बचाना भी था. इसलिए मैं उसे पहन भी तो नहीं सकती थी. फिर मैंने मन ही मन सोचा की शायद पापा के अन्दर की वासना ऐसे देख के उमड़ पड़े और मुझे चोद भी ले वो. ये सोच के मैं मन ही मन फुदक सी रही थी. और मैं मन ही मन में ये सोच रही थी की आज तो कैसे.जब पापा आये कमरे में तो उन्होंने मुझे देखा. वैसे मैं भी पापा को देख रही थी. 


लेकिन मैंने अपनी आँखे बंद कर ली थी उन्के सामने. पापा की आँखे फटी की फटी रह गई मुझे ऐसे बिना टॉप और ब्रा के देख के. और वो मेरे कडक बूब्स को देख रहे थे. लेकिन फिर उन्होंने अपनी नजरे मेरे ऊपर से हटा दी और सामने के सोफे के ऊपर सो गये. और मैं पापा के लंड को लेने के लिए बिस्तर के ऊपर ही तड़पने लगी थी. मैंने देखा की पापा का मन बार बार मुझे देखने को होता था. वो मुझे एक पल के लिए देखते थे और फिर अपने मुहं को वापस दूसरी तरफ फेर लेते थे. मैंने उठ के बाथरूम का रास्ता लिया. वहां पर मुतने के बाद मैंने अपनी जींस को भी निकाल के बाथरूम में ही टांग दिया. मैंने सोचा की अगर पापा पूछेंगे तो मैं कह दूंगी की उसके ऊपर क्रीज़ ना पड़े इसलिए मैंने निकाली हे. फिर मैं बेड में अपनी टांगो को एकदम से खोल के ही लेट गई ताकि पापा मेरे प्लेग्राउंड को अपनी आँखों से देख सके. पापा का लंड भी मुझे ऐसे देख के खड़ा होना था वो मैं जानती ही थी.

अब मैं सोच रही थी की जल्दी से मेरे डेड मेरे पास आये और वो मेरी वर्जिन चूत में अपना मोटा लंड डाल के उसकी प्यास को शांत कर दे. लेकिन पापा शायद हम दोनों के रिश्ते की वजह से रुक रहे थे और पहल नहीं कर रहे थे. वो सोये नहीं थे लेकिन बार बार अपनी करवट को बदल रहे थे. उनकी आँखे बंद थी.

लेकिन अब मेरी चूत में जो सावन आ गया था उसने मुझे एक रंडी से भी खतरनाक औरत बना दिया. मैं पापा के पास सोफे के ऊपर जा बैठी. पापा की आँखे अभी भी बंद थी. मेरी जांघ को मैंने उनसे सटा दिया था. वो मुझे नहीं देख रहे थे लेकिन उनका लंड एकदम कडक हो गया था और उनकी जींस के ऊपर ऐसे लग रहा था की किसी भी पल जींस को फाड़ के वो बहार आ जाएगा.मैंने लंड को अपनी चूत के सामने रखा और पापा से लिपट के सोफे में ही लेट गई. 

पापा का भी मूड बन गया और वो अब रुके नहीं. उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मुझे किस करने लगे. मैंने पापा के लंड को पकड़ा और कहा, पापा अपनी बेटी को आज आप औरत बना दो. मेरी वर्जिन वजाइना कब से आप का लंड चाहती हे उसे पेल के आप ठंडी कर दो!पापा ने कहा, हां अब तो तुझे चोदना ही पड़ेगा, और आज मैं ऐसे तुझे अपने लंड पर बिठाऊंगा की तू लंदन की शेर करेगी मेरे लंड पर बैठे हुए ही.अब पापा खड़े हुए और वो अपने कपडे खोलने लगे. पापा ने अंडरवेर के सिवा अपने सब कपडे निकाले. फिर उन्होंने मुझे टाईट हग कर दी और बोला, सच में तू अपनी उम्र से पहले ही बड़ी हो गई मेरी डार्लिंग डॉटर.

वो मुझे किस दे रहे थे और उनकी साँसे एकदम गर्म गर्म थी जो मेरे होंठो को टच हो रही थी और मुझे भी हॉट कर रही थी. हम दोनों बाप बेटी ऐसे ही एक दुसरे को कुछ मिनट तक चूसते रहे और हग करते रहे. मेरा बदन एकदम हॉट हो गया था और पापा का लंड हग करने की वजह से मेरी चूत पर ही पड़ा हुआ था. वो एकदम हॉट था जैसे लोहे की सलाख!और फिर पापा ने अपनी अंडरवेर को भी निकाल फेंका. 

उन्के खड़े लंड को देख के मेरा हाथ मुहं पर आ गया. कसम से उनका लंड देख के एक मिनिट के लिए तो मैं डर ही गई की भला उसे कैसे चूत में ले सकती थी मैं! पापा मेरे पास आये और मेरे मम्मो को हाथ में ले के दबाने लगे. फिर वो मेरी निपल्स को पिंच करने लगे और उन्हें अपने मुहं में ले के चूसने भी लगे. मेरे अन्दर की कामुकता एकदम से बढ़ चुकी थी और मैं सिस्कारियां ले रही थी.पापा ने भी अपनी सब जान लगा दी मेरे बूब्स को सक करने में और उन्हें दबाने में. वो मुझे चुदाई से पहले एकदम से हॉट कर देना चाहते थे.

और फिर पापा ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी जांघो के ऊपर अपने हाथ घुमाने लगे. मैं एकदम से सेक्सी आवाजें निकाल रही थी. और वो धीरे से ऊपर आये और मेरी हलकी सी हेयरी चूत को खोल के उसे देखने लगे. मेरी चूत अन्दर से पिंक थी. पापा ने धीरे से उसका चुम्मा लिया और मुझे लगा की मैं पिगल रही थी जैसे. पापा ने कहा, वाऊ क्या खुसबू हे मेरी बेटी की चूत की! पापा ने अपने होंठो को मेरी चूत के होंठो से लगा दिया और वो उसे मस्त सक करने लगे. 

वो जब चूत के दाने को ऊँगली से हिला के जबान से चूसते थे तो मैं पागल ही हो जाती थी.उसके बाद पापा ने उल्टा हो के मेरे साथ 69 पोज़ बना लिया. वो मेरी चूत को फिंगर कर रहे थे और मैं उन्के बड़े लंड को सिर्फ आधा अपने मुहं में ले के लिककर रही थी उसको. पापा ने जब अपनी फिंगर को चूत में डीप तक घुसाया तो उसका पानी और भी निकल पड़ा. पापा ने कहा, मेरी छिनाल बेटी की चूत आज किसी रांड के जैसे पानी निकाल रही हे. मेरी चूत को वो और भी कस के कस फिंगर करने लगे जिसकी वजह से मैं वही पर झड़ गई. 

मेरी चूत का रस पापा ने अमृत के जैसे अपनी जबान से एक एक बूंद चाट लिया. फिर पापा ने कहा, अब मेरी बेटी की कच्ची कली जैसी चूत को मैं अपने लंड से फुल बनाऊंगा. पापा ने अपने पेंट की जेब से एक पेकेट निकाला. शायद वो हमेशा ही अपने साथ कंडोम रखते थे. कंडोम के अन्दर उनका लंड एकदम चमक रहा था.

पापा ने जैसे ही अपने लंड को अंदर घुसाने के लिए धक्का दिया तो मैं दर्द के मारे एकदम छटपटा उठी. लंड भी नहीं घुसा अन्दर क्यूंकि मेरी चूत एकदम टाईट थी. पापा ने मेरे मुहं को बंद कर दिया अपने होंठो से और वो मेरे बूब्स को भी मसलने लगे. उनका लंड अभी भी मेरी चूत के होल पर ही था. और फिर उन्होंने धक्का दिया तो आधा लंड चूत में ले लिया मैंने. मुझे बहुत दर्द हो रहा था उन्के इस मजबूत लोडे से.

लेकिन पापा को अपनी बेटी की कोई दया नहीं आई. जैसे वो अपनी रेग्युलर रंडी को चोदते थे वैसे ही अपने लंड के धक्के मारने लगे. कुछ मिनीटो में ही उनका लंड पूरा मेरी चूत में था. मुझे भी अब मजा आने लगा था.मैं भी जोर जोर से मोअन कर रही थी और अपनी बॉडी को कमर से झटके दे के चुदवा रही थी पापा के लोडे से.पापा ने मुझे होंठो के ऊपर चूमा और बोले, वाह बेटा तेरी चूत तो बड़ी ही सेक्सी हे.

पापा को भी बहुत मजा आ रहा था अपनी बेटी की चूत मारने में. वो कस कस के मुझे चोदते रहे. और फिर कुछ देर में वो बोले, चल अब तू मेरे लोडे पर बैठ जा.वो निचे बैठे और मैं पापा की गोदी में चढ़ गई. पापा का लंड मेरी चूत में पूरा घुसा हुआ था और मैं उछल उछल के चुदने लगी.पापा के साथ पूरी रात यही सब चला. 

उनका लंड खाली होता था तो वो 20-25 मिनिट ब्रेक कर लेते थे. और फिर खड़ा कर के लोडे को मेरी चूत में डाल देते थे.पापा के साथ उस होटल में चालु हुई चुदाई आज भी वैसी ही हे. अब उन्होंने रंडियां चोदना बंद कर दिया हे क्यूंकि अब उन्हें घर में ही मेरी चूत मिल जाती हे!
Share:

0 Comments:

एक टिप्पणी भेजें

Copyright © 2021 BDSM Sex Story All Rights Reserved