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रक्षाबंधन के दिन दीदी की योनि चाटी

लो दोस्तों.. मेरा नाम अमित शर्मा है. मेरी उम्र ३० वर्ष है. मै एक सोफ्टवेयर इंजीनियर हूँ. और बंगलौर में रहता हूँ . मेरा दोस्तों में सर्किल बहुत बड़ा है. अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. एक दिन एक लड़की ने कॉल किया. उसका नाम आकांशा था. उसने कहाँ होल्लो भेया. और उसने रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने को कहा..वह

वही आसपास फ्लेट के एक होस्टल मै रहती थी.

वह मेरी मुहँ बोली बहिन थी. बाहर हम दोनों एक साथ रहते थे. और मूवी देखते थे. इस सप्ताह मेरी मुहँ बोली बहिन ने मेरे फ्लेट पर आने को कहा. वह दुसरे दिन मेरे फ्लेट पर आयी. और उसने अपने हाथो से गारमा गरम खाना बनाया और दोनों ने साथ-साथ खाना खाया. फिर टी.वी देखा.

हम दोनों अक्सर साथ में रहा करते थे. वह फिर चार दिन बाद आयी और स्वादिस्ट खाना बनाकर लायी थी. लेकिन अचानक बरसात शुरू हो गई और वह भीग गई. फिर उसने दरवाजे की बेल बजाई मैने गेट खोला और उसे अंदर आने को कहा.. मैने उसे देखा की वह पूरी तरह भीग चुकी थी..

मैने उसके हाथ से टिफिन लिया और टेबल रख दिया. लेकिन मेरे मन में उसके लिए कोई गंदी सोंच नहीं थी.. मैने उसे एक टावल दिया और कहा की रूम में चली जा और खुद को सूखा ले.. उसके कपड़े  भीग चुके थे तो मैने उससे कहा की इन्हे प्रेस (आइरन) से सूखा ले रूम में..

वो अंदर चली गई और मैं बाहर बेड रूम में टीवी देख रहा था.. 5-10 मिनट बाद उसने मुझे आवाज़ दी और मैं अंदर रूम में गया.. उसने टावल लपेटा हुआ था और अपना गीला टॉप बेड पर पडा था.. उसे ऐसा देख कर मैं थोड़ा हैरान रह गया..

उसने मुझसे कहा की प्रेस चालू नहीं हो रही ज़रा देखना.. मैं देखने लग गया और वो मेरे पीछे खड़ी थी.. मैने प्लग ठीक कर दिया और जब पीछे मुड़ा तो देख कर हैरान रह गया.. मैने देखा की टावल नीचे गिरा हुआ था और उसकी ब्रा का एक हिस्सा भी नीचे था.. मैने उसे देखा पर उसे कोई फ़र्क नई पड़ा..

10-15 सेकंड बाद उसने अपना टावल उठाया और आगे लगा लिया.. क्या फिटनेस वाले फिगर थे. उसकी साईज 34-30-36 उसके आधे बोब्स ब्रा में से दिख रहे थे.. ऐसा द्रश्य देख कर मेरा दिमाग ख़राब हो गया. मैं तुरंत बाहर चला गया और उसने दरवाज़ा बंद कर लिया..

मैं यह सोच-सोच कर पागल हो रा था.. मेरा 7 इंच का लंड टाइट हो गया था.. मैं उसे नंगा देखना चाहता था तो में उसे खिड़की से देखने लग गया.. मैने देखा की वो सिर्फ़ पेंटी में खड़ी थी. और अपने सारे कपड़े उतार कर प्रेस से सूखा रही थी.. उसके बड़े-बड़े बोब्स और गांड देख कर मैं पागल सा हो गया..


मेरा लंड पजामें के अंदर बिल्कुल टाइट खड़ा हो गया था. और मैं उसे सहला रहा था.. फिर उसने अपनी पेंट को थोड़ा सा नीचे किया. और अपनी चिकनी गांड को टावल से सॉफ कर लिया.. अब मुझसे रहा नही जा रहा था.. मैने सोच लिया था की आज में अपनी बहिन को चोद कर ही रहूँगा..

मैं धीरे से गेट के पास गया और पुश किया.. लेकिन वो अंदर से बंद था.. मैने बड़ी हिम्मत कर के हल्का सा नॉक किया.. अंदर से आवाज़ आई की क्या हुआ और मै धीरे से बोला की मुझे कुछ लेना है.. उसने गेट खोला तो उसने सिर्फ़ टावल लिया हुआ था.. और टावल के अंदर सिर्फ़ पेंटी थी..

मैं अंदर चला गया और कहा की कोई सहायता चाहिए क्या.. उसकी आँखों में भी तरक दिख रही थी.. उसने कहा की टॅल्कम पाउडर है क्या..मैने कहा की है और उसे निकल कर दे दिया.. मैने उससे पूछा की मैं लगा दूं…..वो शर्मा गई और कुछ नहीं बोली..

मैं समझ गया था की आज लड़की चुद कर ही जाएगी.. मैने पाउडर का बॉक्स अपने हाथ में ले लिया और उसे बेड पर लेटने को कहा..वो शरमाते हुए उल्टी लेट गई.. उसने सिर्फ़ पिंक कलर की पेंटी पहनी हुई थी.. मैं उसकी गांड और नंगी कमर को देख रहा था.. मैने उसकी कमर पर पाउडर लगाया और धीरे – धीरे पेंटी के अंदर हाथ डाल दिया..

उसने कुछ नही कहा… उसकी गांड को दबाया और पेंटी थोड़ी सी नीचे कर दी.. फिर मैने भी पाजामें से अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसे सीधा लेटने को कहा.. वो शरमाते हुए सीधा हो गई.. उसके टाइट बोब्स मेरे सामने थे.. उसकी नज़र मेरे लंड पर पडी और कहने लगी वाह!! कितना मोटा लंड हैं. सच में मैने पहले कभी नहीं देखा इतना बड़ा और जो चट्टान जेसा सख्त हैं. आह आज तों मजा आ जायगा. आज सारी प्यास बुझ जायगी..

फिर मैने उसके बोबे को दबाया और चूची मसलने लग गया.. उसने भी मेरा लंड पकड़ लिया और सीधा मूहँ में ले लिया,, मुझे बडा सेक्सी फील हो रा था.. मैने भी उसकी पेंटी उतार दी और खुद भी बिल्कुल नंगा हो गया.. 69 की पोज़िशन में मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड..

उसकी चूत पर थोड़े से बाल थे और बिल्कुल टाइट थी.. मैने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक बार ज़ोर से मारा.. उसे दर्द होने लगा और वह रोने लग गयी.. मैने उसके मूहँ को अपने मूहँ से बंद कर लिया और उसे चाटने लग गया..

उसे अच्छा फील होने लगा था.. मैने देखा की उसकी चूत में से ब्लड आ रा हैं. फिर मैने थोड़ी सी रुई ली और उस की चूत को पूरी तरह सॉफ कर दिया और फिर चालू हो गया.. लेकिन कुछ देर बाद मेरा लंड और उसकी चूत खून से लाल हो गई.

अब दोनों को और मजा आने लगा. फिर मैने अपनी प्रतिक्रया और तेज कर दी. फिर वह आह…ओ..आह…आई….धीरे करो में मर जाऊँगी. इतने में वह फुल जोश मै आ गयी. और उसने मेरी कमर को कस कर पकड़ लिया. और कहने लगी जल्दी – जल्दी करो ना जानू.

मेरे झड़ने का समय आ गया था. और उसका भी समय अब दूर नहीं था.और जोर से अन्दर डालते डालते मेरा पानी उसकी चूत में ही निकल गया.. फिर अपना लंड बाहर निकाला और सॉफ कर लिया.. लेकिन अभी उसका झड़ना शेष रह गया था.

फिर उसने अपनी चूत में उंगली डाली और जोर-जोर से अन्दर घुमाने लग गयी. इतने में पानी निकालने लग गया.. वह दुखी हुई कही कुछ ना हो जाये. उसकी परेशानी खत्म हुई जब मैने उसे बाजार से पिल्स (दवाई) ला कर दी.. हमने खूब आनंद लिया.. उसके बाद मैने उसे फिर करीब 20 बार चोदा.. अब मैं अपने घर आ गया हूँ और वो भी अपने घर चली गई है अंबाला.. मै इन दिनों को हमेशा याद रखूँगा.

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