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19 साल की मखमली झांटों वाली चुत

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम सीमा है और मैं 19 साल की हूँ. यह कोई मनघड़न्त कहानी नहीं, एक रियल सेक्स स्टोरी है, जो आज से दो महीने पहले घटी थी. मेरे घर में मैं और मेरे पापा ही हैं, जो 43 साल के हैं. इस घटना ने मुझे बहुत मजा दिया. मेरी नई और कोमल, मखमली झांटों का मेरी चुत पर अभी आना ही शुरू हुआ था.


एक दिन पापा कहीं गए हुए थे, तो मैंने सोचा क्यों ना आज झांटें साफ़ कर ली जाएं. मैं कैंची लेकर अपने कमरे में आ गई और नंगी होकर अपनी झांटें काटने लगी. मुझे झांटें काटते समय बहुत ही जोर से खुजली हो रही थी. झांटें काटने के चक्कर में मैं कमरे का गेट बंद करना ही भूल गई थी. मैं अपनी आखें बंद करके झांटें सहलाने में मस्त थी और चुत को खुजला रही थी कि तभी मैंने देखा कि कोई मेरी प्यारी चुत पर हाथ फेर रहा है. मैं बुरी तरह से चौंकी, तभी मैंने देखा कि ये कोई और नहीं मेरे अपने पापा हैं.. मैं शरमा गई.


पापा बोले- अरी सुमि (सीमा) मुझको बोल दिया होता, मैं तुम्हारी झांटें काट देता. तुम्हें मालूम ही नहीं है कि चुत के बाल कैंची से नहीं, रेजर से साफ़ करते हैं.


थोड़ी देर मैं उन्होंने रेजर लाकर मेरी प्यारी सी मुनिया का मुंडन कर दिया. वो अब बहुत ही चिकनी और खूबसूरत लग रही थी. मेरे पापा ने झुक कर मेरी चुत को चूम लिया, मैं शरमा गई.


मैंने कहा- आप बाहर जाओ, मैं कपड़े पहन लूँ.

वो बोले- नहीं बेटी, आज मैं तुमको कुछ सिखाना चाहता हूँ. तुम जवान हो गई हो.

मैंने कहा- क्या सिखाना है?

वो बोले- चुदाई करना.

मैं बोली- ठीक है पापा.. आज हमको चुदाई करना सिखाइए.


पापा ने मेरी हाँ सुन कर मुझे बांहों में भर लिया और बुरी तरह चूमने चाटने लगे. मेरा बदन पिघलने लगा, एक अजीब सा नशा मुझ पर छाता जा रहा था.


पापा मेरी गोरी गोरी और गोल गोल चूचियों को इतनी जोर से मसल रहे थे कि मैं चीख उठी- आआअह्ह.. इतनी जोर से नहीं पापा.. आराम से करो ना.

मेरी कामुक सिसकारियां कमरे में गूँज रही थीं- आअह सीईईए ओव्व.. पाप्पपा.. आह.. पाप्पाआहह.. क्या कर रहे हो..


तभी पापा ने मेरी एक चूची की घुंडी मुँह में भर लिया और बच्चों जैसे चुचे का अंगूर चूसने लगे.


अब मैं जैसे आसमन में उड़ रही थी. दूसरी चूची को पापा मसल रहे थे. मैं अपना होश खोती जा रही थी. मेरे हाथ खुद ब खुद पापा के पेंट की ज़िप पर चले गए. वो जगह मुझे कुछ सख्त सी महसूस हुई. मैंने पापा की ज़िप खोल दी. मुझे लगा जैसे अन्दर कोई सांप फन उठा रहा है.

तभी मैं उछल कर बैठ गई.


पापा बोले- सुमि क्या हुआ?

मैं बोली- पापा आपकी पेंट में सांप है, जल्दी से पेंट निकाल दो.


पापा ने पेंट खोल दी और अंडरवियर में हो गए.


मैंने देखा कि पापा की अंडरवियर आगे से फूली हुई है.


मैंने पापा से कहा- पापा सांप आपकी अंडरवियर में घुस गया है, इसको भी निकालो.


पापा ने झट से उसको भी निकाल दिया. अब पापा एकदम नंगे थे, उनका लम्बा मोटा गुलाबी लंड हवा में लहरा रहा था.

मैं पापा से बोली- ये क्या है?

पापा बोले- अरे सुमि इसको इंग्लिश में पेनिस और हिंदी में लंड कहते हैं. मजेदार बात ये है कि तुम इसी लंड की वजह से पैदा हुई हो.. करीब आओ इसको छूकर देखो.


मैंने पापा के लंड को अपने मुलायम हाथों में पकड़ा.. तो मुझे अच्छा लगा. मैंने लंड को अपनी ओर खींचा तो उसकी चमड़ी पीछे को हो गई और लंड का सुपारा दिखने लगा.

पापा ने कहा- मजा लेना चाहती हो?

मैंने कहा- हाँ..

वो बोले- तो इसको आइसक्रीम के जैसे चूसो.


मैंने पापा की बात मान ली और पापा का मोटा लंड चूसने लगी. पापा के मुँह से आहें निकलने लगीं, ‘आआह्ह.. मेरी बेटी सीईईई.. क्या जादू है तुम्हारे गुलाबी होंठों में.. आह.. मजा आ गया और जोर से चूसो.. पूरा लंड मुँह में ले लो.. सीईई.. ऊऊफ़ फ़्फ़..’


मैं भी मजे से उसको चूस रही थी. जितना ज्यादा चूसती, वो उतना ही तनता जा रहा था.


तभी पापा ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल लिया. मुझे ऐसा लगा कि जैसे मुझसे मेरी प्यारी चीज़ छीन ली गई हो.


पापा ने कहा- अब मैं तेरी चुत को चूसूंगा.


मैं शरमा गई.. पापा ने मुझको गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा कर मेरी टांगें चौड़ी कर दीं और मेरे होंठों पर किस किया.फिर मेरी गुलाबी मुनिया को चाटने लगे. उनकी जीभ मुझे तड़पा रही थी. मेरी सिसकारियां फिर शुरू हो गईं. ‘अह्हह.. उफ़्फ़.. सीईईईई औऊऊ.. मम्मीईईई.. ओह्हह्ह.. आह्हह्ह.. सीईईई.. पापापप.. क्या मस्त मजा आ रहा है..’

पापा जोर जोर से मेरी चुत चूसने लगे. तभी उन्होंने चूसना बंद करके मुझे थोड़ा सा उठा कर मेरी टांगों को अपनी कमर से बाँध लिया और अपना मोटा लंड मेरी चुत पर रगड़ कर कहा- अब तेरी चुत को चोदूँगा.

इतना कह कर पापा ने अपने लंड से एक जबरदस्त पावरफ़ुल झटका दे मारा.


मेरी सांस मेरे गले में अटक गई. मैं दर्द से चिल्लाते हुए बोली- ऊ.. माँ.. म्मम्मार डाला रेईईई.. मेरी चुत फट गई उफ़्फ़.. पापा मुझको नहीं सीखनी चुदाई.. अह.. अपना लंड बाहर निकालो..


पापा ने मेरी एक ना सुनी और मेरी चूचियों को मसलते हुए धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगे. कुछ पलों बाद मुझे थोड़ा आराम सा आया और अब मजा भी आने लगा.

पापा बोले- बेटी मजा आ रहा है कि नहीं?

मैं बोली- आह.. पापा बहुत मजा आ रहा है.. जरा जोर से चोदिए.. मेरी चुत में अपना लंड अन्दर तक पेलो.


पापा ने जोर जोर के झटके मारने शुरू कर दिए. पापा के लंड का हर झटका मुझको मजा दे रहा था, मैं सिसकारियां ले रही थी.


‘पाप्पपा.. आआह.. आअ..आज तक मुझे क्यों नहीं चोदा.. चोदो पापा चोदो.. आह.. आअह्ह.. फाड़ दो सीईईईइ ऊउफ़्फ़.. मारो जोर से झटके सीई आआअह..’

पापा ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी, नीचे से मैं अपने चूतड़ों को हवा में उछाल रही थी कि तभी मेरी चुत से कुछ निकलने को हुआ.


मैं पापा से बोली- आह.. पापा मेरी चुत से कुछ निकलने वाला है.

पापा बोले- सुमि वो तुम्हारी चुत का चुतरस है.. मैं भी झड़ने वाला हूँ.. मेरा वीर्य पीना पसंद करोगी या फिर चुत में ही झड़ जाऊं?

मैं बोली- चुत में फिर कभी, आज तो माल पिला दो.

तभी मेरी चुत से जोर की पिचकारी छूटी. मैंने मजे में डूबी हुई आवाज निकाली- सीईईईई आआआह्ह.. पापा.. मैं तो गईई पापा.. मुझेईई सम्भालोऊओ..


पापा ने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए और मेरी चूचियों को मसलने लगे. तभी पापा एकदम से उठे और अपने लंड को मेरी चुत से बाहर खींच कर आगे पीछे करते हुए मुठियाने लगे. फिर पापा ने मेरे मुँह पे एक जोरदार पिचकारी छोड़ दी. मैं उस गरम रस को पीने लगी. सच में बहुत ही मजेदार रस था..पापा अपने लंड को मुठियाते जा रहे थे और रस निकलता जा रहा था.


मैं पापा के लंड के वीर्य की एक एक बूंद पी गई.. मजा आ गया.


फिर पापा उठे और बोले- सुमि मजा आया?

मैं बोली- हाँ पापा पर.. एक वादा कीजिए.

वो बोले कि क्या?

मैं बोली कि आप मुझको ऐसे ही चोदेंगे और रोज़ चोदेंगे.

पापा ने मेरी हाँ में हाँ मिलाई और हम दोनों नहाने चले गए.


तो एक शाम पापा ने कहा कि सुमि क्या तुमने कभी ब्लू फिल्म देखी है?

मैंने कहा- ब्लू फिल्म? ये क्या होता है?

पापा ने बताया कि ब्लू फिल्मों में लौंडा लौंडिया को चुदाई करते हुआ दिखाते हैं.

मैंने कहा- अरे वाह पापा.. मुझे भी वो फिल्म देखनी है.

पापा बोले- एक शर्त पर दिखाऊंगा कि तुम उसी स्टाइल में मुझसे चुदवाओगी.

मैंने कहा- पापा मेरी जवानी सिर्फ आप के लिए ही है, मेरी चुत में सिर्फ आपके ही लंड को घुसने की इजाज़त है.

पापा ने कहा- तो फिर आज रात तुमको मैं वो फिल्म दिखाऊंगा.


तो शाम के 6 बजे पापा xxx ब्लू फिल्म की सीडी ले आए. मैं तो गर्म होती जा रही थी, मेरी चुत तो फूली नहीं समा रही थी. आखिर इसको तो भी पापा के लंड का इन्तजार था.


खाना खाने के बाद पापा ने वो फिल्म शुरू कर दी. नाम वाम आने के बाद जो देखा तो मेरी तो साँसें ही रुक गईं.. पता नहीं क्या था.


उसमें एक लड़की नहा रही थी. उसकी चूचियां बड़ी बड़ी और बहुत ही मस्त थीं. पर मेरी चूचियों से छोटी थीं. हाँ तो मैं देख रही थी कि वो पटाखा सी लौंडिया नहा रही थी कि तभी एक अफ्रीकन लड़का कमरे में आता है और लड़की के बाथरूम में जाकर उसको नहाते देख कर लंड मुठियाने लगता है.


पापा के पास बैठ कर फिल्म देख रही थी. पापा ने मेरी चूचियों को नीबू की तरह निचोड़ना शुरू कर दिया. मैं तो पापा से चूचियां दबवा कर निहाल हो गई.


तभी लड़की उसको लंड हिलाते देख लेती है.. और उस काले हब्शी को बाथरूम में बुला कर उसका मोटा लम्बा लंड पकड़ लेती है. लंड 13 इंच का था.. साले का लंड नहीं बिल्कुल लोहे का सरिया था. लड़की लंड का सुपारा चाटने लगती है.


खैर.. अब तक पापा का लंड भी जोश में आ चुका था. उनके खड़े लंड को देख मेरी मुनिया ने पानी गिराना शुरू कर दिया.

पापा बोले- क्या बात है आज तुम पहले ही झड़ गई?

मैंने कहा- पापा मैं झड़ी नहीं, ये तो मुनिया ने पेशाब कर दिया है.


पापा जल्दी से उठ कर मेरी टांगों के बीच आ गए और मेरी टांगों को चौड़ी करके मेरी चुत को चूसने लगे. ‘ऊऊ.. उफ़्फ़.. क्या नशा छा रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे पापा की जीभ मुझको जन्नत में घुमा रही हो.’


पापा ने चुत पे लगी पेशाब की बूंदों को पी लिया और फिर से उसको बुरी तरह से चूसने लगे.


मैं तो मादक सिसकारियां भरने लगी ‘ऊऊऊईइ.. स्सस्सस्स.. स्सीईई.. पापा मजा आ रहा है.. आह्हह्ह.. शाबाश ऐसे ही चूसोऊऊ.. जीभ पूरी अन्दर करके से चोदो पापा मुझको.. सीईईई.. अह्ह.. सीई..’


तभी मैंने टीवी की ओर देखा तो पता चला कि वो मादरचोद लड़का उस लड़की की छोटी से चुत में अपना घोड़े सा लंड घुसा रहा था.. और वो कुतिया लड़की चीखने के बजाए उसको उकसा रही थी ‘याह.. फ़क मी ऊऊओह्ह.. फ़क मी हार्डर न फ़क मी.. योर डिक इस सो लॉन्ग.. ऊउ.. सीई..ई अह्ह’


ऐसी मादक आवाजें उसके मुँह से निकल रही थीं. तभी पापा उठ गए और बोले- बिटिया, अब तुम्हारी बारी है.

मैं उनका इशारा समझ गई और उनको बैठा कर उनके खड़े लंड को प्यार करने लगी.


पापा का लंड अकड़ता ही जा रहा था. मैंने लंड को एक चुम्मा लिया.

पापा बोले- सुमि बेटी, चुम्मे से काम नहीं चलेगा, इसको तुम्हारे रसीले होंठों का प्यार चाहिए.

मैंने लंड को मेरे गुलाबी होंठों के बीच पकड़ लिया और अपने गले की गहराइयों को नापने लगी. पापा के लंड को चूसने में बहुत मजा आ रहा था. मैंने लंड को अपने थूक से भिगो दिया. भीगा हुआ लंड बहुत ही सुन्दर लग रहा था. लंड की नसें उभर आई थीं.


पापा कुछ ज्यादा ही जोश में आ गए थे.. आखिर उनको मेरी जवान चूत जो मिली थी.


पापा ने मुझको उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और खुद भी उछल कर बिस्तर पर आ गए. पापामेरी चुत पे अपनी तोप तान दी. टीवी पर पापा ने देखा कि लड़का लड़की को जोर जोर से पेल रहा है और लड़की लंड खाते हुए हंस रही थी. पापा ने मेरी चुत की घुंडी पर अपना लंड रगड़ा और तभी पापा का लंड मेरी चुत में एकदम से समा गया.


मुझे थोड़ा दर्द हुआ. मैंने कहा- पापा एक मिनट के लिए प्लीज़ इसको निकाल लो. पापा बोले- तू तो जानती है कि अभी तू दूसरी बार ही चुद रही है, तो लंड घुसाते वक्त तो दर्द होगा ही.


पापा ने अपने लंड के धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर बाद कमरा मेरी कामुक सिसिकारियों की आवाज से गूँजने लगा. ‘सीईई.. ऊऊउईई.. माँआआ.. पापा जोर से चोदो.. हाँ ऐसे ही.. सीईईई.. अह्हह्ह.. सीईई.. यस चोदो पापा चोदो फाड़ डालो मेरी चुत को.. सीई..’


पापा ने अपने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी.

मैंने कहा- पापा, पूरा लंड डाल कर चोदो.

पापा बोले- पूरा लंड डाल दिया है.

मैंने कहा- मेरी चुत और अन्दर तक लंड मांग रही है.

पापा बोले- इसका तो काम ही है लंड को खा जाना, मैं तो इसकी माँ चोद दूंगा.


पापा ने अपनी स्पीड कायम रखी.


पापा के साथ साथ अब मैं भी अपनी कामुक आहों ‘आआआह्ह अह्ह.. सीईई..’ के साथ भी अपने चूतड़ों को हवा में उछाल रही थी. क्या मस्त समा था, एक तरफ़ टीवी पर काला लंड चुत को चोद रहा था और इधर पापा का लंड मेरी बुर को भोसड़ा बनाने में लगा था.


मैं भी जोर जोर से लंड पर बार बार चूत मार रही थी. तभी पापा ने लंड बाहर निकाल लिया, मुझको लगा जैसे मेरी चुत की सबसे प्यारी चीज छीन ली गई हो.


मैंने कहा- स्सीई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… पापा रहम करो इस पर.. इसकी प्यास बुझा दो.

पापा बोले- नहीं, अब तुमको टीवी पर जैसा दिखाया, वैसे ही चोदूँगा.


मैंने टीवी की ओर देखा तो टीवी पर वो लड़का, लड़की को कुतिया बना कर चोद रहा था. मैं भी जल्दी से कुतिया की तरह बन गई और बोली- आने दो पापा..

पापा बोले- बेटी सयानी हो गई.. ये लो मेरी छिनाल..


और उनका लंड मेरी चुत के अन्दर आ गया. इस स्टाइल में तो मेरे पापा का लंड चुत की गहराई तक जा रहा था. पापा का लंड मेरे बच्चेदानी तक चोट मार रहा था.


मैंने पापा से कहा- उफ़्फ़.. और.. स्सस्सह पापा स्सस्सीईईई जोर जोर से चोदो अह्ह.. आपका लंड सीई मेरे गर्भाशय तक जा रहा है.. अह्हह्ह.. यस चोदो..

पापा बोले- अभी और मजा दूँगा.


पापा का हर धक्का अब मुझको बहुत ही मजा दे रहा था. मेरी सिसकारियां भी बढ़ने लगी थीं- सीईई.. आआईइऊ.. सीईई.. ऊऊफ़्फ़.. यस चोदो जोर जोर से चोदो.. राहुल..

पापा चोदते हुए बोले- हैं..? ये राहुल कौन है..

मैं सिसकारी लेती हुई बोली- सीई.. पापा राहुल, आआह्हह्ह.. जोर से चोदो ना.. मेरा दोस्त है.

पापा बोले- उसको कभी अपनी कटोरी की मलाई चखाई है?

मैंने कहा- नहीं..

पापा बोले- लगता है मेरा लंड तुझको अच्छा लगता है.. पर बेटी कभी उसको घर बुलाओ.. तुमको 2-2 लंड से चुदवाने का मजा मिलेगा.

मैं राजी हो गई.


पापा बोले- अब मैं झड़ने वाला हूँ. स्सस्सीईई..

मैं बोली- पापा 10 मिनट और चोदो सिई.. मेरी प्यास अभी अधूरी है.. सीईईइ जम के चोदो मेरे राजा.. सीईई.. आअह्ह.. लंड से चोदो.. पापा मजा आ गया.. कब चोदोगे राहुल के साथ..?

पापा बोले- कल उसको बुला लो फिर देखता हूँ.


तभी मैं सिसकी- पापा मैं तो अब गई.. सीईई.. उह्ह.. आह्ह.. झड़ने वाली हूँ. अपने वादे के अनुसार आप अपना पानी मेरी चुत में झड़ाना.. सीईई… अह्ह.. पापा मैं तो गई..

तभी पापा ने अपनी गति और बढ़ा दी और वो बोले- ले बेईईटीई.. मेरे लंड का पानी अपनी चुत को पिला ले..


पापा का लंड पिचकारी छोड़ने लगा. मैं अपनी चुत की गहराई में पापा के लंड का गर्म गर्म पानी महसूस कर रही थी. पापा उठने लगे तो मैंने मना कर दिया कि अभी थोड़ी देर लंड चुत में पड़े रहने दो.. जब तक आप मेरी चूचियां चूसो..


फिर 2 मिनट बाद पापा खड़े हो गए. उनका लंड मुरझा गया. मैंने देखा आज मेरी चुत पापा के लंड का पानी पीकर बहुत सुन्दर लग रही थी. मैं पापा का लंड पकड़ कर चूसने लगी और इस तरह पापा के लंड ने मुझको एक बार फिर अपना दीवाना बना दिया.

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