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जेठ ने खाना बनाने के बहाने चोद डाला

 मैं 28 वर्षीय एक जवान सेक्सी लड़की हूँ और बहुत खूबसूरत हूँ। मेरा फिगर 34 30 34 का है। कमर पतली और छरहरी है और मेरा फेस कट काफी सेक्सी है। मुझे देखकर सभी मर्दों के लंड खड़े हो जाते है और सब मुझे चोदने को बेकरार रहते है। मैं हूँ ही इतनी सेक्सी माल। जब मैं साड़ी ब्लाउस पहनती हूँ तो मेरी चूचियां तनी तनी नारियल के खोल की तरह नुकीली लगती है। मेरी जवानी देखकर मेरे ससुर और जेठ का लंड भी खड़ा हो जाता है।


मेरे पति इंजिनीयर है और काफी अच्छा पैसा कमाते है। जबकि मेरे जेठ एक शेफ है और एक बड़ा रेस्टोरेंट चलाते है। इसके अलावा वो यू ट्यूब पर कुकिंग चैनेल भी चलाते है और जब कोई उनके हाथ का बना खाना खा लेता है तो उँगलियाँ चाट लेता है। दोस्तों, मेरी शादी होने के बाद से ही मेरे जेठ आदित्य मुझे घूर घूर कर देखा करते थे। मैं जवान और सेक्सी लड़की थी। काफी खूबसूरत भी थी इसलिए अनेक मर्द मुझे ताड़ते रहते थे।


धीरे धीरे मुझे पता चल गया की मेरे जेठ आदित्य मुझे मन ही मन पसंद करते है और चोदने के जुगाड़ में है। आदित्य की बीबी अपने मजनू के साथ भाग गयी थी। वो किसी प्राइवेट कम्पनी में डेस्क जॉब करती थी। वही पर उसका उसके कुलीग से अफेयर हो गया और वो भाग गयी। उसके बाद मेरे जेठ ने दोबारा शादी नही की। पर जिस तरह से वो मुझसे बात करने का मौका ढूढ़ते थे, उससे तो यही पता चलता था की वो मेरे को चोदने के जुगाड़ में है। जब मैं छत पर कपड़े सुखाने जाती थी तो आदित्य भी तुरंत चले जाते थे और किसी न किसी बहाने से मेरे पास आने की कोशिश करते थे।



वो मेरे पति से सिर्फ 1 साल बड़े थे। मेरे पति और आदित्य दोनों की उम्र एक जैसी दिखती थी। धीरे धीरे मेरी नजदीकियां उनसे बढ़ने लगी और मेरा भी दिल चुदने का करने लगा। मुझे छोले भटूरे सीखना था क्यूंकि मेरे सास ससुर दोनों को छोला भटूरा बहुत पसंद था और कई दिन से मुझसे बनाने को कह रही थी। शाम के वक़्त मैं अपने जेठ आदित्य के रूम में गयी। गर्मी के मौसम की वजह से उन्होंने हाफ बनियान और शॉर्ट्स पहन रखे थे। मेरी नजर उनके पूरे जिस्म पर पड़ी। काफी गठीला बदन था उनका।


“जेठ जी!! क्या आप मुझे छोला भटूरा सिखा देंगे??” मैंने कहा


मैंने उस वक्त पिंक कलर की मैक्सी पहनी हुई थी। फ्रेंड्स, मैं जब भी खाना बनाती थी तो मैक्सी पहन लेती थी क्यूंकि ये बहुत सुविधाजनक होती है। आदित्य मुझे घूर घूर के देखने लगे। फिर हम दोनों किचेन में जाकर खाना बनाने लगे। वो मुझे सभी जरूरी टिप्स दे रहे थे की कैसे कितनी क्या चीज डालनी है जिससे छोला भटूरा टेस्टी बने। जब मैं मैदे को गर्म पानी से गूथने लगी तो अचानक आदित्य ने मेरे हाथो पर अपना हाथ रख दिया और वो भी गूथने लगे। इसी बहाने वो मेरे को छूने लगे और टच करने लगे।


“जेठ जी!! ये सब ठीक नही” मैं बोली



उसी वक्त उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे गालो पर जबरन किस करने लगे। मैं भाग भी नही सकती थी क्यूंकि गैस जल रही थी। उस पर कूकर में छोले पक रहे थे। मैं भटूरे के लिए आटा गूथ रही थी।


“अनन्या!! जब तुमको देख लेता हूँ तो मुझे मेरी बीबी की याद आ जाती है। तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो। तुमको पाने के लिए मैं खुद भी करूंगा” वो बोले


उसके बाद मुझे पकड़ लिया और मेरे ओंठ पर ओंठ रखकर चूसने लगे। मैं खुद को बचा भी न सकी। फ्रेंड्स जैसा की मैंने आपको बताया की आदित्य बहुत ही हैंडसम मर्द थे। हाफ बनियान और शॉर्ट्स में उनकी बोडी कितनी मस्त दिखती थी। इसलिए मेरा भी अंदर ही अंदर उनसे चुदने का दिल कर रहा था। उस दिन उन्होंने मेरे हाथो पर हाथ रखकर ही आटा गूथा। उनका लंड तो उसी वक्त मुझे चोदने के लिए खड़ा हो गया था। जब आदित्य मुझे पीछे से पकड़े हुए थे उनका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था।


उस दिन से हम दोनों की लव स्टोरी सुरु हो गयी। जब मेरे पति रात में मेरी चुदाई करते तो यही लगता की मेरे जेठ जी मुझे पेल रहे है। मैं अपने पति से ख़ुशी ख़ुशी चुदवा लेती, पर मन में यही सोचती की आदित्य मेरी चुदाई कर रहे है। फ्रेंड्स, कुछ दिनों बाद मेरे हसबैंड को विदेश जाना पड़ा। उनकी कम्पनी जर्मनी की किसी कम्पनी के साथ कोई प्रोजेक्ट कर रही थी। इसलिए वो जर्मनी चले गये। अब घर में सिर्फ मेरी सास थी। आदित्य से चुदने का अच्छा अवसर था। वो भी मुझसे अकेले में मिलने का बहाना ढूढने लगे। मैं अपनी सास के साथ बैठकर सब्जियां काट रही थी। इतने में आदित्य आ गये।


“माँ!! मैं बाहर दूकान पर कपड़े स्त्री करवाने जा जाता हूँ” आदित्य बोले


“अरे बेटा! बाहर जाने की क्या जरूरत है। अनन्या कर देगी। जाओ बेटी!! आदित्य के कपड़े स्त्री कर दो!” मेरी सास बोली


“पर माँ जी सब्जियां कौन काटेगा???” मैं बोली


“मैं काट लूँगी” सास बोली


मैं अपने जेठ जी आदित्य के कमरे में चली गयी। जैसे ही कपड़ो को स्त्री करना शुरू किया आदित्य आ गये और पीछे से मेरी कमर में ।


“अनन्या!! रोज मेरे छोटे भाई से चुदती हो, आज मुझसे चुद जाओ। आज तुम्हारे रूप की आग में खेलना चाहता हूँ” आदित्य बोले मेरे दूध पर हाथ घुमाने लगे


“जल जाओगे जेठ जी!!” मैं घमंड करके बोली


“तो आज मुझे अपने यौवन की आग में जला कर मार डालो तुम” वो बोले और मेरे हाथो से प्रेस को छुड़वा दिया और मुझे अपनी बाहों में भर लिया। मैं किसी फूल की कली की तरह “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ..अअअअअ..आहा .हा हा सी सी सी” करने लगी। मेरे जेठ मुझे हर जगह हाथ लगाने लगे। फ्रेंड्स आज भी मैंने पिंक कलर की मैक्सी में थी। धीरे धीरे उनकी पकड़ मेरी कमर पर सख्त हो गयी और फिर वो मुझे सीधा अपने बिस्तर पर ले गये और लिटा दिया। मेरे होठ बहुत ही रसीले और खूबसूरत थे। आदित्य पहले तो कुछ देर मेरी सुन्दरता और यौवन को ध्यानपूर्वक देखते रहे, फिर एकाएक मेरे लबो पर लब रखकर चूसने लगे। मैं कसमसाने लगी। वो मजे लेने लगे और मेरे ओंठ को मुंह चला चलाकर अपने मुंह में लेकर चूस रहे थे। मैं “..अई.अई..अई…इसस्स्स्स्…उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह..” करने लगी। फिर मुझे भी उनका साथ देना ही पड़ा। मैं भी चूसने लगी।


मेरे जेठ आदित्य बदन और शरीर में मेरे पति से 21 थे। इसलिए उनका बदन कुछ जादा ही बलिष्ठ था। मैं भी मन ही मन में उनको प्यार करने लगी और उनकी सोंधी सासों को मैंने भी खूब सूंघा। फिर वो मेरे यौवन से खेलने लगे। मेरी 36″ की बड़ी बड़ी रसीली चूचियां मेरी मैक्सी के उपर से दबाने लगे। मैं फिर से कराहने सिसकने लगी। आदित्य बेड पर मेरे पैरो के पास चले गये और मैक्सी का किनारा पकड़कर उपर उठाने लगे। मेरा दिल धक धक करने लगा। डर लगा की अगर मेरे हसबैंड को इसके बारे में पता चल गया तो क्या होगा। आदित्य ने मेरी मैक्सी को जैसे ही जांघो तक उघाड़ दिया, मेरे सेक्सी बदन का दर्शन उनको होने लगा। मेरी गोरी गोरी चिकनी टाँगे बेहद सुंदर दिख रही थी।


“ओह्ह अनन्या!! you are so gorgeous!!” बोलकर मेरे जेठ आदित्य ने मेरी टांगो और घुटनों पर हाथ लगाना शुरू कर दिया। फिर किस करने लगे। उपर बढ़ते रहे और मेरी खूबसूरत मांसल गुदाज जांघो पर हाथ फिराने लगे। फ्रेंड्स, बड़ा कामुक अंदाज था ये। मेरी जांघे बहुत ही खूबसूरत थी। सफ़ेद और बिलकुल चिकनी तराशी हुई। फिर आदित्य उस पर चुम्मा पर चुम्मा लेने लगे। “अई…अई..अई. अहह्ह्ह्हह…सी सी सी..आप कितने अच्छे है जी!!..हा हा हा.” मैं कहने लगी। मेरी जांघो पर उनके हाथ इधर उधर नाच रहे थे। फिर जल्दी ही उन्होंने मैक्सी को मेरे पेट तक उपर उठा दिया। मैंने पिंक कलर की हल्की सी तिकोनी पेंटी पहनी थी।


मेरी चूत की झलक जेठ जी को उपर से पारदर्शी पेंटी से दिख गयी थी। कुछ ही सेकंड में उनके हाथ मेरी चूत पर पहुच गये और उपर से नीचे तक मेरी चूत को सहलाये जा रहे थे। फिर मेरे पेट से वो खेलने लगे। उसके बाद माहोल इतना गर्म गया की हम दोनो को अपने कपड़े उतारने लगे।


“अनन्या!! क्या शादी से पहले तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड था क्या???” आदित्य पूछने लगे

ये बात आप क्यों पूछ रहे है जी???” मैंने कहा


“मैं जानना चाहता हूँ की तुम्हारे जैसी खूबसूरत माल को किस पुरुष ने पहले भोग लगाया” आदित्य बोले


“मेरा कोई बॉयफ्रेंड नही था। आपके भाई ने ही मुझे पहली बार चोदा खाया है” मैं बोली


“मैं मान ही नही सकता” आदित्य बोले


अब हम दोनों बिना कपड़ो के हो गये थे। मैंने अपनी ब्रा को खोलकर उतार दिया, फिर पेंटी भी उतार दी। मेरे जेठ आदित्य अब मेरी मुसम्मी जैसी बड़ी बड़ी चूचियों से खेलने लगे। हाथ से दबा दबाकर मजा लेने लगे। मैं “आऊ…आऊ..हमममम अहह्ह्ह्हह.सी सी सी सी..हा हा हा..” करके कसमसाने लगी। फिर आदित्य मेरे दूध को दोनों हाथो से दबाने लगे और मसलने लगा। मैं लम्बी लम्बी सिसकारी ले रही थी। आखिर उन्होंने मेरे चूचे को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। रोज तो मेरे पति मेरे दूध चूसते थे पर आज मेरे जेठ चूस रहे थे। मेरे दूध बेहद नर्म और मुलायम थे। उस पर आदित्य के दांत काफी तेज चुभ रहे थे। फिर भी मजा पूरा आ रहा था। आदित्य मुंह चला चलाकर जल्दी जल्दी चूस रहे थे और मुझे गर्म करने का काम कर रहे थे।


“”..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ.पी लीजिये जी!! मेरे स्तन तो आपसे से चुसना चाहते थे!!. हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई.अई…” मैं भी चुदासी होकर कहे जा रही थी


वो मुंह चला चलाकर ऐसे चूस रहे थे जैसे मैं उनकी छोटे भाई की बीबी नही, बल्कि उनकी बीबी हूँ। मेरे तने कसे दूध की नोक को वो मुंह में ले लेकर मस्ती के साथ चूस रहे थे। मेरे गठीले यौवन का रस वो पी रहे थे। फिर उन्होंने दूसरी चूची को मुंह में भर लिया और उसे भी किसी आम की तरह चूस डाला। अब मेरी चुत पर आ गये और उसे भी जल्दी जल्दी चाटने लगे।


फ्रेंड्स, मेरी चूत काफी सेक्सी थी। मांस से भरी हुई थी। अपने देखा होगा की कुछ औरतो की चूत सूखी सुखी होती है जिसे चोदने में जरा भी मजा नही आता है। पर मेरी चूत काफी मांसल और गुद्देदार थी। मेरे हसबैंड ने मुझे बहुत बार चोदा पेला खाया था जिस वजह से मेरी बुर के होठ अच्छे से फट कर अलग अलग हो गये थे। आदित्य उसमें जीभ घुसा घुसाकर चाट रहे थे। मैं सिस्कारियां लेकर “उ उ उ उ उ..अअअअअ आआआआ. सी सी सी सी… ऊँ.ऊँ.ऊँ..”बोल रही थी। 

आदित्य तो बहुत जोशीले मर्द निकले। इतना जोश तो मेरे हसबैंड में भी नही था। मेरी मस्त चूत चटाई की उन्होंने। मेरी चूत की एक एक तह को बड़े अच्छे से चूसा उन्होंने। इस तरह अब मैं चुदने को पूरी तरह से तैयार थी

जेठ जी!! आप तो बहुत सेक्सी मर्द हो जी!! अब मुझसे इंतजार नही होता है…जल्दी चोदो मुझे!! हो हो..” मैं कहने लगी


“चोदता हूँ मेरी रानी!!” वो हंसकर कहने लगे


और फिर से मेरी बुर चटाई करने लगे। बड़े देर तक उन्होंने मेरी चूत का मीठा रस पिया। बड़ा वेट करवाया मुझे। फिर अपना लंड को अच्छे से मुठ देकर फेट फेट कर खड़ा किया। फिर लंड का सुपारा मेरी बड़ी सी बुर पर पीटने लगे, मारने लगे। मैं सी सी सी. हा हा.. ओ हो हो..करने लगी। मेरे जेठ आदित्य का लंड 11″ लम्बा और 3″ मोटा था और बहुत ही दैत्याकार दिखता था। मुझे काफी भय भी लग रहा था। किसी अफ़्रीकी लंड की तरह दिखता था। वो लंड को पकड़कर मेरी गुद्दीदार चूत पर चट चट मार रहे थे। काफी देर चूत की पिटाई करते रहे।


फिर लंड के सुपाड़े को मेरी चूत की बीच वाली लाइन में उपर से नीचे घिसने लगे। जल्दी जल्दी घिस रहे थे जैसे कोई भीगी बादाम को पत्थर पर घिसता है। ऐसा करने से मेरे जिस्म में आग भड़क गयी। मैं और जोर जोर से कराहने लगी। 6 7 मिनट तक आदित्य ने मुझे चोदा नही। बस लंड लगाकर उपर नीचे घिसते रहे जिससे मुझे बहुत अधिक चुदाई वाला जोश चढ़ गया।


फिर उन्होंने लंड को पकड़ मेरी चूत के छेद के उपर रखा और जोर से गच्च से अंदर हुमक दिया। दोस्तों मेरी तो आँखे ही जैसे बाहर निकल आई। मेरी गुद्दीदार चूत उनका 11″ का दैत्याकार लंड निगल गयी। मेरी आँख में दर्द की वजह से आंसू आ गया। फिर आदित्य मुझ पर लेट गये और कमर उठा उठाकर मुझे fuck करने लगे। मैं अब “आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई..ओह्ह्ह्..अई. .अई..अई…अई..मम्मी..” बोलने को मजबूर थी क्यूंकि मैं चुद रही थी। आजतक मैंने सिर्फ अपने हसबैंड से चुदवाया था। उनका लंड तो मुस्किल से 7″ का था। पर आज तो अपने हैंडसम जेठ आदित्य का दैत्याकार लंड खा रही थी। मेरी तो जान ही निकली जा रही थी।


“तुम सुंदर हो अनन्या!! बेइंतहा खूबसूरत हो!!!” आदित्य कहने लगे


उनसे मैं नजरे मिलाने से कतरा रही थी क्यूंकि उसकी नजरो में सिर्फ हवस और चुदास थी। मुझे आज पूरा का पूरा खा जाने के मूड में दिख रहे थे। मैं आँखे बंद करके चुदवा रही थी। आदित्य अपनी गांड उठा उठाकर चूत में जोर जोर से झटके दे रहे हो। मेरी सिसकारी निकलवा रहे थे। कोई रहम नही कर रहे थे।


मुझे दोनों बुझाओ में लेकर गपर गपर चोद रहे थे। उसका लंड किसी खूटे की तरह मेरी चुद्दी में बुरी तरह से धंसा हुआ था जैसे किसी ने हथौड़ी मार मार कर घुसा दिया हो। आदित्य ने मुझे चोद चोदकर मजा दे दिया और अपने वश में कर दिया।


“डार्लिंग!! मेरे लंड की सेवा तुमको कैसी लग रही है???” वो चोदते हुए बोले


“मजा आ रहा है जान!! अई..अई. .अई. उ उ उ उ उ. फाड़ दो मेरी भोसड़ी में!! कोई रहम मत करना!! ओह्ह्ह्ह.अह्हह्हह.” मैं बोली


मेरी सेक्सी कामुक बाते सुनकर आदित्य और जोर जोर से मेरी चूत का बाजा बजाने लगे और बड़ी तेज रफ्तार से मुझे पेलने लगे। मुझे इतना नशा मिल रहा था की ऑटोमैटिक मेरी दोनों टाँगे उपर को उठ गयी। आदित्य धका धक चूत में धक्का पर धक्का लगाये जा रहे थे। फिर मेरे उपर लेटकर मेरी 36″ की मुसम्मी को मुंह में लेकर चूसने लगे।


अब दो काम एक साथ कर रहे थे। मेरी भरी हुई छाती भी चूस रहे थे और मेरी ठुकाई भी कर रहे थे। इस तरह से मुझे बहुत मजा मिल रहा था। असली मर्द की ताकतवर चुदाई कैसी होती है, ये मैंने आज जान लिया था। 


मेरे जेठ ने 30 मिनट मुझे लिटाकर खूब चोदा, खूब धक्के मारे। फिर चूत में ही झड़ गये। फिर मुझे प्यार करने लगे। दोस्तों मेरे पति 1 महिना तक जर्मनी में रहे और इस दौरान आदित्य ने मुझे चोद चोदकर चूत का मुंह अच्छे से खोल दिया। अब तो मुझे उनकी आदत सी हो गयी है।

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