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बॉयफ्रेंड ने मुझे भाई के सामने चोदा

मेरी चूत की सील मेरे बॉयफ्रेंड ने तोड़ दिया था! इस बार मेरी सेक्स की घटना में मैंने अपने भाई के सामने अपने बॉयफ्रेंड से चूत की धक्कापेल चुदाई करवाई थी मेरा नाम ट्विंकल है और यूपी की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र 21 साल है औए मेरी लंबाई 5 5 है। मैं मेरी सेक्स स्टोरी की कहानियाँ खूब पढ़ती हूँ। हालांकि! जिसमें गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड का जिक्र हो! वो कहानियाँ ज्यादातर पसंद करती हूँ।


आज मैं भी अपनी एक कहानी आपको बताने जा रही हूँ। मैं यह नहीं कहूँगी, कि यह मेरी सील टूटने की कहानी है। मेरी सील तो मेरे बॉयफ्रेंड ने बहुत पहले ही तोड़ दिया है।

 

मेरी कहानी कुछ अलग है और अब मैं सीधे कहानी पर आती हूँ। यह कहानी मेरी कुँवारी चूत चुदाई के बाद की है, जब मेरी माँ सत्संग में बाहर गई थी।

 

चूँकि! मेरी माँ, निर्मल बाबा की बहुत बड़ी भक्त है, इसलिए वो सत्संग में जा रही थी। वो मुझे भी ले जाना चाहती थी, लेकिन मेरी 12वीं की परीक्षा के कारण मुझे घर में छोड़ गई।

 

वो सत्संग में चली गई, और घर में मैं और मेरा छोटा भाई अकेले रह गए। वैसे तो! मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे कभी अपने घर, कभी मेरे घर में कई बार चोद चुका था। पर! हम दोनों साथ रात में चुदाई का मजा लेना चाहते थे।

 

चूँकि! मैं अपनी माँ और भाई के साथ रहती थी, तो मुझे रात में बाहर जाना मना था। पर! अब हम दोनों को यह हसीन मौका मिला था, जब हम दोनों जमकर रात में चुदाई का मजा ले सकते थे।

 

मैंने एक प्लान बनाया और सनी(मेरा बॉयफ्रेंड) को फ़ोन किया और मम्मी के सत्संग जाने वाली बात बता दी। उधर सनी, मेरे भाई(बिन्नी) से ट्यूशन में गहरी दोस्ती कर ली थी।

 

अब दोनों अच्छे दोस्त थे! उसने भी सनी को अनजाने में बताया, कि यार मेरी मम्मी सत्संग के लिए घर से बाहर जा रही हैं। घर में मैं और मेरी दीदी अकेले जाएँगे, क्या तुम हम दोनों के साथ रात में रुक सकते हो, क्योंकि हमलोगों को बहुत डर लगता है।

 

सनी तो हमेशा से तैयार था इसके लिए! उसने थोड़ी आनाकानी की और बाद में मान गया। हालांकि! बिन्नी को नहीं मालुम! कि उसने जाने अनजाने में सनी को अपनी बहन को रात में चोदने की मंजूरी दे दे थी!

 

लोग सही कहते हैं! कि देने वाला जब भी देता है! चप्पड़ फाड़ कर देता है!! अगले दिन शाम को मम्मी चली गई और उनके जाने के एक घंटे के बाद सनी भी आ गया। वो साथ में कुछ खाने की चीज़ें लाया था।

 

मैंने अनजान बनकर सनी का स्वागत किया! क्योंकि बिन्नी हम दोनों के चक्कर के बारे में नहीं जानता था। बिन्नी ने हम दोनों का एक दूसरे से परिचय करवाया।

 

मेरे भाई की तबियत थोड़ी खराब थी, तो मैंने सनी को दवाई की जगह नींद की गोली लाने को कहा था और मेरे लिए वियाग्रा! सनी पूरा जुगाड़ लेकर आया था। उसके बाद हम तीनों ने खूब मस्ती की और खाना खाया।

 

जब सोने का समय आया! तब मैंने बिन्नी को दवा के बहाने नींद की गोली दे दी। अब वो दोनों एक बेड पर सोने चले गए, और मैं उन दोनों से बात करने के बहाने उनके साथ बैठ गई।

 

हम तीनों कुछ देर बातें करते रहे, और धीरे धीरे बिन्नी पर नींद की गोली का असर होने लगा। तभी उसने कहा- दीदी, मुझे नींद आ रही है, तो तुम भी सो जाओ!

 

मैंने बिन्नी से कहा- हम दोनों को अभी नींद नहीं आ रही है, तो तुम सो जाओ! इस बात पर सनी ने भी मेरा साथ दिया। हम दोनों ने बिन्नी को आवाज़ दी, पर उसने कोई जवाब नहीं दिया। अब तक बिन्नी पूरी तरह नींद की आगोश में चला गया था!

 

अब शुरू होता है! हम दोनों के बीच चुदाई का खेल!!

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सनी ने मेरी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया! मैं रात को ब्रा नहीं पहनती थी तो उसने मेरे टॉप को ऊपर किया और मेरी चूचियों को पीना शुरू कर दिया।

 

अब मैं अपने काबू से बाहर हो चुकी थी और आवाजें निकालने लगी- आह! उय्यूऊ! उयीमाँ! सनी ने अपनी उंगली मेरे मुँह में दे दिया, और मैं उसके उंगली को चूसने लगी।

 

अब सनी चूचियाँ चूसते-चूसते! मेरे पेट पर आ गया और पूरे पेट पर अपनी होंठों से चूमने और जीभ से चाटने लगा। धीरे-धीरे वह मेरी बुर के पास पहुँच गया! और मैं उसके लौड़े का मुठ मार रही थी।

 

सनी का लौड़ा, एकदम लोहे के माफिक कड़ा हो गया था। अब सनी ने अपना लौड़ा मेरी मुँह में ठूंस दिया, और मेरी मुँह को चोदने लगा। अब एक हाथ से मेरी चूचियों को मसलने लगा और दूसरी हाथ से मेरी बुर को सहलाने लगा।

 

मैं अब तो जैसे पागल हुई जा रही थी! इतने में सनी ने अपनी एक उंगली मेरी बुर की छेद में घुसा दिया। मेरी मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी- ऊऊऊह्ह्ह्ह! अछ्हाआ! लग रहा है!

 

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने सनी से कहा- जानू! अब और मत तड़पाओ! डाल दो ना अपना लौड़ा मेरी प्यासी बुर में! चोद दो मुझे! फाड़ दो मेरी बुर को!

 

इतने में सनी बोला- जानेमन! मैं यही तो तुम्हारे मुँह से सुनना चाह रहा था! उसने अपना लौड़ा मेरी बुर में एकदम से पेल दिया! मेरी तो जैसे चीख ही निकल गई- आह्ह! जानूऊऊ! निकालौ! इस्स्श्ही! मरर गई! प्यार से करो जानू!

 

उसने मेरी एक ना सुनी और धक्के पर धक्के लगाता रहा! ऐसा लग रहा था! कि जैसे वो अपनी सुहागरात मन रहा हो! कुछ देर बाद! मुझे भी अच्छा लगने लगा! मैंने भी अपनी गांड को उठा उठा कर चुदने लगी।

 

करीब 20 मिनट के बाद! हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक दूसरे के बाँहों में सो गए। कुछ देर सोने के बाद! सनी ने मुझको उठाया और मेरे होंठों को चूमते हुए कहा- जानेमन! अब फिर से दोस्त की बहन बन जाओ और अपने कमरे में चली जाओ!

 

इस बात पर मैं हँसते हुए! मैंने भी सनी को लम्बी चुम्बन देकर मेरे कमरे में सोने चली गई। मैं कब नींद के आगोश में चली गई, मुझे पता भी नहीं चला। दोस्तो, यह थी मेरी चुदाई की कहानी, मेरे भाई के सामने! कैसी लगी आप लोगों को मेरी यह पेशकश? अपने जवाब आप मुझे मेरी ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं। 

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