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ससुर जी की चुदाई से रखैल बन गई

हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर से अपनी एक और नई कहानी को लेकर आप सभी के सामने हाजिर हूँ. दोस्तों मेरा नाम सपना है और में जदोहपुर में रहती हूँ मेरे पति बाहर नौकरी करते है इसलिए वो साल में एक दो बार ही हमारे घर पर आ पाते है और बाहर नौकरी करने की वजह से उनके पास मुझे देने के लिए बिल्कुल भी समय नहीं होता है जिसकी वजह से में हमेशा प्यासी तड़पती रहती हूँ और वो है जिनको मेरी बिल्कुल भी परवाह नहीं थी.

 

उनके बाहर रहने की वजह से मेरे घर पर में मेरे भाई और मेरी ननद के साथ रहती हूँ और उन दिनों गरमी की छुट्टियाँ थी जिसकी वजह से मेरा भाई और ननद कहीं बाहर घूमने गये हुए थे और में अपने घर में एकदम अकेली थी और घर में अकेली होने की वजह से में बहुत मॉर्डन और खुली खुली रहती थी इसलिए में कभी सलवार, कुर्ता तो कभी जींस, टॉप तो कभी स्कर्ट, टी-शर्ट तो कभी गाउन पहना करती थी और हमारा घर बहुत बड़ा है और उसमे बहुत सारे कमरे है.

 

एक दिन मेरे ससुर जी आ गए और वो करीब 10-15 दिनों के लिए आए थे और उस समय घर पर कोई भी नहीं था और सभी लोग बाहर गए थे. तभी मेरे ससुर जी आ गए और मैंने मन ही मन सोच लिया कि चलो अच्छा हुआ घर में कोई तो आ गया वरना इतने बड़े घर पर में बिल्कुल अकेली थी. दोस्तों मेरे ससुर जी दिखने में बहुत ही अच्छे है वो 50 की उम्र में भी एकदम जवान लगते है और उनको देखकर एक बार तो मेरा भी मन हुआ कि कुछ मज़े मस्ती हो जाए, लेकिन वो मेरे ससुर है यह बात सोचकर में रुक गई.

 

फिर मेरे ससुर थोड़े दिन तक तो ठीक रहे और उनका मेरे साथ व्यहवार अच्छा रहा, लेकिन उसके बाद मैंने महसूस किया कि वो अब मुझे कुछ अलग नज़र से देख रहे है, वो मुझे हमेशा बहुत गौर से देखते थे. जब कभी भी में आती जाती तो वो मेरे बूब्स को और मेरे पैर को बहुत ध्यान गौर से देखते. दोस्तों में तुरंत समझ गई कि वो मुझसे अब क्या चाहते है, लेकिन वो कभी भी मुझसे यह सब बातें बोल नहीं सकते थे, क्योंकि वो रिश्ते में मेरे ससुर जी थे.

 

फिर मैंने धीरे धीरे महसूस किया कि मेरे ससुर जी अब मुझे नहाते हुए और ज्यादा से ज्यादा बिना कपड़ो के देखने की हमेशा कोशिश किया करते थे और में यह बात जान गई थी और उनकी नियत को पहचान गई थी इसलिए में अब उनको अपनी तरफ से ज्यादा से ज्यादा मौके देती थी जिससे वो मुझे देख ले और में यह बात सोचकर तो कई बार बहुत गरम हो जाती थी.

 

एक दिन मेरी यह इच्छा भी पूरी हो गई और उस दिन ससुर जी ने मुझसे बोला कि बेटी यह पानी है इसको पीने से सब रोग दूर हो जाते है और इसको पीने से कभी कोई बीमारी भी नहीं होती है, तो मैंने उनसे वो पानी ले लिया और रख दिया.

 

फिर रात को मैंने देखा कि मेरे ससुर जी रसोई में जाकर मेरे लिए जो दूध ला रहे है उन्होंने उसमे कुछ मिला दिया है मैंने उनको यह काम करते हुए देख लिया था, लेकिन वो मुझे ना देख सके में चुपचाप वापस अपने कमर में आ गई और में बैठ गई तभी थोड़े देर के बाद मेरे ससुरजी भी आ गए और वो मुझसे कहने लगे कि बेटी तुम यह दूध पी लो और उसके बाद में सो जाओ इतना कहकर वो उनके कमरे में चले गए और मैंने उनके चले जाने के बाद वो दूध जानबूझ कर चोरी छिपे नीचे गिरा दिया और में सो गई.

 

अब में सोने का नाटक करके चुपचाप लेटी रही करीब दो घंटे के बाद मेरे ससुरजी दोबारा मेरे कमरे में आ गए उन्होंने मुझे आवाज़ दी, लेकिन में एकदम चुपचाप लेटी रही वो मेरी तरफ से कोई भी हरकत ना होते देख तुरंत समझ गए कि में अब तक गहरी नींद में सो चुकी हूँ इसलिए वो भी चुपचाप मेरे पास में आकर लेट गए और थोड़ी देर के बाद उन्होंने मेरे गाउन को धीरे से थोड़ा सा ऊपर उठा दिया. पहले उन्होंने कम उठाया था और फिर घुटनों तक और उसके बाद उन्होंने अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और वो मेरे बूब्स को हल्के हल्के दबाने लगे.

 

तो कुछ देर बाद मेरी जवानी अंदर ही अंदर सुलगने लगी और में एकदम से उठ गई मुझे अचानक से अपने सामने ऐसे देखकर बाबूजी (मेरे ससुर) बहुत ज्यादा डर गए और वो मुझसे कहने लगे कि बेटी मुझसे ग़लती हो गई है तुम यह बात किसी से मत कहना अब में कभी भी ऐसा दोबारा नहीं करूंगा, में क्या करूं बहु तुम बहुत ही सेक्सी हो इसलिए मेरा मन तुम्हे देखकर डोल गया था, कोई बात नहीं बेटी में अब यहाँ से चला जाता हूँ, लेकिन तभी मैंने उनको यह सब करने से साफ मना कर दिया और मैंने उनसे बोला कि कोई बात नहीं आप एक बार कर लो में भी अंदर ही अंदर इस आग में आपकी तरह बहुत जल रही हूँ बाबूजी. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो बहुत खुश हो गए और उन्होंने जल्दी से मेरा गाउन पूरा उतार दिया और वो खुद भी तुरंत नंगे हो गए.

 

दोस्तों अब में उनके लंड को अपने सामने नंगा देखकर बहुत खुश हो गई क्योंकि वो बहुत लंबा था, लेकिन वो थोड़ा सा नीचे की तरफ झुका हुआ था और में झट से समझ गई कि वो डर की वजह से ऐसा हुआ होगा. अब उन्होंने सबसे पहले मुझे पूरा नंगा किया और फिर उन्होंने मुझे खड़ा किया और बहुत ध्यान से उन्होंने मेरे पूरे शरीर को देखा और उसके बाद बिस्तर पर मुझे लेटाकर वो मुझे पागलों की तरह चूमने लगे और वो मेरे बूब्स को दबाते हुए बार बार उसको चूस भी रहे थे. फिर कुछ देर के बाद वो आचनक से नीचे आकर मेरी कामुक चूत पर किस करने लगे और उसको चाटने भी लगे. दोस्तों में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकती मुझे कैसा लग रहा था और कितना मज़ा आ रहा था?

 

में तो जैसे उस समय जन्नत में हूँ मुझे ऐसा महसूस हो रहा था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था और इसलिए में बोल पड़ी कि बाबूजी बस अब प्लीज आप जल्दी से मेरी प्यास को बुझा दो मुझे और ज्यादा मत तरसाओ. मेरे मुहं से यह शब्द सुनकर वो तुरंत मेरे ऊपर आ गये और उन्होंने मेरे दोनों घुटनों को मोड़ दिया था. अब उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मार दिया, जिसकी वजह से एक ही बार में उनका पूरा लंड मेरी चूत की गहराईयों में चला गया और अब मेरे मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकल गई आईईईईईइई रे में मर गइईईईईईई प्लीज थोड़ा धीरे करो बाबूजी.

 

फिर बाबूजी ने धीरे धीरे धक्के देकर मेरी चुदाई करना शुरू कर दिया और उसके बाद जो मुझे और बाबूजी हम दोनों को मज़ा आने लगा. मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और में बता नहीं सकती. फिर कुछ समय बाद मुझे लगा कि में अब झड़ने वाली हूँ तो में बोल पड़ी बाबूजी प्लीज अब जल्दी से करो में अब झड़ने वाली हूँ और में अब ज्यादा देर नहीं रुक सकती प्लीज. फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर बाबूजी अब और भी तेज़ धक्के देने लगे थे और मेरे मुहं से एक तेज़ आवाज़ निकली आईईईईईईई में तो गइईईईई सम्भालो मुझे ऊईईईई बाबूजी में तो मर गईईईईई और फिर में इतना कहकर झड़ गई और बाबूजी भी ऊऊईईईईई रे ऊह्ह्ह्ह बेटे बोलते हुए वो झड़ गए.

 

उन्होंने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में डालकर अपने लंड को अंदर बाहर करके एक दूसरे में मिला दिया और अब उनका वीर्य मेरी चूत रस के साथ बहकर बाहर आने लगा वो गरम गरम माल बहकर मेरी गोरी जांघो तक पहुंच गया.

 

फिर उसके बाद हम दोनों उठकर सीधे बाथरूम में नहाने के लिए चले गए और नहाने के बाद लाइट चली गई तो मैंने बाबूजी से बोला कि बाबूजी अब क्या करें? लाइट चली गई आप कपड़े पहनकर बाहर आ जाओ, तो बाबूजी ने बोला कि अरे में क्या पहनूं मेरे कपड़े गीले हो गए है और मुझे अँधेरे में दिखाई भी नहीं देगा, तो मैंने उनसे बोला कि आप एक काम करो, आप मेरे कपड़े पहन लो. फिर बाबूजी बोले कि में तुम्हारे कपड़े कैसे पहन सकता हूँ?

 

मैंने उनसे बोला कि नहीं तो आपको लाईट आने तक नंगे ही रहना होगा, तो वो बोले कि हाँ ठीक है उसके बाद उन्होंने मेरी स्कर्ट और टॉपर पहन लिया और वो बाहर आ गए और उसके बाद हम दोनों मेरे बेडरूम के अंदर चले गये और थोड़ी देर बाद लाइट आई तब मैंने देखा कि बेड की चादर के ऊपर बहुत सारा वीर्य लगा हुआ था इसलिए मैंने वो चादर हटाकर में अलमारी से दूसरी चादर लेने के लिए गई और में चादर निकालने लगी. फिर तभी उस चादर के साथ कुछ कपड़े भी नीच गिरे और मैंने देखा तो वो मेरी शादी का लाल जोड़ा था.

 

तब मुझसे मेरे ससुर जी ने पूछा कि बेटा क्या गिरा? तो मैंने उनसे बोला कि बाबूजी वो तो मेरी शादी का जोड़ा गिर गया है यह बात सुनकर ससुर जी ने मुझसे बोला कि तुम उसको बाहर ही रहने दो और फिर वो मुझसे बोले कि बहु एक बार में चाहता हूँ कि तुम इन कपड़ो को मेरे लिए पहनो और एक बार फिर से नई दुल्हन की तरह सजकर मेरे सामने शरमाकर बैठो और उसके बाद हम दोनों सुहागरात मनाए और फिर हम दोनों शादी भी करेंगे और फिर में तुमको मेरी दुल्हन बनाकर तुम्हारी बहुत जमकर चुदाई करूंगा.

 

फिर मैंने उनसे बोला कि आज नहीं हम आगे का काम कल दोबारा से करेंगे तो हमे बड़ा मज़ा आएगा. मेरी बात को सुनकर वो बोले कि हाँ ठीक है.

 

दोस्तों उसके बाद हम दोनों ने एक बार फिर से चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद हम दोनों नंगे ही थककर सो गए उसके बाद हम दोनों दूसरी सुबह 11 बजे सोकर उठे और फिर हमने चाय नाश्ता किया और दोपहर का खाना खाया और उसके बाद हम दोनों शाम की चुदाई के लिए तैयारी करने लगे और फिर शाम को मुझे वो लाल जोड़ पहनाकर मेरे ससुर जी ने मुझसे शादी करके मेरे साथ सुहागरात मनाई उन्होंने मुझे बहुत जमकर चोदा और मुझे अपनी चुदाई से पूरी तरह से खुश कर दिया और हम दोनों ने बहुत मज़े किए, वो जब तक मेरे पास रहे, तो लगातार दिन रात जब भी उन्हें मौका मिलता वो मेरी चुदाई करते रहे और इस तरह से में उनकी दूसरी बीवी और एक असली रखैल बन गई.

 

उन्होंने मुझसे बहुत जमकर चोदा और में उनके चोदने के तरीके से बहुत खुश हो गई, हर एक नये तरीके से उन्होंने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट किया और वो मज़ा वो सुख दिया जिसके लिए में इतने लंबे समय से तरस रही थी. में उनका साथ पाकर बहुत खुश थी. 

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