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कच्ची रसीली जवानी चूत का मजा

मैं एक 28 साल का अछा ख़ासा हॅंडसम और घटेले बदन का लड़का हू मेरी बॉडी एक्सर्साइज़्ड है अछा ख़ासा मस्क्युलर हू. हाइट 5’8” गोरा रंग और मेरे शरीर पे आछे ख़ासे बाल हैं. हेरी चेस्ट है. अभी अभी पढ़ाई ख़त्म हुई है रिज़ल्ट का वेट कर रहा हू. मेरे डॅड का अपना कन्स्ट्रक्षन आंड मेंटेनेन्स का बिज़्नेस ऑफीस है और जिस्मै मेरी मोम अकाउंट्स देखती है और आड्मिनिस्ट्रेशन मे डॅड का साथ देती है उनके साथ मीटिंग्स अटेंड करती है. मेरे डॅड तकरीबन 52-53 यियर्ज़ के है और मोम ऑलमोस्ट 48 – 49 की हैं. दोनो काम करते रहने से अभी तक आक्टिव हैं और ऑफीस को रेग्युलर्ली जाते है. आजकल कन्स्ट्रक्षन का काम बूम पे है इसी लिए दोनो बोहोत ही बिज़ी रहते हैं और रात थक्क के वापस आते और खाना खा के सो जाते हैं. मेरे से बड़ी एक बहेन है खुश्बू जिसकी शादी अभी कुछ ही महीने पहले हुई है वो अपनी ससुराल मे ही रहती है जो मेरे टाउन से तकरीबन 200 किमी के डिस्टेन्स पे है. शादी के बाद 2 – 3 टाइम यहा आई और वापस अपनी ससुराल चली गई वो अपने पति के साथ खुश है. उसके पति का भी सेमेंट का होल साले बिज़्नेस है.

 

मेरे अंकल समीर करीब के ही एक विलेज मे काम करते है. उनकी एक ही बेटी है जिसका नाम अनुपमा देवी है प्यार से सब उसको अनु पुकारते हैं. अनु 19 – 20 साल की बोहोत ही खूबसूरत लड़की है. तकरीबन 5’ 5” की हाइट होगी. गोरा रंग, कमर तक झूलते रेशमी लाइट ब्राउन कलर के बाल, हस्ती तो दोनो गालो मे छोटे छोटे डिंपल्स पड़ते, सफेद मोती जैसे चमकते दाँत, लाइट ब्राउन बड़ी बड़ी चमकती हिरनी जैसी आँखें, सेक्सी लिप्स जिनको देख के कोई भी चूसने की कल्पना करे, अभी उसके चुचीोन को अपने हाथो से पकड़ा तो नही पर लगता है के शाएद 32 साइज़ के होंगे, एक दम से सिडोल बदन, मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति है पर कभी कभी जीन्स और ट्रंक टॉप भी पेहेन्ति और जब जीन्स और ट्रंक पहनी होती है तो उसके चुचियाँ बोहोत मस्त दिखते और जब मटक मटक के चलती तो दोनो चुचियाँ धीरे धीरे डॅन्स करते ऊपेर नीचे होते बड़े आछे लगते ऐसा लगता जैसे परदे कर रहे हो शाएद वो उस टाइम पे ब्रस्सिएर भी नही पेहेन्ति इसी लिए चुचियाँ डॅन्स करती जिन्है देख के मन करता के बॅस अभी पकड़ के दबा डालु और मोसंबी की तरह से स्क्वीज़ करू और आम ( मॅंगो ) की तरह से चूसू

 

डालु. रात मे अक्सर नाइटी यूज़ करती वैसे कभी सलवार कमीज़ भी पेहेन्ति पर मोस्ट्ली नाइटी मे ही रहती.

 

मुझे लगता के वो थोड़ी प्राउडी टाइप की लड़की है. कभी मुझ से सीधे मूह बात भी नही करती और कभी ऐसे शो करती है जैसे वो मेरे घर मे नही रहती बल्कि मैं उसके घर मे रहता हू. अरे मैं यह बताना तो भूल ही गया के अंकल समीर जहा काम करते है वाहा कोई कॉलेज वाघहैरा नही है इसी लिए अनु को पढ़ाई के लिए हमारे घर मे ही रखा हुआ है. अनु बी.कॉम के 2न्ड एअर मे थी. कॉलेज घर से थोड़ा दूर है और वो बस मे आती जाती है. मेरी और अनु की कुछ ऐसी ख़ास बनती तो नही पर कभी इतना बड़ा झगड़ा भी नही हुआ था. बॅस आपस मे नोक झोक तोचलती ही रहती. कभी खाने की टेबल पे तो कभी पढ़ाई के टाइम पे. वो हमेशा बोलती के उसको लड़के पसंद नही हैं आंड शी हेट्स मेल्स डॉनट नो व्हाई. मेरी समझ मे नही आता था के व्हाई शी हेट्स मेल्स क्यॉंके नॅचुरली लड़कियाँ तो लड़को को पसंद ही करती है इश्क़, प्यार और मोहब्बत भी लड़को से ही करती है पर पता नही अनु मे ऐसी क्या बात थी जिसे मेल्स पसंद नही थे.

 

हमारा घर एक डबल स्टोरी मीडियम साइज़ की बिल्डिंग है. नीचे मेरे डॅड और मोम रहते हैं. मोम के ( घुटनो ) नीस मे दरद रहता है ( जॉइंट पेन ) जिसकी वजह से वो बार बार ऊपेर नही चढ़ सकती इसी लिए वो दोनो नीचे ही ग्राउंड फ्लोर पे रहते है और मैं ऊपेर के रूम मे रहता हू. आक्च्युयली ऊपेर के फ्लोर पे मीडियम साइज़ के 3 रूम्स हैं. एक मे मेरी सिस्टर खुश्बू रहती थी दूसरा मेरा कमरा था और तीसरा ऐसे ही स्पेर रूम जो गेस्ट रूम जैसा था. खुश्बू की शादी के बाद उसका रूम भी खाली हो गया था इसी लिए अनु को खुश्बू वाला रूम दे दिया गया था. स्टेरकेस पे चढ़ते ही एक स्पेर वाला गेस्ट रूम जैसा था था जिसमै कभी हमारे कोई रिलेटिव्स वाघहैरा आ जाते तो वही रहते और जब वाहा कोई नही रहता तो वो कमरा टेंपोररी ड्रॉयिंग रूम जैसा यूज़ मे आता था जहा एक डबल बेड के साथ एक सोफा सेट भी पड़ा हुआ था कभी मेरा कोई फ्रेंड आ जाता तो हम वही बैठ के टाइम पास करते और कभी अनु की कोई फ्रेंड्स आ जाती तो वो उनको लेके वाहा बैठ जाती. उस रूम मे एक बड़ा सा टीवी सेट भी रखा हुआ था जिस्मै केबल और वीडियो कनेक्षन भी लगा हुआ था तो कभी कभी वो रूम टीवी रूम जैसा भी यूज़ मे आता था. ऐसे समझे के मल्टिपर्पस उसे का कमरा था. उस मल्टिपर्पस रूम को लगा हुआ अनु वाला रूम और तीसरा रूम मेरा था. मेरे रूम मे एक विंडो थी जो अनु वाले रूम मे खुलती थी. पहले जब मेरी सिस्टर रहती थी तब हम पढ़ते थे तो आपस मे बातें भी कर लिया करते थे और बुक्स का एक्सचेंज भी इसी विंडो द्वारा

 

होता था. अनु वाले रूम और मल्टिपर्पस रूम के बीच मे भी एक विंडो लगी हुई थी जिसे खोलने की कभी ज़रूरत ही नही पड़ती थी पर अनु कभी कभी हवा के लिए खोल भी लिया करती थी वैसे तो हमारे रूम मे हवा और वेंटिलेशन के लिए कॉरिडर मे एक एक विंडो खुलती थी और जब यह विंडो खुली होती तो कॉरिडॉस मे से आते जाते कोई भी कमरे के अंदर का हाल देख सकता था. तीनो रूम्स मे अटॅच बाथ था. यूँ तो अनु के ज़ियादा फ्रेंड्स नही थे बस एक फ्रेंड थी शालिनी देवी जिसे वो शालु कह के बुलाती थी. शालु और अनु एक ही एज के थे और क्लास फेलो भी. शालु अक्सर अनु के पास आती जाती रहती थी और कभी कभी रात मे अनु के कमरे मे उसके साथ ही सो जाती थी और दूसरे दिन सुबह ब्रेकफास्ट कर के अपने घर चली जाती. कभी अनु उसके घर चली जाती और रात वही शालु के साथ ही सो जाती और सुबह वापस आ जाती यह नॉर्मल रुटीन था दोनो का. शालु हमारे पड़ोस मे ही रहती थी और अनु की क्लास फेलो थी इसी लिए दोनो की बोहोत दोस्ती थी. शालु की हाइट तकरीबन 5’ 6” होगी. वो भी बोहोत ही गोरे रंग की थी. कश्मीरी सेब जैसे गुलाबी गाल, मतकाती बड़ी बड़ी ब्राउन आँखें. उसके भी लाइट ब्राउन कलर के रेशमी बाल थे ज़ियादा बड़े तो नही कमर तक आते थे. शालु के चुचियाँ मेडियम साइज़ के एप्पल जैसे 34 साइज़ के थे बोहोत गोरे गोरे मलाई जैसे बिल्कुल उसके रंग के जैसे. वो अक्सर स्लीव्ले शर्ट पेहेन्ति थी जिस्मै से कभी कभी उसके चुचियाँ भी झाँकती रहती थी या कभी ब्रस्सिएर भी दिखाई देती थी. कभी ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति. और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो उसके शर्ट के ऊपेर से चुचिओ और निपल साफ दिखाई देते और जब अपने हाथ उठाती तो उसके चुचियाँ दिखाई देती जिन्हाई देख के हाथ मचल जाता और मंन करता के अभी साइड से हाथ घुसा के उसके मस्त चुचिओ को पकड़ के मसल डालु. बघल के बाल शाएद डेली शेव करती थी जिससे उसकी बघल हमेशा ही चिकनी रहती. उसकी एक ख़ास आदत थी वो हर थोड़ी देर मे अपने दोनो हाथ ऐसे ऊपेर करती जिस से उसकी बघल साफ दिखाई देती. वो शाएद अपनी बघल मे रोल ऑन पर्फ्यूम भी लगती

 

इसी लिए उसके पास से एक मस्त स्मेल आती थी. वो मेरे साथ बात तो करती थी बस नॉर्मल फॉर्मल जैसी कोई ख़ास इंटिमेसी वाली बात नही करती थी. अगर कभी ऐसा होता के शालु हमारे घर आई और अनु नही मिली तो वो फॉरन ही वापस चली जाती मेरे साथ बैठ के गॅप शॅप भी नही लगती थी मेरी समझ मे नही आता था के क्या इन्न लड़कियों को मेल्स मे कोई इंटेरेस्ट नही है या फिर प्रॉबब्ली उसका कोई प्रेमी भी होगा और इसी लिए वो मेरे साथ कोई एक्सट्रा बात नही करती. उसकी नाक भी पतली थी और उसके लिप्स तो बोहोत ही सेक्सी थे गुलाबी कलर के लिप्स बड़े मस्त लगते थे ऐसा लगता था जैसे नॅचुरल लिपस्टिक लगी हुई हो. उसकी एक ख़ास आदत थी वो बार बार अपने लिप्स पे ज़ुबान फेरती

 

रहती जिस से उसकी पिंक नॉकीली टिप ऑफ दा टंग बोहोत सेक्सी लगती मंन करता के पकड़ के उसकी ज़ुबान को चूसना शुरू कर्दु. शालु, अनु से थोड़ी मोटी थी भरे भरे बदन वाली. शालु भी अक्सर शलवार कमीज़ ही पेहेन्ति थी और कभी जीन्स और टॉप भी पेहेन्ति. जीन्स और टॉप मे तो वो क़यामत लगती थी. उसकी चुचियाँ और चूतड़ भी अनु से थोड़े बड़े थे. ऑन दा होल शालु भी एक बोहोत ही सेक्सी और खूबसूरत लड़की थी जिसे चोदने का ख़याल हर किसी के मंन मे आ सकता था.

 

हमारे घर मे दो ( 2 ) हाउस्म्ड्स भी है एक खाना पकाने के लिए और दूसरी ऊपेर का काम करने के लिए जैसे रूम सॉफ करना बाथरूमस धोना और वॉशिंग मशीन मे कपड़े धोने और आइर्निंग करना वाघहैरा वाघहैरा. खाना पकाने वाली औरत अछी बड़ी उमर की थी और हमारे घर बोहोत सालो से काम करती थी बोहोत पुरानी थी इसी लिए हम सब उसको मासी कहते थे. मासी की उमर कोई 50 साल के लग भग होगी. अब तो मासी कहते कहते इतने साल हो गये थे के हमै उनका नाम भी याद नही रहा. दूसरी ऊपेर का काम करने वाली रितेश्वरी देवी जिसे शॉर्ट मे ऋतु पुकारते थे जो 14 – 15 साल की लड़की थी. रंग बोहोत गोरा भी नही और काला भी नही खुलता हुआ साफ रंग था. उसकी आँखें भी बड़ी बड़ी थी, सेक्सी लिप्स, चुचियाँ भी बोहोत ही छोटी छोटी थी शाएद अभी 28 के होंगे गोल्फ के बॉल जैसे छोटे छोटे थे, शाएद वो भी ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति थी क्यॉंके जब वो चलती तो उसकी टाइट छोटी सी चुचियाँ उसके शर्ट के अंदर हिलती भी नही थी और निपल्स का उभार उसके शर्ट मे से सॉफ नज़र आता था. घाटेला बदन, हाइट भी ज़ियादा नही थी, होगी शाएद 4”5” या 5” की होगी. एक छोटी लड़की ही तो थी जिसे मजबूरी मे काम करना पड़ रहा था.. मोस्ट्ली शलवार कमीज़ पेहेन्ति और कभी कभी लोंग स्कर्ट और ब्लाउस भी पेहेन्ति थी. उसको हमारे अंकल समीर एक विलेज से ले के आए थे जहा उनका कन्स्ट्रक्षन का काम चल रहा था. ऋतु के फादर की एक आक्सिडेंट मे डेत हो गई थी और उसकी मा गाऊँ ( विलेज ) मे ही रहती थी.ऋतु हमारे घर मे फॅमिली मेंबर की तरह पर्मनेंट्ली रहती थी. आछे खाते पीते घराने की थी पर उसके डॅडी की डेत के बाद हालत ने उसे काम करने पर मजबूर कर दिया था. ऋतु अपना काम बोहोत अछी तरह से करती और बड़ी तेज़ी से भी करती थी. ऑन दा होल ऋतु एक बोहोत ही सेक्सी लड़की थी पर उसको पता नही था के वो कितनी सेक्सी है. उसकी कमीज़ मे से उसके छोटे से बूब्स के उभार बड़े मस्त दिखते बार बार मॅन करता के उन्है पकड़ के उसकी चुचिओ को मसल डालु. वैसे तो कई बार ऐसा भी हुआ है के जब मेरे मोम और दाद ऑफीस चले जाते, मासी भी लंच और डिन्नर एक साथ पका के अपने घर चली जाती तो मैं और ऋतु अकेले ही घर मे रहते पर पता नही क्यों उसे

 

चोदने का या उसके चुचिओ को मसल्ने और चूसने का ख़याल मेरे दिमाग़ मे कभी नही आया..

 

ऋतु का रूम नीचे ही था क्यों के सोने से पहले मेरी मोम की टाँगें दबाती थी और कभी किसी काम के लिए रात मे मोम पुकारती तो वो आजाती इसी लिए वो नीचे ही रहती थी और जब मेरे पेरेंट्स सो जाते तो ऋतु भी अपने रूम मे जा के सो जाती. सुबह मासी थोड़ी देर से आती थी तब तक ऋतु ही मेरे पेरेंट्स को चाइ या कॉफी बना के दे देती और मासी के आने तक किचन की सफाई भी कर देती थी कभी कभी तो वो भी टीवी वाले रूम मे आ जाती और दोनो बैठ के टीवी देखते पर वो खामोश ही रहती. टीवी पे कोई हॉट सीन आता तो मेरा लौदा 90 डिग्री पे खड़ा हो जाता और वो शरमाती और धीरे से मुस्कुराते हुए उठ के रूम से बाहर चली जाती. वॉशिंग मशीन और आइर्निंग रूम ऊपेर के पोर्षन मे ही बना हुआ था इसी लिए ऋतु को जब कपड़े धोना होते या आइर्निंग करना होता तो वो ऊपेर के पोर्षन मे आती. कई बार मेरे कमरे की सफाई के दोरान जब वो झुकती तो उसके कॉनिकल शेप की छोटी सी चुचियाँ और उसके छोटे किशमिश जैसे ब्राउन निपल्स उसके शर्ट के गले (नेक) के पास से अंदर तक सॉफ नज़र आते रहते जिन्हे देखते ही मेरा लौदा पॅंट के अंदर से बाहर निकलने को तड़पने लगता और मॅन करता के अभी उसको नीचे लिटा के उसको चोद के उसकी टाइट चूत को फाड़ डालु पर क्या करू डरता था के कही यह मेरे मोम और डॅड से बोल देती तो मेरी तो शामत ही आजाती और एक नयी मुसीबत खड़ी हो जाती बॅस यह सोच के खामोश हो जाता और बाथरूम मे जा के ऋतु के नाम की मूठ मार लेता और ख़यालो मे अपने लंड से निकली हुई मलाई को ऋतु की रसीली चूत मे गिरते महसूस करता.

 

अनु को हमारे साथ रहते हुए तकरीबन तीन महीने हो गये थे. दिन ऐसे ही गुज़र रहे थे. वो शाम मे कॉलेज से आती. डिन्नर के बाद कुछ देर पढ़ती रहती और रात के 11 या 12 बजे तक सो जाती. मैं कुछ दीनो से फील कर रहा था के मेरे मोम और डॅड के सो जाने के बाद ऋतु ऊपेर अनु के कमरे मे आ जाती थी और फिर अनु और ऋतु हसी मज़ाक की बाते करते रहते और हस्ते रहते. मैं ने कोई ऐसा ख़ास ध्यान नही दिया के गर्ल टॉक्स होंगे जिन्हे आपस मे बात करके हस्ती होगी.

 

एक दिन की बात है उस दिन बोहोत गर्मी पड़ रही थी और मैं कही बाहर से वापस आया था, आस यूषुयल मोम और डॅड तो थे नही. मैं बाहर से अंदर आया और ऊपेर अपने रूम की तरफ जाने लगा. मेरे रूम मे जाने के लिए मुझे अनु के रूम के सामने से गुज़रना पड़ता था और यह इत्तेफ़ाक था के उसके रूम की

 

विंडो खुली हुई थी क्यॉंके गर्मी बोहोत थी. मैं जब उसके रूम के सामने से जा रहा था तो मुझे एक अजीब किसम की आवाज़ सुनाई दी और मैने पलट के अनु की विंडो की तरफ अपना मूह घुमा के देखा तो एक शॉक जैसा लगा अनु और ऋतु एक दूसरे को फ्रेंच किस कर रहे थे दोनो की आँखें बंद थी शाएद प्लेषर से बंद हो गई होगी और उन्हे पता ही नही चला के मैं उनको देख रहा हू. एक मिनिट तक देखता ही रहा के कैसे अनु और ऋतु एक दूसरे की चुचिओ को कपड़ो के ऊपेर से ही दबा रही हैं कभी कभी शर्ट के अंदर हाथ डाल के एक दूसरे की चुचिओ को मसल रही है और किस्सिंग मे खोए हुए हैं और मूह से उउउउउउउन्न्न्न्ह्ह्ह्ह जैसी प्लेषर की आवाज़ें निकल रही है. मैं यह देख के धीमे पैरो से बिना आवाज़ निकाले वापस चला गया और नीचे उतर गया किचन मे जा के मासी से पूछा के लंच मे क्या बना रही है तो पता चला के आज लंच और डिन्नर मे चिकन का सालन और कबाब हैं. मैने फ्रिड्ज से ठंडा पानी निकाल के पीया और ऊपेर ऐसे चढ़ने लगा जिससे के अनु को पता चल जाए के मैं ऊपेर आ रहा हू और जब मैं ऊपेर आया तो देखा के अनु के रूम का डोर खुल गया था और ऋतु रूम की सफाई कर रही थी. मैं देख के मुस्कुरा दिया और अनु को पूछा के आज कॉलेज नही गई तो उसने बोला के नही आज कल कॉलेज मे आन्यूयल गेम्स चल रहे हैं इसी लिए एक वीक की छुट्टी है. मैं अपने कमरे मे चला गया और शवर ले के थोड़ी देर के लिए सो गया.

 

उस दोपेहेर के बाद उन दोनो ने मुझे कोई शक नही होने दिया के उन के बीच मे कुछ रोमॅन्स चल रहा है. डिन्नर से पहले ही मोम और डॅड आ गये थे. हम सब ने साथमे डिन्नर लिया. मोम और डॅड तो ऑफीस से थक्क के आते थे और खाने के थोड़ी ही देर मे सोने चले जाते. मैने डिन्नर टेबल पे बोल दिया था के मैं आज बोहोत थक्क गया हू और जल्दी ही सो जाउन्गा. डिन्नर के बाद अनु को नीचे ही छोड़ के ऊपेर आ गया और अपने रूम के डोर को हवा के लिए थोड़ा सा खुला रख के लाइट बंद करके खामोशी से अपने बेड पे लेट गया और गहरी नींद सोने की आक्टिंग करने लगा. अनु थोड़ी देर बाद ऊपेर आई और पहले तो मेरे रूम का डोर खुला देख के डोर के सामने आई और धीरे से अंदर झाँक के देखा जिसे मैं आध खुली आँखों से देख रहा था पर वो समझी के मैं सच मे गहरी नींद सो गया हू और वो टीवी रूम मे जा के टीवी देखने लगी. हमारे पास यूवरोसेट की डिश लगी हुई है जिसपे हॉटबर्ड चॅनेल्स आते है और लेट नाइट सेक्स चॅनेल्स भी ओपन हो जाते है जिसे मैं अकेले मे देखा करता था पर जब से अनु आई थी टीवी पे वो चॅनेल्स देखने का मोका नही मिलता था. टीवी की साउंड मुझे बोहोत ही धीमी आ रही थी जिस से पता चलता था के शाएद अनु सेक्स चॅनेल देख रही है

 

मैने शाम को ही मेरे और अनु के रूम के बीच की विंडो को इतना थोड़ा सा खोल दिया था के उसको शक्क ना हो और मैं उसके रूम मे झाँक के देख सकु. मैं ने कॉरिडर की लाइट भी बंद की हुई थी इस लिए बाहर कॉरिडर मे अंधेरा हो गया था. रात के तकरीबन 12:30 हो रहे होंगे टीवी की आवाज़ बंद हो गई और किसी के नीचे जाने की आवाज़ आने लगी शाएद अनु नीचे जा रही थी. मैं ने सोचा के शाएद पानी पीने गई होगी पर 5 मिनिट के अंदर ही मुझे अनु और ऋतु के ऊपेर आने की आवाज़ें आने लगी दोनो बोहोत धीमी आवाज़ मे बातें कर रही थी मुझे पता नही चल रहा था के क्या बातें कर रही हैं. अनु ने अपने कमरे मे जाने से पहले एक बार फिर से फिर मेरे कमरे मे झाँक के मुझे देखा के मैं सो गया या नही. मैं जान बूझ कर स्नोरिंग करने लगा मतलब खर्राटे लेने लगा तो उसे यकीन हो गया के मैं बोहोत गहरी नींद सो गया हू.

 

अनु के कमरे मे दोनो आ गये और अनु ने अंदर से डोर बंद करके लॉक कर दिया. हमारे रूम के बीच की विंडो थोड़ी खुली थी जिस्मै से मुझे ऋतु की आवाज़ आई वो पूछ रही थे के राज बाबू सो गये क्या तो अनु ने कहा हा कब का सो गया. जब मुझे पक्का यकीन हो गया के डोर अंदर से लॉक कर दिया है तो मैं बिना आवाज़ किए अपने बेड से नीचे उतर गया और विंडो के पास चला गया. अनु ने कमरे मे जाते ही अपने कमरे की लाइट्स बंद कर दी थी पर बाथरूम की लाइट जली रहने दी और बाथरूम का डोर भी बंद कर दिया. बाथरूम मे ऊपेर की तरफ हवा के लिए एक छोटी सी ओपनिंग थी जिस्मै से बोहोत ही धीमी लाइट कमरे के अंदर आ रही थी जिस से कमरा पूरा अंधेरा नही दिख रहा था बॅस ऐसे लग रहा था जैसे कॅंडल जली हुई हो. अनु और ऋतु के बदन मुझे सॉफ दिखाई दे रहे थे. थोड़ी ही देर मे मेरी आँखें भी अंधेरे मे देखने को अड्जस्ट हो गई थी और मुझे अब अंदर का सब कुछ ऑलमोस्ट सॉफ दिखाई दे रहा था. अनु का बेड ऐसी पोज़िशन मे था के मैं विंडो से अछी तरह से देख सकता था. मैं ने देखा के कमरे मे दोनो आते ही एक दूसरे से ऐसे लिपट गयी जैसे पुराने लवर्स हो और बोहोत दीनो के बाद मिल रहे हो. एक दूसरे को बे तहाशा डीप टंग सकिंग पॅशनेट किस कर रहे थे और अपनी चूते एक दूसरे से मिलाने के लिए अपनी अपनी गंद आगे पीछे कर रही थी जैसे खड़े खड़े एक दूसरे को चोद रही हो. ऐसे ही थोड़ी देर एक दूसरे को किस करते करते एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी. दोनो शलवार और कमीज़ पहने हुए थी. पहले दोनो के शर्ट्स उतर गये देखा तो दोनो की मस्त चुचियाँ नज़र आ रही थी. अनु की चुचियाँ गोल गोल थी और ऋतु की छोटे से लाइट कॉनिकल शेप की थी. एक के बाद एक दोनो एक दूसरे की चुचियाँ चूसने लगी और शलवार के ऊपेर से ही एक दूसरे की चूतो का मसाज करने लगी. और देखते ही

 

देखते दोनो ने एक दूसरे की शलवारो का नाडा खोल दिया और एक साथ ही दोनो की शलवारें नीचे फ्लोर पे गिर पड़ी और दोनो नंगी हो गयी और इधर मैं भी अपने कपड़े निकाल के नंगा हो गया मेरा लंड बोहोत ज़ोरों से अकड़ गया था और अनु और ऋतु की चूतो को स्प्रिंग की तरह से हिल हिल के प्रणाम करने लगा. दोनो ने भी ब्रस्सिएर नही पहनी हुई थी. अब मेरी आँखें कमरे की धीमी लाइट से ऐसे अड्जस्ट हो गई थी और मुझे इतना सॉफ दिखाई दे रहा था जैसे मैं दिन के टाइम मे देखता हू. मेरे दिमाग़ मे अचानक एक ख़याल आया और मैं अपना कॅमरा वाला मोबाइल और अपने डिजिटल कॅमरा जिस्मै धीमी लाइट मे भी अच्छे रिज़ल्ट की पिक्चर्स और वीडियो की फेसिलिटी थी उठा के ले आया और रेकॉर्ड करने लगा.

 

अब अनु और ऋतु फिर से टंग सकिंग किस करने लगी और दोनो के हाथ एक दूसरे के चूतदो पे थे जिन्है वो ऐसे मसल रही थी जैसा रोटी पकाने का आटा गून्ध्ते हैं और एक दूसरे से चिपकी हुई थी जिस से उनकी चुचियाँ भी एक दूसरे से रगड़ रही थी और दोनो एक दूसरे को ऐसे अपनी ओर खेच रही थी जैसे एक दूसरे को चोदना चाहती हो और उनकी चूते भी आपस मे रगड़ा खा रही थी. दोनो की चूते बिना बालो वाली सॉफ चिकनी मक्खन जैसी थी.

 

थोड़ी ही देर मे अनु ने ऋतु को बेड पे ऐसे लिटा दिया जिस से ऋतु का आधा बदन बेड पे था और उसकी टाँगें नीचे फ्लोर पे थी. अनु नीचे फ्लोर पे बैठ गई और ऋतु की टाँगें खेच के अपने शोल्डर पे रख ली और ऋतु की चूत पे ऐसे टूट पड़ी जैसे भूके को बोहोत दीनो बाद खाना मिला हो और ऋतु ने फॉरन ही अनु का सर पकड़ के अपने चूत मे घुसेड़ना शुरू कर दिया और अपनी गंद उठा उठा के अनु के मूह को चोदने लगी और उसके मूह से निकल रहा था आआआहह डीईययड्डिईईईईईईईईईई आईिससीईए शियीयीयीयियी आआआहह बोहोत मज़ा आआ रहाआआअ हाईईईईईई दीएददीईए उउफफफफ्फ़ खाआआअ जऊऊऊ आआआऐईईईईहह और अनु थी के जोश मे ऋतु की पूरी चूत अपने मूह मे डाल के काटने लगी जिस से उसकी क्लाइटॉरिस पे अनु के दाँत लग रहे थे और ऋतु के मस्ती भरी चीखें निकल रही थी ऊऊऊऊऊहह दीईद्द्दीईईई आऐईएसस्स्स्सीईई हीईई आआहह उसकी आँखे बंद हो गई थी और वो अपनी गंद ऊपेर उठा उठा के अपनी चूत को अनु के मूह से रगड़ रही थी और बॅस फिर ऋतु का बदन ऐसे काँपने लगा जैसे किसी ने उसका गला दबा दिया हो उसके मूह से आआआआग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्

 

ह्ह्ह्ह्ह्ह उउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी आवाज़े निकलने लगी और उसने अनु के सर को पकड़ के अपनी चूत मे बड़ी ज़ोर से घुसा दिया

 

और वो झड़ने लगी उसका ऑर्गॅज़म चलता रहा और उसके हाथ पैर ऐसे ढीले पड़ गये जैसे उसमे से जान ही निकल गई हो और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी. यह सब देखते हुए मुझे पता ही नही चला के मेरा मूसल जैसा लंड तो पूरी तरह से खड़ा हो गया है और लोहे जैसा सख़्त हो गया है और जोश मे हिल रहा है और लंड के मूह से प्री कम की लकीर निकल के नीचे फ्लोर तक जा रही है.

 

मुझे हैरानी इस बात की हो रही थी के अनु जो अपने आपको इतना रिज़र्व, सोबर और इनोसेंट पोज़ करती थी कैसे एक नोकारानी की चूत को मज़े ले ले के चाट रही है. ऋतु का ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया था और अब उसकी साँसें भी ठीक होने लगी थी तो उसने अनु को जो अभी तक फ्लोर पे बैठी थी उस की बगल मे हाथ डाल के बेड के ऊपेर खेच लिया और ऋतु ने अनु को किस करते करते कहा दीदी आज तो बोहोत ही मज़ा आगेया इतना मज़ा तो इस से पहले कभी नही आया था. इस सेंटेन्स पे मेरे कान खड़े हो गये मतलब था के इन्न दोनो मे यह चूत की चटाई का खेल बोहोत पहले से ही चल रहा था जिसे मैं ने इत्तेफ़ाक़ से देख लिया था. अनु ने भी कहा के हा आज तुम्हारी चूत का रस्स भी कुछ ज़ियादा ही मीठा था लगता था हनी निकल रहा हो और मैं भी आज कुछ ज़ियादा ही गरम हो गयी थी. अनु बेड पे पीठ के बल लेटी थी और ऋतु उसके ऊपेर चढ़ के आ गई और अनु के बदन के दोनो तरफ अपने दोनो पैर घुटनो से मोड़ के अनु की रानो (थाइस) पे बैठ गई और झुक के अनु की चुचिओ को अपने दोनो हाथो से मसल ने लगी ऐसी पोज़िशन मे दोनो की चूते आमने सामने थी. ऋतु जैसे जैसे आगे पीछे होती उसकी चूत अनु की चूत से टच होती और ऋतु एक बार फिर से गरम होने लगी और थोड़ी देर ऐसे ही पोज़िशन मे हिलते हिलते वो मिशनरी पोज़िशन मे अपने पैर पीछे लंबे कर के अनु के बदन पे लेट गयी और अपनी चूत को अनु की चूत से रगड़ने लगी. अनु ने अपनी टाँगे ऋतु के नीचे से निकाल के उसके गंद पे फोल्ड कर ली. अब पोज़िशन ऐसी थी जैसे ऋतु का (लंड) अनु की चूत मे घुसा के चुदाई कर रही हो. ऋतु अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को अनु की चूत पे ऐसे मार रही थी जैसे एक मेल फीमेल को चोद्ता है और कमरे मे ठप्प ठप्प ठप्प की आवाज़ें आ रही थी और अनु ने अपने हाथ ऋतु की गर्दन मे डाल के उसको अपने ऊपेर खेच लिया और दोनो फिर से टंग सकिंग किस करने लगे. ऋतु के स्पीड बढ़ गई थी और वो ज़ोर ज़ोर से अनु की चूत को अपनी चूत से चोद रही थी और दोनो के मूह से आआआआअहह और उउउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स

 

ऊऊऊऊऊऊहह जैसी आवाज़ें निकल रही थी और उनको जोश मे इतनी भी खबर नही हो रही थी के उनकी इतनी ज़ोर की आवाज़ें मेरे कमरे मे भी आ सकती हैं पर वो तो फुल जोश मे थी. कमरे मे ठप्प ठप्प ठप्प की आवाज़ें बढ़ने लगी और साथ मे उन दोनो की सिसकारिया भी. अनु ने ऋतु को टाइट पकड़ा हुआ था अपने हाथो से और पैरो से और अपनी गंद उठा उठा के उसकी चूत से अपनी चूत को टकरा रही थी दोनो के चुचियाँ बड़ी ज़ोर ज़ोर से हिल हिल के डॅन्स कर रही थी. दोनो के मूह से आआग्ग्ग्घ्ह्ह्ह उउउउग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह उउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ आई और मैं ने देखा के अनु की ग्रिप और टाइट हो गई और दोनो के बदन कापने लगे दोनो जैसे थक्क गये हो और ऋतु का बदन अनु के बदन के ऊपेर गिर पड़ा दोनो ऐसी गहरी गहरी साँसें ले रही थी जैसे लंभी रेस लगा के आई हो.

 

थोड़ी देर तक दोनो ऐसे ही लेटे लंबी लंबी साँसें लेती रही और फिर जब उनकी ब्रीदिंग नॉर्मल हुई तो ऋतु ऐसे ही अनु के बदन पे लेटे लेटे ही नीचे को सरकने लगी और अनु की चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगी तो फॉरन ही अनु ने ऋतु का सर पकड़ के अपने सीने मे घुसा लिया अनु को बोहोत मज़ा आने लगा था अपनी चुचिओ को चुसवाने का. ऋतु !अनु की चुचिओ को ऐसे चूस रही थी जैसे सच मे दूध पी रही हो. एक चुचि फिर दूसरी चुचि चूस्ति रही और ऐसी पोज़िशन मे ऋतु की चुचियाँ अनु के थाइस से रगड़ने लगी. थोड़ी देर ऐसे ही चुचिओ को चूसने के बाद देखा के अनु अब ऋतु के सर को नीचे की ओर धकेल रही है जैसे कोई सिग्नल दे रही हो और ऋतु ने भी उसके सिग्नल को फॉरन समझ लिया और नीचे को स्लिप हो गई और अनु की दोनो टाँगो के बीचे मे लेट गई और अनु की चिकनी चूत को किस करने लगी. ऋतु अपना मूह ऊपेर उठा के बोली दीदी तुम्हारी चूत मे से तो मस्त ख़्श्बू आ रही है और तुम्हारी चूत का शेहेद (हनी) भी तो बोहोत ही मीठा है तो अनु हसणे लगी और बिना कुछ बोले के ऋतु के सर को अपनी चूत मे धकेल दिया और अपने दोनो पैरो को ऋतु के बॅक पे फोल्ड कर दिया और अपनी गंद उठा उठा के ऋतु के मूह मे अपनी चूत घुसाने लगी. ऋतु भी फुल जोश मे आ गई और अनु की पूरी चूत को अपने मूह मे भर लिया और अपने दांतो से अनु की चूत को काटने लगी जिस से अनु मस्ती और जोश मे तड़पने लगी और अपनी गंद उठा के अपनी चूत से ऋतु के मूह को चोदने लगी. अनु की गंद बेड से तकरीबन 6 – 8 इंच ऊपेर उठी हुई थी और उसकी आँखें फिर से बंद हो गई थी और उसके मूह से मस्ती की सिसकारिया निकलने लगी आआआआआआहह ऱीतुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ आआअहह आईईसस्स्स्सीईईईई हहिईीईईईईई काअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर मेरिइईईईईईईईईई ज्ज्ज्ज्जाआआआन्न्‍ननननननणणन् आआआहह

 

खााआआआआआअ लीईईईईईई मेरिइईईईई चूऊऊऊऊऊऊऊथत को काआआआआआआत्त्त दाआआआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल साआआअलीईईए कूऊऊऊऊओ. मैं अनु के मूह से ऐसी बातें सुन के हैरान रह गया के अनु ऐसी गंदी बातें भी कर सकती है काइया. आईईईईईईई रीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईत्त्त्टटटटटटटटटतत्त उउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ऊऊऊऊऊओिईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआ और फिर देखा के अनु की गंद जल्दी जल्दी ऊपेर नीचे हो रही है और वो ऋतु का सर पकड़ के अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से ऋतु के मूह मे रगड़ने लगी. ऋतु का सर अभी भी अनु ने अपने हाथो से पकड़ा हुआ था और अनु ने ऋतु के सर को अपने दोनो जाँघो के बीच मे बड़ी ज़ोर से दबा लिया और अनु का बदन काँपने लगा और एक लंबी सी आआआआआआआआअग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊऊऊऊऊऊओह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स के साथ ही वो झड़ने लगी उसका बदन धीरे धीरे शांत होने लगा और फिर वो शांत हो गई उसका बदन ढीला पड़ गया दोनो हाथ और पैर बेजान हो के बेड पे गिर पड़े अनु लंबी लंबी साँसें लेने लगी. ऋतु थोड़ा ऊपेर को खिसक आई और अनु के साथ ही उसके साइड मे लेट गई और अनु की चुचिओ से खेलने लगी. थोड़ी देर के बाद जब अनु को ऑर्गॅज़म का नशा ख़तम हो गया तो वो दोनो एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट से लेट गये और धीरे धीरे किस करने लगे. अनु बोली ऋतु आज तो तू ने कमाल ही कर दिया ऐसा मज़ा मुझे भी इस से पहले कभी नही आया तो ऋतु बोली हा दीदी मुझे भी कभी नही आया और एक दूसरे के बदन से खेलते खेलते ऋतु बोली के दीदी पता है क्या हुआ आज तो अनु ने पूछा क्या हुआ तो ऋतु बोली के आज जब मैं मेम साहेब के पैर दबा रही थी तो उन्हो ने मुझ से मालिश करने को कहा और जब मैं मालिश करने लगी तो मेम साहेब ने भी अपने जाँघो के अंदर तक मालिश करवाई है. ईतना सुनते ही मेरे कान खड़े हो गये और मैं गौर से सुनने लगा के मेरी मा के बारे मे ऋतु क्या बोल रही है. अनु ने पूछा क्या बोल रही है तू तो ऋतु बोली के हा दीदी आज पता नही मेम साहेब को क्या हुआ था साहेब तो सो गये थे पर मेम साहेब जाग रही थी और मैं जब उनके टाँगें दबा रही थी तो बोली के वाहा से तेल की बॉटल उठा ला और मेरे पैरो पे लगा के मालिश कर दे और जब मैं तेल लगा के मालिश कर रही थी तो उन्हो ने बोला के थोड़ा और ऊपेर तक कर और फिर इसी तरह से थोड़ा और ऊपेर थोड़ा और ऊपेर करते करते मुझे महसूस हुआ के मेरे हाथ उनकी चूत तक चले गये है और फिर भी मेम साहेब थोड़ा और ऊपेर तक कर ऋतु कह रही थी और फिर मुझे अपने हाथो को उनकी चूत तक ले जाना पड़ा और फिर एक दम से मेम साहेब ने मेरे हाथो को अपनी चूत से लगाए लगाए ज़ोर से अपनी

 

जाँघो से मेरे हाथो को दबा लिया और उनके मूह से बोहोत ज़ोर से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ आईई और मुझे उनकी चूत मे से रस्स की स्मेल आई और उनकी चूत का रस्स मेरी उंगलिओ पे लग गया. मेरे ख़याल से मेम साहेब भी शाएद मेरे मसाज करने से झाड़ गई होगी तो अनु ने कहा यह क्या बोल रही है तू तो उसने कहा मैं सच कह रही हू दीदी और बोली के हो तो सकता है ना दीदी क्यॉंके साहेब तो जल्दी सो जाते है हो सकता है के अब साहेब बोहोत ज़ियादा ऑफीस मे काम करते थक्क जाते होगे और हर वक़्त काम के बारे मे ही सोचते रहने की वजह से उनका लंड नही उठ ता होगा इसी लिए मेम साहेब भी मेरे मसाज करने से गरम हो गई होगी क्या पता. इस से पहले भी ऐसा हो चुका है पर मैं ने इतना ध्यान नही दिया आज जब मेरा हाथ डाइरेक्ट मेम साहेब की चूत पे लगा तो मुझे पता चला के मेम साहेब भी बोहोत ही गरम है और उनको भी सेक्स की इच्छा होती होगी.

 

इतना सुन के मेरा बदन और जलने लगा और मैं सोचने लगा के क्या ऋतु सच बोल रही होगी क्या बड़ी उमर की औरतों को भी ऐसे ही जोश आता होगा. मैं कुछ देर तक अपनी ही सोचो मे गुम्म हो गया.

 

थोड़ी देर तक दोनो बातें करते रहे और फिर मैं ने गौर से सुना तो अनु के खर्रातो की आवाज़ आ रही थी वो नंगी ही सो गई थी और ऋतु अपने कपड़े पहेन के अनु के नंगे बदन पे शॉल डाल के कमरे का डोर खोल के दबे क़दमो से नीचे उतर गई और मैं भी अपने बेड पे चला गया पर सोने से पहले दोनो के नाम की मूठ मारना नही भुला.

 

इसी तरह से दोनो के खेल चलते रहे. डेली रात को ऋतु ऊपेर आती और अनु के साथ मिलके चूत चटाई और चुचिओ की चुसाइ का खेल खेलते रहते. मैं रोज़ रात को उन दोनो के पिक्चर्स और वीडियोस बनाता रहा.

 

एक दिन ऐसा हुआ के लेट ईव्निंग मे शालु हमारे घर आई और शालु और अनु दोनो ख़ुसर पुसर करने लगे तो मैं समझ गया के आज दाल मे कुछ काला ज़रूर होने वाला है और अनु का इरादा शालु के साथ मज़े करने का है. डिन्नर टेबल पे ही अनु ने बता दिया था के शालु आज रात यही रहने के लिए आई है तो मैं समझ गया के आज का प्रोग्राम पक्का है. मैने आस यूषुयल डिन्नर के टाइम पे इह बोल दिया के मैं आज बोहोत थक्क गया हू और सोने के लिए जा रहा हू और अपने कमरे मे आ गया. लाइट बंद कर के दरवाज़े को थोड़ा सा खुला रख के लेट गया और ऐसे पोज़ करने लगा जैसे मैं गहरी नींद मे हू. डिन्नर के थोड़ी देर तक सब

 

लोग नीचे ही बैठे बातें करते रहे जब मम्मी और डॅडी सोने के लिए चले गये तो अनु और शालु ऊपेर की तरफ आ गये और टीवी के रूम मे ही बैठ गये और टीवी देखने लगे शाएद सेक्स चॅनेल देख के कुछ गरम होना चाहते होंगे. मैं इंतेज़ार करने लगा और अपना डिजिटल कॅम और मोबाइल रेडी कर के रख लिया.

 

शाएद आधा घंटे के बाद मुझे हसी की आवाज़ें आने लगी और टीवी का रूम बंद करने की आवाज़ आई और मैं बेड पे लेट के खर्राटे मारने लगा. मेरे कमरे का डोर खुला अनु ने अंदर झाँका और शालु से कहा के राज तो सो गया चलो मेरे कमरे मे. शालु और अनु उसके कमरे मे आ गये और आस यूषुयल कमरे की लाइट बंद कर दी और बाथरूम के ज़ीरो बल्ब की लाइट को खुला रखा इस टाइम बाथरूम का डोर भी थोड़ा सा खुला छोड़ दिया जिस से कमरे मे धीमी रोशनी आ रही थी और इतनी लाइट थी के मैं हर चीज़ सॉफ देख सकता था. शालु आंड अनु एक दूसरे से लिपट के प्यार करने लगी. शालु बोली ओह अनु कितना याद किया री मैं ने तुझे. मुझे तो रातो मे नींद भी नही आती थी तू ने मुझे वो मज़े लेना सिखाया है के मैं तड़पति रहती हू और तुझे याद करती रहती हू तो अनु बोली के मेरे पास क्यों नही आई फिर तो शालु बोली के तुझे तो पता है ना के पापा जब घर मे होते है तो मुझे पर्मिशन नही मिलती रात मे बाहर रहने की. आज तो पप्पा टूर पे है इसी लिए मम्मी से बोल के आ गई. इतनी देर मे दोनो एक दूसरे के कपड़े उतार चुके थे. शालु को पहली बार नंगा देखा तो दंग रह गया क्या मस्त बदन था शालु की चुचियाँ भी अनु और ऋतु से थोड़ी बड़ी थी और उसका अरेवला भी पिंक कलर का था जैसे अनु का. ऋतु का अरेवला तो लाइट ब्राउन कलर का था. शालु भी बोहोत ही गोरी रंग की अच्छे ख़ासे घटेले बदन की लड़की थी. अनु से थोड़ी लंबी और थोड़ी मोटी भी थी. गोल गोल कड़क 36 साइज़ की मस्त टाइट चुचियाँ और चूत तो तीनो की मक्खन जैसी चिकनी ही थी. लगता था के शालु ने भी अभी अभी चूत की झातो का शेव किया है. शालु की चूत की पंखाड़िया थोड़ी मोटी थी अनु और ऋतु की चूत की पंखाड़िया तो अभी बोहोत ही पतली थी और एक दूसरे से मिली हुई थी देखने से एक लकीर जैसी चूत दिखती थी जबके शालु की चूत के पंखाड़िया अनु और ऋतु की चूत की पंखाड़ियों से थोड़ी मोटी और थोड़ी सी अलग थी एक दूसरे से मिली हुई नही थी.

 

अब मैं ने भी अपने कमरे का दरवाज़ा अंदर से लॉक कर लिया यह सोच के के अगर कोई अचानक ऊपेर आ जाए तो उसे पता नही चले के मैं यह सब खेल देख रहा हू और पिक्चर्स और वीडियो बना रहा हू और अपने कपड़े निकाल के नंगा हो गया मेरे लंड का तो बुरा हाल था अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो चुका था

 

और जोश मे हिल रहा था जैसे दो चूतो को सल्यूट कर रहा हो. मैने डिजिटल कॅमरा स्टार्ट कर दिया और सारा सीन वीडियो की शकल मे सेव होता रहा और अपने मोबाइल से कुछ पिक्चर्स लेने लगा.

 

मुझे विंडो मे से सॉफ नज़र आ रहा था दोनो नंगी खड़ी थी और किस्सिंग मे बिज़ी थी और दोनो के हाथ कभी एक दूसरे की चूतो को मसल्ने लगते तो कभी चुचिओ को दबा ने लगते. शालु कुछ ज़ियादा ही उतावली हो रही थी क्यॉंके उसने यह मज़ा बोहोत दीनो से नही उठाया था इसी लिए पहले अनु ने शालु को बेड पे लिटा दिया और खुद उसके ऊपेर चढ़ गई और उसकी रानो (थाइस) पे बैठ के शालु की चुचिओ को रगड़ने लगी और अपनी चूत को शालु की चूत से रगड़ने लगी फिर झुक के उसकी चुचिओ को चूसने लगी. शालु ने अनु के सर को ज़ोर से पकड़ के अपने सीने से दबा लिया और सिसकने लगी आआआअहह आनुउउउउउउउउउउउउउउउउउउ मेरिइईईईईईईईईईई जाआआआआआआन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न आईसस्स्स्सीईई हीईीईईईईई कार्रर्ररर आअहह और उसकी रानो पे ऐसे आगे पीछे होने लगी जैसे जॉकी हॉर्स रेसिंग मे घोड़े पे आगे पीछे होता है. थोड़ी देर के बाद शालु बोली अनु मुझे भी तो अपनी चूत का स्वाद दे तो अनु पलट गई और दोनो 69 की पोज़ीशन मे आ गये. अनु घुटने मोड़ के शालु के सर के दोनो तरफ अपने पैर रख के झुक गई और शालु की चूत मे मूह डाल के किस करने और उसकी चूत चाटने लगी तो शालु ने अपने टाँगें मोड़ ली और अपनी गंद उठा उठा के चूत को अनु के मूह पे मारने लगी. आनू के दोनो हाथ शालु की गंद के नीचे आ गये और उसके चूतदो को उठा के अपने मूह मे उसकी चूत लेने लगी. अनु जो शालु के ऊपेर थी अपनी गंद उठा उठा के चूत को शालु के मूह पे मारती रही जैसे उसके मूह को चोद रही हो. दोनो एक दूसरे की चूतो को चाट ते रहे और सिसकारियाँ भरते रहे आआआआआआआहह षाआअल्लुउउउउउउउउउउउउउ आज तेरी चूत तो कुछ ज़ियादा ही रसीली और स्वादिष्ट हो रही है रे आहह देख कितना रस्स छोड़ रही है तो शालु बोली हा क्या करू कितने दिनो से तड़प रही हू और अगर आज मैं तेरे पास नही आती तो शाएद मैं पागल हो जाती इतना मूड आ गया था और तेरे मूह मे अपनी चूत का सोच सोच के सुबह से ही मेरी चूत बार बार गीली हो रही थी आअहह आईसीईए हीईीईईईईई काआररररर आन्न्न्न्नुउउउउउउउउउउउ मैईईईई आआआ रहियीईईईईईईईईईईईईई हूवूऊयूवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयूआअहह मैईईईईईईईईई आआआअ र्रर्राआआअहहिि हुउउउउउउउउउउउउउ और शालु का बदन बुरी तरह से काँपने लगा और वो झड़ने लगी. शालु की चूत से रस्स का फव्वारा फूट पड़ा. अनु शालु की चूत का

 

सारा रस्स पीती रही और अब उसके धक्के भी तेज़ होने लगे और एक ही मिनिट के अंदर अनु के मूह से निकला आआआअग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्स्स्श्ह्ह्हाआआल्ल्ल्ल्ल्लुउउउउउ मैईईईईईईईईईई भ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईइ आआआआआअ र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररराआआहहिईीईईईईईई हुउउउउउउउउउउउउउ और वो भी काँपते हुए झड़ने लगी और बे दम हो के उसके ऊपेर गिर पड़ी. दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगी.

 

थोड़ी देर के बाद दोनो फिर से एक दूसरे के साथ लेट गये और चूमने लगे. शालु तो कुछ ज़ियादा ही सेक्सी हो गई थी 2 – 3 मिनिट के अंदर ही उस्मै जोश भर गया और वो अनु की चुचिओ को चूसने लगी और अनु की चूत को अपनी हथेली से मसाज करने लगी और अनु भी शालु की चूत का मसाज करने लगी. अब शालु अनु के ऊपेर चढ़ के पलट गई और फिर से वो दोनो 69 की पोज़िशन मे आ गये. शालु ऊपेर थी और अनु नीचे दोनो के घुटने मुड़े हुए थे और एक दूसरे की चूतो को चाटने लगी और एक दूसरे की चुचिओ को मसल्ने लगी. शालु अपनी गंद उठे उठा के अनु के मूह पे अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से पटक रही थी वो तो जोश मे दीवानी हो गई थी अनु के दाँत शालु के क्लाइटॉरिस से लगते तो वो मज़े से सिसकारिया निकालती. अभी यह दोनो मस्ती मे आ के ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे की चूतो को चाट रही थी और शाएद झड़ने के कगार पे थी उसी टाइम पे दरवाज़ा धीरे से खुला और ऋतु कमरे मे अंदर आ गई. एक मिनिट के लिए तो शालु आंड अनु दोनो चोंक गये पर ऋतु को देख कर मुस्कुराने लगे. कमरे का दरवाज़ा शाएद ऋतु के लिए ही खुला छोड़ा था. ऋतु ने अंदर आ के कमरा अंदर से लॉक कर दिया और जल्दी से अपने कपड़े उतार ने लगी इतनी देर मे वो दोनो एक दूसरे से लिपटे काँपने लगे और झड़ने लगे. कुछ ही देर मे दोनो के बदन ढीले पड़ गये और शालु ऊपेर से स्लिप हो के नीचे लेट गई.

 

ऋतु शाएद मोम के पैर दबा के उनके सोने का वेट कर रही थी और जब पक्का यकीन हो गया के दोनो सो गये है तो वो ऊपेर आ गई. इतनी देर से ऋतु को शुवर पता होगा के ऊपेर क्या हो रहा है और शाएद उसका सारा ध्यान शालु और अनु के नंगे बदन पे था इसी लिए दोनो के सोते ही वो दबे पाँव ऊपेर आ गई और कमरे मे घुस गई और आते ही अंदर से बंद कर दिया और अपने सारे कपड़े उतार के नंगी हो गई.

 

ऋतु फुल मस्ती मे आ गई थी और अपने कपड़े निकाल के नंगी हो चुकी थी और अपनी चूत को अपने हाथ से रगड़ते हुए दोनो को ऐसे देख रही थी जैसे कोई भूकि शेरनी अपने शिकार को देखती है. देखते ही देखते ऋतु बेड के ऊपेर आ के शालु और अनु के

 

बीचे मे घुटने मोड़ के बैठ गई और अपने दोनो हाथो से दोनो की चुचिओ को मसल्ने लगी अनु और शालु ने भी अपने अपने एक एक हाथ बढ़ा के ऋतु की दोनो चोचिओ को पकड़ लिया और दबाने लगी और उसके निपल्स को काटने लगी. ऋतु पूछने लगी के कितने राउंड हो गये है दीदी ? तो शालु हस्ते हुए बोली के अभी तो सिर्फ़ 2 राउंड ही हुए है और अभी तो सारी रात पड़ी है और अब तू भी आ गई है तो सारी रात राउंड ही चलते रहेंगे और तीनो मिल के हस्ने लगी. अनु अपनी जगह से उठ गई और ऋतु को वाहा लिटा दिया और बोली के मुझे ऋतु की रसीली चूत बोहोत पसंद है और यह कहते हुए वो ऋतु की टाँगें खोल के उसकी टाँगो के बीच मे पेट के बल लेट गई और उसकी चूत को किस करने लगी. अनु का मूह उसकी चूत पे लगते ही ऋतु मस्ती मे पागल हो गई और अपने पैर घुटने से मोड़ के अनु का सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और अपनी गंद उठा के अनु के मूह से रगड़ने लगी. ऋतु इतनी गरम हो गई थी के वो अनु का मूह अपनी चूत मे फील करते ही झड़ने लगी. इतने मे शालु अपनी जगह से उठ के ऋतु के सर के दोनो तरफ अपने घुटने मोड़ के उसके मूह पे अपनी चूत रख के बैठ गई और ऋतु शालु की चूत को ऐसे चूसने और काटने लगी जैसे चूत की भूकी हो. अब शालु घुटनो के बल हाफ उठ गई और अपने दोनो हाथ आगे को कर के ऑलमोस्ट लेट गई और अपनी गंद उठा उठा के चूत को ऋतु के मूह पे ऐसे मारने लगी जैसे चोद रही हो. अब पोज़िशन ऐसी थी के ऋतु पीठ के बल लेटी हुई थी और उसकी दोनो खुली हुई टाँगो के बीच मे अनु लेट के ऋतु की मक्खन जैसी चिकनी चूत को अपनी जीभ से चाट रही थी और शालु ऋतु के मूह पे उल्टा लेटी अपनी गंद उठा उठा के ऋतु के मूह को चोद रही थी. ऋतु अपनी उंगली शालु की चूत मे डाल के वाहा से उसका रस्स निकाल के शालु की गंद मे लगा दिया और अपनी उंगली शालु की गंद मे घुसेड़ने लगी जिस से शालु का जोश और बढ़ गया. इतने मे ऋतु के मूह से मस्ती की सिसकारिया निकलने लगी और बोल रही थी आआआआआअहह डीईएद्द्दीईईईईईईई खाआअ जाऊओ आआहह काआआत्त्त्त डाआआआआलो मेर्र्रिईईईईईई कक्चूऊऊऊथततटतत्त ककककूऊऊऊओ आऐईईसस्स्स्स्सीईईई ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईईईई आआआआअग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्

 

ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और अपनी गंद उठा के ज़ोर ज़ोर से अनु के मूह पे अपनी चूत को रगड़ने लगी और अपने दोनो हाथो से शालु की कमर को पकड़ा हुआ था और ऋतु का बदन काँपने लगा और वो फिर से झड़ने लगी. अनु उसकी चूत का सारा रस्स पी गई और बॅस उतने मे ही शालु चिल्लाने लगी काआआआआत्त्त्त्त्त्त दाआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ऱीइत्त्त्त्त्त्त्त्तुउउउउउउउउउउउउउउउउ क्क्हाआआआआअ ज्ज्ज्ज्ज्ज्जाआाआअ मेररीईईईईईईईईईईई कककककककचूऊऊऊऊऊऊऊऊथततटटटटटटटटटटतत्त ऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईई म्माआआआआआआआआअ

 

ऊऊऊऊओिईईईई ऱीईईत्त्त्तुउउउउउउउउउउउउउउउउउ मैईईईईईईईईईई आआआ र्र्राआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईइ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउउउ आआआआआहह और शालु का बदन भी काँपने लगा और वो भी झड़ने लगी. शालु और ऋतु दोनो झाड़ के शांत हो चुके थे.

 

थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहे फिर तीनो बेड पे एक साथ लेट गये ऋतु को बीच मे लिटा दिया और एक तरफ अनु और दूसरी तरफ शालु थी एक दूसरे से चिपके हुए थे उनके कमरे से तीनो की चूतो से निकले हुए रस्स की मधुर सुगंध आ रही थी और मेरे लंड को दीवाना बना रही थी. मैं ने महसूस किया के मेरे लंड से बिना मूठ मारे के मलाई की गाढ़ी गाढ़ी पिचकारियाँ निकल रही है और उड़ उड़ के दीवार पे गिर रही है.

 

घड़ी देखी तो रात के 3 बज रहे थे. कमरे मे अनु और शालु तो नंगे ही गहरी नींद सो गये पर ऋतु को नीचे सोना था इसी लिए वो अपनी जगह से उठ गई और दोनो के नंगे बदन पे एक एक शॉल डाल के अपने कपड़े पहेन के नीचे उतर गई. मैं भी अपनी जगह से हट गया और चेक कर लिया के सारा वीडियो और पिक्चर्स बोहोत ही अछी तरह से रेकॉर्ड हुई थी. मेरे चेहरे पे एक मुस्कान आ गई और एक प्लान बना ने लगा और फिर पता नही चला के मैं कब सो गया.

 

सुबह को ब्रेकफास्ट की टेबल पे अनु और शालु ऐसे पोज़ कर रही थी जैसे रात उनके बीच कुछ हुआ ही नही और वो ऐसे अपनी पढ़ाई की बातें कर रही थी जैसे सारी रात पढ़ाई कर रही हो. मैं दिल ही दिल मे मुस्कुराने लगा और उनकी आक्टिंग की दाद देने लगा के दोनो बड़ी ज़बरदस्त आक्टर्स है. इसी तरह से दिन बीत ते गये, कभी अनु और ऋतु तो कभी अनु, शालु और ऋतु अपने अपने चूत चटाई के खेल मे लगे रहे. और मेरे पास वीडियोस और पिक्चर्स का अछा ख़ासा स्टॉक जमा हो गया. कुछ दीनो बाद अनु के एग्ज़ॅम्स शुरू भी हो गये और ख़तम भी हो गये. मुझे पता चला के अनु एक वीक के अंदर अपने मम्मी और डॅडी के पास छुट्टियो मे चली जाएगी तो मैं सोचने लगा के मुझे उसके जाने से पहले ही कुछ करना होगा जिसका चान्स मैं ने एक दिन पा ही लिया.

 

हुआ ऐसे के उस रात मेरे मम्मी और डॅडी आस यूषुयल खाना खा के सो गये. ऋतु मेरे मम्मी के टाँगें दबाने के बाद मम्मी के सोने का वेट करती रही और उनके सो जाने के बाद हमेशा की तरह दबे पाँव ऊपेर आ गई और अनु के कमरे मे घुस के अंदर से डोर लॉक कर लिया. मैं तो अनु को चोदने की

 

प्लॅनिंग करते हुए जाग ही रहा था. इतने दीनो मे मैं ने बीच की विंडो को ऐसे अड्जस्ट कर लिया था के मुझे उनके रूम का एक एक भाग अछी तरह से सॉफ नज़र आए.

 

ऋतु जब कमरे मे आई तो उस वक़्त तक अनु थक्क के सो चुकी थी क्यॉंके एग्ज़ॅम्स की तय्यारी के लिए रातो मे जाग जाग कर भी पढ़ाई किया करती थी. कमरे की सारी लाइट्स बंद थी और अंदर पूरा अंधेरा था मुझे भी बड़ी मुश्किल से ही दिखाई दे रहा था. आज अनु कपड़े पहेन के ही सो गई थी शाएद उसे पता था के ऋतु आज नही आएगी या फिर इतनी थक्क चुकी थी के लेट ते ही सो गई. ऋतु अंदर आ गई और डाइरेक्ट अपने कपड़े उतार के सीधे बेड पे चढ़ गई और अनु की नाइटी को ऊपेर करने लगी और उसकी जाँघो तक उठा दिया. आज अनु नाइटी पहेन के सोई थी. ऋतु अनु के थाइस पे अपने हाथ ऐसे फेरने लगी के हाथ अनु की चूत पे भी टच हो रहे थे. आज मैं पिक्चर्स या वीडियो नही बना रहा था क्यॉंके मेरे दिमाग़ मे एक नया प्लान बन रहा था. ऋतु ऐसे ही अनु की जाँघो पे अपना हाथ फेरती रही और धीरे धीरे मसाज करती रही. अब ऋतु से सबर नही हो रहा था तो वो अनु की टाँगें थोडा सा खोल के उनके बीच मे लेट गई और अनु की चिकनी चूत को किस करने लगी. अनु इतने गहरी नींद मई थी के अभी उसको पता भी नही चला के ऋतु उसकी चूत पे किस्सस कर रही है और चाटना शुरू कर चुकी है. थोड़ी देर के बाद शाएद अनु की आँख खुल गई और उसने अपनी टाँगें घुटनो से मोड़ के खड़ी कर ली और ऋतु को अपनी चूत चाटने का अछा मोका दिया. थोड़ी ही देर मे अनु फुल मूड मई आ गई और उसका सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और सिसकारिया भरती हुई बोलने लगी आआआहह ऱीइत्त्तुउउउउउउउउउउउउ आआअहह बूऊहूऊततततत्त आकककचहााआ ल्ल्लाआअग्ग्ग्ग ऊऊओह आईसीईई शियीयीयियीयियी कक्चहााअटततटटटटतत्त आआहह और अनु अपनी गंद उठा के ऋतु के सर को अपने हाथो से पकड़ लिया और अपनी चूत मे ऋतु के मूह को घुसेड़ने लगी और अपनी चूत को ऋतु के मूह मे रगड़ने लगी. अनु की गंद बेड से तकरीबन 6 इंच तक ऊपेर उठ चुकी थी और ऋतु के मूह पे रगड़ रही थी और एक ज़ोर से आआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊवगगगगगगघह की आवाज़ अनु के मूह से निकली और अनु का बदन अकड़ने लगा उसकी गंद बेड से ऊपेर उठ गयी और उसका बदन किसी कमान की तरह से मूड गया और वो काँपते हुए झड़ने लगी और फिर थोड़ी ही देर मे उसका बदन शांत हो गया और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी और फॉरन ही खर्राटे मारने लगी और गहरी नींद सो गयी. शाएद बोहोत ही ज़ियादा थक्क चुकी थी इसी लिए फॉरन ही नींद आ गयी. अब ऋतु क्या कर सकती थी वी अनु के पास ही लेट गई और अनु की चुचिओ

 

को चूसने लगी पर अनु की आँख नही खुली तो ऋतु बेचारी खुद ही अपनी चूत का मसाज करने लगी. उसकी टाँगें घुटने से मूडी हुई थी और उसकी गंद भी बिस्तर से उठी हुई थी और गंद हिला हिला के अपने ही हाथो अपनी चूत के मसाज का मज़ा ले रही थी और देखते ही देखते सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊऊऊहह और आआआआहह की आवाज़ें निकालते हुए झड़ने लगी और शांत पड़ गई.

 

अनु की गहरी गहरी सांसो की आवाज़ें आ रही थी और वो बोहोत ही गहरी नींद सो रही थी. ऋतु थोड़ी देर तक वही नंगी लेटी रही जब उसे यकीन हो गया के आज अनु उठने वाली नही है तो उठ के अपने कपड़े पहेन के आहिस्ता से कमरे से बाहर निकल गई. मुझे इतना तो सॉफ दिखाई दे रहा था के अनु की नाइटी अभी भी उसकी चूत तक उठी हुई थी शाएद जाने से पहले ऋतु उसको ठीक करना और शॉल उधाना भूल गई थी.

 

अनु की चुदाई

 

जब मुझे यकीन हो गया के ऋतु नीचे अपने कमरे मे चली गई है तो मैं थोड़ा और टाइम दे के धीरे से नीचे उतर गया और अछी तरह से चेक कर लिया के ऋतु सो चुकी है उसके बाद मे फिर से ऊपेर आ गया. मेरी प्लॅनिंग कंप्लीट हो चुकी थी. मैं बॉक्सर्स शॉर्ट्स पहेन के हाथ मे की जेल्ली की बॉटल उठा के अनु के कमरे मे घुस गया और डोर को अंदर से लॉक कर दिया और अपना शॉर्ट्स निकाल के नंगा हो गया और शॉर्ट्स को करीब पड़ी हुई चेर पे डाल दिया. मेरे लंड मे एक पवरफुल एरेक्षन आ चुका था, लंड का सूपड़ा मेरे पेट तक आ गया था और स्प्रिंग की तरह से ऊपेर नीचे हो रहा था और. अनु अंधेरे मे अपने बिस्तर पे टाँगें स्प्रेड किए सोई पड़ी थी उसका सीना गहरी गहरी सांसो से ऊपेर नीचे हो रहा था और उसके सिडोल थाइस और नंगी चूत देख के तो मेरा लंड सल्यूट करने लगा और जोश मे कुछ ज़ियादा ही हिलने लगा. लंड के सुराख मे से कंटिन्यू प्री कम निकल रहा था. मैने जेल्ली के डिब्बे का ढक्कन खोल के अनु के बेड पे अपने करीब ही रख लिया. यह जेल्ली स्परमिसाइडाल ( बच्चा पैदा करने वाले किटानो को मारने वाली ) थी. यह जेल्ली मार्केट मे नयी नई इंट्रोड्यूस हुई थी जिसके लगाने से मोटे मोटे लंड भी छोटी से छोटी टाइट चूत के अंदर भी आसानी से घुस्स जाते थे और इसको लगा के

 

चोदने से लड़की प्रेग्नेंट भी नही होती थी और सेफ चुदाई हो जाती थी. यह जेल्ली ट्यूब और डिब्बे मे उपलब्ध थी. मैं अनु के करीब वैसे ही बैठ गया और उसकी चूत पे वैसे ही हाथ फिरने लगा जैसे ऋतु थोड़ी देर पहले कर रही थी. आअह क्या मस्त चिकनी मक्खन जैसी चूत थी अनु की और उस्मै से थोड़ी देर पहले निकले हुए जूस की मधुर सुगंध आ रही थी जिसे सूंघ के मेरा लंड अनु की चूत मे घुसने को उतावला हो रहा था. मेरा हाथ चूत पे लगते ही अनु की टाँगें ऑटोमॅटिकली और ज़ियादा खुल गई और मुझे उस्मै लेटने की स्पेस बन गई.

 

मैं अनु की टाँगो के बीच मे अपने पैर पीछे कर के लेट गया और उसकी चूत पे किस किया और अनु की चूत पे मेरी ज़ुबान लगते ही उसकी मस्ती भरी आवाज़ आई आआआआहह ऋतु तू आगाई आआहह. मैं कुछ नही बोला पर उसकी चूत को चाटने लगा. अनु ने अपनी टाँगें घुटने से मोड़ ली और मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसाने लगी और अपनी गंद उठा उठा के मेरे दांतो पे अपनी चूत को रगड़ने लगी. उसकी आँखें अभी भी बंद थी. मैने उसकी चूत को चाट ते चाट ते अपनी ज़ुबान को गोल बना दिया और उसकी चूत मे अंदर बाहर करने लगा जैसे जीभ से चोद रहा हू तो वो मस्ती मे पागल हो गई और बोली आआआआआहह ऱीइत्त्तुउउउउउउउउउउउउ आआआआआहह आईईएसस्स्स्स्सीईईई हहिईीईईईईई कार्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर आआआआहह मैईईईईई मररर्र्र्र्ररर जौगी आआआहह ईएहह किआआआआआअ कार्रर्र्र्र्र्र्र्ररर राआआआह्ह्ह्ह्ह्हीईईइ हहाआआऐईईई तुउउउउउउउउउउउउउ आआआआआअहह और मैं उसकी चूत के छोटे से सुराख को अपनी गोल ज़ुबान से चोदने लगा अब उसकी गंद बिस्तर से बोहोत ऊपेर तक उठ रही थी ऐसे जैसे मेरी ज़ुबान को चूत के अंदर तक घुसा लेना चाह रही हो. मुझे अब यकीन हो गया के वो फुल मस्ती मे आ गई है और कभी भी झड़ने वाली है तो मैने एक हाथ से की जेल्ली की डिब्बे को अपने लंड के सामने रख के लंड को उसी जेल्ली के गोल मूह वाले डिब्बे मे घुसा दिया और अपने उंगलिओ मे भी थोड़ी सी जेल्ली ले ली. अब मेरा लंड की जेल्ली से फुल था. बहुत ही तेज़ी से उसकी चूत से अपना मूह हटाया और उंगलिओ से जेल्ली उसकी चूत पे लगा के एक उंगली से चूत के सुराख मे गोल गोल घुमाया तो वो और पागल हो गई और मेरे सर को अपनी जाँघो मे ज़ोर से दबाने लगी पर उसकी चूत मे मेरी ज़ुबान नही उंगली थी. अब और देर करना मुझे ठीक नही लगा और मैं एक ही झटके से अपनी जगह से उठा और अनु की मूडी हुई टाँगो के बीच मे थोड़ा सा उठ गया और एक ही मोशन मे अपने हाथ से अपने लंड के सूपदे को उसकी चूत के सुराख मे टीका दिया और अपने दोनो

 

हाथ उसके बदन के दोनो तरफ रख के एक ही ज़ोर दार झटका मारा तो मेरा लंड उसकी चूत मे आधा घुस्स के अटक गया और अनु के मूह से एक खोफ़नाक चीख निकल गई व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्व्वूऊऊऊऊऊऊऊऊओईईईईईईईईईईईए म्‍म्म्ममममममममममममाआआआआआआआआआआआआआअ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

 

आआआआआआआऐईईईईईईईईई हह और उसके साथ ही उसकी मस्ती ख़तम हो गई और उसकी आँख खुल गई और मुझे अपने ऊपेर चढ़ा देख के मेरे मूह पे थप्पड़ मारा और बोली यह क्या कर रहा है तू बदतमीज़ दीवाना तो नही हो गया मैं अभी जा के आंटी से बोलती हू और साथ मे वो दरद से तड़प भी रही थी उसके आँखो से आँसू निकल के बेड पे गिर रहे थे वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. मुझे अपने ऊपेर से धकेल रही थी और बोल रही थी के राज्ज हट जा प्लीज़ मुझे बोहोत दरद हो रहा है यह क्या कर रहा है तूऊ मैं आंटी से बोल दुगी आआआआआईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स उउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ . दर्द से उसने अपना नीचे वाला होन्ट अपने दांतो से दबा रखा था और मुझे अपने ऊपेर से धकेल रही थी पर मैं ने उसको बोहोत ही मजबूती से पकड़ा हुआ था मेरी ग्रिप बोहोत टाइट थी.

 

मेरा लंड मूसल की तरह नीचे से कुछ ज़ियादा ही मोटा है इसी लिए एक ही झटके मे पूरा अंदर तक नही घुस्स पाया था और एक ही झटके मे लंड उसकी चूत को फाड़ चुका था और तकरीबन आधे अंदर घुस चुका था. मैं अनु के ऊपेर झुक गया और उसके कान मे धीरे से बोला के मैं सब कुछ देख चुका हू के वो और ऋतु एक दूसरे के साथ क्या क्या करते है. मेरा इतना बोलते ही वो चोंक गई और अंधेरे मे भी मुझे लगा के उसके चेहरे का रंग उड़ गया हो और फटी फटी आँखो से मुझे देखने लगी. वो एक सेकेंड के लिए खामोश हुई और उसी टाइम पे मैने भी अपना लंड उसकी चूत से खेच के हेड बाहर तक निकाल लिया और इश्स से पहले के वो यह सोचे के मैं अब कुछ नही करूगा और वापस अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल रहा हू मैं ने एक और बोहोत ही ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड तो उसकी चूत को पूरी तरह से फड़ता हुआ उसकी टाइट वर्जिन चूत की गहराइयों मे घुस्स गया और उसके मूह से ऑटोमॅटिकली एक और खोफ़नक चीख निकल गई

 

ऊऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईए म्‍म्म्ममममममममममममाआआआआआआआआआआआआआअ हाईईईईईईईईईई

 

माआआआअरर्र्र्र्र्र्र्ररर गाआआआआआययययययययययययईईईईई मीईईईईईईई

 

ण्न्न्न्न्न्नीईईईईक्क्क्क्क्क्क्काआआआआअल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ब्बबाअहीईएरर्र्र्र्र्र्ररर

 

zzzzzzzआआआआआअल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीईईईईईईइम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म

 

ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

 

ण्न्न्न्न्न्न्न्न्न्नाआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईइऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईइ म्‍म्म्मममममममाआआआआआआआआआ आआआआआआआऐईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स

 

और उसके हाथ पैर मेरे बदन से निकल के नीचे बेड पे गिर गये और वो थोड़ी देर के लिए बेहोश हो गई. मैं अपने लंड को उसकी चूत मे ही घुसेडे उसके ऊपेर बिना धक्के मारे के लेटा रहा. अनु की चूत बोहोत ही टाइट थी और मुझे लग रहा था के उसकी चूत के सुराख के मसल्स मेरे लंड के बेस को टाइट पकड़े हुए हैं और निचोड़ रहे हैं.

 

लंड अनु की चूत की गहराइयों मे घुस्स चुका था. एक ही मिनिट के अंदर मुझे महसूस हुआ के अनु के बदन मे हरकत हो रही है तो मैं अपने लंड को आधा बाहर निकाल निकाल के चोदने लगा. अनु दरद से छटपटा रही थी और अपने सर को इधर उधर पटक रही थी और अपने हाथ पैर बिस्तर पे पटक रही थी और मुझे अपने बदन से पीछे को धकेल रही थी और साथ मे मेरे सीने पे मार रही थी और मेरे सीने के बालो को नोच रही थी जिस से पता चलता था के उसको कितना दरद हो रहा है. जब मैं ने उसको बोला के मुझे पता है के वो और ऋतु रातों मे क्या क्या करते है तब से वो ऐसे खामोश हो गई जैसु उसे साँप सूघ गया हो लगता था के कुछ सोच रही थी या वो समझ रही थी के अब मुझे धकेलने से या चिल्लाने से कोई फायेदा नही. वो खामोशी से बेड पे पड़ी टाँगें फैलाए चुदवा रही थी. मैने अपने हाथो को उसकी बगल से निकाल के शोल्डर्स को पकड़ लिया था और उसको किस करने लगा. पहले तो अनु ने मूह नही खोला पर थोड़ी देर के बाद खोल दिया और मुझे अछी तरह से किस करने दिया. अब मैं फुल स्पीड से घचा घच चोद रहा था. मेरा लंड बड़ी तेज़ी से उसकी टाइट चूत के अंदर बाहर हो रहा था और थोड़ी देर के बाद मुझे लगा के अब अनु भी चुदाई को एंजाय कर रही है और उसने हाथ मेरी गर्दन मे डाल के मुझे पकड़ लिया और अपनी टाँगो को मेरे बॅक पे लपेट के मुझे अपने से चिपटा लिया उसकी आँखें बंद थी और गहरी गहरी साँसे ले रही थी और मेरी गंद पे अपने पैर रख के अपनी ओर खेचने लगी अब वो भी चुदाई का मज़ा ले रही थी शाएद उसको इंग्लीश का वो फ्रेज़ याद आगा के व्हेन रेप ईज़ इनेविटबल, रिलॅक्स आंड एंजायमतलब के जब कोई बलात्कार करे और उस से बचने का कोई रास्ता या उम्मीद ना हो तो आराम से चुदवाये और चुदाई के मज़े ले.

 

 मेरी चुदाई से अनु की चुचियाँ हिलते हुए डॅन्स कर रही थी और बड़ी अच्छी

 

लग रही थी तो मैं उसकी चुचिओ को एक के बाद एक कर के मूह मे ले के चूस्ते

 

हुए चोदने लगा. अनु ने मुझे टाइट पकड़ लिया और एक ज़ोर से आआआआआआआआअहह

 

राआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊऊऊऊऊन्न्नरननननणणनह

 

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स

 

की आवाज़ के साथ ही उसका बदन पहले तो बड़ी ज़ोर से अकड़ गया फिर ज़ोर

 

ज़ोर्से काँपने लगा और वो झड़ने लगी. अनु की चूत उसके जूस से भर गयी थी

 

और लंड बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था मैं लंड को सूपदे तक बाहर

 

निकाल निकाल के बड़ी ज़ोरो से चोद रहा था. मैं बड़ी स्पीड से अनु की टाइट

 

चूत को चोद रहा था कमरे मे चुदाई की पच पच की आवाज़ें आ रही थी और मुझे

 

भी लगा के अब मैं भी झड़ने वाला हू तो अनु को टाइट पकड़ लिया और पूरा लंड

 

सूपदे तक उसकी चूत से बाहर निकाल के एक और पवरफुल स्ट्रोक मारा और मेरे

 

लंड का सूपड़ा उसकी चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स के उसके बच्चे दानी से

 

टकराया और मेरे लंड से गरम गरम मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकलने लगी.

 

मेरी मलाई निकलती ही रही और इतनी निकली के उसकी चूत भर गयी लैकिन मैं फिर

 

भी उसे दीवानो की तरह से चोदे ही जा रहा था. मेरी मलाई अनु की चूत मे

 

गिरते ही अनु एक बार फिर से काँपते हुए झड़ने लगी और मुझे टाइट पकड़

 

लिया. जब मेरी मलाई कंप्लीट निकल चुकी तो मेरे धक्के धीरे धीरे कम हो गये

 

और मैं रुक गया और लंड को अनु की चूत के अंदर ही छोड़ के उसके ऊपेर गिर

 

गया और हम दोनो की साँसें गहरी गहरी चल रही थी आँखें बंद थी. जब हम दोनो

 

अची तरह से झाड़ चुके तो अनु ने मुझे अपने ऊपेर से धकेल दिया और मैं उसके

 

बदन से लुढ़क केगेहरी गहरी साँसे लेता हुआ उसके बघल मे लेइट गया. मेरा

 

लंड अनु की चूत के बाहर निकल चुका था पर उसकी छूट का सुराख जो काफ़ी बड़ा

 

हो चुका था वो अपने आप ही खुल बंद हो रहा था जैसे उसकी चूत के मसल्स अभी

 

भी मेरे लंड को निचोड़ रहे हो.

 

थोड़ी देर के बाद जब अनु की ब्रीदिंग नॉर्मल हुई और दरद कुछ कम हुआ तो

 

उसने मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखा और पूछा तुम्है कैसे पता चल मेरे और

 

ऋतु के बारे मे तो मैं ने बोला के मैं विंडो से देख रहा था और तुम लोगो

 

की बातें भी सुन चुका हू और दोनो को किस करते हुए और नंगे

 

हो के एक दूसरे की चूतो को चाट ते हुए भी देखा है तो उस ने कहा राज्ज्ज

 

प्लीज़ यह बात किसी को भी नही बताना नही तो मैं बदनाम हो जाउन्गी वो

 

गिड़गिदाने लगी. ऋतु से भी नही कहना प्लीज़ तो मैं ने कहा के ठीक है किसी

 

को भी नही पता चलेगा पर जब मेरा मूड होगा मैं तुम्है चोदुगा तो उस ने कहा

 

के नही राज्ज्ज प्लीज़ मुझे बोहोत दरद हुआ है प्लीईएसस्स नही करो ना कही

 

मैं प्रेग्नेंट हो गई तो मुसीबत ही खड़ी हो जाएगी तो मैं ने कहा के मैं

 

जो जेल्ली यूज़ कर रहा हू वो स्परमिसाइडाल है उस से प्रेग्नेंट नही होते

 

और कॉंडम भी लगाने की ज़रूरत नही पड़ती तो और स्किन टू स्किन चुदाई का

 

मज़ा ही कुछ और है ऐसा मज़ा जो कॉंडम लगा के चोदने मे नही आता और लंड की

 

क्रीम चूत मे गिरने से प्रेग्नेंट भी नही होती बड़े कमाल की है यह

 

जेल्ली. वो कुछ सोचने लगी पर कुछ बोली नही शाएद वो मेरी इच्छा से सहमत हो

 

गई थी या ना-चाहते हुए भी ज़बरदस्ती राज़ी हो गई थी. जब मैं ने टेबल लॅंप

 

जला दिया और उसको जेल्ली का डिब्बा दिखाया जिसपे स्परमिसाइडाल (स्पर्म को

 

मारने वाली) लिखा हुआ था तो उसके चेहरे पे इत्मीनान आ गया और मैं ने

 

जेल्ली को टेबल पे रख के टेबल लॅंप बंद कर दिया.

 

थोड़ी देर हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे. मेरे लंड को अनु की चूत की भूक अभी

 

ख़तम नही हुई थी मैं अनु को एक बार और चोदना चाहता था. उसके मस्त बूब्स

 

को दबाने लगा और उसके पिंक कलर के किशमिश जैसे निपल्स को भी अपने मूह मे

 

ले के चूसने लगा. अनु और मैं दोनो एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट से

 

लेटे थे. इतनी देर मे मेरा मूसल जैसा लंड फिर से तंन के खड़ा हो गया था

 

और अनु की चूत के सुराख के सामने मस्ती मे लहराने लगा. मैं ने अनु का हाथ

 

पकड़ के अपने अपने लंड पे रख दिया तो अनु ने अपना हाथ हटा लिया पर मैने

 

फिर से उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा तो उसने लंड को फिर भी नही

 

पकड़ा पर अपना हाथ लंड पे से हटाया भी नही. अपने एक हाथ से अनु की चूत के

 

सहलाने लगा तो अनु ने ऑटोमॅटिकली अपनी एक टांग उठा के मेरे हिप पे रख ली

 

जिस से उसकी चूत थोड़ी सी खुल गई और फिर अनु ने खुद ही मेरे लंड को अपने

 

हाथ मे ले के पकड़ लिया और दबा दिया और बोली उफफफफ्फ़ राज्ज्जज्ज यह तो

 

बोहोत ही मोटा और बड़ा है. यह मेरे इतने छोटे से सुराख मे कैसे घुस गया

 

यह मैं ने कहा के यह एक नॅचुरल बात है. चूत के मसल्स अपने आप ही बड़े और

 

मोटे लंड के हिसाब से अड्जस्ट हो जाते हैं तो वो बोली के मुझे ताज्जुब है

 

के मेरे इतने छोटे से सुराख मे यह इतना बड़ा और इतना मोटा कैसे समा गया.

 

इतनी देर मे मैं अपने हिप्स को आगे पीछे कर के उसके हाथ मे अपने लंड को

 

आगे पीछे करने लगा और कभी मेरा लंड उसके हाथ से आगे निकलता हुआ उसकी चूत

 

से टकराने लगा. ऐसी बोहोत

 

सी चीज़ें होती है जो इंसान ऑटोमॅटिकली खुद से ही सीख जाता है. इसी तरह

 

से अनु ने भी मेरे लंड के डंडे को पकड़ के लंड के सूपदे को अपनी चूत के

 

अंदर ऑटोमॅटिकली रगड़ना शुरू कर दिया. मेरे लंड मे से प्री कम कंटिन्यू

 

निकल रहा था. जब मेरे मूसल लंड का सूपड़ा अनु की क्लाइटॉरिस से टच करता

 

तो उसके मूह से आआआआआहह और ऊऊऊऊऊऊऊहह जैसी मस्ती भरी आवाज़ें निकल जाती.

 

हम दोनो एक दूससरे की जीभ चूस्ते हुए टंग सकिंग किस करने लगे और मैं अपने

 

हाथो से उसके मस्त कड़क चुचिओ को मसल रहा था दबा रहा था तो वो भी फुल

 

मस्ती मे आ गई. मैं पीठ के बल सीधा लेट गया और अनु को अपने बदन के ऊपेर

 

खेच लिया. अभी भी अनु की चूत पे और मेरे लंड पे पहले की चुदाई के टाइम पे

 

लगाई हुई की जेल्ली लगी हुई थी इसी लिए मैं ने उसकी चूत को चाटना या अपने

 

लंड को उसके मूह मे देना ठीक नही समझा. अब अनु मेरे बदन के ऊपेर चढ़ के

 

बैठ गयी. मेरे पैर अभी सीधे ही थे. मेरे लंड मेरे नवल पे पड़ा हुआ था.

 

अनु को अपने ऊपेर ऐसे बिठा लिया के उसकी चूत की पंखाड़ियाँ खुल के मेरे

 

लंड के डंडे के बॅकसाइड पे रखे थे. अनु को अपने ऊपेर झुका के उसकी चुचिओ

 

को चूसने लगा तो वो फिर से मूड मे आ गयी और मेरे लंड के डंडे पे आगे पीछे

 

फिसलने लगी. अनु बोली के देखो राज मुझे अभी तक दरद हो रहा है अब तुम कुछ

 

भी नही करना मेरा सारा बदन दुख रहा है. अभी तक अनु ने एक टाइम भी लंड या

 

चूत का शब्द नही बोला था. मैं ने कहा के तुम फिकर ना करो अब तुम्है कभी

 

दरद नही होगा और तुम्है अब मज़ा ही मज़ा आएगा तुम देख लेना तुम्हारे दरद

 

का टाइम ख़तम हो गया है यह फर्स्ट टाइम चुदाई का दरद ही दरद होता है फिर

 

मज़ा ही मज़ा तो वो कुछ बोली नही बस थोडा सा मुस्कुरा दी.

 

अनु आगे पीछे हिल हिल के मेरे लंड पे फिसल रही थी. उसकी चूत बोहोत ही

 

गीली हो चुकी थी और मेरे लंड मे से भी कंटिन्यू प्री कम निकलना शुरू हो

 

गया था. कभी मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी छोटी सी चूत के सुराख मे अटक जाता

 

तो वो अपनी जगह से उछल पड़ती और लंड को बाहर निकाल देती पर फिर से डंडे

 

पे बैठ के आगे पीछे फिसलना शुरू कर देती तो मैं समझ गया के अब उसको भी

 

मज़ा आने लगा है. पता नही क्यों मुझे लड़कियों की चूत के अंदर एक ही

 

ज़ोरदार झटके से लंड घुसेड़ने मे बड़ा मज़ा आता है इसी लिए जब मैं ने

 

महसूस किया के अनु की चूत बोहोत ही गीली हो चुकी है और चुदवाने को तय्यार

 

है तो मैं अनु को थोड़ा झुका के उसकी बगल से हाथ निकाल के उसके शोल्डर्स

 

को पकड़ लिया और किस

 

करने लगा जिस से उसकी चूत मेरे लंड से थोड़ा ऊपेर उठ गई और मेरे लंड का

 

सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे जा के अटक गया. मैने अपनी गंद उठा के उसकी

 

चूत मे सूपदे को अंदर धकेल दिया तो वो चोंक गई पर मैं ने उसको छोड़ा नही

 

ऐसे ही टाइट ग्रिप से पकड़े रखा और फिर ऐसे ही सूपदे को तीन चार टाइम

 

अंदर बाहर करते करते जब उसकी चूत बोहोत ज़ियादा गीली हो गयी उसकी चूत के

 

मसल्स रिलॅक्स हो गये और उसको मज़ा आने लगा और मुझे महसूस हुआ के सूपड़ा

 

उसकी चूत मे आसानी से अंदर बाहर हो रहा है तो अपनी गंद को उठा के एक

 

पवरफुल झटका मारा और साथ मे ही उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ के ज़ोर से

 

नीचे खेच लिया जिस से मेरा आधा लंड उसकी टाइट चूत मे घुस्स गया और वो फिर

 

से छटपटाने लगे चिल्लाई आआआआआआआआईईईईईईईईईईई

 

राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊहह

 

न्न्ज्जन्निईीईईिककककककककककाआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल

 

ब्बबाअद्ड्द्डमम्माआआसस्स्स्स्स्स्स्शह. अनु मेरे सीने पे हाथ मारने लगी

 

सीने के बाल नोचने लगी और मेरी ग्रिप से निकलने को तड़पने लगी पर मैं ने

 

उसको बोहोत टाइट पकड़ा हुआ था और अपने लंड पे दबा रहा था जिस से वो मेरे

 

लंड के ऊपेर से उठ नही पा रही थी. मेरी टाँगें घुटनो से मूडी हुई थी और

 

वो मेरे लंड पे किसी जॉकी की तरह सवार थी जिसकी वजह से उसको मेरे लंड से

 

ऊपेर उठने का कोई चान्स नही था. अनु को फिर से झुका के उसके चुचिओ को

 

चूसने लगा तो उसकी चूत के मसल्स कुछ रिलॅक्स हो गये और फिर ऐसे ही आधा

 

लंड उसकी गीली टाइट चूत मे अंदर बाहर अंदर बाहर करते करते एक और पूरी

 

ताक़त से धक्का मारा तो लंड पूरा का पूरा जड़ तक उसकी छोटी सी टाइट चूत

 

मे घुस्स गया और उसके मूह से

 

ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई और

 

फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ निकला और वो मेरे बदन से चिपेट गई

 

उसकी आँखें ऊपेर की तरफ च्चढ़ गई उसकी आँख से आँसू निकलने लगे और वो मेरे

 

बदन पे गिर गई..

 

थोड़ी देर तक लंड ऐसे ही अनु की चूत मे डाले रखने के बाद वो रिलॅक्स हो

 

गई और उसकी ब्रीदिंग नॉर्मल हुई तो उसकी लंबी बाहों एक बार फिर मुझे लपेट

 

लिया और उसकी टाँगें भी मेरी टाँगों से लिपट रही थी जैसे ठीक से चुदाई के

 

लिए पोज़िशन ले रही हो थोड़ी देर मे मुझे लगा के अब वो दर्द भूल गई है तो

 

अचानक मैं ने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालते हुए एक भरपूर शॉट मारा और

 

मेरा यह शॉट इतना पवरफुल था के वो आआआआआआहह

 

र्र्र्र्र्र्र्ररराआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईई

 

म्म्म्म्मममममममममाआआआआआआआ कहते हुए मुझ से

 

लिपट गयी और मैं अपनी गंद उठा के उसको मस्ती मे चोदने लगा. थोड़ी देर मे

 

ही अनु भी मज़े ले के चुदवा रही थी उसका सारा दरद ख़तम हो गया था. अब वो

 

मेरे लंड पे ठीक से बैठी थी और उछल रही थी जिस से उसकी चुचियाँ भी हिल

 

हिल के डॅन्स कर रही थी.. जैसा मैं पहले बता चुका हू के सब कुछ नॅचुरली

 

ही इंसान सीख जाता है उसी तरह से अनु भी उछल उछल के चुदवाना सीख गई थी.

 

उसके बाल हवा मे उड़ रहे थे, उसके मस्त बूब्स डॅन्स कर रहे थे मैं उनको

 

अपने हाथो से पकड़ के दबाने और मसल्ने लगा. अनु ने अपने हाथ मेरे चेस्ट

 

पे रखे हुए थे और मेरे लंड पे उछल रही थी. अनु की छोटी सी चूत पूरी तरह

 

से खुल चुकी थी और मेरा लंड उसकी चूत के गहराइयों मे घुस्स चुका था और

 

उसकी बच्चे दानी से लग रहा था. अनु के मूह से मस्ती की आआआअहह

 

राअज्जजज्ज्ज्ज्ज ब्बूहूऊऊऊऊथततटटतत्त मज़ाआअ आआआआआआ

 

र्र्र्र्ररराआआआहहााअ हीईईईईईईईईईई आआआअहह ऊऊऊऊओ और उसकी स्पीड बढ़ गई अब

 

तो तेज़ी से उछल रही थी और उसके मूह से एक बड़ी सी

 

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और आआआाअगगगगगगगगगगगगगघह की आवाज़

 

निकली, उसका बदन थर थर काँपने लगा और वो मेरे बदन पे गिर पड़ी और झड़ने

 

लगी. मैने उसको टाइट पकड़ा हुआ था और वो मेरी बाँहो मे काँप रही थी और

 

झाड़ रही थी. उसकी चूत मे से जूस निकल निकल के मेरे लंड के डंडे से नीचे

 

मेरे गंद के क्रॅक तक चला गया और बेडशीट पे गिरने लगा मैं ऐसे लंड उसकी

 

चूत मे डाले लेटा रहा और वो झड़ती रही उसकी गीली चूत मेरे लंड पे खुल बंद

 

खुल बंद होती रही और चूत के मसल्स मेरे लंड को टाइट पकड़े रहे.. जब उसका

 

ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया और उसका झड़ना बंद हो गया तो वो दीवानो की तरह से

 

मेरे मूह पे किस करने लगी और बोलने लगी के राज्ज्जज मुझे तो पता ही नही

 

था के सेक्स मे इतना मज़ा होता है और ऐसा मज़ा तो कभी भी नही मिला. यह

 

क्या कर दिया है तुम ने मुझे. मैं मुस्कुराने लगा और बोला के यह

 

हेट्रोसेक्स मे जो मज़ा है वो होमोसेक्श मे और लेज़्बियेनिज़्म मे नही

 

उस्मै तुमको मज़ा ज़रूर आता होगा लैकिन चूत को ऐसा सॅटिस्फॅक्षन उसी

 

वक़्त मिलता है जब उस्मै चुदाई के बाद लंड मे से निकला हुआ गरम गरम लावा

 

गिरने से मिलता है. लड़की को जब किसी तगड़े लंड का मज़ा लगता है तो वो

 

मज़े से दीवानी हो जाती है और सॅटिस्फाइ हो जाती है इसी तरह से आज

 

तुम्हारी चूत को ऐसा ही एक लंड मिला है जिसने तुम्हारी चूत की प्यास को

 

बुझा दिया. अनु बोली के पर राज मुझे तो ऋतु से भी मज़ा आता है और मैं

 

उसके साथ भी कंटिन्यू करना चाहती हू तो मैं ने कहा ठीक है के कोई बात नही

 

ऐसा होता है लड़की कभी कभी लड़की के साथ भी मज़ा लेती है और लड़के के साथ

 

चुदवाती भी है कोई बात नही तुम ऋतु के

 

साथ अपने रिलेशन्स कंटिन्यू रख सकती हो तो अनु बोली के राज प्लीज़ ऋतु को

 

नही बताना के तुम ने मेरे साथ यह सब किया है तो मैं ने कहा के कोई बात

 

नही मैं ऋतु को कुछ नही बताउन्गा तुम फिकर ना करो.

 

मेरा लंड उसकी चूत मे ही फूल पिचक के साँस ले रहा था और इतनी देर मे उसकी

 

चूत भी पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो के रिलॅक्स हो चुकी थी. मैं एक टाइम

 

झाड़ चुका था और दूसरे टाइम इतनी आसानी से झड़ने वाला नही था इसी लिए अनु

 

को अपने ऊपेर लिटाए मैं भी लेटा रहा. अनु मेरे बदन पे लेटी हुई थी और

 

मेरे चेहरे पे किस करने लगी और ऐसे ही किस करते करते फिर से मेरे होंठो

 

पे किस किया तो मैं ने अपना मूह खोल दिया जिस से उसने अपनी ज़ुबान मेरे

 

मूह मे डाल दी और मैं उसकी टंग को चूसने लगा और दोनो फिर से टंग सकिंग

 

किस करने लगे. मेरे दोनो हाथ उसके गंद पे थे और मैं उसके चिकने चूतडो को

 

मसाज कर रहा था और दबा रहा था जिस से उसके बदन मे फिर से वासना जाग उठी

 

और फिर से गरम हो गयी और मेरे लंड जो ऑलरेडी उसकी चूत मे रेस्ट ले रहा था

 

उसपे पे आगे पीछे होने लगी. थोड़ी ही देर मे उसकी चूत फिर से गीली हो गई

 

और वो फिर से मस्ती मे आ गई और मैं भी अपनी गंद उठा उठा के उसको चोदने

 

लगा.

 

थोड़ी देर तक ऐसे ही धीमी गति से चोदने के बाद अब मे फिर से उसकी चूत मैं

 

ज़ोर ज़ोर से झटके मारना चाहता था इसी लिए अनु को पलटा दिया और अब वो

 

नीचे बेड पे पीठ के बल लेट गई और मैं उसके ऊपेर आ गया. अनु के पैर

 

ऑटोमॅटिकली उठ गये और मेरे बॅक से लिपट गये. मैं अनु के बदन पे झुक गया

 

और अपने पैर पीछे कर के बेड के किनारे से टीका दिया और अपना लंड बाहर

 

निकाल के चोदना शुरू कर दिया. फिर से उसकी बगल से हाथ डाल के उसके

 

शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया और दबा फुल स्पीड से ज़ोर ज़ोर से झटके मारने

 

लगा. मेरे एक एक झटके से उसके मूह से हप्प्प्प्प्प हप्प्प्प हप्प्प्प और

 

फफफफफफफूऊऊऊऊ फफफफफफूऊओ ऊऊऊऊओह जैसी आवाज़ें निकल रही थी और फिर से उसकी

 

आँखें ऊपेर चढ़ गई थी और मेरे बदन को फिर से टाइट पकड़ लिया था. मेरे

 

चोदने की स्पीड बढ़ गई थी. फुल स्पीड से चोद रहा था ज़ोर ज़ोर से अपनी

 

गंद उठा उठा के लंड को पूरा सूपदे तक बाहर निकाल निकाल के घचा घच चोद रहा

 

था. मेरे झटको से अनु की चुचियाँ आगे पीछे हिलने लगी थी. अब मुझे भी

 

महसूस हो रहा था के अब मेरी मलाई भी निकलने को रेडी है. मैं दीवानो की

 

तरह तूफ़ानी रफ़्तार से अनु को चोद रहा था उसकी टाइट चूत को चोदने मे

 

बोहोत ही मज़ा आ रहा था उसकी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी और वो भी अब

 

एक बार फिर से झड़ने के करीब आ

 

गयी थी इसी लिए मेरे बदन को टाइट पकड़ के लिपट गई थी और उसी समय मैं ने

 

एक इतनी ज़ोर से झटका मारा के उसके मूह से एक चीख निकल गई

 

आआआआआआआआआऐईईईईईईईईईई म्म्म्म मममममाआआआआआआआआआआ

 

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और उसका बदन

 

किसी सूखे पत्ते की तरह काँपने लगा और उसकी चूत मे मेरे लंड से निकली गरम

 

गरम मलाई की बरसात होने लगी और मेरे लंड से पहली पिचकारी गिरते ही उसकी

 

चूत भी बर्दाश्त नही कर सकी और झड़ने लगी दोनो का ऑर्गॅज़म साथ साथ चलता

 

रहा मेरे धक्के अब स्लो होने लगे पर हर धक्के के साथ मलाई की पिचकारी

 

निकल निकल के उसकी चूत को भरने लगी और थोड़ी देर मे ही उसकी चूत मे से

 

दोनो का मिला जुला रस्स निकल के उसकी गंद मे से नीचे बेड पे गिरने लगा.

 

जितनी देर ऑर्गॅज़म चलता रहा उसने मुझे टाइट पकड़े रखा और गहरी गहरी

 

साँसे लेती रही उसकी आँखें मस्ती मे बंद हो चुकी थिया फिर जैसे जैसे

 

ऑर्गॅज़म ख़तम होने लगा तो उसकी ग्रिप भी मेरे बदन पे लूज़ हो गई और मैं

 

भी उसके बदन पे लेट गया जिस से उसकी चुचियाँ दब गयी. लंड अनु की चूत के

 

अंदर ही फूल रहा था और धीरे धीरे वो चूत के अंदर ही अंदर नरम होने लगा और

 

एक प्लॉप की आवाज़ के साथी ही बाहर निकल गया जिस से उसकी चूत मे जो हम

 

दोनो का मिला जुला रस बचा हुआ था वो भी बाहर निकल के बेड पे गिरने लगा.

 

अनु फॉरन ही गहरी गहरी साँसें लेने लगी और उसे नींद आ गई और वो खर्राटे

 

मारते हुए सो गयी शाएद यह फिज़िकल और मेंटल सॅटिस्फॅक्षन की नींद थी. मैं

 

उसके बदन पे शॉल डाल के अपने कमरे मे आके सो गया.

 

सुबह जब ऋतु ऊपेर आई तो अनु शॉल ओढ़े सीधी लेटी पैर फैलाए सोई पड़ी थी.

 

ऋतु अनु के कमरे मे आ गई और बोली दीदी उठो बोहोत देर हो गई है मेम साब और

 

साहेब नाश्ते पे इंतेज़ार कर रहे है तो अनु टॅस से मस्स नही हुई. ऋतु

 

करीब आ गई और हाथ लगा के अनु को जगाने की कोशिश करने लगी पर अनु नही उठी

 

तो ऋतु ने अनु के बदन से चदडार खेच ली उउफफफफ्फ़ दीदी तुम तो अभी तक नंगी

 

सोई पड़ी हो और यह क्या तुम्हारी तो माहवारी ( मेनास ) चालू हो गई है उठो

 

दीदी सारी बेडशीट खराब हो गयी है और इस पे खून लगा हुआ है तो अनु

 

हददबाड़ा के उठ बैठी और देखा के बेडशीट पे तो सच मे खून पड़ा हुआ है तो

 

उसको एक ही मिनिट के अंदर रात की चुदाई की सारी दास्तान याद आ गयी और

 

उसके मूह पे एक अनोखी सी मुस्कान आ गयी और वो धीरे से मुस्कुराने लगी.

 

उसने एक सेकेंड के अंदर फ़ैसला कर लिया के ऋतु को कुछ नही बताना है इसी

 

लिए उसने कहा अरे हा मुझे तो पता भी नही चला के आज मेरा दिन है ( मतलब के

 

अनु की मेनास का दिन है ) और बोली के ऋतु यह बेडशीट उठा ले और लपेट के रख

 

दे बाद मे धो देना. ठीक

 

है दीदी कहते हुए ऋतु ने बेडशीट को फोल्ड किया और वॉशिंग रूम मे ले गई.

 

अनु जल्दी से उठ गई और बाथरूम मे घुस गई.

 

अनु नहा धो के फ्रेश हो के नीचे आ गई और सब के साथ नाश्ता किया और बता

 

दिया के वो नेक्स्ट वीक अपने डॅडी के पास जाएगी और कॉलेज स्टार्ट होने के

 

टाइम पे वापस आ जाएगी. अगले 7 दिन तक मैं अनु की जम्म के चुदाई करता रहा.

 

अनु ने ऋतु से कह दिया था के उसके मेनास चल रहे है और वो उसके साथ कुछ

 

नही कर सकेगी और रात को जब ऋतु उस से बातें करके और चूमा चॅटी और कभी तो

 

ऋतु की चूत को चाट चाट कर खुद भी मज़ा लेती और ऋतु तो दीवानी हो जाती और

 

चूत का पानी अनु को पिला के ही वापस नीचे चली जाती तो अनु स्टेरकेस का

 

डोर अंदर से बंद कर देती ताके ऋतु अचानक फिर से ऊपेर ना आजाए और फिर हम

 

अलग अलग पोज़िशन मे खूब चुदाई करते रहे और अनु खूब मज़े ले ले के चुदवाती

 

रही. अनु जिसे मेल्स से नफ़रत थी अब मेरी और मेरे मूसल लंड की दीवानी हो

 

चुकी थी और अपने पेरेंट्स के पास जाने के बाद भी तकरीबन डेली लेट नाइट

 

मेरे मोबाइल पे कॉल किया करती और हम फोन सेक्स किया करते.

 

अब दोस्तो चलते है दूसरी हसीना की तरफ

 

ऋतु की चुदाई

 

मैं पहले ही बता चुका हू के ऋतु उमर मे काफ़ी छोटी थी पर उसका बदन बड़ा

 

घाटेला था और उसके मस्त टाइट चुचियाँ गोल्फ बॉल जैसी छोटी और कड़क थी.

 

कभी कमीज़ के अंदर ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति थी और जब

 

ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो चलते समय उसके चुचियाँ एक स्टाइल से डॅन्स

 

करती दिखाई देती और मेरा लंड पॅंट के अंदर ही अंदर खड़ा हो जाता. ऋतु को

 

तो मैं कब से चोदना चाहता था उसकी डॅन्स करती चुचियाँ और हिलते चूतदो को

 

देख कर तो मेरा लंड बोहोत ज़ोर ज़ोर से फडकने लगता था पर कभी ऋतु को

 

चोदने का मोका नही मिला था और साची बात तो यह है के उसको चोदने से डरता

 

भी था क्यों के वो अभी बोहोत छोटी थी और अगर उसकी चूत फॅट गयी और उसने

 

किसी को बता दिया तो एक नयी मुसीबत ही ना खड़ी हो जाए इसी लिए अभी डरता

 

था पर अक्सर सोचता के कम से कम ऋतु से अपना लंड ही चुस्वा डालु और उसको

 

अपने लंड की मलाई खिलाउ.

 

जैसा के अनु ने कहा था के ऋतु को मेरे और उसके के बारे मे पता नही चलना

 

चाहिए तो मैं ने एक तरकीब सोची. अनु तो अपने मम्मी डॅडी के पास चली गई

 

थी. मेरे मम्मी और डॅडी तो सुबह ही अपने ऑफीस चले जाते और मेरे एग्ज़ॅम्स

 

भी ख़तम हो चुके थे और मैं घर पर ही रहता था. बरसात के दिन शुरू हो गये

 

थे. कभी कभी बरसात होती थी कभी नही और कभी तेज़ होती कभी तो सिर्फ़

 

बूँदें ही पड़ के ख़तम हो जाती पर मौसम बोहोत ही अछा हो चुका था और ऐसे

 

मौसम मे तो मेरे लंड मे बेचैनी कुछ और बढ़ गई थी. कॉलेज को छुट्टियाँ भी

 

थी घर मे अकेला पड़ा रहता था.

 

उस दिन सुबह मे बारिश हो रही थे अभी धीमी गति से पड़ रही थी ज़ियादा तेज़

 

नही हुई थी. मेरे मोम और दाद दोनो सुबह ही ऑफीस को चले गये थे. थोड़ी देर

 

मे ही काम वाली मासी आने वाली थी. मैं ब्रेकफास्ट कर के ऊपेर चला गया और

 

अपने कमरे मे कंप्यूटर पे एक सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा देखते ही देखते

 

बारिश बोहोत ही तेज़ी से होने लगी और बिजली भी बड़ी ज़ोर ज़ोर से कडकने

 

लगी यह शाएद सीज़न की पहली ज़बरदस्त बरसात होने वाली थी मौसम बोहोत ठंडा

 

हो गया था मुझे कॉफी पीने का मॅन करने लगा तो मैं स्टेरकेस पे आ गया और

 

वही से नीचे पुकारने लगा के मासी एक कप गरमा गरम कॉफी तो भेज देना ऊपेर

 

तो ऋतु नीचे से बोली के राज बाबू अभी मासी नही आई है अब पता नही इतनी

 

तेज़ बारिश मे आती भी है या नही तो मैं ने कहा के तुम ही बना लाओ गरमा

 

गरम कॉफी तो उसने कहा ठीक है और मैं ने साथ मे बोल दिया के अगर अभी तक

 

मासी नही आई है तो नीचे का मेन डोर भी लॉक करदो उसने कहा ठीक है राज बाबू

 

बंद कर देती हू और मैं ने ऊपेर से डोर लॉक करने की आवाज़ सुनी और

 

इत्मीनान से अपने कमरे मे आ गया और खिड़की और डोर बंद कर के बैठ गया

 

क्यों के ठंडी हवा चलना शुरू हो गई थी.

 

मैं ने सोचा के शाएद आज ऋतु को चोदने का मोका मिल जाए. मैं ने वो एन्वेलप

 

निकाला जिस्मै मैं ने अनु ऋतु और शालु की अलग अलग और एक दूसरे की चूते

 

चाट ते हुए पिक्चर्स अपने डिजिटल कॅमरा से छुप के ली थी और कंप्यूटर पे

 

प्रिंट की थी वो एन्वेलप निकाला और बेड पे डाल दिया और मैं कंप्यूटर पे

 

चुदाई के और लेज़्बियन्स लड़कियों के एक दूसरे की चूतो को चाट चाट के

 

मज़े लेते हुए फोटोस देखने लगा. एक तो बोहोत ही क्लियर फोटो थी जिस्मै दो

 

लड़कियाँ एक दूसरे की चूते चाट रही थी और दूसरी पिक्चर मे एक मोटा लंड

 

चिकनी चूत मे आधा घुसा हुआ दिखाई दे रहा था आक्च्युयली कंप्यूटर स्क्रीन

 

पे दोनो पिक्चर्स हाफ हाफ स्क्रीन पे थी और मेरा कंप्यूटर टेबल

 

ऐसी पोज़िशन मे था के ऋतु जब कॉफी ला के मुझे देगी तो शुवर्ली देख लेगी

 

और अगर टेबल पे रखेगी तो पलट ते समय उसको कंप्यूटर स्क्रीन सॉफ नज़र आ

 

जाएगा और स्क्रीन की पिक्चर देख लेगी. बारिश बोहोत तेज़ हो चुकी थी और

 

दिन का समय ऐसा लगता था जैसे रात हो गई हो. थोड़ी ही देर मे ऋतु ऊपेर

 

कॉफी की ट्रे ले के आ गई और मेरे पीछे रखी हुई सेंटर टेबल पे ट्रे रख के

 

जैसे ही घूमी उसको कंप्यूटर के स्क्रीन पे सेक्स पिक्चर नज़र आ गई और

 

उसके मूह से "छी छी राजा बाबू यह क्या देख रहे हो" निकल गया तो मैं ने

 

पूछा क्या हुआ ऐसी गंदी पिक्चर्स तो नही है इन्हे देखने से क्या होता है

 

तो वो बोली यह सब अच्छी चीज़ नही है और तेज़ी से मेरे कमरे से बाहर

 

निकलने लगी तो मैं ने फिर से पुकारा ऋतु सुनो तो वो डोर के पास ही रुक गई

 

पर पलट के मेरी तरफ नही देखा तो मैं ने कहा वाहा देखो मेरे बेड पे एक

 

एन्वेलप पड़ा है वो इधर लाओ, तो ऋतु पलट के वापस आ गई और एन्वेलप उठा के

 

अपने मूह को दूसरी तरफ करते हुए मुझे एन्वेलप देने लगी तो मैं ने कहा तुम

 

देखो इस्मै क्या है तो वो शरमाते हुए बोली के नही मुझे नही देखना है यह

 

वैसी ही पिक्चर्स होगी जैसे आप कंप्यूटर पे देख रहे हो तो मैं ने कहा अरे

 

नही ऋतु यह ऐसी वैसी पिक्चर्स नही है यह तो अनु के कॉलेज के फंक्षन्स के

 

फोटोस है आज ही डेवेलप करवा के लाया हू तो वो खुशी से एन्वेलप खोलते

 

खोलते कमरे से बाहर जाने लगी तो मैं ने कहा के यह ढेर सारी फोटोस है बाहर

 

बारिश के कतरे पड़ने से खराब हो जाएँगी इन्है तुम इत्मीनान से यही बैठ कर

 

देखो तो वो कन्फ्यूज़ हो गई शाएद वो मेरे कमरे मे नही बैठना चाह रही थी.

 

ऋतु वापस कमरे मे आ गई और मेरे बेड के कॉर्नर पे बैठ गई और एन्वेलप को एक

 

साइड से पकड़ के उल्टा किया तो एन्वेलप से सारी की सारी पिक्चर स्लिप हो

 

के मेरे बेड पे गिर गई. मैं कंप्यूटर के स्क्रीन से ऋतु को देख रहा था.

 

पहली पिक्चर को देखते ही उसके मूह का रंग उड़ गया और उसके मूह ऑटोमॅटिकली

 

खुला का खुला रह गया और ऑटोमॅटिकली निकल गया "हे भगवान" और उसके हाथो से

 

फोटोस निकल के बेड पे गिर गई और वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगी जैसे उसे कुछ

 

दिखाई नही दे रहा हो और उसकी ज़ुबान से एक शब्द भी नही निकला. मैं अपनी

 

चेर घुमा के उसकी तरफ पलट गया और पूछा ऋतु कैसे लगी फोटोस तुम्है, अच्छी

 

है ना, तो वो कुछ नही बोली शाएद सोच मे पड़ गई के अब क्या होगा. ऋतु अपनी

 

जगह से उठी और सीधे मेरी चेर के पास आ गई और मेरे पैरो मे गिर गयी, उसका

 

बदन बड़ी ज़ोर से काँपने लगा और मेरे पैर पकड़ के रोने लगी के प्लीज़ राज

 

बाबू किसी को यह फोटोस नही दिखना नही तो मैं मर जाउन्गी. मैं ने उसको

 

थोड़ी देर रोने दिया फिर उसको शोल्डर्स

 

से पकड़ के अपने पैरो से उठाया तो वो मेरे सामने घुटने फ्लोर पे टेक के

 

नील डाउन पोज़िशन मे बैठ गयी. मैं ने कहा अरे पगली मैं किसी को भी नही

 

बताउन्गा तू कियों फिकर करती है मैं तो यह सब बोहोत दिनो से देख रहा हू.

 

सच राजा बाबू किसी को भी नही बताओगे ना प्लीज़ तो मैं ने कहा हा नही

 

बताउन्गा और उसके बालो मे उंगलियाँ घुमाने लगा. उसके बदन को हाथ लगाते ही

 

मेरा लाउडा एक दम से मस्ती मे फुल अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो गया और

 

मेरे बॉक्सर्स शॉर्ट्स के अंदर से बाहर निकलने को मचलने लगा. मैं ने उसके

 

सर को पकड़े पकड़े धीरे धीरे अपनी तरफ खेचना शुरू किया तो वो भी अपने

 

घुटनो के बल दो कदम आगे चल के मेरे दोनो पैरो के बीच मे नील डाउन हो के

 

बैठ गयी और मेरी तरफ देखने लगी. उसकी आँखों मे एक अजीब सी बेबसी थी, एक

 

अंजना सा सवाल था, एक खोफ़ था, एक साइलेंट रिक्वेस्ट थी. मैं ने उसका एक

 

हाथ पकड़ केऊपेर उठाया और सीधा अपने लूस बॉक्सर्स शॉर्ट के खुले भाग से

 

अंदर घुसा के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और इमीडीयेट्ली उसने अपना

 

हाथ "अरे बाप र्ऱे" कहते हुए शॉर्ट के बाहर खेच लिया मैं ने उसका हाथ फिर

 

से पकड़ा और अपने शॉर्ट के अंदर डाल के अपने फॅन फनाते लंड को उसके हाथ

 

मे थमा दिया जिसे उसने इस टाइम थाम लिया. दोनो के मूह से कुछ भी नही निकल

 

रहा था. ऋतु मेरे लंबे मोटे आकड़े हुए लंड के ऊपेर हाथ रखे रही तो मैं ने

 

उसका हाथ अपने हाथ मे ले के दबाया तो वो इशारा समझ गई दोनो ने कुछ नही

 

कहा जैसे साइलेंट अग्रीमेंट हो गया हो और ऋतु मेरे लंड को पकड़ के दबाने

 

लगी अभी भी उसके मूह से बोहोत धीमी आवाज़ मे निकला "अरे बाप रे यह तो

 

बहुत ही बड़ा है" मैं कुछ बोला नही बॅस मुस्कुरा दिया.

 

मैं अपने चेर पे थोड़ा सा और पैर खोल के चेर के सामने एड्ज पे आ गया. अब

 

ऋतु मेरे लंड को दोनो हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मुझे बड़ी खुशी हो रही

 

थी के यह लड़की जिसे मैं कब से चोदना चाहता था आज वो खुद ही मेरे पैरो मे

 

गिरी पड़ी है और मेरे लौदे को हाथ मे पकड़ के मज़े से दबा रही है. मैं ने

 

ऋतु के सर को पकड़ के अपनी ओर खेचा तो वो एक कदम और आगे आ गई अब पोज़िशन

 

ऐसी थी के मेरा फुल्ली एरेक्टेड आंड थ्रॉबिंग लंड उसके मूह के सामने था.

 

मैं चाहता था के ऋतु ही मेरे बॉक्सर्स की ज़िप खोले पर वो अभी तक नही खोल

 

रही थी तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपनी बॉक्सर्स शॉर्ट्स की ज़िप के

 

ऊपेर रख दिया तो वो शरमाते शरमाते मेरी तरफ अजीब नज़रों से देखते देखते

 

ज़िप खोलने लगी. ज़िप का खुलना था के मेरा मूसल जैसा लंड मेरे शॉर्ट्स के

 

अंदर से किसी साँप की तरह से तड़प के बाहर निकल गया और ऋतु के मूह के

 

सामने हिलने लगा तो ऋतु एक दम से घबरा गई और उसका

 

मूह डर के मारे खुल गया और उसके मूह से फिर से निकला "अरे बाप रे" और

 

सडन्ली उसका मूह थोड़ा सा पीछे हट गया तो मैं हंस दिया और बोला के क्या

 

हुआ कभी लंड देखा नही क्या? तो उसने अपना सर हिला दिया और कहा देखा तो है

 

पर इतना बड़ा और मोटा नही देखा. एक बार फिर से ऋतु बोलने लगी राजा बाबू

 

प्लीज़ किसी से कुछ भी नही कहना हमारे बारे मे नही तो मैं मर जाउन्गी तो

 

मैं ने फिर से दिलासा दिलाया के मैं किसी से नही बताउन्गा बस मैं जैसा

 

कहु तू वैसे ही करती जा तो उसने कहा ठीक है आप जैसा कहेंगे मैं करूगी पर

 

प्लीज़ मैं ने उसे और कुछ कहने नही दिया और उसका मूह अपने लंड पे लगा

 

दिया.

 

पहले तो वो समझी नही के क्या करना है तो मैं ने फिर से उसका हाथ पकड़ के

 

अपने लंड पे रखा और वाइज़ ही उसके लिप्स पे अपने लंड का सूपड़ा घुमाने

 

लगा. उसने अपना मूह बंद कर रखा था. शाएद उसे पता नही था के उसको मेरा लंड

 

चूसना है.

 

अब पोज़िशन ऐसी थी के मैं चेर के एड्ज पे बैठा था, ऋतु मेरे दोनो पैरो के

 

बीचे मे घुटनो के बल बैठी थी. मेरा मूसल लंड उसके मूह के सामने हिल रहा

 

था. मैं ने अपने लंड को अपने हाथो से पकड़ के उसके मूह मे घुसाना शुरू

 

किया तो उसने मूह नही खोला पर सूपड़ा उसके होंठो के बीचे मे घुस के उसके

 

दांतो से रगड़ने लगा. मैं ने ऋतु से कहा चल अब जल्दी से मूह खोल ज़ियादा

 

नखरे मत कर तो वो मेरी तरफ देखने लगी तो मैं ने कहा हा चल खोल मूह जल्दी

 

से और ले इसको चूस. ऋतु ने अपना मूह थोड़ा सा खोला और मेरे लंड को ऐसे

 

मूह मे लिया जैसे टेस्ट कर रही हो और फॉरन ही मूह हटा लिया. अब मैं ने

 

अपने लंड को ज़बरदस्ती घुसाया तो उसने मूह खोल दिया और मेरा लंड उसके मूह

 

मे घुस्स गया पर उसने चूसा नही ऐसे ही मूह खुला रखा तो मैं ने लंड को

 

थोड़ा प्रेशर दिया तो लंड उसके थ्रोट तक घुस्स गया और उसके मूह से

 

आआग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह गगगगगगगगघह जैसी आवाज़ निकल गई और उसके गले की रगे

 

तंन के मोटी हो गई और उसकी आँखें बाहर को निकल गई और उसने अपना मूह लंड

 

से बाहर खेचना शुरू किया तो मैं ने कहा अगर नही चूसेगी तो ऐसे ही हलक़ के

 

अंदर तक घुसा दूँगा तो उसने बिना कुछ कहे अपना सर हिला दिया तो मैं ने

 

उसके सर पे से अपना हाथ ढीला कर दिया.

 

अब ऋतु ने अपना मूह ऊपेर नीचे कर के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था.

 

मैं ने अपना हाथ उसके सर पे रख दिया और उसके मूह को चोदने लगा. ऋतु थोड़ी

 

देर तक ऐसे ही मेरे लंड को चूस्ति रही फिर मैं ने उसका मूह अपने लंड से

 

हटा दिया तो उसने इत्मेनान की साँस ली और समझी के शाएद उसका काम ख़तम हो

 

गया और वो अपनी जगह से उठने लगी तो मैं

 

ने कहा चल अब अपने कपड़े उतार तो वो मेरी तरफ दया की नज़रो से देखने लगी

 

तो मैं ने कहा चल जल्दी कर तो उसने कहा क्यों बाबू कपड़े क्यों उतारू.

 

मुझे लज्जा आती है प्लीज़ बाबू ऐसे ना करो ना तो मैं ने कहा अपनी चूत

 

चटवाने और अनु और शालु की चूतो को चाटने के टाइम पे तो कपड़े उतार के

 

नंगी हो जाती है तब तुझे लज्जा नही आती और मेरे सामने नंगी होते तुझे

 

लज्जा आती है चल उतार जल्दी से, तो उसने कुछ नही कहा अपनी जगह से उठ के

 

खड़ी हो गई तो मैं ने कहा चल जल्दी कर मैं तुझे नंगी देखना चाहता हू.

 

उसने एक बार फिर से दया की नज़रो से देखा तो मैं ने अपनी उंगली को ऐसे

 

नीचे से ऊपेर किया जैसे कह रहा हू के जल्दी से निकाल. ऋतु पलट गई और अपने

 

शर्ट के बटन्स खोलने लगी तो मैं ने कहा हे इधर पलट के खोल मैं तुंझे नंगा

 

होते देखना चाहता हू. इतनी देर मे एक ज़बरदस्त बिजली चमकी और गूँज से

 

बारिश और ज़ियादा तेज़ हो गई. बारिश इतनी तेज़ी से हो रही थी जैसे लगता

 

था के दिन के 11 नही रात के 11 बजे हैं. बाहर का मौसम तो ठंडा था पर कमरा

 

और मैं गरम था. ऋतु ने एक बार फिर से कोशिश की के बाबू ठंड लग रही है तो

 

मैं ने उठ के कमरे की खुली हुई विंडो भी बंद कर दी जिस से कमरे मे बाहर

 

की ठंडी हवा आ रही थी. इतनी तूफ़ानी बारिश मे किसी के आने की उम्मीद नही

 

थी और घर का मैन डोर भी लॉक था. मम्मी और डॅडी भी शाम से पहले घर आने

 

वाले नही थे. घर मे मेरे और ऋतु के सिवा कोई नही था. इसी लिए ऋतु को तडपा

 

तडपा के इत्मीनान से चोदना चाहता था और वो किसी नन्ही सी मासूम कबूतरी की

 

तरह से डरी सहमी बड़ी अछी लग रही थी जिसे देख के मेरे लंड मे एक नया जोश

 

आ गया था..

 

ऋतु धीरे धीरे अपने बटन्स खोलने लगी और जब सारे बटन्स खुल गये फिर भी

 

अपने हाथ वही रहने दिए और शर्ट नही उतारी तो मैं ने कहा के खुद उतारेगी

 

या मैं उतारू तो वो बोलने लगी राजा बाबू प्लीज़ ऐसे ना करो मुझे लज्जा

 

आती है. मैं सोच मे पड़ गया के मैं खुद ही उसके कपड़े फाड़ डालु या उसको

 

ही उतारने दू. फिर यह डिसाइड किया के वो खुद ही मेरे सामने नंगी होगी और

 

उसको बोला के देख ऋतु अगर तू कपड़े नही उतारेगी तो यहा से चली जा मैं

 

तुझे कुछ नही करूगा तो उसकी आँखो मे एक चमक आ गई शाएद वो खुश हो गई थी

 

फिर मैं ने अपना सेंटेन्स कंप्लीट किया के देख बाद मे अगर किसी ने यह

 

पिक्चर्स देख ली तो मुझे कुछ नही कहना तो वो फिर से डर गई और बोली के ठीक

 

है बाबू खोलती हू. ऋतु ने अपनी शर्ट को अपने हाथ ऊपेर कर के बाहर निकाल

 

दिया. ऋतु शाएद ब्रस्सिएर नही पहनती थी या उसकी छोटी छोटी से चुचिओ के

 

लिए ब्रस्सिएर्स मार्केट मे नही मिलते थे मुझे नही मालूम. उसके मस्त छोटे छोटे कॉनिकल शेप की छोटी सी कड़क चुचियाँ और छोटे छोटे ब्राउन निपल जो अभी पूरी तरह से आए भी नही थे और पतली पंखाड़ियों वाली चिकनी चूत ऋतु नंगी खड़ी दर से कांपति हुई बोहोत सेक्सी लग रही थी. काम करते रहने से उसका बदन घाटेला भी हो गया था और उसकी स्वीट फौरीनटीन की एज. उसके बदन से कंवर्पण की खुश्बू आ रही थी जो मेरे मूसल लंड को दीवाना बना रही थी. लंड मे से मोटे मोटे प्री कम के ड्रॉप्स निकल रहे थे जैसे लंड के मूह मे ऐसी मस्त जवानी देख के पानी आ रहा हो.

 

मेरी कंप्यूटर चेर बिना हाथ वाली थी और नीचे से अड्जस्टबल थी जिसे अड्जस्ट करने से वो ऊपेर और नीचे हो जाती थी. अपनी अड्जस्टबल चेर के नीचे के लीवर को दबा के ऊपेर किया तो चेर थोड़ी सी ऊपेर उठ गई. ऋतु को अपने करीब आने का इशारा किया तो वो धीमे कदमोसे चलती मेरे दोनो टाँगो के बीच मे आ के खड़ी हो गई और ऐसी पोज़िशन थी के उसकी चुचियाँ मेरे मूह के तकरीबन सामने ही थे जिन्हे देख के मेरे मूह मे पानी आने लगा. मैं ने हाथ बढ़ा के उसकी छोटी चुचिओ को हाथो मे ले लिया और ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा. थोड़ी

 

देर तक उसके चुचिओ को मसलता रहा फिर उसके चूतदो पे दोनो हाथ रख के अपनी ओर खेच लिया तो वो एक कदम और आगे आ गई. अब ऋतु मेरे थाइस के बीचे मे खड़ी थी. मेरे दोनो थाइस का इन्नर पोर्षन उसके थाइस के आउटर पोर्षन से टच कर रहे थे. उसके बदन से मेरा बदन टच होते ही मेरा लंड एक बार फिर उछल उछाल के ऋतु की मस्त चूत को और उसकी कमसिन जवानी को सल्यूट करने लगा. अब ऋतु मेरे बोहोत करीब खड़ी थी मैं उसकी चूतदो पे हाथ घुमा रहा था. उसके चूतड़ बड़े मस्त और चिकने थे.ऋतु की छोटी सी चुचिओ पे ब्राउन कलर के किशमिश जैसे छोटे से निपल्स को ज़ुबान की नोक से टच किया और फिर अपने हाथो को ऊपेर उसकी पीठ से पकड़ के अपनी ओर खेचा तो उसकी चुचि मेरे मूह मे आ गई और मैं उसकी चुचि को चूसने लगा और उसी समय ऋतु के बदन मइए झूर-झूरी जैसी आ गई और वो थोड़ी देर के लिए काँपने लगी. अब मैं फिर से उसकी दोनो चुचिओ को पकड़ के मसल्ने लगा और एक चुचि को चूसने लगा. उसकी चुचि इतनी छोटी थी के पूरी चुचि मेरे मूह मे समा गई थी और बोहोत ही कड़क और सख़्त थी उसकी चुचियाँ जिन्है मैं बोहोत ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था. एक ही मिनिट के अंदर ऋतु जोश मे आ गयी और उसने मेरे बालो मे उंगलियाँ डाल दी और मेरे सर को अपने दोनो हाथो से पकड़ के अपनी चुचि मे घुसाना शुरू कर दिया तो मैं समझ गया के अब उसको भी मज़ा आने लगा है. अपना एक हाथ उसकी चुचि से निकाल के उसके चिकने चूतड़ पे सहलाते सहलाते उसकी चूत पे हाथ लगा दिया तो वो एक दम से उछल के पीछे हट गई जैसे उसे एलेक्ट्रिक शॉक लगा हो तो मैं ने उसको फिर से पकड़ कर अपने करीब खेच लिया और पूरी की पूरी चुचि को मूह मे ले के चूसने लगा. अब उसके थाइस के अंदर के भाग पे मसाज करने लगा तो उसके पैर ऑटोमॅटिकली थोड़े खुल गये और मैं धीरे धीरे अपने हाथ को उसके जाँघो के अंदर ले के मसाज करने लगा और फिर उसकी चूत पे अपने हाथ की हथेली जमा कर रख दिया तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्

 

स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ब्बयेयीयायाब्ब्ब्ब्बूवूऊवूऊवूयूयुयूवयू की आवाज़ निकल गई और मेरे हाथ को अपनी जाँघो के बीच मे बोहोत ज़ोर से दबा के पकड़ लिया और मेरे सर को ज़ोर से पकड़ के अपनी चुचि मे घुसा लिया उसका बदन एक दम से अकड़ गया था. ऋतु की चूत एक दम से गीली हो चुकी थी उसका बदन बोहोत ही गरम हो गया था और मेरे लंड का तो बुरा हाल था बोहोत ज़ोर से आकड़ा हुआ था और जोश मे हिल रहा था. मैं थोड़ी देर उसकी चूत का मसाज करता रहा जिस से उसकी चूत मे से रस निकलने लगा और उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गई. अपनी उंगली से उसकी क्लाइटॉरिस का मसाज किया और थोड़ी सी उंगली चूत के अंदर डाल के अंदर बाहर किया तो उसका बदन बोहोत ज़ोर से अकड़ गया पूरे बदन के

 

मसल्स टाइट हो गये और ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ उसके मूह से निकली और बदन काँपने लगा और वो मेरे हाथ पे ही झड़ने लगी उसकी चूत मे से रस निकल के मेरी उंगलिओ पे लगने लगा जिसे मैने बाहर निकाल के उसके मूह मे एक उंगली डाल के उसकी चूत का रस उस को ही टेस्ट करवाया और एक उंगली खुद अपने मूह मे डाल के उसकी चूत के मस्त स्वीट जूस का टेस्ट किया आअहह क्या मस्त था कुँवारी चूत का रस. थोड़ी ही देर मे उसकी ब्रीदिंग कुछ नॉर्मल हो गई.

 

थोड़ी देर उसकी चुचिओ को चूसने के बाद अपने हाथो को उसकी बगल से निकाल के शोल्डर्स को पकड़ लिया और उसको नीचे बिठाने लगा पर वो इतनी मस्ती मे थी के नीचे नही बैठ रही थी तो मैं ने उसकी चुचि से मूह हटा लिया और उसको नीचे बिठा दिया पहले वाली पोज़िशन मे वो घुटनो के बल मेरे पैरो के बीच बैठ गई. अब उसने मेरे हिलते हुए लंड को खुद ही पकड़ लिया और अपने मूह मे ले के बड़ी तेज़ी से चूसने लगी वो झड़ने के बाद कुछ ज़ियादा ही गरम हो गयी थी. मैं बोहोत ही मस्ती मे आ गया था मुझे पता ही नही चला के कब मैं अपनी चेर से उठ के खड़ा हो गया और फ्लोर पे घुटने मोड़ के बैठी ऋतु के सर को पकड़ के उसके मूह को अपने लंड को अंदर बाहर कर के चोदने लगा. लंड उसके मुहे मे बोहतो तेज़ी से अंदर बाहर अंदर बाहर हो रहा था. क्यॉंके बोहोत देर से मेरा लंड खड़ा हुआ था और अब जैसे ही ऋतु ने अपने मूह को पूरा खोल के मेरे लंड को पूरा अपने मूह मे ले के चूसना शुरू किया और मैं ने उसके मूह को चोदना शुरू किया तो मेरे लंड मे हलचल होने लगी और एक ज़ोर का झटका मारा तो मेरा लंड उसके हलक के अंदर तक घुस्स गया उसकी आँखें बाहर को निकल गयी, गले की रगें तन के मोटी हो गयी और उसके मूह से उउउउउउउउउउउउउउउउउग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ निकली और उसी समय मेरे लंड मे से मलाई की मोटी मोटी धारियाँ उछल उछल के सीधे उसके पेट के अंदर गिरने लगी. जितनी देर तक मेरी मलाई निकलती रही ऋतु के सर को टाइट पकड़ा रहा. लंड का सूपड़ा पूरा उसके हलक के अंदर तक घुसा हुआ था जिसकी वजा से उसकी आँखें बाहर को निकल गई थी और लाल हो गई थी जैसे उसकी ब्रीदिंग रुक गई हो. पूरी मलाई निकल जाने के बाद अपने लंड को उसके मूह से बाहर निकाल लिया और मैं अपनी चेर पे गिर गया और लंबी लंबी साँसें लेने लगा.

 

मैं चेर पे अपने पैर स्प्रेड कर के बैठा लंबी लंबी साँसें लेने लगा और मेरे आँखें भी झड़ने की वजह से बंद हो गई थी. ऋतु मेरे पैरो के बीचे मे ही बैठी रही और मेरे लंड को घूर के देखती रही जो अभी भी सख्ती से आकड़ा हुआ था और अभी भी हिल रहा था. लंड के सुराख मे मलाई का एक ड्रॉप निकल के आ गया था और ऋतु उस ड्रॉप को देख रही थी फिर पता नही उसको क्या हुआ के मेरे लंड के डंडे को पकड़ के थोड़ा सा दबाया तो वो ड्रॉप और बड़ा हो गया और गिरने से पहले ही ऋतु अपना मूह आगे को कर लिया और लंड के सुराख पे टीके हुई मलाई के ड्रॉप को चाटने लगी. मेरी ब्रीदिंग जब नॉर्मल हुई और मेरी आँखें खुली तो देखा के ऋतु अभी भी मेरे दोनो पैरो के बीच मे घुटनो के बल बैठी है तो मैं ने उसको उठा लिया और अपने सामने खड़ा कर के उसके पेट पे किस किया तो उसके मूह से सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की सिसकारी निकल गई और उसने फॉरन ही मेरे सर को पकड़ लिया और अपने पेट मे मेरे मूह को घुसाने लगी. मेरे हाथ उसके गंद पे थे और मैं उसके पेट पे और नवल पे किस करने लगा. उसकी चूत मे से कुँवारी चूत के जूस की मधुर सुगंध आ रही थी. मैं अपनी चेर को अड्जस्ट कर के थोडा नीचे किया जिस से मेरा मूह उसकी चूत के लेवेल मे आ गया और मैं उसकी चूत पे किस कर ने लगा तो एक दम से ऋतु की टाँगें खुल गई और बोहोत ज़ोर से और तेज़ी से अपनी चूत को मेरे मूह मे रगड़ने लगी शाएद मेरे मूसल जैसे लंड को देख के वो फिर से जोश मे आ गयी होगी या फिर यह चूत को चटवाने का मज़ा था जैसे वो अनु और शालु के साथ लिया करती थी उस से कुछ डिफरेंट रहा होगा इसी लिए वो फुल मस्ती मे आ गयी और उसकी आँखें बंद हो गयी.मेरे सर को पकड़ के मेरे मूह पे अपनी चूत को रगड़ने लगी उसकी गंद तेज़ी से आगे पीछे हो रही थी जैसे वो मेरे मूह को चोद रही हो और फिर बिना धक्के लगाए मेरे मूह पे चूत को रगड़ने लगी और उसी समय फिर से उसका बदन एक बार फिर कमान की तरह से बेंड हो गया और मेरे सर को बोहोत ज़ोर से पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और काँपते बदन से मेरे मूह मे ही झड़ने लगी. उसकी कंवारी चूत का नमकीन जूस भी मुझे शहेड से ज़ियादा मीठा लग रहा था. उसका झड़ना ख़तम हुआ और वो अपने बेजान बदन से नीचे फ्लोर पे बैठ गई. उसी समय टेलिफोन की घंटी बजी. मैं ने फोन उठाया तो मेरी मोम का फोन था बोल रही थी के उन्है एक प्रॉजेक्ट साइट देखने के लिए किसी करीब के टाउन को जाना पड़ रहा है और रात मे वापस आते आते बोहोत देर हो जाएगी और बताया के आने से पहले फोन कर लेगी तो मैं ने कहा मोम इतनी तेज़ बारिश मे क्या ज़रूरत है जाने की तो उन्हो ने बताया के ज़रूरी इस लिए है के ओनर को बिल्डिंग बना ने की जल्दी है और कोटेशन फॉरन ही देना है और जाना ज़रूरी है

 

तो मैं ने कहा ठीक है मोम आप लोग जाइए मैं घर मे हू और आने से पहले फोन कर लीजिए क्यॉंके घर हम ने अंदर से लॉक कर लिया है तो उन्हो ने कहा ठीक है और फोन बंद कर दिया. अब मुझे इत्मीनान हो गया के आज का सारा दिन ऋतु को चोदुन्गा और मोका मिला तो शालु को भी आज ही चोदुन्गा.

 

मेरे टेलिफोन करने तक ऋतु अपनी शलवार पहेन्ने की कोशिश कर रही थी तो मैं ने कहा अरे यह क्या कर रही हो आज का दिन तो तुम्है कपड़े पहेन्ने ही नही है क्यों के मोम और डॅड किसी दूसरी जगह जा रहे हैं और रात देर से वापस आएँगे और अभी तो तुझे चोदना भी है मैं तेरी कुँवारी नाज़ुक चूत को आज चोद के फड़ूगा तो वो घबरा गई और फॉरन मेरे पैरो मे गिर गयी और रोने लगी और मेरी मिन्नते करते हुए बोली के नही बाबू प्लीज़ तुम्हारा तो इतना बड़ा और मोटा है यह मेरी इतनी छोटी सी योनि मे घुसे गा तो इसको फाड़ ही डालेगा और मैं मर जाउन्गी प्लीईज बाबू ऐसा नही करो नही तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी तुम जितने टाइम कहोगे मैं ऐसे ही मूह से चूस चूस के तुम्हारी मलाई निकाल दुगी तो मैं ने उसको शोल्डर्स से पकड़ के अपने पैरो से ऊपेर उठाया और कहा तेरी चूत को कभी ना कभी फटना तो है ही और अगर आज ही फट जाए तो क्या प्राब्लम है और अगर तू यह समझती है के तू प्रेग्नेंट हो जाएगी तो तू फिकर ना कर मेरी ऋतु रानी मेरे पास एक जेल्ली है जिस से तू प्रेग्नेंट नही होगी और तेरी चूत मे लंड आसानी से अंदर जा सकेगा और मैं बोहोत धीरे धीरे चोदुगा तू फिकर ना कर तो उसने फिर से हाथ जोड़ लिए और कहा भगवान के लिए बाबू ऐसे ना करो प्लीज़. अब मेरे लंड से सबर नही हो रहा था तो मैं ने कहा देख मैं एक बार फिर से समझा रहा हू के कुछ नही होगा और तुझे बॅस एक ही टाइम दरद होगा फिर मज़ा ही मज़ा आएगा और तू बार बार मुझे चोदने के लिए बोलेगी और कोई प्राब्लम भी नही होगी और किसी को पता भी नही चलेगा तो वो कुछ कन्फ्यूज़ हो गई और अपने शलवार को आहिस्ता से उतार दिया. अब ऋतु एक बार फिर से मेरे सामने अपनी मस्त जवानी और कुँवारी चूत लिए नंगी खड़ी थी. बारिश अभी भी हो रही थी कभी तेज़ हो जाती कभी हल्की लैकिन कंटिन्यू हो रही थी.

 

मैं बेड पे लेट गया और हाथ के इशारे से ऋतु को पास बुलाया तो वो करीब आ गई तो मैने उसका हाथ पकड़ के बेड पे लिटा लिया. दोनो एक दूसरे की ओर करवट कर से लेटे थे. ऋतु को किस किया तो इस टाइम उसने अपने मूह खोल के मेरी ज़ुबान को वेलकम किया और चूसने लगी. इसी तरह से हम टंग सकिंग किस करने लगे. मैं देखना चाहता था के ऋतु कुछ अपनी तरफ से अड्वान्स करेगी या मुझे ही कुछ करना पड़ेगा. थोड़ी देर तक किस करते रहे पर उसने कुछ नही किया तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपने

 

हिलते हुए लंड पे रख दिया तो वो लंड के डंडे को पकड़ के दबाने लगी और इस टाइम उसने कुछ अपनी तरफ से अड्वान्स किया और मेरे लंड को आगे पीछे कर के मूठ मारने लगी और अपनी एक टांग उठा के मेर कमर पे रख ली जिस से उसकी चूत की पतली पतली पंखाड़िया थोड़ी सी एक दूसरे से अलग हो गयी और चूत थोड़ी सी खुल गई और मेरे लंड के डंडे को पकड़ के उसके सूपदे को अपनी चूत के अंदर ऊपए नीचे घिसने लगी. लंड मे से कंटिन्यू प्री कम निकल ना शुरू हो चुका था जिसकी वजह से उसकी गीली चूत स्लिपरी भी हो गई थी. लंड के सूपदे को अपनी चूत के दाने पे ज़ोर ज़ोर से और जल्दी जल्दी रगड़ने लगी इतनी तेज़ी से रगड़ रही थी के हमारा किस ख़तम हो गया था और वो लंड के चिकने सूपदे को अपनी चूत के दाने से रगड़ने मे ही बिज़ी थी और देखते ही देखते उसका बदन फिर से हिलने लगा, उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और आआआआआआआआआआआहह की आवाज़ निकालते हुए वो एक बार फिर से झड़ने लगी. अब मुझे यह तो पता चल गया था के वो मेरे लंड से भर पूर मज़ा ले रही है और मस्ती मे आ गई है. मैं ने लेटे ही लेटे ऋतु को अपने बदन के ऊपेर खेच लिया जिस से वो मेरे बदन पे च्चढ़ के आ गई और मेरे बदन पे ही लेट गई. दोनो के पेट एक दूसरे से चिपके हुए थे लंड उसकी जाँघो के बीच से बाहर निकला हुआ था और उसकी छोटी सी गंद के पास था. उसके बड़े लेमन के साइज़ की छोटी सख़्त कड़क मस्त चुचियाँ मेरे बालो से भरे सीने से दबी हुई थी वो अभी भी गहरी गहरी साँसें ले रही थी और बिल्कुल थक्क चुकी थी और एग्ज़ॉस्टेड बेजान मेरे बदन पे पड़ी गहरी गहरी साँसे ले रही थी.

 

मैं अपने हाथ उसकी पीठ पे फिरने लगा और उसके चूतदो का मसाज करने लगा. मेरा लंड उसकी दोनो जाँघो से बाहर निकला हुआ था और सीलिंग की ओर रॉकेट जैसा खड़ा था उसकी चिकनी गीली चूत मेरे नवल पे थी जिसे वो धीरे धीरे रगड़ रही थी. मेरे मसाज करने से उसके बदन मे मूव्मेंट्स होने लगी और अपने हाथो को बेड पे टीयका के थोड़ा सा ऊपेर उठी और मेरे बदन पे आगे पीछे हिलने लगी और मेरे लंड को अपनी जाँघो मे दबा के पकड़ लिया और मेरी आँखो मे आँखें डाल के मुझे घूर के देखने लगी पर बोली कुछ नही लगता था के शाएद उसकी चूत मे भी अब खुजली होने लगी थी और वो भी चुदवाने को रेडी हो गई थी. मेरे लंड के बेस (निचले भाग) पे अपनी चूत घिसने लगी तो मैने अपनी टाँगें घुटनो से मोड़ लिया जिस से उसकी टाँगें भी ऑटोमॅटिकली मूड गई और वो मेरे बदन पे अपनी टाँगें मोड़ के बैठ गई. मैं ऋतु को झुका के उसकी छोटी छोटी चुचिओ को चूसने लगा. ऋतु की छोटी छोटी चुचियाँ पूरी मेरे मूह मे समा गयी थी और उसके

 

चूतदो को मसाज करने लगा. बहुत मस्त चुचियाँ थी उसकी मुझे चूसने मे बोहोत मज़ा आ रहा था. मैं इतनी छोटी चुचियाँ किसी की भी नही चूसा था आज तक. मेरे चूसने से ऋतु फिर से गरम होना शुरू हो गई थी. कुछ देर तक चुचियाँ चूसने के बाद उसको पलटा लिया और अब 69 पोज़िशन मे आ गये थे. ऋतु को यह सब पोज़िशन्स का पता था कियों के वो अनु और शालु के साथ ऐसी पोज़िशन मे अपनी चूत चटवा चुकी थी और उनकी चूते भी चाट चुकी थी तो मुझे कुछ बताने की ज़रूरत नही पड़ी और वो मेरे मूह पे जॉकी की तरह से बैठ के अपनी चूत के मेरे मूह पे आगे पीछे कर के रगड़ने लगी और झुक के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया और मैं ने भी अपनी गंद उठा उठा के उसके मूह को चोदना शुरू कर्दिआ. ऋतु मेरे मूह पे कभी अपनी चूत को रगड़ती कभी गंद उठा के चोदना शुरू कर देती. वो चूत को बोहोत तेज़ी से मेरे मूह पे रगड़ रही थी और फिर काँपते हुए मेरे मूह मे ही झड़ने लगी. उसकी लाइट ब्राउन ब्राउन कलर की चूत अंदर से बोहोत ही लाल हो गई थी और उसकी छोटी सी क्लाइटॉरिस मे हार्ट बीटिंग जैसी मूव्मेंट हो रही थी. ऋतु झड़ने के बाद इतनी मस्ती मे और जोश मे आ गई थी के मेरे लंड को हलक के अंदर तक ले रही थी और चूस रही थी और बस उसी समय मेरे लंड मे से भी गरम गरम मलाई की पिचकारियाँ निकल ने लगी जिसे वो जल्दी जल्दी चूसने लगी और एक ड्रॉप भी बाहर गिरने नही दिया. मेरा बदन भी कुछ ढीला पड़ गया था पर ऋतु का जोश ख़तम नही हुआ था और वो वैसे ही जोश मे तेज़ी से मेरे लंड को चूस रही थी जिस से मेरा लंड नरम नही हुआ था और वैसे ही आकड़ा रहा.

 

अब मैं और सहन नही कर सकता था मेरा लंड बुरी तरह से अकड़ गया था और उसकी छोटी सी कंवारी चूत को चोदना चाहता था. मैं ने ऋतु को अब 69 पोज़िशन से पलटा लिया. अब वो मेरी जाँघो पे जॉकी की तरह से बैठी हुई थी उसकी चूत झड़ने से और मेरे थूक से बोहोत ही गीली हो चुकी थी. मेरा लंड अकड़ के मेरे पेट पे पड़ा हुआ था. ऋतु मेरे लंड पे ऐसे बैठी थी जिस से उसकी चूत की पंखाड़िया मेरे लंड के डंडे पे थी और वो आगे पीछे फिसल रही थी. उसकी छोटी सी चूत बोहोत ही गीली हो गई थी और लंड मे से तो प्री कम बोहोत निकल रहा था. लंड के डंडे पे उसकी गरम चूत लगने से मैं और मेरा मूसल लंड पागल हो रहा था. ऐसे ही फिसलते फिसलते ऋतु की गंद थोड़ा सा ऊपेर उठी और मेरा लंड पेट से थोड़ा सा ऊपेर उठा और उसकी चूत के सुराखमे अटक गया. ऋतु इतने जोश मे थी के उसे पता नही चला के लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटका हुआ है और जब वो फिसल के पीछे हटी तो लंड का चिकना सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे थोडा सा अंदर घुस्स गया तो

 

वो एक दम से चौंक पड़ी, उसका बदन टाइट हो गया और वो आगे निकलने की कोशिश करने लगी पर मैं ने उसको शोल्डर्स से पकड़ा हुआ था तो वो बाहर नही निकाल सकी और लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे ही अटका रहा. अब मैं अपनी गंद उठा उठा के धीरे धीरे सूपदे को चूत के सुराख मे आगे पीछे करने लगा. गीली चूत और चिकना प्रेकुं निकालता हुआ लंड का सूपड़ा ऐसे ही धक्के मारने से सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अंदर घुस्स गया और ऋतु का मूह दरद के मारे खुल गया और उसके मूह से ऊऊऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईइ निकल गया. वो ऐसे ही रुक गई कोई मूव्मेंट नही की मैने ऋतु को फिर से झुका लिया और उसकी चुचिओ को चूसने लगा. उसकी चुचियाँ बोहोत ही सेंसेटिवे थी जैसे ही मैं चूसने लगा उसका बदन रिलॅक्स होने लगा. उसने मेरे सर को पकड़ा हुआ था और फिर से वो थोडा थोड़ा आगे पीछे होने लगी और पीछे पुश करते हुए चूत के सुराख को लंड के सूपदे पे धकेलने लगी. उसके चूत के मसल्स थोडा सा रिलॅक्स होने लगे और मेरा लंड का सूपड़ा पूरा अंदर घुस्स गया और ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीी

 

ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआआआआ कहते हुए वो अपनी चूत को मेरे लंड से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी पर मैं ने निकालने नही दिया और सूपदे को उसकी चूत से सुराख मे ही दबाए ही रखा जिस से उसकी चूत थोड़ी ही देर मे वो अड्जस्ट हो गई.

 

मैं वासना की आग मे जलने लगा था और जोश मे दीवाना हो गया था मेरा सारा बदन बोहोत गरम हो गया था और अब मेरे ऊपेर ऋतु को चोदने का भूत सवार हो गया था. अब मैने पोज़िशन चेंज कर के ऋतु को पीठ के बल नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर आ गया. मेरे पैर स्ट्रेट थे और पीछे बेड से टीके हुए थे और ऋतु ने अपने पैर मेरी कमर से लपेट लिए थे. मैं ने लंड के और बॉल्स के बीच वाले भाग पे थोड़ा प्रेशर डाला तो प्री कम का एक मोटा ड्रॉप लंड के सुराख से निकल ले उसकी चूत मे गिरा जिस से उसकी चूत और चिकनी हो गई. फिर झुक के उसकी चुचिओ को चूसने लगा लंड का सूपड़ा तो चूत के सुराख मे टीका दिया था. जैसा के मैं पहले ही बता चुका हू के मुझे एक ही झटके मे कुँवारी चूत को फाड़ने का मज़ा आता है और ऐसे चूत फाड़ के चोदने का मज़ा कुछ और ही है तो अब मैं और मेरा लंड उसकी छोटी नाज़ुक कुँवारी टाइट मक्खन जैसी चिकनी चूत को फाड़ने के लिए तय्यार हो गया था. मैने ने लंड को दबा दबा के प्रेकुं को उसकी चूत मे गिराया और उसकी चूत के अंदर ऊपेर से नीचे फिराया ता के चूत कुछ और गीली और स्लूप्पेरी हो जाए और ऋतु को कुछ मज़ा भी आए तो लंड को वैसे ही चूत के सुराख मे अटका रहने दिया और दोनो हाथ उसके बगल से निकाल के शोल्डर्स को

 

टाइट पकड़ लिया. मैं बिना क्रीम लगाए एक ही झटके से उसकी चूत फाड़ने की तय्यारी कर चुका था तभी ऋतु ने याद दिलाया के बाबू पहले वो क्रीम तो लगा लो ना नही तो यह तुम्हारा इतना बड़ा और मोटा लोहे जैसा सख़्त मेरे अंदर जाएगा तो बोहोत दरद होगा मैं सहन नही कर पाउन्गी और अगर तुम्हारी मलाई मेरे अंदर गिर गई और मैं प्रेग्नेंट हो गई तो मैं तो किसी को मूह दिखाने के काबिल नही रहूगी तो मैं ने कहा तू फिकर ना कर अभी लगा लेता हू पहले ऐसे ही मज़ा लुगा तो वो खामोश हो गई पर उसकी आँखो से दया की भीक टपक रही थी उसे क्या पता था के आज उसकी छोटी सी कुँवारी टाइट चूत कैसे फटने वाली है

 

उसकी चूत तो अछी ख़ासी गीली हो चुकी थी और मेरा प्री कुम्म लगने से चिकनी और स्लिपरी भी हो गई थी. लंड को थोड़ा सा प्रेशर दिया तो उसकी छोटी सी चूत का सुराख कुछ खुल गया और लंड का सूपड़ा थोड़ा सा अंदर घुस्स गया उसका मूह तकलीफ़ से खुल गया और वो मुझ से लिपट गई. मैं थोड़ी देर तक लंड के चिकने सूपदे को ऐसे ही अंदर बाहर अंदर बाहर करता रहा जिस से उसकी चूत का सुराख रिलॅक्स हो गया और उसके ग्रिप मेरे ऊपेर थोड़ी रिलॅक्स हो गई. ऐसे ही थोड़ा थोड़ा प्रेशर देते देते लंड का सूपड़ा ऑलमोस्ट चूत के सुराख मे समा गया और मेरे ऊपेर उसकी ग्रिप हर धक्के से टाइट हो रही थी. लंड के सूपदे को चूत के अंदर ही टिकाए मैं उसके मूह मे ज़बान डाल के किस करने लगा टंग सकिंग किस कर रहे थे जिस से वो और जोश मे आ गई और उसका बदन रिलॅक्स होने लगा. अब फिर मैने लंड को चूत से बाहर खेच के अंदर करने लगा ऐसे ही 10-12 टाइम अंदर बाहर करते करते जब देखा के ऋतु एक दम से रिलॅक्स हो गई है और मज़ा ले रही है तो लंड को पूरा बाहर खेच के एक फुल पवरफुल धक्का मारा तो घच की आवाज़ के साथ ही मेरा मूसल लोहे जैसा सख़्त लंड आधे से ज़ियादा उसकी छूट को फाड़ के अंदर घुस्स चुका था और उसकी नाज़ुक बेबी चूत की सील टूट चुकी थी. उसकी चूत मे से भारी क्वांटिटी मे खून निकल ने लगा और उसका मूह पूरे का पूरा खुल चुका था उसकी आँखें सॉकेट मे ऊपेर को चढ़ गई थी और वो बड़ी भयानक आवाज़ से चिल्लईईए आआआआआ म्‍म्म्ममममाआआआआआ म्‍म्म्ममाआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगाआआयययययईईईईईईईई और पहले तो वो मुझ से बोहोत ज़ोर से लिपट गई और मुझ को बोहोत टाइट पकड़ लिया और उसकी आँखो से आँसू निकल के बेड पे गिरने लगे और उसके हाथ और पैर मेरे बदन से निकल के नीचे बेड पे गिर गये जैसे कोई छिपकली (वॉल लिज़र्ड) दीवार से नीचे गिर जाती है और उसके हाथ पैर भी ऐसे ही गिर गये जैसे उसके बदन से प्राण निकल गए हो. मैं अपना लंड उसकी फटी चूत मे ही रखे रखे उसके ऊपेर ऐसे ही लेटा रहा. ऋतु की साँसें बड़ी तेज़ी से

 

चल रही थी उसके हाथ पैर ढीले पड़ गये थे बदन पूरा ठंडा हो गया था आँखें बंद थी वो मेरे नीचे ऐसे पड़ी थी जैसे कोई डेड बॉडी पड़ी हो और मैं अपने स्टाइल मे आइ मीन के एक ही पवरफुल झटके मे एक और नयी कुँवारी चूत को फाड़ चुक्का था. मैं दो टाइम ऑलरेडी झाड़ चुका था इसी लिए अभी झड़ने मे काफ़ी टाइम था. ऋतु की छोटी सी चूत को बोहोत देर तक मस्त चोदने का इरादा था. मेरी आँखों मे एक चमक आ गयी थी के आज मैं ने एक और छोटी सी कुँवारी चूत को एक ही झटके से जो मेरी फॅवुरेट शॉट है ऐसे ही एक शॉट से फाड़ डाली थी और वो अब मेरे नीचे एक डेड बॉडी की तरह से पड़ी थी. एक कुँवारी चूत की सील तोड़ने का सोचते ही मेरे लंड मे खुशी की लहर दौड़ गई और वो चूत के अंदर ही खुशी से फूलने लगा और फिर मैं ऋतु को ने धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया पर देखा के वो तो हरकत ही नही कर रही है तो मैं थोड़ा सा घबरा गया पर इतना तो यकीन था के घर मे हम दोनो के सिवा और कोई नही है और कोई आने वाला भी नही था क्यों के बारिश बोहोत ही तेज़ी से पड़ रही थी और ऐसी बारिश मे किसे के आने की उम्मीद नही थी.

 

लंड को थोड़ी देर के लिए ऋतु की चूत के अंदर ही रखे वेट करता रहा और उसकी चूचियों को मूह मे ले के चूसने लगा के शाएद उसके बदन मे गर्मी आएगी पर ऐसा नही हुआ तो मैं ने अपना लंड उसकी फटी चूत मे से बाहर खेच के निकाल लिया और फिर जैसे ही मेरा मूसल लंड उसकी चूत से बाहर निकला तो उसकी फटी चूत से ढेर सारा खून निकल के बेड पे गिरने लगा. मैं इतना बोहोत खून देख के थोड़ी देर के लिए सच मे घबरा गया, उसको चोदना बंद कर दिया और उसको अपने हाथो मे उठा के बाथरूम मे ले गया. ऐसे सिचुयेशन मे मुझे गीता की चुदाई याद आ गई वो भी तो इसी तरह से बेहोश हो गई थी और उसको भी मैं ऐसे ही उठा के बाथरूम मे ले गया था ( दोस्तो गीता की चुदाई के बारे मे पढ़ना हो तो मेरी कहानी कच्ची कलीपढ़िए ). मैं ऋतु को उठा के बाथरूम मे आ गया और शवर खोल के उसको नीचे खड़ा कर के पकड़ लिया. ठंडे पानी का शवर पड़ने से उसका बदन काँपने लगा और उसकी आँखें खुल गई वो होश मे आ गयी और वो मुझे ऐसी निगाहो से देखने लगी जैसे उसकी कुछ समझ मे नही आ रहा हो के उसको क्या हुआ है और वो कहा है. थोड़ी देर के बाद जब उसकी आँखें पूरी तरह से खुल गई और पूरी तरह से होश आ गया तो उसको पता लगा के उसकी कुँवारी चूत अब फॅट चुकी है तो उसकी आँखों मे फिर से आँसू आ गये और वो रोने लगी. मुझे भी ऋतु के ऊपेर दया आ गई के अभी उसकी उमर ही क्या थी हार्ड्ली 14 साल की होगी इतनी छोटी सी उमर मे ही उसकी कुँवारी चूत को फाड़ डाला था मैं ने और वो भी इतने मोटे

 

और तगड़े लंड से और बड़ी बे-दरदी से पर क्या करू मुझे कुँवारी चूत को ऐसे ही स्टाइल मे फाड़ने मे मज़ा आता है ( कोई लड़की ऐसे ही अपनी कुँवारी चूत को फदवाना चाहती हो तो मुझे मैल करे सीक्रेसी ईज़ गॅरेंटीड ).

 

मैं ने ऋतु की चूत पे लगा और अपने लंड पे लगे खून को पानी से धो के सॉफ किया. उसकी चूत से खून निकलना अब बंद हो गया था तो मैं ने शवर थोड़ी देर के लिए बंद कर दिया और ऋतु को अपनी बाँहो मे ले लिया और उसको प्यार करने लगा ऋतु रो रही थी और मैं उसको अपनी बाँहो मे ले के उसको तसल्ली दे के समझा रहा था के चुप हो जा मेरी ऋतु रानी अब तुझे कुछ नही होगा जो होना था सो हो चुका बॅस अब तू किसी बात की फिकर ना कर और यह दरद तो अभी थोड़ी ही देर मे ख़तम हो जाएगा फिर इसके बाद तुझे मज़ा ही मज़ा आएगा और तू अपने आप को लकी समझेगी के इतनी छोटी उमर मे तेरी सील टूट गयी और तू भर पूर चुदाई का मज़ा ले रही है. हम खड़े हुए थे और हमारे नंगे बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे. उसकी छोटी छोटी चुचियाँ मेरे बदन से चिपकी हुई थी. उसकी हाइट छोटी होने से मेरा लंड उसके नाभि से लग रहा था. मैने झुक के उसके चीक्स पे किस किया उसके नेक पे किस किया, उसके फोर्हेड पे किस किया, उसकी आँखों पे किस किया और फिर उसके लिप्स पे अपने लिप्स रख के किस किया तो उसका मूह ऑटोमॅटिकली खुद ही खुल गया और अपनी ज़ुबान उसके मूह मे घुसेड दी और देखते ही देखते हम टंग सकिंग किस करने लगे और ऋतु के बदन मे गर्मी चढ़ने लगी. ऋतु को चलने मे मुश्किल हो रही थी तो मैं उसको अपने हाथो मे ही उठा के बाथरूम से बाहर ले आया और टवल से अछी तरह से उसके बदन को ड्राइ किया. उसको अपने बेड पे बिठा दिया और खुद नीचे किचन मे जा के गरमा गरम कॉफी बना के ले आया और हम दोनो कॉफी पीने लगे. ऐसी बारिश मे और ठंडे मौसम मे कॉफी पीने का मज़ा कुछ और ही है. कॉफी पीते पीते ही उसके नंगे थाइस पे मसाज करने लगा तो ऋतु ने कहा क्या बाबू अभी जी नही भरा क्या इतना बड़ा मोटा मेरी छोटी सी चूत के अंदर घुसा के मेरी चूत को फाड़ डाला फिर अभी और क्या कर रहे हो. आख़िर इरादा क्या है तुम्हारा बाबू तो मैं ने हंस के कहा अभी तो सिर्फ़ आधा ही अंदर डाला है अभी तो पूरा अंदर जाएगा जब ही तो तुम्है और मुझे मज़ा आएगा तो वो दोनो हाथो से अपने कान पकड़ते हुए बोली के भगवान के लिए मुझे माफ़ करो बाबू मुझे नही लेना ऐसा मज़ा तो मैं ने कहा के अनु और शालु के साथ तो बड़े मज़े लेती है अब क्या हुआ तुझे तो बोली के बाबू उस्मै दरद तो नही होता ना मज़ा ही मज़ा आता है तो मैं ने कहा के हा लंड से चुदने का मज़ा कुछ और ही है और इस मे बॅस एक ही टाइम दरद होता है बाद मे सारी ज़िंदगी मज़ा ही मज़ा आएगा तो उसने फिर कहा के नही बाबू मुझे नही लेना है ऐसा मज़ा

 

तो

 

मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और बोला के देख यह कैसी खड़ा हो के तेरी चूत के अंदर घुसने को तय्यार हो गया है अब इसका क्या करू मैं यह कहते हुए उसकी चूत को अपने हाथ से मसाज करने लगा तो उसकी टाँगें ऑटोमॅटिकली खुल गयी और हल्की सी सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ उसके मूह से निकली और उसके साथ ही उसकी चूत गीली होना शुरू हो गयी और उसने मेरे हिलते हुए लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ के मेरा मूठ मारने लगी तो मैं समझ गया के यह अब आसानी से चुदवा लेगी और डिफिनेट्ली थोड़ी ही देर मे चुदवाने को रेडी हो जाएगी.

 

हम दोनो बिस्तर पे टाँगें लटकाए बैठे थे. कॉफी ख़तम हो चुकी थी दोनो के बदन ड्राइ हो चुके थे पर बारिश अभी भी हो रही थी दिन मे रात का समय लगता था. मैं ने बैठे बैठे ही ऋतु को बेड पे लिटा दिया और खुद भी उसके बाज़ू मे लेट गया. दोनो एक दूसरे की तरफ करवट से लेटे थे. मेरा मूसल जैसा लंड उसकी नाभि से टच हो रहा था. ऋतु की चुचिओ को मूह मे ले के चूसने लगा जिस से वो गरम होने लगी और उसका हाथ ऑटोमॅटिकली मेरे लंड पे आ गया और वो उसे दबाने लगी. मैं ने उसको पीठ के बल लिटा दिया और खुद नीचे फ्लोर पे बैठ के उसकी चूत पे किस करने लगा तो ऋतु ने अपनी टाँगें खोल के मेरे शोल्डर पे रख ली और मेरी गर्देन से लपेट के पैरों से मेरे सर को पकड़ लिया और साथ मे अपने हाथ से भी सर को पकड़ लिया और मेरे मूह को अपनी चूत मे घुसाने लगी और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह से अपनी चूत रगड़ने लगी. उसकी चूत अंदर से डार्क रेड कलर की हो गई थी. अपनी जीभ को मोड़ के गोल किया और ऋतु की चूत मे अंदर बाहर करने लगा तो वो तेज़ी से मेरी जीभ को चोदने लगी और एक ही मिनिट के अंदर उसके मूह से आआआआाअगगगगगगगगगघह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकली और उसका बदन काँपने लगा और वो झड़ने लगी. जितनी देर तक झड़ती रही अपनी टाँगो से और अपने हाथो से मेरे सर को अपनी चूत मे टाइट पकड़ के रखा और फिर झड़ना बंद होते ही उसका बदन ढीला पड़ गया उसकी आँखें मस्ती मे बंद हो गयी और गहरी गहरी साँसें लेने लगी.

 

अब मेरा और मेरे लंड का मस्ती के मारे बुरा हाल था अब मैं ऋतु को जम्म के चोदना चाहता था. मैं ने ऋतु को बेड पे पेट के बल लिटा दिया जिस से उसकी टाँगें फ्लोर पे आ गई वो हाफ बेड के नीचे थी और हाफ बेड के ऊपेर. ऋतु ने कहा बाबू प्लीज़ क्रीम तो लगा लो ना नही तो मैं दरद से मर जाउन्गा. मैं ने सोचा के हा क्रीम लगाना ही ठीक है क्यॉंके मैं भी कोई चान्स नही लेना चाहता था. क्रीम का डिब्बा उठा के लाया और

 

अपने लंड पे अछी तरह से लगा दिया और ऋतु की चूत पे भी खूब बोहोत क्रीम लगा दिया. अब पोज़िशन ऐसी थी के दोनो के पैर फ्लोर पे टीके हुए थे वो पेट के बल उल्टा लेटी थी और मैं फ्लोर पे पैर टिकाए पीछे से हाफ डॉगी स्टाइल मे उसकी चुदाई करने को रेडी था. मैं ऋतु की टाँगो के बीचे मे आ गया और अपने लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ के उसकी चूत मे मसल्ने लगा और सूपदे को उसकी चूत के सुराख पे टीका के उसके ऊपेर लेट गया और अंदर हाथ डाल के उसकी छोटी छोटी चुचिओ को मसल्ने लगा और लंड के सूपदे को चूत के सुराख के अंदर धीरे से घुसा दिया और ऐसे ही तीन चार टाइम अंदर बाहर करते करते जब मुझे महसूस हुआ के उसकी चूत के मसल्स कुछ रिलॅक्स हो गये है तो एक ही ज़बरदस्त झटके मे अपने मूसल जैसे और लोहे जैसे सख़्त लंड को उसकी चूत के अंदर तक घुसा दिया. लंड पूरा जड़ तक अंदर घुस्स गया और वो चिल्लई हहाआआआआआआआआआईईईईईईई म्‍म्म्मममममाआआआआईयईईईईईईईईईई और वो मेरी ग्रिप से निकल के उछल के बेड पे चढ़ गई जिस से लंड उसकी छूत से बाहर निकाल गया और मैं फ्लोर पे खड़ा रह गया मेरा लंड अपने शिकार को ऐसे जाते देख के बे काबू हो गया और जोश मे हिलने लगा. ऋतु की आँखो मे फिर से आँसू आ गये थे उसने कहा बाबू प्लीज़ रहने दो ना मुझे बोहोत दरद हो रहा है. अब मैं और मेरे लंड फुल मूड मे आ गये थे मैं ने गुस्से से कहा जाना चाहती है तो जा चली जा साली चूत चत्वाके मज़े लेती है चुदवाने मे नखरा दिखाती है तो वो कुछ बोली नही पर बेड पे लेट गई शाएद उसे लगा के मैं गुस्सा हो गया हू तो वो डर गई थी.. मैं ने हाथ बढ़ा के उसको फिर से बेड पे पेट के बल वैसे ही हाफ लिटा दिया जिस से उसकी गंद मुझे सॉफ दिखाई दे रही थी वह क्या मस्त चिकनी गंद थी मैं ने सोचा के इसकी गंद मारने मे भी बोहोत मज़ा आएगा फिर सोचा के पहले उसकी चूत को फाड़ डालु फिर उसकी गंद भी मारूँगा और यही सोचते हुए पीछे से उसकी दोनो टाँगो के बीच मे आ गया और अपनी टाँगो से उसकी टाँगें खोल दिया. इतनी छोटी सी कुँवारी और कमसिन चूत की चुदाई के ख़याल से ही मेरा लंड कुछ और मोटा और लंबा हो गया था. अपने मस्ती और जोश मे हिलते हुए लंड के डंडे को अपने हाथ से पकड़ के ऋतु की चूत के सुराख मे टीका दिया और इस टाइम अपने हाथो को उसकी बगल से निकाल के उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया ता के वो फिर से मेरी ग्रिप से बाहर ना निकल सके औ रेज़ ही टाइट पकड़ के लंड थोड़ा थोड़ा अंदर बाहर अंदर बाहर करते करते एक ही पवरफुल झटके मे अपना मूसल लंड उसकी चूत मे घुसेड दिया ऋतु चिल्लई ऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईई ब्ब्बाआब्ब्ब्बुउउउउउउउउउउउउउउउउउ ननीईििककक्काालल्ल्लूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ

 

म्‍म्म्मममीईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममाआआआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगगगगगाआआआयययययययईईई ऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईई म्‍म्म्मममममममममाआआआआआअ और वो रोने लगी उसकी आँखो से आँसू निकल के बेड पे गिरने लगे और मेरी ग्रिप मे छटपटाने लगी पर मैने उसको बोहोत टाइट पकड़ा हुआ था इसी लिए वो मेरी ग्रिप से निकल नही पायी.

 

फिल्म रियली बोहोत अछी और इंट्रेस्टिंग थी इसी लिए बिना बात किए हम फिल्म देख रहे थे. थोड़ी देर के बाद मैं अपनी जगह से उठ के बाथरूम मे चला गया और अपने आकड़े हुए लोहे जैसे सख़्त लंड को सहलाते हुए बोला के अभी एक और चूत के अंदर घुस के तुझे सील तोड़नी है तो रेडी हो जा और लंड को सहलाते सहलाते मोटी धार से मूतने लगा. बाथरूम से वापस आने के बाद मैं शालु के बाज़ू वाले ही टू सीटर सोफे पे बैठ गया. वो फिल्म देखने मे इतनी बिज़ी थी के उसको पता ही नही चला के मैं उसके बाज़ू मे आ के बैठ गया हू और वो बिंदास थोड़ी थोड़ी देर मे अपने हाथ ऊपेर करने लगी और अपनी नोकेलि ज़ुबान होंठो पे फेरने लगी जैसा के उसकी आदत थी. उसके बगल से निकलती रोल ऑन पर्फ्यूम की सुगंध मुझे दीवाना बनाए दे रही थी. एक टाइम जब उसने अपने हाथ ऊपेर उठाए तो मैं बोला के शालु बोहोत मस्त स्मेल आ रही है क्या लगाती हो तो पहले तो वो चौंकी के मैं वाहा कब आके बैठ गया फिर मुस्कुराते हुए बोली के नाइट क्वीन मेरा फॅवुरेट पर्फ्यूम है वोही लगाती हू तो मैं ने फिर से स्मेल की तारीफ की जिस से वो खुश हो गयी. दोस्तो लड़कियाँ अपनी किसी फॅवुरेट चीज़ की या अपनी खुद की तारीफ सुन के खुश हो जाती है तो शालु भी खुश हो गयी और आप भी ख़याल रखिए के किसी लड़की को पटा ना हो तो सब से पहले उसकी तारीफ कीजिए वो जल्दी पट जाएगी. शालु घुटने मोड सामने सेंटर टेबल पे पैर रखे बैठी थी कुछ देर के बाद मैने अपना हाथ उसके घुटने पे रखा तो उसने बिना कुछ बोले के मेरा हाथ अपने घुटने पे से हटा दिया मैं कुछ देर वेट करता रहा जब एक और एरॉटिक और सेनुयल सीन आया तो फिर से उसके घुटने पे हाथ रख दिया उसने मेरे हाथ को धीरे से हटाया तो मैं भी अपने हाथ को उसकी थाइस पे से उतारता हुआ नीचे हटा लिया. फिर दोनो फिल्म देखने मे बिज़ी हो गये. थोड़ी ही देर मे जब शालु ने अपने हाथ उठाए तो झुक के उसकी बगल मे किस कर दिया तो वो गुस्सा हो गयी और बोली के राज यह क्या बदतमीज़ी है सीधे नही बैठ सकते तो अपनी सीट पे चले जाओ नही तो मैं ही चली जाती हू और वो अपनी जगह से उठने लगी तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के बिठा लिया और बोला के अरे बाबा नाराज़ क्यों होती हो बैठ जाओ ना तो वो फिर से बैठ गई.

 

मैं और मेरा लंड शालु की मस्त जवानी मे दीवाने हो गये थे. फिल्म मे एक और किस्सिंग का सीन आया जिस्मै हीरो ने हेरोयिन के टी-शर्ट के अंदर हाथ डाल के हेरोइन की चुचिओ को दबाना और मसलना शुरू कर दिया जिस से हेरोयिन की आँखें बंद हो गयी और वो हीरो के चूतदो को अपने हाथो से पकड़ के अपनी ओर खेचने लगी मस्ती मे वो भी दीवानी हो गयी थी और हेरोयिन की आँखे किस्सिंग के पॅशन के वजह से बंद हो चुकी थी और हेरोइन ने हीरो के चूतदो को पकड़ के अपनी ओर ऐसे खेचा के हीरो का लंड हेरोइन के चूत से लगने लगा और हेरोइन उसके लंड से अपनी चूत रगड़ने लगी. पता नही शालु के ऊपेर इस सीन का क्या असर हुआ पर मेरा लंड तो किसी स्प्रिंग की तरह से हिलने लगा और मैं अपने ऊपेर काबू नही रख सका और हाथ बढ़ा के उसकी बाज़ू मे बैठी शालु के स्लीव्ले शर्ट के अंदर साइड से हाथ डाल दिया तो डाइरेक्ट मेरा हाथ उसकी चुचिओ पे लगा और उसकी चुचि को पकड़ के मसल डाला तो वो गुस्से से लाल पीली हो के खड़ी हो गई और मेरे मूह पे एक थप्पड़ मारा और बोली के मैं आंटी से बताउन्गी के तुम ने क्या हरकत की है मेरे साथ और उठ के ऋतु के बेड की तरफ जाने लगी तो मैं ने फिर से उसका हाथ पकड़ के बिठा लिया पर वो फिर से खड़ी हो गई तो मे ने बोला के ठीक है तुम मेरी मोम से बता देना के मैं ने क्या किया है तुम्हारे साथ और साथ मे यह भी दिखा देना के तुम ने क्या किया है तो अनु और ऋतु के साथ तो उसने फिर से गुस्से से कहा के मैं ने क्या किया है तो मैं ने कहा के देखो यह और फोटोस वाला एन्वेलप उसके हाथ मे थमा दिया. शालु ने एक झटके से एन्वेलप खोला तो बोहोत सारी फोटोस नीचे फ्लोर पे गिर पड़ी कुछ उसके हाथ मे ही रह गयीं. उसने एक फोटो को देखा दूसरी को देखा तीसरी को देखा जैसे जैसे वो फोटोस देख रही थी उसके चेहरे का रंग बदल रहा था उसके हाथ काँप रहे थे और देखते ही देखते वो किसी पक्के आम की तरह से सोफे मे गिर गयी. उसका बदन एक दम से ठंडा पड़ चुका था और आँखें बंद हो गयी थी और दिल भी बड़ी ज़ोर से धड़क रहा था उसका सीना बड़ी तेज़ी से ऊपेर नीचे हो रहा था और उसकी गहरी गहरी साँसें मुझे साफ सुनाई दे रही थी.

 

मैं ने शालु को अपनी बाँहो मे ले लिया और उसके चीक पे किस किया तो वो रोने लगी तो मे ने कहा अरे बाबा रोती क्यों हो तुम तो मेरी मोम को बताने वाली थी के मैं ने तुम्हारे साथ क्या किया है तो वो और फूट फूट के रोने लगी मैं ने उसको अपने बाँहो मे भर के किस किया और बोला के रोने से कोई फ़ायदा नही हम दोनो बैठ के सॉर्ट आउट कर लेते है के अब क्या करना है तो वो मेरी तरफ हैरान नज़रो से देखने लगी और पूछने लगी क्या मतलब है तुम्हारा तो मैं ने कहा के तुम्है चूत ही चाटने

 

और चटवाने का इतना ही शौक है तो कभी लंड को भी तो चूस के देखो के कितना टेस्टी होता है और मुझे अपनी चूत का रस टेस्ट करने दो तो वो फिर से रोने लगी के नही राज प्लीज़ माफ़ करदो मुझे प्लीज़. आइ आम रियली सॉरी राज और मेरे पैर पकड़ लिए और बोली के मैं तुम्हारे पाऊ पड़ती हू राज किसी को यह फोटोस नही दिखाना तो मैं ने कहा चलो फोटोस नही दिखाउन्गा पर अगर तुम देखना चाहो तो मेरे पास सीडी मे एक फिल्म है वो भी देख लो काफ़ी इंट्रेस्टिंग फिल्म है तो उसने पूछा कैसी फिल्म तो मैं ने कहा एक मिनिट ठहरो मैं लगाता हू तो वो कुछ नही बोली और मैं अपनी जगह से उठ गया और शेल्व से एक सीडी निकाल के सीडी प्लेयर मे लगा दिया और वापस आ के शालु के पास बैठ गया.

 

रिमोट से चॅनेल को शिफ्ट किया तो सीडी स्टार्ट हो गयी. फिल्म मे था के ऋतु नीचे पीठ के बल नंगी लेटी है उसकी टाँगो के बीच शालु का सर है ऋतु अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को शालु के मूह मे रगड़ रही है और कराह रही है आआआआआआआहह द्द्ददीईडीईईई म्‍म्माआज़्ज़्ज़्ज़ाआअ आआआ ईईईईई सस्स्स्स्सस्स ईईई हहिईीईई और शालु लॅप लॅप करते हुए बड़े मज़े से ऋतु की छोटी सी बेबी चूत को चाट रही है और बोल रही है के वह ऋतु क्या मस्त चूत है रे तेरी आहह तेरी बिना बालो वाली चिकनी छोटी बेबी चूत को चाटने मे बड़ा मज़ा आता है और अपने हाथ बढ़ा के उसकी छोटी छोटी चुचिओ को भी मसल मसल के दबाने लगी और बोली के आअहह ऋतु क्या मस्त चुचियाँ है री तेरी मेरा दिल चाह रहा है के तेरी चूत को चाट ने के बाद तेरी चुचिओ को चूस्ति रहू तेरी चुचियाँ तो पूरी की पूरी मेरे मूह मे आ जाती है इन्हे चूसने मे बड़ा मज़ा आता है और इतनी ही देर मे अनु अपने कपड़े उतार के नंगी ही शालु की फैली हुई टाँगो के नीचे मे आ गयी और शालु की चूत को चूसने लगी तो शालु अपनी गंद उठा उठा के अनु के मूह को अपनी चूत से चोदने लगी और बोल रही थी के आआहह अनु मेरी जान खा जा मेरी चूत को आहह काट डाअल साली कुउउउउउउ ऊऊऊऊऊईईई बोहोत सताती हाईईईई ईईए सालीईइ मुझीई ऊओह आआन्न्न्नुउउउउउ आऐईईएससीई ह्ह्ह्ह्हीईई और साथ मे उसी तेज़ी से मस्ती मे ऋतु की चूत को भी काट रही थी ऋतु बोल रही थी हाईएयय द्डडीईएद्द्द्ड़ड़डीईई ब्ब्बूवहूऊतततत्त म्‍म्म्माआज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआअ हहाअईई द्द्ददीईद्द्द्डीईए उउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

 

ह्ह्ह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और सभी की आँखें मस्ती मे बंद हो चुकी थी. अनु अपनी चूत मे अपनी उंगली डाल के अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को चोद रही थी. तीनो बड़ी मस्ती मे एक दूसरे के साथ मज़े ले रहे थे.

 

शालु टिकतिकी बाँधे फिल्म देख रही थी उसे यकीन नही आ रहा था के वो लोग जो भी कर रहे थे मैं उसकी फिल्म भी उतार रहा था और फोटोस भी ले रहा था. फिल्म आगे बढ़ती गई और ऐसे ही एक दूसरे की चूते चाट ते चाट ते यह तीन देवियाँकाँपने लगी और अपने मूह से अजीब अजीब आवाज़ें निकालते हुए झड़ने लगी और एक दूसरे के ऊपेर गहरी गहरी साँसें लेते हुए ढेर हो गयी तो मैं ने रिमोट से सीडी को स्टॉप कर दिया और पूछा कुछ और देखना है क्या तो शालु ने मूह से तो कुछ नही कहा बस नही मे सर हिला दिया और बोली के प्लीज़ राज यह सीडी और फोटोस किसी के हाथ ना लगने देना नही तो हमारी ज़िंदगी तबाह हो जाएगी तो मैं मुस्कुरा दिया और बोला के चलो मैं किसी को भी कुछ भी नही बताउन्गा तो मुझे क्या मिलेगा तो उसने पूछा के क्या चाहिए तुम्है तो मैं ने कहा कुछ ज़ियादा नही बॅस जैसा मैं कहता जाउ तुम करती जाओ तो उसने पूछा क्या करना है तो मैं ने कहा अभी बता ता हू और उसको अपनी बाँहो मे ले लिया और उसके चेहरे पे किस करने लगा.

 

शालु के बदन से बड़ी मस्त पर्फ्यूम की स्मेल आ रही थी जिस से मेरा लंड कुछ ज़ियादा ही अकड़ गया था. हम दोनो टू सीटर सोफे पे बैठे थे, शालु मेरे लेफ्ट साइड मे थी, मैं ने उसको अपनी बाहो मे ले के किस करना शुरू किया उसके चेहरे पे किस किया तो वो कुछ मेरी बाँहो मे मचलने लगी जैसे अभी रेडी नही हो. उसके चेहरे पे किस करते करते उसके होंठो पे किस किया और अपनी जीभ उसके मूह मे घुसाने की कोशिश की तो उसने पहले तो मूह नही खोला पर थोड़ी ही देर मे खोल दिया. मैं अब उसकी चुचिओ को शर्ट के ऊपेर से ही दबाने लगा तो वो पीछे हट गई और बोली के नही राज प्लीज़ तो मैं ने कहा सोच लो तो वो कुछ नही बोली बस मेरी तरफ देखती रही तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया. पहले तो उसने अपना हाथ वापस हटा लिया पर मैं ने फिर से उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख के उसके हाथ को ऐसे दबाया के मेरा लंड उसके हाथ से दबने लगा और ऐसे ही टाइट पकड़ के रखा. थोड़ी देर के बाद मैं ने अपना हाथ उसके हाथ से हटा लिया तो उसका हाथ वही था और इस बार उसने लंड को दबा के ही पकड़े रखा तो मैं समझ गया के अब यह रेडी हो रही आयी. मैं ने टीवी का स्क्रीन बंद कर दिया जिस से कमरे मे अंधेरा छा गया. एक कोने मे बेड पे लेटी ऋतु सो रही थी या पता नही आँखें खोले अपनी शालु दीदी की चुदाई होने का वेट कर रही थी.

 

मैने शालु की शर्ट के अंदर हाथ डाल के उसकी नंगी चुचिओ को पकड़ लिया आअहह क्या बताउ दोस्तो कितनी मस्त और कड़क चुचियाँ थी उसके मज़ा आ रहा था दबाने मे. ऐसा लग रहा था जैसे कड़क और सख़्त बेबी एप्पल हो जो मेरे हाथ मे पूरे के पूरे समा गये थे. ऐसे ही बैठे बैठे उसके हाथ ऊपेर

 

कर के उसका शर्ट निकाल दिया उसने अंदर ब्रस्सिएर नही पहनी थी.

 

वो मेरी ग्रिप मे मचल रही थी पर मैं ने अपने लंड को उसकी चूत मे घुसेडे हुए उसको बोहोत टाइट पकड़ा हुआ था. थोड़ी देर मे उसका मचलना कम हो गया और वो अपने पैर फ्लोर पे रखे रखे बेड पे गिर गयी. जब उसकी ब्रीदिंग थोड़ी नॉर्मल हुई तो लंड को अंदर बाहर करते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दिया लंड को पूरा बाहर तक निकाल निकाल के चोद रहा था. इतनी छोटी सी चूत के अंदर मेरा रॉकेट जैसा लंड घुसा हुआ था लंड के अंदर बाहर चलते उसकी चूत की अन्द्रूनि चॅम्डी ( इन्नर पोर्षन) लंड के साथ अंदर और बाहर हो रही थी. लंड को तीन चार टाइम हाफ निकाल के अंदर कर देता फिर उसके बाद एक टाइम लंड सूपदे तक निकल के घचक के साथ उसकी छोटी सी चूत के अंदर घुसेड देता तो ऋतु के मूह से ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउप्प्प्प्प हहुउऊउउप्प्प्प उउउउउउउउउउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्

 

फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसे आवाज़ें निकल जाती थी. तकलीफ़ से उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे पर मुझे बोहोत मज़ा आ रहा था और मैं उसको टाइट पकड़ के घचा घच चोद रहा था. मुझे पता नही के ऋतु को मज़ा आ रहा था या नही पर इतनी छोटी और टाइट कमसिन चूत को चोदने का मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं अपने मूसल लंड से उसको तूफ़ानी रफ़्तार से चोद रहा था. बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था पर ऋतु को बेड से टीका के ऐसे पकड़ रहा था के वो हिल भी नही सकती थी. मेरे धक्को से उसका सारा बदन हिल रहा था. मैं तेज़ी से चोद रहा था और अब ऋतु भी अपनी गंद आगे पीछे कर के लंड को पूरी तरह से अपनी चूत मे ले रही थी और मज़े ले ले के चुदवा रही थी. थोड़ी ही देर मे उसका बदन काँपने लगा और आआआआआआआाअगगगगगगगगगगगगगगघह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआआआआआआआईईईईईईईई हहाआआआआ जैसी आवाज़ें निकालते हुए वो झड़ने लगी और बॅस उसी टाइम पे मेरे बॉल्स मे भी तूफ़ानी हलचल शुरू हो गई थी और ऋतु को बोहोत टाइट पकड़ के एक फाइनल चूत फाड़ झटका मारा तो ऋतु के मूह से ऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआआआआआआआअ निकल गया और मेरे लंड के सुराख मे से क्रीम की मोटी मोटी और गाढ़ी

 

गाढ़ी गरम गरम पिचकारियाँ निकलने लगी और ऋतु की छोटी सी चूत को भरने लगी. मैं झाड़ भी रहा था और धक्के भी मार रहा था.

 

मुझे इतनी मस्त चुदाई का मज़ा सिर्फ़ गीता की छोटी सी बेबी कुँवारी चूत को चोदने मे आया था ( दोस्तो गीता की चुदाई की दास्तान पढ़ना हो तो मेरी कहानी कच्ची कलीपढ़िए ) और गीता के बाद अब ऋतु की छोटी चूत मैं भी वोही मज़ा पाया.

 

मेरे धक्के स्लो होने लगे और गहरी गहरी साँसें लेने लगा. मेरे लंड मे से बोहोत देर तक गरमा गरम मलाई की मोटी मोटी धारियाँ निकलती रही और ऋतु की छोटी सी चूत को फुल करती रही और मैं अपने फूलते पिचकते लंड को ऋतु की टाइट चूत के अंदर ही रखे रखे उसकी की पीठ पे गहरी साँसें लेते हुए ढेर हो गया. ऋतु का बदन भी ढीला पड़ गया था और वो भी बेड पे ऐसे ही लेटी रही. मेरा लंड अभी भी ऋतु की छोटी चूत के अंदर फूल रहा था और उसकी टाइट चूत के मज़े ले रहा था. बहुत देर के बाद जब मेरा लोहे जैसा सख़्त लंड उसकी चूत के अंदर नरम होने लगा तो मैं उसके बदन से लुढ़क के उसके बाज़ू मे लेट गया. लंड के बाहर निकलते ही उसकी चूत मे से मेरी और उसकी मिक्स मलाई के साथ उसकी चूत से निकला हुआ थोड़ा और ब्लड भी निकल निकल के नीचे फ्लोर पे ऐसे गिरने लगा जैसे उसकी चूत से कोई नल्ल खुल गया हो.

 

मैं बेड के ऊपेर चढ़ के लेट गया और ऋतु को भी उसके बघल से पकड़ के बेड के ऊपेर खेच के अपने बाज़ू मे लिटा लिया. दोनो एक दूसरे की बाँहो मे बाहे डाले लिपट गये और गहरी नींद सो गये. पता नही कितनी देर तक हम सोते रहे टेलिफोन की घंटी बज रही थी जिस से मेरी आँख खुल गयी पर समझ मे नही आ रहा था के क्या आवाज़ है. कुछ देर के बाद पता चला के टेलिफोन की घंटी बज रही है. मैने अपना हाथ बढ़ा के फोन उठा लिया दूसरी तरफ से मोम की आवाज़ आई बेटे यहा की रोड खराब हो गयी है कार नही चल सकती हम यही कंपनी के गेस्ट हाउस मे रुक गये है और बारिश अभी तक हो रही है इसी लिए हम शाएद आज रात वापस नही आ सकेंगे तुम घर का ख़याल रखना तो मैं ने कहा कोई बात नही मोम आप लोग इत्मीनान से आइए यहा भी अभी तक बोहोत ज़ोर की बारिश हो रही है और फिर पूछा के किसी का फोन वोन तो नही आया तो मैं ने कहा नही मोम किसी का नही आया फिर मोम ने कहा ठीक है बेटा रात मे डोर अंदर से बंद कर के लॉक कर के सोना तो मैं ने कहा ठीक है मोम आप फिकर ना करे मैं सब कुछ करलूंगा.

 

फोन को डिसकनेक्ट कर के फोन क्रेडल मे वापस रख के ऋतु की तरफ पलट गया जो नंगी ही मेरी तरफ पीठ कर के अपने दोनो हाथ और घुटने मोड़ के ऐसे पोज़ मे लेटी थी जैसे डेलिवरी से पहले बच्चा मा के पेट मे होता है और किसी छोटे बच्चे की तरह जो खेल खेल के थक्क के सो गया हो वैसे ही गहरी नींद सो रही थी बड़ी मासूम लग रही थी. मैं पीछे से अपने घुटने ऋतु के घुटनो के बीचे मे मोड़ के रख दिया और उसी के पोज़ मे लेट गया. ऋतु मेरी ग्रिप मे एक दम से ऐसी फिट बैठी थी जैसी किसी दुकान मे खाना पकाने का छोटा बर्तन बड़े बर्तन के अंदर फिट बैठ जाता है बॅस वैसे ही वो भी मेरे बदन मे फिट बैठी थी. ऋतु के नंगे बदन से मेरा बदन टच होते ही मेरे लंड मे जान आ गई और वो खड़ा हो के किसी नाग साँप की तरह लहराने लगा.

 

मेरा लंड उसके चूतदो की क्रॅक से लगता हुआ उसकी चूत को टच हो रहा था मैं धीरे से उसके छोटी छोटी मस्त चुचिओ को पहले तो धीरे धीरे से सहलाता रहा फिर दबाने लगा तो उसके मूह से उउउउउउउउउउन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न उउउउउउउउन्न्न्न्न्न्न की आवाज़ निकली वो मेरी ग्रिप मे कसमसाने लगी और उसकी आँख खुल गई पर वो उसी तरह से लेटी रही. मैं उसकी चुचिओ को मसल रहा था और पीछे से उसके नेक के पास किस कर रहा था और अपने आकड़े हुए लंड को उसके गंद के क्रॅक मे ऐसी मूव्मेंट कर रहा था जिस से मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था जिस से वो बोहोत ही जल्दी मूड मे आ गयी और धीरे धीरे उसके ठंडे बदन मे गर्मी चढ़ने लगी. मेरा लंड रेस्ट लेने के बाद बोहोत ज़ोर से अकड़ चुका था और स्प्रिंग की तरह से हिल रहा था. मैने हाथ बढ़ा के साइड टेबल से केवाई जेल्ली (इसका नाम की जेल्ली है पर आक्च्युयली यह एक ट्रॅन्स्परेंट क्रीम की तरह होती है जो ट्यूब और डिब्बे की पक्किकन्ग मे आता है) का डिब्बा उठा के लिया और खोल के पहले तो उसकी गंद पे ढेर सारी जेल्ली लगाया तो वो चोंक गई और बोली के यह क्या कर रहे हो बाबू तो मैं ने कहा कुछ नही पगली मैं तो तेरी चूत मे ही डालुगा तो फिकर ना कर लैकिन ऐसा फर्स्ट क्लास चान्स मैं कैसे अपने हाथ से जाने दे सकता था और पूरी तय्यारी कर चुका था के आज मौका बड़ा अछा है और ऋतु की वर्जिन गंद को भी आज ही फाड़ डालुगा पर उस बेचारी को क्या पता था. ऋतु से बोला तेरी गंद बड़ी मस्त दिख रही थी इसी लिए थोड़ी जेल्ली उसको भी लगा दी और उसको शक्क ना हो इसी लिए उसकी चूत की पंखाड़ियों पे और चूत के बीच मे अपनी उंगली डाल के अंदर तक क्रीम लगा दिया और अपने लंड पे भी ढेर सारी क्रीम लगा के रेडी हो गया. ऋतु की गंद तो उसकी चूत से भी ज़ियादा छोटी और बोहोत ही टाइट लग रही थी. पीछे से ही धक्के लगाते लगाते लंड को उसकी चूत मे घुसा दिया. ऐसी पोज़िशन मे लंड तो पूरा

 

अंदर नही घुस्स सकता था इसी लिए बॅस आधा ही अंदर घुस रहा था लैकिन फिर भी ऋतु की चूत की गहराई मे चला गया था लंड लंबा था और चूत छोटी इसी लिए चूत की गहराई मे घुस्स चुक्का था. ऋतु अब चुदाई का मज़ा लेने लगी थी और अपनी एक टांग उठा के मेरे टांग पे रख दी जिस से उसकी चूत मे लंड कुछ और अंदर तक घुस रहा था. ऐसे ही चोद्ते चोद्ते उसकी गंद मे उंगली करने लगा तो पहले तो मेरी उंगली अंदर घुसते ही उसकी गंद एक दमसे टाइट हो गयी पर धीरे धीरे रिलॅक्स हो गयी और ऋतु अब चुदाई के साथ गंद मे उंगली के मज़े भी लेने लगी. मेरा लंड का एरेक्षन इतना पवरफुल था के मुझे यकीन था के जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकलेगा उसी टाइम पे स्प्रिंग की तरह उछल के उसकी गंद से लग जाएगा. मैने बोहोत क्वांटिटी मे जेल्ली अपने हाथ मे ले के उसकी गंद पे लगा दिया जिस से उसकी गंद मे उंगली करने मे आसानी हो रही थी. मैं अपना हाथ उसकी गंद से निकाल के उसके चुचिओ को मसल्ने लगा और उसके शोल्डर्स को पकड़ के तेज़ी से चोदने लगा. मेरा लंड उसकी चूत मे आधे से ज़ियादा अंदर घुस रहा था जिस से ऋतु को और भी मज़ा आ रहा था और फिर एक ही मिनिट के अंदर उसके मूह से आआआआआआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआहह ब्बाब्ब्बुउउउउउउउउ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआऐईईईईईई आआआआईईईईईसस्स्स्स्स्स्सीईईईई हीईईईईईई कककककाअरर्र्र्र्र्र्र्रूऊओ हहाआआआआ आआआईईएसस्स्स्स्स्स्स्सीईई हहिईीईई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ ब्बूओहूऊवटतत्टटतत्त माज़ाआआआआआआआ आआआहह ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआआआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बुउउउउउउउउउउउउउ और उसका बदन टाइट होने लगा और वो झड़ने लगी उसका ऑर्गॅज़म 2 मिनिट तक चलता रहा और मैं ऐसे ही तेज़ी से उसको चोद्ता रहा. जब ऋतु का ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया उसका बदन ढीला पड़ने लगा तो मैं ने उसको पलटा के फिर से पेट के बल करवट दिला दिया उसकी टाँगें पीछे की तरफ लंबी रखी हुई थी जैसे मैं पीछे से चोदने वाला हू पर मेरा इरादा तो उसकी गंद मे लंड देने का था इसी लिए उसको ऐसे ही उल्टा लिटा के मैं उसके ऊपेर लेट गया और उसकी टाँगों के बीचे अपनी टाँगें रख के खोल दिया और एक ही झटके मे अपने लंड को अपने हाथो से पकड़ के उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और उसी मूव्मेंट मे इतनी ज़ोर से झटका मारा के मेरा मूसल जैसा लंड उसकी छोटी सी ब्राउन कलर की गंद मे एक ही झटके मे जड़ तक घुस्स गया और वो चिल्लाई ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्मममममममममममममाआआआआआआआआआआआअ म्‍म्म्मममममररर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगाआआआआआआययययययययययययईईईईईईईईई

 

ई उउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ न्न्नीक्क्काआअल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊऊऊओ ब्ब्बाआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बुउउउउउउउउउउउ और बोहोत ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और मेरी ग्रिप से निकलने को मचलने लगी पर मैं ने उसको बोहोत ही टाइट पकड़ा हुआ था और अपने पैरो से उसके पैरो को खोल के टाइट पकड़ा हुआ था इसी लिए वो नही निकल पाई और मेरी ग्रिप मे ही तड़पने लगी. मेरा लंड और ऋतु की गंद की जेल्ली से फुल थे इसी लिए एक ही झटके मे उसकी छोटी सी टाइट गंद को फड़ता हुआ अंदर तक घुस्स चुका था. ऋतु मचल रही थी उसको इतनी मस्त चुदाई और इतने पवरफुल ऑर्गॅज़म के फॉरन बाद उसकी गंद फटने का यकीन नही था इसी लिए वो पूरी तरह से रिलॅक्स थी पर एक ही झटके मे उसकी गंद का काम तमाम हो चुका था. उसकी गंद फॅट चुकी थी जिस्मै से खून भी निकल रहा था पर मैं ने ध्यान नही दिया मैं तो अपने मूसल लंड से उसकी टाइट ब्राउन गंद को फाड़ के मस्ती मे झूमने लगा था. मेरा लंड उसकी टाइट गंद मे फँसा हुआ था और वो मेरी ग्रिप से बाहर निकलने के लिए अपने हाथ पैर बिस्तर पे मार रही थी और मेरी ग्रिप से निकलने की कोशिश करने लगी. ऋतु अब पेट के बल लेटी थी और मैं अपने पैरो से उसके पैरो को खोल के पोज़िशन ले लिया था मुझे उसकी गंद मारने के लिए बड़ी अछी पोज़िशन मिल गई.अब ऋतु पेट के बल नीचे लेती थी उसकी टाँगें खुली हुई थी और मैं उसके ऊपेर लेटा था मेरी टाँगें उसकी टाँगो के बीचे मे थी और मैं अपनी टाँगो से उसकी टाँगो को खोल रहा था और मेरा लंड उसकी टाइट गंद मे घुसा हुआ था. मैं ने उसको बोहोत ही टाइट पकड़ा हुआ था अब वो किसी भी तरह से मेरी ग्रिप से नही निकल सकती थी. मेरा लंबा मोटा लोहे जैसा सख़्त मूसल लंड उसकी गंद मे घुसा पड़ा था अब मैं धीरे धीरे धीरे उसकी गंद मारने लगा. मेरा लंड और ऋतु की गंद मे खूब बोहोत क्वांटिटी मे की जेल्ली लगी हुई थी इसी लिए लंड अब आसानी से उसकी गंद मे आ जेया रहा था और ऋतु चिल्ला रही थी न्न्न्नीइक्क्क्क्क्क्काआआआअल्ल्ल्ल्ल्ल्लूऊऊऊऊ ब्ब्ब्ब्बाआआब्ब्ब्ब्ब्ब्बुउउउउउ ब्बूओहूऊऊऊथततटटटतत्त द्दाआआर्र्र्राआअद्द्द्द्द्द्द्द हूऊऊ र्र्राआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआअ हहाआआआईईईईईई और मेरे झटको से वो परेशान हो रही थी और मैं था के 100 किमी पर मिनिट की स्पीड से उसकी गंद मार रहा था. थोड़ी ही देर मे उसकी गंद के मसल्स मेरे लंड को अड्जस्ट कर पाए और वो मेरे नीचे खामोशी से पड़ी रही और अपनी वर्जिन गंद मरवाती रही.

 

शर्ट निकालने के टाइम पे वो थोड़ा रेज़िस्ट कर रही थी पर उतार दिया और ऐसे ही बैठे बैठे उसकी चुचिओ को चूसने लगा तो उसका हाथ मेरे लंड से निकल के मेरे सर पे आ गया और उसने मेरा सर पकड़ के अपने सीने मे घुसा दिया. उसको चुचियाँ चुसवाने मे मज़ा आने लगा था. थोड़ी देर तक उसके मस्त चुचिओ को चूसने के बाद उसको अपने सामने खड़ा कर दिया और उसकी सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत का मसाज करने लगा जिस से उसकी टाँगें खुद ही खुल गयी और मेरे हाथ को अपनी दोनो टाँगो से मज़बूती से पकड़ लिया. उसके हाथ अभी भी मेरे सर पे ही थे. मैं ने एक ही झटके मे उसकी सलवार का नाडा पकड़ के खेच लिया तो तो खुल गया और इस से पहले के शालु कुछ करती उसकी सलवार सर्र्ररर से नीचे गिर पड़ी और वो मेरे सामने नंगी हो गई. कमरा तो अंधेरा ही था पर फिर भी उसका दूध जैसा गोरा बदन बड़ा सेक्सी लग रहा था.

 

उसकी चूत पे हाथ फेरा आआहह क्या मस्त चिकनी बिना बालो वाली मक्खन जैसी चूत थी उसकी लगता था के ऋतु से अपनी चूत चटवाने के लिए रेडी हो कर ही आई थी. मैं ने हाथ बढ़ा के उसके चूतदो पे हाथ फेरा आहह क्या चिकनी थी उसकी गंद और ऐसे ही हाथ फेरते फेरते उसको अपने करीब खेच लिया और उसकी चूत को किस करने लगा तो वो भी मस्ती मे दीवानी हो गयी और मेरे सर को अपने हाथो से पकड़ के अपनी टाँगें खोले अपनी चूत को मेरे मूह मे रगड़ने लगी. मैं ने उसकी पूरी चूत को अपने मूह मे भर लिया और दांतो से काटने लगा तो उसका सारा बदन अकड़ने लगा बड़ी ज़ोर ज़ोर से मेरे मूह मे अपनी चूत रगड़ते रगड़ते आआआआआआआआहह ऱितुउउउउउउ आअहह अयायीयीयिस्स्सीयी हीईई चूऊसस्स्सस्स मेरिइईईई ज्ज्ज्जाआआआअन्न्न्न्न्न्न्न्न्न शालु को इतना भी होश नही था के उसकी चूत को मैं चूस रहा हू ऋतु नही मैं ने तिरछी नज़र से देखा के ऋतु अपना नाम सुन के अपने बेड मे उठ के बैठ गयी और हमारी ओर देखने लगी और जब उसको समझ आ गया के अब शालु दीदी की चुदाई होगी तो वो बिस्तर मे लेट गई और जाग के चुदाई का वेट करने लगी. शालु मस्ती मे आँखें बंद किए मेरा सर पकड़ के अपनी चूत को मेरे मूह मे ज़ोर ज़ोर से रगड़ती रही और फिर आआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊओ आआआआऐईईईईईई ऱ्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रीईईत्त्त्त्त्त्त्तुउउउउउउउउउउउउउ की आवाज़ें निकाल ते निकाल ते वो झड़ने लगी. उसका सारा जूस मैं पी गया मस्त मीठा था उसकी कुँवारी चूत का कुँवारा जूस. उसका जूस निकलता रहा वो झड़ती रही और मेरा सर पकड़ के अपनी चूत को मेरे मूह मे ही दबा के पकड़ा हुआ था और वो झाड़ रही थी. जब उसका झड़ना

 

ख़तम हो गया तो मैं ने उसको नीचे फ्लोर पे अपने दोनो पैरो के बीच मे बिठा लिया. शाएद शालु को यह भी याद नही के उसकी चूत मैं चाट रहा था और वो ऋतु का नाम पुकार रही थी. मैं तो शालु की चूत को चाट ते चाट ते ही अपनी गंद उठा के अपना बॉक्सर्स शॉर्ट्स निकाल चुका था और मेरा नंगा लंड हवा मे किसी गुस्से मे लहराते नाग की तरह खड़ा हो के लहरा रहा था. शालु मेरे पैरो के बीच मे बैठ गई तो मैं ने उसका सर पकड़ के अपने लंड पे रख दिया तो उसने लंड के डंडे को हाथ से पकड़ लिया पर मूह नही लगाया तो मैं ने फिर से उसका सर पकड़ के अपने लंड पे दबाया तो उसने लंड के सूपदे पे अपने मूह तो रख दिया पर खोला नही. मैं अपने हाथ से पकड़ के अपने लंड को उसके होंठो से रगड़ने लगा. लंड मे से प्री कम के मोटे मोटे ड्रॉप्स निकल रहे थे जो उसके होंठो पे लग रहे थे तो जैसा की उसकी आदात है अपने होंठो पे ज़ुबान फेरने की इसी लिए उसकी ज़ुबान ऑटोमॅटिकली बाहर निकल गई और होंठो पे फेरने लगी और लंड मे से निकलते हुए प्री कम को चाट गयी और उसी समय मोका देख के मैं ने अपने लंड का सूपड़ा उसके खुले मूह मे घुसा दिया.

 

अब शालु ने मेरे लंड के डंडे को पकड़ा हुआ था और मेरे लंड का सूपड़ा उसके मूह मे था जिसे उसने अब धीरे धीरे चूसना शुरू कर दिया था. मैने ने अपना हाथ नीचे कर के उसकी चुचिओ को अपने हाथो मे ले के उसकी छोटी छोटी चुचिओ को दबाने लगा और निपल्स को मसल्ने लगा. बड़ी मस्त चुचियाँ थी उसके दबाने मे मज़ा आ रहा था. उसने मेरे लंड के डंडे को अपने हाथ मे पकड़ा हुआ था इसी लिए मेरा लंड उसके मूह मे पूरा अंदर नही जा रहा था तो मैं ने उसके हाथ अपने लंड के डंडे से हटा दिए और उसका सर पकड़ के उसके मूह मे अपना लंड दबा दिया जिस से मेरा लंड आधा उसके मूह मे घुस्स गया. लंड मोटा होने की वजह से आधे लंड से ही उसका मूह भर गया था पर मैं तो अपने लंड को उसके हलक तक घुसाना चाह रहा था इसी लिए मुझे एक आइडिया आया के एक बार फिर से शालु की चूत को चाटना चाहिए जिस से वो फिर से मस्ती मे आ जाए और जब वो उसी मस्ती मे मेरे लंड को चूसेगी तो लंड उसके हलक तक चला जाएगा. . यह सोचते ही मैं ने उसको उसकी बगल से पकड़ के नीचे से उठाया और उसको सोफे पे लिटा दिया और उसके ऊपेर 69 की पोज़िशन मे आ आगेया तो उसने फॉरन ही अपनी टाँगें खोल दी और अपनी चूत को चटवाने के लिए वो तय्यार हो गयी.

 

शालु मेरे नीचे लेटी थी टाँगें खोल के और घुटने मोड़ के और मैं उसके ऊपेर था. मेरे हाथ उसके चूतदों के नीचे थे जिसे मैं थोड़ा सा उठा उठा के उसकी चूत को ऊपेर कर रहा

 

था ता के वो अछी तरह से मज़ा ले सके. मेरा लंड उसके मूह के सामने हिल रहा था जिसे उसने आप खुद ही अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. बाहर बारिश अभी भी हो रही थी कभी कभी जब बिजली चमक जाती तो सारा कमरा रोशन हो जाता. कमरे मे तो हल्की हल्की रोशनी बाथरूम के लाइट की आ रही थी जिस से हम दोनो के गोरे गोरे बदन अंधेरे कमरे मे भी चमक रहे थे. अब शालु कुछ फ्री हो रही थी इसी लिए मेरे लंड को आधा मूह मे ले के मज़ेदार लॉली पोप की तरह से चूसने लगी और उसके हाथ मेरे चूतदो पे थे जिसे वो धीरे धीरे अपनी ओर खेच रही थी. मैं भी धीरे धीरे उसके गरम गरम मूह को चोद रहा था. मैं ने उसकी चूत को पूरे का पूरा अपने मूह मे ले के दांतो से पान जैसे छबाया तो उसका मूह मस्ती मे पेन और प्लेषर के साथ खुल गया और उसके मूह से आआआआआहह की आवाज़ निकली और बॅस उसी टाइम पे मैं ने अपने लंड पूरे का पूरा उसके खुले मूह मे घुसा के हलक तक उतार दिया जिस से उसकी आवाज़ आआआाागगगगगगगगगगगगघह उउउउउउउउउग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी निकलने लगी और मैं फुल स्पीड से उसके मूह को चोदने लगा और उसी स्पीड से उसकी चूत को भी उतनी ही तेज़ी से चूस रहा था. शालु का बदन टाइट होने लगा और मेरे बदन मे भी खून तेज़ी से दौड़ने लगा. शालु ने मेरे चूतदो को बोहोत टाइट पकड़ लिया और बड़ी तेज़ी से लॉली पोप की तरह से लंड को चूसने लगी अब वो बड़ी मस्ती मई आ गयी थी और फिर वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी और उसका बदन काँपने लगा उसकी ग्रिप मेरे बदन पे पहले तो टाइट हो गयी जिस से उसका बदन काँपने लगा और जैसे जैसे उसका जूस निकल ने लगा और वो झड़ने लगी उसकी ग्रिप ढीली पड़ने लगी उसका मूह भी लूस हो गया और उसी समय मैं ने अपने लंड के हेड को उसके हलक के अंदर तक घुसा दिया और मेरी मलाई की गरम गरम धारियाँ उड़ उड़ के उसके हलक मे डाइरेक्ट गिरने लगी जिसे वो डाइरेक्ट पी गयी. मेरा इतना बड़ा मोटा लंड उसके हलक तक घुस्स जाने की वजह से उसका गला फूल गया था वेन्स मोटी हो गयी थी और उसके मूह से आआआआआग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और उउउउउउउउग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जैसी आवाज़्जे निकलने लगी. मेरे लंड मे से मलाई निकलनी बंद हो गयी और मैं उसके बदन पे ही लेट गया दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे.

 

थोड़ी देर के बाद मैं शालु के ऊपेर से उठ गया और उसको भी उठा के सोफे पे बिठा दिया और दोनो बिना कुछ बात किए ऐसे ही गहरी गहरी साँसें लेते रहे. मैं ने पूछा के कैसा लगा टेस्ट मेरी मलाई का तो वो बोली थे मजेदार था और अपनी जीभ बाहर निकाल के लिप्स पे रुके हुए कुछ ड्रॉप्स को भी चाट लिया.

 

ऋतु मेरे नीचे पेट के बल लेटे अपनी टाँगें खोले पड़ी थी और मैं अपने लंड को पूरी तरह से सूपदे तक बाहर निकाल निकाल के घचा घच्छ घचा घच्छ उसकी गंद मार रहा था. मुझे पता न्ही के ऋतु को मज़ा आ रहा था या नही पर मुझे

 

तो बे इंतेहा मज़ा आ रहा था उसकी टाइट गंद मारने मे. अब मेरे बॉल्स मे हलचल मचनी शुरू हो गयी थी और मेरे धक्के तेज़ होने लगे और फिर एक और इतनी ज़ोर से झटका मारा के ऋतु फिर से चिल्लाई ऊऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्मममममममममाआआआआआआआआ म्‍म्म्मममाआआआररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गग्ग्गाआययययययययययईईईईईईईई और उसी टाइम पे मेरे लंड मे से मलाई की मोटी मोटी धारियाँ उड़ उड़ के उसकी फटी खून से भरी गंद को भरने लगी.

 

धीर धीरे मेरे झटके स्लो होने लगे और जब मेरी पूरी मलाई निकल चुकी तो मैं ऋतु की पीठ पे ही गहरी गहरी साँसें लेते हुए ढेर हो गया. मेरी आँखें मस्ती मे और फुल प्लेषर मे बंद हो चुकी थी. थोड़ी देर के बाद जब मेरी मलाई निकलना बंद हो गयी तो मैने अपने लंड को उसकी गंद मे से बाहर निकाल लिया तो देखा के उसकी छोटी सी गंद, मेरे इतने मोटे मूसल लंड के घुसने से किसी गार (केव) जैसी हो गई थी और इंग्लीश के शब्द ( ओ ) की तरह से गोल हो गयी थी और उसकी टाइट गंद का सुराख बोहोत बड़ा हो गया था और उसकी गंद के मसल्स खुल बंद हो रहे थे जैसे अभी तक मेरे लंड को फील कर रहे हो. ऋतु मेरे बाज़ू मे पड़ी थी उसकी आँखो से आँसू निकल रहे थे. उसने कहा तुम बोहोत खराब हो बाबूजी मेरे ऊपेर थोड़ी भी दया नही आई तुम्है. तुम खुद ही सोचो के अभी मेरी उमर ही क्या है और तुम ने मेरे साथ क्या कर दिया तो मैं ने कहा क्या हुआ क्यों फिकर करती है अब तुझे कभी भी दरद नही होगा बॅस यह तो पहली बार ही होता है जो आज ख़तम हो गया और आज के बाद से तो बॅस तुझे मज़ा ही मज़ा आएगा तो वो बोली के पता नही आगे क्या होगा पर आज तो तुम ने मुझे मार ही डाला. दर्द से उसका चेहरा पीला पड़ गया था.

 

थोड़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे. टाइम देखा तो तकरीबन 4 बजने वाले थे भूक भी लगने लगी थी.. बारिश अब कुछ कम हो गई थी पर हल्के हल्के चीते पड़ रहे थे. ऋतु बेड से उतर के कपड़े पहेन्ने लगी तो मैं ने कहा कपड़े पहेन्ने की कोई ज़रूरत नही तो वो मुझे देखने लगी और बोली के क्यों नही पहेन्ने है रहना है तो तुम ही नंगे रहो बे-शर्मो की तरह से मुझे तो लज्जा आती है नंगे रहने मे तो मैं ने कहा के अरी पगली थोड़ी ही देर पहले मोम का फोन आया था के वो लोग आज नही आने वाले है और वो लोग भी वही साइट पे फसे हुए हैं कार नही चल सकती तो वही गेस्ट हाउस मे रहेगे तो वो मुस्कुराने लगी ओह अछा तो यह बात है इसी लिए इतनी बे-शर्मी पे उतर आए हो तो मैं भी मुस्कुराने लगा और उसको अपनी बाँहो मे ले के किस करने लग और

 

जैसे ही मेरा लंड उसके बदन से टच हुआ वो पीछे हट गयी और बोली के अब बॅस और मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोली के मैं इसको अब और सहन नही कर सकती इसको तो मैं कुछ नही बोला और ऋतु का हाथ पकड़ के बाथरूम मे घुस्स गया तो वो बोली के अभी दिल नही भरा क्या फिर से बाथरूम मे ले जा रहे हो तुम्हारे इरादे तो ठीक है ना तो मैं ने हंस के कहा अरी पगली चल शवर लेते है एक साथ उसके बाद लंच भी तो लेना है तो वो बोली के पहले वादा करो के तुम कुछ नही करोगे अब तो मैं ने भी सोचा के जब एक टाइम ऋतु को चोद डाला है और गंद भी मार डाली है तो फिर क्या डरना है अब तो कभी भी उसको चोद सकता हू और गंद मार सकता हू तो मैं ने वादा किया के अब कुछ नही करूगा सिर्फ़ शवर लेंगे तो हम दोनो एक दूसरे के बदन को साबुन से रगड़ रगड़ के नहाने लगे मैं उसकी चूत और गंद मे साबुन लगा के की जेल्ली को रगड़ के धोया और उसी तरह से उसने मेरे लंड पे लगी जेल्ली को अछी तरह से साफ किया. ऐसे ठंडे मौसम मे एस्पेशली इतनी मस्त चुदाई के बाद गरम गरम शवर लेने का मज़ा कुछ और ही है.

 

शवर ले के हम दोनो नंगे ही नीचे आ गये. फ्रिड्ज से खाना निकाल के गरम किया और खाने लगे. हम दोनो टेबल पे नंगे बैठे बड़ी मस्ती मे रोमॅंटिक स्टाइल मे खाना खा रहे थे. रोटी का एक पीस कट कर के अपने मूह मे रख के ऋतु के मूह मे दे रहा था और जैसे ही ऋतु मूह खोल के रोटी अपने मूह मे ले लेती तो हम दोनो किस करने लगते उसी तरह से ऋतु भी अपने मूह से खाना मेरे मूह मे ट्रान्स्फर करती तो भी हम एक दूसरे को किस कर लेते ऐसा लगता था जैसे मैं अपनी नोकरानी के साथ नही बलके अपनी किसी प्यारी सी गर्ल फ्रेंड के साथ मस्तियाँ कर रहा हू. इसी तरह से मस्ती भरे स्टाइल मे खाना खाते खाते मेरा लंड एक बार फिर से फुल अकड़ गया था और मेरे थाइस के बीच मे स्प्रिंग की तरह से हिल हिल के ऋतु की छोटी सी चूत को सल्यूट कर रहा था.

 

खाना खाने के बाद ऋतु कॉफी बना के ले आई और हम दोनो कॉफी पीने लगे और साथ ही मे उसकी छोटी छोटी चुचिओ को मसल्ने लगा और उसके थाइस को मसाज करने लगा तो वो बोली के अब कुछ नही बाबू प्लीज़ मेरा सारा बदन दुख रहा है इतनी बे-दरदी से तो तुम ने इतना बड़ा और मोटा लोहे जैसा डंडा मेरी छोटी सी चूत और गंद के दोनो सुराखो मे डाल दिया जिस से मेरा सारा बदन दुख रहा है तो मैं ने उसका हाथ पकड़ा के अपने लंड पे रख दिया जिसे उसने फॉरन ही अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिया और ऋतु से पूछा के बोल अब इसका क्या करू जो तेरी इतनी मस्त चूत और टाइट गंद को सल्यूट कर रहा है. ऋतु मुस्कुराते हुए बोली के मुझे पता है इसका क्या करना है और अपने हाथ मे मेरे लंड को पकड़ के ऊपेर नीचे करते हुए

 

वो मूठ मारने लगी और मैं उसकी चूत मे उंगली से मसाज करने लगा. उसकी चूत बोहोत ही गरम हो गई थी पर वो चुदवाने को रेडी नही हो रही थी मैं ने भी सोचा के अभी शालु को भी तो चोदना है इसी लिए ऋतु को अपने हाथो मे उठा के डाइनिंग टेबल पे ऐसे लिटा दिया जिस से उसकी टाँगें नीचे लटक रही थी और झुक के उसकी चूत पे किस किया तो फॉरन ही उसने अपनी टाँगें मेरे शोल्डर्स पे रख ली और मेरी नेक पे फोल्ड कर के मेरे सर को अपनी चूत मे खेच लिया और अपने हाथो से मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा दिया और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह को चोदने लगी. उसकी चूत ऐसी चुदाई के बाद अंदर से बोहोत ही लाल हो गई थी. अपनी ज़ुबान को गोल मोड़ के उसकी चूत के सुराख मे अंदर बाहर करने लगा जिस से वो कराहने लगी आआआआआआआहह ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआआब्ब्ब्ब्बु

 

उउउउउउउउउउ

 

हहाआआआआआऐईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममममीईईईईईईईईईई ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहहाआअद्द्द्दद्ड र्राअह्ह्ह्ह्हीईईई ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउउउ और उसका बदन टाइट हो गया और काँपने लगा और वो एक ही मिनिट के अंदर झड़ने लगी मुझे उसकी चूत से निकला जूस मीठा लग रहा था जिसे मैं मज़े से सारे का सारा जूस पी गया. जब उसका झड़ना ख़तम हो गया और उसकी आँखें खुल गई तो वो टेबल से नीचे उतार गई और मुझे चेर पे बिठा के खुद मेरे दोनो पैरों के बीचे मे घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लंड को अपने दोनो हाथो से पकड़ लिया फिर भी लंड का सूपड़ा और उसके हाथो से बाहर ही निकला हुआ था. लंड के सख़्त डंडे को जोश मे दबा रही थी और दोनो हाथो से मूठ मारते हुए लंड को गौर से देखते हुए बोलने लगी यह तो किसी घोड़े (हॉर्स) के लंड जैसा लंड है और मुझ से पूछने लगी के बाबू मुझे तो अभी तक यकीन नही हो रहा है के यह इतना बड़ा गधे जैसा लंड मेरी इतनी छोटी सी चूत मे कैसे घुस्स गया……. और फिर मूठ मारते मारते लंड के सूपदे पर अपनी जीभ फेरने लगी और फिर सूपदे को मूह मे ले के चूसने लगी और फिर देखते ही देखते पूरा लंड अपने मूह मे ले के चूसने लगी जिस से लंड का सूपड़ा उसके हलक तक चला गया.. मेरा लंड तो सॉफ्ट होने का नाम ही नही ले रहा था वो तो सुबह से ही आकड़ा हुआ था. जितनी देर वो मेरे लंड को चूस्ति रही मैं हाथ नीचे कर के उसकी छोटी छोटी बेबी एप्पल या गोल्फ बॉल के साइज़ की चुचिओ को मसल्ने लगा. अब लगता था के ऋतु लंड चूसने मे पर्फेक्ट हो गयी है और बड़ी अछी तरह से किसी प्रोफेशनल्स की तरह से मेरे चेहरे को अपनी बड़ी बड़ी आँखो से देखते हुए चूस रही थी जैसे सेक्स फिल्म मे आक्ट्रेस लंड चूस्ते हुए कॅमरा को या जिसका लंड चूस रही हो उसकी तरफ देखती है बिल्कुल उसी स्टाइल मे मुझे देख रही थी. उसके पर्फेक्षन से मेरे लंड मे भी

 

हल चल मचना शुरू हो गयी थी और मैं उसके सर को अपने हाथो से पकड़ के उसके मूह को चोद्ते चोद्ते उसके मूह मे ही अपनी गरम गरम मलाई की पिचकारियाँ छोड़ने लगा जिसे वो एक बूँद भी गिराए बिना ही बड़े मज़े से खा गई और अपने होंठो पे ज़बान फेरने लगी जिस से पता चलता था के मेरी मलाई कितनी टेस्टी है. जब मेरी मलाई पूरी तरह से निकल गई तो मैं आँखें बंद किए हुए चेर पे बैठा रहा.

 

थोड़ी देर के बाद मैं और ऋतु फिर से बाथरूम मे घुस गये और एक दूसरे को साबुन से रगड़ के नहाने लगे. शवर लेके बाहर निकल गये तो मैं ने उसको कहा ऋतु अभी तो 5 बज चुके है तू ऐसा कर कपड़े पहेन ले और रैन कोट पहेन के छाता (अंब्रेला) ले के शालु के पास चली जा और उस से बोल के मेरी मोम और डॅड बहेर गये थे और वापस नही आ सकेगे और रात को यही आ जाए और तेरे साथ रहे और सुन उसको कुछ बताया तो बुरा होगा ओके !! तो वो मुस्कुराने लगी और बोलने लगी क्यों बाबू अभी मेरी चूत आंड गंद फाड़ के जी नही भरा क्या जो अब शालु दीदी के पीछे पड़े हो तो मैं ने कहा के हा उसकी कुँवारी चूत की सील भी तो तोड़नी है ना तो ऋतु अपना मूह दबा के हस्ने लगी और बोली बड़े खराब हो बाबू तुम कितने लोगो की सील तोड़ोगे तो मैं ने कहा जितनी सील तोड़ुगा उतना ही लंड मज़बूत होगा और सच बताउ तो टाइट और कुँवारी चूत को चोदने का मज़ा ही कुछ और है और आज पहले मैं शालु को चोदुगा फिर हम दोनो मिल के शालु के साथ मज़ा करेगे तो वो मुस्कुराते हुए अपने कपड़े पहेन्ने लगी और बॅस अभी बाहर जाने के लिए रेडी हो रही थी के डोर की बेल बजी और मैं नंगा ही ऊपेर भाग गया और अपने कमरे मे घुस के कपड़े पहेन्ने लगा. ऋतु तो कपड़े पहेन ही चुकी थी उसने डोर खोला तो सामने शालु खड़ी थी. ऋतु उसे हैरानी से देखने लगी तो शालु बोली के ऐसे क्या देख रही है कभी देखा नही क्या तो उसने कहा के नही दीदी यह बात नही मैं बॅस अभी आप ही के पास आने वाली थी क्यॉंके आज मैं अकेली ही हू और मेम साहेब और साहेब बाहर गये थे उनकी कार बारिश की वजह से नही आ सकती इसी लिए वो वही गेस्ट हाउस मे रुक गये है तो मैं ने सोचा के आपको ही यहा बुला लू तो शालु बोली हा मुझे पता है आंटी ने मुझे फोन किया था और बोल दिया था के आज मैं यहा तेरे पास ही रहू इसी लिए मैं आई हू. मैं ऊपेर से सब सुन रहा था ऋतु और शालु की बातें सुन कर मेरे लंड मे नयी जान पड़ गयी थी और मेर लंड जो डोर की बेल सुन के ढीला पड़ रहा था शालु की मस्त जवानी और उसकी कुँवारी चूत के ख़याल से फिर से अकड़ने लगा और मैं अंदर ही अंदर मुस्कुराने लगा.

 

दोस्तो अब तीसरी हसीना की भी सील टूटते हुए देखते हैं

 

शालु की चुदाइ

 

शालु अंब्रेला डोर के पास ही रख के अंदर आ गई और पूछा के राज कहा है तो ऋतु ने बोला के बाबू ऊपेर कमरे मे है क्या कर रहे है पता नही. मैं ऐसी पोज़िशन में था के मैं ऊपेर से दोनो को देख सकता था पर वो मुझे नही देख सकते थे तो शालु आगे बढ़ गई और ऋतु को अपनी बाहो मे ले के किस करने लगी और ऋतु ने भी उसका साथ दिया और दोनो टंग सकिंग किस करने लगे और देखते ही देखते दोनो इतने मूड मे आ गये कि खड़े खड़े ही अपनी चूते एक दूसरे से रगड़ने लगे और एक दूसरे की चूतदो पे हाथ फेरने लगे. मैं दिल ही दिल मे हस्ने लगा के चलो शालु गरम हो रही है और उसको चोदने मे ज़ियादा टाइम नही लगेगा. मैने अपने कमरे मे जा के वो फोटोस के एन्वेलप को टीवी वाले रूम की टेबल पे रख दिया और सामने वाली दीवार पे एक रर्फ्लियेक्टिव ग्लास वाली पैंटिंग लगा दिया जिस से मुझे सब दिखाई दे और प्लॅनिंग करने लगा के कैसे शालु की कुँवारी चूत की सील तोड़ू और कितना मज़ा आएगा जब वो चिल्लाएगी यही सोच सोच के मेरा लंड फुल्ली एरेक्ट हो गया और जोश मे हिलने लगा और शालु की चूत फाड़ने को मचलने लगा.

 

मैं थोड़ी देर के बाद अपने बॉक्सर्स शॉर्ट्स और टी-शर्ट मई ही नीचे उतर के आ गया और नीचे उतर ते उतरते ही ऋतु से पूछा के ऋतु कौन आया है तो उसने कहा के बाबू शालु दीदी आई है तो मैं ने कहा कहा और नीचे उतर आया. शालु अब तक चेर पे बैठ चुकी थी शाएद उनका वेलकम किस ख़तम हो गया था. शाम के तकरीबन 6 बज चुके थे और बारिश की वजह से अंधेरा बढ़ गया था लगता था जैसे रात के 10 बज गये हो. मैं ने शालु को हेलो बोला और ऋतु से बोला के हे ऋतु कॉफी तो बना दे तेरी शालु दीदी आई है. ऋतु कॉफी बना का ले आई और हम दोनो कॉफी पीने और इधर उधर की बातें करने लगे.

 

ऋतु डिन्नर की तय्यारी करने लगी. मैं ने शालु से पूछा के कोई ख़ास डिश खाने का मन करे तो बता देना तो उसने हँस के कहा कोई बात नही जो ऋतु बनाएगी मैं ख़ालूंगी तो मैने ने कहा ठीक है ऋतु जो तुम्हारे मन मे आए बना देना और फिर मैं

 

और शालु इधर उधर की बातें करने लगे कॉलेज की फिल्म्स की फिल्म स्टार्स की. नॉर्मली शालु तो फ्रेंड्ली नेचर की ही थी पर अनु के साथ रहते रहते वो भी मुझ से कम ही बात करती थी पर आज तो घर मे कोई भी नही था इसी लिए वो मुझसे खुल के बातें कर रही थी जैसे हम बोहोत पुराने दोस्त हो. तकरीबन 1 घंटा बातें करते रहे इसी टाइम पे ऋतु ने खाना टेबल पे लगा दिया और मैं ने ऋतु से कहा के चल आजा ऋतु तू भी यही हमारे साथ ही बैठ के खा ले तो वो भी बैठ गई और हम तीनो मिल के खाना खाने लगे और इधर उधर की बातें करने लगे. ऋतु को खाना बना ना उतना अछा नही आता था फिर भी उसने अछा टेस्टी ही बनाया था. तीनो ने मज़े से खाना खाया और फिर एक एक कप कॉफी के पिए इतनी देर मे ऑलमोस्ट 9 बज गये थे अब बारिश फिर से तेज़ हो गयी थी. खाना खाने के बाद भी कुछ देर तक डिन्नर टेबल पे बैठ के तीनो बातें करते रहे फिर ऋतु बर्तन धोने जाने लगी तो शालु बोली के चल ऋतु मैं भी तेरे साथ हेल्प करती हो दोनो मिल के जल्दी से बर्तन धो डालेगे तो ऋतु ने कहा नही दीदी आप ऊपेर जाओ और टीवी देखो मैं थोड़ी ही देर मे काम ख़तम कर के ऊपेर आती हू तो शालु नही मानी और दोनो मिल के बर्तन धोने लगे मैं नीचे ही चेर पे बैठा बारिश का मज़ा लेता रहा. थोड़ी देर मे दोनो फ्री हो गये तो मैं और शालु ऊपेर टीवी के रूम मे जाने लगे. मैं ऊपेर चढ़ते चढ़ते वापस नीचे आ गया और शालु से बोला के मैं फ्रिड्ज से कुछ चॉक्लेट ले के आता हू तुम ऊपेर चलो. शालु को मिल्क चॉक्लेट्स बोहोत पसंद थे. मैं नीचे उतर गया और शालु ऊपेर टीवी के रूम मे जा के टीवी ऑन करने लगी इतनी देर मे मैं ऋतु से बोला के देख ऋतु तू जल्दी ही ऊपेर आ जाना और टीवी देखते देखते नींद का बहाना कर के उठ जाना मैं शालु को देख लुगा तो वो मुस्कुराने लगी और मेरे आकड़ा हुआ लंड पकड़ के बोली के आज तो भगवान ही रक्षा करे शालु दीदी की तुम्हारे इस मूसल से तो मैं ने उसके चूतदो पे एक धीरे से मारा और बोला के चल अब जल्दी से काम ख़तम कर के ऊपेर आ जा और मैं चॉक्लेट्स ले के ऊपेर टीवी रूम मे चला गया.

 

मैने फोटोस वाले एन्वेलप को एक न्यूज़ पेपर के नीचे रख दिया था इसी लिए शालु को वो इमीडीयेट्ली नज़र नही आया और मेरे ऊपेर आने तक वो टीवी ऑन करके इंग्लीश फिल्म देखने लगी थी. फिल्म काफ़ी रोमॅंटिक थी. कुछ आछे ख़ासे डीप किस्सिंग के सीन्स भी थे. शालु बड़े टू सीटर वाले सोफे पे बैठी थी. सोफा अछा ख़ासा डीप और कंफर्टबल था जिसके हॅंड रेस्ट बोहोत मोटे मोटे थे. हॅंड रेस्ट इतने ऊँचे थे के दूसरे सोफे पे बैठने वाले को पता नही चलता थे के दूसरे सोफे मे क्या हो रहा है लैकिन शालु अपनी आदत के मुताबिक जब अपने हाथ उठा ती और बगल दिखती तो मुझे उसके ऊपेर उठे हाथ

 

दिखाई देते और उसकी बगल मे लगे रोल ऑन पर्फ्यूम की खुश्बू भी आ जाती. मैं उसके पास ही पड़े सिंगल सीटर सोफे पे बैठ गया और दोनो फिल्म देखने लगे. कभी कभी फिल्म के सीन्स के बारे मे कॉमेंट्स भी कर लेते. थोड़ी ही देर मे ऋतु काम ख़तम करके ऊपेर आ गयी और शालु के पास ही सोफे पे बैठ गयी और फिल्म देखने लगी. ऋतु 9थ क्लास पास थी इसी लिए उसको इंग्लीश उतनी अछी तरह से समझ मे नही आ रही थी पर वो भी रोमॅंटिक सीन्स का मज़ा लेने लगी. शालु ने सेंटर टेबल अपने सोफे के करीब खेच लिया और उस पे ऐसे पैर रख लिया के उसके घुटने मूड गये मैं ने सामने वाले ग्लास के फ्रेम से देखा के शालु और ऋतु रोमॅंटिक और किस्सिंग सीन्स देख के गरम हो गये थे और एक दूसरे के हाथो को दबा रहे थे तो शालु कभी ऐसे अपने आप को अड्जस्ट करती के मुझे कुछ नज़र नही आए पर उसे क्या पता के मैं पहले से अड्जस्ट किए हुए फोटो फ्रेम से वो सब सॉफ देख रहा हू जो वो छुपाना चाहती है. जब शालु को यकीन हो गया के सोफे के इतने बड़े और मोटे हॅंड रेस्ट से मुझे कुछ नज़र नही आएगा तो वो ऋतु की चूत पे हाथ रख के दबाने लगी और ऋतु ने भी शालु की पतले कपड़े वाली सलवार के ऊपेर से ही उसकी चूत का मसाज करना शुरू कर दिया जिस से शालु अपनी टाँगें खोल के बैठ गई और वो अपनी गरम और गीली चूत पे ऋतु के छोटे छोटे हाथो का मज़ा लेने लगी. मैं सामने वाले ग्लास मे यह तमाशा देखता रहा फिर बोला के लाइट कुछ ज़ियादा ही हो गयी है अगर शालु और ऋतु कोई माइंड नही करे तो कमरे की लाइट बंद कर देते है और टीवी की रोशनी मे ही फिल्म देखेंगे तो दोनो खुश हो गये और कहा हा यह ठीक है. लाइट के बंद होते ही शालु ने अपने सलवार का नाडा धीरे से खोल डाला और ऋतु का हाथ पकड़ के अपनी सलवार के अंदर घुसा दिया जिस से ऋतु उसकी नंगी चूत का मसाज करने लगी और शालु का हाथ ऋतु की सलवार के अंदर घुस्स गया और दोनो एक दूसरे की चूतो का मसाज करने लगे जिसे देख के मेरे लंड मे इतना पवरफुल एरेक्षन आ गया के मुझे दरद होने लगा पर क्या करता प्लान को एक्सेक्यूट करने मे थोड़ा और सबर करना था इसी लिए खामोश शालु और ऋतु के मसाज का तमाशा देखता रहा.

 

कमरे की लाइट्स बंद कर के हम तीनो फिल्म देखने लगे अब शालु और ऋतु एक दूसरे के साथ बिंदास मस्तियाँ कर रहे थे और समझ रहे थे के मुझे कुछ नही दिखाई दे रहा है जबके मैं उन दोनो की एक एक मूव्मेंट को बड़ी अछी तरह से देख रहा था और मैं पोज़ भी ऐसे ही कर रहा था जैसे मुझे कुछ भी नही मालूम के वो दोनो क्या कर रहे है और जैसे मैं फिल्म देखने मे ही बिज़ी हू. थोड़ी ही देर मे शालु का सर सोफे के

 

बॅकसाइड से लग गया और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी शाएद उसकी आँखें भी बंद हो चुकी थी. कमरे मे दोनो की चूत से निकले रस की सुगंध फैल गयी थी जिस से मेरे लंड मे कुछ ज़ियादा ही सख्ती आ गयी थी और लंड बोहोत ज़ोर से आकड़ा हुआ था. चूत के रस की सुगंध से लगता था के ऋतु और शालु दोनो ही झाड़ चुके थे. शालु तो बोहोत दीनो बाद मिली थी ऋतु से इसी लिए शाएद वो अपने चूत मे उंगली डलवा के मसाज करने की और झड़ने के लिए उतावली हो रही थी और इतना ख़याल नही रखा के मैं कमरे मे हू. सोफा डीप था इसी लिए उसको यकीन था के मैं कुछ नही देख सकता और वो जल्दी से अपनी सलवार का नाडा बाँधने लगी इतनी देर मे ऋतु बाथरूम मे चली गई और फिर बाथरूम से उसकी छोटी चूत मे से निकलती सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर करके मूतने की आवाज़ आने लगी मुझे उसकी चूत से निकलते पिशाब की म्यूज़िक बड़ी सुरीली लगी. ऋतु बाथरूम से निकल के वापस अपनी जगह पर बैठ गई और फिल्म देखने लगी. थोड़ी ही देर मे शालु भी उठ के बाथरूम मे चली गई तो मैं ने ऋतु से कहा के अब तेरा काम ख़तम हो गया है तू जा के सो जा तो ऋतु बोली के बाबू मुझे भी देखने दो ना के तुम शालु दीदी की सील कैसे तोड़ ते हो तो मैं ने एक मिनिट के लिए सोचा और बोला के ठीक है तू नींद का बहाना करके उधर वाले बेड पे जा के सो जा मैं ने इशारे से कोने मे रखे बेड की तरफ इशारा करते हुए कहा और थोड़ी देर मे सोने का नाटक करने लग जा. अगर तेरी शालु दीदी को इसी कमरे मे चोदा तो देख लेना और अगर अपने कमरे मे ले के गया तो तू इस विंडो से झाँक लेना तो ऋतु जल्दी से अपनी जगह से उठी और दोनो कमरे के बीच वाली विंडो को खोल दिया और शालु के बाथरूम से वापस आने से पहले ही अपनी जगह पे आ के बैठ गई. बारिश फिर से तेज़ हो गयी थी ऐसा लगता था के यह रात भर होने वाली है कभी कभी बिजली भी चमक जाती जिस से थंडर की खोफ़नक आवाज़ भी आजाती. बारिश कभी एक दम से तेज़ हो जाती कभी धीमी पर कंटिन्यू हो रही थी जिस से हवा भी कुछ ठंडी हो गई थी कमरे के डोर्स बंद थे इसी लिए हमारा कमरा अंदर से अछा ख़ासा गरम ही था.

 

शालु वापस अपनी जगह आ के बैठ गई तो थोड़ी ही देर मे जब फिल्म के बीच मे कमर्षियल ब्रेक आया तो ऋतु बोली के दीदी मुझे बोहोत नींद आ रही है तो शालु बोली के ठहर ना थोड़ी देर फिल्म ख़तम हो जाए तो सो जाएँगे तो ऋतु बोली के दीदी मैं यही बेड पे लेट जाती हू आप फिल्म देखो जब बाबू वापस अपने कमरे मे चले जाए तो आप यही आ जाना मेरे पास हम दोनो एक ही बेड पे सो जाएगे तो शालु बोली के ठीक है तू बेड पे लेट जा मैं यही हू और फिल्म भी इंट्रेस्टिंग है और मैं आज दोपेहेर

 

मे काफ़ी देर तक सो के उठी हू इसी लिए मुझे अभी नींद नही आ रही है.

 

मैं खामोशी से सुनता रहा कुछ बोला नही. ऋतु सोफे से उठ गयी और कमरे के दूसरी तरह पड़े बेड पे जा के लेट गयी. ऋतु की चुदाई सुबह से चल रही थी उसकी चूत और गंद दोनो फॅट चुके थे तो वो सच मे टाइयर्ड हो गयी थी और बेड पे लेट ते ही खर्राटे मार के सो गयी.

 

मेरा लंड कुछ देर के लिए नरम हो गया था पर जैसे ही थोड़ी ठंडी हवा लगी वो फिर से खड़ा होने लगा और देखते ही देखते पूरी तरह से अकड़ गया और स्प्रिंग की तरह से हिलने लगा. मैं ने शालु का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया जिसे उसे अब आसानी से पकड़ लिया और दबाने लगी और बोली के राज्ज तुम बड़े खराब हो इतना बड़ा और इतना मोटा मेरे हलक के अंदर तक घुसा दिया मेरी तो जान ही निकली जा रही थी तो मैं ने कहा के मेरे लंड की जान भी तो निकल्ल निकल्ल के तुम्हारे हलक मे चली गयी तो वो कुछ बोली तुम बड़े शैतान हो और मुस्कुरा दी और लंड को दबाते हुए बोली के सच मे यह तो बोहोत ही बड़ा और मोटा है तो मैं ने कहा तुम्है पसंद आया ? तो उसने बोला के तुम शैतान हो मुझे क्या पता मैने तो आज पहली बार किसी का अपने हाथ मे लिया है.

 

लगता था के अब शालु थोड़ा सा फ्री हो गयी है तो उसकी चिकनी मक्खन जैसी चूत पे हाथ फेरते हुए मैं ने पूछा के क्या बात है आज इसको इतना चिकना बना के आई हो तो वो कुछ नही बोली तो मैं ने पूछा क्या ऋतु से अपनी चिकनी चूत को चटवाने और उसकी चूत को चाट के उसके साथ मज़ा लेने का इरादा था तो उसने मुस्कुराते हुए धीरे से अपना सर हा मे हिला दिया. फिर मैं ने पूछा के तुम्है चुदवाने मे मज़ा नही आता क्या जो चूते ही चाट ती और चटवाती रहते हो तुम लोग तो उसने कहा के पता नही राज क्यों मुझे चुदवाना अछा नही लगता लेज़्बियेनिज़्म मे जो मज़ा है वो किसी मेल के साथ चुदवाने मे नही है और फिर लड़कियाँ सेफ भी तो रहती है प्रेग्नेन्सी का डर भी तो नही रहता और लड़कियाँ साथ मे सोती है तो भी किसी को कोई शक्क नही होता इसी लिए हम को एक दूसरे के साथ ही मज़ा आता है.

 

मैं ने पूछा के अछा यह बताओ के तुम लोगो ने यह सब कैसे स्टार्ट किया और ऋतु को कैसे पटाया वो तो अभी इतनी छोटी सी लड़की है अभी वो पूरी तरह से जवान भी तो नही हुई तो शालु ने हस्ते हुए कहा के ऋतु को मैं ने और अनु ने मिल के पटाया. आक्च्युयली मैं और अनु तो अपने स्कूल के ज़माने से ही यह सब करते है. तुम्हे तो पता है के मैं कभी कभी रात को यही रुक जाती थी और अनु के साथ ही सो जाती थी तो मैं ने कहा हा मुझे पता है तो उस ने कुछ सोचते हुए कहा हा शाएद हम लोग 9थ के एग्ज़ॅम की तयारि कर रहे थे और अनु को किसी मॅगज़ीन से एक सेक्स की फोटो मिली जिसे हम ने सब लोगो के सो जाने के बाद बेड मे लेटे लेटे चोरी चुप्पे देखा जिसमे दो नंगी लड़कियाँ एक दूसरे की चूते चाट रही थी. अब शालु चूत और लंड जैसे शब्दो का उपयोग करने लगी थी. बॅस फिर क्या था हम दोनो गरम हो गये और दोनो पहले तो एक दूसरे की चुचिओ को दबा ते रहे फिर एक दूसरे की चूत को सलवार के ऊपेर से

 

ही मसल्ने लगे और देखते ही देखते दोनो ने एक दूसरे की सलवार मे हाथ डाल दिया और एक दूसरे की नंगी चूतो को अपने हाथो से सहलाने और मसल्ने लगे और थोड़ी ही देर मे हमे मज़ा आने लगा दोनो बड़ी तेज़ी से एक दूसरे की चूत को मसल रहे थे और फिर हमारी चूतो मे से जूस जैसा कुछ निकलने लगा और हमै बोहोत मज़ा आया. उस वक़्त तक हमारी चूत पे झातें भी नही उगी थी चिकनी चिकनी थी हमारी चूते.

 

थोड़ी ही देर के बाद हम दोनो ब्लंकेट के अंदर ही नंगे हो गये और एक दूसरे की लेमन जैसी चुचिओ को दबाने लगे और चुचिओ की निपल्स को मूह मे ले के चूसा जैसे छोटे बचे दूध पीते है उसी तरह से उसके बाद हम ने सोचा के क्यों ना फोटो जैसे पोज़िशन मे किया जाए और फिर हम दोनो ब्लंकेट के अंदर ही अंदर उसी पोज़िशन मे आ गये और हम एक दूसरे की चूत को किस करने और चाटने लगे. दोनो की चूतो से पहले ही जूस निकल चुका था नमकीन था पर अछा लग रहा था. थोड़ी देर तक ऐसे ही चूस्ते चूस्ते हमारा जूस फिर से निकला और हमै बोहोत ही मज़ा आया. फिर हम अपने कपड़े पहेन कर सो गये. हमे ऐसा करने के बाद बड़ी अछी नींद आई और हम सुबह देर तक सोते रहे. फिर तो हमै चूते चाटने और चुचिओ को चूसने मे बड़ा मज़ा आने लगा और हम लोग एग्ज़ॅम के ख़तम होने तक ऑलमोस्ट डेली ही यह करते रहे. जब भी हम थोड़ी देर के लिए अकेले होते तब हम मॉका देख के किस कर लेते और एक दूसरे की चुचिओ को शर्ट के ऊपेर से मसल भी देते और बाद मे जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे की चूते चाट लेते.

 

मैं और शालु नंगे ही थे तो मैं ने उसको सोफे से उठाया और अपने कमरे की तरफ ले गया और बहाना यह बनाया के ऋतु सो रही है कही जाग ना जाए चलो मेरे कमरे मे चलते हैं वाहा हम इत्मीनान से बात करेंगे. मैं और शालु मेरे कमरे मे आ गये और मैं ने कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया पर लॉक नही किया क्यॉंके मुझे यकीन था के ऋतु कुछ ही देर मे मेरे कमरे मे आ जाएगी इसी लिए बॅस क्लोज़ कर दिया और लॉक नही किया. फिर शालु को बेड पे लिटा दिया और मैं भी उसके साथ ही लेट गया. लेटने से पहले कमरे की लाइट भी बंद कर दी थी क्यॉंके मेरा मानना है के रात के अंधेरे मे इंसान वो कर लेता है हो दिन के उजाले मे नही कर पाता. मैं ने सोचा के शालु भी अंधेरे मे कुछ ज़ियादा ही फ्री हो जाएगी और मज़ा भी लेगी.. मेरे कमरे मे अंधेरा था बारिश अभी भी रुक रुक के हो रही थी और कभी कभी बिजली भी चमक जाती थी जिस से अचानक कुछ लाइट आ जाती कमरा रोशनी से चमक जाता और फिर से अंधेरा हो जाता. मैं

 

और शालु एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट से लेटे थे मेरा लंड शालु के हाथ मे था जिसे वो अब खुद से ही दबाने लगी थी और आगे पीछे कर के मूठ जैसा भी मार रही थी मैं उसकी चुचिओ को मसल भी रहा था और चूस भी रहा था. करवट से लेटे ही लेटे मैं ने शालु की टांग उठा के अपने हिप्स पे रख ली जिस से उसकी चूत कुछ खुल गयी और मैं थोड़ा उस उसके करीब हो गया जिस से मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत से टकरा रहा था जिसे शालु बड़े मज़े से दबा रही थी. लंड मे से प्री कम भी निकलना शुरू हो गया था. अब शालु भी मस्ती मे आ गयी थी और मेरे लंड के डंडे को पकड़ के लंड के हेल्मेट जैसे सूपदे को अपनी खुली पंखाड़ियों की चूत मे घिस्स रही थी और क्लाइटॉरिस को रगड़ रही थी और साथ ही उसके मूह से आआआआअहह और ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़ें भी निकल रही थी. मेरे लंड से निकलता चिकना प्री कम और उसकी चूत मे से निकलता जूस दोनो मिल के उसकी चूत को बोहोत स्लिपरी बना चुके थे. वो इधर मेरे लंड को अपनी चूत मे रगड़ रही थी और अपनी बात कंटिन्यू रखे हुए थी.

 

शालु ने अपनी बात कंटिन्यू करते हुए कहा के इसी तरह से दिन गुज़रते रहे. फिर एक दिन ऋतु को तुम्हारे अंकल गाओं से ले के आ गये. छोटी सी लड़की दुबली पतली साँवली कलर की. बहुत छोटी छोटी सी उसके चुचियाँ तो नही थी बॅस चुचिओ के उभार थे समझो. ऋतु गाऊँ की एक भोली भाली सी लड़की थी उसे कुछ भी नही मालूम था. आक्च्युयली एक दिन अनु ने ऋतु को बाथरूम मे नंगे देख लिया वो पिशाब कर रही थी उसकी चूत से बड़ी मधुर सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्

 

रर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की सीटी जैसी म्यूज़िक निकल रही थी जो अनु को अछी लगी और वो उसको पिशाब करते देखती रही उसके बाद ऋतु उठी और नहाने लगी. ऋतु नंगी थी. उसके छोटी छोटी चुचिओ के उभार और पतली लकीर जैसी बिना बालो वाली चिकनी बेबी चूत की पंखाड़िया एक दूसेर से मिले हुए थे जो अनु को बोहोत आछे लगे और तभी अनु ने ऋतु की चूत को चाटने का फ़ैसला कर लिया और मुझे बताया तो मैं ने कहा के ठीक है कोई बात नही किसी रात का प्रोग्राम रखो उस दिन ऋतु को भी फिट कर देते हैं. और फिर एक रात का प्रोग्राम बन गया. उस वक़्त तक हम कॉलेज मे आ चुके थे और हम दोनो नंगे हो के बड़े मज़े से एक दूसरे की चुचिओ को चूस्ते और चूतो को चाट ते और मज़े लेते थे. जिस दिन का प्रोग्राम बना उस दिन अनु तो ऋतु की चूत को चाटने के लिए उतौली हो रही थी. हम रात के खाने के बाद ऊपेर आ गयी हम दोनो लेट गये उस वक़्त तक खुश्बू दीदी की शादी हो चुकी थी और यह कमरा खाली था और तुम्है कुछ खबर भी नही होती थी तुम मस्त नींद सो जाते थे और हम तुम्हे घास भी नही डालते थे तो तुम भी हमारी कोई केर नही करते थे.

 

खैर उस रात खाने के बाद ऊपेर आने से पहले अनु ने ऋतु को बोल दिया था के मेम सब के पैर दबाने के बाद जब वो सो जाए तो तुम ऊपेर हमारे पास आ जाना हमै कुछ काम है तो उसने कहा ठीक है दीदी आ जाउन्गी. उसको क्या खबर थी के आज उसकी छोटी सी पतली पंखाड़ियों वाली चूत को चाट चाट के हम उसकी कुँवारी चूत का सारा रस्स पीने वाले थे. वो अपना सारा काम ख़तम कर के रात तकरीबन 11 बजे के बाद ऊपेर आ गयी. उस रात बड़ी गर्मी पड़ रही थी हम दोनो बिना कुछ कपड़े पहने नंगे ही लेटे थे. उन दीनो कॉलेजस की छुट्टियाँ थी और तुम अंकल के पास मस्तीपुर गये हुए थे और हमारा रास्ता भी सॉफ था ऊपेर कोई भी नही था. ऋतु के ऊपेर आने से पहले ही हम ने कमरे की लाइट बंद कर दी थी और अपने नंगे बदनो पर पतली सी शॉल डाली ली थी ता के ऋतु को फॉरन पता ना चले के हम नंगे लेटे हैं..

 

ऋतु जब ऊपेर आई तो कमरा अछा ख़ासा डार्क था वो समझी शाएद हम सो गये तो उसने धीरे से पुकारा दीदी !!!! तो अनु ने कहा आ जा ऋतु इधर आ जा. मैं और अनु दोनो पीठ के बल सीधे ऐसे लेटे थे के हम दोनो के बीच मे थोड़ी जगह थी और हमारी टाँगें भी थोड़ी थोड़ी खुली हुई थी. ऋतु जब कमरे मे अंदर आई तो कमरे मे अंधेरा था कुछ नज़र नही आ रहा था. अनु ने ऋतु से कहा के आ जा और हम दोनो के बीचे मे बैठ के हमारी दोनो की टाँगो को दबा. ऋतु थोड़ी देर दूर मे खड़ी रही उसे कुछ दिखाई नही दे रहा था थोड़ी देर के बाद उसकी आँखें अंधेरे मे अड्जस्ट हो गई और वो अंधेर मे देखने के काबिल हो गई तो बेड की ओर बढ़ी और बेड के ऊपेर आ गयी और हमारे टाँगो के बीच मे घुटने मोड़ के बैठ गयी. अनु ने कहा के ऐसे ही बैठ के दोनो की टाँगो को दोनो हाथो से दबाओ और मसाज करो. ऋतु ने अपना एक हाथ मेरी टांग पे रखा दूसरा हाथ अनु की टांग पे रखा और अपने छोटे छोटे हाथो से दबाना शुरू किया तो अनु ने कहा ऊपेर तक दबा तो ऋतु थोड़ा और ऊपेर की ओर खिसक गयी और हम दोनो के ऑलमोस्ट सेंटर मे बैठ गयी और दोनो हाथो से दोनो के थाइस पे हाथ रख दिया और दबाने लगी. अभी तक ऋतु को पता नही चला था के हम नंगे लेटे है. अनु ने कहा ऋतु, शॉल के अंदर हाथ डाल के आराम से मसाज करो तो ऋतु ने दोनो की टाँगो पे से शॉल हटा के अपना हाथ हमारी थाइस पे रखा और एक दम से घबरा के अपना हाथ हटा लिया तो अनु हस्ते हुए पूछने लगी के क्या हुआ तो ऋतु बोली के दीदी आप ने सलवार नही पहनी क्या तो मैं ने कहा के अरे ऋतु इतनी गर्मी तो पड़ रही है ऐसे मे क्या सलवार और क्या कमीज़ चल तू दबाना शुरू कर तो उसने फिर से हमारे नंगे थाइस पे अपने हाथ रख दिए और दबाना शुरू कर दिया तो मैं ने बोला के और थोड़ा ऊपेर तक दबा ना तो वो

 

अपने हाथ और ऊपेर तक ले गयी और ऑलमोस्ट जाँघो तक उसके हाथ लगने लगे तो ऋतु फिर चोंक गयी और बोली के दीदी आप ने चड्डी भी नही पहनी क्या तो हम दोनो हस्ने लगे और बोले के यहा कोई मरद तो नही है और लड़कियाँ एक दूसरे से ना कुछ छुपाटी है और ना ही शरमाती तू भी तो लड़की है हम से कभी नही शर्मा ना समझ गयी ना. चल अब ऐसे ही ऊपेर तक दबा. प्लॅनिंग के मुताबिक हम दोनो ने अपने हाथो से उसके दोनो हाथो को पकड़ लिया औ अपने थाइस पे अंदर तक खेच लिया और जैसे ही ऋतु का हाथ हमारी नंगी चूतो पे पड़ा तो ऋतु ने कहा छी दीदी आप चड्डी पहेन लो ना प्लीज़ मुझे शरम आ रही है और अंधेरे मे ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली तो हम दोनो फिर से हंस दिए और बोले के अभी तो तुझे बताया था के लड़कियाँ दूसरी लड़कियों से नही शरमाते है तो तू क्यों शर्मा रही है और फिर उसके दोनो हाथो को पकड़ के अपनी चूतो पे रख के अपनी थाइस को टाइट पकड़ लिया जिस से उसके हाथ हमारी चूतो पे लगे रहे. मैं ने ऋतु से बोला के चल अब यहा दबा तो उसने कहा ची दीदी कैसी बातें कर रही हो इसे भी कोई दबा ते है तो मैं ने कहा हा तुझे नही पता के इसको दबाने से कितना मज़ा आता है तो उसने शरम से अपनी गर्दन झुका ली. उसके हाथ अभी भी हमारी जाँघो मे दबे हुए थे और फिर हम दोनो ने उसके हाथ को पकड़ के अपनी चूतो पे आगे पीछे कर के मसलना शुरू कर दिया और बोला के ऐसे कर और ऐसे ही मसाज कर तो ऋतु कुछ बोली नही और जैसा हम ने बोला था वैसा ही अपने हाथो से हमारी चूतो का मसाज करने लगी.

 

मैं ने कहा ऋतु तुझे गर्मी नही लग रही तो उसने बोला का हा दीदी बोहोत गर्मी लग रही है और यहा तो फॅन भी नही चल रहा है तो मैं ने बोला के चल तू भी अपने कपड़े उतार दे तो उसने बोला के नही दीदी रहने दो कोई बात नही तो मैं ने फिर थोडा सा कड़क आवाज़ मे बोला के चल ऋतु जैसा मैं कह रही हू वैसा ही कर तो शाएद वो डर गयी और उसने शरमाते हुए अपनी शर्ट उतार दी तो मैं ने कहा के चल हम दोनो ने भी सलवार नही पहनी है तो तू कैसे पहेन सकती है चल उतार इसे भी और अपने हाथ बढ़ा के उसकी सलवार का नाडा खोल दिया तो वो अपनी जगह से थोड़ा सा उठी और अपनी सलवार को निकाल दिया. अब ऋतु भी हमारे बीच मे नंगी बैठी थी और फिर से हमारे थाइस को दबाने लगी तो मैं ने कहा के ऋतु जैसा अभी तुझे बताया था वैसे ही मसाज कर तो उसने कुछ नही कहा और सिर्फ़ थाइस को ही मसाज करती रही तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपनी चूत पे रख दिया तो उसने फॉरन ही अपना दूसरा हाथ भी अनु की चूत पे रख दिया और अपने छोटे छोटे हाथो की हथेली से हमारी चिकनी चूतो को सहलाने लगी तो मैं ने और अनु ने अपने अपने हाथ उसके मुड़े हुए थाइस पे रख दिए और उसके पतले पतले थाइस

 

को मसाज करने लगे और पूछा के कैसा लग रहा है तो ऋतु बोली के बोहोत अछा लग रहा है तो हम ने बोला के हमै भी बोहोत मज़ा आ रहा है. और ऐसे ही सहलाते सहलाते हम ने भी उसकी चूत पे हाथ रखा तो वो घबरा के खड़ी हो गयी तो अनु हंस के बोली के चल बैठ और जैसा हम बोलते है वैसा ही कर. अब पोज़िशन ऐसी थी के ऋतु घुटने मोड़ के हमारे बीच मे बैठी थी और कभी कभी अपनी गंद बेड से उठा के घुटनो के बल हो जाती थी और उसके दोनो हाथ हमारी चूतो पे थे और वो अपने दोनो हाथो की हथेलिओं से हम दोनो की चूतो का एक साथ मसाज कर रही थी हम्दोनो को उसके छोटे छोटे हाथ के स्पर्श से बोहोत ही मज़ा आने लगा था और हम ने उसका हाथ अपनी जाँघो से टाइट पकड़ लिया और झड़ने लगे. जैसे ही हमारी चूत का रस्स उसके हाथ से लगा तो उसने अपने हाथ खेच लिया और बोली के दीदी तुम्हारा पिशाब निकल रहा है जा के बाथरूम मे कर लो तो हम दोनो फिर से हंस दिए और बोला के अरे पगली यह पिशाब नही है यह तो हरमा रस है जो मसाज करने से निकलता है तो उसने कुछ बोला नही शाएद उसकी कुछ भी समझ मे नही आया. हमारे हाथ उसकी थाइस को सहलाते सहलाते उसकी चूत को भी टच कर रहे थे तो उसने भी अपनी टाँगें थोड़ी सी खोल दी शाएद उसको भी अब मज़ा आने लगा था.

 

हम ने ऋतु को पकड़ के हमारे बीच मे लिटा लिया और उसकी छोटी छोटी छातियाँ मसल्ने लगे और किस करके उसके निपल्स जो अभी पूरी तरह से बाहर भी नही आए थे उनको अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया और अपने हाथ से उसकी छोटी सी मक्खन जैसी चिकनी चूत का मसाज करने लगे तो ऋतु के मूह से फॉरन ही सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआअहह जैसे आवाज़ें निकाल ने लगी और उसने अपनी टाँगें बोहोत चौड़ी कर ली और घुटने मोड़ के पूरी टाँगें खोल दी और अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को हमारी उंगलिओ से रगड़ने लगी. मैं ने पूछा कैसा लग रहा है ऋतु तो वो बोली के बोहोत अछा लग रहा है दीदी मुझे बोहोत मज़ा आ रहा है. मैं और अनु दोनो करवट से लेटे थे उसकी छोटे से चुचिओ के उभार को चूस रहे थे और उसकी चूत के दाने को उंगली से मसल रहे थे. थोड़ी ही देर मे ऋतु ने भी अपनी टाँगें बोहोत ज़ोर से बंद करली और हमारे हाथो को अपने जाँघो मे दबा के पकड़ लिया उसका बदन अकड़ गया था और फिर धीरे धीरे वो गहरी गहरी साँसें लेती हुई अपनी टाइट ग्रिप को लूस कर दिया और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी आवाज़ें निकालती हुई गहरी साँसें लेने लगी उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और उसकी कच्ची कुँवारी छोटी सी बेबी चूत मे से जूस निकलने लगा जिसे मैं ने अनु ने चाट लिया वाह क्या बताउ

 

कितना मीठा उसकी कुँवारी चूत का पहला जूस मज़ा ही आगेया उसका जूस चाटने मे..

 

अनु जो ऋतु की चूत को चाटने के लिए उतावली हो रही थी, अपने दोनो हाथ उसकी बगल मे डाल के उसको अपने नंगे बदन के ऊपेर खेच लिया और अपनी चुचिओ पे उसको बिठा लिया तो ऋतु भी अपने घुटने मोडके अनु के सीने पे बैठ गयी.

 

अनु की चुचिओ पे ऋतु की चूत थी जिसे अनु अपनी चुचिओ से रगड़ रही थी. अनु अपने निपल्स ऋतु के चूत के अंदर डाल के मसल रही थी फिर अनु ने ऋतु की गंद पे हाथ रख के अपनी ओर खेचा तो वो आगे की ओर स्लिप हो गयी और अनु ने ऋतु को अपने मूह पे बिठा लिया और उसकी छोटी सी मस्त चूत पे किस कर ने लगी. कमरा अंधेरा था पर हमारी आँखें अंधेरे मे देखेने के लिए अड्जस्ट हो चुकी थी. ऋतु की मूह से एक शब्द भी नही निकल रहा था वो हैरान हो रही थी के उसके साथ यह क्या हो रहा है और दीदी उसके साथ क्या कर रही है. अनु तो बड़े मज़े से ऋतु की चूत पे किस कर रही थी और अपनी ज़ुबान से चाट भी रही थी. शाएद ऋतु को भी अब मज़ा आने लगा था और वो भी ऑटोमॅटिकली अपने गंद आगे पीछे कर के अपनी बिना झटों वाली काउन्ली कुँवारी चूत को अनु के मूह पे रगड़ रही थी. अनु अपने पूरा मूह खोल को उसकी चूत को अपनी डातों से काटने लगी जिस से ऋतु को कुछ ज़ियादा ही मज़ा आने लगा और वो आआआआअहह द्द्द्द्द्द्द्द्द्दीईईइद्द्द्

 

द्द्द्द्द्द्द्दीईईईइ ऊऊऊऊओह क्क्कीईइआआआ कककककाआररर्र्ररर र्र्ररराआआहहिईीई हूऊऊओ हहाआआआआऐईईईईईईईई जसी आवाज़ें निकाल रही थी..

 

मैं ऋतु की चिकनी गंद पे हाथ फिरा रही थी और उसकी गंद के सुराख मे उंगली डालने की कोशिश कर रही थी पर उसकी गंद बोहोत ही टाइट थी जिस्मै मेरी उंगली भी नही जा रही थी. ऋतु तो अनु के मूह पे अपनी चूत को घिस्स रही थी. मैं ऋतु से बोली के हे ऋतु चल अब पलट जा और दीदी की चूत को भी प्यार कर तो उसको कुछ समझ नही आया और वो उठने लगी तो मैं ने कहा ऐसे नही पगली ऐसे और ऋतु को अनु के ऊपेर 69 की पोज़िशन मे सेट कर दिया. अब ऋतु अनु के मूह पे अपनी चूत रख लेती थी और अनु की चूत पे किस कर रही थी. अनु ने अपने टाँगें घुटनो से मोड़ ली और ऋतु का सर पकड़ के अपनी जाँघो के बीच चूत मे घुसा दिया और खुद अपना मूह खोल के उसकी पूरी की पूरी चूत की पंखाड़ियों को अपने मूह मे भर के काट डाला तो ऋतु का बदन फिर से अकड़ गया और वो काँपने लगी और कांपति हुई आवाज़ मे बोली के द्द्दीईईद्द्द्दीईईईईई म्‍म्मीईईईरर्र्ररराआआआआअ प्प्प्पीईस्स्स्श्ह्ह्हाआब्ब्ब्ब

 

नीइक्काआआआअल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल र्र्र्र्र्र्ररराआआहहाा हाआआआआईईईईईई डीईएद्द्दड़डीईई हहाययईईए सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊओौर वो बड़ी ज़ोर से हिलने लगी और फिर उसकी कुँवारी चूत मे से मीठा मीठा कुँवारा रस निकलने लगा जिसे अनु बड़े मज़े से चाट रही थी. जितनी देर ऋतु का ऑर्गॅज़म चलता रहा ऋतु ने अनु की चूत को चाटना बंद कर दिया था और उसका आकड़ा हुआ बदन धीरे धीरे रिलॅक्स होने लगा और वो गहरी गहरी साँसें लेने लगी शाएद उसकी ज़िंदगी का पहला ऑर्गॅज़म था उसका मूह अभी भी अनु की चूत के सामने था ऋतु के नाक से गहरी गहरी और गरम गरम साँसें निकल रही थी जो अनु की चूत को एक नया मज़ा दे रही थी. थोड़ी देर मे अनु ने अपने गंद उठा के अपनी चूत को ऋतु के मूह पे रगड़ना शुरू किया तो ऋतु भी शाएद समझ गयी के उसे क्या करना है और वो भी जैसा अनु ने उसकी चूत को काटा था और चूसा था एग्ज़ॅक्ट्ली वियसे ही अनु की चूत को चाटने और काटने लगी . अनु तो पुरानी खिलाड़ी थी, अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत ऋतु के मूह से रगड़ रही थी और फिर जब ऋतु ने भी अनु की चूत को अपने दांतो से पकड़ के काट डाला तो अनु ऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईई और आआआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स हहाआआआआआ जैसे आवाज़ें निकलने लगी और काँपते हुए झड़ने लगी, आँखें बंद करके झड़ती ही रही शाएद उसकी ज़िंदगी का सब से फर्स्ट क्लास ऑर्गॅज़म था जो एक छोटी सी कुँवारी लड़की के चाटने से उसको मिला था.

 

जब ऋतु अनु की चूत चाट चुकी तो मैं भी पीठ के बाल लेट गयी और ऋतु से बोली चल ऋतु अब मेरे पास आ जा और मुझे भी चखने दे तेरी कुँवारी चूत तो वो बिना कुछ कहे मेरे पास आ गयी और मेरे साथ डाइरेक्ट 69 की पोज़िशन मे हो गयी और डाइरेक्ट मेरी चूत मे मूह घुसा के चूसना चालू कर दिया. थोड़ी ही देर मे ऋतु चूत चाटने का स्टाइल समझ गयी थी. अभी उसको सही तरीके से ज़ुबान अंदर तक डालना समझ नही आया था इसी लिए वो थोड़ी थोड़ी देर मे चूत की पंखाड़ियों को काट रही थी ऐसे काटने मे भी बड़ा मज़ा मिल रहा था.. उसकी पतली लकीर जैसी चूत की पंखाड़िया अनु के चूसने और काटने से थोड़ी सी लाल हो गयी थी और थोड़ी सी सूज के मोटी भी गयी थी. मैं ने ऋतु से बोला के हे ऋतु अब इधर पलट जा और जैसे मरद लोग औरतों को चोद्ते है वैसे चोद तो उसकी समझ मे कुछ नही आया तो मैं ने उसको अपनी टाँगो के बीचे मे ले लिया फिर भी वो कुछ नही समझ सकी तो मैं ने उसको नीचे लिटा दिया और उसकी टाँगें खोल के अपने टाँगों को उसके टाँगो के बीच मे लंबा करके पीछे कर दिया और उसकी चूत से अपनी

 

चूत को रगड़ने लगी तो ऑटोमॅटिकली उसने अपनी टाँगें मेरे बॅक पे लपेट ली और मैं अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को उसकी चूत पे ज़ोर ज़ोर से मारने लगी जिस से पच पच पच की आवाज़ आने लगी और कमरे का महॉल सेक्सी हो गया.

 

अपने हाथो से उसकी छोटी छोटी लेमन साइज़ की चुचिओ को पकड़ के मैं उसकी चुचिओ को मसल्ने लगी पर उसकी चुचियाँ कुछ इतनी छोटी थी के मेरे हाथ मे पूरी नही आ रही थी तो मैं ने उसको अपने मूह मे ले के चूसना शुरू किया तो अनु ने अपना हाथ मेरे सर पे रख के अपनी छाती मे घुसा लिया और मज़े से उसकी आँखें बंद होने लगी. मैं ऋतु को ज़ोर ज़ोर से चोद रही थी मेरी चूत बोहोत ज़ोर से ऋतु की चूत पे पड़ रही थी मेरा जूस तो निकलने के लिए रेडी हो गया था पर मुझे पता नही चला के ऋतु कितने देर मे झड़ने वाली है तो मैं अब अपनी पोज़िशन चेंज कर के ऋतु के ऊपेर आ गयी और उसके मूह पे अपनी चूत को रख के रगड़ने लगी और उसकी चूत को चाटने लगी 69 की पोसीटिओज्ञ मे ऋतु घुटने मोड़ के लेटी थी. अपने हाथो को ऋतु की गंद के नीचे रख के थोड़ा सा उठाया तो ऋतु ने अपने टाँगें खोल दी तो मैं ने अपनी ज़ुबान उसकी चूत के अंदर ही अंदर ऊपेर नीचे करने लगी और उसकी चूत के दाने को अपने होंठो से पकड़ लिया और फिर धीरे से चूत के दाने को दांतो से काटा तो उसका बदन अकड़ गया उसके मूह से आआआआअहह द्द्ददडिईईईयययद्द्द्द्द्ददडिईईईईईईईईईईईई सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स निकला और उसने अपनी झंगो मे मेरा सर बड़ी ज़ोर से दबा के पकड़ लिया और झड़ने लगी उसकी चूत मे से मीठा मीठा जूस निकलने लगा जिसे मैं मज़े ले ले के पीने लगी और साथ ही मे भी इतनी मस्त हो गयी थी के उसके मूह को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगी. ऋतु का मूह उसके ऑर्गॅज़म के टाइम पे खुल गया था तो मेरी चूत के अंदर उसके दाँत लग रहे थे. मैं अपनी चूत को ऋतु के मुँह पर दबाते हुए झड़ने लगी और अपनी चूत का सारा रस्स ऋतु के खुले मूह मे डाल दिया जिसे वो बड़े मज़े से पी गयी. और बॅस इसी तरह से ऋतु भी हमारे साथ शामिल हो गयी. उसकी चुचिओ को चूसने की वजह से ही तो उसकी चुचियाँ अब कुछ दिखाई देने लगी है और पकड़ने के काबिल हुई हैं उसने हंस के कहा.

 

शालु से यह सब सुनते सुनते मेरा लंड अब बोहोत ही मस्ती मे आ चुका था पर शालु मेरे लंड को अपनी चूत मे ऐसे रगड़ रही थी जैसे वो अपनी उंगली से अपनी क्लाइटॉरिस का मसाज कर रही हो. जब मैं ने धीरे से एक धक्का मारा तो मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया तो वो चोंक गयी और पीछे हट ती हुई बोली के नही प्लीज़ राज यह नही करो ना

 

तुम चाहते हो तो मैं एक बार और चूस के तुम्हारी मलाई निकाल देती हू पर इसको अंदर नही डालो प्लीज़ एक तो तुम्हारा लंड इतना बाद मोटा और लोहे जैसा सख़्त है यह मेरी चूत को फाड़ डालेगा और मैं नही ले सकती इसको अंदर प्लीईईससस्स और फिर बदनामी भी होगी तो मैं ने कहा अरे क्यों फिकर करती हो तुम्है कुछ नही होगा मैं ने उसको केवाई जेल्ली ( क्रीम ) दिखाते हुए कहा के इस से तुम प्रेग्नेंट नही होगी और आसानी से मेरा लंड भी अंदर चला जाएगा तो उसने कहा नही प्लीज़ राज हम ऐसे ही मज़े ले लेते है ना और लंड को दबाते हुए बोली के इस मूसल को अंदर नही डालो प्लीज़ मैं तुम से बिनती करती हू भगवान के लिए मुझे छोड़ दो तो मैं ने कहा के अरे पगली भगवान के लिए छोड़ दू ?? , तो काइया भगवान आएगे तुम्हारी सील तोड़ने के लिए तो वो हस्ने लगी और बोली के बड़े शैतान हो तुम मेरा मतलब है के फॉर गोदस सेक लीव मी अलोन. मैं ने तो तय कर लिया था के आज तो शालु की चूत और गंद दोनो फाड़ना है और यह के ऐसा मोका फिर कब मिलेगा क्या पता. यह सब सोचा पर मैं ने उस से कुछ नही कहा और उसके मूह मे अपनी ज़ुबान डाल के किस करने लगा थोड़ी देर तक तो उसके बदन कई कोई मूव्मेंट नही हुई पर थोड़ी ही देर मे वो भी मेरी ज़ुबान को चूसने लगी शाएद उसको भी अब अछा लगने लगा था. मैं उसको किस करते करते उसकी चुचियाँ दबा रहा था निपल्स को थंब और उंगली के बीच मे मसल रहा था थोड़ी ही देर के बाद उसकी चूत के पंखदिओं मे उंगली डाल के उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा जिस से वो फुल मूड मे आ गयी और उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गयी. शालु बोहोत देर से मेरे लंड को अपनी चूत मे घिस्स रही थी और जब मे उसकी चुचिओ को चूस्ते हुए उसकी क्लाइटॉरिस को रगड़ रहा था तो उसके मूह से ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स हहाआआआआआआआआआआऐईईईईईईईईईईई जैसी आवाज़ें निकलने लगी और मेरे हाथ को अपने जाँघो मे दबा के पकड़ लिया और गहरी गहरी साँसें लेती हुई आँखें बंद किए हुए हिल हिल के झड़ने लगी. मैं अपने हाथ को उसकी टाइट बंद की हुई जाँघो मे ही रहने दिया. थोड़ी देर के बाद जब उसका झड़ना ख़तम हुआ और उसकी साँसें ठीक हुई तो उसने खुद से ही मुझे किस किया और मेरे लंड के डंडे को पकड़ के दबाती हुई बोली के थॅंक्स राज आज तुम ने बोहोत मज़ा दिया. मैं ने दिल मे सोचा के असली मज़ा तो अभी बाकी है मेरी शालु रानी.

 

शालु मेरे लंड को ऐसे ही दबाती रही और मैं उसकी चुचिओ को चूस्ता हुआ. सोच रहा था के कैसे चोदु !!! एक दम से मुझे ख़याल आया के जिसस स्टाइल से अनु को बिना वॉर्निंग के अचानक चोदा था वोही तरीका बेहतर रहेगा बॅस फरक सिर्फ़ इतना था के अनु को पता नही था के उसकी चूत ऋतु नही मैं

 

चाट रहा था और अचानक उसकी गीली चूत मे अपना लंड घुसा दिया था उसी तरह से शालु को भी चोद डालुगा पर उसको पता होगा के मैं उसकी चूत चाट रहा हू. यह सोचते ही मैं ने शालु को पीठ के बाल चित्त लिटा दिया और मैं उसके ऊपेर ऐसे लेट गया के मेरा लंड उसकी थाइस को लग रहा था और मैं उसकी चुचिओ को चूस रहा था. कभी एक निपल को अपने मूह मे ले के चूस्ता और दांतो से काट ता तो कभी दूसरी निपल को और कभी तो पूरी की पूरी चुचि को मूह मे ले के चूसने लगता और दूसरी चुचि को हाथ से मसल्ने लगता. इसी तरह से मैं थोड़ा थोड़ा नीचे को सरकने लगा और साथ मे उसके पेट पे किस किया ज़ुबान की नोक उसकी बेल्ली बटन मे डाली और गोल गोल घुमाया और फिर जब अपनी ज़ुबान की नोक थोड़ा और नीचे किया और उसके उठे हुए पेडू ( नवल ) पे किस किया तो वो मस्ती मे इतनी भर गयी के मेरे सर को पकड़ के अपनी चूत मे घुसा लिया और अपनी जाँघो से मेरे सर को कस्स के पकड़ लिया और अपनी गंद उठा उठा के मेरे मूह मे अपनी चूत को घुसाने लगी. मैं ने अपने दोनो हाथ उसकी गंद के नीचे रख के गंद को थोडा सा ऊपेर उठाया और उसकी चूत को चाटने लगा. अपनी जीभ उसकी चूत की पंखदिओं के बीच मे से ऊपेर और ऊपेर से नीचे करने लगा और जीभ की नोक से उसकी क्लाइटॉरिस से खेलने लगा तो उसकी गंद खुद ही ऊपेर उठाने लगी मेरे सर को अपने हाथो से पकड़ा हुआ था और अपनी चूत मे दबा रही थी. . शालु की चूत मे से जूस कंटिन्यू निकल रहा था. वो घुटने मोड़ के लेटी थी और मैं उसकी चूत मे मूह लगाए पैर पीछे करके लंबा लेटा था. ऐसे ही लेटे लेटे अपने लंड पे खूब बोहोत सी जेल्ली लगा के चोदने की तय्यरी करने लगा. मेरा लंड बेड से लगा हुआ था इसी लिए मैं थोड़ा सा अपने पैर मोड़ के घुटनो के बल थोडा सा ऊपेर उठ गया और अपने लंड पे खूब बोहोत सारी जेल्ली लगा दिया और शालु की नंगी गीली कुँवारी चूत पे अटॅक करने को मेरा 9” लंबा और 3” मोटा लुंडु मिज़ाइल रेडी हो गया.

 

शालु की कंप्लीट चूत को अपने दांतो मे ले के पान जैसा चबाया तो शालु मस्ती मे पागल हो गयी अपनी गंद को बेड से 1 फीट ऊपेर तक उठा दिया और मेरे सरर को पकड़ के मेरे मूह मे अपनी चूत को रगड़ने लगी. उसका बदन अकड़ गया था वो कमान की तरह से बेंड हो के ऊपेर को उठ गयी उसकी आँखें बंद और गहरी गहरी साँसें ले रही थी उसका बदन बड़ी ज़ोर से अकड़ चुका था और वो दीवानो की तरह से मेरे मूह को अपनी चूत से चोद रही थी और देखते ही देखते गगगगगगगगगगगगगगघह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऊऊऊऊऊऊओह रर्राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आआआआआआआआईईईईईई

 

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी आवाज़ें निकालती हुई बंद आँखो से और काँपते बदन से झड़ने लगी और झड़ती ही चली गयी उसकी चूत से ऐसे जूस निकालने लगा जैसे कोई दम टूट गया हो जैसे कोई फ्लड आ गया हो और जूस निकलता ही चला गया जिसे मैं मज़े से पी गया. मेरे चाटने से और काटने से शालु की चूत के लिप्स सूज के लाल गये थे और उसकी चूत मस्ती मे खुल बंद हो रही थी जिस से जूस टपक रहा था जैसे हनी कोंब से एक एक ड्रॉप कर के हनी टपकता है.

 

शालु की आँखें बंद थी वो गहरी गहरी साँसें ले रही थी. इतने टाइम झड़ने से उसका सारा बदन एक दम से ढीला पर चुका था और वो बेड पे ऐसे लेट गयी जैसे उसके बदन मे से जान निकल गयी हो उसके हाथ और पैर बे जान हो के बेड पे सीधे गिर चुके थे जैसे हाथो और पैरों की ताक़त ख़तम हो गयी हो और मुझे बॅस ऐसे ही मोक्के की तलाश थी. मैं एक ही मूव्मेंट मे अपनी जगह से उछल के शालु के ऊपेर उसकी दोनो टाँगो के बीच आ गया और अपने लंड को उसकी चूत के सुराख से सटा दिया और उस के ऊपेर झुक गया और बगल से हाथ डाल के उसके शोल्डर्स को अपने हाथो से टाइट कस्स के पकड़ के एक इतनी ज़ोर का धक्का मारा और गगगगगगगगगघहाआआआआअक्कककककककककककचह और ककककककककककककचहर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर की एक आवाज़ आई और घच के साथी एक ही झटके मे मेरा 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी कुँवारी चूत की सील तोड़ता हुआ किसी मिस्सिसले की तरह उसकी टाइट चूत को फाड़ता हुआ जड़ तक उसकी चूत की गहराइयों मे घुस्स गया और उसकी बच्चे दानी से टकरा के रुक गया. मेरा लंड उसकी चूत मे ऐसे घुस्स गया था जैसे कोई गरम गरम नाइफ मक्खन (बटर) मे घुस्स जाती है. उसकी चूत इतनी गरम थी जैसे चूत मे आग लगी हो मुझे लगा जैसे मेरा लंड किसी जलते हुए ओवेन या किसी गरम भट्टी मे घुस्स गया हो. शालु जो झड़ने की मस्ती मे डूब चुकी थी उसके हलक से एक बोहोत ही खोफ़नाक चीख निकल गयी ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममाआआआआआआआआआआआआआअ म्‍म्म्माआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगगगगगगगगाआआआआआआयययययययययईईईईई णीईीईईईईईईिकककककककककककााआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्राआआआअज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज हहाआआआऐईईईईईईई क्क्काआआम्म्म्म्म्मीईईन्न्न्न्न्न्न्नीईईईईए हहाआआआअटततटटटटटटटटटटतत्त वो मेरे सीने पे मार रही थी और वो दर्द से तड़पने लगी और मेरी ग्रिप से निकलने की कोशिश करने लगी और मुझे अपने ऊपेर से धकेलने लगी और उसका बदन बड़ी ज़ोर से काँपा और फिर अकड़ गया और मेरे

 

बदन से चिपक गयी उसकी बड़ी बड़ी हिरनी जैसी आँखो से आँसू निकल के बेड पे गिरने लगे. कमरे मे अंधेरा था लैकिन मुझे यकीन था के उसकी आँखें अपने सॉकेट से बाहर निकल गयी होंगी और उसकी आँखो से आँसू निकल रहे होंगे. मैं अपने मूसल लंड को उसकी चूत मे घुसाए हुए ऐसे ही उसके बदन पे लेटा रहा मेरा लंड उसकी चूत के अंदर फूल रहा था और उसकी टाइट चूत के मसल्स मेरे लंड के डंडे को टाइट पकड़े हुए थे सच मे बोहोत ही टाइट और बे इंतेहा गरम भट्टी जैसी चूत थी शालु की. मुझे डोर खुलने की आवाज़ आई, पलट के देखा तो ऋतु खड़ी थी और वो पहले से अग्रीड प्रोग्राम के मुताबिक एक ही मिनिट मे कमरे के अंदर घुस गयी और करीब पड़ी चेर पे बैठ गयी और हमारी चुदाई का मज़ा लने लगी. शालु को पता भी नही चला के ऋतु अब कमरे के अंदर आ चुकी है और उसकी कुँवारी चूत की सील टूटने का मज़ा ले चुकी है और अब हमारी चुदाई देख रही है.

 

थोड़ी देर तक शालु के मूह से कोई आवाज़ नही निकली तो मैं समझ गया के इतना बड़ा मोटा और लोहे जैसा सख़्त मूसल लंड उसकी छोटी सी कुँवारी चूत को फाड़ चुका है तो आब्वियस्ली वो ऑलमोस्ट बेहोश हो गयी होगी और शाएद हुआ भी ऐसा ही कियॉंके उसके हाथ मेरे बदन से निकल के बेड पे गिर गये थे और वो गहरी गहरी साँसें ले रही थी और मुझे यकीन है के उसकी आँखें भी बंद हो गयी होंगी अंधेरा था इसी लिए मुझे कुछ ज़ियादा नज़र नही आ रहा था. मैं अपना लंड उसकी चूत मे घुसाए हुए लेटा रहा. थोड़ी देर के बाद जब शालु का दिमाग़ काम करने लगा तो देखा के मेरा लंड तो उसकी चूत मे घुसा पड़ा है तो वो रोने लगी और मुझे अपने ऊपेर से धकेलने लगी और बोली के राज हटो प्लीईईससस्स निकालो इसे बाहर मुझे बोहोत दरद हो रहा है जलन हो रही है प्लीज़ निकालो इसे मेरी चूत मे ज़ख़्म हो गया है नीकलूओ प्लीएअसे वो रोने लगी और मेरे नीचे किसी जल बिन मछली की तरह तड़पने और मचलने लगी और अपने आप को मेरी ग्रिप से बाहर निकालने की कोशिश करने लगी बोली राज मैं तुम्हारी बिनती करती हू राज प्लीईएआसए निकालो इसे और हटो मेरे ऊपेर से प्लीईआसए मेरी ज़िंदगी बर्बाद ना करो पर मैं टॅस से मस्स नही हुआ और अपने लंड को उसकी चूत मे ही घुसाए उसके ऊपेर लेटा उसकी आँखों मे आँखें डाले देखता रहा. उसकी टाँगें घुटने से मूडी हुई थी और वो मुझे अपने ऊपेर से धकेल रही थी. मैं उसके ऊपेर ऐसे ही लेटा रहा मुझे यकीन था के जैसे ही उसकी छोटी फटी हुई टाइट चूत मेरे लंड को अड्जस्ट कर लेगी उसे मज़ा ही मज़ा आएगा और सच मे हुआ भी ऐसा ही.

 

थोड़ी ही देर मे वो शांत हो गयी चिल्लाना और तड़पना बंद हो गया था लैकिन लंड उसकी चूत से बाहर

 

निकालने की बिनती करती ही रही प्लीज़ राज निकालो ना मुझे बोहोत जलन हो रही है प्लीज़ बाहर निकालो बोहोत ही दरद हो रहा है तो मैं ने कहा के अब दरद नही होगा तुम्है कभी भी यह तो फर्स्ट और लास्ट टाइम का दरद है तो वो रोने लगी और बोली के मेरी ज़िंदगी बर्बाद करके क्या मिलेगा तुम्है और अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो शूसाइड करनी पड़ेगी प्लीएज ना राज मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हू तुम्हारे पैर पड़ती हू तुम जो कहोगे मैं करने को तय्यार हू पर इसे बाहर निकालो नही तो मुसीबत खड़ी हो जाएगी प्लीज़. मैं ने कहा कुछ भी करने को तय्यार हो ?? तो उसने कहा हा तो मैं बोला के मुझे तुम्हारी गंद मारनी है बोलो तय्यार हो. यह सुनते ही उसकी आँखें सॉकेट से बाहर निकल आई और बोली कीईईईईआआआआआआ ?? मेरी गंद मरोगे ??? पागल तो नही हो गये तुम.. अपने होश मे तो हो गंद मारोगे मेरी !!! अभी जी नही भरा क्या इतने बड़े और मोटे लंड से मेरी इतनी छोटी सी चूत को फाड़ के ?? तो मैं बोला के हा तो वो फिर से रोने लगी और बोली के तुमको मुझ पे दया नही आती राज इतना बड़ा मोटा लोहे जैसा सख़्त डंडा तो घुसा ही दिया है अब गंद भी मारने की बात कर रहे हो और यह मेरी गंद मे घुसेगा कैसे और अगर ज़बरदस्ती घुस भी गया तो मैं तो मर ही जाउन्गी तो मैं ने कहा के तो बॅस चुप चाप पड़ी रहो और चुदवालो तो वो कुछ नही बोली तो मैं समझ गया के अब वो चुदवाने पे रेडी तो हो गयी है और सोच लिया के उसकी गंद तो किसी भी हाल मे मारनी ही है चाहे खुशी और मज़े से मरवाए या ज़बरदस्ती तकलीफ़ से उसकी मर्ज़ी.

 

मेरा मूसल जैसा लंड शालु की टाइट चूत के अंदर घुसा हुआ था और चोदने को तय्यार था. कुछ ही देर के बाद मे धीरे धीरे से लंड को उसकी चूत मे अंदर बाहर करके चोदने लगा. जैसे ही चुदाई शुरू की तो उसकी तकलीफ़ बढ़ने लगी क्यॉंके मेरे मोटे लंड के डंडे के साथ साथ से उसकी चूत की अन्द्रूनि चमड़ी भी अंदर बाहर होने लगी थी. अभी तो मैं धीमी गति से लंड को अंदर बाहर कर रहा था. थोड़ी ही देर मे शालु का बदन कुछ रिलॅक्स हो गया और उसके ठंडे बदन मे गर्मी चढ़ने लगी अब उसने मुझे धकेलना बंद कर दिया था शाएद उसकी चूत मेरे लंड के साइज़ से अड्जस्ट हो गयी थी और उसको भी अब मज़ा आने लगा था. तीन चार बार लंड को आधा चूत से निकाल के अंदर तक घुसेड देता तो उसके मूह से हप्प्प्प्प्प्प्प्प्प हप्प्प्प्प और उउउउउउउउउउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्

 

ह्ह्ह जैसी आवाज़ें निकलने लगती और फिर पूरा लंड बाहर निकाल के एक बोहोत ज़ोर से झटके मारता तो उसके मूह से ऊऊऊऊओईईईईईईईईईईईइ म्‍म्म्मममाआआआआआआआ म्‍म्माअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर ग्ग्गाआययईईए ह्ह्हाआअय्य्य्य्य्यीईईईईईए जैसी आवाज़

 

निकल जाती और साथ मे उसकी चुचियाँ भी मस्त स्टाइल मे डॅन्स करने लगती. थोड़ी ही देर की चुदाई के बाद शालु को मज़ा आने लगा था और वो अपनी टाँगो को मेरी टाँगो से लपेट के अची तरह से चुदने को तय्यार हो गयी और अपनी गंद उठा उठा के अपनी चूत को मेरे लंड मे घुसाने की कोशिश करने लगी और अब उसने मेरे बदन को पकड़ लिया था और अपने पैर मेरी बॅक पे लपेट लिए थे और अपने पैरो से मुझे अपनी ओर खेच रही थी. अब मैं झटके तेज़ी से मार मार के चोदने लगा था. थोड़ी ही देर मे उसके मूह से निकलती तकलीफ़ की आवाज़ें मस्ती भरी आवाज़ों मे तब्दील हो गयी और वो आआआआआआहह ऊऊऊऊऊऊऊऊऊओह हहाआईईईई राआआआआजजजज्ज्ज्ज यइईईईहह क्क्काआईईईइस्स्स्स्स्स्स्स्स्साआआआआ म्‍म्म्मममममाआज़्ज़्ज़्ज़ाआआ हहाआऐईईई राआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज आआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआऐईईईईसस्स्स्स्स्स्स्सीईईईई हहिईीईईई कककककककचूऊऊऊद्द्द्दद्डूऊऊऊओ आआआहह आआऔउउउउउर्र्र्र्र्र ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ूऊररर्र्र्र्र्ररर सस्स्स्स्स्स्सीईईईई आआआआआहह ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ूऊररररर सस्स्स्स्सीईईईई आआआवउुुुुुुुउउर्र्र्र्र्र्ररर आअन्न्‍न्न्ँद्द्द्ड़ड़डीईएरर्र्र्र्र्र्र्र्ररर टत्त्टटत्त्ताआआआक्ककककककककक आआआआआईईईईईईईहह जैसी मस्ती भरी आवाज़ें निकालने लगी थी.

 

थोड़ी देर के लिए अपने लुंड को शालु की चूत मे ऐसे ही रखे बिना चोदे लेटा रहा और उसकी चुचिओ को अपने मूह मे ले के चूसने लगा तो उसने मेरे सर पे अपना हाथ रख लिया और अपनी छातियो मे मेरे सर को दबाने लगी और जैसे जैसे मैं उसकी चुचिओ को चूस रहा था तो शालु अपनी गंद उठा उठा के चुदाई के खुद ही मज़े ले रही थी और मुझे सिग्नल दे रही थी के चुदाई करू और मैं अब फिर से ज़ोर ज़ोर से पवरफुल धक्के मार मार के चोदने लगा उसके पैर मेरे बॅक पे लपेटे हुए थे और उसने मुझे पकड़ा हुआ था इस टाइम मज़े से पकड़ा था और मुझे धकेलना भी बंद कर दिया था. लंड अंदर बाहर अंदर बाहर कमरे मे प्प्प्प्प्प्पक्क्ककचह प्प्प्पक्क्क्कककककचह प्प्प्प्प्प्प्पक्क्क्ककककचह जैसी सेक्सी आवाज़ें आ रही थी और शालु के मूह से मस्ती भरी आआआआआआअहह राआआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज ब्ब्ब्बबबाआआसस्स्स्स्सस्स कककककककाआआररर्र्र्र्र्रूऊऊऊओ आआआआब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बबब

 

म्‍म्म्मममममाआआआआईयईईईई आआआआआआ र्र्र्र्ररराआआआअहीईईई ह्ह्हुउउउउउउउउउउउन्न्न्न्न्न्न्न्न आआआअरर्र्र्र्ररराआआहीईईईई ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउ आआआआआआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स माआऐययईईईईईईई आआआआररर्र्र्र्र्र्ररराआआआअहहिईीईईईईईईई ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउउउउउ आआआआआहह न्‍णननिईीईईईईईिककककककककाआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल गगगगगगगगगगगगाआआआययययययययाआआआआअ म्‍म्म्ममममीईईररर्र्ररराआआआ ज्जुउउउउउउईईcccccccccccईईईईईईई और एक दम से वो मुझ से बड़ी ज़ोर से चिपक गयी उसका बदन अकड़ गया अपने हाथो से और अपनी टाँगो से मुझे टाइट पकड़ लिया उसके मूह से ऊऊऊऊवगगगगगघह आागगगगगगगघह की आवाज़ें निकलने लगी और वो हिलते हुए झड़ने लगी. उसकी चूत से निकलता हुआ गरम जूस मुझे अपने लंड पे महसूस होने लगा. अब मुझ से भी सहन नही हो रहा था और एक फाइनल पवरफुल चूत फाड़ झटका मारा तो मेरा लंड फिर से उसकी चूत की गहराइयों मे घुस्स के उसकी बच्चे दानी से टकरा गया और उसके मूह से फिर से एक चीख हहाआआआआआआआयययययययययईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआ जैसी निकली और मेरे लंड मे से गरम गरम मलाई की मोटी मोटी धारियाँ उछल उछल के उसकी चूत को भरने लगी. मेरी गरम मलाई उसकी चूत मे गिरते ही वो फिर से झड़ने लगी. मेरे झटके अब स्लो होते होते रुक गये थे और मैं अपने नरम होते लंड को उसकी फटी हुई गीली चूत के अंदर ही रखे रखे उसके बदन पे गिर पड़ा तो उसके हाथ भी मेरे बदन से निकल के बेड पे गिर गये हम दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे दोनो निढाल हो के मदहोश हो चुके थे आँखें बंद किए गहरी गहरी साँसें ले रहे थे. अभी हम एक दूसरे के ऊपेर ही पड़े हुए थे कि अचानक कमरे की लाइट जल उठी और कमरा रोशन हो गया तो शालु चोंक गयी देखा तो डोर के पास ऋतु खड़ी मुस्कुरा रही थी और हम दोनो नंगे एक दूसरे के ऊपेर लेटे हुए थे. ऋतु को देखते ही शालु को शॉक जैसा लगा. ऋतु अपने दोनो हाथो से ताली ( क्लॅपिंग ) बजा बजा के मुस्कुरा रही थी और बोल रही थी बोहोत अच्छे राजा बाबू. वाह शालु दीदी क्या सीन था मज़ा आ गया तो शालु शर्मा गयी और अपने नंगे बदन को अपने हाथो से छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी. ऋतु क्लॅपिंग करते करते बेड के करीब आ गयी और बोली के दीदी मैं तो आपकी खोफ़नाक चीख सुन के डर ही गयी थी और यह सोच के अंदर आई थी के शाएद आप किसी चीज़ से डर गयी होगी पर अंदर

 

आई तो यहा का मस्ती भरा महॉल कुछ और ही था तो मैं भी मज़े लेने लगी. शालु ने मुझे अपने ऊपेर से धकेल के हटा दिया और मैं लुढ़क के उसके बाज़ू मे नंगा ही लेट गया.

 

जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकला शालु की चूत मे से खून और हम दोनो की मिक्स मलाई शालु की फटी चूत से टपक के बेड पे गिरने लगी जिसे देख के ऋतु के मूह से निकला वाउ दीदी आज तो तुम लड़की से औरत बन गयी हो और राजा बाबू ने तुम्हारी नयी कुँवारी चूत की सील तोड़ डालीतो शालु थोड़ा सा उठ गयी और देखा तो उसकी चूत मे से सच मे खून और हमारी मलाई निकल रही थी जिसे देख के वो डर गयी और रोने लगी और बोली के राज तुम बड़े खराब हो आख़िर मुझे बर्बाद कर ही दिया तुम ने और अगर अब मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो सिवाए स्यूयिसाइड के कोई और रास्ता नही रहेगा. मैं ने कहा शालु मेरी जान तुम कोई फिकर ना करो यह खून तो सील के टूटने का है और यह खून तो सिर्फ़ एक ही टाइम निकलता है. तुम्हारी सील को भी कभी ना कभी तो टूटनी ही थी ना और अगर कल के बदले आज टूट गयी तो क्या प्राब्लम है तो उसने कहा और अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो ?? तो मैं ने उसके हाथ मे की जेल्ली का डिब्बा थमा दिया और बोला के फिर से देखो और पढ़ो इसको इस्मै लिखा है के यह लूब्रिकॅंट और स्परमिसाइडाल है. इस के इस्तेमाल से लंड और चूत चिकने और स्लिपरी हो जाते है और फर्स्ट टाइम चुदाई मे आसानी हो जाती है तुम ने देखा नही के मेरा लंड कितनी आसानी से एक ही झटके मे कैसे आसानी से चूत के अंदर घुस्स गया था तो वो मुझे धीरे से एक थप्पड़ मारती हुई बोली के आसानी ?? कैसी आसानी तुम्है क्या पता के मुझे कितना दरद हुआ मानो जैसे किसी ने मेरी चूत के अंदर बड़ा सा गरम चाकू (नाइफ) घुसा दिया हो इतनी तकलीफ़ तो हुई थी मुझे मुझे लगा था के मेरा बदन दो भागो मे किसी ने काट डाला हो और तुम कह रहे हो के कितनी आसानी से अंदर घुस्स गया बड़े शैतान हो तुम राज आख़िर तुम ने मेरी कुँवारी चूत को फाड़ ही डाला तो मैं ने मुस्कुरा के शालु को किस किया और बोला के आइ लव यू मेरी शालु जान आइ लव यू उसने भी मुझे वापस किस किया और बोली के तुम बोहोत बदमाश हो नेक्स्ट टाइम ऐसा कुछ नही करना मैं ने कहा हा नेक्स्ट टाइम ऐसा नही करूगा क्यॉंके अब क्रीम की ज़रूरत ही नही रही तो वो प्यार से एक थप्पड़ मार के मुस्कुरा दी और मुझे इशारा मिल गया के शालु को चुदाइ का मज़ा आया है और नेक्स्ट टाइम उसको चोदने का रास्ता सॉफ हो गया है..

 

वो जेल्ली के डिब्बे पे लिखा पढ़ने लगी तो उसके चेहरे पे कुछ इत्मीनान दिखाई देने लगा. शालु अपनी चूत को सहलाते हुए बोली के राज मुझे बोहोत दरद हो रहा है तो मैं ने कहा कोई फिकर की बात नही है तुम बाथरूम मे जा के गरम पानी से शवर लेलो उसके बाद ऋतु तुम्हारी चूत को बड़े प्यार से चूमेगी चाते गी तो सारा दरद जाता रहेगा तो वो अजीब नज़रों से मुझे देखने लगी तो मैं समझ गया के वो क्या सोच रही है तो मैं ने शालु से कहा के तुमको फिकर करने की ज़रूरत नही ऋतु भी आज ही लड़की से औरत बनी है और उसकी सील भी इसी बिस्तर मे और आज ही टूटी है. यह सुनते ही शालु की आँखें फटी की फटी रह गयी और ऋतु हसणे लगी और बोली के दीदी यह राजा बाबू बड़े शैतान है देखा कैसे हमको अपने जाल मे फँसाया और पता नही अनु दीदी के साथ भी कुछ किया या उनकी बारी बाद मे आने वाली है तो मैं हंस दिया और बोला के तुम दोनो किसी बात की फिकर ना करो अनु तो सब से पहले औरत बन चुकी है उसकी सील को टूटे हुए एक वीक हो गया है और तुम दोनो का नंबर तो बोहोत बाद मे आया है तो ऋतु और शालु दोनो का मूह खुला का खुला रह गया और आँखें हैरत से चौड़ी हो गयी उन्हें यकीन ही नही हो रहा था के मैं ने तीनो देविओ की कुँवारी लेज़्बीयन चूतो को जिन्हो ने कभी लंड का मज़ा नही लिया था उनकी चूतो को चोद के फाड़ डाला है और उन तीनो की चूतो को लंड से चुदाई का मज़ा चखाया है..

 

मेरा लंड कुछ सॉफ्ट हो चुका था क्यॉंके सुबह से चुदाई मे और चुसाई मे बिज़ी था. ऋतु ने चूसा फिर मैं ने उसको चोदा और गंद मारी फिर शालु ने चूसा और फिर मैं ने उसको भी चोदा तो लंड को थोडा तो रेस्ट चाहिए ही था इसी लिए मेरा लंड कुछ सॉफ्ट हो गया था. मैं नंगा ही लेटा रहा और शालु उठ के बाथरूम मे चली गयी और ऋतु बेडशीट उठा के वॉशिंग मशीन मे डालने को वॉशिंग रूम मे चली गयी. मैं लेटे लेटे अपने लंड को प्यार से सहलाते सहलाते यह सोच रहा था के मेरा लंड भी कितना लकी है जिसे तीन देविओकी तीन कुँवारी टाइट चूतो को चोदने और उनकी छोटी चूतो की सील तोड़ने का मोका मिला था वाह तेरी भी किस्मेट है रे .

 

ऋतु बेडशीट वॉशिंग रूम मे डाल के वापस आई तो मैं ने उसको किस किया और उसके कपड़े उतार दिए और उसकी चुचिओ को चूसा और चूत को अपने हाथो से सहलाया और उसको नेक्स्ट प्रोग्राम समझा दिया और बोला के अब बाथरूम मे चलो मैं भी आता हू और हम तीनो मिल के शवर लेंगे.

 

ऋतु नंगी ही बाथरूम मे चली गयी जिसे देखते ही शालु मुस्कुराने लगी और बोली के चल अंदर आ जा और गरम गरम

 

पानी से मेरी चूत किस सिकाई कर और धो डाल तो ऋतु शवर के नीचे आ गयी और अपनी हाथो से शालु की चूत को साबुन लगाया और प्यार से धोने लगी और गरम गरम पानी से उसकी सूजी हुई चूत की सिकाई करने लगी. गरम गरम पानी चूत मे लगने से शालु की चूत कुछ शांत पड़ने लगी थी और अब उसको ऋतु के हाथ का मज़ा आने लगा था. मैं भी नंगा ही बाथरूम मे घुस्स गया और देखा के ऋतु बड़े प्यार से शालु की चूत को धो रही है और बड़े प्यार से सहला रही है और शालु की आँखें एक बार फिर से मस्ती मे बंद हो गयी है तो मैं फॉरन समझ गया के आख़िर दोनो है तो लेज़्बीयन ही ना लड़की का हाथ लड़की की चूत पे लगे तो मज़ा आना ही था मैं यह सोच के मुस्कुराता हुआ शवर के नीचे आ गया. शवर के नीचे आते ही शालु ने आँख खोली और मुझे नंगा शवर के नीचे देखा तो बोली अब क्या करने आए हो यहा थोड़ा वेट नही कर सकते थे क्या तो मैं ने कहा के मेरा लंड भी तो सुबह से बिज़ी था और थक्क चुका है इसे भी गरम पानी से धोने की ज़रूरत है और मैं ने अपनी गंद आगे कर के लंड को शालु के सामने कर दिया और बोला के चलो इसे भी धो डालो इस पे तुम्हारी कुँवारी चूत की सील टूटने का खून लगा है तो वो पहले तो ऋतु की मोजूदगी मे शरमाई फिर आख़िर लंड को पकड़ के साबुन लगा के खून और मलाई दोनो को रगड़ रगड़ के धोने लगी. उसका हाथ लगते ही मेरे लंड मे एक नयी जान सी आ गयी और लंड फिर से झटके मारता हुआ खड़ा होने लगा जिसे ऋतु हैरत से देखने लगी और बिना कुछ सिग्नल दिए अपने हाथ मे ले के दबाने लगी और फिर शालु के सामने कर दिया और बोली के लो दीदी इसे तुम ही संभलो अब इसका इलाज तुम ही करो तो शालु मेरी तरफ हैरत से देखने लगी और लंड को दबा के मुस्कुराते हुए बोली के एह तो फिर से खड़ा हो रहा है तो मैं ने कहा के यह भी तुम्हारी मस्त मक्खन जैसी चूत का दीवाना हो गया है और तुम्हारी चूत को देखते ही खड़ा हो के सल्यूट करने लगा है तो वो लंड को और ज़ोर से दबा के बोली के बड़े शैतान हो तुम अभी चुदाई करके जी नही भरा तुम्हारा तो मैं ने कहा मुझ से क्या पूछ रही हो और अपने लंड की तरफ इशारा कर के कहा के इसी से पूछ लो के इसका जी तुम्हारी मस्ती चिकनी चूत से भरा है या नही तो वो कुछ नही बोली बस लंड को रगड़ के धोने लगी..

 

ऋतु ने शालु के हाथ से मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया और प्यार से सहलाने लगी और थोड़ी देर ऐसे ही दबाने के बाद मेरे लंड को पकड़े हुए धीरे से डाइरेक्षन चेंज किया और नीचे बैठी हुई शालु के मूह की तरफ लंड का सूपड़ा कर दिया तो शालु गुस्से से ऋतु को देखने लगी तो ऋतु ने मेरे रॉकेट की तरह से खड़े हुए लंड की तरफ इशारा कर के कहा दीदी इसे तो देखो यह आज सुबह से ही बिज़ी है और इस्मै से एक बकेट जितनी

 

मलाई निकल चुकी है और फिर भी कैसे मिसाइल की तरह से खड़ा है जैसे फाइरिंग के लिए तय्यार हो तो शालु हंस पड़ी और बोली के ऐसे मिज़ाइल से तू ही खेल मुझे नही चाहिए ऐसा मिज़ाइल. ऋतु बोली के दीदी आप भी थोड़ा सा टेस्ट कर लो ना और मैं ने भी अपनी गंद को थोडा आगे कर के लंड को शालु के मूह की ओर पुश किया लंड शालु के मूह से लग गया पर उसने मूह नही खोला तो मैं ने उसके सर के पीछे अपने हाथ से पकड़ के धक्का मारा तो उसका मूह खुल गया और लंड उसके मूह मे घुस्स गया जिसे उसने थोड़ी देर के बाद चूसना शुरू किया. मेरी मलाई तो अभी निकलने वाली नही थी इसी लिए मैं ने सोचा के थोड़ी देर शालु मेरे लंड को चूस ले फिर ऋतु से चुस्वाउँगा.

 

थोड़ी देर के बाद मैं ने शालु के मूह से अपना लंड निकाल लिया और ऋतु को नीचे बिठा दिया और उसके मूह मे दे दिया जिसे वो अब मेरी गंद पे हाथ रख के अपनी ओर खचते हुए बड़े मज़े से किसी मीठे लॉली पोप की तरह चूसने लगी. ऋतु मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे वो एक ही दिन मे एक्सपर्ट हो गयी हो. ऋतु घुटनो के बल बैठी लंड चूस रही थी और मैं अपनी गंद आगे पीछे कर के उसके मूह को चोद रहा था. अब मैं ने शवर बंद कर दिया था और दोनो शालु और ऋतु बाथरूम की शवर ट्रे मे दीवार से पीठ लगाए अपने अपने पैर लंबे करके बैठे थे और अब मैं ने उन्दोनो के पैरो को अपने पैरो के बीच कर लिया और अब मेरा लंड दोनो के मूह के बीचे मे ऐसे लहरा रहा था जैसे कोई नाग साँप सपेरे के बीन बजाने से लहरा रहा है. लंड के डंडे को अपने हाथो से पकड़ के दोनो के गालो (चीक्स) को धीरे से मारा. लंड मे से जो प्री कम निकल रहा था वो दोनो के गाल पे लगा. अब फिर से मैं ने अपने मस्ती मे लहराते लंड को शालु के मूह मे ठोस्स दिया और उसका मूह चोदने लगा. थोड़ी देर के बाद उसके मूह से लंड को निकल के ऋतु के मूह मे घुसेड दिया तो वो ऐसे चूसने लगी जैसे किसी छोटे बचे को बोहोत दीनो बाद लॉली पोप मिला हो बड़ी बे सबरी से चूसने लगी और बिना मेरे उसके मूह को चोदे ही वो मेरे लंड को अपने हलक तक ले रही थी जिस से मेरे लंड का चिकना सूपड़ा एक दम से सेन्सिटिव हो गया था. ऋतु के चूसने का स्टाइल इतना मस्त था के मुझे थोड़ी ही देर मे लगने लगा के अब मेरी मलाई निकल जाएगी. इतना मज़ा किसी के चूसने मे भी नही आया था जितना अब ऋतु के चूसने से आ रहा था. और हुआ भी यही मेरा लंड आउट ऑफ कंट्रोल हो गया और ऐसे लगा जैसा लंड की मलाई मेरे सारे बदन से निकल रही हो और उछल के ऋतु के हलक मे पहले शॉट गिरा तो मैं ने जल्दी से लंड को उसके मूह से खेच लिया अभी उसकी आँखें हैरान ही थी के मैं ने लंड क्यों निकाल लिया, मैं ने अपने लंड को बड़ी तेज़ी से शालु के मूह मे घुसेड दिया और यह उसके लिए अचानक हुआ था

 

इसी लिए उसका मूह खुल गया और मलाई का नेक्स्ट शॉट शालु के मूह मे गिरा और फिर शालु के मूह से भी लंड को खेच के निकाल लिया और बारी बारी दोनो की नंगी चुचिओ पे मलाई की धार मारने लगा. गरम गरम मलाई की मोटो मोटी धारियाँ दोनो की चुचिओ पे पड़ी थी. जैसे ही मेरे लंड से मलाई निकलना बंद हो गयी मैं ने अपने लंड को ऋतु की छोटी सी लाइट ब्राउन निपल पे रगड़ा फिर शालु की गुलाबी निपल पे लंड के सूपदे को रगड़ा और अपनी क्रीम को उन दोनो की चुचिओ पे स्प्रेड कर दिया जैसे डबल रोटी (ब्रेड) पे क्रीम, जाम या क्रीम स्प्रेड की जाती है.

 

शवर खोल के हम तीनो ने एक साथ ही स्नान किया एक दूसरे को खूब साबुन लगा के रगड़ रगड़ के नहाए. अब शालु की शरम भी ख़तम हो गयी थी. वो भी नंगे ही कंफर्टबल फील कर रही थी. स्नान करने के बाद हम तीनो बाथरूम से बाहर आए और टवल से अपना बदन ड्राइ किया. अब बारिश रुक चुकी थी पर अभी भी बारिश की वजह से ठंड पड़ रही थी पर हमारा कमरा गरम था और मैं भी गरम था अपने सामने दो दो मक्खन जैसी नंगी और चिकनी चिकनी चूतो को देख के मेरा लंड भी गरम हो गया था ऐसा लगता था के आज ओवरटाइम करने को रेडी हो..

 

अब हम तीनो को कुछ भूक लगने लगी थी तो मैं ने ऋतु से बोला के ऋतु ज़रा नीचे से जा के कुछ खाने को और पीने को जूस या कोक तो ले के आजा मुझे पता था के शालु को कोक इतना पसंद था के अगर वो सोई हुई भी हो और उस से पूछा जाए के शालु कोक पिएगी तो वो बेड से उठ जाएगी और कोक पीक फिर से सो जाएगी यह सुनते ही शालु बोली के मेरे लिए तो कोक ही ला ले ऋतु.

 

ऋतु नीचे गयी और थोड़े से चॉक्लेट्स, थोड़े से केक, कुछ ड्राइ फ्रूट्स और क्रीम बिस्किट्स और कोक और दूसरे ड्रिंक्स ले के आ गयी और प्रोग्राम के मुताबिक ऋतु ने कोक की बॉटल मे आधी के करीब विस्की मिला दी थी यह सब ले के वो ऊपेर आ गयी और हम तीनो बैठ के खाने और पीने लगे. मेरे लिए तो एप्पल जूस था और ऋतु और शालु ने कोक ही लिया. मैने अपनी उंगली मे चॉक्लेट केक्स के ऊपेर से चॉक्लेट की क्रीम निकाल के ऋतु की दोनो चुचिओ पे लगा दिया और एक चुचि को मूह मे ले के चूसने लगा तो दूसरी चुचि को शालु ने अपने मूह मे ले के चूसना शुरू कर दिया. ऋतु ने अपने हाथ मे खूब बोहोत सारी चॉक्लेट क्रीम ले के शालु के पेट और चूत पे मलना शुरू कर दिया तो शालु ने अपनी टाँगें चौड़ी कर के उसको क्रीम लगाने मे सहायता दी. ऐसी ही मस्ती करते करते हम कुछ खाने और पीने लगे. शालूने कोक की बॉटल अपने मूह से लगाई और एक ही घूँट मे आधी से ज़ियादा बॉटल कोक की पी गयी और मूह अजीब सा बनाते हुए बॉटल मूह से निकालते हुए बोली के हे ऋतु यह कैसा कोक है री कही खराब तो नही हो गया कैसा अजीब टेस्ट है इसका कब से फ्रिड्ज मे रखा हुआ है तो उसने बोला के नही दीदी यह तो कल ही लाए है बाज़ार से कोक को तो कुछ भी नही हुआ अछा ही है और मुस्कुराते हुए बोली के हो सकता बाबू के लंड से निकली मलाई खाने से आपका मूह का टेस्ट कुछ चेंज हो गया होगा तो उसने कुछ बोला नही और बॉटल उठा के एक और लंबा घूँट भरा और बोली के कुछ टेस्ट अजीब ज़रूर है पर है बड़ा मज़े दार और देखते ही देखते शालु ने बॉटल को खाली कर दिया उसे क्या पता था के वो कोक और शराब का मिक्स्चर पी रही है.

 

ऋतु ने पूछा दीदी और लाउ की कोक ? तो शालु बोली के हा प्लीज़ ऋतु एक और बॉटल ले का आजा ना तो ऋतु फिर से नीचे गयी और एक बॉटल मे आधी विस्की मिक्स कर के ऊपेर ले के आगयी. ऋतु के ऊपेर आने तक मे शालु को बेड पे लिटा के उसके चूत पे से चॉक्लेट क्रीम चाटने लगा था और शालु भी अब फुल मस्ती मे आ गयी थी शाएद शराब का नशा चढ़ रहा था जिसकी वजह से वो अब अपनी चूत की चुसाई का भरपूर मज़ा ले रही थी और अपने टाँगें मोड़ के मेरे सर पे हाथ रखे अपनी चूत मे मेरे मूह को घुसा रही थी और रगड़ रही थी और अब वो बोलने लगी थी के आआहह राआज्जजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज बोहोततत्त माआज़्ज़ाआआआआ आआआआआआअ हह र्र्राअह्ह्ह्हाआ हहाआऐईईईईईई आआआआईईईई और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्

 

स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ के साथ ही अपनी गंद को बेड से 2 फीट ऊपेर उठा के मेरे मूह मे चूत रगड़ते हुए झड़ने लगी उसकी आँखें बंद हो गयी थी उसकी चूत की पंखाड़िया तो पहले से गुलाभी थी ही और अब अंदर से एक दम से लाल हो गयी थी.

 

थोड़ी देर के बाद उसने आँखें खोली और देखा के ऋतु ऊपेर आ चुकी है तो वो बेड से उठी पर नीचे फ़राश पे पैर रखते ही लड़-खड़ा गयी और गिरते गिरते बची और बोली के यह मुझे क्या हो रहा है मेरा सर क्यों घूम रहा है तो ऋतु बोली के दीदी तुम इतने टाइम झाड़ चुकी हो ना इसी लिए शाएद वीकनेस महसूस हो रही होगी आओ और कुछ केक और बिस्किट्स खा लो तो शाएद ठीक हो जाओगी तो वो आके बैठ गयी और केक और ड्राइ फ्रूट्स खाने लगी और अब कोक की बॉटल से धीमी धीमी चुस्कियाँ लेती रही और बोली के ऋतु यह कोक का टेस्ट भी वैसा ही है तो ऋतु मुस्कुरदी पर कुछ बोली नही. हम तीनो नंगे ही एक दूसरे के साथ मस्तियाँ कर रहे थे.

 

अब शालु को शराब का नशा चढ़ रहा था तो वो ऋतु से बोली के हे ऋतु राज ने तुझे भी चोदा क्या तो ऋतु हंस पड़ी और बोली के दीदी अभी तो मैं हंस रही हू पर सुबह जब मुझे चोदा था ना तब मैं बोहोत रोई थी तो शालु ने नशे मे झूमते हुए मेरी तरफ इशारा करते हुए कहा के हा जब इस ने मुझे चोदा था ना तब मुझे भी बोहोत तकलीफ़ हुई थी पर अब चूत के अंदर अछा लग रहा है.

 

अब शालु शराब के नशे मे एक दम से फ्री बात कर रही थी. ऋतु ने बोला के दीदी राजा बाबू ने आज मेरी गंद भी मारी और मुझे बोहोत दरद हुआ तो शालु बोली के हा हुआ होगा अभी तू छोटी है ना और तेरी गंद भी छोटी है और यह साले का लंड घोड़े जैसा है इसी लिए तुझे दरद हुआ होगा तो ऋतु बोली के दीदी मुझे यकीन है के यह लंड जब तुम्हारी गंद मे घुसे गा तो तुम्हारी भी गंद फॅट जाएगी तो वो नशे मे झूलते हुए अपने सीने को ठोकति हुई बोली के चल हट साली तू क्या समझती है मुझे. मुझे अब कुछ भी दरद नही हो सकता मैं एक टाइम इसी लंड से चुद चुकी हू और मेरी सील टूट चुकी है अब मुझे तकलीफ़ नही होगी तो ऋतु बोली के नही दीदी सच मे तुम्है भी दारद होगा. यह एक ट्रिक थी जिस से शराब के नशे मे धुत्त आदमी सब कुछ करने को और करवाने को रेडी हो जाता है. शालु बोली चल इसी बात पे लगा ले शर्त मुझे कुछ नही होगा तो ऋतु बोली के बोलो दीदी क्या शरत लगओगि तो शालु बोली के मेरी गंद मारने के बाद तू भी अपनी गंद मरवाएगी तो ऋतु बोली के ठीक है दीदी चलो कोई बात नही अब आप आ जाओ बेड पे. इतनी देर मे शालु को नशा चढ़ने लगा था.

 

शालु नशे मे झूमते हुए खड़ी हो गयी और बेड की तरफ हाथ से इशारा करते हुए बोली चल साले राज किधर है तू भेन्चोद आ जा और मार मेरी गंद मैं भी देखती हू तेरी गंद मे कितना दंम है भेन्चोद चूतिया साला ज़रा लंड बड़ा क्या है नखरे करता है ऋतु की गंद मार के खुश है साला. ऋतु की गंद मार के खुश है साला आजा अब मेरी गंद मार मैं भी देखती हू तेरे लौदे मे कितना दम है साले ज़रा लौदा बड़ा और मोटा है तो बोहोत नखरे दिखा रहा है भेन्चोद पर तुझे क्या मालूम शालु की गंद मे कितना दंम है तेरे जैसे लौदे से शालु डरने वाली नही समझा मादर चोद शालु भी किसी रंडी से कम नही चल आ जा साले क्या समझता है अपने आप को तेरे जैसे दो दो लौदे भी आ जाए तो शालु का कुछ नही बिगाड़ सकते एक चूत मे ले लूँगी और एक गंद मे आराम से डलवा के गंद मर्वाउन्गि चल आ भेन्चोद तेरी भेन को चोदु चल इधर आ साले. वो नशे मे धुत्त थी और गालियाँ निकाल रही थी और कंटिन्यू एक ही बात बोल रही थी और अपनी गंद मारने को बोल रही थी.

 

ऋतु उसकी ज़ुबान से ऐसे गलियाँ सुन के हैरान रह गयी थी और मुस्कुराते हुए बोली के अछा दीदी ऐसा करते है मैं बेड पे लेट जाती हू और तुम मेरे ऊपेर आ जाओ और हम थोड़ी देर एक दूसरे की चूते चाटेंगे और जब तुम मस्ती मे चूर हो जाओ तो राजा बाबू तुम्हारी गंद भी मार देंगे आज आओ और ऋतु नंगी बेड पे अपने पैर फैला के लेट गयी और साथ ही शालु भी बेड पे चढ़ गयी और ऋतु के साथ डाइरेक्ट 69 की पोज़िशन मे आ गयी. ऋतु नीचे पीठ के बल लेटी थी. शालु उसके बदन के दोनो तरफ घुटने मोड़ के पर्फेक्ट 69 पोज़िशन मे आ गयी. शालु घोड़ी बनी ऋतु के ऊपेर थी. मैं भी की जेल्ली का ट्यूब अपने हाथ मे ले के बेड पे चढ़ गया.

 

मेरा लंड तो शालु के मूह से ऐसी गालियाँ सुन के और एक और नयी गंद मारने के ख़याल से खुशी मे झूम रहा था और कुछ ज़ियादा ही अकड़ गया था और लोहे जैसा सख़्त हो चुका था और स्प्रिंग की तरह से हिल हिल के शालु के ब्रांड न्यू कुँवारी गंद को सल्यूट कर रहा था और ऐसे पिंक मस्त गंद देख के मेरे लंड के मूह से लार भी टपकने लगी थी. ऋतु अपने हाथो को शालु के चूतदो पे रख के नीचे अपनी ओर खेच के शालु की चिकनी चूत को चूसने लगी और शालु अपना मूह ऋतु की चूत मे घुसा के उसकी चूत को चाटने लगी दोनो मज़े से सिसकारिया ले रहे थे. शालु की खुली हुई टाँगो के बीच मे से उसकी चिकनी चूत की पंखाड़िया किसी नारंगी की फाँक की तरह से फूली लग रही थी जिसमे से रस भी टपक रहा था जिसे ऋतु बड़े मज़े से चाट रही थी. ऐसे ही चाट ते चाटते दोनो मस्तियाँ कर रहे थे और थोड़ी ही देर मे शालु अपने पैर सीधे कर के ऋतु के ऊपेर लेट गयी पर ऋतु के पैर अभी भी घुटनो से मुड़े हुए थे और वो शालु का सर पकड़ के अपनी चूत मे घुसा रही थी और उसी तेज़ी से शालु की चूत को भी चाट रही ही. शालु फुल मस्ती मे आ चुकी थी और उसकी टाइट गोरी गांद का गुलाबी छेद मेरे लंड को अंदर आने की दावत दे रहा था. शालु अपनी गंद उठा उठा के ऋतु के मूह को चोद रही थी और इसी पोज़िशन मे उसके चूतड़ खुल बंद हो रहे थे.

 

मैने जेल्ली के डिब्बे को बेड पे रख दिया और शालु के पीछे अपने घुटने मोड़ के उसके ऊपेर बैठ के पीछे से ही उसकी खुली चूत मे अपने लंड के सूपदे को रगड़ने लगा और ऋतु अब शालु की चूत और मेरे बॉल्स को अपनी ज़ुबान से चाट रही थी. शालु अपना मूह पीछे मोड़ के मेरे से बोली क्या देखता है साले भेन्चोद मार शालु की गंद चल घुसा दे तेरा मोटा लौदा मेरी गंद मे. मैं सोच रहा था के अभी तो मैं झड़ने

 

वाला नही हू तो क्यों ना पहले उसको थोड़ी देर पीछे से ही चोदु. मेरे लंड मे से प्री कम निकल रहा था और शालु की गीली चूत मे लग रहा था. शालु की चुचियाँ इतनी मस्त थी के ऐसी पोज़िशन मे लटक भी नही रही थी एक दम से टाइट थी तो मैं अपने हाथ उसके चुचिओ पे रख के दबाने और मसल्ने लगा जिस से वो कुछ और जोश मे आ गयी और अपनी गंद को पीछे धकेला तो मेरे लंड का मोटा सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे अटक गया. अभी मई धक्का मारने का सोच ही रहा था के शालु ने अपनी गंद को पीछे कर के एक और धक्का मारा तो मेरा तकरीबन आधा लंड उसकी गीली चूत मे घुस्स गया. ऋतु अब मेरे लंड के डंडे को और शालु की चूत दोनो को अपनी ज़ुबान लगा के चाट रही थी. मैने उसकी चुचिओ को पकड़ के और अपने लंड को उसकी चूत से पूरा बाहर निकाल के एक ज़ोर का धक्का मारा तो शालु के मूह से आआआययययययययययईईईईईईई निकल गया और मेरा मूसल लंड उसकी खुली चूत मे पूरे का पूरा जड़ तक अंदर घुस्स गया. मैं शालु के बदन पे लेट गया और अब मैं उसके शोल्डर्स को पकड़ के लंड को उसकी चूत से पूरा बाहर निकाल निकाल के चोद रहा था ऐसे पोज़िशन मे मेरा लंड शालु की टाइट चूत मे पूरे का पूरा अंदर तक घुस्स रहा था. शालु अब मज़े से चुदवा रही थी. शालु नशे मे धुत्त थी और चूत मे लंड का मज़ा और ऋतु की ज़ुबान का मज़ा ले रही थी और आआआअहह ईईईईईहह जैसी आवाज़ें निकाल रही थी. अब मेरे धक्के के साथ साथ शालु भी अपनी गंद आगे पीछे कर के मेरे धक्को की ताल से ताल मिला रही थी और चुदाई का मज़ा ले रही थी.

 

कमरे मे चुदाई का एक मधुर सुर संगीत बज रहा था. शालु फुल जोश मे आ गयी थी और ऋतु की पूरी चूत को अपने मूह मे ले के काट डाला जिसे से ऋतु ने आआआआआग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और हहाआआआआईईईईईईई दीदी बोल के एक चीख मारी और शालु के सर को अपनी जाँघो मे दबा के पकड़ लिया और हिलते हुए झड़ने लगी. ऋतु की चूत से निकलते जूस को शालु पीती रही और अपनी गंद आगे पीछे कर के डॉगी स्टाइल मे मेरे लंबे मोटे मूसल जैसे तगड़े लंड से मस्त चुदाई का मज़ा लेने लगी. देखते ही देखते उसके धक्के तेज़ होने लगे और बोलने लगी देखा साले भेन्चोद कैसे तेरे मोटे लंड को शालु ने अपनी गंद मे कैसे आराम से ले लिया चल मार गंद मेरी मादर चोद देख अब मुझे भी मज़ा आ रहा है. उसको इतना भी होश नही था के मैं उसकी गंद नही चूत मार रहा हू. आअहह ऐईइस्स्सीई हिी माअरर्र्ररर मेररीई गाआआअंन्दड़ सॅयाययाल्लीयीईयी आआआआआहह फ्फूकककककककक म्‍म्म्मय्यययी आआआसस्स्स्सस्स य्य्य्य्य्य्युउउउउउउ

 

ब्ब्ब्बबाअस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्थथत्त्ताआरर्र्र्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड फफफफफफुऊऊुुऊउक्ककककककककककककक म्‍म्मीईए आआआाआआइईईईईई आआआआहह म्‍म्म्ममममाआररर्र्र्र्ररर आआआआयययययययईईईसस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईई हहिईीईईईईईईईई और एक ज़ोर का बॅकसाइड धक्का मारा और झड़ने लगी. मेरा लंड उसकी चूत मे जड़ तक घुसा हुआ था उसकी बच्चे दानी से टकरा रहा था. शालु झाड़ते ही चली गयी और आआआग्ग्ग्ग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज़ें निकालती ऋतु के बदन पे अपनी टाँगें पीछे की तरफ लंबी कर के ढेर हो गयी.

 

अब शालु और ऋतु दोनो अपनी अपनी टाँगें सीधी रखे लेटे थे दोनो झाड़ चुके थे और मस्ती मे दोनो की आँखें बंद हो चुकी थी दोनो गहरी गहरी साँसें ले रहे थे और दोनो के मूह एक दूसरे की चूत के पास रखे हुए थे. उनकी नाक से निकलती गरम गरम साँसें गीली गीली चूतो से टकरा रही थी. शालु के ऐसे कोलॅप्स हो जाने से मेरा लंड भी उसकी चूत से बाहर निकल चुका था. अब मैने पोज़िशन थोड़ी सी चेंज कर के फिर से उसकी चूत के सुराख से अपने लंड का सूपड़ा टीका दिया और मैने भी अपनी टाँगें उसकी टाँगो के दोनो तरफ रख के पीछे कर के एक धक्का मारा और लंड एक बार फिर से आधा शालु की चूत मे अंदर तक घुस गया और लंड को पूरा बाहर निकल के एक और धक्का मारा तो घचक के साथ ही पूरे का पूरा लंड उसकी चूत मे घुस्स गया. शालु तो ऋतु के ऊपेर ऐसे ही पड़ी थी और मेरा लंड उसकी चूत मे घुसा हुआ था अब मैं धीरे धीरे पीछे से ही उसकी चूत मे धक्के मार के चोदने लगा. अब शालु अपने ऑर्गॅज़म से बाहर निकल चुकी थी और बोली के देख साले में ने कितनी आसानी से तेरा लंड अपनी गंद मे ले लिया भेन्चोद ऋतु की गंद मार के खुश हो रहा था तो मैं ने बोला के शालु मेरी जान मेरा लंड तो तुम्हारी चूत मे है गंद मे नही मैं तुम्है चोद रहा हू गंद नही मार रहा हू अभी. गंद तो अब मरूगा मैं तुम्हारी तो वो बोली के भेन्चोद फिर से चूत मे घुसा दिया साले चल चूत से लंड निकाल निकाल और डाल मेरी गंद मे. मैं ने बोला के ठीक है और उसकी गान्ड के सुराख मे की जेल्ली का ट्यूब रख के खूब सारी जेल्ली डाइरेक्ट उसकी गंद मे डाल दिया और थोड़ी उसके गंद के सुराख पे अछी तरह से लगा दिया और उंगली उसकी गंद के अंदर बाहर करने लगा जिस से उसकी गंद के मसल्स कुछ रिलॅक्स होने लगे थे फिर अपने लंड पे ढेर सारी जेल्ली लगा लिया और अपने हाथ से ही लंड के डंडे को पकड़ के उसके गंद के सुराख मे आगे पीछे करने लगा. इतनी देर मे ऋतु और शालु एक बार फिर से मूड मे आ गये थे और दोनो ने एक दूसरे की चूतो को

 

चाटना और चूसना स्टार्ट कर दिया था इस टाइम शालु के पैर पीछे की ओर स्प्रेड कर के सीधे रखे थे और ऋतु के पैर थोड़े से मुड़े हुए और स्प्रेड किए हुए थे. शालु मस्ती मे बोल रही थी चल साली चूस मेरी चूत को आआहह काअट डाल साली चूत को इस मे आग लगी हुई देखती नही तेरे चाटने के लिए अभी अभी झांतें निकाल के आई हू देख मदेर्चोद कैसी चिकनी है मेरी चूत चल चाट काट डाल साली मेरी चूत को आआआआअहह है आआयईईए ले ले पूरी चूत अपने मूह मे और दांतो से काट डाल भेन्चोद देख मैं कैसे काट ती हू तेरी चूत को और शालु ने फिर से ऋतु की चूत को दांतो से काट डाला तो ऋतु के मूह से चीख निकल गयी ऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई द्ददडिईईयययद्द्द्दडिईईई माररररर ग्गगाआआयययययययईईई तो शालु बोली के साली तेरी मस्त चूत को चूसने और काटने मे बोहोत मज़ा आता है आअहह क्या मस्त चूत है तेरी और इसी तरह की नशे मे गालियाँ निकालती ऋतु की चूत को चाट ती रही दोनो मज़े से एक दूसरे की चूते चाट ते रहे.

 

मैं शालु के ऊपेर था और शाएद मेरे वेट की वजह से भी उसके पैर नही मूड रहे थे और सीधे ही रखे थे और मैं अपने घुटने मोड़ के उसकी गान्ड से अपने लंड के सूपदे को सटा के आगे पीछे कर रहा था. अभी लंड का सूपड़ा उसकी गंद मे नही घुसा था लैकिन प्रिपेर कर रहा था के उसकी गंद के मसल्स रिलॅक्स हो जाए.

 

मैं शालु के ऊपेर झुका हुआ था और उसके शोल्डर्स को पकड़ के और उसकी गंद के सुराख पे अपने लंड के सूपदे को रख के एक ही झटका मारा जिस से लंड का सूपड़ा जो कि जेल्ली की वजह से चिकना और स्लिपरी हो गया था अंदर घुस्स गया और शालु किसी मछली की तरह से तड़प के 2-3 फीट आगे की ओर उछल गयी और मेरी तरफ अपना मूह कर के चिल्लाई आआआआआआआआईईईईईईईईईईईईईई क्या कर रहा है बे भेन्चोद तेरी मा का भॉड़सा समझा है क्या आराम से मार गंद मेरी मदर्चोद फ्री की गंद मिली तो भिकारी की तरह से टूट पड़ा साले धीरे से मार साले तेरी भेन की गंद भी ऐसी ही मारी थी क्या. शालु के उछल पड़ने से मेरा लंड भी उसकी गंद मे से बाहर निकल गया था. इतने मे ऋतु ने शालु की चूत पे चुम्मा लिया और अपनी ज़ुबान लगाई तो वो अपनी जगह पे वापस आ गयी और ऋतु के मूह पे अपनी चूत रगड़ रगड़ के चोदने लगी. शालु की चिकनी गंद बड़ी मस्त दिख रही थी उसके गोल गोल चूतड़ पे हाथ फेरने लगा और थोड़ी और जेल्ली उसकी गोरी गंद के गुलाबी छेद मे लगा दी और कुछ और पे लंड पे भी लगा दी और जैसा के मेरी आदत है एक ही झटके मे चूत या

 

गंद फाड़ने की तो उसी आदत के मुताबिक मैं तय्यार हो गया और चान्स देखने लगा के कब फाडू उसकी गंद और वो चान्स भी जल्दी ही मिल गया.

 

ऋतु और शालु एक दूसरे की चूते चाटने मे बिज़ी थी और शालु तो अपनी गंद उठा उठा के ऋतु के मूह को बड़े तेज़ी से दीवानो की तरह चोद रही थी और ऐसा लग रहा था के बॅस अब वो झड़ने ही वाली है और मैं रेडी हो गया अपने लंड को उसकी हिलती हुई गंद के सुराख पे सेट कर दिया और अब ऋतु भी झड़ने वाली थी उसके मूह से आआआआअहह द्द्द्द्ड़ड़डीईईईद्द्द्द्ड़ड़

 

डीईईईईई म्‍म्म्मममममाआआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊओ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आऐईीीइसस्स्सीईई हहिईीईईईई कककककाआररर्र्रूऊऊऊओ और जोश मे ऋतु ने फुल मस्ती मे और जोश मे शालु की चूत को पूरा अपने मूह मे भर के काट डाला तो शालु के मूह से भी चीख ही निकली आआआआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ऱीत्त्त्तुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ म्‍म्म्मममममममाआआआऐययईईईईईईईईई ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्झहहाआअद्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड र्रर्राआआआआहीईईईईई ह्ह्हुउउउउउउउ और उसके साथ ही दोनो के बदन सूखे पत्तो की तरह से काँपने लगे और शालु का बदन एक दम से ढीला पड़ गया और मुझे भी ऐसे ही मोक्के की तलाश थी. मैं ने अपने लंड को शालु की गंद के सुराख पे ऑलरेडी सेट किया हुआ था और मैं ने एक दो बार लंड के सूपदे को उसकी गंद मे अंदर बाहर किया. लंड का सूपड़ा उसकी गंद के सुराख मे मसल्स रिलॅक्स होने की वजह से आसानी से अंदर बाहर हो रहा था और फिर मैं ने झुक के शालु के शोल्डर्स को अछी तरह से पकड़ा और लंड को पूरा उसकी गंद से बाहर निकाल के पूरी ताक़त से एक बोहोत ही पवरफुल झटका मारा शालु मेरे ऐसे हमले के लिए तय्यार नही थी और मेरा लंड शालु की छोटी सी गंद को फाड़ता हुआ पूरे का पूरा जड़ तक घच कर के घुस्स गया और उसकी गंद फॅट चुकी थी. शालु बोहोत ज़ोर से चिल्लाई हहाआआआआआआआआआययययययययययययययययययईईईईई म्‍म्म्ममममाआआआअरर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगगगगाआआआआयययययययययईईईईई न्न्नीईईक्क्क्क्क्क्क्क्क्काआआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल म्म्म्माआआआअद्द्द्द्द्द्द्द्द्दीईईईर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रccccccccccccccछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हूऊऊऊऊओद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द न्न्न्न्न्न्नीईईईईक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्काआआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल सस्स्स्स्स्स्साआआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीईईई त्तीर्रर्रृिईईईईईई बभीईईन्न्‍नननननणणन् क्क्कुउउउउउउउउउउउ

 

सीखह्हूवूऊवाय्ड्ड्डड्डड्डड्ड्यूवूऊवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू न्न्न्न्न्न्न्नीईईइक्क्क्क्क्क्क्काआआआआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल. शालु मेरी ग्रिप से निकलने को बेचैन हो रही थी और किसी मछली की तरह तड़प रही थी उसका सारा नशा उतर चुका था वो होश मे आ चुकी थी उसकी आँखें अपने सॉकेट से बाहर निकल गयी थी मेरा मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त लंड शालु की फटी गंद के अंदर तक घुसा पड़ा था और वो गहरी गहरी साँसें लेती हुई ऋतु के बदन पे गिर पड़ी थी उसके मूह से आवाज़ ही नही निकल रही थी शाएद कुछ देर के लिए उसका ब्लॅक आउट हो गया था. मेरा मूसल लंड उसके चूतदो के बीच से उसकी गंद के छेद मे घुस्स चुका था और नीचे लेटी ऋतु के ऊपेर मेरा और शालु का वेट पड़ रहा था. ऋतु ने एक बार फिर से शालु की चूत को चाटना शुरू किया तो थोड़ी ही देर मे शालु के बदन मे गर्मी चढ़ने लगी और उसने देखा के मेरा मूसल लंड उसकी छोटी सी गंद मे घुसा पड़ा है तो वो एक दम से चिल्लाई ईईहह कियीयिययायया काअरररर दीईआआ राज्ज्ज ततुउउउ न्नीईए और रोने लगी और रोते रोते बोली शरम नही आती तुम को मैं ने मना किया था ना तुम से के तुम मेरी गंद नही मरोगे तो मैं हस्ने लगा और बोला के जब तक लड़की की चूत और गंद दोनो नही मारी जाती लड़की लड़की ही रहती है औरत नही बनती और अब मैं ने तुम्हारी चूत और गंद दोनो को फाड़ डाला है तो अब तुम कंप्लीट औरत बन गयी हो तो उसका मूह गुस्से से लाल हो गया और बोली के तुम ने मेरी ज़िंदगी बर्बाद कर डाली तुम्है थोड़ी सी भी दया नही आई मेरे ऊपेर तो में ने हस्ते हुए कहा हा आई थी इसी लिए तो जेल्ली लगाई ता के लंड आसानी से अंदर घुस्स सके तो वो बोली इसे तुम आसानी बोल रहे हो मेरी गंद मे तो मिर्ची लगी हुई है और जैसे किसी ने मेरी गंद के दो टुकड़े कर दिए हो और मेरा अंग अंग दुख रहा है मानो जैसी किसी ने मेरी गंद मे गरम चक्‍कु घुसा दिया हो. ऋतु नीचे लेटी लेटी शालु की चूत को चाट रही थी मेरा लंड शालु की गंद मे घुसा पड़ा था और शालु गुस्से मे मुझ से मुझे डाँट रही थी और नीचे से ऋतु उसकी चूत चाट चाट के उसको शांत कर रही थी. थोड़ी ही देर मे शालु का बदन रिलॅक्स हो गया और वो अपनी चूत की चटाई के स्वाद मे खो गयी तो मैं ने लंड उसकी गंद से अंदर बाहर करना शुरू किया और उसकी गंद मारने लगा. शालु भी अब ऋतु की चूत को चाटने लगी थी. दोनो एक दूसरे की चूतो को चाटने मे बिज़ी हो गये थे और मज़े ले रहे थे और पीछे से मैं शालु की मस्त टाइट गंद बड़े चाव से मार रहा था. शालु की गंद बोहोत ही टाइट थी और मेरा लंड उस मे फँस के अंदर बाहर हो रहा था. उसकी गंद का पिंक सुराख अब लाल हो गया था और पूरी तरह से खुल के इंग्लीश के ( ओ ) की तरह हो गया था. मैं अपने पैर पीछे बेड के किनारे से टीका के उसकी गान्ड तेज़ी से मार रहा था और अब शालु

 

भी मस्ती मे आ गयी थी और अपनी गंद पीछे धकेल धकेल के मेरे लंड को अपनी गंद के अंदर ले रही रही थी. मैं ने एक आर्टिकल मे पढ़ा था के लड़की की ज़बरदस्ती गंद मारी जाई या उसको चोदा जाए ( रेप नही ) तो वो थोड़ी ही देर मे बोहोत मस्त हो जाती है और चुदाई का साथ देने लगती है और ठीक ऐसे ही शालु के साथ भी हुआ. कहा वो थोड़ी देर पहले वो मुझे गुस्से से डाँट रही थी और अभी अपनी गंद हिला हिला के मज़े से गंद मरवा रही थी. ऋतु और शालु भी अब बड़े मूड मे आ गये थे और एक बार फिर से मस्त हो गये थे. मेरे धक्के के साथ ही शालु की चूत भी ऋतु के मूह मे आगे पीछे हो रही थी और दोनो की मस्ती भरी आवाज़ें सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआअहह र्र्र्र्र्रीईईइत्त्त्त्त्त्त्त्तुउउउउउउउउउउउउउउउउउ कककककखहाआआआआआआ ज्ज्ज्जाआाआआआअ र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रृिईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ससस्स निकल रही थी और थोड़ी ही देर मे दोनो एक साथ ही काँपते हुए झड़ने लगे और मैने भी पूरी ताक़त से एक फाइनल झटका मारा और मेरा लंड शालु की गंद के बोहोत अंदर घुस्स गया और उसमे से गढ़ा गढ़ा वीर्य निकलने लगा और अब शालु की गंद के मसल्स भी मेरे लंड के डंडे को प्रेस कर कर के स्क्वीज़ कर रहे थे जिस से लंड मे से निकल निकल के वीर्य की एक एक ड्रॉप उसकी गंद मे गिरने लगी जिस से उसकी गंद भर गयी और फिर मैं अपना लंड उसकी गंद से बाहर निकाल के ऋतु और शालु के साइड मे लेट गया. लंड बाहर निकलते ही उसकी गंद मे से मेरी मलाई बाहर निकल ने लगी और उसकी खुली चूत की पंखाड़ियों मे से होती हुई ऋतु के मूह मे टपकने लगी जिसे ऋतु अमृत समझ के बड़े मज़े से चाटने लगी.

 

हम तीनो थक चुके थे और पता नही रात का क्या समय हुआ था और हम तीनो नंगे ही गहरी नींद सो गये सुबह सब से पहले ऋतु उठी उसने पहले शालु को जगाया फिर मुझे. रात की चुदाई का नशा अभी भी हमारी आँखो और बदन से उतरा नही था. दो नंगी चूते देख के एक बार फिर से मेरा लंड उठ खड़ा हुआ और दो मस्त मक्खन जैसी चिकनी चूतो को सल्यूट करने लगा और मॉर्निंग एरेक्षन कुछ ज़ियादा ही पवरफुल होता है इसी लिए मेरा लंड भी जोश मे हिलने लगा तो मैं ने ऋतु को अपने ऊपेर खेच लिया और वो अपने हाथ से मेरे लंड के डंडे को पकड़ के अपनी चूत को मेरे लंड से सटा दिया और मेरे लंड पे बैठ के सवारी करने लगी. शालु को अपने मूह पे ऐसे बिठाया के उसका मूह ऋतु के मूह की तरफ था और दोनो एक दूसरे की चुचिओ को मसल रही थी और चूस भी रही थी और मैं ऋतु की छोटी चूत को चोद रहा था. मेरे रॉकेट लंड पे ऋतु जॉकी की तरह से सवारी कर रही थी और लंड पे ही ऊपेर नीचे कूद के चुदवा रही थी और शालु की मस्त चूत

 

मेरे मूह पे थी और वो अपनी चूत को मेरे मूह पे ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और वो गहरी साँसें लेने लगी उसकी आँखें बंद हो ने लगी और उसकी चूत से एक बार फिर जूस निकलने लगा था और वो झड़ने के करीब पहुच गयी तो उसने और ऋतु ने पोज़िशन चेंज कर ली और मेरे मूह पे बैठ के मेरे मूह को अपनी गीली चूत से चोदने लगी और अब शालु मेरे लंड पे बैठी उछल उछल के लंड की सवारी कर रही थी और ऋतु उसकी चुचिओ को चूस रही थी और मसल रही थी. उसकी टाइट चूत मे मेरा मोटा लंड पूरी अंदर तक घुस चुका था और वो उछल उछल के चुदवा रही थी उसकी चूत बोहोत ही गीली हो गयी थी और जब वो झड़ने के करीब आ गयी तो इतनी ज़ोर से उछाल के मेरे लंड पे बैठी के मेरा लंड उसकी चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स गया और उसकी बच्चे दानी से टकराया तो उसके मूह से मस्ती की सिसकारी निकल गयी आआआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह और वो झड़ने लगी.

 

ऋतु मेरे मूह पे बैठी हुई थी और मस्ती भरी आँखों से शालु को झाड़ता हुआ देख रही थी और जैसे ही शालु का झड़ना ख़तम हुआ और उसका बदन ढीला पड़ गया तो ऋतु मेरे मूह पे से उठ गयी और शालु को मेरे मूह पे धकेल दिया और खुद मेरे लंड पे एक दम से पूरी ताक़त से बैठ गयी. मेरा लंड तो शालु के जूस की वजह से चिकना और स्लिपरी हो गया था के वो एक ही झटके मे ऋतु की चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स गया था और अब ऋतु मेरे लंड की उछल उछल के सवारी कर रही थी और मैं शालु की चूत से उसके जूस को चाट रहा था वाह दोस्तो क्या बताउ ऐसी क्रीम का ब्रेकफास्ट करने का पहले मोका था बड़ा मज़ा आ रहा था शालु की चूत की स्वीट क्रीम का.. शालु की चूत अंदर से बोहोत ही लाल हो गयी थी. ऋतु मेरे लंड पे उछल उछल के चुदाई का मज़ा ले रही थी और अब मेरे बॉल्स मे भी तूफान उठना शुरू हो गया था और इतनी देर मे शालु मेरे मूह पे से उतर के साइड मे लेट गयी थी. मैं ने ऋतु को झुकाया और उसकी चुचिओ को चूसने लगा तो वो मस्ती मे पागल हो गयी. अब मैने पोज़िशन चेंज कर के ऋतु को पलटा दिया और उसको नीचे पीठ के बल लिटा दिया और इमीडीयेट्ली ऋतु ने अपने पैर मेरे बॅक पे लपेट लिए और मुझे अपनी ओर खेचने लगी. ऋतु के पैर मेरी बॅक पे थे और मुझे अपने पैरो से मुझे खेच रही थी और डीप चुदाई का मज़ा ले रही थी. मैं झुक के उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ के अपनी गंद उठा उठा के लंड को ऋतु की चूत से पूरा हेड तक बाहर निकाल निकाल के घचा घच चोद रहा था और कमरे मे एक बार फिर से पच

 

पच चुदाई का म्यूज़िक बजने लगा. ऋतु की आँखें बंद हो गयी थी और वो गहरी गहरी साँसें ले रही थी उसका बदन टाइट हो गया था मुझे टाइट पकड़ा हुआ था और फिर उसका बदन काँपने लगा और वो झड़ने लगी जिस से पच पच की आवाज़ कुछ और तेज़ हो गयी और मैने भी चोदने की स्पीड बढ़ा दी थी और फिर एक फाइनल बोहोत ज़ोर से झटका मारा तो ऋतु के मूह से मस्ती की सिसकारी आआआआआआआआहह ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआब्बुउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउ ब्ब्ब्बब्ब्ूऊहूऊऊथततटटटटटटतत्त माआआआआआज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ाआआअ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्ब्बाआआअबुउउउउउउउउउ माऐईईईईईई आआआआआआअ रर्राआआआआआअ हहिईीईईईईईईईई ह्षहूवूऊवूऊवूऊयूयुयूवयू और उसी समय ऋतु का बदन फिर से काँपने लगा और मेरे वीर्य की मोटी धार उसकी चूत मे गिरते ही वो फिर से झड़ने लगी जितनी देर तक मेरी मलाई निकलती रही मेरे धक्के चालू रहे. थोड़ी देर के बाद जब मलाई निकलना बंद हो गयी तो मैं भी ऋतु के बदन से साइड मे लुढ़क के बेड पे लेट गया.

 

थोड़ी देर तक हम तीनो ऐसे ही लेटे रहे उसके बाद उठ के बाथरूम मे चले गये और एक बार फिर से हम तीनो ने एक साथ ही स्नान किया एक दूसरे के बदनो को खुसबुदार साबुन से रगड़ रगड़ के धोया. इतनी देर मे बारिश कम हो चुकी थी पर अभी भी वेदर सॉफ नही हुआ था. स्काइ डार्क ही था और कभी भी बारिश होने की संभावना थी. ऋतु नीचे किचन मे जा के नाश्ता बना ने लगी तो शालु मेरे से लिपट गयी और रोने लगी और बोली के राज्ज्ज आइ लव यू राज्ज्ज तो मैं भी उसको किस करने लगा और बोला के आइ लव यू टू शालु आइ लव यू सो मच सो मच और फिर बोली के राज एक बात बताऊं तो मैं ने बोला के हा बोलो क्या बात है तो शालु मेरे लंड को अपने हाथो मे पकड़ के सहलाते हुए बोली के राज देखो तुम्हारे लंड ने मुझे बोहोत मज़ा तो दिया है पर मैं अनु और ऋतु का साथ नही छोड़ सकती तो मैं ने बोला के कोई बात नही अब हम चारो मिल के मज़ा करेंगे तीन चूतो के बीच एक ही लंड रहेगा कभी किसी को चान्स मिलेगा तो कभी किसी को तो उसने कहा और तुम तीनो देवियाँ एक दूसरे के लेज़्बीयन सेक्स के मज़े लो मुझे जोई प्राब्लम नही है तो उसने बोला के थॅंक्स राज यू आर वेरी अंडरस्टॅंडिंग तो मैं ने बोला के हा मुझे पता है जिस लड़की को एक बार चूत की चटाई का और अपनी चूत को किसी लड़की से चुसवाने का मज़ा लग जाता है तो फिर उसको उस्मै ही सब से ज़ियादा मज़ा आता है पर ऐसे लड़कियों को जब चोदा जाता है तो उनको चुदाई मे और चुसाई मे दोनो मे मज़ा आता है तो कोई बात नही हम चारो मिल के मज़ा करेंगे.

 

अभी हम बातें कर ही रहे थे के मम्मी का फोन आया वो बोल रही थी के राज हम रात से पहले नही आ सकते बोहोत काम बाकी है अभी तो मैं ने कहा के मम्मी आप फिकर ना करे रात मे शालु आ गयी थी ऋतु के पास और आप अपने टाइम से आइए डॉनट वरी मम्मी ऋतु नाश्ता बना रही है तो मम्मी ने कहा ठीक है बेटा हो सकता है के हमै आने मे लेट नाइट हो जाए तो मैं ने कहा कि आप फिकर ना करो मम्मी और टेक युवर ओन टाइम आप अपना काम ख़तम कर के ही आइए.

 

जब यह यकीन हो गया के मम्मी और पापा आज दिन को नही आने वाले है तो हम ने डिसाइड किया के हम आज सारा दिन नंगे ही रहेंगे तो शालु को शरम आने लगी तो मैं ने कहा तुम्हारी चूत और गंद दोनो फॅट चुकी है और तुम और ऋतु एक दूसरे की चूतो को चूस्ते रहे हो फिर अब क्या शरमाना तो वो मान गयी और आज का दिन नंगे ही रहने को रेडी हो गयी. ऋतु ब्रेकफास्ट बना चुकी थी मैं और शालु नीचे उतर गये और हम तीनो ब्रेकफास्ट करने लगे. नाश्ते के बाद कॉफी पीने के बाद ऋतु बड़े हंस हंस के शालु को बता रही थी के रात शालु कैसे नंगी नंगी गालियाँ निकाल रही थी तो शालु हैरत से बोली के चल झूठी मैं तो गालियाँ निकालती ही नही कभी आज तक नही निकली तो ऋतु ने बोला के हा दीदी वो हुआ ऐसा ना के मैं ने ग़लती से साहेब की कोक की बॉटल मे से कोक तुम्है पिलाया था ना तो साहेब की बॉटल मे थोड़ी सी विस्की मिली हुई होती है तो शालु अस्चर्य से कभी मुझे और कभी ऋतु को देखने लगी और फिर हम दोनो को मारने दौड़ी तो मैं और ऋतु टेबल से उठ के भागे. शालु हम दोनो के पीछे भाग रही थी तो हम दोनो फिर से ऊपेर कमरे मे आ गये और दोनो पकड़े गये तो शालु ने हम दोनो को मारना शुरू कर दिया. मैं और ऋतु अपने आप को शालु के मार से बचाने के लिए उसके हाथ पकड़ रहे थे. ऐसे ही मस्तिया करते करते हम तीनो बेड पे लेट गये और फिर से चुदाई का सिलसिला चालू हो गया. सारा दिन ऋतु और शालु को चोदा और उन्दोनो की गंद भी मारी शालु और ऋतु ने मेरे सामने एक दूसरे की चूतो को भी खूब मज़े से चूसा और चॅटा. सारा दिन मोज मस्ती मे गुज़र गया.

 

थोड़े दीनो के बाद अनु के कॉलेज खुल गये तो वो भी अपने टाउन से वापस आ गयी और उसके वापस आते ही शालु हमारे घर आ गयी और दोनो फ्रेंड्स ऊपेर कमरे मे चले गये और इतने दीनो के आब्सेन्स का फ़ायदा उठाया और एक दूसरे की चूतो को चाता और चूसा और खूब मज़ा लिया और फिर ऋतु ने पहले डीटेल मे अपनी चुदाई और गंद मरवाने की दास्तान सुनाई और फिर ऋतु ने बताया के कैसे राजा बाबू ने प्लान बना के शालु दीदी को चोदा फिर उन्है कोक मे विस्की

 

पीला के उनकी गंद मारी तो अनु हैरत से उन दोनो को देखने लगी वो समझी थी के शाएद मैं सिर्फ़ अनु को ही चोद के और उसकी गंद मार के बात को यही ख़तम कर दूँगा पर ऐसा हुआ नही.

 

फिर बाद मे तकरीबन 3 साल तक तो हम चारो ने खूब मज़ा किया बोहोत से डिफरेंट पोजीशंस मे चुदाई की तीनो को जब भी मोका मिलता वो तीनो मेरे लंड को भी चूस चूस के मलाई खा जाते और मैं भी उनकी चूतो को चोद्ता, चूत का जूस भी चाट जाता और गंद भी मारता दिन ऐसे ही मोज मस्ती मे गुज़रने लगे.. सब से पहले शालु की शादी हो गयी वो अपने ससुराल चली गयी उसकी ससुराल इसी शहेर मे है और शालु जब भी अपने घर आती है मेरे पास ज़रूर आ के चुदवा के जाती है. उसके बाद अनु की शादी हो गयी और अनु किसी दूसरे टाउन मे अपने पति के पास चली गयी अब घर मे बस मैं और ऋतु ही बचे. अभी ऋतु सिर्फ़ 18 साल की है और चोद चोद के उसकी चूत का भोसड़ा बना चुका हू. मेरे मोम और डॅड ने वादा किया है के वो ऋतु की शादी की अछी जगह देख के करवा देंगे तो तब तक ऋतु हमारे घर ही रहने वाली है और यह भी पता नही के उसकी शादी किस से होगी और कहा होगी इसी लिए उसकी शादी तक वो मेरे लिए फ्री की चूत है. अब ऋतु चुदवाने मे और गंद मरवाने मे बड़ी पर्फेक्ट हो गयी है और हा लंड चूसने मे तो उसका जवाब नही इतना मस्त चूस्ति है के बॉल्स मे एक ड्रॉप भी नही बचता. मैं अब ऋतु को उसकी शादी तक तो डेली चोद ही सकता हू. कभी जब अनु अपनी ससुराल से आती है तो हम थ्रीसम करते है और कभी शालु आती है तो भी हम मिल के चुदाई करते है. दोनो के पति का बिज़्नेस है और वो अपने बिज़्नेस मे बोहोत ही बिज़ी रहते है और अपनी पत्निओ की मस्त जवानी की तरफ ज़ियादा ध्यान नही देते तो इसी लिए अनु और शालु प्यासी रह जाती है. कभी शालु अनु के पास चली जाती है और वो दोनो मिल एक दूसरे की चूते चाट ते है जिस्मै उन्हे मज़ा भी आता है कभी शालु अपने साथ ऋतु को ले के अनु के पास चली जाती है तो वो तीनो फिर से एक दूसरे की चूते और चुचियाँ चूस चूस के मज़े करते हैं.. जब भी अनु की या शालु की चूते लंबे मोटे तगड़े लंड के लिए तरसती है तो वो मुझे अपने घर बुला लेती है और मैं उनके पास जा के उनकी चूतो की सर्विसिंग कर के आ ता हू.

 

सुबह जब ऋतु ऊपेर आई तो अनु शॉल ओढ़े सीधी लेटी पैर फैलाए सोई पड़ी थी. ऋतु अनु के कमरे मे आ गई और बोली दीदी उठो बोहोत देर हो गई है मेम साब और साहेब नाश्ते पे इंतेज़ार कर रहे है तो अनु टॅस से मस्स नही हुई. ऋतु करीब आ गई और हाथ लगा के अनु को जगाने की कोशिश करने लगी पर अनु नही उठी तो ऋतु ने अनु के बदन से चदडार खेच ली उउफफफफ्फ़ दीदी तुम तो अभी तक नंगी सोई पड़ी हो और यह क्या तुम्हारी तो माहवारी ( मेनास ) चालू हो गई है उठो दीदी सारी बेडशीट खराब हो गयी है और इस पे खून लगा हुआ है तो अनु हददबाड़ा के उठ बैठी और देखा के बेडशीट पे तो सच मे खून पड़ा हुआ है तो उसको एक ही मिनिट के अंदर रात की चुदाई की सारी दास्तान याद आ गयी और उसके मूह पे एक अनोखी सी मुस्कान आ गयी और वो धीरे से मुस्कुराने लगी. उसने एक सेकेंड के अंदर फ़ैसला कर लिया के ऋतु को कुछ नही बताना है इसी लिए उसने कहा अरे हा मुझे तो पता भी नही चला के आज मेरा दिन है ( मतलब के अनु की मेनास का दिन है ) और बोली के ऋतु यह बेडशीट उठा ले और लपेट के रख दे बाद मे धो देना. ठीक

 

है दीदी कहते हुए ऋतु ने बेडशीट को फोल्ड किया और वॉशिंग रूम मे ले गई. अनु जल्दी से उठ गई और बाथरूम मे घुस गई.

 

अनु नहा धो के फ्रेश हो के नीचे आ गई और सब के साथ नाश्ता किया और बता दिया के वो नेक्स्ट वीक अपने डॅडी के पास जाएगी और कॉलेज स्टार्ट होने के टाइम पे वापस आ जाएगी. अगले 7 दिन तक मैं अनु की जम्म के चुदाई करता रहा. अनु ने ऋतु से कह दिया था के उसके मेनास चल रहे है और वो उसके साथ कुछ नही कर सकेगी और रात को जब ऋतु उस से बातें करके और चूमा चॅटी और कभी तो ऋतु की चूत को चाट चाट कर खुद भी मज़ा लेती और ऋतु तो दीवानी हो जाती और चूत का पानी अनु को पिला के ही वापस नीचे चली जाती तो अनु स्टेरकेस का डोर अंदर से बंद कर देती ताके ऋतु अचानक फिर से ऊपेर ना आजाए और फिर हम अलग अलग पोज़िशन मे खूब चुदाई करते रहे और अनु खूब मज़े ले ले के चुदवाती रही. अनु जिसे मेल्स से नफ़रत थी अब मेरी और मेरे मूसल लंड की दीवानी हो चुकी थी और अपने पेरेंट्स के पास जाने के बाद भी तकरीबन डेली लेट नाइट मेरे मोबाइल पे कॉल किया करती और हम फोन सेक्स किया करते.

 

अब दोस्तो चलते है दूसरी हसीना की तरफ

 

ऋतु की चुदाई

 

मैं पहले ही बता चुका हू के ऋतु उमर मे काफ़ी छोटी थी पर उसका बदन बड़ा घाटेला था और उसके मस्त टाइट चुचियाँ गोल्फ बॉल जैसी छोटी और कड़क थी. कभी कमीज़ के अंदर ब्रस्सिएर पेहेन्ति कभी नही पेहेन्ति थी और जब ब्रस्सिएर नही पेहेन्ति तो चलते समय उसके चुचियाँ एक स्टाइल से डॅन्स करती दिखाई देती और मेरा लंड पॅंट के अंदर ही अंदर खड़ा हो जाता. ऋतु को तो मैं कब से चोदना चाहता था उसकी डॅन्स करती चुचियाँ और हिलते चूतदो को देख कर तो मेरा लंड बोहोत ज़ोर ज़ोर से फडकने लगता था पर कभी ऋतु को चोदने का मोका नही मिला था और साची बात तो यह है के उसको चोदने से डरता भी था क्यों के वो अभी बोहोत छोटी थी और अगर उसकी चूत फॅट गयी और उसने किसी को बता दिया तो एक नयी मुसीबत ही ना खड़ी हो जाए इसी लिए अभी डरता था पर अक्सर सोचता के कम से कम ऋतु से अपना लंड ही चुस्वा डालु और उसको अपने लंड की मलाई खिलाउ.

 

जैसा के अनु ने कहा था के ऋतु को मेरे और उसके के बारे मे पता नही चलना चाहिए तो मैं ने एक तरकीब सोची. अनु तो अपने मम्मी डॅडी के पास चली गई थी. मेरे मम्मी और डॅडी तो सुबह ही अपने ऑफीस चले जाते और मेरे एग्ज़ॅम्स भी ख़तम हो चुके थे और मैं घर पर ही रहता था. बरसात के दिन शुरू हो गये थे. कभी कभी बरसात होती थी कभी नही और कभी तेज़ होती कभी तो सिर्फ़ बूँदें ही पड़ के ख़तम हो जाती पर मौसम बोहोत ही अछा हो चुका था और ऐसे मौसम मे तो मेरे लंड मे बेचैनी कुछ और बढ़ गई थी. कॉलेज को छुट्टियाँ भी थी घर मे अकेला पड़ा रहता था.

 

उस दिन सुबह मे बारिश हो रही थे अभी धीमी गति से पड़ रही थी ज़ियादा तेज़ नही हुई थी. मेरे मोम और दाद दोनो सुबह ही ऑफीस को चले गये थे. थोड़ी देर मे ही काम वाली मासी आने वाली थी. मैं ब्रेकफास्ट कर के ऊपेर चला गया और अपने कमरे मे कंप्यूटर पे एक सेक्स स्टोरी पढ़ने लगा देखते ही देखते बारिश बोहोत ही तेज़ी से होने लगी और बिजली भी बड़ी ज़ोर ज़ोर से कडकने लगी यह शाएद सीज़न की पहली ज़बरदस्त बरसात होने वाली थी मौसम बोहोत ठंडा हो गया था मुझे कॉफी पीने का मॅन करने लगा तो मैं स्टेरकेस पे आ गया और वही से नीचे पुकारने लगा के मासी एक कप गरमा गरम कॉफी तो भेज देना ऊपेर तो ऋतु नीचे से बोली के राज बाबू अभी मासी नही आई है अब पता नही इतनी तेज़ बारिश मे आती भी है या नही तो मैं ने कहा के तुम ही बना लाओ गरमा गरम कॉफी तो उसने कहा ठीक है और मैं ने साथ मे बोल दिया के अगर अभी तक मासी नही आई है तो नीचे का मेन डोर भी लॉक करदो उसने कहा ठीक है राज बाबू बंद कर देती हू और मैं ने ऊपेर से डोर लॉक करने की आवाज़ सुनी और इत्मीनान से अपने कमरे मे आ गया और खिड़की और डोर बंद कर के बैठ गया क्यों के ठंडी हवा चलना शुरू हो गई थी.

 

मैं ने सोचा के शाएद आज ऋतु को चोदने का मोका मिल जाए. मैं ने वो एन्वेलप निकाला जिस्मै मैं ने अनु ऋतु और शालु की अलग अलग और एक दूसरे की चूते चाट ते हुए पिक्चर्स अपने डिजिटल कॅमरा से छुप के ली थी और कंप्यूटर पे प्रिंट की थी वो एन्वेलप निकाला और बेड पे डाल दिया और मैं कंप्यूटर पे चुदाई के और लेज़्बियन्स लड़कियों के एक दूसरे की चूतो को चाट चाट के मज़े लेते हुए फोटोस देखने लगा. एक तो बोहोत ही क्लियर फोटो थी जिस्मै दो लड़कियाँ एक दूसरे की चूते चाट रही थी और दूसरी पिक्चर मे एक मोटा लंड चिकनी चूत मे आधा घुसा हुआ दिखाई दे रहा था आक्च्युयली कंप्यूटर स्क्रीन पे दोनो पिक्चर्स हाफ हाफ स्क्रीन पे थी और मेरा कंप्यूटर टेबल

 

ऐसी पोज़िशन मे था के ऋतु जब कॉफी ला के मुझे देगी तो शुवर्ली देख लेगी और अगर टेबल पे रखेगी तो पलट ते समय उसको कंप्यूटर स्क्रीन सॉफ नज़र आ जाएगा और स्क्रीन की पिक्चर देख लेगी. बारिश बोहोत तेज़ हो चुकी थी और दिन का समय ऐसा लगता था जैसे रात हो गई हो. थोड़ी ही देर मे ऋतु ऊपेर कॉफी की ट्रे ले के आ गई और मेरे पीछे रखी हुई सेंटर टेबल पे ट्रे रख के जैसे ही घूमी उसको कंप्यूटर के स्क्रीन पे सेक्स पिक्चर नज़र आ गई और उसके मूह से छी छी राजा बाबू यह क्या देख रहे होनिकल गया तो मैं ने पूछा क्या हुआ ऐसी गंदी पिक्चर्स तो नही है इन्हे देखने से क्या होता है तो वो बोली यह सब अच्छी चीज़ नही है और तेज़ी से मेरे कमरे से बाहर निकलने लगी तो मैं ने फिर से पुकारा ऋतु सुनो तो वो डोर के पास ही रुक गई पर पलट के मेरी तरफ नही देखा तो मैं ने कहा वाहा देखो मेरे बेड पे एक एन्वेलप पड़ा है वो इधर लाओ, तो ऋतु पलट के वापस आ गई और एन्वेलप उठा के अपने मूह को दूसरी तरफ करते हुए मुझे एन्वेलप देने लगी तो मैं ने कहा तुम देखो इस्मै क्या है तो वो शरमाते हुए बोली के नही मुझे नही देखना है यह वैसी ही पिक्चर्स होगी जैसे आप कंप्यूटर पे देख रहे हो तो मैं ने कहा अरे नही ऋतु यह ऐसी वैसी पिक्चर्स नही है यह तो अनु के कॉलेज के फंक्षन्स के फोटोस है आज ही डेवेलप करवा के लाया हू तो वो खुशी से एन्वेलप खोलते खोलते कमरे से बाहर जाने लगी तो मैं ने कहा के यह ढेर सारी फोटोस है बाहर बारिश के कतरे पड़ने से खराब हो जाएँगी इन्है तुम इत्मीनान से यही बैठ कर देखो तो वो कन्फ्यूज़ हो गई शाएद वो मेरे कमरे मे नही बैठना चाह रही थी.

 

ऋतु वापस कमरे मे आ गई और मेरे बेड के कॉर्नर पे बैठ गई और एन्वेलप को एक साइड से पकड़ के उल्टा किया तो एन्वेलप से सारी की सारी पिक्चर स्लिप हो के मेरे बेड पे गिर गई. मैं कंप्यूटर के स्क्रीन से ऋतु को देख रहा था. पहली पिक्चर को देखते ही उसके मूह का रंग उड़ गया और उसके मूह ऑटोमॅटिकली खुला का खुला रह गया और ऑटोमॅटिकली निकल गया हे भगवानऔर उसके हाथो से फोटोस निकल के बेड पे गिर गई और वो मेरी तरफ ऐसे देखने लगी जैसे उसे कुछ दिखाई नही दे रहा हो और उसकी ज़ुबान से एक शब्द भी नही निकला. मैं अपनी चेर घुमा के उसकी तरफ पलट गया और पूछा ऋतु कैसे लगी फोटोस तुम्है, अच्छी है ना, तो वो कुछ नही बोली शाएद सोच मे पड़ गई के अब क्या होगा. ऋतु अपनी जगह से उठी और सीधे मेरी चेर के पास आ गई और मेरे पैरो मे गिर गयी, उसका बदन बड़ी ज़ोर से काँपने लगा और मेरे पैर पकड़ के रोने लगी के प्लीज़ राज बाबू किसी को यह फोटोस नही दिखना नही तो मैं मर जाउन्गी. मैं ने उसको थोड़ी देर रोने दिया फिर उसको शोल्डर्स

 

से पकड़ के अपने पैरो से उठाया तो वो मेरे सामने घुटने फ्लोर पे टेक के नील डाउन पोज़िशन मे बैठ गयी. मैं ने कहा अरे पगली मैं किसी को भी नही बताउन्गा तू कियों फिकर करती है मैं तो यह सब बोहोत दिनो से देख रहा हू. सच राजा बाबू किसी को भी नही बताओगे ना प्लीज़ तो मैं ने कहा हा नही बताउन्गा और उसके बालो मे उंगलियाँ घुमाने लगा. उसके बदन को हाथ लगाते ही मेरा लाउडा एक दम से मस्ती मे फुल अकड़ के लोहे जैसा सख़्त हो गया और मेरे बॉक्सर्स शॉर्ट्स के अंदर से बाहर निकलने को मचलने लगा. मैं ने उसके सर को पकड़े पकड़े धीरे धीरे अपनी तरफ खेचना शुरू किया तो वो भी अपने घुटनो के बल दो कदम आगे चल के मेरे दोनो पैरो के बीच मे नील डाउन हो के बैठ गयी और मेरी तरफ देखने लगी. उसकी आँखों मे एक अजीब सी बेबसी थी, एक अंजना सा सवाल था, एक खोफ़ था, एक साइलेंट रिक्वेस्ट थी. मैं ने उसका एक हाथ पकड़ केऊपेर उठाया और सीधा अपने लूस बॉक्सर्स शॉर्ट के खुले भाग से अंदर घुसा के अपने आकड़े हुए लंड पे रख दिया और इमीडीयेट्ली उसने अपना हाथ अरे बाप र्ऱेकहते हुए शॉर्ट के बाहर खेच लिया मैं ने उसका हाथ फिर से पकड़ा और अपने शॉर्ट के अंदर डाल के अपने फॅन फनाते लंड को उसके हाथ मे थमा दिया जिसे उसने इस टाइम थाम लिया. दोनो के मूह से कुछ भी नही निकल रहा था. ऋतु मेरे लंबे मोटे आकड़े हुए लंड के ऊपेर हाथ रखे रही तो मैं ने उसका हाथ अपने हाथ मे ले के दबाया तो वो इशारा समझ गई दोनो ने कुछ नही कहा जैसे साइलेंट अग्रीमेंट हो गया हो और ऋतु मेरे लंड को पकड़ के दबाने लगी अभी भी उसके मूह से बोहोत धीमी आवाज़ मे निकला अरे बाप रे यह तो बहुत ही बड़ा हैमैं कुछ बोला नही बॅस मुस्कुरा दिया.

 

मैं अपने चेर पे थोड़ा सा और पैर खोल के चेर के सामने एड्ज पे आ गया. अब ऋतु मेरे लंड को दोनो हाथो से पकड़ के दबा रही थी. मुझे बड़ी खुशी हो रही थी के यह लड़की जिसे मैं कब से चोदना चाहता था आज वो खुद ही मेरे पैरो मे गिरी पड़ी है और मेरे लौदे को हाथ मे पकड़ के मज़े से दबा रही है. मैं ने ऋतु के सर को पकड़ के अपनी ओर खेचा तो वो एक कदम और आगे आ गई अब पोज़िशन ऐसी थी के मेरा फुल्ली एरेक्टेड आंड थ्रॉबिंग लंड उसके मूह के सामने था. मैं चाहता था के ऋतु ही मेरे बॉक्सर्स की ज़िप खोले पर वो अभी तक नही खोल रही थी तो मैं ने उसका हाथ पकड़ के अपनी बॉक्सर्स शॉर्ट्स की ज़िप के ऊपेर रख दिया तो वो शरमाते शरमाते मेरी तरफ अजीब नज़रों से देखते देखते ज़िप खोलने लगी.

 

ज़िप का खुलना था के मेरा मूसल जैसा लंड मेरे शॉर्ट्स के अंदर से किसी साँप की तरह से तड़प के बाहर निकल गया और ऋतु के मूह के सामने हिलने लगा तो ऋतु एक दम से घबरा गई और उसका

 

मूह डर के मारे खुल गया और उसके मूह से फिर से निकला अरे बाप रेऔर सडन्ली उसका मूह थोड़ा सा पीछे हट गया तो मैं हंस दिया और बोला के क्या हुआ कभी लंड देखा नही क्या? तो उसने अपना सर हिला दिया और कहा देखा तो है पर इतना बड़ा और मोटा नही देखा. एक बार फिर से ऋतु बोलने लगी राजा बाबू प्लीज़ किसी से कुछ भी नही कहना हमारे बारे मे नही तो मैं मर जाउन्गी तो मैं ने फिर से दिलासा दिलाया के मैं किसी से नही बताउन्गा बस मैं जैसा कहु तू वैसे ही करती जा तो उसने कहा ठीक है आप जैसा कहेंगे मैं करूगी पर प्लीज़ मैं ने उसे और कुछ कहने नही दिया और उसका मूह अपने लंड पे लगा दिया.

 

पहले तो वो समझी नही के क्या करना है तो मैं ने फिर से उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा और वाइज़ ही उसके लिप्स पे अपने लंड का सूपड़ा घुमाने लगा. उसने अपना मूह बंद कर रखा था. शाएद उसे पता नही था के उसको मेरा लंड चूसना है.

 

अब पोज़िशन ऐसी थी के मैं चेर के एड्ज पे बैठा था, ऋतु मेरे दोनो पैरो के बीचे मे घुटनो के बल बैठी थी. मेरा मूसल लंड उसके मूह के सामने हिल रहा था. मैं ने अपने लंड को अपने हाथो से पकड़ के उसके मूह मे घुसाना शुरू किया तो उसने मूह नही खोला पर सूपड़ा उसके होंठो के बीचे मे घुस के उसके दांतो से रगड़ने लगा. मैं ने ऋतु से कहा चल अब जल्दी से मूह खोल ज़ियादा नखरे मत कर तो वो मेरी तरफ देखने लगी तो मैं ने कहा हा चल खोल मूह जल्दी से और ले इसको चूस. ऋतु ने अपना मूह थोड़ा सा खोला और मेरे लंड को ऐसे मूह मे लिया जैसे टेस्ट कर रही हो और फॉरन ही मूह हटा लिया. अब मैं ने अपने लंड को ज़बरदस्ती घुसाया तो उसने मूह खोल दिया और मेरा लंड उसके मूह मे घुस्स गया पर उसने चूसा नही ऐसे ही मूह खुला रखा तो मैं ने लंड को थोड़ा प्रेशर दिया तो लंड उसके थ्रोट तक घुस्स गया और उसके मूह से आआग्ग्ग्ग्घ्ह्ह्ह्ह गगगगगगगगघह जैसी आवाज़ निकल गई और उसके गले की रगे तंन के मोटी हो गई और उसकी आँखें बाहर को निकल गई और उसने अपना मूह लंड से बाहर खेचना शुरू किया तो मैं ने कहा अगर नही चूसेगी तो ऐसे ही हलक़ के अंदर तक घुसा दूँगा तो उसने बिना कुछ कहे अपना सर हिला दिया तो मैं ने उसके सर पे से अपना हाथ ढीला कर दिया.

 

अब ऋतु ने अपना मूह ऊपेर नीचे कर के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था. मैं ने अपना हाथ उसके सर पे रख दिया और उसके मूह को चोदने लगा. ऋतु थोड़ी देर तक ऐसे ही मेरे लंड को चूस्ति रही फिर मैं ने उसका मूह अपने लंड से हटा दिया तो उसने इत्मेनान की साँस ली और समझी के शाएद उसका काम ख़तम हो गया और वो अपनी जगह से उठने लगी तो मैं

 

ने कहा चल अब अपने कपड़े उतार तो वो मेरी तरफ दया की नज़रो से देखने लगी तो मैं ने कहा चल जल्दी कर तो उसने कहा क्यों बाबू कपड़े क्यों उतारू. मुझे लज्जा आती है प्लीज़ बाबू ऐसे ना करो ना तो मैं ने कहा अपनी चूत चटवाने और अनु और शालु की चूतो को चाटने के टाइम पे तो कपड़े उतार के नंगी हो जाती है तब तुझे लज्जा नही आती और मेरे सामने नंगी होते तुझे लज्जा आती है चल उतार जल्दी से, तो उसने कुछ नही कहा अपनी जगह से उठ के खड़ी हो गई तो मैं ने कहा चल जल्दी कर मैं तुझे नंगी देखना चाहता हू. उसने एक बार फिर से दया की नज़रो से देखा तो मैं ने अपनी उंगली को ऐसे नीचे से ऊपेर किया जैसे कह रहा हू के जल्दी से निकाल. ऋतु पलट गई और अपने शर्ट के बटन्स खोलने लगी तो मैं ने कहा हे इधर पलट के खोल मैं तुंझे नंगा होते देखना चाहता हू. इतनी देर मे एक ज़बरदस्त बिजली चमकी और गूँज से बारिश और ज़ियादा तेज़ हो गई. बारिश इतनी तेज़ी से हो रही थी जैसे लगता था के दिन के 11 नही रात के 11 बजे हैं. बाहर का मौसम तो ठंडा था पर कमरा और मैं गरम था. ऋतु ने एक बार फिर से कोशिश की के बाबू ठंड लग रही है तो मैं ने उठ के कमरे की खुली हुई विंडो भी बंद कर दी जिस से कमरे मे बाहर की ठंडी हवा आ रही थी. इतनी तूफ़ानी बारिश मे किसी के आने की उम्मीद नही थी और घर का मैन डोर भी लॉक था. मम्मी और डॅडी भी शाम से पहले घर आने वाले नही थे. घर मे मेरे और ऋतु के सिवा कोई नही था. इसी लिए ऋतु को तडपा तडपा के इत्मीनान से चोदना चाहता था और वो किसी नन्ही सी मासूम कबूतरी की तरह से डरी सहमी बड़ी अछी लग रही थी जिसे देख के मेरे लंड मे एक नया जोश आ गया था..

 

ऋतु धीरे धीरे अपने बटन्स खोलने लगी और जब सारे बटन्स खुल गये फिर भी अपने हाथ वही रहने दिए और शर्ट नही उतारी तो मैं ने कहा के खुद उतारेगी या मैं उतारू तो वो बोलने लगी राजा बाबू प्लीज़ ऐसे ना करो मुझे लज्जा आती है. मैं सोच मे पड़ गया के मैं खुद ही उसके कपड़े फाड़ डालु या उसको ही उतारने दू. फिर यह डिसाइड किया के वो खुद ही मेरे सामने नंगी होगी और उसको बोला के देख ऋतु अगर तू कपड़े नही उतारेगी तो यहा से चली जा मैं तुझे कुछ नही करूगा तो उसकी आँखो मे एक चमक आ गई शाएद वो खुश हो गई थी फिर मैं ने अपना सेंटेन्स कंप्लीट किया के देख बाद मे अगर किसी ने यह पिक्चर्स देख ली तो मुझे कुछ नही कहना तो वो फिर से डर गई और बोली के ठीक है बाबू खोलती हू. ऋतु ने अपनी शर्ट को अपने हाथ ऊपेर कर के बाहर निकाल दिया. ऋतु शाएद ब्रस्सिएर नही पहनती थी या उसकी छोटी छोटी से चुचिओ के लिए ब्रस्सिएर्स मार्केट मे नही मिलते थे मुझे नही मालूम. उसके मस्त छोटे छोटे कॉनिकल शेप की कड़क चुचियाँ मेरे

 

सामने थी. चूचियों पे छोटे छोटे से लाइट ब्राउन कलर के निपल्स जो अभी पूरी तरह से बने भी नही थे बड़े मस्त लग रहे थे जिन्है देखते ही मेरे लौदे मे एक नया जोश आ गया और मेरा लंड खुशी और मस्ती में झूमने लगा के आज एक नयी और कुँवारी चूत को चोदना है, नाचने लगा और लहराने लगा पर अपने आप को कंट्रोल मे रखते हुए कहा के चल अब जल्दी से अपनी सलवार उतार तो वो फिर से कहने लगी रहने दो ना बाबू अपनी कमीज़ तो निकाल दी ना अब सलवार को रहने दो ना प्लीएअसीई तो मैं ने फिर से डराया देख तेरी मर्ज़ी बाद मे मुझे कुछ ना कहने तो वो मेरी धमकी को समझ गई और अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी. जैसे ही उसने नाडा खोला उसकी सलवार सरर से नीचे गिर पड़ी और ऋतु ने फॉरन अपने दोनो हाथो से अपनी छोटी सी बेबी चूत को छुपा लिया तो मैं ने कहा चल अब ज़ियादा नखरे मत्त कर और हाथ हटा, मुझे देखने दे तो उसने शरमाते हुए धीरे धीरे अपने हाथ हटा लिए. अब वो मेरे सामने एक दम से नंगी खड़ी थी. उसका साँवले कलर का बदन बड़ा सेक्सी लग रहा था. उसकी चूत पे बोहोत छोटी छोटी मुलायम से झांतो जैसा रूवूवा था शाएद अभी झांट आने नही शुरू हुए थे एक दम से चिकनी मक्खन जैसी ब्रांड न्यू चूत मन कर रहा था के अभी उसकी चूत पे मूह लगाउ और चूसना शुरू कर्दु पर अपने आपको कंट्रोल किया. चूत की पतली पतली पंखाड़िया एक दूसरे से जुड़े हुए थे और चूत उसके जाँघो मे एक लकीर जैसी बन गई थी. वाह क्या बताउ कितनी मस्त जवानी थी ऋतु की.

 

मेरी चुदाई से अनु की चुचियाँ हिलते हुए डॅन्स कर रही थी और बड़ी अच्छी लग रही थी तो मैं उसकी चुचिओ को एक के बाद एक कर के मूह मे ले के चूस्ते हुए चोदने लगा. अनु ने मुझे टाइट पकड़ लिया और एक ज़ोर से आआआआआआआआअहह राआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्

 

ज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊऊऊऊऊन्न्‍नननननणणनह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ के साथ ही उसका बदन पहले तो बड़ी ज़ोर से अकड़ गया फिर ज़ोर ज़ोर्से काँपने लगा और वो झड़ने लगी. अनु की चूत उसके जूस से भर गयी थी और लंड बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था मैं लंड को सूपदे तक बाहर निकाल निकाल के बड़ी ज़ोरो से चोद रहा था. मैं बड़ी स्पीड से अनु की टाइट चूत को चोद रहा था कमरे मे चुदाई की पच पच की आवाज़ें आ रही थी और मुझे भी लगा के अब मैं भी झड़ने वाला हू तो अनु को टाइट पकड़ लिया और पूरा लंड सूपदे तक उसकी चूत से बाहर निकाल के एक और पवरफुल स्ट्रोक मारा और मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के बोहोत अंदर तक घुस्स के उसके बच्चे दानी से टकराया और मेरे लंड से गरम गरम मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकलने लगी. मेरी मलाई निकलती ही रही और इतनी निकली के उसकी चूत भर गयी लैकिन मैं फिर भी उसे दीवानो की तरह से चोदे ही जा रहा था. मेरी मलाई अनु की चूत मे गिरते ही अनु एक बार फिर से काँपते हुए झड़ने लगी और मुझे टाइट पकड़ लिया. जब मेरी मलाई कंप्लीट निकल चुकी तो मेरे धक्के धीरे धीरे कम हो गये और मैं रुक गया और लंड को अनु की चूत के अंदर ही छोड़ के उसके ऊपेर गिर गया और हम दोनो की साँसें गहरी गहरी चल रही थी आँखें बंद थी. जब हम दोनो अची तरह से झाड़ चुके तो अनु ने मुझे अपने ऊपेर से धकेल दिया और मैं उसके बदन से लुढ़क केगेहरी गहरी साँसे लेता हुआ उसके बघल मे लेइट गया. मेरा लंड अनु की चूत के बाहर निकल चुका था पर उसकी छूट का सुराख जो काफ़ी बड़ा हो चुका था वो अपने आप ही खुल बंद हो रहा था जैसे उसकी चूत के मसल्स अभी भी मेरे लंड को निचोड़ रहे हो.

 

थोड़ी देर के बाद जब अनु की ब्रीदिंग नॉर्मल हुई और दरद कुछ कम हुआ तो उसने मेरी तरफ अजीब नज़रो से देखा और पूछा तुम्है कैसे पता चल मेरे और ऋतु के बारे मे तो मैं ने बोला के मैं विंडो से देख रहा था और तुम लोगो की बातें भी सुन चुका हू और दोनो को किस करते हुए और नंगे

 

हो के एक दूसरे की चूतो को चाट ते हुए भी देखा है तो उस ने कहा राज्ज्ज प्लीज़ यह बात किसी को भी नही बताना नही तो मैं बदनाम हो जाउन्गी वो गिड़गिदाने लगी. ऋतु से भी नही कहना प्लीज़ तो मैं ने कहा के ठीक है किसी को भी नही पता चलेगा पर जब मेरा मूड होगा मैं तुम्है चोदुगा तो उस ने कहा के नही राज्ज्ज प्लीज़ मुझे बोहोत दरद हुआ है प्लीईएसस्स नही करो ना कही मैं प्रेग्नेंट हो गई तो मुसीबत ही खड़ी हो जाएगी तो मैं ने कहा के मैं जो जेल्ली यूज़ कर रहा हू वो स्परमिसाइडाल है उस से प्रेग्नेंट नही होते और कॉंडम भी लगाने की ज़रूरत नही पड़ती तो और स्किन टू स्किन चुदाई का मज़ा ही कुछ और है ऐसा मज़ा जो कॉंडम लगा के चोदने मे नही आता और लंड की क्रीम चूत मे गिरने से प्रेग्नेंट भी नही होती बड़े कमाल की है यह जेल्ली. वो कुछ सोचने लगी पर कुछ बोली नही शाएद वो मेरी इच्छा से सहमत हो गई थी या ना-चाहते हुए भी ज़बरदस्ती राज़ी हो गई थी. जब मैं ने टेबल लॅंप जला दिया और उसको जेल्ली का डिब्बा दिखाया जिसपे स्परमिसाइडाल (स्पर्म को मारने वाली) लिखा हुआ था तो उसके चेहरे पे इत्मीनान आ गया और मैं ने जेल्ली को टेबल पे रख के टेबल लॅंप बंद कर दिया.

 

थोड़ी देर हम दोनो ऐसे ही लेटे रहे. मेरे लंड को अनु की चूत की भूक अभी ख़तम नही हुई थी मैं अनु को एक बार और चोदना चाहता था. उसके मस्त बूब्स को दबाने लगा और उसके पिंक कलर के किशमिश जैसे निपल्स को भी अपने मूह मे ले के चूसने लगा. अनु और मैं दोनो एक दूसरे की तरफ मूह कर के करवट से लेटे थे. इतनी देर मे मेरा मूसल जैसा लंड फिर से तंन के खड़ा हो गया था और अनु की चूत के सुराख के सामने मस्ती मे लहराने लगा. मैं ने अनु का हाथ पकड़ के अपने अपने लंड पे रख दिया तो अनु ने अपना हाथ हटा लिया पर मैने फिर से उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा तो उसने लंड को फिर भी नही पकड़ा पर अपना हाथ लंड पे से हटाया भी नही. अपने एक हाथ से अनु की चूत के सहलाने लगा तो अनु ने ऑटोमॅटिकली अपनी एक टांग उठा के मेरे हिप पे रख ली जिस से उसकी चूत थोड़ी सी खुल गई और फिर अनु ने खुद ही मेरे लंड को अपने हाथ मे ले के पकड़ लिया और दबा दिया और बोली उफफफफ्फ़ राज्ज्जज्ज यह तो बोहोत ही मोटा और बड़ा है. यह मेरे इतने छोटे से सुराख मे कैसे घुस गया यह मैं ने कहा के यह एक नॅचुरल बात है. चूत के मसल्स अपने आप ही बड़े और मोटे लंड के हिसाब से अड्जस्ट हो जाते हैं तो वो बोली के मुझे ताज्जुब है के मेरे इतने छोटे से सुराख मे यह इतना बड़ा और इतना मोटा कैसे समा गया. इतनी देर मे मैं अपने हिप्स को आगे पीछे कर के उसके हाथ मे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और कभी मेरा लंड उसके हाथ से आगे निकलता हुआ उसकी चूत से टकराने लगा. ऐसी बोहोत

 

सी चीज़ें होती है जो इंसान ऑटोमॅटिकली खुद से ही सीख जाता है. इसी तरह से अनु ने भी मेरे लंड के डंडे को पकड़ के लंड के सूपदे को अपनी चूत के अंदर ऑटोमॅटिकली रगड़ना शुरू कर दिया. मेरे लंड मे से प्री कम कंटिन्यू निकल रहा था. जब मेरे मूसल लंड का सूपड़ा अनु की क्लाइटॉरिस से टच करता तो उसके मूह से आआआआआहह और ऊऊऊऊऊऊऊहह जैसी मस्ती भरी आवाज़ें निकल जाती.

 

हम दोनो एक दूससरे की जीभ चूस्ते हुए टंग सकिंग किस करने लगे और मैं अपने हाथो से उसके मस्त कड़क चुचिओ को मसल रहा था दबा रहा था तो वो भी फुल मस्ती मे आ गई. मैं पीठ के बल सीधा लेट गया और अनु को अपने बदन के ऊपेर खेच लिया. अभी भी अनु की चूत पे और मेरे लंड पे पहले की चुदाई के टाइम पे लगाई हुई की जेल्ली लगी हुई थी इसी लिए मैं ने उसकी चूत को चाटना या अपने लंड को उसके मूह मे देना ठीक नही समझा. अब अनु मेरे बदन के ऊपेर चढ़ के बैठ गयी. मेरे पैर अभी सीधे ही थे. मेरे लंड मेरे नवल पे पड़ा हुआ था. अनु को अपने ऊपेर ऐसे बिठा लिया के उसकी चूत की पंखाड़ियाँ खुल के मेरे लंड के डंडे के बॅकसाइड पे रखे थे. अनु को अपने ऊपेर झुका के उसकी चुचिओ को चूसने लगा तो वो फिर से मूड मे आ गयी और मेरे लंड के डंडे पे आगे पीछे फिसलने लगी. अनु बोली के देखो राज मुझे अभी तक दरद हो रहा है अब तुम कुछ भी नही करना मेरा सारा बदन दुख रहा है. अभी तक अनु ने एक टाइम भी लंड या चूत का शब्द नही बोला था. मैं ने कहा के तुम फिकर ना करो अब तुम्है कभी दरद नही होगा और तुम्है अब मज़ा ही मज़ा आएगा तुम देख लेना तुम्हारे दरद का टाइम ख़तम हो गया है यह फर्स्ट टाइम चुदाई का दरद ही दरद होता है फिर मज़ा ही मज़ा तो वो कुछ बोली नही बस थोडा सा मुस्कुरा दी.

 

अनु आगे पीछे हिल हिल के मेरे लंड पे फिसल रही थी. उसकी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी और मेरे लंड मे से भी कंटिन्यू प्री कम निकलना शुरू हो गया था. कभी मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी छोटी सी चूत के सुराख मे अटक जाता तो वो अपनी जगह से उछल पड़ती और लंड को बाहर निकाल देती पर फिर से डंडे पे बैठ के आगे पीछे फिसलना शुरू कर देती तो मैं समझ गया के अब उसको भी मज़ा आने लगा है. पता नही क्यों मुझे लड़कियों की चूत के अंदर एक ही ज़ोरदार झटके से लंड घुसेड़ने मे बड़ा मज़ा आता है इसी लिए जब मैं ने महसूस किया के अनु की चूत बोहोत ही गीली हो चुकी है और चुदवाने को तय्यार है तो मैं अनु को थोड़ा झुका के उसकी बगल से हाथ निकाल के उसके शोल्डर्स को पकड़ लिया और किस

 

करने लगा जिस से उसकी चूत मेरे लंड से थोड़ा ऊपेर उठ गई और मेरे लंड का सूपड़ा उसकी चूत के सुराख मे जा के अटक गया. मैने अपनी गंद उठा के उसकी चूत मे सूपदे को अंदर धकेल दिया तो वो चोंक गई पर मैं ने उसको छोड़ा नही ऐसे ही टाइट ग्रिप से पकड़े रखा और फिर ऐसे ही सूपदे को तीन चार टाइम अंदर बाहर करते करते जब उसकी चूत बोहोत ज़ियादा गीली हो गयी उसकी चूत के मसल्स रिलॅक्स हो गये और उसको मज़ा आने लगा और मुझे महसूस हुआ के सूपड़ा उसकी चूत मे आसानी से अंदर बाहर हो रहा है तो अपनी गंद को उठा के एक पवरफुल झटका मारा और साथ मे ही उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ के ज़ोर से नीचे खेच लिया जिस से मेरा आधा लंड उसकी टाइट चूत मे घुस्स गया और वो फिर से छटपटाने लगे चिल्लाई आआआआआआआआईईईईईईईईईईई राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊहह न्‍न्‍नन्निईीईईिककककककककककाआाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल ब्बबाअद्ड्द्डमम्माआआसस्स्स्स्स्स्स्शह. अनु मेरे सीने पे हाथ मारने लगी सीने के बाल नोचने लगी और मेरी ग्रिप से निकलने को तड़पने लगी पर मैं ने उसको बोहोत टाइट पकड़ा हुआ था और अपने लंड पे दबा रहा था जिस से वो मेरे लंड के ऊपेर से उठ नही पा रही थी. मेरी टाँगें घुटनो से मूडी हुई थी और वो मेरे लंड पे किसी जॉकी की तरह सवार थी जिसकी वजह से उसको मेरे लंड से ऊपेर उठने का कोई चान्स नही था. अनु को फिर से झुका के उसके चुचिओ को चूसने लगा तो उसकी चूत के मसल्स कुछ रिलॅक्स हो गये और फिर ऐसे ही आधा लंड उसकी गीली टाइट चूत मे अंदर बाहर अंदर बाहर करते करते एक और पूरी ताक़त से धक्का मारा तो लंड पूरा का पूरा जड़ तक उसकी छोटी सी टाइट चूत मे घुस्स गया और उसके मूह से ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई और फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ निकला और वो मेरे बदन से चिपेट गई उसकी आँखें ऊपेर की तरफ च्चढ़ गई उसकी आँख से आँसू निकलने लगे और वो मेरे बदन पे गिर गई..

 

थोड़ी देर तक लंड ऐसे ही अनु की चूत मे डाले रखने के बाद वो रिलॅक्स हो गई और उसकी ब्रीदिंग नॉर्मल हुई तो उसकी लंबी बाहों एक बार फिर मुझे लपेट लिया और उसकी टाँगें भी मेरी टाँगों से लिपट रही थी जैसे ठीक से चुदाई के लिए पोज़िशन ले रही हो थोड़ी देर मे मुझे लगा के अब वो दर्द भूल गई है तो अचानक मैं ने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालते हुए एक भरपूर शॉट मारा और मेरा यह शॉट इतना पवरफुल था के वो आआआआआआहह र्र्र्र्र्र्र्ररराआआआआआजजजज्ज्ज्ज्ज्ज ऊऊऊऊऊऊओिईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममममममाआआआआआआआ कहते हुए मुझ से

 

लिपट गयी और मैं अपनी गंद उठा के उसको मस्ती मे चोदने लगा. थोड़ी देर मे ही अनु भी मज़े ले के चुदवा रही थी उसका सारा दरद ख़तम हो गया था. अब वो मेरे लंड पे ठीक से बैठी थी और उछल रही थी जिस से उसकी चुचियाँ भी हिल हिल के डॅन्स कर रही थी.. जैसा मैं पहले बता चुका हू के सब कुछ नॅचुरली ही इंसान सीख जाता है उसी तरह से अनु भी उछल उछल के चुदवाना सीख गई थी. उसके बाल हवा मे उड़ रहे थे, उसके मस्त बूब्स डॅन्स कर रहे थे मैं उनको अपने हाथो से पकड़ के दबाने और मसल्ने लगा. अनु ने अपने हाथ मेरे चेस्ट पे रखे हुए थे और मेरे लंड पे उछल रही थी. अनु की छोटी सी चूत पूरी तरह से खुल चुकी थी और मेरा लंड उसकी चूत के गहराइयों मे घुस्स चुका था और उसकी बच्चे दानी से लग रहा था. अनु के मूह से मस्ती की आआआअहह राअज्जजज्ज्ज्ज्ज ब्बूहूऊऊऊऊथततटटतत्त मज़ाआअ आआआआआआ र्र्र्र्ररराआआआहहााअ हीईईईईईईईईईई आआआअहह ऊऊऊऊओ और उसकी स्पीड बढ़ गई अब तो तेज़ी से उछल रही थी और उसके मूह से एक बड़ी सी सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और आआआाअगगगगगगगगगगगगगघह की आवाज़ निकली, उसका बदन थर थर काँपने लगा और वो मेरे बदन पे गिर पड़ी और झड़ने लगी. मैने उसको टाइट पकड़ा हुआ था और वो मेरी बाँहो मे काँप रही थी और झाड़ रही थी. उसकी चूत मे से जूस निकल निकल के मेरे लंड के डंडे से नीचे मेरे गंद के क्रॅक तक चला गया और बेडशीट पे गिरने लगा मैं ऐसे लंड उसकी चूत मे डाले लेटा रहा और वो झड़ती रही उसकी गीली चूत मेरे लंड पे खुल बंद खुल बंद होती रही और चूत के मसल्स मेरे लंड को टाइट पकड़े रहे.. जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया और उसका झड़ना बंद हो गया तो वो दीवानो की तरह से मेरे मूह पे किस करने लगी और बोलने लगी के राज्ज्जज मुझे तो पता ही नही था के सेक्स मे इतना मज़ा होता है और ऐसा मज़ा तो कभी भी नही मिला. यह क्या कर दिया है तुम ने मुझे. मैं मुस्कुराने लगा और बोला के यह हेट्रोसेक्स मे जो मज़ा है वो होमोसेक्श मे और लेज़्बियेनिज़्म मे नही उस्मै तुमको मज़ा ज़रूर आता होगा लैकिन चूत को ऐसा सॅटिस्फॅक्षन उसी वक़्त मिलता है जब उस्मै चुदाई के बाद लंड मे से निकला हुआ गरम गरम लावा गिरने से मिलता है. लड़की को जब किसी तगड़े लंड का मज़ा लगता है तो वो मज़े से दीवानी हो जाती है और सॅटिस्फाइ हो जाती है इसी तरह से आज तुम्हारी चूत को ऐसा ही एक लंड मिला है जिसने तुम्हारी चूत की प्यास को बुझा दिया. अनु बोली के पर राज मुझे तो ऋतु से भी मज़ा आता है और मैं उसके साथ भी कंटिन्यू करना चाहती हू तो मैं ने कहा ठीक है के कोई बात नही ऐसा होता है लड़की कभी कभी लड़की के साथ भी मज़ा लेती है और लड़के के साथ चुदवाती भी है कोई बात नही तुम ऋतु के

 

साथ अपने रिलेशन्स कंटिन्यू रख सकती हो तो अनु बोली के राज प्लीज़ ऋतु को नही बताना के तुम ने मेरे साथ यह सब किया है तो मैं ने कहा के कोई बात नही मैं ऋतु को कुछ नही बताउन्गा तुम फिकर ना करो.

 

मेरा लंड उसकी चूत मे ही फूल पिचक के साँस ले रहा था और इतनी देर मे उसकी चूत भी पूरी तरह से सॅटिस्फाइ हो के रिलॅक्स हो चुकी थी. मैं एक टाइम झाड़ चुका था और दूसरे टाइम इतनी आसानी से झड़ने वाला नही था इसी लिए अनु को अपने ऊपेर लिटाए मैं भी लेटा रहा. अनु मेरे बदन पे लेटी हुई थी और मेरे चेहरे पे किस करने लगी और ऐसे ही किस करते करते फिर से मेरे होंठो पे किस किया तो मैं ने अपना मूह खोल दिया जिस से उसने अपनी ज़ुबान मेरे मूह मे डाल दी और मैं उसकी टंग को चूसने लगा और दोनो फिर से टंग सकिंग किस करने लगे. मेरे दोनो हाथ उसके गंद पे थे और मैं उसके चिकने चूतडो को मसाज कर रहा था और दबा रहा था जिस से उसके बदन मे फिर से वासना जाग उठी और फिर से गरम हो गयी और मेरे लंड जो ऑलरेडी उसकी चूत मे रेस्ट ले रहा था उसपे पे आगे पीछे होने लगी. थोड़ी ही देर मे उसकी चूत फिर से गीली हो गई और वो फिर से मस्ती मे आ गई और मैं भी अपनी गंद उठा उठा के उसको चोदने लगा.

 

थोड़ी देर तक ऐसे ही धीमी गति से चोदने के बाद अब मे फिर से उसकी चूत मैं ज़ोर ज़ोर से झटके मारना चाहता था इसी लिए अनु को पलटा दिया और अब वो नीचे बेड पे पीठ के बल लेट गई और मैं उसके ऊपेर आ गया. अनु के पैर ऑटोमॅटिकली उठ गये और मेरे बॅक से लिपट गये. मैं अनु के बदन पे झुक गया और अपने पैर पीछे कर के बेड के किनारे से टीका दिया और अपना लंड बाहर निकाल के चोदना शुरू कर दिया. फिर से उसकी बगल से हाथ डाल के उसके शोल्डर्स को टाइट पकड़ लिया और दबा फुल स्पीड से ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा. मेरे एक एक झटके से उसके मूह से हप्प्प्प्प्प हप्प्प्प हप्प्प्प और फफफफफफफूऊऊऊऊ फफफफफफूऊओ ऊऊऊऊओह जैसी आवाज़ें निकल रही थी और फिर से उसकी आँखें ऊपेर चढ़ गई थी और मेरे बदन को फिर से टाइट पकड़ लिया था. मेरे चोदने की स्पीड बढ़ गई थी. फुल स्पीड से चोद रहा था ज़ोर ज़ोर से अपनी गंद उठा उठा के लंड को पूरा सूपदे तक बाहर निकाल निकाल के घचा घच चोद रहा था. मेरे झटको से अनु की चुचियाँ आगे पीछे हिलने लगी थी. अब मुझे भी महसूस हो रहा था के अब मेरी मलाई भी निकलने को रेडी है. मैं दीवानो की तरह तूफ़ानी रफ़्तार से अनु को चोद रहा था उसकी टाइट चूत को चोदने मे बोहोत ही मज़ा आ रहा था उसकी चूत बोहोत ही गीली हो चुकी थी और वो भी अब एक बार फिर से झड़ने के करीब आ

 

गयी थी इसी लिए मेरे बदन को टाइट पकड़ के लिपट गई थी और उसी समय मैं ने एक इतनी ज़ोर से झटका मारा के उसके मूह से एक चीख निकल गई आआआआआआआआआऐईईईईईईईईईई म्‍म्म्ममममममाआआआआआआआआआआ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स और उसका बदन किसी सूखे पत्ते की तरह काँपने लगा और उसकी चूत मे मेरे लंड से निकली गरम गरम मलाई की बरसात होने लगी और मेरे लंड से पहली पिचकारी गिरते ही उसकी चूत भी बर्दाश्त नही कर सकी और झड़ने लगी दोनो का ऑर्गॅज़म साथ साथ चलता रहा मेरे धक्के अब स्लो होने लगे पर हर धक्के के साथ मलाई की पिचकारी निकल निकल के उसकी चूत को भरने लगी और थोड़ी देर मे ही उसकी चूत मे से दोनो का मिला जुला रस्स निकल के उसकी गंद मे से नीचे बेड पे गिरने लगा.

 

जितनी देर ऑर्गॅज़म चलता रहा उसने मुझे टाइट पकड़े रखा और गहरी गहरी साँसे लेती रही उसकी आँखें मस्ती मे बंद हो चुकी थिया फिर जैसे जैसे ऑर्गॅज़म ख़तम होने लगा तो उसकी ग्रिप भी मेरे बदन पे लूज़ हो गई और मैं भी उसके बदन पे लेट गया जिस से उसकी चुचियाँ दब गयी. लंड अनु की चूत के अंदर ही फूल रहा था और धीरे धीरे वो चूत के अंदर ही अंदर नरम होने लगा और एक प्लॉप की आवाज़ के साथी ही बाहर निकल गया जिस से उसकी चूत मे जो हम दोनो का मिला जुला रस बचा हुआ था वो भी बाहर निकल के बेड पे गिरने लगा. अनु फॉरन ही गहरी गहरी साँसें लेने लगी और उसे नींद आ गई और वो खर्राटे मारते हुए सो गयी शाएद यह फिज़िकल और मेंटल सॅटिस्फॅक्षन की नींद थी. मैं उसके बदन पे शॉल डाल के अपने कमरे मे आके सो गया.

 

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