दोस्तों मैं सीमा
हूँ जो हिन्दी सेक्स कहानी मैं आज आपको बताने जा रहा हूँ , मेरी माँ के साथ सेक्स की कहानी वैसे तो मेरा एक बॉयफ्रेंड
भी है.. लेकिन मुझे मधु में ही रूचि थी। घर में ज़्यादातर सिर्फ़ में और मेरी माँ
मधु ही रहते है और मेरा छोटा भाई हॉस्टिल में नौकरी पर है और पापा बाहर नौकरी करते
है और वो 6-7 महीनो में एक या दो बार ही घर पर आते है और इसी वजह से में हिंदी
सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर अपना ज्यादा समय देती हूँ.. क्योंकि घर पर अकेले बेठे
बेठे बोर हो जाती हूँ। में इस साईट पर बहुत सालो से सेक्सी कहानियाँ पढ़ती आ रही
हूँ और मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता है।
दोस्तों मेरी माँ
की शादी जब हुई तब वो 19 साल की थी और जब वो 21 की थी तब बच्चे.. लेकिन वो कभी भी
सेक्स से संतुष्ट नहीं रहती थी.. क्योंकि पापा कभी भी घर पर नहीं होते थे.. वो
ज्यादातर समय बाहर अपनी नौकरी पर ही रहते थे। अब मधु की उम्र 36 साल है.. लेकिन वो
ऐसी लगती है जैसे मेरी बड़ी बहन हो। बहुत सेक्सी शरीर, हाईट 5.9 इंच होगी और फिगर है 34-23-38 रंग बिल्कुल गोरा और
वो सफेद साड़ी पहन कर एकदम 1960 फिल्म की हिरोईन लगती है। दोस्तों अब स्टोरी शुरू
करते है। यह बात कुछ 4 महीने पुरानी है।
घर पर सिर्फ़ हम
दोनों ही थे और हम दोनों हमेशा से ही अपनी सभी बातें एक दूसरे से शेयर करते है और
हम कभी कभी थोड़ी बहुत सेक्स से सम्बन्धित बातें भी शेयर करते थे। फिर एक दिन मेरे
बॉयफ्रेंड के बारे में बात कर रहे थे। तभी बातों बातों में मधु बोली कि कर लो मज़े
अभी तुम्हारी उम्र है और बाद में मेरी जैसी हालत हो जानी है। तो बातों चलते चलते
हम दोनों सेक्स पर आ गए और फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ और मुझसे रहा नहीं गया और
मैंने मौका देखकर बात छेड़ ही दी..
फिर मैंने कहा कि
क्यों हम दोनों भी तो मज़े कर सकते है? तो मधु मुझे बड़ी हैरान सी निगाहों से मुझे देखने लगी। तो मैंने कहा कि मैंने
आपको कभी बताया नहीं.. लेकिन मुझे लड़की और लड़कों दोनों में बहुत रूचि है और ख़ास
तौर से आप में। तभी मधु हंसने लगी और बोली कि चल पागल.. ऐसा अजीब मज़ाक ना कर।
तो उस समय मेरी
भी हिम्मत टूट गयी और में भी हंसकर बोली कि में मज़ाक कर रही थी। फिर में वहाँ से
उठकर आ गयी और उसके बाद से मेरी मधु में रूचि और भी बढ़ गई और मुझे सपनों में भी
मधु की चूत दिखने लगी। फिर एक दिन वो कपड़े धोकर बाहर आई तो वो बिल्कुल पसीने से
भीगी पड़ी थी और उसकी ब्रा का हुक दिख रहा था.. क्योंकि वो हमेशा ढीला टॉप और
जीन्स पहनती थी। मेरी तो उसके ऊपर से नज़र हट ही नहीं रही थी और में मन ही मन उसे
सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में सोचने लगी। तभी मधु की नज़र मुझ पर पड़ी और वो बोली कि
क्या हुआ? तो में बोली कि वो.. वो..
वो में कह रही थी कि आप नहा लो बहुत गर्मी हो रही है। वो तभी नहाने चली गयी और
बाथरूम में कहीं भी अंदर झाँकने की जगह नहीं थी।
बाहर उसके कपड़े
उतार कर उसने सूखने के लिए छोड़ दिए थे। तो मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उठाई और अपने
रूम में ले जाकर उन्हे सूँघा और अपनी चूत में उँगलियाँ डाली.. मेरी चूत का रस
मैंने मधु की पेंटी पर लगा दिया और वापस वहीं पर चुपचाप ला कर रख दी। फिर थोड़ी
देर बाद वो टावल बाँधकर बाहर आई और अपने कपड़े उठाने लगी। तो उसने पेंटी को देखा और
वहीं छोड़ दिया और वो कपड़े बदलने गयी तो में उसके पीछे पीछे चली गयी। वो अपने रूम
में जाकर कपड़े बदलने लगी.. लेकिन उसके रूम का दरवाजा अच्छी तरह से बंद नहीं होता
था तो में बाहर से उसे देखने लगी.. उसने टावल उतारा तो मेरी आखें फटी की फटी रह
गयी वाह क्या फिगर है? और मेरी चूत में
से बिना कुछ करे ही धीरे धीरे पानी बाहर आने लगा और मेरी पेंटी गीली होने लगी उसको
देखकर में अब बहुत गरम हो चुकी थी।
मधु ने एक स्कर्ट और शर्ट पहन ली बिना पेंटी के.. क्योंकि बहुत गर्मी थी और वो बाहर आ गयी। उसकी स्कर्ट घुटनो से ऊपर तक थी.. लेकिन में मौके के इंतज़ार में घूमती रही कि कब वो बैठे और में स्कर्ट के नीचे से नज़ारा देख सकूं। फिर वो हॉल में आकर टीवी के सामने बैठ गयी और में उसकी तरह मुहं करके बैठ गयी और उसके टाँगें खुलने का इंतज़ार करने लगी। तभी मधु की नज़र मुझ पर पड़ी और में तब भी उसके बूब्स की तरफ़ देख रही थी फिर वो कुछ बोली नहीं.. लेकिन थोड़े टाईम बाद उठकर वहाँ से चली गयी और अब मधु को भी मुझ पर शक होने लगा था और फिर यह सिलसिला चलता रहा और मधु का शक धीरे धीरे यकीन में बदल गया। दोस्तों ये कहानी निऊ हिंदी सेक्स स्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।फिर एक दिन वो मुझसे बहुत तंग आकर मुझसे हंसकर कहने लगी कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि में कभी मेरी बेटी से यह बात कहूँगी.. लेकिन आज कल तेरी नज़र कुछ बदली बदली सी लगने लगी है।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें