हेल्लो दोस्तों,
आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं
उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। मेरी मम्मी कुछ दिनों
के लिए अपने मायके चली गयी थी। अब सिर्फ मैं और पापा ही घर पर थे। पापा मुझे करीब
4 महीनो से घूर घूर के देख रहे थे। मैं अच्छी तरह से जानती थी पापा अब मुझे कसके
चोदना चाहते थे। मेरी कुवारी चूत को कसके बजाना चाहते थे। ये बात साफ़ थी। उस दिन
मम्मी चली गयी। रात हो गयी। मुझे शक हो गया था की आज की रात मुझ पर बहुत भारी पढने
वाली है। आज ही रात मैं जरुर चुद जाउंगी।
दोस्तों अब मैं
चुदने लायक एक जवान लड़की हो चुकी थी। मैं किसी भी मर्द का अब मोटा लंड खाने को
तैयार हो गयी थी। कुछ दिनों से अंदर ही अंदर मेरा भी चुदवाने का बड़ा दिल कर रहा
था। रात के 10 बजे तो मैं पापा के लिए खाना थाली में लगाकर ले गयी। पापा ने थाली
लेकर एक किनारे रख दी और मुझे पकड़ लिया और गोद में बिठा लिया।
“पापा! ये आप क्या
कर रहे है???” मैंने कहा
“बेटी!! आज मैं
तुमको एक गुप्त विद्या सिखाने जा रहा हूँ। इसे सीखकर तुमको परम आनंद की प्राप्ति
होगी। तुमको बहुत मजा मिलेगा” पापा बोले “पापा! क्या नाम है इस विद्या का???” मैंने गभीरतापूर्वक पूछा “बेटी इसे चुदाई की महाविद्या कहा जाता है। आज
मैं तुमको ये सिखाऊंगा। तुम खूब ऐश मिलेगी। जो जो मैं कहूँ करती जाना। बस मना मत
करना बेटी!!” पापा बोले
दोस्तों मैं 23
साल की जवान माल हो गयी थी। मेरा रंग काफी साफ़ था। मैं बहुत गोरी थी क्यूंकि मेरी
मम्मी भी बहुत खूबसूरत थी। मैंने कई बार पापा को मम्मी को चोदते हुए देखा था।
इसलिए आज मेरा भी चुदने का मन था। धीरे धीरे पापा ने मुझे गोद में बिठा लिया और
किस करने लगे। मुझे गुदगुदी हो रही थी। वो पीछे से मेरे कान, गले, पीठ में चुम्मी ले रहे थे। मुझे अच्छा लग रहा था। गुदगुदी तो बहुत हो रही थी।
मैंने एक हल्की टी शर्ट और शॉर्ट्स पहन रखा था। धीरे धीरे पापा के हाथ मेरी टी
शर्ट पर यहाँ वहां घुमने थे। आखिर में उन्होंने मेरे बूब्स को हाथ में ले लिया और
टी शर्ट के उपर से हल्का हल्का दबाने लगे।
“पापा ये आप…..”
मैं कुछ कहने जा रही थी पर पापा ने मुझे रोक
दिया “बेटी इस चुदाई की
महाविद्या को सीखना है तो प्लीस मुझे टोको मत। जो जो मैं करता हूँ करने दो। लास्ट
में मजा ना आए तो तुम कहना” पापा बोले तो मैं
मान गयी। मैं चुप थी। पापा के हाथ मेरी 36” की चूचियों को हाथ में लेकर खेल रहे थे। 15 मिनट पर बाद
मुझे इस चुदाई की महाविद्या में गहरा इंटरेस्ट आने लगा। मुझे अच्छा लगने लगा। फिर
पापा मुझे किस करने लगे। कुछ देर बाद मेरा भी चुदाने का मन करने लगा। फिर पापा ने
मुझे नंगी होने का हुक्म दिया। मैंने सब कपड़े निकाल दिए।
उधर पापा नंगे हो
गये। आज रात मैं कसके चुदने वाली थी। पापा ने मुझे गोद में बिठा लिया बिस्तर पर
ही। पापा की कमर में मैं दोनों पैर डालकर बैठ गयी। मेरी सेक्सी पतली 28” की कमर पापा की 40” की कमर से जुड़ गयी। पापा ने मुझे बाहों में भर लिया।
दोस्तों आज रात घर में हम दोनों के सिवा कोई नही था। इसलिए पापा मुझे चोदकर आज
बेटीचोद बन सकते थे। उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया। मैं भी चुदाने के मूड में
थी इसलिए मैंने भी पापा को बाहों में कस लिया। फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने
लगे। हम बिस्तर पर थे। पापा मेरे नंगे जिस्म को नीचे से उपर तक सहला रहे थे।
“ओह्ह आयशा बेटी!!
तुम कितनी मस्त माल बन गयी। मैं तो जान ही नही पाया। आज रात मैं तेरी चूत का भोग
लगाऊंगा और तुझे सेक्स विद्या का ज्ञान दूंगा” पापा बोले
“पापा….आज मेरा भी आपसे चुदाने का बड़ा मन है। आज रात
आप मुझे चोदकर मेरी चूत का रास्ता बना दो” मैंने कहा
फिर हम होठो पर
किस करने लगे। मेरे पापा मेरे गुलाबी होठो को पीने लगे। मुझे अच्छा लग रहा था। फिर
मैं भी मुंह चला रही थी। हम दोनों एक दूसरे में पिघल रहे थे। मैं पापा के जिस्म को
सहला रही थी। पापा भी मेरी नंगे जिस्म पर हाथ घुमा रहे थे। मेरी चूत गीली होने लगी
थी। उसके बाद पापा गरमा गये। उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया। पागलों की तरह मुझे
यहाँ वहां चूमने लगे। मेरे 36” के बड़े बड़े बूब्स
उनके सीने से दब रहे थे। मुझे अच्छा लग रहा था। पापा मेरे नंगे जिस्म की खुस्बू
बटोर ले रहे थे। आज रात मैं किसी रंडी की तरह चुदवाना चाहती थी। मैं बेशर्म लड़की
बन चुँकि थी। पापा ने झुककर मेरे बाए मम्मे को मुंह में भर लिया और चूसने लगे। मैं
“…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…”
की
आवाज निकालने
लगी।
मुझे अजीब सा नशा
छा रहा था। आज पहली बार कोई मर्द मेरे बूब्स चूस रहा था। मेरी चूत में खलबली हो
रही थी। पापा बार बार मेरे नंगे पुट्ठो को सहला रहे थे। साफ़ था की उनको बेहद मजा
मिल रहा था। मेरी पीठ पर बार बार उपर से नीचे वो हाथ सहला रहे थे। धीरे धीरे मेरे
जिस्म में वासना और सेक्स की आग लग रही थी। हाँ आज मैं पापा का मोटा लंड खाना
चाहती थी। पापा मेरे बाए मम्मे को चूस रहे थे। मुझे ऐश मिल रही थी। फिर पापा मेरी
दाई चूची को पीने लगे। मुझे लगा की मेरी चूत से माल निकल आएगा। पापा चूसते ही रहे
और 20 मिनट बीत गये। अब मेरी चूचियां कामवासना के नशे से और जादा फूल गयी थी।36”
की चूचियां अब 40” की दिख रही थी। मैं मस्त चोदने लायक माल लग रही थी।
“आयशा बेटी….बोल की पापा मेरी चूत आज फाड़ दो” पापा बोले
“पापा ….आज तुम मेरी चूत कसके फाड़ दो” मैंने उसकी लाइन दोहराई “बेटी बोल की मैं रंडी हूँ, आवारा और छिनाल हूँ” पापा ने अगला आर्डर दिया “पापा आज मैं तुम्हारी रंडी हूँ। आवारा और छिनाल हो। जितना
मन करे तुम मुझे चोद लो” मैंने कहा
इस तरह हम बाप
बेटी गंदी गंदी बाते करने लगे। हमे भरपूर मजा मिलने लगा। पापा सिर्फ मेरी आँखों
में झाँक रहे थे। मैं भी सिर्फ उनको ही ताड़ रही थी। हम दोनों एक दूसरे को नजरो ही
नजरों में चोद रहे थे। पापा फिर से मेरे होठ चूसने लगे। उनके हाथ अब भी मेरे
डबलरोटी जैसी फूले चूतड़ों पर थे। वो सहला रहे थे। फिर पापा ने मुझे हल्का सा
उचकाया और मेरी चूत के छेद पर लंड लगा दिया। पापा ने मेरे दोनों पुट्ठो को कसके
पकड़कर अंदर ही तरफ दबाया। मेरी चूत की सील टूट गयी। पापा का 10” का लंड अंदर चला गया। पापा मुझे चोदने लगे।
मैंने उनको कसके पकड़ लिया। पापा मुझे गोद में बिठाकर चोदने लगे। मेरी आँखों से
अंशु की कुछ बूंद निकल गई। मेरे बेटीचोद पापा पी गये। फिर पापा जल्दी जल्दी मुझे
चोदने लगे। दोस्तों हम लेटे नही थी।
सिर्फ बिस्तर पर
हम दोनों बैठो हुए थे। पापा की कमर जल्दी जल्दी मेरी कमर और पेडू से टकराने लगी।
मैं चुदने लगी। बाप रे!! 10” के शक्तिशाली लंड
को मैं साफ़ साफ अपने पेट में महसूस कर रही थी। पापा धीरे धीरे मुझे हल्का हल्का
उछालकर चोद रहे थे। ऐसा लग रहा था मैं साईकिल चला रही हूँ। मुझे अभूतपूर्व मजा मिल
रहा था। ऐसे दिव्या चुदाई के महासुख को आज मैंने पहली बार पाया था। मैं किस्मतवाली
थी की अपने बाप का मोटा लंड खा रही थी। फिर पापा मुझे जल्दी जल्दी गोद में बिठाकर
चोदने लगे। मैं खुद को पापा के हवाले कर दिया।
मेरी चूत से पट
पट की आवाज आने लगी। मैं “ हूँउउउ हूँउउउ
हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी…
हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकाल रही थी। मेरी सांसे टूट रही थी। मैं गहरी
साँस लेने की कोशिस कर रही थी। पापा का मोटा लंड मेरी चूत फाड़ रहा था। मेरी कुवारी
चूत से निकला खून बिस्तर की चादर पर लग गया था। पापा फिर मेरे होठ पीने और चूसने
लगा और घप घप मुझे चोदने लगे। फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर का स्टैंड बना दिया।
खुद थोडा पीछा हो गये और जल्दी जल्दी कमर चला कर मेरी चूत बजाने लगे। मुझे खुद को
दोनों हाथों से रोकना पड़ा वरना मैं गिर जाती। मैंने दोनों हाथ पीछे कर दिए और अपने
भार को हाथों से रोका। पापा ने भी ऐसा ही किया। वो दूर से मेरी चूत में लम्बे और गहरे
शॉट्स मारने लगे। मुझे चुदाई का ब्रह्मसुख मिल रहा था।
आज हम बाप बेटी २
जिस्म एक जान हो गये थे। कुछ देर बाद पापा ने फिर से मुझे गोद में भर लिया और हवा
में उचका उचकाकर मेरी चुद्दी मारने लगे। मेरी चूत अब रवां हो गयी थी। मैंने अपने
हाथ उनके कन्धो पर टिका दिए। पापा ने मुझे 35 मिनट लंड पर बिठाकर सारी दुनिया घुमा
दी। फिर मेरी चूत में माल छोड़ दिया। कुछ देर के लिए हम दोनों चिपके रहे। पापा का
लंड 10 मिनट तक मेरी चूत में रहा माल निकलने के बाद भी। तब जाकर वो शांत हुआ और
छोटा हो गया था। जैसे ही पापा ने लंड मेरी चुद्दी से निकाला उनका मॉल मेरी चुद्दी
से निकलने लगा। पापा ने जल्दी से माल हाथ में लिया और मेरे मुंह में डाल दिया।
“पी ले…पी ले मेरी बहादुर बेटी!!” पापा बोले तो मैं सारा माल पी गयी। फिर अब लेट
गये थे।
“कहो बेटी कैसी
लगी तुमको चुदाई की ये महाविद्या???” पापा ने पूछा “…..सुपरहिट!!”
मैंने जवान दिया
फिर हम लेट गये।
कुछ देर तक हम प्यार की बाते करते रहे। फिर पापा के उपर मैं चढ़ गयी और उनका लंड
चूसने लगी। पहले तो मैंने काफी देर तक पापा का लंड हाथ में लेकर फेटा। धीरे धीरे
पापा का लंड खड़ा हो गया। फिर लंड खड़ा हो गया। मैं मुंह में लेकर चूसने लगी। पापा
के लंड को मैंने हाथ से पकड़ किया था। और जल्दी जल्दी चूसने लगी। साथ ही मेरे हाथ
गोल गोल लौड़े पर घूम रहे थे। पापा मेरे सिर को अंदर हाथ से दबा देते थे जिससे जड़
तक उनका लौड़ा मेरे मुंह में जा सके। दोस्तों आज पहली बार मैं किसी मर्द के खड़े लंड
को चूस रही थी। वो बहुत ही जूसी था। मैं जीभ से उसको चाट लेती थी। लंड के मुंह को
[छेद पर] मैं जीभ से चाट लेती थी। पापा सिसक उठते थे। वो आराम से बिस्तर पर लेटकर
अपना लौड़ा आज अपनी सगी बेटी से चूसा रहे थे। आज पापा बेटीचोद बन चुके थे।
“आयशा बेटी!! और
जल्दी जल्दी” पापा से हुक्म
दिया
मैं और जल्दी
जल्दी अपना मुंह पापा के 10” के लौड़े पर चलाने
लगी। मेरे गुलाबी होठ आज पापा के खूब काम आ रहे थे। पापा तो ऐश कर रहे थे। कुछ देर
तक ऐसा ही चला। मैंने 18 मिनट उनका लंड चूसा। पापा को भरपूर मजा मिल गया। फिर
उन्होंने मुझे सीधा लिटा दिया। मेरी चूत में उन्होंने फिर से लंड डाल दिया और
जल्दी जल्दी चोदने लगे। मेरी 36” की चूचियां बार
बार उपर नीचे जाने लगी और डिस्को डांस करने लगी। पापा मेरी चूत का केक अपने लंड
रूपी चाक़ू से काट रहे थे। मैं चुद रही थी। पापा ने मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़
रखा था। वो मेरे जिस्म की खूबसूरती को नीचे से उपर तक निहार रहे थे और मुझे पेल
रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी…..
ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल रही थी।
मैं गहरी गहरी सिस्कारियां ले रही थी। मुझे अजीब सी बेचैनी हो रही थी। मेरे
चूचियां उपर नीचे जल्दी जल्दी हिल रही थी और बहुत खूबसूरत लग रही थी। मैंने बिस्तर
की चादर को मुठी में कस रखा था।
“….उंह उंह उंह…..अई…अई….अई पापा आराम से चोदू।
दर्द हो रहा है। जल्दी क्या है। पूरी रात अपनी है…आराम से” मैंने कहा। उसके
पापा आराम आराम से मुझे चोदने लगे। कुछ देर बाद मैं अपनी कमर उठाने लगी। मुझे अजीब
सी बेचैनी हो रही थी। वासना और सेक्स की आग में मैं जल रही थी। चुदाते चुदाते मेरी
आँखों में जलन हो रही थी। मेरा गला भी सुख रहा था। काश मेरे मुंह में कोई १ घूंट
पानी डाल देता। फिर पापा ने मेरे सेक्सी पतले छरहरे पेट पर हाथ रख दिया और सहला
सहला कर मुझे चोदने लगे। मेरे चेहरा अजीब तरह से बन गया था। मेरे गाल पिचक गये थे।
मेरे दोनों भवे आपस में जुड़ गयी थी। मेरे मुंह से “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज आ रही थी। जैसे मैं कोई तेज मिर्ची खा रही थी और सी
सी की आवाज निकाल रही थी। पापा का लंड अब बड़ी आराम से मेरी चूत में दौड़ रहा था।
अब मेरी चूत रवां
हो गयी थी। उसका रास्ता बन गया था। पापा का लंड मेरी चूत के आखिरी किनारे तक जा
रहा था। मुझे भरपूर यौन सुख की प्रप्ति हो रही थी। कभी मैं बेचैनी से ऑंखें बंद कर
लेती थी तो कभी खोल लेती थी। सिर्फ पापा को ही ताड़ रही थी। मेरी चूत में उनका लौड़ा
पिघल रहा था। मैं अच्छे से जानती थी आज रात पापा मुझे चोद चोदकर मेरी रसीली बुर
फाड़ देंगे और मुझे एक असली रंडी बना देंगे। फिर पापा मेरे उपर झुक गये और जल्दी
जल्दी कमर घुमाने लगे। मेरी चूत में जल्दी जल्दी उनका लंड जाने लगा। चट चट की आवाज
मेरी चूत से आने लगी जैसे बच्चे ताली बजा रहे हो। 20 मिनट बाद पापा ने चूत में माल
गिरा दिया। वो मुझ पर लेट गये थे।
15 मिनट बाद पापा
ने मुझे कुतिया बना दिया और मेरे खूबसूरत पुट्ठे सहलाने और चूमने लगे। मुझे
सुरसुरी सी हो रही थी। पापा आज अपनी जवान बेटी को देखकर वासना में अंधे हो गये थे।
उनको किसी तरह की कोई शर्म नही आ रही थी। वो बड़ी देर तक मेरे गोल मटोल पिछवाड़े और
गांड को चूमते रहे। फिर पापा ने मेरे पुट्ठों के बीच में मुंह डाल दिया और मेरी
गांड चाटने लगे। “बेटी!! तेरी गांड
तो कुवारी है” पापा बोले
“पापा आप से गांड मराना चाहती थी, वरना तो कई लड़को ने मुझे गांड चोदने का ऑफर दिया था” मैंने कहा। फिर पापा जल्दी जल्दी मेरी कुवारी गांड में जीभ लगाकर पीने लगे। दोस्तों मेरी चूत की तरह गांड भी बेहद खूबसूरत थी। पापा जल्दी जल्दी चाटने लगे। फिर उन्होंने गांड में लंड डाल दिया और 30 मिनट चोदा। कहानी आपको कैसे लगी.
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