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जीजाजी ने जवानी का रस पिया (Jija ne meri chut ka ras piya)

हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरे जीजू के एक दोस्त मतलब कि मेरे बॉयफ्रेंड रोहन की है और यह स्टोरी होली के दिन हुई एक सेक्स की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ बहुत जमकर होली के मज़े लिये और अपनी चुदाई करवाई. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरी उम्र 21 साल और मेरे फिगर का साईज 34-28-32 है. दोस्तों में दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी हूँ, ऐसा में नहीं कहती हूँ, लेकिन मुझे भी मेरे बॉयफ्रेंड रोहन ने मेरी पहली चुदाई करते समय बताया और उसने जब मुझे देखा तो देखता ही रह गया और मुझे पाने और मेरी चुदाई करने के सपने देखने लगा और उसने बहुत जल्दी अपने सपने को मेरी बहन की शादी के समय पूरा भी कर लिया.

वैसे हम लोग मेरी बहन की शादी में मिले थे और उसने बहुत कम समय में मेरे ऊपर अपना ऐसा जादू किया और उसके बाद हम लोग सभी से छुप-छुपकर मिलने लगे और शादी के समय हमने सही मौका पाकर एक बार चुदाई का मज़ा भी लिया और वैसे वो मेरे जीजू के परिवार के एक सदस्य जैसे ही है जिसकी वजह से हम दोनों पर किसी को शक भी नहीं और वो जीजू के बहुत ही करीबी दोस्त होने के कारण जीजू के घर पर भी बहुत ज़्यादा आया करते है. दोस्तों जब होली नज़दीक आ रही थी तो दीदी ने कुछ दिन पहले मेरे घर पर फ़ोन करके कहा कि मम्मी प्लीज आप इस बार निक्की को हमारे घर पर भेज दो ना, में चाहती हूँ कि वो इस बार की होली हमारे साथ ही मनाये.

सॉरी दोस्तों में आप सभी को बताना ही भूल गई कि मेरे घर पर सभी लोग मुझे निक्की कहकर ही बुलाते है और वैसे भी एक दो दिन के बाद मेरे कॉलेज में होली की छुट्टियाँ लगने के कारण मेरी मम्मी ने भी मुझसे पूछकर हाँ बोल दिया और फिर में जाने के लिए मान गई और तब जीजू ने मुझे अपने घर पर लाने के लिए अपनी कार भेज दी और में अपना कुछ सामन पेक करके दीदी के घर पर चली गई. तो जब में वहां पर पहुंची तो मैंने देखा कि जीजू उस समय वहां पर नहीं है, सिर्फ़ दीदी और दीदी के सास, ससुर ही घर पर मौजूद थे तो मैंने उनका आशीर्वाद लिया और फिर दीदी से बातें करने लगी.

कुछ देर के बाद जीजू भी आ गये और जीजू ने मुझे अपने घर पर आया हुआ देखकर वो बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक अच्छी खबर भी बताई कि अभी कुछ दिनों के बाद होली के दिन उनका एक बहुत अच्छा दोस्त रोहन भी यहाँ पर आने वाला है और वो भी हमारे साथ ही होली मनाएगा. जब मुझे यह बात पता चली तो में मन ही मन बहुत खुश हो गई और में ख़ुशी की वजह से उछल पड़ी, लेकिन तब तक मैंने रोहन को यह नहीं बताया था कि में भी जीजू के घर पर आई हुई हूँ और वो बात मैंने उससे छुपाकर रखी थी.

में पूरी रात उसके आने की बातें सोच सोचकर जागती रही और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बहुत बेसब्री से इंतजार था, वो होली का दिन था. उस दिन में सुबह जल्दी उठ गई और मैंने अपने कमरे से बाहर आकर देखा कि रोहन हमारे घर पर आया हुआ है और वो जीजू के साथ बैठकर बाहर गार्डन में सुबह की चाय पी रहा था और जीजू से हंस-हंसकर बातें भी कर रहा था. फिर में उसे एक नजर देखकर खुश होकर दीदी के साथ सीधी किचन में चली गई, तो दीदी ने मुझसे बोला कि तुम अपनी यह नाईट ड्रेस चेंज कर लो, नहीं तो कोई भी तुम्हे इन्ही कपड़ो में रंग लगा देगा.

फिर में उनकी यह बात सुनकर कमरे में कपड़े चेंज करने चली गई और कुछ देर के बाद बाहर आ गई. फिर में एकदम फ्रेश होकर जीजू और रोहन को नाश्ता देने बाहर गार्डन में चली गई. तभी रोहन अचानक मुझे देखकर एकदम दंग रह गया और फिर रोहन मुझसे बोला कि क्यों आप यहाँ पर कब आई? तो मैंने कहा कि में तो पिछले दो दिन से यहीं पर हूँ. फिर उसने कहा कि अब तो होली खेलने में बहुत मज़ा आएगा और यह बात कहते हुए उसने सभी से छुपकर मेरी तरफ आंख भी मारी, जिसका मतलब में समझ चुकी थी और में एकदम से शरमाई और अपनी आंखे झुकाए वहीं पर खड़ी रही. में मन ही मन बहुत खुश थी.

दोस्तों मेरे जीजू को पहले से ही पता था कि मेरी और रोहन की बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन उन्हे यह नहीं पता था कि मेरा रोहन के साथ कुछ चक्कर भी चल रहा है या हम दोनों एक बार चुदाई का मज़ा भी ले चुके है. फिर हम लोग होली खेलने के लिए एकदम तैयार हो गये और दीदी भी नाश्ता करके होली खेलने के लिए तैयार हो गई. हम लोग अपने अपने हाथों में रंग लेकर तैयार हो गये तो मैंने सबसे पहले अपने जीजू को थोड़ा चेहरे पर रंग लगाया और तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और उसने मेरे चेहरे पर रंग लगाया और धीरे से सबकी नजरों से छुपकर मेरी गांड पर अपना एक हाथ रखकर दबा दिया. फिर रोहन ने दीदी को थोड़ा सा रंग लगाया और फिर जीजू, दीदी को पकड़कर एक बड़े से पेड़ के पीछे लेकर चले गये.

तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और वो मुझसे बोला कि मुझे पहले से पता होता तो में कब का तुम्हे चोद देता और उन्होंने मुझे फिर से पकड़कर मेरी गर्दन पर रंग लगा दिया. उस दिन मैंने सफेद कलर की एकदम ढीली ढाली टी-शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी हुई थी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट में अपना एक हाथ डालकर मेरे बूब्स पर रंग लगा दिया और धीरे-धीरे मेरे बूब्स को मसाज किया, लेकिन तभी जीजू और दीदी आ गई और हम पहले जैसे एक दूसरे से अलग हो गये. फिर दीदी ने मुझे पकड़ लिया और जीजू ने मुझ पर सूखा रंग डाल दिया और बाद में पानी की एक बाल्टी लेकर मेरे सर पर पानी डाल दिया.

में पूरी तरह से रंगो से रंग गई और मेरी गीली टी-शर्ट मेरे बूब्स से एकदम चिपक गई, जिसकी वजह से मेरे बूब्स का आकार साफ साफ दिखने लगा और में रंगो में रंगी हुई बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी. फिर रोहन ने दीदी और जीजू से बोला कि क्या में निहारिका को अपने साथ होली खेलने के लिए ले जा सकता हूँ? तब दीदी ने कहा कि अगर निहारिका तुम्हारे साथ जाना चाहती हो तो हमे उसमे किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है.

मैंने झट से उन्हे हाँ बोल दिया और फिर में और रोहन दोनों उनकी कार में बैठकर वहां से चले गये और कुछ दूर आगे जाकर एक सुनसान जगह देखकर रोहन ने कार को रोक दिया और वो मुझे पकड़कर किस करने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और उसके साथ साथ मेरा जोश भी अब बड़ने लगा था और अब में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी. कुछ देर के बाद उसने मेरे बूब्स दबाए और बूब्स दबाने के कुछ समय बाद हम लोग उसके दोस्तों के पास गये. वहां पर रोहन के चार लड़के और तीन लड़कियाँ दोस्त हमें वहाँ पर मिले.

हम लोगों ने उनके साथ कुछ देर तक होली खेली, बहुत मज़े किए और फिर रोहन मुझे वहां से लेकर चले गये और हम एक घर पर पहुंच गये. फिर मुझे पता चला कि यह घर रोहन का ही है, उसके घर पर कोई भी नहीं था इसलिए वो मुझे वहां पर लेकर गया था. फिर अंदर जाते ही रोहन ने दरवाजा बंद करके मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा और फिर मुझे बहुत ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी ब्रा को फाड़ दिया और मेरे बूब्स दबाने लगा. मेरे बूब्स रंगो से बिल्कुल लाल हो गए थे. तो रोहन अब मेरे बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा और थोड़ी देर बाद उनका मुहं अंदर से पूरा लाल हो गया था.

फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम्हारा मुहं अंदर से एकदम लाल हो गया है? तो रोहन ने कहा कि तुम्हारे बूब्स है ही ऐसे कि में क्या कोई भी इन्हें बिना चूसे रह नहीं सकता, मुझे इनको चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उसने मेरी जीन्स को उतार दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा और थोड़ी ही देर के बाद मेरी चूत भी जोश में आकर पूरी गीली हो गई थी और अब में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर मैंने रोहन की टी-शर्ट को उतार दिया और थोड़ी देर किस करने लगी.

फिर रोहन ने अपनी जीन्स को भी उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर मैंने कहा कि यह तो पूरा रंगो से लाल हो गया है में इसे कैसे चूस सकती हूँ. तो उसने कहा कि जब मैंने तुम्हारे बूब्स को चूस चूसकर अपना मुहं लाल कर लिया है तो क्या तुम मेरे लिए अपना मुहं लाल नहीं कर सकती? फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने बाहर थूका तो मेरे मुहं से लाल कलर का थूक बाहर आया.

फिर रोहन ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड को चूत के ऊपर रखकर एक धक्का देकर अंदर डाल दिया आहहहहहहह थोड़ा धीरे प्लीज अह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईई धीरे करो. दोस्तों मुझे क्या दर्द हुआ में शब्दों में नहीं बता सकती और फिर रोहन ने धीरे धीरे झटके लगाने चालू कर दिए और में जोश से आआआअहह आआहहहह कर रही थी और थोड़ी देर बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा तो में अपनी गांड उछाल उछालकर चूत में लंड लेने लगी.

फिर उसका लंड जब झड़ने वाला था तो उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकालकर मेरे मुहं में लंड डाल दिया और में उसे बहुत प्यार से चूसने लगी, तभी थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुहं में अपना गरम गरम वीर्य भर दिया और उसके स्पर्म से मेरा पूरा मुहं भर गया और में उसे पूरा गटक गई. फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर कुछ देर के बाद रोहन ने उठकर मुझे किस करना शुरु किया तो मैंने भी फिर से उसका पूरा पूरा साथ दिया और फिर में इसी बीच उनके लंड को पकड़कर धीरे धीरे हिलाने, सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे अपने लंड को चूसने को कहा तो में उठकर उसके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो पूरा लंबा और मोटा हो गया.

फिर रोहन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो में झट से घोड़ी बन गई. अब रोहन ने मेरी गांड चाटना शुरू किया और मेरी गांड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर उसने लंड को धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गांड में डाल दिया, लेकिन जब उसका सुपाड़ा मेरी गांड में गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ और में चीखने चिल्लाने लगी आहहहहहह प्लीज रोहन बाहर निकालो अपना लंड आईईईई बाहर निकालो प्लीज, मुझे बहुत दर्द हो रहा है आऊऊऊऊ तुम चाहो तो मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो.

फिर रोहन ने मेरी बात बिना सुने दूसरा झटका लगाया और लंड मेरी गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और में दर्द के मारे ज़ोर ज़ोर से रोने, चीखने, चिल्लाने लगी. तब जाकर रोहन थोड़ी देर रुका और अब जब मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ तो में अपनी गांड को हिलाने लगी. रोहन को अपना काम पूरा करने का इशारा मिल गया और अब वो मेरी गांड में पूरे जोश से झटके लगाने लगा और में भी प्यार से जोश में आकर आहहह्ह्ह्ह कर उह्ह्ह्हह्हह्ह हाँ मज़ा आ गया रोहन, हाँ और अंदर तक डालो, हाँ पूरा अंदर तक घुसा दो अपना लंड, कह रही थी.

फिर रोहन ने करीब 20 मिनट अलग अलग पोज में मेरी गांड जमकर मारी और अब उसने झड़ते समय मेरी गांड में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया और कुछ देर के बाद अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी गांड मारने की कला को देखकर मुझे भी बहुत मज़ा आया. फिर उसने अब मेरे ऊपर एक बाल्टी पक्का रंग लेकर डाल दिया और अब में पूरी तरह से गुलाबी हो गई. फिर मैंने भी लाल रंग उसके ऊपर डाल दिया जिसकी वजह से में गुलाबी और वो लाल रंग से बिल्कुल रंगे हुए थे.

फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और थोड़ी देर किस किया और उसने मेरे कपड़ो के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाया और मैंने भी थोड़ी देर करीब दस मिनट तक उसके लंड को पकड़कर हिलाया और फिर जब उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने मुझे नीचे बैठने का इशारा किया और मेरे मुहं में निकाल दिया मैंने उसे पी लिया और लंड को चाट चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपना चेहरा कपड़े से साफ किया. फिर में और रोहन दोनों उसकी कार में बैठकर मेरी दीदी के घर पर चले गये और होली के बाद में तीन दिन तक दीदी के घर पर ही रही और में उन तीन दिनों में रोहन से आठ बार चुदी. हम किसी भी बहाने को ढूंढकर अपने चुदाई के कार्यक्रम में व्यस्त हो जाते और हमने बहुत जमकर चुदाई की. 

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