ये कहानी मेरी
चचेरी भाभी की है हमारे घर में सब लोग आपस में मिल जुलकर रहते है हमारी ज्वाइंट फैमिली है मेरे पिता जी और चाचा जी आज तक एक साथ ही रहते
है मेरे चाचा जी के
एक लड़का है जो की मुझसे बड़ा है और उसकी शादी हो चुकी है मैं तो अक्सर बाहर ही रहकर पढाई करता हूँ मैं हमेशा गर्मियों की
छुट्टी में अपने घर जाया करता हूँ इस बार की छुट्टियों में मैं घर पहुंचा तो भाभी को देखकर
मैं तो देखता ही रह गया क्यूंकि जब उनकी शादी हुई थी तब वो इतनी खूबसूरत नहीं थी पर वो मेरे घर आकर और भी
खूबसूरत हो गयी थी मैंने सभी घर वालों के पैर छुए और भाभी मेरे लिए चाय बनाकर लायी वो मुझे जब चाय देने के
लिए झुकी तो उनके बूब्स ब्लाउस से बाहर झाकने लगे मैं उनके बूब्स देखकर पागल सा हो गया मेरा लंड फूलने लगा था भाभी ने मुझे देखा की
मेरी नजर उनके बूब्स पर है तो उन्होंने एक प्यारी सी स्माइल दी और मुझे चाय देकर
गांड मटकाती हुई चली गयी
उनकी गांड भी
बहुत मस्त थी उस दिन से मैं
उनको छोड़ने के सपने देखने लगा मैं रोज बाथरूम में उनकी पैंटी को सूंघकर उनके नाम की मुठ
मारने लगा पर घर में
मम्मी-पापा और चाचा-चाची के होते हुए मैं कुछ कर भी नहीं सकता था एक दिन मैं बाथरूम में
खड़ा मुठ मार रहा था की तब तक भाभी आ गयी और दरवाजे को धक्का दिया दरवाजे की कुण्डी सही
नहीं थी जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया भाभी ने मेरे लंड को देखा उनकी आँखों में चमक सी आ गयी थी मैं भाभी की पैंटी को हाथ
में लिए मुठ मार रहा थाभाभी मुझे उस हालत में देखकर वहां से तुरंत चली गयी मेरी तो गांड फट गयी थी
की भाभी कही किसी को कुछ बता ना दे पर भाभी ने किसी से कुछ नहीं कहा
उस दिन के बाद
भाभी जब भी मुझे देखती तो मुस्कुराने लगती उनको मुस्कुराते देखकर मुझे बहुत शरम आ रही थी भाभी जब भी मुझे देखती तो
उनकी नजर बस मेरे लंड पर ही रहती थी मैं समझ गया की भाभी भी मुझसे चुदना चाहती है एक दिन रात के समय मैं
चाट पर बैठा कुछ सोंच रहा था की भाभी वहां मेरे पास आई और मेरे पास बैठ गयी मैं भाभी से नजरे चुरा
रहा था भाभी ने मुझसे
कहा की पंकज उस दिन तुम बाथरूम में मेरी पैंटी के साथ क्या कर रहे थे मैं एक दम चुप था मुझे
समझ में नहीं आ रहा था की मैं भाभी को क्या जवाब दूं मैंने कहा भाभी मुझे माफ़ करदो मुझसे गलती हो
गयी ऐसी गलती दुबारा नहीं होगी
उन्होंने अपना
हाँथ मेरे लंड पर रखा और सहलाने लगी उन्होंने मुझसे कहा की मैं तुमको माफ़ तो कर
दूँगी पर एक शर्त है मैंने कहा की क्या शर्त है उन्होंने कहा की तुम्हे मेरी मालिश करनी होगी मैं मालिश करने के लिए
तैयार हो गया मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे मैंने कहा की बताओ मुझे कब करना होगा उन्होंने बताया की कल
तुम्हारे भैया और सभी घर वाले एक शादी में जायेंगे और अगर वो लोग तुमसे भी जाने को
कहे तो कुछ भी बहाना करके मना कर देना मैंने कहा ठीक है उस रात को मैं सो नहीं पाया रात में दो
बार उठ के भाभी के नाम पर मुझे मुठ मारनी पड़ी
अगली सुबह सब लोग
जाने के लिए तैयार हुए पापा ने मुझसे भी चलने को कहा मैंने पापा से कहा की मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं
है और आप लोग चले जाईये सब लोग शादी में चले गए घर में सिर्फ मैं और भाभी ही थे भाभी ने मुझे अपने कमरे
में बुलाया मैं उनके कमरे
में पहुंचा तो भाभी सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउस में बैठी थी उन्होंने बेड पर एक चादर डाल दी जिससे तेल
बिस्तर में ना लगे वो पीठ करके लेट गयी और मुझसे मालिश करने को कहा मैंने तेल लिया और मालिश करने लगा भाभी की उठी
हुई गांड मेरे सामने थी जिसे देखकर मेरा लंड तन गया और भाभी के चूतडो में चुभने लगा भाभी मजे से लेती मालिश
का आनंद ले रही थी मैंने भाभी की जाँघों पर तेल लगाया और उनकी मालिश करने लगा मालिश करते हुए मैंने
भाभी से कहा की भाभी आप गूम जाइये पीछे हो गया फिर भाभी पलट गयी मैंने उनके पेट पे थोडा सा
तेल डाला और मसलने लगा उनकी नाभि में तेल भर गया था मैं उसको अपनी उँगली डालकर निकालने लगा
भाभी गरम होने
लगी थी मैंने मौके का फायदा उठाया और उनके पेटीकोट के अन्दर हाँथ डाल दिया और उनकी
चूत को सहलाने लगा भाभी और भी गरम होने लगी और आह उम्ह्ह्ह ओह्ह्ह इश्ह्ह की मादक सिसकियाँ
निकालने लगी भाभी चुदने के
लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी मैंने उनके ब्लाउस को खोलकर उनके बूब्स को आजाद कर
दिया और उनके बूब्स पर थोडा तेल लगाया और मसलने लगा भाभी पूरी तरह से मेरे बस में थी वो एक दम बेसुध पड़ी हुई
थी मैं उनके निपल्स को चूसने लगा थोड़ी देर बाद मैंने भाभी का पेटीकोट उतार दिया और उनकी
पैंटी भी निकाल दी क्या मस्त गुलाबी चूत थी उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था मैंने भाभी की चूत में उंगी डाल दी और
अन्दर-बाहर करने लगा भाभी उछल पड़ी फिर मैंने उनकी चूत पर अपना मुहँ रख दिया और उनकी चूत को चाटने
लगा
भाभी की सिसकियाँ
तेज होती जा रही थी वो जोर से अह्ह्ह्ह उम्ह्हह्ह ओह्ह्ह येस्स चाटो इसे खा जाओ अपनी भाभी की चूत
को कह कर चिल्ला रही थी लगभग 20 मिनट के बाद भाभी झड गयी मैंने भाभी सारा पानी पी लिया और उनकी चूत को
साफ़ किया अब भाभी ने मेऋ
पेंट से मेरे लंड को निकाला और चूसने लगी और कहने लगी की तुम्हारा लंड बहुत मस्त है तुम्हारे भैया का भी लंड
इतना बड़ा नही है मैंने जब से तुम्हारे लंड को बाथरूम में देखा है तब से इसके लिए बेकरार हूँ वो मेरे लंड को इस तरह से
चाट रही थी जैसे की वो
आइसक्रीम चाट रही हों
हम दोनों अब 69
की पोजीसन में आ गए मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा और वो मेरे लंड को
लोलीपॉप की तरह चुसे जा रही थी मुझे बहत मज़ा आ रहा था इतने दिनों से मैं जिस चूत के सपने
देखता था आज वो मेरे सामने थी भाभी फिर से गरम हो चुकी थी और मेरे सर को अपनी चूत में
दबाने लगी उन्होंने मुझसे
कहा की पंकज अब मुझसे नहीं रहा जाता प्लीज अपना लंड मेरी चूत में डाल दो फिर मैंने अपना लंड भाभी
की चूत पर सेट किया और एक जोर का धक्का लगाया मेरा आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया भाभी की चीख निकल गयी
भाभी मुझसे कहने लगी की जरा आराम से करो तुम तो मेरी चूत फाड़ ही दोगे मैंने कहा हाँ भाभी आज
मैं आप की चूत फाड़ दूंगा बहुत तड़पाया है इस चूत ने आज मैं इसको फाड़ कर भोसड़ा बना
दूंगा मैं जोर-जोर से
भाभी की चूत मारने लगा भाभी भी अपनी गांड उचका कर मेरा साथ दे रही थी मैंने भाभी की 15 मिनट तक
चूत मारी उसके बाद भाभी फिर झड गयी
पर मैं अभी नहीं झडा था मैंने भाभी को डौगी स्टाइल में खड़ा किया मैंने उनकी गान में अपना लंड डाल दिया भाभी चिल्लाने लगी उन्हें बहुत दर्द हो रहा था वो मुझसे लंड बहार निकालने को कहने लगी पर मैंने उनकी एक भी नहीं सुनी मैं धक्के लगाता रहा भाभी मुझे गालियाँ दे रही थी वो कह रही थी भोसड़ी के मादरचोद तूने तो मेरी गांड फाड़ दी मुझे बहुत दर्द हो रहा है इसे बाहर निकाल साले बहनचोद पर मैं धक्के लगाता रहा थोड़ी देर बाद वो शांत हो गयी और अपनी गांड चलाकर मेरा साथ देने लगी उनको भी मज़ा आने लगा था 20 मिनट उनकी गांड मारी फिर मैं झड गया हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे फिर हम दोनों ने साथ में स्नान किया और उसदिन मैंने उनकी 5 बार चुदाई की वो मुझसे बहुत खुश थी और हम दोनों ने कई बार चुदाई की
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