यह बहन की चुदाई
की कहानी तब की हैं जब मैं 18 साल का था. मुझे
अंदर से ही सेक्स करने का मन होता था. मुझे अपनी लेडी टीचर्स को देख के गुदगुदी
होने लगती थी. मैं उन्हें हर एंगल से देखता था और कभी चांस मिले तो टेबल के पास भी
चला जाता था. टेबल के पास खड़े रह के कुर्सी में बैठी हुई मेम के बूब्स को ऊपर से
ही झाँकने की कोशिश मैं करता था. फिर मैं घर जाके अपना वीर्य लंड को हिला के निकाल
देता था. मैंने अपनी बहन को उस से पहले कभी गलत नजर से नहीं देखा था.
एक दिन मैंने
अपनी बहन को पास वाले कमरे में अपनी सहेली के साथ बात करते हुए सुना. वो दोनों
किसी लड़के की बात कर रही थी जो उने कोलेज जाने के रस्ते में घूरता था. मेरी बहन
शरीफ थी लेकिन उसकी सहेली साली चालु आइटम थी और उसकी बातें मुझे बहुत उकसा रही थी.
पहली बार मैं बहन के कमरे की की-होल से अंदर झाँका.
अंदर उसकी सहेली
पलंग में लेटी हुई थी. उसने हाई स्कर्ट पहनी थी जो ऊपर चढ़ी हुई थी और उसकी प्रिंट
वाली चड्डी दिख रही थी. मेरी बहन शर्मा रही थी अपनी सहेली की गंदी बाते सुन के.
मेरी नजर बहन के पंजाबी स्यूट पर पड़ी, उसकी छाती बहार फूली हुई थी क्यूंकि मेरी बहन के बूब्स काफी बड़े हैं. बहन ने
अपनी सहेली को बहाना कर के भगा दिया और उस दिन से मैं अपनी बहन की चुदाई करने के
लिए बेताब हो गया.मुझे बहुत अच्छा लगता था जब मैं बहन की चुदाई के बारें में सोचता
था. और अब मैं उसे छिप छिप के देखने लगा था. मेरी चाहत बहुत ही बढ़ चुकी थी. मैं
अक्सर बहन को देखता था लेकिन अभी तक कोई ब्रेकथ्रू हाथ नहीं लगा था मेरे. मैं बाथरूम
में जाके उसकी मेली पेंटी और ब्रा को सूंघता था.
कभी कभी मौका
मिले तो मैं उसकी पेंटी में ही मुठ मार के फिर अपने वीर्य को पानी से धो देता था.
मुझे इस सब में बड़ा सुकून और सुख मिलता था. कभी कभी उसकी पेंटी से कुछ दाग दीखते
थे और कभी कभी एक दो बूंद खून भी. मैं उसकी ब्रा में भी मुठ मारता था और बस मौका
ढूंढ रहा था की वो मुझे अपनी चूत दे दे.और एक दिन कमाल ही हो गया. मेरे रूम के साथ
में एक स्टोर था जिसका गेट रूम में और दूसरा गेट लोबी में था. मेरी बहन कपडे धो
रही थी. वो घर में कभी भी ब्रा नहीं पहनती थी, केवल पतली सी सफ़ेद इनर बनियान और उसके ऊपर अपनी पंजाबी
स्यूट डालती थी वो. मैं सामने वाली गेलरी में गया और ऊपर से उसके बड़े बूब्स को
देखने लगा, मेरा लंड टाईट हो गया था.
बहन के बूब्स उछल रहे थे जब वो कपड़ो को मसलती थी. मैं अब नहीं रुक पाया और सोचा की
लाओ जाके लंड को हिला ही लूँ.
मैं सीधा स्टोर
रूम में गया और एक कागज़ का टुकड़ा हाथ में ले लिया. मैं अपना वीर्य कागज में लपेट
के बहार फेंक देता था ताकि कोई शक ना करें. मैं गेहूं की बोरी के ऊपर पेंट निकाल
के बैठ गया और अपनी अंडरवेर को घुटनों तक निकाल के लंड हिलाने लगा. मेरी आँखे बंध
थी और मैं बहन को सामने सोच के हिलाता गया लंड. मेरी पिचकारी छुटने ही वाली थी के
धम से दरवाजा खुला. बाप रे सामने मेरी बहन थी और मेरे हाथ में लंड देख के उसकी
आँखे खुली की खुली रह गई.!
वरुण………!
आह्ह हम्मम्मम्म
(मैं बोल ही नहीं पाया)
पागल क्या कर रहा
हैं तू?
ह्म्म्म कुछ नहीं
दीदी?
पागल, मैं कब से देख रही हूँ तुझे.
दीदी… प्लीज़, किसी को मत बताना.
चूप होजा,
मैं तो मोम को बताउंगी की तू क्या करता हैं
यहाँ स्टोर रूम में.
और उसकी नजर मेरे
लांद के ऊपर ही थी. वो चाहते हुए भी मेरे लंड से नजर नहीं हटा पा रही थी. मैंने
अपने लंड के आगे हाथ रखा था जिसे अब मैंने हटा दिया ताकि बहन मेरा लंड पूरा देख
सकें. उसने मेरी और देखा और बोली, डेड तो तुझे मार
ही डालेंगे वरुण!
दीदी प्लीज़,
मैं अब जवान हूँ और मुझे भी उत्तेजना होती हैं!
तो यह सब में
क्यूँ शक्ति और उर्जा का व्यय करता हैं, डेड को बोल के शादी कर ले जल्दी से जल्दी.
मुझे कोई लड़की
पसंद ही नहीं हैं फिर!
तो तुझे कैसे
लड़की चाहियें….उसकी नजर अभी भी
मेरे लंड पर गडी हुई थी.
बस आप के जैसे
ही!
दीदी यह सुन के
आश्चर्य में पद गई, पागल यह सब ठीक
नहीं हैं कोई क्या कहेंगा की बहन के बारे में गलत विचार रखता हैं.
दीदी मैं नहीं
जानता लोग क्या कहेंगे, लेकिन अभी मैं जो
कर रहा था वो भी आप को याद कर के ही हो रहा था.
वरुण तू बहुत
बिगड़ गया हैं, किसी ने देख लिया
तो हमें ऐसे!
दीदी ढीली पड़ रही
थी. मेरा बड़ा लंड देख के उसकी चूत का पानी भी निकलने लगा था. वो कभी स्टोर के
दरवाजे के और देख रही थी तो कभी मेरे लंड के सामने. मैंने कहा, दीदी यहाँ कौन देखेंगा हमें! आप को मजा आएगा सच
में!दीदी ने फिर पीछे देखा और वो मेरी और आगे बढ़ी. मैंने अपना लंड बाल्स के पास से
पकड़ा और उसे ऊपर उठाया. दीदी ने लंड को अपने हाथ से छुआ और बोली, वरुण कोई देख लेंगा हमें यार.
उसके छूने से
मेरे बदन में जैसे की झटका लगा. उसके हाथ बड़े ही मुलायम थे और वो मेरे लंड को पकड
के हिलाने लगी. मेरे हाथ उसके बूब्स के ऊपर चले गए जिसे मैं दबाने लगा. दीदी की
आँखे बंध हो गई और वो मेरा लंड और भी जोर से दबाने लगी. उसके बूब्स पुरे भीगे थे
क्यूंकि वो कपडे धो के आई थी. मैंने निचे उतर के अब अपनी अंडरवेर पूरी उतार दी और
दीदी मेरे लंड को देखने में ही व्यस्त थी.
जल्दी करो वरुण,
कोई आ जायेंगा नहीं तो.मैंने फट से उसकी सलवार
उतार दी और उसे वही गेहूं की बोरी पकड के उल्टा खड़ा कर दिया. उसने पेंटी नहीं पहनी
थी इसलिए मुझे उसकी चूत पीछे से देखने लगी. मैंने अपना लंड पकड के दीदी की चूत पर
रख दिया. उसकी चूत बहुत ही गरम थी और उसके ऊपर बहुत ही बाल थे. बाप रे ऐसी गरम चूत
होगी दीदी को होंगी पता नहीं था. दीदी ने और निचे झुक के लंड को चूत पर सही सेट
किया. मैंने सही एंगल बना के एक झटका दिया. लंड का सिर्फ सुपाड़ा ही अंदर घुसा था.
दीदी के मुहं से
निकल पड़ा, उईईइ माँ मर गई बाप रे,
बहुत बड़ा हैं वरुण तेरा तो. निकाल ले प्लीज़ इसे
बाहर.
अरे दीदी आज तो
इतने अरसे के बाद मिला हैं मुझे यह छेद कैसे छोडूंगा इसे.
मैंने दो मिनिट
लंड ऐसे ही रहने दिया और फिर धीरे से एक झटका और अंदर दिया. अब की मेरा लंड चूत
में आधे से भी ज्यादा घुस गया. अच्छा हुआ की दीदी का मुहं मैंने अपने हाथ से दबा
दिया वरना उसकी आवाज सुनके पूरा मोहल्ला आ जाता वहाँ पर. वो जोर से चीख पड़ी थी. मैंने
लंड वही रहने दिया कुछ देर और उसे शांत होने में पुरे 5 मिनिट लगे. अब वो उतना पेन नहीं ले रही थी. और मौके की
नजाकत को देख के मैंने अपना लंड फट से पूरा उसकी चूत में डाल दिया. दीदी ने अपनी
गांड को दोनों हाथ से फैला दिया ताकि उसे दर्द कम हो. पीछे उसकी गांड के छेद पर भी
बाल थे जिसे देख के मैं और भी हॉट हो गया.
मैं अपने लंड की चलाने लगा चूत के अंदर और दीदी स्थिर ही खड़ी थी. मैंने उसे जोर जोर से लंड के धक्के देने चालू कर दिए. और मैं पूरी दो मिनिट भी उस गरम चूत के अंदर नहीं रुक पाया. मेरा पानी निकलने वाला था तभी मैंने अपना लंड चूत से निकाल लिया. दीदी ने आह ली और फिर मैंने उसे फिंगरिंग कर के शांत किया.उस दिन के बाद मेरी और उसकी दोनों की हिम्मत खुल सी गई. फिर हम घर में जब भी अकेले रहते तो बेडरूम में सेक्स करते वरना स्टोर रूम या टेरेस के ऊपर सेक्स का मजा लेते. दीदी ने मुझे पीरियड्स, प्रेग्नन्सी और चुदाई के बारे में बहुत कुछ सिखाया और अपना प्यार भी उसकी शादी हुई तब तक दिया. उसकी शादी के बाद हमने कभी सेक्स नहीं किया. लेकिन सच कहूँ तो मुझे उसका सेक्स अभी भी याद आता हैं
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