हेलो दोस्तों,
आज जो ड्राइवर के साथ चुदाई कहानी बताने जा रहा
हू वो मेरी नामर्द पति के करण ड्राइवर से चुदाई की कहानी हैं .और अब आप ही बताये
किसी का पति नामर्द हो तो उस औरत या लड़की को क्या करनी चाहिए? क्या अपनी ज़िंदगी खराब कर लेनी चाहिए, कैसे वो अपनी वासना को शांत करे प्लीज हमें
बताये, मैंने तो वेवफा कहलाई
क्यों की मैं तो चुद गयी शादी के पांचवा दिन ही, मुझे तो सेक्स चाहिए था, मैंने किस तरह से अपनी वासना को रात रात तकिये के द्वारा
शांत की, और आज मौका मिला तो पता
चला लण्ड ही खड़ा नहीं होता है
मैं क्या करती
क्या बिना सेक्स के ही ज़िंदगी काट देती , या तो वासना की आग बुझाने के लिए कोई और सहारा लेती, मैंने सहारा लिया अपनी वासना की आग को शांत करने के लिए.
मैं 22 साल की हु, मैं ग्रेजुएट हु,
मैंने अपनी पढाई कान्वेंट स्कूल से और कॉलेज
दिल्ली के नामी कॉलेज से की, मेरे माँ और पापा
दोनों बैंक में मैनेजर है, मैं आगरा से हु
लेकिन दिल्ली में रहती हु, मैं काफी उचे
खयालात की लड़की हु,
मुझे आज तक जिस
चीज़ की जरूरत हुई मेरे माँ बाप ने पूरा किया, पर शादी होने के बाद मेरे पति ने पूरा नहीं किया जिसकी मुझे
बरसो से तलाश थी या तो यौन कहिये की हरेक को ये ख्वाइश होती है, पर ये ख्वाइश माँ और बाप पूरा नहीं कर सकते,
मैंने आपको इस कहानी पे आती हु, क्या करूँ दोस्त मेरा मन बैचेन है, इस वजह से अपने आप को रोक नहीं पा रही हु अपने
हालात का वर्णन करने के लिए,मेरी शादी को हुए
7 ही हुए है, मेरे पति एक
मल्टी नेशनल बैंक में काम करते है सैलरी बहुत है, मेरी शादी दिल्ली में ही हुई थी रिस्तेदार आगरा से आये थे
सब कुछ का अच्छा
प्रबंध था, हम दोनों शादी के पहले
कॉफ़ी हाउस में मिले और बात चित किये मेरा पति काफी अच्छे स्वभाव का है भगवान ने सब
कुछ दिया पर नामर्द बना दिया उससे कैसे मैं आपको बताती हु, मैंने सुहागरात के दिन काफी खुश थी, ब्रांडेड ब्रा और पेंटी पहनी थी लाल लाल साड़ी, सोने से लदा बदन खूब मेकउप की थी, हूर लग रही थी पर ये सब धरा का धरा रह गया,
पति ने मुझे गोल्ड का चेन दिया और किश किया वो
भी ऐसे जैसे की भाई रक्षा बंधन में बहन को किश करता हो माथे पे, मैंने वेट की की अब मुझे बाहों में भरेगा और और
मुझे वो आनंद देगा जिसका मुझे इंतज़ार है,
रात बिताती गई वो
पारिवारिक कहानी सुनाये जा रहा था, कभी मां का कभी
चाचा का कभी मासी का कभी किसी का कभी किसी का, तंग आकर मैंने ही पहल ही उसके होठ को चूमने लगी, और ब्लाउज का हुक खोल दी मेरी दोनों चूचियाँ
उसके छाती पे लोट रहा था, करीब दस मिनट तक
मैंने उसको किश करते रही मैंने उसका भी कुरता का बटन खोल दिया मैंने उसके छाती के
निप्पल को ऊँगली से दबाने लगी. फिर मैंने अपने चूची को ब्रा से आज़ाद की, और उसके मुझ में अपने बड़ी बड़ी और टाइट गोल गोल
को उसके मुह में रगड़ने लगी, फिर खिसक के निचे
आई.,
मेरा चूत पानी
पानी हो गया था मेरी साँसे तेज तेज चल रही थी पुरे शरीर में आंधी सी चल रही थी,
सेक्स की हिलोरे ले रही थी, मैं अब चुदना चाह रही थी, मैं अपना होशो हवाश खो चुकी थी बाल बिखर गए थे,
चूचियाँ तन गयी थी मैंने अपने पेटीकोट के नाड़े
को खोल दी और पेंटी को भी खुद ही सरका दी, मेरी चूत पे हलके हलके भूरे बाल थे, मैंने संगमरमर सी लग रही थी, मुझे अब रुकना
मुस्किल था
अब तो मुझे अपने
पति का लण्ड चाहिए पर पति ज्यादा कुछ नहीं कर रहा था मैंने भी उसके अंडरवियर में
हाथ डाली और लण्ड को टटोलने लगी, देखा की एक १ इंच
का छोटा सा लण्ड जो मरा हुआ छोटा चूहा लग रहा था, मैंने कहा ये क्या है? मैं अवाक् रह गयी, दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।. मेरा पति भी
हड़वड़ा गया, फिर काफी पूछने पे बोला
माफ़ करना शालू मैं नामर्द हु मैं सेक्स नहीं कर सकता, मैंने एक वीमारी में अपनी कामशक्ति खो दिया, मैं किसी को भी सेक्स सुख नहीं दे सकता.
मेरी ज़िंदगी में
तो एक आंधी आ गयी थी, मैं बौखला गयी थी,
मैंने अपने चूड़ी तोड़ने लगी थी, सामान इधर उधर फेकने लगी थी, मैं जोर जोर से रोने लगी, तभी बाहर से मेरी सास का आवाज आया बेटा क्या
बात है, सब ठीक है, मैं शांत हुई और मेरा पति बोला शालू मैं तुम्हे
खुश रखूँगा, रही बात सेक्स की
तो तुम्हे छूट है इस चीज़ के लिए तुम सेक्स करवा सकती हो जो भी तुम्हे पसंद है,
पर ये काम मेरे बस के बाहर थी मैं भला ऐसा कैसे
कर सकती थी, मैं बिलकुल भी
ऐसा नहीं कर सकती थी पर मैंने सोचा मैं और कर भी क्या सकती थी, मैं वापस भी नहीं जा सकती क्यों की मेरे माँ
बाप जीते जी मर जाते.
मैंने यही रहने
का फैसला कर लिया,पति को पांच दिन
की छुट्टी थी पर पर वो मुझे सुख नहीं दे पाये, मैंने ड्राइवर को
बुलाया राकेश नाम था, सुन्दर सा लड़का
बहुत अच्छा लग रहा था, डील डॉल शरीर था
काफी हैंडसम था,आज ऋषिकेश चलना
है, मैंने फ़ोन किया अपने पति
को की मैं ऋषिकेश जा रही हु, एक दो दिन में आ
जाउंगी क्यों की मेरी मासी वहा रहती है, वो मुझे बहुत प्यार करती है, क्या ड्राइवर को
ले जा सकती है, तो पति देव बोले
शालू हां हां क्यों नहीं जाओ मसि के पास मन तेरा बहाल जाएगा, ऐसे ही तुम काफी अपसेट हो.
करीब ३ बजे मैं
अपने ड्राइवर के साथ स्कोडा गाड़ी में ऋषिकेश के लिए निकल पड़ी, रस्ते में ड्राइवर काफी ख्याल रख रहा था,
वो बड़ी ही मीठी बात कर रहा था, मेरा मन उस ड्राइवर पे डॉल गया, और मैंने रिसिकेश तो पहुंच गयी पर मसि के यहाँ
नहीं बल्कि एक होटल में, कमरे बुक किये
डबल बेड का कमरा, मैंने राकेश को
बोला तुम भी यही रूक जा तो वो बोला नहीं मैडम आप छोटा मोटा सस्ता सा रूम दिलवा दो,
ऐसे भी मैं आपके कमरे में नहीं रह सकता मुझे
नौकरी करनी है, साहब मुझे निकाल
देंगे, मुझे अपनी बहन की शादी
करनी है, पैसा का इंतज़ाम कर रहा हु,
मैं अपनी नौकरी
नहीं खोना चाहता, तो मैं बोल उठी
चलो किसी को पता नहीं चलेगा, तू चिंता ना कर,
और मैंने १ हज़ार का नोट दिया और बोला जा बोडका
और फ्राई चिकन ले आ .वो जब ले के आया तब तक मैं नहा धो कर तैयार थी, एक गुलाबी मखमली सा नाईटी पहनी थी मेरे चूच साफ़
साफ़ दिख रहे थे, अंदर मैं कुछ भी
नहीं पहनी थी इत्र लगा की पुरे कमरे को खुशनुमा बना चुकी थी, जैसे वो आया वो हैरान रह गया वो मुझे देख कर
अवाक् रह गया, मैं कुछ भी ना की
थी सिर्फ लाल लाल लिपस्टिक और बाल खुला और शरीर में चिपक जाने बाला नाईटी, वो तो बस देखते ही रह गया, मैंने कहा हेलो ओये क्या हो गया वो चौक उठा माफ़
करना मैडम गलती हो गयी
मैंने कहा साले
तेरे से गलती नहीं महा गलती हो गयी है तेरी तो नौकरी गयी, वो मेरा पैर पकड़ लिया बोला नहीं मैडम आप जो कहोगे मैं
करूँगा पर भगवान के लिए मुझे नौकरी से मत निकलवाना,मैंने उससे कहा चल पेग बना वो मेरे लिए ही पेग बनाया मैंने
फिर उसको भी अपने लिए पेग बनाए के लिए कहा, उसने पेग बनाया मैं चियर्स किया उसके हाथ कप रहे थे,
पर धीरे धीरे ठीक हो गया और जब उसको नशा चढ़ा वो
नार्मल हो गया, मैंने कहा आज तू
मेरा चूत को चाटेगा, वो बोला ठीक है
मैडम वो मेरे करीब आ गया वो नशे में था, मैंने अपना पैर फैला दी और लेट गयी ड्राइवर ने मेरे चूत को चाटने लगा, वो बोला मैडम एक बात बताओ, आपकी चूत तो चुदी नहीं है क्या बात है
मैंने कहा
मादरचोद तुम्हे आम खाने से मतलब है की गुठली गिनने से वो बोला नहीं मैडम आम खाने
से, फिर वो चाटने लगा,
उसकी मजबूत हाथ मेरे चूचियों को टटोलने लगा,
मैंने काफी कामुक हो चुकी थी मैंने कहा ऊपर आ
जा अब मेरी प्यास बुझा दो, मैं पूछा तुमने
इससे पहले चुदाई की किसी की तो बोला हां मैडम जी, आपको सास को साहब जी के माँ को मैं ही चोदता हु, ऐसे ही झूठ मूठ के टूर पे ले जाते है सिर्फ
चुदवाने के लिए, मैंने उसको अपनी
बाहों में भर ली, और पैर फैला कर
बोली घुसा अपना लण्ड वो भी पागल घोड़े की तरह हो गया मोटा लण्ड फैन फना रहा था वो
मेरे बूर में पूरा पूरा लण्ड तीन चार धक्के में घुसा दिया, मैं चुदवाने लगी, करीब ३० मिनट तक बूर में चुदवाने के बाद वो बोला मैडम जी गांड में और मजा
लगेगा आपकी सास तो गांड में मुह में सभी जगह लेती है.
उसने फिर ड्राइवर
ने मोटा लंड मेरे गांड में घुसाने लगा, मैंने कहा राकेश दर्द हो रहा है, छोड दो अभी प्लीज, पर वो नहीं माना
थूक लगा के वो मेरे गांड में अपना लंड घुसा दिया, फिर करीब पांच मिनट गांड मारने के बाद वो वो फिर से मुझे
घोड़ी बना के छोड़ने लगा मैं भी हाय हाय हाय कर रही थी और वो झटके दे रहा था
फिर करीब ३० मिनट बाद वो मेरे बूर में सारा माल डाल दिया और हम दोनों साथ साथ सो गए, दूसरे दिन भी मैं ऋषिकेश में ही रहे और रात दिन चुदाई करवाती रही, करीब ३६ घंटे में १० से १५ बार चुदवाई, फिर तीसरे दिन दिन दिल्ली के चल दी, मैंने राकेश को ५० हज़ार रुपया दी बोली की ले अपने बहन के शादी के लिए काम आएगा, मुह मत खोलना कभी, और मैं जब भी तुम्हे बुलाऊंगी तुम्हे आना पड़ेगा, मैं ड्राइवर से चुद चुकी हु, जब पति ने ही छूट दे दिया तो क्या डरना और शर्म करना मुझे तो लण्ड चाहिए अगर आपको सेक्स चाहिए तो निचे कमेंट करे मैं पर्सनल में आपसे बात करुँगी, ये मेरी सच्ची कहानी है आप को कैसा लगा निचे स्टार पे रेट जरूर करें|कैसी लगी मेरी ड्राइवर से चुदाई ,अगर तुम मेरी सेक्स की कहानी पसंद करता है तो कृपया साझा करें,
Good story
जवाब देंहटाएंYes ji 7807111862
जवाब देंहटाएंKahani to top lagi
जवाब देंहटाएंHa
जवाब देंहटाएं8920433202
जवाब देंहटाएं9174369146whatsapp
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंDosti krogi sex karna ho to bolo
जवाब देंहटाएं