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रेलगाड़ी में टीटी ने हम दो सहेलियों को चोदा

नमस्कार प्यारे पाठको.. आप सभी को मेरा सादर प्रणाम। आप सभी लोग मेरी कहानी मन लगाकर पढ़ते हैं और उसकी बहुत तारीफ़ भी करते हो.. जिसके लिए मैं आपकी आभारी हूँ।

 

आज मैं अपनी और मेरी दोस्त साक्षी की एक और कहानी लेकर आपके सामने प्रस्तुत हुई हूँ। मेरी कहानी रेलगाड़ी में हुई ठुकाई की सच्ची घटना पर आधारित है।

 

दोस्तो, जैसा कि आप जानते हो.. मेरे और मेरी दोस्त साक्षी हम दोनों के कई बार और कई पुरुषों से शारीरिक संबंध रहे हैं। मतलब हम दोनों ही खेली खाई हैं।

 

एक बार हम दोनों को एक कम्पटीशन का एग्जाम देने वाराणसी जाना था.. पर आप लोग तो जानते ही हो कि रेलवे में रिज़र्वेशन की क्या हालत है। हमारा कोई टिकट बुक नहीं हो पाया था.. लेकिन आजकल जॉब्स कहाँ मिलती हैं इसलिए हम लोग जॉब्स पाने के लिए वाराणसी एग्जाम देने जा रहे थे.. लेकिन हमारा रिज़र्वेशन नहीं हो पाया.. तो हमने सोचा कि थोड़ा टीटी को रिश्वत देकर सीट ले लेंगे। एग्जाम के कारण ट्रेन में बहुत भीड़ थी.. और लोगों को सीट नहीं मिल रही थी।

 

हम लोगों को टीटी ने साफ माना कर दिया- मैं आपकी कोई हेल्प नहीं कर सकता।

 

जनरल कोच में तो बहुत ही बुरी हालत थी.. उसमें घुसने की सोचने से तो ऐसा लग रहा था मानो जान ही निकल जाएगी.. और स्लीपर भी ऐसा ही भरा हुआ था। हम दोनों ने प्लान बनाया कि क्यों न हम ए.सी. कोच में चढ़ जाएं और वहाँ पर टीटी को सैट कर लेंगे और जो भी होगा उसे वहाँ रिश्वत दे देंगे।

 

यही सोचकर हम ए.सी. कोच में बैठ गए।

 

किसी कारणवश टीटी उस कोच में नहीं आ पाया.. हमने सोचा कि अब तो रात के 12:30 बज गए हैं और ट्रेन 7:00 बजे की चली हुई है.. शायद भीड़ के कारण टीटी नहीं आ पाया। हम दोनों एक बर्थ पर सो गए.. करीब 1 घन्टे बाद किसी ने मुझे हाथ मारकर कहा- टिकट प्लीज़..

 

मैं नींद में थी.. मैंने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया.. फिर उसने कड़े लफ्जों में मुझसे कहा- टिकट प्लीज़..

मैं चौंक कर उठीं..

उसने कहा- आप अपना टिकट दिखाओ..

मैंने कहा- वो हमारे पास नहीं है..

 

उसने हमसे कहा- आप जानती हैं आप किस ट्रेन में और किस कोच में बिना टिकट के यात्रा कर रही हैं.. और ये आपके साथ यहाँ और कौन है?

उसने फिर साक्षी को उठाया.. वो भी जाग गई।

टीटी साक्षी से टिकट माँगने लगा.. चूंकि हम दोनों के पास टिकट नहीं था.. तो हम चुप रहे।

 

टीटी ने हमसे कहा- कहाँ है आपका टिकट.. बताइए.. वरना महिला पुलिस को अभी बुलाता हूँ.. आप दोनों फ्री में यात्रा कर रही हो..

हमने उनको कहा- सर हमारा एग्जाम है और हमें वाराणसी जाना है।

 

पर वो नहीं माना.. और हम दोनों को उठाते हुए अपने साथ ले गया।

हमने दोनों डर गए.. मैंने कहा- सर कुछ ले दे कर मामला निपटा लो.. हम आपको पैसे दे देंगे..

पर शायद उसके दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था।

 

दोस्तो, रूल यह होता है कि महिला को केवल महिला पुलिस ही अरेस्ट करती है.. चूंकि वो लॉन्ग रूट की ट्रेन थी.. इसलिए वहाँ कोई महिला पुलिस भी नहीं थी और ट्रेन कहीं रुकनी भी नहीं थी।

 

वो हम दोनों को डपटता हुआ सबसे लास्ट वाले कोच में ले गया.. जहाँ सामान लोड होता है..

 

उसने कहा- देखो तुम लोगों को मैं दो विकल्प देता हूँ एक तो मैं तुम्हें पुलिस को सौंप दूँगा.. क्योंकि तुम्हारे पास टिकट नहीं है.. और दूसरा ये कि..

हम दोनों उसकी तरफ देखने लगे कि क्या?

वो थोड़ा घबरा कर हिचकते हुए बोला- तुम मेरी कुछ सेवा कर दो..

 

मैं समझ गई कि ये हमको आज चोदना चाहता है। मेरी फ्रेंड साक्षी ने उसे 1000 रूपए ऑफर किए और कहा- सर सॉरी आगे से ऐसा नहीं करेंगे.. हम लोग स्टूडेंट हैं.. हमारा पेपर है.. कल रिज़र्वेशन हुआ नहीं था.. तो हमने ये सब किया और जनरल व स्लीपर कोच में रश बहुत था.. इसलिए एसी में घुसना पड़ा। प्लीज़ आप 1000 ले लो.. पर हमको जाने दो।

 

उसने हमसे कहा- मुझे तुम्हारे पैसे नहीं.. कुछ टाइम के लिए तुम दोनों चाहिए..

मैं समझ गई.. पर साक्षी ने पूछा- मतलब.. वॉट यू वांट?

उसने कहा- या तो तुम जेल जाओ या फिर मेरे साथ तुम टाइम गुजारो..

यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

 

साक्षी ने साफ़ मना कर दिया- हम ये सब नहीं करेंगे।

तो उसने कहा- देखो फिर मैं तुम्हें पुलिस में दे दूँगा.. इस टाइम ट्रेन में कोई लेडीज पुलिस तो है नहीं.. सब मर्द हैं.. और तुम जवान लड़कियां हो.. वो लोग तुम्हारी इज़्ज़त भी लूटेंगे और पैसे भी ले लेंगे और जेल में भी डाल देंगे। तुम्हारी हर तरफ से बदनामी होगी। इसलिए तुम दोनों लोग मेरे साथ टाइम गुजारो।

 

मैंने साफ मना कर दिया.. हम दोनों वहाँ से चल दीं..

उसने आवाज़ लगाई देखो साहब.. ये लड़कियाँ फ्री में यात्रा कर रही हैं।

 

हमने देखा कि उधर काफ़ी सारे पुलिस वाले लोग थे.. साक्षी ने मेरे से कहा- देख यार ग़लती तो हमने की है.. और कल एग्जाम भी है.. ये उन पुलिस वालों को बताएगा तो टीटी और पुलिस वाले दोनों हम दोनों की इज़्ज़त लूटेंगे.. क्यों न हम इससे ही निपट लें।

 

हम दोनों ने टीटी की बात मान ली.. मैंने टीटी को आवाज़ लगाई।

 

शायद टीटी जानता था कि ये लड़कियां मुझे आवाज़ देंगी.. वो एक आवाज में ही भागता हुआ हमारे पास आया और बोला- चलो रेलवे पुलिस के पास..

मैंने कहा- सर हम आपके साथ टाइम गुजारेंगे।

उसने हँस कर कहा- शाबाश..

 

थोड़ी देर में ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी उसने कहा- यहाँ पर ट्रेन 10 मिनट रुकेगी.. फिर इसके बाद सीधा सुबह ही रुकेगी।

 

ट्रेन में एक कोच सामान का होता है.. वो हमे वहाँ ले गया।

 

अब हुई हम दोनों की चुदाई की कहानी शुरू..

आप सब अपने ईमेल जरूर लिख भेजिए.. बस कल अपनी और साक्षी की चुदी हुई चूतों का हाल सुनाती हूँ।

जैसे ही ट्रेन चली.. टीटी आया और हमसे कहा- मैं तुम दोनों को बारी-बारी से चोदूँगा.. पहले साक्षी की चूत चुदने बारी थी.. मैं बगल में खड़ी थी।

 

उसने साक्षी से नंगी होने को कहा.. वो नंगी हो गई।

कुछ ही देर में वो भी नंगा हो गया और साक्षी को पकड़कर चूमने लगा।

हम दोनों तो चुदाई में एक्सपीरियेन्स होल्डर हैं..

 

उसने पहले तो साक्षी का पूरा बदन चूमा..फिर उसने चादर निकाल कर ट्रेन के फ्रेश पर बिछा दी और कहा- लेट जा मेरी जान..

उसने अपना फड़फड़ाता हुआ लंड साक्षी के मुँह में दे दिया और कहा- ले चूस.

हम दोनों ने उससे हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट की- जाने दो सर.. प्लीज़..

पर वो भी पूरा वाला था.. उसने कहा- साली तुम दोनों बहुत बड़ी वाली रंडी हो..

 

साक्षी की चूत को देखकर उसने कहा- साली.. तुम तो पक्की चुदक्कड़ दिखती हो.. नहीं तो 22 साल की उम्र में चूत का भोसड़ा नहीं हो जाता है.. अब चल नाटक मत कर.. खुल कर चुद..

अब साक्षी चुपचाप उसका पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।

 

वो भी लौड़े को मुँह के अन्दर-बाहर करके मज़े से लण्ड चुसा रहा था..।

 

थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड बाहर निकाला और साक्षी को चूमने लगा।

अब उसने साक्षी के मम्मों को चूसना चालू कर दिया.. वो बड़ी बेरहमी से मम्मों को मसल रहा था। साक्षी को दर्द हो रहा था.. पर हम क्या करते।

 

अब उसने साक्षी की चूत चूसी.. उसने चूत का लाल दाना चूसने के लिए चूत को बहुत खींचा.. जिससे चूत लाल हो गई।

चूस चूसने के बाद उसने कहा- चल सीधी लेट जा साली रंडी।

 

साक्षी सीधी लेट गई.. उसने अपना करीब 7.5 इंच का लंड साक्षी की चूत में एक ही धक्के में पूरा पेल दिया।

हम लोग यूँ तो चुदाई की अनुभवी हैं.. तब भी साक्षी को ज़्यादा दर्द तो नहीं हुआ पर उसके मुँह से एक कराह निकल गई- आययईईई..

 

अब वो टीटी साक्षी के ऊपर चढ़कर ताबड़तोड़ हमले कर रहा था.. साथ ही गालियाँ भी दे रहा था- मादरचोदी साली रंडी.. आज तेरी चूत फाड़ दूँगा..

वो बिना रुके धक्के मार रहा था। साक्षी भी चिल्ला रही थी- आआअह.. ओहाआअ.. उउफफ..

 

क्योंकि चूत तो चूत ही होती है.. कितना ही क्यूँ न चुद चुकी हो.. लंड डालने में ही दर्द होता ही है।

वो तो लगातार चोद रहा था.. उसने ऐसे ही साक्षी को करीब 10 मिनट तक धकापेल चोदा।

 

इस एक राउंड में साक्षी झड़ गई थी। उसकी चूत से सफ़ेद पानी निकलने लगा था..पर टीटी साल अब तक नहीं झड़ा था।

टीटी हांफते हुए बोला- बस निकल गई एक बार में ही..

 

वो अपने लंड को सहला रहा था.. मैंने साक्षी को रूमाल दिया कि वो अपना माल पोंछ ले..

उसे पोंछने के बाद साक्षी अपनी पैन्टी पहनने लगी तो टीटी ने कहा- अभी रुक.. अभी और चोदूँगा।

 

अब उसने साक्षी को डॉगी स्टाइल में आने को कहा और उसके पीछे से आकर साक्षी की चूत में अपना लंड पेल दिया और फ़िर से दे..दनादनठोकने लगा।

करीब 10 मिनट बाद उसने उसको छोड़ा।

 

फिर वो सीधा लेट गया और साक्षी को ऊपर आने कहा और साक्षी उसके ऊपर आकर खुद अपनी चूत में धक्के लेने लगी थी। शायद इस बार साक्षी को दर्द भो हो रहा था.. उसने फिर साक्षी को अपने नीचे लिटाया और ऊपर चढ़कर दे..दनादनठोकने लगा।

 

साक्षी भी अब थक चुकी थी और उसे दर्द हो रहा था.. पर वो कमीना कहाँ मानने वाला था वो तो उसे चोदे ही जा रहा था। कुछ देर बाद उसका भी और साक्षी का दोनों का पानी निकल गया और वो साक्षी के ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा।

साक्षी की भी हालत उसने खराब कर दी थी।

 

कुछ पलों बाद वो खड़ा हुआ और उसने पानी पिया.. पर साक्षी ऐसे ही पड़ी थी। मैंने उसको भी पानी पिलाया और उसके कपड़े दिए।

वो कपड़े पहन कर बैठ गई.. वो कह कुछ नहीं रही थी.. पर मैं समझ रही थी कि उसको बहुत दर्द हो रहा था।

 

अब चुदने की मेरी बारी थी.. उसने मुझे नंगा कर दिया.. मेरे साथ उसने कोई चुम्मा चाटी नहीं की.. मुझे नंगा करके सीधा लेटा लिया और बिना कुछ किए अपना लंड मेरे अन्दर पेल दिया।

मेरी चूत सूखी पड़ी थी.. इसलिए मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं उसे हटाने लगी।

 

उसने कहा- हरामजादी मादरचोदी.. सीधी पड़ी रह साली.. नहीं तो आज तेरी फाड़ दूँगा।

वो मुझे भी दे.. दनादनचोदने लगा।

 

मेरी चूत सूखी होने के कारण मुझे दर्द हो रहा था पर कुछ ही मिनट में वो झड़ गया।

उसने अपना पानी मेरी चूत में ही डाल दिया।

 

मैंने सोचा ये अब नहीं करेगा.. वो कमीना खड़ा होकर बाहर को पेशाब करने लगा।

इतने में मैंने अपनी ब्रा-पैन्टी पहन ली और जींस भी पहन ली.. पर मैं अभी टॉप नहीं पहन पाई थी, वो फिर घूमा और कहा- साली अभी पूरी चुदाई कहाँ हुई है.. उसे तो मैंने 3 बार झड़ाया था.. तू तो केवल एक ही बार में बचना चाहती है.. और वो भी बस 10-12 धक्कों में ही.. चल लेट साली..

वो मुझे धमकाता हुआ बोला- नंगी हो बहनचोद..

 

मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए।

उसने कहा- चल साली घुटनों के बल बैठ..

मैं बैठ गई.. उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया।

 

हालांकि उसका भी लंड कम ही बड़ा हुआ था.. पहले की तरह मूसल सा कड़ा नहीं हुआ था.. पर 5 मिनट चूसने के बाद ही उसकी गाजर मोटी हो गई थी।

 

उसने मुझे खूब चूमा और साथ ही मेरी चूत में उंगली भी की।

अब वो मेरी चूत को चूसने लगा और कहा- कहाँ है साला तेरा दाना.. साली ला चूसूं उसे भी..

 

काफ़ी देर तक चूत को चूसने के बाद उसने मेरे मम्मों को दबाने की बजाए अपने मुँह में लेकर मेरे मम्मों को पीने लगा।

अब मुझे भी मस्ती सी आ रही थी और वो भी मेरे दूध चूसने के साथ-साथ मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था।

पता नहीं उसके दिमाग़ में क्या आया.. कि उसने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर आ गया.. और दे.. दनादनमुझे चोदने लगा।

उसकी स्पीड बहुत फास्ट थी.. पर लंड में इतना दम नहीं बचा था.. तब भी मुझे दर्द सा हो रहा था।

 

थोड़ी देर बाद वो उठा और मुझे खड़ा किया.. मेरा एक पैर उठा कर अपना लंड खड़े हुए ही मेरे अन्दर डालकर मेरी चूत को ठोकने लगा.. पर उसका लंड अभी छोटा था.. जिस कारण वो मेरे अन्दर पूरा नहीं जा पाया।

उसे मेरी चिंता कहाँ थी.. उसे तो अपनी प्यास बुझानी थी।

 

उसने फिर मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर मुझे चोदने लगा। इस बार मुझे कुछ अधिक मजा नहीं आया.. क्योंकि उसका लंड बहुत छोटा सा हो गया था.. वो कुछ ही धक्के लगाकर मेरी चूत में ही झड़ गया और काफ़ी देर मेरे ऊपर ही पड़ा रहा। अब वो थक चुका था और उसका मन भी भर गया था।

 

मुझे सूसू आ रही थी.. मैं उधर ही साक्षी और टीटी के सामने बैठ कर बाहर को सूसू करने लगी।

फिर मैंने अपने कपड़े पहने.. उसने भी अपने कपड़े पहने।

 

फिर उसने हमें एसी कोच में सीट दी।

हम दोनों आकर सो गए.. क्योंकि साक्षी को उसने पहले राउंड में चोदा था.. तो उसकी हार्ड फकिंग हुई थी और उसे दर्द भी हो रहा था.. पर मुझे इतना दर्द नहीं हो रहा था।

 

वैसे भी मुझको इतनी चुदाई की तो आदत ही थी। वो सो गई और मैं भी लेट कर अपनी चूत सहलाते हुए चुदाई के इस मजे को सोचने लगी।

 

सुबह हमारी ट्रेन 11 बजे स्टेशन पर पहुँचना थी.. मैं 8 बजे ही उठ गई थी।

साक्षी 10 बजे उठीं.. और फ्रेश होकर आई और कहने लगी- बेटा तू तो बच गई.. मेरी हालत तो ख़स्ता है.. चूत में बहुत दर्द हो रहा है।

हम दोनों तो चूत चुदाई की पुरानी खिलाड़िन हैं.. सो हम लोग ये सब सहन कर गए। 

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1 टिप्पणी:

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